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चेन्नई. भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को उम्मीद है कि रविचंद्रन अश्विन जल्द ही संन्यास नहीं लेंगे जबकि रवि शास्त्री चाहते हैं कि वह कम से कम दो साल तक बल्लेबाजों को परेशान करें और अनिल कुंबले को विदेशों में भारतीय टीम में उन्हें नियमित रूप से नहीं खिलाने पर हैरानी होती है। अश्विन दुर्लभ प्रतिभा के धनी हैं, इसके लिए किसी के बयान की जरूरत नहीं है लेकिन इन तीन राष्ट्रीय कोच (एक मौजूदा और दो पूर्व कोच) के एक ही शाम, एक ही मंच और एक ही समय में इस गेंदबाज बारे में इस तरह की बातें कहना इस खिलाड़ी की काबिलियत का स्तर दर्शाता है। तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) ने अश्विन के 100 टेस्ट पूरा करने और 500 विकेट पार करने की उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए एक सम्मान समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम के मौके पर द्रविड़ ने कहा, ‘‘अभी उसमें काफी खेल बचा है। उसने अपनी कड़ी मेहनत, समर्पण और नयेपन से स्पिन गेंदबाजी की कला को निखारा है। वह शानदार विरासत हैं। शानदार, बहुत बढ़िया, आपने युवा स्पिनररों की पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया है। '' ‘द वॉल' ने कहा, ‘‘वह हमेशा टीम की सफलता में योगदान देने का इच्छुक रहता है। उनके साथ बिताये गये समय का आनंद लिया है। ‘‘ द्रविड़ को अश्विन की उत्कृष्टता की तलाश करना और अलग तरह की अनिश्चितताओं के खेल के बारे में हमेशा जिज्ञासु बने रहना बहुत खास लगता है और बतौर कोच वह इसे चुनौतीपूर्ण मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उसके बारे में अच्छी चीज है कि वह आपको चुनौती देता है और बतौर कोच आप ऐसा ही चाहते हो। उनके साथ इस तरह की और कई यादों के लिए तैयार हूं। वह इसी तरह के खिलाड़ी हैं। '' द्रविड़ से पहले भारतीय टीम के कोच रहे शास्त्री ने अश्विन से कुछ और वर्षों तक बल्लेबाजों की सोच से खेलना जारी रखने का आग्रह किया। शास्त्री ने कहा, ‘‘इतनी बड़ी उपलब्धियां। कोई मजाक नहीं है इतनी सारी उपलब्धियां हासिल करना। आपको शुभकामनायें। मेरा मानना है कि आपमें अभी काफी क्रिकेट बचा है। स्पिनर उम्र बढ़ने के साथ परिपक्वत होते हैं। आप पर फक्र है। बहुत बढ़िया, लुत्फ लेते रहिये और कम से कम दो और वर्षों तक बल्लेबाजों को परेशान करते रहिये। '' भारतीय टेस्ट इतिहास में कुंबले के 619 विकेट गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा ‘बेंचमार्क' बने हुए हैं। उन्होंने पिछले दशक में भारत की सफलता में अश्विन के बड़े योगदान के बारे में कहा, ‘‘मेरे हिसाब से देश का जितने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने प्रतिनिधित्व किया है, वह उन में से एक हैं। उनके विकेट की संख्या शानदार है। उनकी खुद की और भारत की सफलता में पारस्परिक संबंध रहा है। वह कभी संतुष्ट नहीं होते और हमेशा बेहतर से बेहतर चाहते हैं। '' पूर्व भारतीय कप्तान का मानना है कि अगर विदेश में टेस्ट मैच के दौरान अश्विन को नजरअंदाज नहीं किया गया होता तो वह बहुत पहले ही 100 टेस्ट खेल चुके होते। कुंबले ने कहा, ‘‘उसे अपना 100वां टेस्ट बहुत पहले ही खेल लेना चाहिए था। लेकिन उसे विदेशी दौरों के लिए उसे हमेशा भारतीय टीम में शामिल ही नहीं किया जाता जो मुझे हैरानी भरा लगता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि वह आधिकारिक भारतीय कप्तान नहीं रहे हैं लेकिन हमेशा ड्रेसिंग रूम में नेतृत्वकर्ता रहे हैं। यह देखना शानदार लगा कि उन्होंने अपना 500वां विकेट अपने पिता को समर्पित किया। उनमें अब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल क्रिकेट बचा है। उन्हें और अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना चाहता हूं। '' लंबे समय तक अश्विन के स्पिन गेंदबाजी साझीदार रविंद्र जडेजा और कप्तान रोहित शर्मा ने उम्मीद जतायी कि यह चैम्पियन गेंदबाज और यादगार पल इजाद करेगा। जडेजा ने ‘वर्चुअल' संदेश में कहा, ‘‘भारतीय टीम में आपका योगदान अनमोल रहा है। और अधिक योगदान की उम्मीद है। '' रोहित ने अपने इस खतरनाक गेंदबाज की प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘हमने साथ में काफी क्रिकेट खेला है जिसमें इतनी सारे यादें रही हैं। आपकी सबसे खास बात आपका बतौर गेंदबाज इस तरह आगे बढ़ना रहा है। आपके साथ खेलना अद्भुत रहा है। आपको और आपके परिवार को बधाई। भविष्य के लिए शुभकामनायें।
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बेंगलुरू. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने इंडियन प्रीमियर लीग से पहले अपने शिविर की शुरूआत की लेकिन उसके स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अगले कुछ दिन में टीम से जुड़ेंगे । आरसीबी को आईपीएल में गत चैम्पियन चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 22 मार्च को पहला मैच खेलना है ।
अधिकांश घरेलू खिलाड़ी नये मुख्य कोच एंडी फ्लावर और क्रिकेट निदेशक मो बबाट के मार्गदर्शन में शिविर में पहुंच गए हैं । कप्तान फाफ डु प्लेसी और वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज अलजारी जोसेफ भी शिविर में पहुंच गए हैं । कोहली पितृत्व अवकाश के कारण इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला भी नहीं खेले थे । बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा ,‘‘ कोहली अगले कुछ दिन में पहुंचेंगे ।''
कोहली टीम के सालाना कार्यक्रम ‘आरसीबी अनबॉक्स' में भी पहुंच सकते हैं जिसमें प्रशंसकों को अपने पसंदीदा सितारों की झलक देखने का मौका मिलता है । डु प्लेसी ने आरसीबी ‘बोल्ड डायरीज' में कहा ,‘‘ फ्लावर शानदार कोच है और टीम खुशकिस्मत है कि वे हमारे साथ है ।'' वहीं फ्लावर ने कहा ,‘‘हम आरसीबी की कहानी का नया अध्याय लिखेंगे और यह हमारी खुशकिस्मती है । हम इसे लेकर काफी रोमांचित हैं । -
नई दिल्ली। घरेलू क्रिकेट की दिग्गज मुंबई ने आठ साल का इंतजार खत्म करते हुए अपना ही रिकॉर्ड बेहतर करके 42वीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीता। फाइनल के पांचवें और आखिरी दिन मेजबान ने विदर्भ को 169 रन से हराया। टूर्नामेंट के इतिहास में 90 में से 48वीं बार मुंबई फाइनल में पहुंची थी।
वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए फाइनल का नतीजा लगभग उसी समय तय हो गया था जब विदर्भ को 538 रन का लगभग नामुमकिन सा लक्ष्य मिला था। विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर (102) और हर्ष दुबे (65) ने हालांकि पूरे पहले सत्र में मुंबई के गेंदबाजों को परेशान किया। विदर्भ ने पांच विकेट पर 248 रन से आगे खेलना शुरू किया था और उसे 290 रन और चाहिये थे।विदर्भ की टीम 368 रन पर आउट हो गई। वाडकर ने इस साल पहला शतक जड़ने के साथ ही सत्र में 600 रन का आंकड़ा भी पार किया। वहीं दुबे ने प्रथम श्रेणी कैरियर में दूसरा अर्धशतक जमाया। दोनों ने 194 मिनट और 255 गेंद तक चली साझेदारी निभाई। दूसरे सत्र का खेल शुरू होने के कुछ देर बाद ही वाडकर को तनुष कोटियान ने आउट किया। कोटियान ने 95 रन देकर चार विकेट लिये।यह साझेदारी टूटने के बाद विदर्भ की हार पर लगभग मुहर लग गई। विदर्भ दो बार खिताब जीतने के बाद तीन बार फाइनल हार गया है। तुषार देशपांडे ने शॉर्ट गेंद पर दुबे को आउट किया। दुबे ने 128 गेंद में पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 65 रन बनाये। देशपांडे ने ही आदित्य सरवटे को भी पवेलियन भेजा। कोटियान ने यश ठाकुर (छह) के रूप में चौथा विकट लिया। वहीं अपने कैरियर का आखिरी मैच खेल रहे धवल कुलकर्णी ने उमेश यादव का विकेट लेकर विदर्भ की पारी का पटाक्षेप किया। -
जेद्दा. सऊदी अरब की टीम अल हिलाल ने लगातार 28वीं जीत दर्ज करके शीर्ष स्तर की फुटबॉल में नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। अल हिलाल ने अल इतिहाद को 2-0 से हराकर यह उपलब्धि हासिल करने के साथ ही एशियाई चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल में भी प्रवेश किया। इन दोनों टीम के बीच पहले चरण का मैच भी अल हिलाल ने जीता था और इस तरह से उसने अपने घरेलू प्रतिद्वंदी अल इतिहाद को 4-0 के कुल अंतर से पराजित किया। सऊदी अरब की घरेलू लीग में 18 बार की चैंपियन अल हिलाल ने वेल्स की टीम द न्यू सेंट्स के 2016-17 के सत्र में लगातार 27 जीत दर्ज करने के पिछले विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा। अल हिलाल ने इससे पहले आखिरी बार पिछले साल 21 सितंबर को मैच नहीं जीता था। उसने तब सऊदी अरब लीग की अपनी प्रतिद्वंदी टीम दमाक के खिलाफ मैच 1-1 से ड्रॉ खेला था। सेमीफाइनल में अल हिलाल का सामना संयुक्त अरब अमीरात के अल ऐन से होगा जिसने सोमवार को पेनल्टी शूटआउट में क्रिस्टियानो रोनाल्डो की टीम अल नासर को हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था।
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नयी दिल्ली. स्टार भारतीय पैरा निशानेबाज मनीष नरवाल ने बुधवार को यहां डब्ल्यूएसपीएस पैरा निशानेबाजी विश्व कप में पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) व्यक्तिगत और टीम स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किये। नरवाल ने 236.7 का स्कोर किया और चीन के चाओ यांग (240.3) से पीछे रहे। कोरिया के जियोंगडू जो ने व्यक्तिगत वर्ग में कांस्य (214.7) हासिल किया। इस विश्व चैम्पियन पैरा निशानेबाज ने इसके बाद रुद्रांश खंडेलवाल और संजीव गिरी के साथ मिल कर पी1 पुरुष टीम 10 मीटर एयर पिस्टल (एसएच1) स्पर्धा में रजत पदक जीता। इससे पहले नरवाल क्वालीफिकेशन दौर में 574 अंक के साथ तीसरे स्थान पर थे। खंडेलवाल (564), गिरी (559) और सिंहराज (546) व्यक्तिगत वर्ग के फाइनल में पहुंचने में विफल रहे। दिन की अन्य स्पर्धाओं में आर सात वर्ग में पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन (एसएच1) श्रेणी के भारतीय निशानेबाज फाइनल (शीर्ष आठ) में जगह बनाने में असफल रहे। इसमें राकेश निदागुंडी क्वालिफिकेशन दौर में 14वें स्थान के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय रहे। आर आठ वर्ग में महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन (एसएच1) के लिए, भारतीय पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता अवनी लेखरा 418.6 के अंतिम स्कोर के साथ पांचवें स्थान पर रहीं। मोना अग्रवाल 407.9 के स्कोर के साथ उनसे एक स्थान नीचे रहीं।
- चेन्नई. रविचंद्रन अश्विन के मन में एक असाधारण कप्तान के रूप में रोहित शर्मा के लिए हमेशा सम्मान रहा है लेकिन जब इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दौरान उनकी मां चित्रा बीमार पड़ी तो उन्होंने जाना कि भारतीय कप्तान बहुत अच्छा इंसान भी है। अश्विन का मानना है कि ऐसे समय में जहां लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं वहां रोहित शर्मा जैसे नेतृत्वकर्ता भी हैं जो अपने साथी खिलाड़ियों के लिए सब कुछ न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। अश्विन को अपनी मां के बीमार होने के कारण अपना 500वां टेस्ट विकेट हासिल करने के कुछ देर बाद चेन्नई जाना पड़ा था। अश्विन ने अपने तमिल यूट्यूब चैनल पर कहा,‘‘मैं अपने कमरे में रो रहा था और किसी का फोन नहीं उठा रहा था। ऐसे में रोहित और राहुल (द्रविड़) भाई मेरे पास आए और मैंने उनसे कहा कि मैं कुछ नहीं सोच पा रहा हूं।'' उन्होंने कहा,‘‘मैं अंतिम एकादश का हिस्सा था और अगर मैं टीम छोड़ दूंगा तो उसमें केवल 10 खिलाड़ी रह जाएंगे। दूसरी तरफ मैं अपनी मां के बारे में सोच रहा था। मैं अपनी मां के पास जाना चाहता था।'' अश्विन को बाद में एहसास हुआ कि रोहित ने उनके लिए जो किया वह अकल्पनीय था।उन्होंने कहा,‘‘राजकोट हवाई अड्डा शाम छह बजे बंद हो गया था और उसके बाद कोई उड़ान नहीं थी। मैं नहीं जानता था कि क्या करना है। रोहित ने मुझे कुछ भी नहीं सोचने और परिवार के पास जाने के लिए कहा। वह मेरे लिए चार्टर्ड विमान की व्यवस्था करने में लगा हुआ था।'' अश्विन ने चेतेश्वर पुजारा का भी आभार व्यक्त किया जो अहमदाबाद से राजकोट पहुंचा और उनके साथ चेन्नई तक गया। रोहित ने हालांकि टीम के फिजियो कमलेश जैन को भी अश्विन के साथ चेन्नई जाने के लिए कहा जिससे यह ऑफ स्पिनर काफी भावुक हो गया था। उन्होंने कहा,‘‘मैं सोच रहा था कि अगर मैं कप्तान होता तो मैं भी अपने खिलाड़ी को परिवार के पास जाने के लिए कहता लेकिन मैं उसके साथ किसी और को भी भेजने के बारे में सोचता, मैं नहीं जानता। उस दिन मैंने रोहित में एक असाधारण कप्तान देखा था।''
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क्राइस्टचर्च. सलामी बल्लेबाज के रूप में स्टीव स्मिथ को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है लेकिन ऑस्ट्रेलिया के कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने संकेत दिया कि यह दिग्गज बल्लेबाज कम से कम इस साल के अंत में भारत के खिलाफ होने वाली घरेलू श्रृंखला में अपनी यह भूमिका निभाने के लिए तैयार है। भारत बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखने के लिए इस साल नवंबर से जनवरी 2025 के बीच ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगा। भारत ने 2018-19 और 2020-21 में यह ट्रॉफी बरकरार रखी। मैकडोनाल्ड ने ‘क्रिकेट.कॉम.एयू' से कहा, ‘‘वह (भारत के खिलाफ चुनौतियों का) इंतजार कर रहा है और मुझे लगता है कि यह उसके लिए आंतरिक प्रेरणा होगी। वह पारी का आगाज करना चाहता है। यह एक ऐसा स्थान है जिसके लिए वह हमारे पास आया और हमें लगता है कि वह इस पर सफल हो सकता है।'' डेविड वार्नर के पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू श्रृंखला के साथ टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद इस साल जनवरी में वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला से स्मिथ को पारी का आगाज करने का मौका मिला। वह हालांकि सलामी बल्लेबाजों के रूप में काफी प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने ब्रिसबेन में वेस्टइंडीज के खिलाफ सिर्फ एक अर्धशतक जड़ते हुए नाबाद 91 रन बनाए जबकि बाकी पारियों में वह 12, 11, 06, 31, 00, 11 और 09 रन ही बना पाए। मैकडोनाल्ड ने हालांकि इन आंकड़ों को काफी तवज्जो नहीं दी। उन्होंने कहा, ‘‘वह इससे निपट लेगा, यह उसके लिए एक नई चुनौती है।
कोच ने कहा, ‘‘यदि आप एक नया सलामी बल्लेबाज ला रहे हैं और आपने उसे चार टेस्ट मैच दिए। और फिर कहा कि ‘ठीक है, हम इसे चार टेस्ट मैच के बाद बदलने जा रहे हैं'। आप क्या सोचेंगे कि यह उचित है या अनुचित? मुझे लगता है कि यह अनुचित है।'' इस पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ने कहा कि मौजूदा बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करने के लिए किसी भी खिलाड़ी को कुछ विशेष प्रयास करने होंगे। मैकडोनाल्ड ने कहा, ‘‘इसका मतलब यह नहीं है कि बदलाव नहीं होंगे लेकिन फिलहाल हमने यहां (न्यूजीलैंड के खिलाफ) 2-0 से जीत हासिल की है और 12 टेस्ट मैच में से हमने आठ जीते हैं जिनमें से चार हमने विरोधी के मैदान पर (इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में) जीते। -
धर्मशाला। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के कोषाध्यक्ष और आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट में तीन दिन के अंदर ही ढेर हो जाएगी क्योंकि उन्हें पिच, आउटफील्ड और मौसम के मामले में इंग्लैंड जैसी परिस्थितियां मिलीं थी। इंग्लैंड को पांचवें टेस्ट में तीन दिन के अंदर पारी और 64 रन से हार का सामना करना पड़ा जिससे भारत ने श्रृंखला 4-1 से जीत ली। मेहमान टीम से अंतिम मैच में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी क्योंकि शहर में परिस्थितियां उनके लिए स्वदेश जैसी थीं। धूमल ने कहा, ‘‘यह एक शानदार श्रृंखला रही। आपने देखा कि इसकी शुरुआत कैसे हुई। यह 1-1 से बराबरी पर थी और फिर जिस तरह से यह आगे बढ़ी, टीम इंडिया ने जिस तरह का प्रदर्शन किया वह शानदार है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड के खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुसार नहीं खेल पाए, भले ही हमने पिच, आउटफील्ड, मौसम के मामले में उन्हें इंग्लैंड जैसी परिस्थितियां दी थी। दुर्भाग्य से वे इसका फायदा नहीं उठा सके लेकिन यह किसी भी खेल में होता है और मुझे यकीन है कि वे वापसी करेंगे।'' धूमल भारतीय टीम को अजेय कहने से बचे लेकिन टीम की बेंच स्ट्रेंथ की जमकर तारीफ की।
इस श्रृंखला के दौरान टीम विराट कोहली, लोकेश राहुल और मोहम्मद शमी जैसे स्टार खिलाड़ियों के बिना खेली। हालांकि यशस्वी जायसवाल, ध्रुव जुरेल और सरफराज खान जैसे युवाओं ने टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया। धूमल ने कहा, ‘‘देखिए हमारे पास किस तरह की प्रतिभा है, हमने देखा कि भले ही सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी टीम से बाहर हों लेकिन किसी और ने उनकी जगह ली।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने शनदार काम किया और मुझे यकीन है कि भारतीय टीम आगे चलकर और मजबूत होगी।''
धूमल को साथ ही लगता है कि अंतिम टेस्ट से पहले खराब आउटफील्ड परिस्थितिायें को लेकर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) को गलत तरीके से बदनाम किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘यह मुख्य रूप से मौसम के कारण था। आपने देखा होगा कि हमने किस तरह की आउटफील्ड दी और सभी ने सराहना की कि यह दुनिया की सबसे अच्छी आउटफील्ड है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं एचपीसीए अधिकारियों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने इस तरह की आउटफील्ड तैयार करने के लिए बहुत मेहनत की और यह सभी का अभूतपूर्व प्रयास था।'' -
नयी दिल्ली. भारतीय पुरुष हॉकी टीम मंगलवार को जारी एफआईएच विश्व रैंकिंग में एक पायदान नीचे चौथे स्थान पर खिसक गई जबकि हॉकी ओलंपिक क्वालीफायर्स में प्रभावशाली प्रदर्शन करने वाली जर्मनी की टीम तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। भारत के 2761 रैंकिंग अंक हैं। उसने पिछले साल एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर पेरिस ओलंपिक में जगह बना दी थी और इस कारण ओलंपिक क्वालीफायर्स में हिस्सा नहीं लिया। दूसरी तरफ जर्मनी (2786 अंक) ओमान में खेले गए ओलंपिक क्वालीफायर्स में अजेय रहा था, जिससे वह विश्व रैंकिंग में भारत को पीछे छोड़ने में सफल रहा। नीदरलैंड (3060 अंक) पहले की तरह शीर्ष पर बना हुआ है। उसके बाद बेल्जियम (2848 अंक), जर्मनी, भारत और ऑस्ट्रेलिया (2757 अंक) का नंबर आता है। ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड (2720 अंक) को पीछे छोड़कर पांचवा स्थान हासिल किया। अर्जेंटीना (2524 अंक) और स्पेन (2296 अंक) पहले की तरह सातवें और आठवें स्थान पर बने हुए हैं। फ्रांस (2085 अंक) और न्यूजीलैंड (2025 अंक) शीर्ष 10 में शामिल दो अन्य टीम हैं। महिलाओं की रैंकिंग में पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही भारतीय टीम 2215 अंक के साथ नौवें स्थान पर है। महिला वर्ग में भी नीदरलैंड (3422) शीर्ष पर काबिज है। उसके बाद अर्जेंटीना (2827), जर्मनी (2732), ऑस्ट्रेलिया (2678), बेल्जियम (2499), इंग्लैंड (2304), स्पेन (2244) और चीन (2226) का नंबर आता है।
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दुबई. भारत ने धर्मशाला में इंग्लैंड को करारी शिकस्त देकर पांच मैच की श्रृंखला 4-1 से जीतकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की नवीनतम टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक स्थान हासिल कर लिया। भारत ने ऑस्ट्रेलिया की जगह शीर्ष स्थान हासिल किया। इस तरह से भारतीय टीम खेल के तीनों प्रारूप की आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर काबिज हो गई है। भारत विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की तालिका में पहले ही शीर्ष पर बना हुआ है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्राइस्टचर्च में चल रहे दूसरे टेस्ट मैच का परिणाम कुछ भी रहे रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय टीम शीर्ष पर बनी रहेगी। विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के मौजूदा विजेता ऑस्ट्रेलिया ने वेलिंगटन में पहला टेस्ट मैच 172 रन से जीता था और वह अभी श्रृंखला में 1-0 से आगे है। भारत के टेस्ट रैंकिंग में अब 122 रेटिंग अंक हो गए हैं जो ऑस्ट्रेलिया से पांच अधिक हैं। इंग्लैंड की टीम 111 रेटिंग अंक के साथ तीसरे स्थान पर है। वनडे में भारत के 121 रेटिंग अंक हैं जबकि ऑस्ट्रेलिया 118 रेटिंग अंक के साथ दूसरे स्थान पर है। टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत के 266 अंक हैं। इंग्लैंड इस प्रारूप में 256 अंक लेकर दूसरे स्थान पर है। भारत सितंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर रहा था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला बराबरी पर छूटने के कारण भारत दूसरे नंबर पर खिसक गया था। ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैच की श्रृंखला में क्लीन स्वीप करके भारत की जगह पहला स्थान हासिल किया था। इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में भारत हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 28 रन से हार गया था लेकिन इसके बाद उसने अगले चार टेस्ट मैच जीतकर शानदार वापसी करके आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में फिर से शीर्ष स्थान हासिल किया।
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धर्मशाला. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 4-1 से हार पर निराशा व्यक्त करते हुए टीम के बल्लेबाजों को अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर काम करने और ‘बैजबॉल' के प्रति अपना जुनून छोड़ने की सलाह दी। इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक अंदाज में खेलने के लिए ‘बैजबॉल' शैली को अपनाया लेकिन भारत के खिलाफ उसकी यह रणनीति नहीं चल पाई और उसे श्रृंखला में करारी हार का सामना करना पड़ा। ‘बैजबॉल' शब्द इंग्लैंड के टेस्ट कोच ब्रैंडन मैकुलम के उपनाम ‘बैज' से लिया गया है। हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘हम इस शब्द ‘बैजबॉल' के कारण भ्रमित हो गए। टीम और टीम प्रबंधन को यह शब्द ‘बैजबॉल' रास नहीं आ रहा है। उन्हें अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर ध्यान देने की जरूरत है।'' इंग्लैंड की तरफ से 45 टेस्ट मैच में कप्तानी करने वाले हुसैन ने कहा,‘‘विपक्षी टीम को देखिए। उन्होंने जिंदगी के हर पहलू की तरह प्रयास किया और उनसे सीख ली। फिर हमारा पतन क्यों हुआ। जैक क्रॉली अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में क्यों नहीं बदल पाए। बेन डकेट ने तब आक्रामक रवैया अपनाया जब गेंद काफी नई थी।'' इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स पूरी श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस संबंध में हुसैन ने कहा ,‘‘बेन स्टोक्स का बल्ला पूरी श्रृंखला में नहीं चला। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि वह विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल रहे थे। केवल अपने खुद के खेल पर ध्यान दो और उसमें सुधार करो।'' हुसैन ने टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट पूरे करने वाले तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन तथा 500 से अधिक विकेट लेने वाले भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा,‘‘बैजबॉल के बारे में काफी कहा और लिखा गया। मैंने पहले भी कहा था कि इन परिस्थितियों में व्यक्तिगत प्रदर्शन महत्वपूर्ण होता है।'' हुसैन ने कहा,‘‘इस मैच में दो खिलाड़ी जिमी एंडरसन और रविंद्रचंद्रन अश्विन खेल रहे थे। वे इस खेल के महान खिलाड़ी इसलिए बने क्योंकि उन्होंने लगातार अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान दिया। उन्होंने सुधार करने का प्रयास किया।''
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सोनीपत (हरियाणा). तोक्यो ओलंपिक खेलों के पदक विजेता बजरंग पूनिया और रवि दहिया रविवार को यहां राष्ट्रीय टीम के लिए चयन ट्रायल में अपने वजन वर्ग के मुकाबले हारने के बाद पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की दौड़ से बाहर हो गये। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुआई करने वाले पूनिया को पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा सेमीफाइनल में रोहित कुमार से 1-9 से हार मिली। इससे पहले वह रविंदर (3-3) के खिलाफ मुश्किल से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे।
अगर रविंदर ने मुकाबले में चेतावनी से अंक नहीं गंवाया होता तो पूनिया पहले ही मुकाबले में बाहर हो गये होते। सेमीफाइनल में हारने के बाद पूनिया गुस्से में तुरंत भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र से चले गये। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधिकारियों ने पूनिया के डोप नमूने लेने की कोशिश की लेकिन वह तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले के लिए भी नहीं रूके। पूनिया ने ट्रायल्स की तैयारी के लिए रूस में ट्रेनिंग ली थी। ये ट्रायल्स भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल द्वारा आयोजित किये जा रहे हैं। पूनिया ने हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय में यह कहते हुए मुकदमा जीत लिया था कि निलंबित डब्ल्यूएफआई के पास ट्रायल्स कराने का कोई अधिकार नहीं है। सुजीत कलकल ने फाइनल में रोहित को तकनीकी श्रेष्ठता से हराकर भारतीय टीम में जगह बनायी और अब वह पेरिस ओलंपिक के लिए 65 किग्रा वर्ग का कोटा दिलाने की कोशिश करेंगे। सुजीत ने हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए पूनिया को सीधे प्रवेश दिये जाने के खिलाफ चुनौती दी थी लेकिन वह यह कानूनी मुकदमा हार गये थे। सुजीत ने रविवार को कहा, ‘‘हमने हमेशा 65 किग्रा में अच्छा किया है और बजरंग ने ओलंपिक पदक भी जीता है इसलिये मुझ पर देश को कोटा दिलाने के लिए बंड़ी जिम्मेदारी है। '' रोहित अब एशियाई चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
ट्रायल्स के विजेताओं को 19 से 21 अप्रैल तक बिश्केक में और नौ से 12 मई तक इस्तांबुल में आयोजित होने वाले एशियाई और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। पुरुष 57 किग्रा (नोर्डिक प्रारूप में) हमेशा ही मुश्किल वर्ग रहा है जिसमें तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और अमन सेहरावत दौड़ में थे। चोट से वापसी कर रहे दहिया बड़े स्कोर वाले पहले मुकाबले में अमन से 13-14 से हार गये। दोनों ही छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग करते हैं।
दहिया जब प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे थे तो अमन 2023 में लगभग सभी टूर्नामेंट में पदक जीतकर सुर्खियों में रहे थे। एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता अमन ने अंतिम मिनट में दहिया के दबदबे को खत्म करते हुए मुकाबला जीत लिया। दहिया अगले मुकाबले में अंडर-20 एशियाई चैम्पियन उदित से हार गये। अमन 57 किग्रा में ओलंपिक क्वालीफायर में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
अमन ने अपने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘रवि के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करना हमेशा मुश्किल होता है लेकिन मैं इस टूर्नामेंट के लिए पूरी तैयारी की और अपने खेल पर काम किया। मैं पिछले एक महीने से रूस में तैयारी कर रहा था जिससे मदद मिली। '' भारत ने अभी तक अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) के जरिये ही पेरिस ओलंपिक के लिए एक कोटा हासिल किया है। ट्रायल्स में जीतने वाले अन्य पहलवान जयदीप (74 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), दीपक नेहरा (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा) हैं। एशियाई क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है:
अमन सहरावत (57 किग्रा), सुजीत कलकल (65 किग्रा), जयदीप (74 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), दीपक नेहरा (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा)। -
चेन्नई. आस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर ग्लेन मैकग्रा ने कहा कि तेज गेंदबाजों की नयी खेप पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क की तिकड़ी के संन्यास के बाद जिम्मेदारी संभालने के लिए इंतजार कर रही है। आस्ट्रेलियाई खेमे में कमिंस (30 साल), स्टार्क (34 साल) और हेजलवुड (33 साल) के उत्तराधिकारी ढूंढने पर चर्चा चल रही है लेकिन मैकग्रा को लगता है कि बदलाव की प्रक्रिया में कोई परेशानी नहीं होगी। ‘एमआरएफ पेस फाउंडेशन' के कार्यक्रम के दौरान मैकग्रा ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमारे तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी खेलने का इंतजार कर रही है। स्कॉट बोलैंड, माइकल नेसेर, झाय रिचर्डसन और काफी सारे युवा तेज गेंदबाज सामने आ रहे हैं, हम देख रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं। ये खिलाड़ी खेलने के लिए तैयार हैं। उन्हें सिर्फ मौके की जरूरत है। '' बोलैंड और नेसेर कुछ टेस्ट मैच खेल चुके हैं।
मैकग्रा ने कहा, ‘‘मौजूदा आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी क्रम मजबूत है। वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और जीत भी रहे हैं। साथ ही वे चोटिल भी नहीं हो रहे हैं। जब तक उनका प्रदर्शन खराब नहीं होता या वे चोटिल हो जाते हैं, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा। इसलिये टीम में कोई युवा तेज गेंदबाज नहीं है। '' पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वरूण आरोन ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के घरेलू क्रिकेट को अहमियत देने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘घरेलू क्रिकेट निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट का आधार है। इसके बिना हमें चैम्पियन खिलाड़ी नहीं मिलते जो अब हमें देखने को मिल रहे हैं। इसलिये बीसीसीआई ने बिलकुल सही किया। '' बीसीसीआई ने सभी फिट और उपलब्ध क्रिकेटरों के लिए अपने राज्य के लिए घरेलू मैचों में खेलना अनिवार्य कर दिया है। भारतीय खिलाड़ी ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को घरेलू मैचों की अनदेखी करने के बाद केंद्रीय अनुबंध भी नहीं दिया।
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धर्मशाला. प्लेयर आफ द सीरिज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में मिली अप्रतिम सफलता का श्रेय पारी की शुरूआत करते हुए गेंदबाजों पर दबाव बनाने की अपनी रणनीति को दिया । जायसवाल ने श्रृंखला में दो शतक और तीन अर्धशतक समेत 712 रन बनाये ।
उन्होंने कहा , मैं सिर्फ गेंदबाजों पर दबाव बनाने के बारे में सोच रहा था । यही रणनीति थी और इस पर अडिग रहना था ।'' एक श्रृंखला में 700 से अधिक रन बनाने वाले सुनील गावस्कर के बाद दूसरे भारतीय बने जायसवाल ने कहा कि वह अपने पैर जमीन पर रखना चाहते हैं । उन्होंने कहा ,‘‘ मैने श्रृंखला का पूरा मजा लिया । मैं एक समय पर एक मैच के बारे में ही सोच रहा हूं । मैं यही सोचता हूं कि टीम के लिये कैसे योगदान दे सकता हूं और कैसे जीत तक ले जा सकता हूं ।'' कप्तान रोहित शर्मा ने कहा ,‘‘ उसे लंबा सफर तय करना है और उसकी उपलब्धि देखकर अच्छा लग रहा है । उसके जैसा प्रतिभाशाली खिलाड़ी गेंदबाजों पर शुरू से ही दबाव बना सकता है । आगे काफी चुनौतियां होंगी लेकिन उसे चुनौतियां पसंद है ।'' प्लेयर आफ द मैच बने कुलदीप यादव ने कहा कि वह अपने स्पैल में अच्छी लैंग्थ पर फोकस कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा , मेरा फोकस अच्छी लैंग्थ पर है और इस प्रारूप में यह स्पिनरों के लिये काफी जरूरी है । मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोचता कि बल्लेबाज क्या करने की कोशिश कर रहा है ।'' कुलदीप ने रांची में बेन स्टोक्स के विकेट को और यहां जाक क्रॉली के विकेट को अपना पसंदीदा बताया ।
उन्होंने कहा ,‘‘ रांची में गेंदबाजी करके मजा आया । विकेट धीमा था और स्टोक्स का विकेट लेना अच्छा रहा । यहां क्रॉली का विकेट खूबसूरत गेंद पर लिया ।' -
नयी दिल्ली. भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया ने इस शीर्ष पद पर चुने जाने के तुरंत बाद कहा कि पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत का लक्ष्य 30 पदक जीतना होगा जो तोक्यो में जीते गए पदकों से 11 अधिक हैं। भारत ने 2021 में तोक्यो पैरालंपिक खेलों में पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक जीते थे। झाझरिया ने इन खेलों में भाला फेंक में रजत पदक हासिल किया था। झाझरिया ने कहा,‘‘पेरिस पैरालंपिक खेलों में हमारा लक्ष्य तोक्यो में जीते गए 19 पदकों से अधिक पदक जीतना होगा। इस बार 30 पार। '' उन्होंने कहा,‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली यह सरकार पैरा खेल और पैरा खिलाड़ियों पर बहुत ध्यान दे रही है। हमने 2016 में रियो पैरालंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया था तथा तोक्यो में 19 पदक जीते थे। हमने दिखाया कि भारत पैरा खेलों में तेजी से आगे बढ़ रहा है।'' भारत अगर पेरिस पैरालंपिक में 30 पदक जीतता है तो वह शीर्ष 10 देश में शामिल हो जाएगा।
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धर्मशाला. बेन स्टोक्स की ‘बैजबॉल' शैली के सामने रोहित शर्मा की कप्तानी का उतना चर्चा नहीं था लेकिन भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने खुशी जताई कि खिलाड़ियों ने उसकी कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया । रोहित की कप्तानी में भारत ने कभी बड़े दावे नहीं किये लेकिन बेहतरीन ढंग से उस इंग्लैंड टीम को पांच मैचों की श्रृंखला में 4 . 1 से हराया जिसकी अति आक्रामक ‘बैजबॉल' शैली के चर्चे यत्र तत्र सर्वत्र थे । द्रविड़ ने पांचवां टेस्ट जीतने के बाद प्रसारकों से कहा ,‘‘ ऐसी शानदार टीम के साथ काम करना सौभाग्य की बात है । मैं उनसे सीखता रहता हूं । रोहित शानदार कप्तान है और खिलाड़ियों को उसकी कप्तानी में निखरते देखकर अच्छा लगा ।'' द्रविड़ ने कहा कि इस श्रृंखला में कई शानदार पल आये लेकिन निजी आपात स्थिति से रविचंद्रन अश्विन का लौटकर आना और खेलना इस टीम का जज्बा बयां करता है । उन्होंने कहा ,‘‘ अश्विन उन हालात में लौटकर आया और खेला । वह टीम की जीत में योगदान देना चाहता था । यह इस टीम का जज्बा बयां करता है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे लिये वह श्रृंखला का सबसे बड़ा पल था । एक कोच के रूप में इस तरह का माहौल देखकर खुशी होती है ।'' अश्विन को राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन पारिवारिक आपात स्थिति के कारण चेन्नई लौटना पड़ा था लेकिन वह तीसरे टेस्ट के चौथे दिन लौट आये थे । रणजी ट्रॉफी खेलने के बीसीसीआई के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले ईशान किशन और श्रेयस अय्यर के लिये दरवाजे बंद होने की अटकलों पर द्रविड़ ने कहा ,‘‘ रोहित और मैं अंतिम एकादश चुनते हैं । कई बार पता भी नहीं होता कि कौन अनुबंधित है और कौन नहीं । किसी के लिये भी दरवाजे बंद नहीं हुए हैं ।'' कुलदीप यादव के शानदार फॉर्म के बाद द्रविड़ ने कहा ,‘‘ उसके लिये कठिन रहा है । वह ऐसे समय में गेंदबाजी कर रहा था जब टीम में दो लीजैंड (अश्विन और रविंद्र जडेजा) खेल रहे हैं । वह एक्स फैक्टर लेकर आता है । उसने अपनी बल्लेबाजी पर भी काफी मेहनत की है जो बोनस है ।
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नयी दिल्ली. टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के वादे पर खरे उतरते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन खिलाड़ियों के लिए प्रत्येक मैच 45 लाख रुपये का प्रोत्साहन देने का फैसला किया जो हर सत्र में निर्धारित 75 प्रतिशत या इससे ज्यादा मैच खेलते हैं। सचिव जय शाह ने शनिवार को इसकी घोषणा की। एक टेस्ट खिलाड़ी जो एक सत्र में लगभग 10 टेस्ट मैच में हिस्सा लेता है, उसे बतौर प्रोत्साहन 4.50 करोड़ रुपये की मोटी धनराशि मिलेगी जो उसकी संभावित 1.5 करोड़ रुपये की मैच फीस (प्रत्येक मैच 15 लाख रुपये) से इतर होगी। साथ ही शीर्ष क्रिकेटरों को सालाना केंद्रीय अनुबंध के अंतर्गत ‘रिटेनर फीस' भी मिलेगी।
शाह ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘मुझे सीनियर पुरुष टीम के लिए ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना' की शुरूआत करने की घोषणा करके खुशी हो रही है क्योंकि यह कदम हमारे खिलाड़ियों को वित्तीय विकास और स्थिरता मुहैया कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। '' उन्होंने कहा, ‘‘2022-23 सत्र से ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना' टेस्ट मैच के लिए मौजूदा 15 लाख रुपये की मैच फीस के लिए अतिरिक्त पुरस्कार के तौर पर काम करेगी। '' यह प्रोत्साहन पूर्वप्रभावी होगा जिसका असर 2022-23 सत्र के दौरान टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर भी होगा। उदाहरण के तौर पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 2023-24 सत्र के दौरान सभी 10 टेस्ट (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो दो, इंग्लैंड के खिलाफ पांच) खेले हैं तो उन्हें टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के लिए 1.5 करोड़ रुपये (15 लाख गुणा 10) की मैच फीस मिलेगी। उन्हें 4.5 करोड़ रुपये (45 लाख गुणा 10) भी मिलेंगे। इसलिये उनकी टेस्ट क्रिकेट से ही छह करोड़ रुपये की कमाई हो जायेगी।
इसमें अगर प्रत्येक सत्र की सात करोड़ रूपये की उनकी सालाना रिटेनरशिप भी जोड़ दी जाये तो उनकी कमाई 13 करोड़ रुपये हो जायेगी। यह निश्चित रूप से उनके एक सत्र में वनडे (प्रत्येक मैच आठ लाख रुपये) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (प्रत्येक मैच चार लाख रुपये) मैच के लिए मिलने वाली राशि से इतर होगी। बीसीसीआई ने इस गणना को समझाते हुए एक सत्र में औसत नौ टेस्ट लिये हैं। अगर कोई इनमें से 50 प्रतिशत मैच (इसे देखते हुए चार या कम) खेलता है तो उसे 15 लाख रुपये (अंतिम एकादश में खेलने के लिए) मिलेंगे और रिजर्व खिलाड़ियों को इसकी आधी राशि मिलेगी। लेकिन अगर वह इनमें से 50 से 75 प्रतिशत मैच (नौ में से पांच से छह मैच) तो उसे प्रत्येक मैच 30 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। अगर एक खिलाड़ी ने एक सत्र में छह टेस्ट खेले तो उसे मौजूदा मैच फीस 90 लाख रुपये (15 लाख रुपये गुणा छह) और 1.8 करोड़ रुपये (30 लाख रुपये गुणा छह) का प्रोत्साहन मिलेगी जिससे उसे 2.70 करोड़ रुपये मिलेंगे। मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे मुश्किल प्रारूप खेलने का पुरस्कार करार किया। द्रविड़ ने धर्मशाला में इंग्लैंड पर श्रृंखला में 4-1 की जीत के बाद कहा, ‘‘उम्मीद करता हूं कि यह राशि टेस्ट क्रिकेट खेलने का प्रोत्साहन नहीं होगी। यह देखना अच्छा है कि बीसीसीआई इस मुश्किल प्रारूप को तरजीह दे रहा है। यह पुरस्कार है प्रोत्साहन नहीं। '' यह फैसला कुछ खिलाड़ियों जैसे इशान किशन, श्रेयस अय्यर और दीपक चाहर के बोर्ड के लाल गेंद के क्रिकेट को प्राथमिकता देने के आदेश की अनदेखी के बाद लिया गया। ये खिलाड़ी रणजी ट्राफी क्रिकेट खेलने के बजाय अपनी इंडियन प्रीमियर लीग टीम के लिए ट्रेनिंग में जुटे थे। जब द्रविड़ से अय्यर और किशन के टेस्ट भविष्य के बारे में पूछा गया तो द्रविड़ ने कहा, ‘‘रोहित और मैं अंतिम एकादश चुनते हैं। कभी कभार मुझे नहीं पता होता कि कौन खिलाड़ी अनुबंधित है और कौन नहीं। कोई भी खिलाड़ी योजना से बाहर नहीं है। -
नयी दिल्ली. टिम पेन को चिर प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड को हारते देखना अच्छा लगता है लेकिन आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान को पता है कि टेस्ट क्रिकेट में भारत की ‘बी' टीम से हारने का दर्द क्या होता है । पेन 2020 . 21 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला के दौरान आस्ट्रेलिया के कप्तान थे जब भारत ने उसे उसकी धरती पर 2 . 1 से हराया था । विराट कोहली उस समय पहले टेस्ट के बाद स्वदेश लौट आये थे और रोहित शर्मा पहले दो टेस्ट से बाहर थे । तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उमेश यादव चोट के कारण बाहर थे जबकि रविचंद्रन अश्विन और जसप्रीत बुमराह गाबा पर आखिरी टेस्ट के लिये उपलब्ध नहीं थे । अजिंक्य रहाणे ने युवा भारतीय टीम की अगुवाई करके ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। पेन ने कहा ,‘‘ मुझे पता है कि भारत की बी टीम से हारना कैसा लगता है । हमारे साथ हमारे देश में यह हो चुका है ।'' उन्होंने आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ब्राड हाडिन से एक पॉडकास्ट में कहा ,‘‘ भारत के कुछ बड़े खिलाड़ी इस श्रृंखला में भी नहीं थे जिसका इंग्लैंड को फायदा होना चाहिये था ।'' कोहली, शमी, केएल राहुल और ऋषभ पंत के बिना भारत ने यह श्रृंखला 4 . 1 से जीती । कोच ब्रेंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स के साथ इंग्लैंड की किसी श्रृंखला में यह पहली हार थी । पेन ने कहा ,‘‘ मुझे इंग्लैंड को खेलते देखना और हारते देखना अच्छा लगता है । इंग्लैंड टीम काफी मनोरंजक है ।'' हाडिन ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम इस श्रृंखला में सबसे मजबूत नहीं थी लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट में कितनी गहराई है । भारतीय क्रिकेट की अगली पीढी के कुछ बड़े नाम इस श्रृंखला से निकले हैं । यशस्वी जायसवाल और ध्रुव जुरेल ने शानदार प्रदर्शन किया ।
- धर्मशाला। इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज और कुल तीसरे गेंदबाज बन गए हैं। अपना 187वां टेस्ट मैच खेल रहे 41 वर्षीय एंडरसन ने शनिवार को यहां भारत के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन कुलदीप यादव को विकेट के पीछे कैच कराकर अपना 700वां विकेट हासिल किया। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को शुभमन गिल के रूप में अपना 699वां विकेट हासिल किया था।टेस्ट क्रिकेट में 600 से अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में केवल दो तेज गेंदबाज शामिल हैं। इस सूची में एंडरसन के बाद उनके साथी खिलाड़ी स्टुअर्ट ब्रॉड का नाम शामिल है। पिछले साल संन्यास लेने वाले ब्रॉड के नाम पर 604 विकेट दर्ज हैं। सभी गेंदबाजों में श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन 800 विकेट लेकर शीर्ष पर काबिज हैं। उनके बाद ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न (708 विकेट) का नंबर आता है। भारत के अनिल कुंबले इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने 132 टेस्ट मैच में 619 विकेट लिए हैं। एंडरसन ने 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उम्र बढ़ने के बावजूद उन्होंने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा है। एंडरसन ने इंग्लैंड की तरफ से 194 एकदिवसीय मैच और 23 टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच भी खेले हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1000 विकेट पूरे करने के लिए केवल 13 विकेट की जरूरत है।
- धर्मशाला। अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे रविचंद्रन अश्विन ने मैच में नौ विकेट लिए जिससे भारत ने इंग्लैंड को पांचवें और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन ही शनिवार को यहां पारी और 64 रन से करारी शिकस्त दी। भारत ने इस तरह से पांच मैच की श्रृंखला 4-1 से जीती।इंग्लैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 218 रन पर आउट हो गई थी जिसके जवाब में भारत ने 477 रन बनाकर 259 रन की बढ़त हासिल की। इंग्लैंड की टीम अपनी दूसरी पारी में 195 रन पर आउट हो गई। पहली पारी में चार विकेट लेने वाले अश्विन ने दूसरी पारी में 77 रन देकर 5 विकेट लिए। इंग्लैंड की तरफ से जो रूट ने सर्वाधिक 84 रन बनाए।
- धर्मशाला।' रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान विभिन्न एक्शन और गति पर काम किया और इस स्टार ऑफ़ स्पिनर ने कहा कि बाहरी प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दिए बिना प्रयोग करना भारत की विभिन्न परिस्थितियों में उनकी सफलता का राज है। इंग्लैंड के खिलाफ यहां खेला गया पांचवा और अंतिम टेस्ट मैच अश्विन का 100वां टेस्ट मैच था। उन्होंने पांच मैच की श्रृंखला में सर्वाधिक 26 विकेट लिए। अश्विन ने पांचवें मैच में भारत की पारी और 64 रन से जीत के बाद कहा,‘‘ पूरी श्रृंखला के दौरान मैंने भिन्न एक्शन और गति से गेंदबाजी की। भारत में परिस्थितियां भिन्न होती हैं। यहां प्रत्येक मैदान से जुड़ी अपनी चुनौतियां होती हैं। लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं, इसको लेकर मैं कभी असहज महसूस नहीं करता हूं।'' इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि अपनी गेंदबाजी में नए आयाम जोड़ने की मानसिकता से उनकाे फायदा हुआ है।उन्होंने कहा,‘‘अगर मुझे विश्वास है कि मैं कुछ नया करने की कोशिश कर सकता हूं तो फिर मैं उससे पीछे नहीं हटता। मैं अच्छा फीडबैक लेने के लिए अपने कान और आंखें हमेशा खुली रखता हूं।'' अश्विन ने कहा,‘‘जब तक मैं प्रयास नहीं करूंगा तब तक मैं कैसे सीखूंगा। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मेरा कोई एक तरीका काम नहीं कर रहा है लेकिन सौभाग्य से प्रयोग करना और कुछ नया सीखने से मुझे मदद मिली है।'' अश्विन ने शनिवार को इंग्लैंड की दूसरी पारी में 77 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने इससे पहले रांची में चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भी 51 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने इन दोनों को पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करार दिया। उन्होंने कहा,‘‘इन दोनों स्पैल में मैंने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे वास्तव में मैं बहुत खुश हूं। रांची में दूसरी पारी के प्रदर्शन से मुझे बहुत खुशी मिली।'' अश्विन ने अपने साथी स्पिनर कुलदीप यादव की भी जमकर प्रशंसा की जिन्होंने चार टेस्ट मैच में 19 विकेट लिए। उन्होंने कहा,‘‘जिस तरह से गेंद कुलदीप के हाथ से निकल रही है वह अविश्वसनीय है। कलाई के स्पिनर को इस तरह के प्रवाह में देखना तथा पिछले 10 महीनों और इस श्रृंखला में उसने जिस तरह से बदलाव किये उसे देखना सुखद है।'
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नयी दिल्ली.भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने स्पष्ट किया है कि वह 10 मार्च से शुरू होने वाले दो दिवसीय चयन ट्रायल्स में केवल उन्हीं पहलवानों को भाग लेने की अनुमति देगा जो अपने मूल राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। डब्ल्यूएफआई ने इसके अलावा पहलवानों को एक से अधिक वजन वर्गों में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने का भी फैसला किया है। डब्ल्यूएफआई ने मंगलवार को सर्कुलर जारी करते हुए लिखा, ‘‘जयपुर में आयोजित सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने वाले पहलवान अपने राज्य की वास्तविकता की पुष्टि करने के लिए डब्ल्यूएफआई की लाइसेंस बुक, जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड साथ लेकर आएंगे।'' डब्ल्यूएफआई के सूत्र ने कहा,‘‘हरियाणा के रहने वाले कई पहलवानों ने जयपुर में तदर्थ समिति द्वारा कराई गई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों का प्रतिनिधित्व किया था।'' उन्होंने कहा,‘‘सिक्किम और अरुणाचल मान्यता प्राप्त राज्य इकाइयां नहीं है। हम किसी को प्रतिस्पर्धा करने से नहीं रोक सकते हैं लेकिन पहलवान को अपने मूल राज्य का प्रतिनिधित्व करना होगा। यहां तक कि अगर मूल रूप से अरुणाचल का रहने वाला कोई पहलवान ट्रायल्स में भाग लेने आता है तो हम उसे विशेष आमंत्रित के रूप में भाग लेने की अनुमति देंगे।'' इन ट्रायल्स का आयोजन किर्गिस्तान के बिशकेक में होने वाले एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई ओलंपिक खेल क्वालीफायर्स के लिए टीम का चयन करने के लिए किया जा रहा है। डब्ल्यूएफआई ने इसके साथ ही कहा है कि ट्रायल्स के पहले दिन यानी 10 मार्च को एक वजन वर्ग में भाग लेने वाला पहलवान अगले दिन दूसरे वजन वर्ग में प्रतिस्पर्धा पेश कर सकता है। सूत्र ने कहा,‘‘इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर अमन सहरावत या रवि दहिया जैसे दमदार पहलवान ओलंपिक वजन वर्ग (57 किग्रा) में चयन से चूक जाते हैं तो उन्हें गैर ओलंपिक वजन वर्ग (61 किग्रा) में भाग लेने का मौका मिल सकता है। इस तरह से हम मजबूत भारतीय टीम का गठन कर सकते हैं।'' डब्ल्यूएफआई ने इसके साथ ही अभी तक ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल को ट्रायल्स में भाग नहीं लेने की छूट दे दी है। वह हालांकि इस महीने के आखिर में ट्रायल्स की विजेता खिलाड़ी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेगी।
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नई दिल्ली। भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ से गुरुवार को यहां अपनी विशेष 100वीं टेस्ट कैप प्राप्त करने के बाद रविचंद्रन अश्विन की आवाज में भावनाओं और गर्व को महसूस किया जा सकता था। इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने इस दौरान कहा कि टेस्ट क्रिकेट जीवन के सबसे करीब है। इंग्लैंड के खिलाफ यहां पांचवें और अंतिम टेस्ट के साथ इस उपलब्धि को हासिल करने वाले अश्विन ने इस दौरान लुभावनी टी20 लीग के बीच टेस्ट क्रिकेट का समर्थन किया।
अश्विन ने कहा, ‘‘आईपीएल एक बेहद लोकप्रिय टूर्नामेंट रहा है, बहुत सारे बच्चे टी20 खेलना और आईपीएल में जाना चाहते हैं। मैं सचमुच चाहता हूं कि वे वहां पहुंचें। लेकिन एक बात याद रखें, यह प्रारूप (टेस्ट)… यह कई चीजों में है जो जीवन आपको नहीं सिखाएगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट ही जीवन है। यह जीवन के सबसे करीब है। यह आपको सामंजस्य बैठाना, दबाव से निपटना सिखाएगा।’’ वर्ष 2011 में टेस्ट पदार्पण करने वाले 37 वर्षीय अश्विन ने उन पर विश्वास करने और उनकी यात्रा का समर्थन करने के लिए अपने पिता रविचंद्रन की भी सराहना की।अश्विन ने कहा, ‘‘यह काफी भावनात्मक क्षण है। सिर्फ मेरे लिए नहीं। मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो भावनाओं से बहुत ज्यादा हिल जाएंगे। लेकिन आज चेन्नई में बैठे एक व्यक्ति के लिए बेहद भावनात्मक क्षण है। दुर्भाग्य से वह यहां नहीं पहुंच सके।’’उन्होंने कहा, ‘‘पहला दिन (बचपन में क्रिकेटर के रूप में), मुझे अब भी यह बहुत स्पष्ट रूप से याद है, मैं अपनी किट पेट्रोल टैंक के सामने रख देता था और फिर वह मुझे बाइक पर बैठाते थे और कोचिंग के लिए ले जाते थे।’’अश्विन ने कहा, ‘‘एक सरकारी कर्मचारी (उनके पिता) अपने बेटे को जीवन में मीलों आगे ले जाना चाहता था, उन्होंने सोचा था कि मैं कभी ऐसा कर पाऊंगा। उन्होंने मुझे मेरी मां और निश्चित रूप से मेरे दादाजी की मदद से यहां पहुंचाया।’’ संघर्ष के दौर में उनकी पत्नी प्रीति ने उनका काफी समर्थन किया।अश्विन ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी को नहीं पता था कि वह क्या कर रही है। वह इसमें शामिल हो गई है और वह आज मेरे साथ खड़ी है। मेरे दो प्यारे बच्चे हैं जो पिछले कुछ वर्षों से मेरी यात्रा का आनंद ले रहे हैं।’’अश्विन को कैप सौंपने के बाद द्रविड़ ने कहा कि तमिलनाडु का यह क्रिकेटर इस क्षण का हकदार था।द्रविड़ ने कहा, ‘‘आपने टीम को ईमानदारी से सब कुछ दिया है और आज आपका 100वां टेस्ट है। यह एक यात्रा थी जो चेन्नई की सड़कों से शुरू हुई थी। यह एक लंबी और घटनापूर्ण यात्रा रही है। यह आपके परिवार के बिना संभव नहीं होता।उन्हें भी बधाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप इस लम्हे के हकदार हैं। आपसे बात करना सौभाग्य की बात रही। एक कोच के रूप में आपके साथ काम करना सौभाग्य की बात है। और बेशक यह कैप आपको सौंपना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’’ मैदान पर प्रवेश करते हुए अश्विन को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। - धर्मशाला ।, भारत के सीनियर आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने मंगलवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला उनके कैरियर का निर्णायक मोड़ थी क्योंकि उससे मिली सीख से ही वह ऐसे गेंदबाज बन सके जोकि आज वह हैं । इंग्लैंड ने वह श्रृंखला 2 . 1 से जीती थी जो भारत में 1984 . 85 के बाद श्रृंखला में उसकी पहली जीत थी । अश्विन उस श्रृंखला में अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके और एलेस्टेयर कुक तथा केविन पीटरसन ने उन्हें आराम से खेला । बारह बरस बाद अश्विन ने उस श्रृंखला को अपने कैरियर का निर्णायक मोड़ बताया ।अश्विन ने अपने सौवे टेस्ट मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला मेरे लिये निर्णायक मोड़ थी । इसने मुझे बताया कि मुझे कहां सुधार करना है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ कुक ने यहां आकर आसानी से रन बनाये । उस पर काफी बात हुई लेकिन मेरे लिये वह श्रृंखला और उसके बाद आस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला ने बहुत कुछ बदला । मेरे टीम से बाहर रहने पर काफी बात हुई । मैने पहले अच्छा खेला था तो मुझे समझ में नहीं आया कि ऐसा क्यो हुआ ।'' अश्विन ने चार टेस्ट में 14 विकेट लिये थे । उन्होंने कहा ,‘ मेरे बारे में कई लेख लिखे गए और इसने मुझे सोचने पर मजबूर किया कि कहां गलती हुई । यह सबक मुझे हमेशा याद रहा ।'' इंग्लैंड के खिलाफ यहां सात मार्च से शुरू हो रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट के जरिये अश्विन अपने कैरियर के सौ टेस्ट पूरे करेंगे । उन्होंने इस बारे में कहा ,‘‘ यह बड़ा मौका है । गंतव्य से ज्यादा सफर खास रहा है । मेरी तैयारी में इससे कोई बदलाव नहीं आया है । हमें टेस्ट मैच जीतना है ।'' कैरियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ बर्मिंघम में 2018 . 19 में मेरे टेस्ट कैरियर का सर्वश्रेष्ठ स्पैल रहा । मैने दोनों पारियों में गेंदबाजी की । तीसरे दिन सुबह गेंदबाजी करके तीन विकेट लिये ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैने मैच में सात विकेट लिये और टीम को जीत के करीब ले गया था लेकिन हम वह मैच जीत नहीं सके ।'' भारत वह मैच 31 रन से हार गया था । अश्विन ने कहा ,‘‘ उसके बाद बेंगलुरू में टेस्ट मैच था जिसमें मैने दूसरे दिन सुबह गेंदबाजी की । सेंचुरियन में 2018 . 19 में पहले दिन चार विकेट लिये । ये स्पैल खास रहे ।'' हाल ही में 500 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले अनिल कुंबले के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज बने अश्विन ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था । रविंद्र जडेजा की बल्लेबाजी बेहतर होने के कारण उन्हें विदेश में अक्सर तरजीह मिलती रही लेकिन अश्विन ने कहा कि अब उन्हें अतीत से कोई गिला नहीं । उन्होंने कहा ,‘‘ अच्छा प्रदर्शन करने पर खेलने का मौका नहीं मिलने से दुख होता है लेकिन हालात से समझौता करना ही होता है क्योंकि टीम के हित में फैसले लिये जाते हैं । कोई कप्तान या खिलाड़ी किसी ऐसे खिलाड़ी को बाहर नहीं रखना चाहता जो उस मैच में उन्हें उपयोगी लगता हो ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ रविंद्र जडेजा अच्छा बल्लेबाज है और उसका औसत मुझसे बेहतर है । इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर सिर्फ गेंदबाजी के आधार पर ही चयन नहीं होता ।'' इतने साल में अपने परिवार के बलिदानों का जिक्र करते हुए अश्विन भावुक हो गए । उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी याददाश्त अच्छी होने से लोगों को लगता है कि आंकड़े मेरे लिये बहुत मायने रखते हैं जबकि ऐसा है नहीं । मेरे लिये इसके कोई मायने नहीं है लेकिन मेरे पापा के लिये, मम्मी और पत्नी के लिये है । मेरी बेटियां मुझसे ज्यादा रोमांचित है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ यह महज एक आंकड़ा है । जहीर खान सौ टेस्ट नहीं खेल सके । महेंद्र सिंह धोनी भी नहीं ।''
- मेलबर्न,। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस अभी तक अपनी मां के निधन के सदमे से उबर नहीं सके हैं और उन्होंने कहा कि जब उनकी मां यहां इलाज करा रही थी, ऐसे में टेस्ट श्रृंखला के लिये भारत जाना उनके जीवन का सबसे कठिन समय था । कमिंस की मां मारिया का पिछले साल कैंसर के कारण निधन हो गया था ।कमिंस ने एक पॉडकास्ट में कहा ,‘‘ मैं जब हवाई जहाज में बैठ रहा था तभी मुझे पता था कि कुछ सप्ताह में लौटना पड़ेगा ।' वह भारत दौरा बीच में छोड़कर ही लौट आये थे ।उन्होंने कहा ,‘‘ उस समय में दूर जाना मेरे जीवन का सबसे कठिन समय था । जब भी मैं बाहर जाता तो मुझे लगता कि घर पर समय बिताने की बजाय मैं जान बूझकर खेलने का विकल्प चुन रहा हूं । लेकिन मेरे माता पिता को मुझे खेलते देखकर बहुत खुशी होती थी और इसी से मुझे खेलने का आत्मविश्वास मिला ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ उस समय जितने भी समय मैं भारत में था, मेरा मन घर पर ही लगा रहा ।