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- रायपुर /विशेष रोजगार कार्यालय रायपुर की उपसंचालक ने बताया की शासन के विभिन्न विभागों में प्रथम से लेकर चतुर्थ श्रेणी के सीधी पदों की भर्ती और पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण का यह प्रावधान जहां भारत सरकार में 4 प्रतिशत है, वहीं छत्तीसगढ़ में यह 7 प्रतिशत है।ज्ञात हो दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम- 2016 को 19 अप्रैल 2017 से लागू किया गया है। उक्त अधिनियम की धारा 34 की उपधारा (1) के प्रावधानों के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में राज्य शासन के सभी विभागों के अंतर्गत आने वाले विभागाध्यक्षों, उनके अधीनस्थ कार्यालयों, समस्त शासकीय उपक्रमों, स्थानीय निकायों, निगम, मण्डल एवं आयोगों में सीधी भरती के माध्यम से भरे जाने वाले सभी श्रेणियों (प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ) के पदों में दिव्यांगजनों के लिए 7 प्रतिशत आरक्षण समस्तर (होरिजॉन्टल) निर्धारित किया गया है।जिसमें अंध और निम्न दृष्टि 2 प्रतिशत, बधिर और श्रवणशक्ति में 2 प्रतिशत,चलन दिव्यांगता जिसके अंतर्गत प्रमस्तिष्क घात, रोगमुक्त कुष्ठ बौनापन, अम्ल आकमण पीड़ित और पेशीय दुष्योषण भी है, 2 प्रतिशत, स्वपरायणता, बौद्धिक दिव्यांगता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता और मानसिक अस्वस्थता एवं बहुदिव्यांगता जिसके अंतर्गत प्रत्येक दिव्यांगता के लिए पहचान किए गए पदों बधिर,अंधता भी 1 प्रतिशत है।इसी तरह राज्य के परिपत्र 26 फरवरी 2014 द्वारा राज्य में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर दिव्यांगजनों को पदोन्नतियों में 3 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान है। दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्ति की नियुक्ति अनारक्षित रिक्तियों में भी की जा सकेगी,जो दिव्यांगजनों के लिये विज्ञापित नहीं है बशर्ते कि पद संगत श्रेणी की दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों के लिये उपयुक्त है, पद चिन्हित किया गया है।केवल ऐसे व्यक्ति आरक्षण के लिये पात्र होंगे जो कम से कम 40 प्रतिशत संगत दिव्यांगता से ग्रस्त हो। इसके लिये सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी किया गया दिव्यांगता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य है, दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों की चारों श्रेणियों के लिये अलग-अलग आरक्षण होगा। यदि दिव्यांगता से ग्रस्त व्यक्तियों की किसी के लिये आरक्षित रिक्ति को उस दिव्यांगता वाले उपयुक्त व्यक्ति के उपलब्ध न होने के कारण अथवा प्रशासकीय अनुमोदन के बाद चारों श्रेणी में आपसी अदला बदली के बाद भी उपयुक्त व्यक्ति उपलब्ध न होने के कारण भरा नहीं जा सकता है तो उसे अगले भर्ती वर्ष के लिये कैरिफारवर्ड किया जायेगा ।
- बालोद । कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में शुक्रवार को वृक्षारोपण अभियाण के अंतर्गत संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के छायादार सह शोभायमान पौधो का वृक्षारोपण किया गया। इस दौरान कलेक्टर श्री शर्मा ने मोल श्री पौधे का रोपण कर इसकी विशेष के संबंध में जानकारी ली। इसी प्रकार वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन ने मोल श्री, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ रेणुका श्रीवास्तव ने रुद्राक्ष तथा अपर कलेक्टर श्रीमती इंदिरा तोमर ने रक्त चंदन के पौधे का रोपण किया गया। इसके अलावा अन्य अधिकारियों ने भी नागचंपा, बॉटल पॉम, रॉयल पॉम आदि पौधे रोपे गए। इस दौरान श्री शर्मा ने इसके रख रखाव पर विशेष ध्यान देने कहा।
- बालोद। जवाहर नवोदय विद्यालय बालोद में कक्षा 11वीं में प्रवेश हेतु पार्श्व (लेटरल एन्ट्री) चयन परीक्षा - 2023 का आयोजन किया जाना है। जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य ने बताया की परीक्षा का आयोजन 22 जुलाई 2023 को किया जाना है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन समिति की बेबसाइट ूूूण्दंअवकंलंण्हवअण्पद के माध्यम से आवेदन कर सकते है । आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मई 2023 निर्धारित की गई है।
- -पौष्टिक साग,सब्जियों के उत्पादन के साथ-साथ पर्यावरण सुरक्षा व अतिरिक्त आय का जरिया बने गौठानबालोद। राज्य शासन की विशेष प्राथमिकता वाले महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना के अंतर्गत गौठानो में शुरू किए गए बाड़ी योजना अत्यंत लाभप्रद एवं बहुउपयोगी सिद्व हो रहा है। इस योजना के फलस्वरूप गोठानो में बारहमासी फल, फूल एवं सब्जियां लहलहा रही है। गोठानो में बाड़ी योजना के अंतर्गत पौष्टिक साग सब्जियों के उत्पादन के साथ साथ गोठानो में उगाएं गए पेड़ पौधे पर्यावरण के संरक्षण एवं संर्वधन के साथ-साथ यह योजना इस कार्य में लगे स्वसहायता समूह के महिलाओ के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन गया है। बालोद जिले के गुरूर विकासखण्ड के अरमरीकला गोठान में बाड़ी योजना के अंतर्गत 1.40 एकड़ जमीन पर बरबट्टी, बैगन, टमाटर, भिड़ी, प्याज एवं गोभी वर्गीय फसल के उत्पादन के साथ साथ अदरक ब्रीडर कंद से बीजोत्पादन का कार्य किया जा रहा है। इसकी जवाबदारी उज्ज्वला योजना स्व सहायता समूह के महिला को दी गई है। जिसमें समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा बाई के अलावा 12 महिलाएं कार्यरत है। उद्यानिकी विभाग के द्वारा आदान सामाग्री के रूप में 57 हजार 600 रूपये की राशि की 7.20 क्विंटल बीज अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया गया है। सब्जियों के उत्पादन में समूह द्वारा 60 हजार रूपये की लागत राशि लगाकर 01 लाख 80 हजार रूपये की आमदनी बाजार में सब्जी बिक्री कर की है। इसके अलावा अदरक बीजोत्पादन योजना से 18 क्विटल का उत्पादन किया गया जिससे एक लाख 40 हजार की आमदनी हुई।इसी तरह अरमरीकला के एकता स्वसहायता समूह एवं आत्मा स्वसहायता समूह द्वारा भी 2.40 एकड़ भूमि में सामुदायिक बाड़ी योजना से सब्जी की बिक्री कर 01लाख 04 हजार रूपये का लाभ अर्जित कर चुके है। वर्तमान में खरीब 2023 में सब्जी लगाने की तैयारी की जा रही है। जिससे निर्धारित समय में सब्जी उत्पादन कर अधिक से अधिक लाभ प्रदान की जा सकती है। इस प्रकार जिले के 185 चयनित गौठानो में सामुदायिक बाड़ी निर्मीत की गई है। जिसमें 138 महिला स्वसहायता समूह द्वारा सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। इस प्रकार जिले में महात्वाकांक्षी योजनांतर्गत 2308 महिलाएं सब्जी उत्पादन के कार्य में लगे हुए है। महिला स्वसहायता समूह के सुराजी ग्राम के अंतर्गत भूमि एवं पानी की सुविधा तथा तकनीकी जानकारी के साथ साथ समय-समय पर आदान सामाग्री के रूप में बीज उपलब्ध करायी जाती है। बालोद जिले के गौठानों में संचालित सामुदायिक बाड़ी योजना के अंतर्गत महिला स्वसहायता समूह द्वारा फल-फूल एवं कंदवर्गीय उत्पादों के विक्रय से अब तक 43 लाख 20 हजार रूपए की आमदनी अर्जित की जा चुकी है। इस तरह से राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम पौष्टिक साग-सब्जियों एवं फलों की समुचित आपूर्ति के साथ-साथ उन्हें अतिरिक्त आय प्रदान कर ग्रामीणों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वरोजगार प्रदान करने का अत्यंत कारगर माध्यम साबित हो रहा है। उज्जवला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा बाई साहू ने राज्य शासन की सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक स्थिति में सुधार तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को हृदय से धन्यवाद दिया।
- -वन मंडल सुकमा में लक्ष्य से अधिक 110 प्रतिशत तेन्दूपत्ता का संग्रहण-16.72 लाख मानक बोरा के लक्ष्य के विरूद्ध 12.27 लाख मानक बोरा संग्रहितरायपुर / छत्तीसगढ़ में तेन्दूपत्ता संग्रहण वर्ष 2023 के दौरान अब तक 12 लाख 27 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा चुका है, जो लक्ष्य के 75 प्रतिशत के करीब है। ज्ञातव्य है कि राज्य में चालू वर्ष के दौरान 16 लाख 72 हजार मानक बोरा तेंदूपत्ता के संग्रहण का लक्ष्य रखा गया है। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में वनांचल के आदिवासी-वनवासियों द्वारा तेंदूपत्ता का संग्रहण कार्य तेजी से जारी है।प्रबंध संचालक राज्य लघु वनोपज संघ श्री अनिल राय से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में अब तक संग्रहित मात्रा में से वनमण्डल बीजापुर में 73 हजार 99 मानक बोरा तथा सुकमा में एक लाख 19 हजार 243 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण शामिल है। इनमें वनमंडल सुकमा में लक्ष्य एक लाख 8 हजार मानक बोरा के विरूद्ध एक लाख 19 हजार 243 मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण हो चुका है, जो लक्ष्य का 110 प्रतिशत है। इसी तरह वनमण्डल दंतेवाड़ा में 15 हजार 630 मानक बोरा, जगदलपुर में 20 हजार 971 मानक बोरा, दक्षिण कोण्डागांव में 18 हजार 608 मानक बोरा तथा केशकाल में 24 हजार 963 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ है। वनमण्डल नारायणपुर में 18 हजार 485 मानक बोरा, पूर्व भानुप्रतापपुर में 90 हजार 649 मानक बोरा, पश्चिम भानुप्रतापपुर में 32 हजार 196 मानक बोरा, तथा कांकेर में 33 हजार 342 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है।इसी तरह वनमण्डल राजनांदगांव में 60 हजार 569 मानक बोरा, खैरागढ़ में 24 हजार 49 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ है। बालोद में 19 हजार 17 मानक बोरा, कवर्धा में 32 हजार 97 मानक बोरा, वनमण्डल धमतरी में 20 हजार 584 मानक बोरा, गरियाबंद में 77 हजार 570 मानक बोरा, महासमुंद 70 हजार 78 मानक बोरा तथा बलौदाबाजार 15 हजार 949 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण किया गया है। वनमण्डल बिलासपुर में 25 हजार 200 मानक बोरा, मरवाही 10 हजार 683 मानक बोरा, जांजगीर-चांपा में 6 हजार 881 मानक बोरा, रायगढ़ में 49 हजार 23 मानक बोरा, धरमजयगढ़ में 70 हजार 861 मानक बोरा, कोरबा में 43 हजार 705 मानक बोरा तथा कटघोरा में 56 हजार 844 मानक बोरा का संग्रहण हुआ है। इसी तरह वनमण्डल जशपुर में 27 हजार 291 मानक बोरा, मनेन्द्रगढ़ 22 हजार 530 मानक बोरा, कोरिया में 15 हजार 626 और सरगुजा में 20 हजार 595 मानक बोरा, बलरामपुर में 71 हजार 156 मानक बोरा, सूरजपुर में 39 हजार 148 मानक बोरा तेंदूपत्ता का संग्रहण हो चुका है।
- - फर्जी दस्तावेज का उपयोग ज्वाईंट वेंचर के लिए करने वाले निविदाकारों को नोटिसरायपुर /जल जीवन मिशन के संचालक द्वारा मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर, रायपुर को राज्य के समस्त जिलों में जल जीवन मिशन से संबंधित सभी प्रकार के कार्यों के लिए ब्लैक लिस्ट किया गया है। साथ ही कोई निविदाकार यदि मेसर्स बंसल इन्फ्रास्ट्रक्चर के अनुभव प्रमाण पत्र का उपयोग ज्वाईंट वेंचर के रूप में करते हैं तो उन्हें भी अपात्र करने के निर्देश दिए गए हैं।जल जीवन मिशन के अधिकारियों ने बताया कि जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यालय में उपलब्ध निविदा दस्तावेजों के अनुसार मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा पूर्व आमंत्रित मल्टीविलेज स्कीम की 12 निविदाओं में 08 ठेकेदारों के साथ र्ज्वाइंट वेंचर किया गया है। उक्त निविदाओं निविदाकारों द्वारा शपथ पत्र के साथ जो मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किये गये हैं, प्रथम दृष्टया त्रुटिपूर्ण होने की आशंका के कारण उन अनुभव प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए Executive Engineer, P.H. Division संबलपुर एवं भवानीपटना, ओडिशा को विशेष वाहक द्वारा भेजते हुए इसकी सूचना मिशन संचालक, जल जीवन मिशन, ओडिशा को दी गई। कार्यपालन अभियंता, सम्बलपुर, ओडिशा के द्वारा अवगत कराया गया है कि मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा मल्टीविलेज स्किम के निविदाओं में संलग्न अनुभव प्रमाण पत्र- “Construction of Balance work for Supply of Drinking Water to Rairakhol & its adjoining areas from River Mahanadi at Kiakata” उनके कार्यालय द्वारा जारी नहीं किया गया है। इस प्रकार यह प्रमाणित होता है कि मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा निविदा दस्तावेजों में फर्जी एवं कूटरचित अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किया गया है, जो अत्यंत गंभीर अपराधिक कृत्य है। इस संबंध में जल जीवन मिशन द्वारा मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर रायपुर के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी।इन फर्मों को दिया गया है नोटिसजल जीवन मिशन अंतर्गत ठेकेदार मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर (पंजीयन क्र. CGeR13372) के द्वारा मल्टीविलेज योजनाओं की निविदाओं में फर्जी पेपर लगाकर ज्वाईट वेंचर्स दिये जा रहे हैं और भारी भरकम राशि की वसूली किये जाने की शिकायत भ्रष्टाचार निवारण समिति, रायपुर द्वारा प्राप्त शिकायती पत्र 12 मई 2023 के अनुसार मेसर्स बंसल इंफ्रास्ट्रक्चर के द्वारा जल जीवन मिशन की MVS योजनाओं जैसे - मंगलापासीद MVS (मे. गणेश कंस्ट्रक्शन), बिटकुली MVS (मे.संजय अग्रवाल), जेवरा-सिरसा MVS (मे. वेस्ट इंडिया कंपनी), कनेरी MVS (मे. सूर्या इंटरनेशनल), खरवाय MVS (मे. रेखचंद अग्रवाल), गिरौदपुरी MVS (मे. रत्ना खनिज उद्योग), समोदा-अछोला MVS (मे. जय बंजरंग कंस्ट्रक्शन), अगमधाम MVS (मे. राधेश्याम अग्रवाल) आदि लगभग सभी निविदाओं में ज्वाईंट वेंचर देकर निविदा में सांठ-गांठ किया किया गया है। इन सभी ठेकेदारों को भी नोटिस जारी किया गया है।
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-दस से अधिक आजीविका गतिविधियां, 100 से ज्यादा महिलाओं को मिला काम
-जैविक खाद बनाकर महिला समूहों ने कमाएं 10 लाख-सामुदायिक बाड़ी की सब्जी से हुआ 4 लाख रुपए का फायदारायपुर / रायपुर जिले का बनचरौदा गौठान दस से अधिक अलग-अलग आजीविका गतिविधियों से लगभग 100 से ज्यादा महिलाओं को जोड़कर मल्टी टाॅस्किंग, मिनी रीपा के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। आरंग विकासखण्ड के बनचरौदा गांव का गौठान पशुओं के सेहत का ध्यान रखने, नस्ल सुधार से लेकर गांव की 100 से ज्यादा महिलाओं के लिए दैनिक रोजगार उपलब्ध करा रहा है। इस गौठान में गांव के लगभग 700 पशुधनों का समय-समय पर टीकाकरण, नस्ल सुधार और टेगिंग का काम किया जा रहा है। पशुधन विकास विभाग पहले इसके लिए घर-घर जाता था। अब पशुओं के टीकाकरण, रोग-बीमारियों का ईलाज एक साथ एक जगह पर ही हो जा रहा है। इसके साथ ही बनचरौदा के गौठान में ग्यारह महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा कई आयमूलक गतिविधियां भी की जा रही है। 100 से अधिक महिलाएं इस गौठान में वर्मी खाद, मशरूम, नर्सरी और चारा उत्पादन, सब्जी बाड़ी, मुर्गी, मछली और बकरी पालन जैसे काम कर रही हैं। इन गतिविधियों से महिलाओं को अच्छा फायदा हो रहा है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होने से परिवार का लालन-पालन आसानी से हो पा रहा है।बनचरौदा का गौठान लगभग साढ़े 3 एकड़ क्षेत्र में फैले हुआ है। गौठान में दुर्गा शक्ति महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गोबर के दिया, गमला,दोना पत्तल एवं अन्य निर्माण कार्यो से लगभग 50 हजार रुपए की आमदनी हुई है। गौठान में 3 लाख 28 हजार किलोग्राम से अधिक गोबर खरीद कर 65 हजार 351 किलोग्राम वर्मी खाद का उत्पादन किया गया है। इससे महिला समूह को लगभग 7 लाख रुपए की कमाई हुई है। इसी तरह 54 हजार किलोग्राम सुपर कंपोस्ट खाद का उत्पादन कर 48 हजार 423 किलोग्राम का विक्रय कर महिलाओं ने लगभग 3 लाख 50 हजार रुपए की कमाई कर चुकी है। गौठान में भावना महिला स्व-सहायता समूह साबुन और अगरबत्ती निर्माण से 80 हजार रुपए की कमाई की है। बनचरौदा गौठान में लगभग 5 एकड़ क्षेत्र में बने बाड़ी से अन्नपूर्णा और शिवशक्ति समूह की महिलाओं द्वारा सब्जी बेचकर साढ़े चार लाख रुपए की आमदनी की गई है।बनचरौदा के गौठान में गांव के वैभव महिला समूह द्वारा मछली पालन का काम किया जा रहा है। इससे पिछले सीजन में समूह को 30 हजार रूपये की आमदनी हुई है। गौठान में धन लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट और केचुआ खाद् बनाने के काम में लगी है। सरस्वती महिला समूह की सदस्य गौठान में मछली पालन और मुर्गी पालन का काम कर रही है। दुर्गा शक्ति और विजय लक्ष्मी महिला समूह की महिलाओं द्वारा गोबर से बनने वाले उत्पाद जैसे दीये, मूर्ति, गमला, गौकाष्ट आदि उत्पादन कर रही है। दुर्गा महिला समूह दोना-पत्तल, जागृती स्व-सहायता समूह, बम्बू और कण्डा निर्माण कर फायदा कमा रही है। महिला समूह महालक्ष्मी की सदस्यों ने अब तक फूलवारी के फूलों से दस हजार रूपये कमा लिये है। भावना स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया है। पिछले सीजन में इस समूह मशरूम बेंचकर लगभग 20 हजार रूपये का फायदा पाया है। समूह की महिलाओं ने बताया की सरकार की गौठान और बाड़ी योजना से ग्रामीण महिलाओं की जीवन स्तर में सुधार हुआ है। परिवार के लोगो की आवश्यकता की पूर्ति अब आसानी से होने लगी है। - टी सहदेवभिलाई नगर। तेलुगु कम्युनिटी वेलफेयर एसोसिएशन से संबद्ध अखिल भारतीय तेलुगु सेना की सिविक सेंटर स्थित इंडियन कॉफी हाउस में गुरुवार को कोर कमेटी की एक अहम बैठक हुई। करीब दो घंटे तक चली मैराथन बैठक में आजीवन सदस्यों की संख्या बढ़ाने तथा संगठन को मजबूत करने एवं उसका विस्तार करने पर आम सहमति बनी। बैठक में कुछ सदस्यों ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का सुझाव दिया, तो कुछ सदस्यों ने विलुप्त हो रही संस्कृति को पुनर्जीवित करने पर बल दिया। इसके अलावा समाज के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने, क्षेत्रवार प्रतिनिधियों को मनोनीत करने तथा संगठन की नियमित बैठकें करने के सुझाव भी आए, जिनका सभी ने स्वागत किया।इस अवसर पर प्रदेशाध्यक्ष नीलम चन्नाकेशवुलु ने लोगों को संगठन से जोड़ने के लिए सदस्यों से सामाजिक स्तर पर अपनी गतिविधियां तेज करने की अपील की। उपाध्यक्ष पीवी राव ने भी संगठन को सशक्त बनाने के लिए कोशिशों में कोई कोर-कसर न छोड़ने की बात कही। बैठक में प्रदेश के सहसचिव लक्ष्मी नारायण, कोषाध्यक्ष रामा राव, उपकोषाध्यक्ष आदिनारायण, दुर्ग जिले के अध्यक्ष डी मोहन राव, उपाध्यक्ष पद्म किशोर, महासचिव एस श्रीनिवास, सचिव गणपति राव, सहसचिव के अनिल, सह कोषाध्यक्ष मधुसूदन राव, मीडिया प्रभारी टी सहदेव ,कोल्ला राजू, अन्य पदाधिकारी गण गोपाल यादव, एसैय्या, हेमशेखर और ई नोईदास शामिल हुए।
- -8 लाख 08 हजार रूपए से अधिक की हुई आमदनी-महिला समूह का हो रहा है आर्थिक सशक्तीकरणबालोद ।राज्य शासन के महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जिले के बालोद विकासखण्ड के आदर्श गोठान बरही में स्थापित की गई प्राकृतिक पंेट ईकाई से निर्मित की जाने वाली गोबर पेंट से जिले के शासकीय एवं भवन बेहतरीन परिवेश के साथ सुसज्जित हो रहे हैं। राज्य शासन के महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप गोबर अब हर दृष्टि से उपयोगी होने के साथ-साथ शासकीय कार्यालयो एवं भवनों को भी सजाने एवं संवारने का काम आ रही है। जिसकी कल्पना भी करना आज से कुछ समय पहले तक असंभव था। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छ.ग. सरकार के द्वारा योजना का सफल क्रियान्वयन कर गौ माता एवं गोबर को बहुउपयोगी एवं लाभकारी बनाने की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया गया है। जिसके फलस्वरूप जिले के बालोद विकासखण्ड के आदर्श गौठान बरही में गोबर पेंट के निर्माण हेतु प्राकृतिक पेंट ईकाई की स्थापना की गई है। इस प्राकृतिक पेंट ईकाई का शुभारंभ 28 जनवरी 2023 को किया गया है। प्राकृतिक पेंट ईकाई बरही में प्राकृतिक पेंट निर्माण करने का कार्य जय मां गौरी स्वसहायता समूह की महिलाएं कर रही है। पशुधन विकास विभाग के अधिकारी डां. सोमेश जोशी द्वारा कुमाररप्पा राष्ट्रीय कागज संस्थान जयपुर राजस्थान मे 05 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त करने के पश्चात स्वसहायता समूह के महिलाओ को प्राकृतिक पेंट का निर्माण करने हेतु प्रशिक्षित किया गया है। प्राकृतिक पेंट ईकाई बरही में अब तक 8340 लीटर इमल्सन पेंट एवं डिस्टेंपर का निर्माण किया जा चुका है।कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के निर्देशानुसार जिले के सभी शासकीय विभागों से बड़ी मात्रा में इमल्सन पेंट एवं डिस्टेंपर प्रदान करने हेतु मांग पत्र भी प्राप्त हो रहे हंै। शासकीय भवनांे की रंगाई-पोताई के लिए अब तक प्राकृतिक पेंट ईकाई बरही में निर्मीत 3701 लीटर इमल्सन पेंट एवं डिस्टेंपर की बिक्री भी की जा चुकी है। इसके अंतर्गत अब तक जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों को 425 लीटर, लोक निर्माण विभाग को 2127 लीटर, आदिम जाति कल्याण विभाग को 270 लीटर, जिले मंे निर्मित ग्रामीण औद्योगिक पार्कों में 214 लीटर, पशुधन विभाग को 175 लीटर, जिला चिकित्सालय में 90 लीटर एवं कलेक्टोरेट मंे 400 लीटर प्राकृतिक पेंट की बिक्री की गई है। जिसके एवज में महिला स्वसहायता समूह को अब तक 01 लाख 50 हजार रूपये की आमदनी हुई है। इसके साथ ही समूह की महिलाएं मास्टर टेªनर्स के रूप में अन्य प्राकृतिक पेंट ईकाई में गोबर से इमल्सन पेंट बनाने हेतु प्रशिक्षक के रूप में कार्य कर आय भी अर्जित कर रही है। इसके अलावा समूह के महिलाओ द्वारा प्राकृतिक पेंट ईकाई बरही में गोबर की पुट्टी निर्माण तथा वार्निस पेंट निर्माण करने की दिशा में कार्य की जा रही है। इस तरह से आदर्श गोठान बरही में प्राकृतिक पेंट ईकाई के निर्माण होने से महिलाओ के आर्थिक सशक्तीकरण होने के साथ-साथ उन्हे उनके गांव में ही आसानी से स्वरोजगार मिल रहा है।
- भिलाई नगर/ निगम तुहर द्वार अंतर्गत महापौर संग गोठ के जरिए शिविर का आयोजन आज वार्ड 15 अंबेडकरनगर नगर में किया गया। इस दौरान महापौर नीरज पाल ने मोहल्ले के लोगों की समस्याएं सुनी। वार्ड के निवासियों ने सड़क नंबर 2 में सड़क की स्थिति की समस्या से महापौर को अवगत कराया। महापौर ने अधिकारियों को सड़क निर्माण के लिए मौके पर निर्देश दिए। शीघ्र ही वार्ड क्रमांक 15 के सड़क नंबर 2 में सीसी रोड निर्माण महापौर की पहल से होगा। वार्ड के लोगों ने जलभराव की समस्या को लेकर महापौर से मुलाकात की। वार्ड वासियों ने बताया कि गदा चौक के पास जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नाली निर्माण की आवश्यकता है। इस पर महापौर ने अधिकारियों को शीघ्र ही इस समस्या का हल निकालने के लिए निर्देश दिए हैं। महापौर ने जोन आयुक्त को कहा कि 2 दिनों के भीतर जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए गदा चौक के पास नाली निर्माण एवं पुल से संबंधित कार्य प्रारंभ करावे। शिविर में निगम आयुक्त रोहित व्यास विशेष रूप से मौजूद रहे। इसके अलावा जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, जोन अध्यक्ष रामानंद मौर्या एवं राजेश चौधरी, महापौर परिषद के सदस्य लालचंद वर्मा, केशव चौबे, आदित्य सिंह एवं नेहा साहू आदि मौजूद रहे। शिविर में आवेदन लेकर पहुंचे लोगों की समस्याओं को महापौर ने गंभीरता से सुना और पूरे समय तक शिविर में मौजूद रहे। महापौर ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक आवेदनों का परीक्षण करते हुए निराकरण किया जाए। त्वरित समाधान योग्य आवेदन पर शीघ्रता से कार्यवाही की जाए। शिविर में प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री मितान योजना, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, श्रम कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, शहरी आजीविका मिशन के तहत व्यक्तिगत लोन एवं अन्य योजना, नए नल कनेक्शन, गुमास्ता लाइसेंस एवं अनुज्ञप्ति लाइसेंस, भवन, दुकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान का नियमितीकरण, स्ट्रीट लाइट संधारण, संपत्तिकर, भू भाटक, जलकर, यूजर चार्ज वसूली काउंटर, पाइपलाइन, बोर, पंप, हैंड पंप संधारण, वार्ड स्तर पर नाली रोड टूट-फूट संधारण, सफाई कार्य तथा मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना से संबंधित आवेदनों का निराकरण किया गया। शिविर में जोन आयुक्त येशा लहरें, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, कार्यपालन अभियंता अमरेश लोहिया, सहायक अभियंता अरविंद शर्मा आदि मौजूद रहे।31 मई को वार्ड 31 में लगेगा शिविर निगम तूहर द्वार अंतर्गत महापौर संग गोठ के शिविर का आयोजन 31 मई को जोन क्रमांक 3 मदर टैरेसा नगर अंतर्गत वार्ड 31 मयूर गार्डन में आयोजित होगा।
- भिलाई नगर/ निगम आयुक्त रोहित व्यास ने सफाई को लेकर आज वार्ड क्षेत्रों का सघन दौरा किया। इस दौरान एक होटल व्यवसायी के द्वारा नाली में गंदगी फैलाकर नाली को जाम कर दिया गया था। अपने होटल से निकलने वाले खराब अपशिष्ट को नाली में पूरी तरीके से बहा दिया था। गंदगी और बदबू इतनी थी कि मोहल्ले वासी भी बदबू से परेशान हो गए थे। इसकी शिकायतें भी मिली थी। नाली से गुजरने वाले लोग बदबू से पूरी तरीके से त्रस्त हो गए थे। थोड़ी देर भी वहां पर खड़े रहना मुश्किल हो गया था। जब निगम आयुक्त रोहित व्यास ने वार्ड का दौरा किया तब मोहल्ले वासियों ने भी बदबू लेकर आयुक्त से शिकायत की। इस पर निगम आयुक्त रोहित व्यास ने अधिकारियों को जुर्माना लगाने के निर्देश दिए और होटल व्यवसायी को गंदगी नहीं फैलाने को लेकर हिदायत भी दी। परदेसी चौक के पास के छोटू होटल व्यवसायी को गंदगी फैलाने को लेकर 50 हजार रुपए जुर्माना लिया गया। निगम ने नाली की सफाई भी की। इसी प्रकार से वार्ड क्षेत्र के भ्रमण के दौरान निर्माण एवं विध्वंस के मलबे को बिखेरकर रखने वाले निर्माणकर्ता से 10 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया गया। मलबा को सड़क किनारे रख दिया गया था जिसके चलते लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही थी इसकी भी शिकायतें निगम को मिली थी। काफी दिन से यह मलबा यहीं पर पड़ा हुआ था जिसके चलते गंदगी भी फैल रही थी। निगम आयुक्त ने वार्ड क्षेत्रों में नाली सफाई का जायजा लिया तथा सार्वजनिक स्थानों पर सफाई व्यवस्था का अवलोकन किया। इस दौरान कुछ स्थानों पर घर मालिको ने पुराने सामग्रियों को एक जगह एकत्रित कर दिया गया था, जिसे घर मालिक को बोलकर हटवाया गया। कुछ स्थानों पर सड़क बाधा कर लिया गया था, एक जगह झोपड़ी नुमा तथा दूसरी जगह फल ठेले वाले के द्वारा सड़क पर ही समान बेचा जा रहा था। जिसे व्यवस्थित जगह पर व्यवसाय करने की समझाइश देकर किनारे कराया गया तथा पुराने झोपड़ी नुमा जिसका कोई उपयोग नहीं हैं और सड़क पर ही लगा था को हटाने अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। आगामी मानसून को देखते हुए नालियों की वृहद सफाई के निर्देश आयुक्त ने मौके पर स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। उन्होंने कहा कि वार्ड क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति निर्मित न हो। गीले कचरे और सूखे कचरे को पृथक-पृथक देने की इस दौरान अपील की गई। गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के मापदंडों के अनुरूप निगम के द्वारा कार्य किया जा रहा है। शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर खासा ध्यान रखा जा रहा है। नगर निगम की अपील है कि सफाई व्यवस्था में सुधार लाने आम नागरिक भी सहयोग करें। निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, जोन आयुक्त येशा लहरें, स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा, कार्यपालन अभियंता अमरेश कुमार लोहिया, सहायक अभियंता अरविंद शर्मा, उप अभियंता रीमा हमने तथा पुरुषोत्तम सिन्हा आदि मौजूद रहे।
- दुर्ग /शहरी क्षेत्रों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी व्यवसाय के कई अवसर है। ग्रामीण महिलाएं शासन की योजनाओं का लाभ लेकर गौठान से जुड़कर महिलाएं सशक्त हो रही हैं। ऐसी ही एक कहानी है ग्राम पंचायत थनौद की।ग्राम पंचायत थनौद की श्रीमती पूर्णिमा धनकर ने गौठान में मुर्गीपालन व्यवसाय कार्य करने की सोची। मुर्गीपालन व्यवसाय कम खर्चे मंे अच्छा खासा मुनाफा कमाने वाला व्यवसाय है। यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें काफी अधिक राशि की जरूरत नही पड़ती है। कम राशि की मदद से भी मुर्गीपालन का व्यवसाय किया जा सकता है। श्रीमती धनकर के साथ गौठान में दस और महिलाएं हैं जो व्यवसाय में उनका हाथ बटा रही हैं। श्रीमती धनकर ने कहा कि समूह की महिलाओं के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला तो यह काम और आसान हो गया।उन्होंने बताया कि मुर्गीपालन से उन्हें लाखों का फायदा हुआ है और प्राप्त आमदनी से उन्होंने अपने बेटा-बेटी की शादी एवं स्कूटी खरीदी। साथ ही उनका हाथ बटा रही अन्य महिलाएं भी प्राप्त आय का उपयोग आर्थिक जरूरतों को पूरा करने में कर रही है। उनके द्वारा 2020 में इस गतिविधि का प्रारंभ किया गया। मुर्गी फार्म का विस्तार कर हेचरी यूनिट की स्थापना भी की जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की योजनाओं का लाभ लेकर हम महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, जिससे हमारा जीवन स्तर भी काफी अच्छा हुआ है।
- - 278 हेक्टेयर में साग-सब्जी उत्पादित कर महिलाओं ने 94 लाख से अधिक की आय अर्जित कीदुर्ग /पाटन के ग्राम अरसनारा में सामुदायिक बाड़ी में उद्यानिकी फसल (सब्जी-भाजी) का उत्पादन भगवती स्व सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। स्व सहायता समूह की दीदी श्रीमती पूर्णिमा पंडरिया ने बताया कि विभाग द्वारा तकनीकी मार्गदर्शन के साथ-साथ अनुदान स्वरूप शेडनेट हाउस, ड्रीप, सब्जी मिनीकीट, पत्तागोभी, बैंगन, पावर विडर प्रदाय किया गया है। उन्होंने बताया कि सब्जी-भाजी के उत्पादन से 94 लाख से अधिक की आय प्राप्त हो चुकी है। साथ ही पाटन के फेकारी, केसरा, बोरेंदा, बठेना, कौही एवं दुर्ग के चंदखुरी, गनियारी, पुरई, घुघसीडीह धमधा के पथरिया डोमा, चेटवा, संडी, कोड़िया व अन्य छोटी बड़ी बाड़ियों से महिलाएं आय प्राप्त कर रही हैं। व्यक्तिगत एवं सामुदायिक बाड़ी का विकास ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों के स्वास्थ्य एवं रोजगार की दिशा में मिल का पत्थर साबित हो रही है।“नरवा, गरवा, घुरुवा, बाड़ी“ के माध्यम से उद्यानिकी विभाग द्वारा अनूठी पहल की जा रही है, जिसमें सीमित क्षेत्र से अतिरिक्त आय अर्जित करने के साथ-साथ जिले में कुपोषण स्तर कम करने हेतु व्यक्तिगत एवं सामुदायिक बाड़ी का विकास वृहद स्तर पर किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवेश में निवासरत नागरिकों को अपने गांव एवं घर पर ही ताजी एवं विष रहित पौष्टिक फल एवं सब्जियों उपलब्ध कराना है। इसके अतिरिक्त भोजन की थाली में पोषक खाद्य पदार्थ की संख्या में वृद्धि कर ग्रामीण परिवारों को शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जाना है।आंकड़ों के अनुसार दुर्ग जिले में वर्ष 2020-21 से सामुदायिक बाड़ियों में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा साग-सब्जी की खेती की जा रही है। जिले में वर्ष 2020-21 में कुल 34 सामुदायिक बाड़ियां थी, जो वर्ष 2022-23 में बढ़कर छोटी, बड़ी 139 सामुदायिक बाड़ियां हो गई है। धमधा, पाटन एवं दुर्ग विकासखण्ड में 16 फल उद्यानों का निर्माण किया जा रहा है, जहां अमरूद, केला, पपीता आदि उगाया गया है, जिसमें 137 स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा 278 हेक्टेयर में 4235.34 किं्वटल साग-सब्जी उत्पादित कर 94.40 लाख का आय अर्जित कर रहे हैं।
- -महिला एवं बाल विकास मंत्री ने विद्युत उपकेंद्र दिघवाड़ी का किया शुभारंभ, लगभग 18 ग्रामों के उपभोक्ता होंगे लाभान्वितबालोद। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, दुर्ग क्षेत्र के तहत विभागीय संचारण-संधारण संभाग बालोद के वितरण कंेद्र भर्रीटोला के अंतर्गत वनांचल के बीच स्थित ग्राम दिघवाड़ी में आज नये 33/11 के.व्ही. उपकेंद्र(सबस्टेशन) का शुुभारंभ किया गया। उपकेंद्र का शुभारंभ महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया के करकमलो द्वारा किया गया। श्रीमती भेड़िया ने हर्ष व्यक्त करते हुए विद्युत कंपनी एवं अन्य ग्रामीणों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि वनांचल में विद्युत व्यवस्था के सुचारु संचालन के लिए और ग्रामीणों की मांग पर शासन के सहयोग से यहां सबस्टेशन बनने का कार्य पूर्ण हो सका। उन्होंने ग्रामीणों को बधाई देते हुए कहा कि दिघवाड़ी में नया उपकेंद्र बन जाने से 18 ग्रामों के उपभोक्ताओं को बेहतर विद्युत सुविधाएं मिलेगी। उन्हें लो-वोल्टेज एवं विद्युत व्यवधान से भी निजात मिलेगी। अध्ययनरत छात्र-छात्राओं एवं ग्रामीणों को विद्युत संबंधी समस्याआंे से राहत मिलेगी।उल्लेखनीय है कि नये 33/11 के.व्ही. उपकेंद्र दिघवाड़ी का कार्य मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजना के तहत लगभग 02 करोड़ 15 लाख रुपए की लागत से पूर्ण किया गया है। उक्त उपकेंद्र के अंतर्गत ग्राम दिघवाड़ी, जिलेवाही, काकड़कसा, आमाडुला, चिहारे, किसनपुरी, मथेना, पुत्तरवाही, बोहारडीह, धवनपारा, साल्हे(आ.), मरदेल, जबकसा, मगरदाह, रजोलीडीह, नर्रालगुण्डा, पेेटेचुवा एवं पुसावड सहित 18 ग्रामों के 1918 उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम में अध्यक्ष जनपद पंचायत डौण्डी श्रीमती बसंती दुग्गा, मंत्री प्रतिनिधि डौण्डीलोहारा विधानसभा श्री पीयूष सोनी, श्रीमती करिश्मा सलामे, श्री कोमेश कोर्राम, श्रीमती रमिता मरकाम, श्री छबिलाल मरकाम सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं सीएसपीडीसीएल के कार्यपालन अभियंता श्री टी.एल.सहारे, सहायक अभियंता श्री आर.सी.साहू एवं एच.के.हिरवानी, कनिश्ठ अभियंता श्री विशाल विक्रम सिंह तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए। दिघवाड़ी मंे नया उपकेंद्र बन जाने से ग्रामीण एवं क्षेत्र की जनता हर्षित हैं, उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन एवं पॉवर कंपनी का आभार व्यक्त किया है।
- भिलाई नगर/ मितान योजना के माध्यम से विभिन्न प्रकार की जरूरी सेवाए मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी की पहल से अब इस योजना में राशन कार्ड को भी शामिल कर लिया गया है। मितान योजना में लगातार सुविधाओं का विस्तार होते जा रहा है। राशन कार्ड की सेवा आज से जुड़ने के बाद भिलाई महापौर नीरज पाल ने मितान बनकर 3 हितग्राहियों को घर पहुंचाकर राशन कार्ड दिया। इस दौरान जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, जोन अध्यक्ष भूपेंद्र यादव एवं दीप्ति साहू भी मौजूद रही। खुर्सीपार क्षेत्र के निवासी रंजीता सिंह, अनीता जायसवाल एवं तारा खातून ने राशन कार्ड बनवाने के लिए मितान योजना के टोल फ्री नंबर 14545 पर संपर्क किया था। संपर्क करने के महज कुछ ही घंटे के भीतर राशन कार्ड बनाकर हितग्राहियों को उनके घर जाकर प्रदान किया गया। राशन कार्ड की सेवा मितान योजना में जुड़ने के बाद लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा, अनावश्यक भटकने से छुटकारा मिलेगा तथा कार्यालय पहुंचकर लाइन लगाने की आवश्यकता भी नहीं होगी। निगम आयुक्त रोहित व्यास ने मितान योजना के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। इस योजना में पैन कार्ड तथा 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार कार्ड भी बनवाया जा सकता है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने मितान योजना में पैन कार्ड और आधार कार्ड को शामिल किया है लोग मितान के जरिए पैन कार्ड और आधार कार्ड भी बनवा रहे है। 17 प्रकार की जरूरी सेवाओं के लिए केवल टोल फ्री नंबर 14545 पर कॉल करना होगा और मितान के माध्यम से घर पहुंच सेवा मिलेगी। मितान योजना के तहत विभिन्न प्रकार की 17 जरूरी सेवाओं के 9337 प्रमाण पत्र लोगों को मिल चुका है। मितान योजना के माध्यम से घर बैठे जन्म, मृत्यु, शादी, प्रमाण पत्र के साथ ही जाति प्रमाण पत्र, आय, निवास प्रमाण पत्र, गुमास्ता लाइसेंस, पैन कार्ड, बच्चो का आधार कार्ड तथा राशन कार्ड की सुविधाएं भी मिल रही है और घर बैठे यह सभी प्रमाण पत्र प्राप्त हो रहे हैं। निगम की अपील है कि मितान योजना के माध्यम से प्रमाण पत्र एवं जरूरी सेवाओं का लाभ लेने के लिए 14545 टोल फ्री नम्बर पर संपर्क करे।
- बालोद।, गोबर के महत्व को पूर्नस्थापित कर गोबर को पशुपालको एवं किसानो के आर्थिक सशक्तीकरण का आधार बनाने हेतु राज्य में लागू की गई गोधन न्याय योजना हर दृष्टि से बहुउपयोगी साबित हो रहा है। इस योजना के फलस्वरूप गोबर बिक्री से निरंतर राशि मिलने से आज जिले के डौण्डी विकासखंण्ड के ग्राम अवारी के पशुपालक श्री ईश्वर राम यादव का जीवन पूरी तरह से संवर गया है। कभी अपने परिवार के भरण पोषण के लिए जद्दोजहद करने वाले ईश्वर राम यादव के लिए आज यह योजना खुशहाल जीवन का आधार बन गया है। पशुपालक ईश्वर यादव गोबर बिक्री से मिलने वाली राशि से अपने पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने के अलावा शेष राशि से मोटर सायकल भी खरीद ली है। राज्य शासन की इस योजना के फलस्वरूप पशुपालन ईश्वर यादव की मोटर सायकल खरीदी करने की बहुत पुराना सपना भी आज पूरा हो गया है। जो कि राज्य शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना का धरातल पर सफलीभूत होने का प्रमाण है।गोबर बिक्री की राशि से मोटर सायकल की खरीदी करने पर बहुत ही प्रसन्नचित नजर आ रहे है पशुपालक ईश्वर यादव ने बताया कि मै बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाल पशुपालक कृषक हूं। अपनी थोड़ी बहुत जमीन में खेती-किसानीे करके तथा मेहनत मजदूरी और पशुपालन कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता हूं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके पास 06 देशी गायें है। जिनका मंै दूध निकाल कर दूध बेचने का कार्य भी करता हूं। लेकिन इस कार्य से मुझे कोई खास आमदनी नहीं हुई। जिसके कारण मुझे आर्थिक कठिनाईयों का भी सामना करना पड़ा। राज्य सरकार के द्वारा गोधन न्याय योजना की शुरूवात करने के पश्चात् मै एवं मेरे परिवार ने अपने गायों की गोबर ईकठ्ठा कर अपने गांव अवारी के गोठान में दो रूपये किलो मंे बेचना शुरू किया। इससे कुछ ही दिनो के पश्चात गोबर की बिक्री से मुझे कुल 48 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त हुई। जो मेरे लिए किसी महत्वपूर्ण सौगात से कम नही था। उन्होंने बताया कि मैने कभी कल्पना भी नहीं किया था कि गोबर की बिक्री से वे आसानी से इतनी बड़ी आमदनी प्राप्त कर सकेंगे। ईश्वर राम ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा भी नही था कभी गुड़ गोबर से संम्बोधित की जाने वाले गोबर उनके लिए ईतना बड़ा उपयोगी साबित होगा। ईश्वर ने बताया कि गोबर खरीदी से प्राप्त 48 हजार रूपये की राशि को इकठ्ठा कर उन्होंने मोटर सायकल खरीदी है।ईश्वर राम ने बताया कि गोबर बिक्री से मिले पैसे से खरीदे गए इस मोटर सायकल से वे अब प्रतिदिन दूध बेचने के अलावा अपने घरेलु कार्य एवं अन्य कार्यों को भी आसानी से कर पा रहे हैं। उन्होने कहा कि इस तरह से छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा गोधन न्याय योजना लागू किए जाने से आज गोबर उनके जैसे अनेक पशुपालकांे के लिए बहुत ही उपयोगी साबित हो गया है। जो हर दृष्टि से लाभप्रद साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा गोधन के महत्व एवं उपयोगिता को समझते हुए राज्य में गोधन न्याय योजना की शुरूवात की गई है वह वास्तव में काबिले-तारीफ है। जिसके फलस्वरूप मेरे जैसे गरीब पशुपालक भी गोबर बेचकर मोटर सायकल की खरीदी कर सकता है। उन्होंने कहा इस योजना की शुरूवात कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पशुधन का सम्मान करने के साथ-साथ राज्य के पशु पालकों एवं किसानों के मेहनत का भी उचित सम्मान करने का प्रयास किया है। इससे पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ साथ पशुआंे का भी समुचित देखभाल सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने इस महत्वपूर्ण योजना को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं छ.ग. सरकार को हृदय से धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।
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दुर्ग/जिला प्रशासन दुर्ग द्वारा 4 तहसीलदारों की नवीन पदस्थापना की गई है। इनमें सुश्री ख्याति नेताम को तहसीलदार दुर्ग, श्रीमती प्रेरणा सिंह को तहसीलदार धमधा, श्रीमती क्षमा यदु को जिला निर्वाचन(सामान्य) दुर्ग एवं श्री गुरूदत्त पंचभाये को अतिरिक्त तहसीलदार भिलाई नगर नियुक्त किया गया है।
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दुर्ग/जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी (रा) धमधा श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय का स्थानांतरण जिला रायपुर होने के फलस्वरूप नवीन पदस्थापना हेतु भारमुक्त करते हुए संयुक्त कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी (रा) धमधा श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय का प्रभार श्री संयुक्त कलेक्टर श्री विनय कुमार सोनी को सौंपा गया है।
- दुर्ग/ राज्य शासन छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग द्वारा विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी रामायण मंडलियों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य स्तरीय रामायण मानस मंडल प्रतियोगिता 2023 का आयोजन जिला रायपुर में 27 से 29 मई तक आयोजित किया गया है।जिला दुर्ग में जिला स्तरीय आयोजित रामायण मानस मंडली प्रतियोगिता में विजेता दल के सदस्यों को उक्त कार्यक्रम स्थल में लेकर जाने एवं सुरक्षित वापस लेकर आने तथा समन्वस स्थापित करने हेतु डिप्टी कलेक्टर श्री लवकेश धु्रव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
- बिलासपुर/एकीकृत बाल परियोजना सीपत द्वारा ग्राम पंचायत पोड़ी के आंगनबाड़ी केंद्र पोडी 6 में और ग्राम पंचायत सोंठी के आंगनबाड़ी केंद्र साजापाली में आंगनबाड़ी सहायिका पदों पर भरती के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। आवेदन करने की अंतिम तिथि 8 जून 2023 तक है। आवेदन एकीकृत बाल विकास परियोजना सीपत में निर्धारित अंतिम तिथि में कार्यालयीन समय में बंद लिफाफे में सीधे अथवा पंजीकृत डाक से भेजे जा सकते हैं।आवेदन के लिए आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। आवेदिका उसी ग्राम की स्थायी निवासी होनी चाहिए जिस ग्राम में आंगनबाड़ी केंद्र स्थित है। आवेदिका को न्यूनतम 8 वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। आवेदन के संबंध में अधिक जानकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना सीपत से प्राप्त की जा सकती है।
- -जिला अस्पतालों और सीएचसी में स्थानीय स्तर पर ही कई तरह की जांच की सुविधा-जिला अस्पतालों के हमर लैब में 120 और सीएचसी के लैब में 60 तरह की जांचरायपुर। प्रदेश के विभिन्न शासकीय अस्पतालों में संचालित हमर लैब से मरीजों को स्थानीय स्तर पर ही अनेक तरह की जांच की सुविधाएं मिल रही हैं। ‘हमर लैब’ वाले जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधाओं में खासी वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित जिला अस्पतालों के हमर लैब में 120 तरह की और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के हमर लैब में 60 प्रकार की जांच की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य के 16 हमर लैब में 1 अप्रैल 2022 से अब तक कुल 57 लाख 46 हजार पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री जांच की गई हैं।राज्य का पहला हमर लैब फरवरी-2020 में रायपुर जिला चिकित्सालय में शुरू किया गया था। 1 अप्रैल 2022 से अब तक यहां सात लाख 48 हजार 128 जांचें की जा चुकी हैं। सुदूर वनांचल बीजापुर के जिला अस्पताल के हमर लैब में छह लाख 96 हजार 357, जगदलपुर जिला अस्पताल के हमर लैब में छह लाख 55 हजार 812, कांकेर जिला अस्पताल में छह लाख 52 हजार 698, दुर्ग जिला अस्पताल में पांच लाख 48 हजार 951, बालोद जिला अस्पताल में चार लाख 63 हजार 330, सुकमा जिला अस्पताल में तीन लाख 69 हजार 621, बलौदाबाजार जिला अस्पताल में तीन लाख चार हजार 028, राजनांदगांव जिला अस्पताल में दो लाख 38 हजार 195, कोंडागांव जिला अस्पताल में दो लाख 12 हजार 439 और बलरामपुर जिला अस्पताल के हमर लैब में इस दौरान एक लाख 74 हजार 589 जांचें की गई हैं।पाटन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित हमर लैब में अप्रैल-2022 से अब तक दो लाख 23 हजार 356 जांचें की गई हैं। इस दौरान मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हमर लैब में एक लाख 12 हजार 839, पलारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 70 हजार 052 और खरसिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 17 हजार 603 जांचें की गई हैं। अंबिकापुर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी इस वर्ष 6 फरवरी से हमर लैब संचालित है। 6 फरवरी 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक वहां दो लाख 55 हजार 738 जांचें की जा चुकी हैं।
- रायपुर / जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के विकासखंड छुईखदान के ग्राम कोड़का (ग्राम पंचायत गोपालपुर) में गौठान से ग्रामीण अर्थव्यवस्था समृद्ध हो रही है, साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक दृष्टिकोण सक्षम हो रही है।’ग्राम कोड़का से 03 साल पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से गौठान का निर्माण हुआ है। यहां कार्य करने वाली राधा-कृष्णा स्व सहायता समूह की महिलाओं ने वर्मी टांके मे अब तक कुल 791.90 क्विंटल वर्मी खाद और 165 क्विंटल सुपर खाद का निर्माण किया है। समूह को खाद विक्रय से अब तक उन्हें 7लाख 79 हजार रुपये की आय अर्जित हुई है। महिलाएं यहां केंचुओ का उत्पादन भी कर रही हैं। बीते छह महीनों में 24 किंटल केंचुआ बेचकर महिलाओं ने 4 लाख 62 हजार रूपए का शुद्ध मुनाफा कमाया है।गौठान में तैयार की गई सामुदायिक बाड़ी में महिलाओं को पिछले 02 माह मे एक लाख रूपये की आय हई है। यहां आलू, प्याज, हल्दी, टमाटर एवं अन्य सब्जियो का उत्पादन लिया जा रहा है। कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र छुईखदान के मार्गदर्शन में वर्तमान मे गोठान की भूमि में नर्सरी तैयार की जा रही है, इसके लिए 4 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इससे यहां 40 हजार पौधें तैयार किए जाएंगे।राधा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती मीना साहू का कहना है कि अपने घरेलू कार्यों के साथ साथ गोठान में जैविक खाद निर्माण, सामुदायिक बाड़ी में सब्जी उत्पादन, मिनी राईस मिल संचालन के साथ-साथ नर्सरी में पौधे की देख-भाल कार्य भी कर रही है। गौठानों में चलाई जा रही इन आर्थिक गतिविधियों से महिलाओं को नियमित रूप से आमदनी मिल रही है। उन्हांेने इसके लिए मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया है।
- - 51 हजार 362 प्रतिदिन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया- मनरेगा के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक 72 प्रतिशत रहीदुर्ग /महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में श्रमिकों को रोजगार देने की दिशा में कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री अवनीश कुमार के निर्देशन में श्रमिकों के हित में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत आज श्रमिकों को रोजगार देने में दुर्ग जिला प्रदेश में पहले नंबर पर है। जिला पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत् स्वीकृत 927 निर्माण कार्य चल रहा है। 51 हजार 362 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अमृत सरोवर, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, नरवा बंधान, स्व.सहायता समूह के वर्क शेड निर्माण सहित विभिन्न कार्यों में मनरेगा के तहत श्रमिक कार्य कर रहे हैं। जिले में श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया।गौरतलब है कि धमधा विकासखंड के 319 कार्यों में 16 हजार 511 श्रमिक, दुर्ग विकासखंड के 248 कार्यों में 14 हजार 79 श्रमिक, पाटन विकासखंड के 360 कार्यों में 20 हजार 772 श्रमिक कुल जिले में 51,362 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।ग्राम पंचायत में मांग के आधार पर कार्य स्वीकृत हैं। श्रमिकों को नवीन मजदूरी दर 221 रूपए की राशि के अनुसार भुगतान किया जा रहा है। मनरेगा के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक 72 प्रतिशत रही है। वहीं प्रदेश में सर्वाधिक श्रमिक जिले में कार्यरत हैं।
- -सब्जी उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण और मुर्गी पालन से संवरी जिंदगी-महासमुंद के ठूठापाली ग्राम की महिला स्व सहायता समूह लिख रही हैं सफलता की कहानीरायपुर।महासमुंद जिले के विकासखण्ड बसना में गठित लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह ग्राम ठूठापाली की सदस्यों ने गोठान से जुड़कर आर्थिक समृद्धि की एक नई इबारत लिखी है ।समूह की 10 महिलाओं द्वारा वर्मी कंपोस्ट निर्माण ,सब्जी उत्पादन और मुर्गी पालन अपनाकर अपने आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाकर स्वावलंबन की मिसाल कायम की है। लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के 10 सदस्यों द्वारा ग्राम गौठान में वर्ष 2019-20 से कुल गोधन क्रय 5392.09 क्विंटल किया गया है। जिसे स्व सहायता समूह को हस्तातंरित होने पश्चात् वर्ष 2019-20 से आज तक सुपर कम्पोस्ट खाद 802.00 क्विंटल एवं वर्मी कम्पोस्ट खाद 1296.80 क्विंटल, कुल 2098.80 क्विंटल खाद् उत्पादन किया गया है।छत्तीसगढ़ शासन के मानक स्तर 40 प्रतिशत की दर के विरुद्ध लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा लगभग 37.83 प्रतिशत खाद् का उत्पादन किया गया है। जिसके फलस्वरूप स्व सहायता समूह को निर्मित खाद का लाभांश राशि 6 लाख 23 हजार 32 रूपये की प्राप्ति हुई है। इसके साथ-साथ स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा गौठान में सब्जी बाड़ी एवं मुर्गी पालन का कार्य करते हुए परिवार की आर्थिक स्थिति को काफी मजबूत किया गया है।लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों द्वारा वर्मी खाद् के अलावा सब्जी बाड़ी एवं मुर्गी पालन से भी अच्छी आमदनी हो रही है। सब्जी बाड़ी से 34 हजार 450 रूपये एवं मुर्गी पालन से 2 लाख 62 हजार 400 रूपये आय प्राप्त हुआ है। इस तरह समूह को कुल आय 9 लाख 19 हजार 882 रूपये अर्जित हुआ है।उक्त गतिविधियों में शामिल होने के कारण सहायता समूह को चक्रिय निधि की राशि 15 हजार रूपये एवं सामुदायिक निवेश कोष की राशि 60 हजार रूपये व बैंक क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से 2 लाख 50 हजार रूपये की ऋण राशि प्राप्त हुई जिसे वे आय मूलक गतिविधियों में लगा रहे हैं। लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूहों के सदस्यों द्वारा बताया गया कि “बिहान“ एवं गोठान से जुड़ने के पूर्व उनकी स्थिति बंद दरवाजा में रहकर घर संभालने एवं बच्चों के लालन पालन एवं अन्य गृह कार्य में सिमट कर रह जाती थी। किन्तु गोठान में जुड़ने के बाद हमारी आर्थिक स्थिति में काफी ज्यादा सुधार आया है। साथ ही साथ आज ग्रामीण स्तर पर शासन की योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर उनके प्रति कार्य करने एवं अपनी बातों को ग्रामीण जन समुदाय में स्पष्ट रूप रख पाने में सक्षम हो पाये हैं।
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*मुख्यमंत्री ने हमें रोजगार ही नहीं दिया, हमें उद्यमी भी बना दिया*
*अब शहरों से ही नहीं, रीपा के चलते गांव से भी तैयार हो रहे हैं उद्यमी*
बिलासपुर/पहले हम पूरी कुशलता और दक्षता से घर चलाते थे लेकिन अब उद्योग भी चला रहे है....यह कहना है आत्मविश्वास से लबरेज जय भारत स्व सहायता महिला समूह की सदस्य श्रीमती आरती धीवर का। वे कहती हैं कि महिलाओं की कुशलता और दक्षता को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समझा है और हमें मौका दिया है खुद को साबित करने का। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रीपा योजना शुरू कर हमें आर्थिक गतिविधियों से जुड़ने का अवसर दिया है।
अकलतरी, बिल्हा की महिलाएं इन दिनों विश्वास से भरी हुई है। वे रोजगार मांगने नहीं जा रही हैं, वे लोगों को रोजगार दे रही है। रीपा से उनका सपना सच हुआ है। उन्होंने ऐसे क्षेत्र में अपना काम आरंभ किया है, जहां मांग ज्यादा थी लेकिन आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। यह क्षेत्र था केटल फीड का। अकलतरी की महिलाओं ने इसका उद्यम डाला और आर्डर इतना आ गया कि उनके पास काम ही काम है। ग्रामीणों इलाकों में विकास की बयार बह रही है। महिलाओं और युवाओं के सपने अब हकीकत में तब्दील हो रहे हैं। श्रीमती आरती धीवर के साथ-साथ समूह की अन्य 7 महिलाएं इस गतिविधि से जुड़ी हुई है।
अकलतरी ग्राम में रीपा के तहत पशु आहार निर्माण इकाई की स्थापना की गई है। क्षेत्र के दूध उत्पादक पशु पालकों द्वारा पशु आहार की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए संचालित इस गतिविधि से ग्रामीणों महिलाओं को रोजगार मिला है। पशुपालन विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में समूह द्वारा उच्च गुणवत्ता के संतुलित पशु आहार निर्माण का कार्य प्रारंभ कर क्षेत्र के पशुपालकों को बिक्री की जा रही है। अब तक इन महिला समूह द्वारा 172 क्विंटल पशु आहार का निर्माण किया गया है, जिसमें 4 लाख 30 रूपये की बिक्री कर ली है। वर्तमान में 100 क्विंटल पशु आहार का आर्डर भी प्राप्त हुआ है। इस यूनिट में मकई दलिया, गेहूं दलिया, कपास खली, कोड़ा खली, कैलशियम एंड विटामिन पाउडर, सरसों खली तथा गुड़ का सीरा आदि मिलाकर पशु आहार तैयार किया जाता है। इस यूनिट की प्रतिमाह निर्माण क्षमता 4 सौ से 15 सौ क्विंटल है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 12 मई को अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान अकलतरी रीपा में संचालित गतिविधियों की सराहना भी की थी। रीपा ने ग्रामीण महिलाओं को सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध कराया साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भर बनने की राह में अग्रसर किया।