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- इन दिनों गरमा-गरम कढ़ी खाने को मिल जाए, तो मजा आ जाता है। वैसे इस बात से तो आप भी सहमत होंगे कि कढ़ी में असली स्वाद तो पकौड़ों का होता है। ये सॉफ्ट-स्पंजी पकौड़े कढ़ी को सोख लेते हैं, जिस वजह से स्वाद और भी बढ़ जाता है। आमतौर पर आपने कढ़ी के लिए बेसन, नमक, हल्दी और अजवाइन वाले पकौड़े बनाए होंगे, ये सिंपल पकौड़े भी काफी अच्छे लगते हैं। लेकिन कढ़ी का स्वाद नेक्स्ट लेवल ले कर जाना है, तो पकौड़ी के साथ एक्सपेरिमेंट करना बनता है। आप और भी अलग-अलग तरह की पकौड़ी बना सकती हैं, जो कढ़ी में काफी टेस्टी लगती हैं। तो चलिए फटाफट से पकौड़ियां बनाने का तरीका जान लेते हैं।प्याज वाली ये पकौड़ी जरूर ट्राई करेंसिंपल बेसन वाली पकौड़ी की जगह आप प्याज वाली पकौड़ी कढ़ी में डाल सकती हैं। पंजाबी कढ़ी में अक्सर ऐसे ही पकौड़े डाले जाते हैं। इन्हें बनाने के लिए प्याज को लंबा-लंबा काट लें। फिर इसमें कटी हुई हरी मिर्च, अजवाइन, सौंफ, नमक, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर और गर्म मसाला मिलाएं। अब बेसन डालें और थोड़ा सा पानी मिलाकर एक घोल बना लें। इससे पकौड़े बनाकर तैयार करें। जब कढ़ी पका लें, तो उसमें ये पकौड़े एड करें, बहुत ही ज्यादा टेस्टी लगते हैं।कढ़ी के लिए पालक के पकौड़े बनाएंपालक पकौड़े वाली कढ़ी सर्दियों की खास है। सिंपल पकौड़े की जगह पालक के पकौड़े डालकर कढ़ी बनाएं, घरवाले उंगलियां चाट-चाटकर खाएंगे। इसके लिए सबसे पहले पालक को काट लें, चाहें तो थोड़ी से मेथी के पत्ते भी मिला सकती हैं। अब इसमें कटी हुई प्याज, हरी मिर्च, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, नमक, जीरा पाउडर, अजवाइन और चुटकी भर बेकिंग पाउडर एड करें। बेसन डालें और जरा से पानी के साथ घोल बनाकर तैयार कर लें। इन्हें तेल में तलकर टेस्टी से पकौड़े बना लें।बथुआ की पकौड़ी वाली कढ़ीसर्दियों के मौसम में बथुआ भी खूब आता है। तो कढ़ी के लिए क्यों ना इसकी पकौड़ी बनाकर तैयार करें। इसके लिए बेसन में लहसुन-अदरक का पेस्ट, जीरा, धनिया पत्ता, प्याज, लाल मिर्च पाउडर, नमक, अजवाइन डालें। अब बारीक कटा हुआ बथुआ एड करें और थोड़ा सा पानी डालकर एक घोल तैयार कर लें। इससे पकौड़ी बनाएं और कढ़ी में डालकर खाएं। मजा दोगुना हो जाएगा।राजस्थानी मेथी पकौड़ा वाली कढ़ीसर्दियों में आप राजस्थानी मेथी कढ़ी की तरह मेथी के पत्तों से पकौड़े बना सकती हैं। इसके लिए कटी हुई प्याज, बारीक कटी हुई मेथी, हरी मिर्च, कुटा हुआ साबुत धनिया, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, स्वादानुसार नमक, बेसन और थोड़ा सा पानी डालकर घोल बना लें। इसकी पकौड़ी बनाकर तेल में तल लें और कढ़ी में डालकर एंजॉय करें।
- सर्दियों के मौसम में रजाई में बैठकर गरमा-गरम गाजर का हलवा खाना, किसी जन्नत से कम तो बिल्कुल नहीं है। वो भी हलवा घर का बना हुआ हो, तो मजा और भी दोगुना हो जाता है। लेकिन गाजर का हलवा बनने में टाइम बहुत लगता है। पहले तो इतनी सारी गाजर कद्दूकस करो, फिर कहीं जा कर हलवा बनाओ। ढेर सारा मावा भी चाहिए होता है। लेकिन क्या हो अगर हलवा फटाफट बन जाए और स्वाद भी एक नंबर आए? जी हां, इंस्टाग्राम पर एक यूनिक तरीका लोगों को काफी पसंद आ रहा है, जिससे गाजर का हलवा बनाना काफी आसान हो जाएगा। इसके लिए आपको मावे की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। तो चलिए फटाफट जान लेते हैं।खत्म हुआ कद्दूकस करने का झंझटगाजर का हलवा बनाना झंझट भरा इसलिए लगता है क्योंकि ढेर सारी गाजर छीलकर फिर कद्दूकस करनी पड़ती है। इस वायरल तरीके के हिसाब से आपका ये झंझट भी खत्म हो जाएगा। इसके लिए बस गाजर धो कर, छील लें फिर इसे गोल टुकड़ों में काट लें। चाकू से गाजर काटने में टाइम लगता है तो आप गिलास की मदद से एक साथ दो-तीन गाजर काट सकती हैं। गिलास का मुंह जितना धारदार होगा, काम उतनी ही तेजी से होगा।घी में पकाकर दूध में भून लेंगाजर काट लें, तो इन्हें हल्के से देसी घी में भून लें। अब ऊपर से फुल क्रीम दूध डालें और ढककर गाजर को पकने दें। तब तक पकाएं, जब तक गाजर एकदम सॉफ्ट ना हो जाए। अब एक मैशर या चमचे की मदद से गाजर को दूध में मैश कर लें। अच्छी तरह दवाब डालें, ताकि गाजर के मोटे टुकड़े ना बनें। ये एकदम कद्दूकस की हुई गाजर लगेगी।मावे की जगह डालें ये चीजअगर मावा नहीं है, तो आप गाजर के हलवे में दूध की मलाई भी डाल सकती हैं। इससे भी काफी अच्छा स्वाद और टेक्सचर आता है। चीनी के साथ हल्का सा इलायची पाउडर डालना ना भूलें, इससे हलवे की खुशबू और स्वाद दोनों बढ़ जाते हैं।देसी घी में भूनकर डालें ड्राई फ्रूट्सगाजर में हलवे में असली मजा तो ड्राई फ्रूट्स का ही आता है। आप इसमें अपने मनपसंद ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, किशमिश, काजू या पिस्ता एड कर सकती हैं। इन्हें पहले देसी घी में सुनहरा होने तक भून लें, उसके बाद हलवे में ऊपर से एड करें। रंगत और स्वाद दोनों ही बहुत अच्छे आते हैं।
- सर्दियां शुरू होते ही सबसे ज्यादा क्रेज हरी मटर का होता है। वैसे तो ये मटर पूरे साल मिलती है। लेकिन ताजी हरी मटर के स्वाद के दीवाने अलग ही होते हैं। जो इसे पूरी सर्दी हर सब्जी में डालकर खाना पसंद करते हैं। लेकिन अगर आप हरी मटर के दीवाने हैं तो केवल सब्जियों में डालकर ही ना खाएं बल्कि ये 7 तरह की मजेदार डिश जरूर बना लें। पहले वाली का नाम तो जरूर सुना होगा।हरी मटर का निमोनाउत्तर प्रदेश में सर्दियों के सीजन में मिलने वाली हरी मटर का निमोना बनाया जाता है। जिसका स्वाद लोगों को इतना पसंद होता है कि पूरे ठंड के मौसम में वो इसे खाते हैं। कच्ची मटर को पीसकर और तेल में भूनकर मसालों के साथ तैयार ग्रेवी को ही निमोना बोलते हैं।हरे मटर की सलोनीयूपी में सर्दियों में एक और डिश जो हर घर में बनती है, वो है तीखी, चटपटी धनिया, मिर्च और लहसुन की पत्तियों को मिलाकर बनने वाली सलोनी। जिसे आप हरे मटर की चाट भी बोल सकते हैं लेकिन ये बिल्कुल अलग तरह से बनकर तैयार होती है और यूपी के लोगों की फेवरेट होती है।हरे मटर से भरी रोटियांआमतौर पर हरी मटर की स्टफिंग वाले पराठे और पूड़ी तो खाए होंगे। लेकिन यूपी में हरे मटर की स्टफिंग भरकर गर्मगार्म रोटियां तैयार की जाती है, जिसे बेढ़नी बोला जाता है। इन रोटियों पर देसी घी लगाकर सर्व करते हैं।हरी मटर का सागहरी मटर को साग में मिलाकर भी मजेदार तरीके से तैयार किया जाता है। सरसों के साग के अलावा पालक की ग्रेवी में हरी मटर डालकर साग तैयार किया जाता है। वहीं मेथी मटर मलाई तो हर किसी की फेवरेट रहती है।
- शादी के मौके पर हर दुल्हन चाहती है कि उसका चेहरा दमकता और स्वस्थ दिखे। आजकल बाजार में कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं लेकिन प्राकृतिक और घर पर बनाए जाने वाले लेप अधिक सुरक्षित और असरदार साबित होते हैं। इस आर्टिकल में हम ब्राइडल ग्लो लेप की जानकारी देंगे जिसमें कस्तूरी हल्दी, मसूर दाल पाउडर, चंदन पाउडर, ताजे दूध या गुलाब जल और 2-3 बूंदें कुमकुमादी तेल शामिल हैं। यह लेप त्वचा को पोषण देने के साथ-साथ प्राकृतिक चमक भी प्रदान करता है। हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, मसूर दाल त्वचा को साफ और मुलायम बनाती है, चंदन पाउडर त्वचा की जलन और दाग-धब्बों को कम करता है, जबकि कुमकुमादी तेल और दूध त्वचा में नमी और निखार लाते हैं। यह लेप हर प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त है और विशेष अवसरों के लिए आदर्श माना जाता है।लेप के लिए आवश्यक सामग्री:1 चम्मच कस्तूरी हल्दी, 1 चम्मच मसूर दाल पाउडर, 1 चम्मच चंदन पाउडर, 1–2 चम्मच कच्चा दूध या गुलाब जल, 2–3 बूंद कुमकुमादी तेल
- उड़द की दाल तो आपने जरूर खाई होगी। उड़द की दाल से वैसे तो कई व्यंजन बनते हैं, जैसे दही बड़े, सांभर वाला वड़ा लेकिन क्या आपने इसकी बनी बड़ी खाई है। कई जगहों पर उड़द की दाल की बड़ी बनाकर लोग बिजनेस भी करते हैं। उड़द की बड़ी कई मसालों को मिलाकर बनाई जाती है और इसकी सब्जी लोग बड़े चाव से खाते हैं। अगर आपको दाल खाना पसंद न हो तो आप इसकी सब्जी बनाकर खा सकते हैं। इसके अलावा आलू-टमाटर के साथ भी इसकी सब्जी बनाई जाती है। इतना ही नहीं उड़द की दाल में कॉपर, पोटैशियम, विटामिन बी 1 और जिंक जैसे तत्व होते हैं, ऐसे में ये बड़ियां खाने से सेहत को भी कई फायदे होते हैं। चलिए आपको उड़द दाल की बड़ी बनाने की विधि बताते हैं।बनाने के लिए सामग्रीकिलो- उड़द दाल, 1/2 कटोरी सूखी धनिया, 2 बडे़ चम्मच- साबुत काली मिर्च, 2 चम्मच- सौंफ, 1 टेबलस्पून- साबुत जीरा, 1 छोटा चम्मच- पिसी हुई काली मिर्च, 1 चम्मच- पिसा हुआ धनिया, 1/2 चम्मच- हींग, 8 से 10 बड़ी इलायची, 10 से 12- छोटी इलायची, 5 से 6- लौंग।कैसे बनाएंउड़द की दाल को रात में भिगोकर रख दें। दाल कम से कम 8 घंटे तक भीग जाए, जिससे ये अच्छे से फूल जाए। दाल को सुबह अच्छे से धोकर मिक्सी में हल्का दरदरा पीस लें। दाल के पेस्ट को कटोरे में निकाल लें। अब आपको सभी मसालों को तवे या कड़ाही पर भून लें और फिर इन्हें मिक्सी में पीसकर पाउडर बना लें। इसके बाद मसाला पाउडर आपको पिसी हुई उड़द की दाल में मिलाना है। इस पेस्ट को अच्छे से मिक्स करें, जिससे पूरा मसाला पूरी दाल में फैल जाए। फिर एक थाली या साफ पन्नी लें और इस पर घी या तेल हल्का सा लगा लें। अब दाल वाले पेस्ट को छोटे-छोटे टुकड़े में थाली या पन्नी पर पकोड़ी की तरह गिराएं। बड़ी को बनाते समय थोड़ा स्पेस दें, ताकि ये आपस में चिपके नहीं। 5-6 दिन आप बड़ियों को धूप या पंखे की हवा में सूखने के लिए रखें। फिर एयरटाइट डिब्बे में बंद करके रखें। सब्जी बनाने के लिए इनका इस्तेमाल करें।
- पनीर का पराठा टेस्ट में लाजवाब होने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। अगर आप प्रोटीन रिच ब्रेकफास्ट लेते हैं तो वेजिटेरियन लोगों के लिए ये बेस्ट सोर्स हो सकता है। जो टेस्टी होने के साथ ही हेल्दी भी है। लेकिन पनीर का पराठा बनाने में काफी मुश्किल होती है। अक्सर पराठा फट जाता है और सारी पनीर बाहर आ जाती है। इस तरह के झंझट से बचने के लिए ज्यादातर लोग पनीर का पराठा बनाना अवॉएड करते हैं। लेकिन अगर आप बिना फटे सारे पराठे बनाकर तैयार करना चाहती हैं तो पनीर का पराठा बनाने की ये खास ट्रिक वाली रेसिपी को नोट कर लें।पनीर का पराठा बनाने की सामग्रीसौ ग्राम पनीरहरी मिर्चबारीक कटा प्याजबारीक कटी हरी धनियाजीरानमक स्वादानुसारअजवाइनलाल मिर्च पाउडरपानीघी या तेलगेहूं का आटापनीर का पराठा बनाने की रेसिपीसबसे पहले पनीर को कद्दूकस में घिसकर रख लें।अब इसमे सारे मसाले मिलाएं। जैसे जीरा, अजवाइन, बारीक कटी हरी मिर्च, हरी धनिया।साथ ही बारीक कटा प्याज भी इसमे डाल दें।साथ में गेहूं का आटा डालकर घोल तैयार करें।ध्यान रहे कि गेंहू के आटे की मात्रा पनीर के अनुसार हो, जिससे कि केवल पनीर या आटा का टेस्ट ना आए।सारी चीजों को अच्छी तरह मिक्स करें और नमक डालें।पानी डालकर चीले के जैसा बैटर तैयार कर लें।अब तवे को गर्म करें और बैटर को फैलाएं। साइड से तेल डालकर दो मिनट के लिए ढंक दें।धीमी फ्लेम पर इसे पक जान दें। एक बार पकने के बाद ये तवा छोड़ देगा और इसे पलटकर दबा-दबाकर सेंके। जिससे कि ये पूरा अंदर तक सिंक जाए।बस तैयार है गर्मागर्म पनीर का पराठा, बिना फटने के झंझट के तैयार इस पराठे को ब्रेकफास्ट में सर्व करें और गर्मागर्म खाएं।.
- सर्दियों की शुरुआत होते ही बाजारों में ताजी हरी सब्जियों की खुशबू फैल जाती है, और इन्हीं में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली सब्जी है गोभी। ठंड के मौसम में गोभी-आलू की सब्जी न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि ये सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर लोगों को ढाबा स्टाइल आलू-गोभी की सब्जी काफी पसंद आती है।तो अगर आप रोज की साधारण सब्जियों से बोर हो चुके हैं, तो आज हम आपको सिखाएंगे ढाबा-स्टाइल गोभी-आलू की मसालेदार सब्जी बनाना, जिसे खाने के बाद आप अपनी उंगलियां चाटते रह जाएंगे। ये सब्जी गरम-गरम पराठों, पूरी या रोटी के साथ बेहद स्वादिष्ट लगती है। खास बात यह है कि इसे बनाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती और इसका स्वाद किसी भी होटल के खाने को टक्कर दे सकता है।आलू-गोभी की सब्जी बनाने का सामान1 मीडियम गोभी2 आलू1 बड़ा प्याज1 टमाटर1 हरी मिर्चअदरक-लहसुन का पेस्ट1 चम्मच हल्दी1 चम्मच लाल मिर्च1 चम्मच धनिया पाउडरनमक स्वादानुसार2 चम्मच तेलहरा धनिया सजाने के लिएविधिआलू गोभी को बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में तेल गर्म करें और आलू गोभी को सुनहरा होने तक भूनें। यदि आप इसे भूनकर बनाएंगे, तो सब्जी का स्वाद ज्यादा अच्छा आएगा।इसे भूनने के बाद टिश्यू पेपर में निकाल लें, तकि इसका अतिरिक्त तेल निकल जाए। अब कढ़ाई में तेल गर्म करें, उसमें प्याज और अदरक-लहसुन डालकर सुनहरा भूनें।जब टमाटर और मसाले डालकर तेल छोड़ने तक भूनें। इसके बाद इसमें भुने हुए गोभी और आलू डालें और हल्के हाथ से मिलाएं। इसी दौरान इसमें नमक मिक्स कर दें।
- सर्दी के मौसम में चाय पीना शायद ही कोई नापंसद करता हो। ये न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि शरीर को गर्माहट और ऊर्जा भी देती है। वैसे तो पारंपरिक चाय में चीनी डाली जाती है, लेकिन अब लोग स्वास्थ्य को देखते हुए चीनी का सेवन अवॉयड कर रहे हैं। इसकी जगह लोग चाय में गुड़ डालना पसंद करते हैं, जो सर्दी में काफी फायदेमंद मानी जाती है, लेकिन अक्सर लोगों को ये शिकायत रहती है कि जब लोग चाय में गुड़ डालते हैं तो वो फट जाती है और स्वाद पूरी तरह बदल जाता है। ऐसा होने से चाय का मजा किरकिरा हो जाता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं, तो कुछ आसान ट्रिक्स अपनाकर इसे रोक सकते हैं। सही तापमान, सही समय और कुछ घरेलू नुस्खे जानकर आप सर्दियों में स्वादिष्ट और क्रीमी गुड़ की चाय का आनंद ले सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे बनाएं गुड़ वाली चाय, वो भी बिना फटे।चाय को गैस से उतारने के बाद गुड़ डालेंये सबसे जरूरी टिप है। लोगों को गलता है कि जब गुड़ की चाय बनाई जाती है, उसमें भी चीनी की तरह ही उबलते दूध में गुड़ डाल दिया जाता है। जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। दरअसल, उबलते दूध में सीधे गुड़ डालने से दूध फट जाता है। इसलिए चाय बन जाने के बाद गैस बंद कर दें और एक मिनट ठंडा होने दें, फिर गुड़ मिलाएं।गुड़ को अलग पानी में घोलकर डालेंअगर गुड़ का स्वाद अच्छा चाहिए तो गुड़ को पहले घोल लें। उसके लिए पहले थोड़ा गर्म पानी लें और उसमें गुड़ घोलें। गुड़ को पूरी तरह से घोलने के बाद इस मिश्रण को बनी हुई चाय में डालें। इससे दूध और गुड़ की प्रतिक्रिया नहीं होगी और चाय फटने से बच जाएगी।सही दूध का इस्तेमाल करेंगुड़ वाली चाय को बनाने के लिए हमेशा लो-फैट दूध का इस्तेमाल करें। ऐसा माना जाता है कि फुल क्रीम दूध में फैट ज़्यादा होता है, जिससे फटने की संभावना बढ़ती है। इसलिए गुड़ वाली चाय बनाने के लिए लो-फैट या टोंड दूध बेहतर विकल्प है।सही बर्तन लेंगुड़ वाली चाय बनाने के लिए हमेशा सही बर्तन का चुनाव करें। ध्यान रखें एल्यूमिनियम या तांबे के बर्तन की जगह स्टील या नॉन-स्टिक पैन में चाय बनाएं। इससे चाय फटने की संभावना कम होती है।
- अनानास ना सिर्फ एक स्वादिष्ट फल है बल्कि इसमें मौजूद विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। यह पाचन सुधारने, इम्यूनिटी बढ़ाने और स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन अक्सर लोग इसे खाने से पहले काटने में हिचकिचाते हैं क्योंकि इसकी मोटी छाल और कांटेदार बाहरी परत के कारण इसे काटना थोड़ा मुश्किल लगता है। अगर आपको सही तरीका पता हो तो अनानास को छीलना और काटना बहुत आसान है। घर पर थोड़े से ध्यान और सही कदम अपनाकर आप मिनटों में इसे साफ-सुथरे टुकड़ों में काट सकते हैं। यहां जानें अनानास काटने का सही तरीका और सिंपल स्टेप्स।1. पका हुआ अनानास चुनें: अनानास का रंग हल्का पीला और हरा मिश्रित होना चाहिए। नीचे की तरफ से मीठी खुशबू आने पर समझिए यह खाने के लिए तैयार है।2. ऊपरी और निचला हिस्सा काटें: एक मजबूत चाकू की मदद से अनानास का ऊपर का पत्ता वाला हिस्सा और नीचे का हिस्सा लगभग ½ इंच काट दें। इससे अनानास को बोर्ड पर खड़ा करना आसान हो जाता है।3. छिलका हटाएं: अब अनानास को सीधा खड़ा करें और ऊपर से नीचे की ओर पतली परतों में छिलका काटें। ध्यान रखें कि भूरे रंग के 'आंख जैसे दाग' (eyes) भी साथ में निकल जाएं।4. आंखों को साफ करें: अगर कुछ छोटे दाग बचे हों तो छोटे चाकू से तिरछे पैटर्न में उन्हें निकाल दें।5. चार हिस्सों में काटें: अब अनानास को बीच से लंबाई में काटें, फिर हर टुकड़े को आधा करें। आपको कुल चार हिस्से मिलेंगे।6. बीच का सख्त हिस्सा निकालें: हर टुकड़े के बीच का सख्त हिस्सा चाकू से निकाल दें क्योंकि यह खाने योग्य नहीं होता।7. छोटे टुकड़ों में काटें: अब आप चाहें तो अनानास को चौकोर टुकड़ों या लम्बे स्लाइस में काट लें।8. रेफ्रिजिरेटर में रखकर कुछ देर ठंडा करें और फिर मसाला या काला नमक छिड़ककर खाएं।
- केसर दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक है जो अपनी खुशबू, रंग और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसे भोजन, मिठाइयों, स्किन केयर और औषधियों में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन बाजार में केसर की ऊंची कीमत के कारण नकली और मिलावटी केसर भी बड़ी मात्रा में बिकता है जिससे असली और नकली में फर्क करना बहुत मुश्किल हो जाता है। असली केसर ना केवल महंगी होती है बल्कि उसकी खुशबू और स्वाद भी बेहद खास होते हैं। इसलिए, अगर आप केसर खरीद रहे हैं तो इन सरल घरेलू परीक्षणों की मदद से असली और नकली केसर की पहचान आसानी से कर सकते हैं।असली केसर पहचानने के उपयोगी टिप्स (Useful Tips to Identify Real Saffron)पानी में डालकर जांचें: थोड़ी सी केसर को गर्म पानी में डालें। अगर कुछ देर बाद पानी का रंग धीरे-धीरे सुनहरा या हल्का पीला हो जाए और धागे का रंग न बदले, तो वह असली है। नकली केसर तुरंत गाढ़ा लाल रंग छोड़ती है।खुशबू से पहचानें: असली केसर की खुशबू तेज और मीठी होती है जिसमें मिट्टी और शहद जैसी हल्की महक आती है। नकली केसर में अक्सर आर्टिफिशियल सुगंध मिलाई जाती है।स्वाद से करें टेस्ट: असली केसर का स्वाद कड़वा और हल्का कसैला होता है जबकि नकली केसर में मीठापन महसूस होता है।पेपर टेस्ट करें: केसर के कुछ धागों को सफेद पेपर पर रखें और थोड़ा पानी डालें। अगर धागे लाल रंग छोड़ते हैं और दाग बनता है तो वह नकली है। असली केसर का रंग प्राकृतिक और धीरे-धीरे घुलता है।दूध टेस्ट: गर्म दूध में केसर डालें। अगर दूध धीरे-धीरे पीला या सुनहरा रंग ले और धागे अपनी आकृति बनाए रखें तो वह असली है। नकली केसर तुरंत दूध को गहरा नारंगी कर देती है।केसर की बनावट देखें: असली केसर के धागे मुड़े हुए और हल्के खुरदरे होते हैं, जबकि नकली केसर चिकनी और सीधी दिखती है।
- अगर आपके बाल भी घुंघराले हैं या फिर हमेशा उलझे-उलझे रहते हैं तो अलसी के बीज आपके बेहद काम के हैं। दरअसल, अलसी के बीज न सिर्फ हेल्दी भोजन के लिए ही नहीं, बल्कि बालों की देखभाल में भी बेहद फायदेमंद होते हैं। ऐसे में बालों में अलसी के बीज से बने घरेलू हेयर जेल का इस्तेमाल करने से बाल मुलायम, चमकदार बन सकते हैं।बाजार में मिलने वाले हेयर जेल में अक्सर कैमिकल्स होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन अलसी के बीजों से बना ये हेयर जेल सिर्फ 10 रुपये में तैयार किया जा सकता है और इसे बनाने में अधिक समय भी नहीं लगता। प्राकृतिक तरीके से बालों की देखभाल करना चाहते हैं तो यह सरल और किफायती उपाय आपके लिए परफेक्ट है। ये जेल बालों को स्टाइल करने के साथ-साथ उन्हें पोषण भी देता है।अलसी का जेल बनाने का सामानइसे बनाने के लिए आपको सिर्फ दो बड़े चम्मच अलसी की बीजों की और एक कप पानी की जरूरत पड़ेगी।हेयर जेल बनाने की विधिअलसी के बीजों से हेयर जेल बनाने के लिए सबसे पहले तो अलसी के बीज को पानी में 10–15 मिनट के लिए भिगो दें। कुछ देर बाद इसे गैस पर रखकर उबाल लें। उबालने से ये चिपचिपा सा होने लगेगा। जब बीज पानी में जेल जैसा हो जाए, तो इसे कुछ देर के लिए साइड में रख दें, ताकि ये ठंडा हो जाए। मिश्रण के ठंडा होने के बाद इसे मिक्सर में अच्छी तरह ब्लेंड करें। ब्लैंड करने के बाद एक सूती कपड़े में रखकर इसे छान लें। छानने के बाद जो चिपचिपा पदार्थ निकला है, वही अलसी का जेल है।ऐसे करें उपयोगइसका इस्तेमाल बेहद आसान है। इस जेल के इस्तेमाल के से पहले अपने बालों को धो लें। जब बाल हल्के गीले हों, तभी इसे अपने हाथों की मदद से इसे बालों के सिरों से लेकर स्कैल्प तक पर अप्लाई करें। बस बालों को अब ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद आपके बाल न तो उलझेंगे और न ही बेजान दिखेंगे।एक्सट्रा टिपआप चाहें तो खुशबू और ज्यादा फायदे के लिए इसमें लैवेंडर या रोजमेरी का एसेंशियल ऑयल भी मिला सकते हैं। इसकी वजह से आपके बालों में खुशबू भी आने लगेगी।--
- प्लाजो-सूट आजकल ज्यादातर महिलाएं प्रिफर करती हैं। कारण है इनका सुंदर फ्लोई डिजाइन और कंफर्टेबल फिट। तभी तो डेली वियर हो या कोई खास मौका, ये हमेशा ही अच्छे लगते हैं। अगर आप भी सूट सिलवाने की सोच रही हैं, तो प्लाजो एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यहां हम आपके लिए कुछ फैंसी डिजाइन ले कर आए हैं, जो एक स्टाइलिश सूट खरीदने में आपकी मदद करेंगे। सूट की स्टिचिंग के लिए भी आप यहां से आइडियाज ले सकती हैं। (All Images Credit-Pinterest)ऑल टाइम क्लासिक रेड सूटरेड सूट हर लेडीज की खूबसूरती में चार चांद लगा देता है। आने वाले त्योहारों के लिए आप एक रेड रंग का सिंपल फैब्रिक के कर प्लाजो सूट स्टिच करा सकती हैं। डिजाइनर लुक के लिए लटकन, लेस जैसे विकल्पों का इस्तेमाल करें। सूट बहुत ही ज्यादा क्लासी और एलिगेंट लुक देगा।जॉर्जेट का सूट लेंडेली वियर के लिए या फिर कुछ हल्का-फुल्का पहनना है, तो जॉर्जेट का सूट स्टिच करा लें। इस तरह का प्लेन वाइट सूट विद थ्रेड एंब्रॉयड्री वर्क, देखने में बहुत सुंदर लगेगा। आप प्लेन फैब्रिक और मैचिंग लेस ले कर भी इस तरह का फ्लोई और क्लासी सूट स्टिच करा सकती हैं।घेरदार प्लाजो स्टिच कराएंघेरदार प्लाजो एकदम फेस्टिव परफेक्ट लुक देता है। सूट को थोड़ा है हेवी दिखाना चाहती हैं, तो घेरदार प्लाजो रखें। ये एकदम लहंगे वाला लुक देगा। लुक बैलेंस रहे, इसके लिए ध्यान रखें कि प्लाजो सिंपल हो। अगर सूट और प्लाजो दोनों की हेवी एंब्रॉयडरी वाले होंगे, तो लुक थोड़ा आउटडेटेड लग सकता है।शॉर्ट कुर्ती विद प्लाजोआजकल शॉर्ट कुर्ती के साथ घेरदार प्लाजो काफी ट्रेंड में है। ये काफी मॉडर्न लुक देते हैं और पहनने में भी कंफर्टेबल रहते हैं। गर्ल्स के लिए खासतौर से ये स्टाइल परफेक्ट रहेगा। आप फैब्रिक ले कर भी कुछ इस तरह का सूट सेट स्टिच करा सकती हैं।नैरो प्लाजो स्टिच कराएंआजकल नैरो प्लाजो भी खूब चलन में है। स्टाइलिश लुक चाहती हैं, तो इस तरह का प्लाजो स्टिच करा लें। साथ में सूट की लैंथ थोड़ी कम ही रखें, ताकि प्लाजो हाइलाइट हो सके। फेस्टिव सीजन के लिए आप इस तरह का सूट सिलवा सकती हैं, एकदम अलग हटकर लुक मिलेगा।नेट लगवाकर प्लाजो बनाएंडिजाइनर सूट वाला लुक चाहिए, तो इस तरह नेट और मैचिंग लेस लगवाकर सूट स्टिच करा सकती हैं। ये बहुत ही फैंसी लुक देगा। सूट की स्लीव्स और प्लाजो पर नेट फैब्रिक अटैच कराएं। इससे आपके सूट में डिटेलिंग एड होगी, जो देखने में काफी एलिगेंट और स्टाइलिश लगती है।हेवी कढ़ाई वाला सूटहेवी कढ़ाई वाला एक सूट आपके वॉर्डरोब में जरूर होना चाहिए। ये देखने में बेहद सुंदर लगता है और इसे पहनने के बाद यकीनन पूरे फंक्शन की जान आप ही बन जाएंगी। दो कॉन्ट्रास्ट रंगों वाला सूट चुनें, जिसपर हेवी गोल्डन एंब्रॉयडरी हो; इससे एकदम परफेक्ट फेस्टिव वाइब आएगी।सिंपल क्लासी सूटकहते हैं ना सूट जितना सिंपल होगा, उतना ही क्लासी लगेगा। बात बिल्कुल सच है। फेस्टिव सीजन के लिए आप कुछ इस तरह का सिंपल सूट स्टिच करा सकती हैं। प्लेन फैब्रिक ले कर भी ये बनवाया जा सकता है। इसके साथ कॉन्ट्रास्ट शेड का दुपट्टा रखें। स्लीव्स चाहें तो जॉर्जेट या शिफॉन फैब्रिक की बनवा लें, सूट में और जान आ जाएगी।
- कई बार व्यक्ति बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह जाता है, बस सामने वाले को इसे भांपना आना चाहिए। नीति शास्त्र की ज्ञान भरी बातें लक्षणों के आधार पर व्यक्ति के मन का भेद बताती हैं, जिन्हें जानकर बिना जन्मकुण्डली या ग्रहदशा देखे ही यह अनुमान लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का कार्य सामने वाले व्यक्ति से बनेगा या नहीं। अक्सर हम किसी से कुछ मांगते हैं या कोई आग्रह करते हैं, पर सामने वाला व्यक्ति ‘हां’ कहेगा या ‘न’, यह उसकी आंखों, मुखमुद्रा और व्यवहार से पहले ही समझा जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति को किसी को कुछ देने की भावना होती है, तो उसके चेहरे पर सहज सौम्यता दिखाई देती है, उसकी आंखों में स्नेह और प्रसन्नता झलकती है। ऐसा लगता है मानो मन की सहमति चेहरे से प्रकट हो रही हो। यह वही क्षण होता है जब हमें विश्वास हो जाता है कि हमारी इच्छा पूरी होने वाली है। किसी कवि ने कहा है,नयना देत बताय सब, जियको भेद अभेद। जैसे निर्मल आरसी, भली बुरी कहि देत।।आंखें मन की बातों को प्रकट कर देती हैं, जैसे दर्पण मुख की हर विकृति को साफ़ दिखा देता है। जब व्यक्ति ‘ना’ कहना चाहता है, तब उसका व्यवहार एकदम बदल जाता है। प्राचीन ग्रंथों में “न कार षट् लक्षणम”, यानी ‘न’ के छह लक्षण बताए गए हैं, मौन हो जाना, कल परसों आना, आसमान को देखना, आंखें नीची कर लेना, चलने को उद्यत हो जाना, अन्य व्यक्ति से बात प्रारम्भ कर देना।मौनं काल विलम्बश्च, भृकुटि भूमि-दर्शनम्। प्रयाणान्य वार्ता च, न कार षट् लक्षणम्।।इनमें से एक भी लक्षण यदि दिख जाए, तो समझ लेना चाहिए कि व्यक्ति का मन ‘ना’ कह चुका है, चाहे उसके होंठ अब तक मौन हों। वास्तव में, मनुष्य का मौन, दृष्टि और आचरण में उसके मनोभावों की सच्ची अभिव्यक्ति छिपी होती है। शब्द तो केवल औपचारिकता हैं, निर्णय तो चेहरे की झलक, आंखों की भाषा और व्यवहार के संकेत पहले ही दे देते हैं। यही मनोविज्ञान की वह सूक्ष्म कला है, जो हमें दूसरों को समझने की शक्ति प्रदान करती है।--
- सर्दियों में शरीर को अंदर से गर्म और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए बादाम का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। बादाम में विटामिन E, फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम और हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं जो दिमाग, दिल और त्वचा तीनों के लिए लाभकारी हैं। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या सर्दियों में बादाम भिगोकर खाना चाहिए या सूखा ही खाना बेहतर है? दरअसल, दोनों ही तरीकों के अपने फायदे हैं लेकिन अगर आप बादाम को सही तरह से और सही समय पर खाते हैं तो इसके पोषक तत्वों का असर कई गुना बढ़ जाता है। आइए जानते हैं सर्दियों में बादाम खाने का सही तरीका और भिगोए बनाम बिना भिगोए बादाम के फायदे–भिगोए हुए बादाम खाने के फायदे–आसानी से पचते हैं: भिगोए हुए बादाम की बाहरी परत मुलायम हो जाती है जिससे इन्हें चबाना और पचाना आसान होता है।पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण: भीगने से बादाम में मौजूद एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं जिससे शरीर विटामिन और मिनरल्स को आसानी से अवशोषित कर पाता है।त्वचा और बालों के लिए बेहतर: विटामिन E की मात्रा भीगे बादाम से ज्यादा असर दिखाती है जिससे त्वचा मुलायम और बाल मजबूत बनते हैं।इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है: भिगोए बादाम सर्दी-जुकाम और संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं।बिना भिगोए बादाम खाने के फायदे –गर्माहट प्रदान करते हैं: सर्दियों में सूखे बादाम खाने से शरीर को गर्मी मिलती है।लंबे समय तक एनर्जी देते हैं: सूखे बादाम में मौजूद हेल्दी फैट्स धीरे-धीरे ऊर्जा छोड़ते हैं जिससे दिनभर एक्टिव रहते हैं।रोजमर्रा की स्नैकिंग के लिए अच्छे: इन्हें कहीं भी आसानी से खाया जा सकता है – जैसे काम के बीच, ट्रैवल करते समय या चाय के साथ।क्या है सही तरीका?अगर आपका पाचन कमजोर है या मुंहासों की समस्या रहती है तो भिगोए हुए बादाम खाना बेहतर रहेगा।अगर आप ऊर्जा और गर्माहट चाहते हैं तो 2–3 सूखे बादाम सुबह दूध के साथ खाएं।बेहतर परिणाम के लिए सर्दियों में 4–6 बादाम रोजाना सेवन करें।सर्दियों में बादाम भिगोकर खाना बेहतर माना जाता है क्योंकि यह आसानी से पचते हैं और शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों का पूरा लाभ देते हैं। हालांकि, सीमित मात्रा में सूखे बादाम भी शरीर को गर्म रखने में मदद करते हैं। इसलिए आप दोनों तरीकों से बादाम का सेवन कर सकते हैं, बस मात्रा और समय का ध्यान रखें।
- सरसों का तेल भारतीय घरों में रसोई का जरूरी हिस्सा है. ये अपने स्वाद, खुशबू और सेहतमंद फायदों के लिए जाना जाता है. लेकिन बाजार में मिलने वाला हर सरसों का तेल शुद्ध नहीं होता. अक्सर इसमें सस्ते तेल या सिंथेटिक चीजों की मिलावट की जाती है, जो खाने का स्वाद बिगाड़ सकती है और सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकती है. हालांकि ये पता करना मुश्किल लगता है कि तेल असली है या नहीं, लेकिन कुछ आसान और असरदार घरेलू तरीके हैं, जिनकी मदद से आप खाना बनाने से पहले सरसों के तेल की शुद्धता टेस्ट कर सकते हैं.फ्रीजिंग टेस्टसरसों के तेल की शुद्धता जांचने का आसान तरीका फ्रीजिंग टेस्ट है. ये टेस्ट करने के लिए एक कटोरी में थोड़ा सा सरसों का तेल लें और इसे कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रखें. शुद्ध सरसों का तेल लिक्विड ही रहेगा या उसमें बहुत कम बदलाव होगा. लेकिन अगर तेल में किसी तरह की मिलावट होगी तो उसमें सफेद धब्बे या जमावट दिखाई देगी. अगर ऐसा हो तो इसका मतलब इसमें पाम ऑयल मिला हो सकता है. पाम ऑयल ठंड में जम जाता हैं. ये बिना किसी केमिकल के अशुद्ध तेल का पता लगाने का आसान तरीका है.रगड़कर टेस्टशुद्ध सरसों के तेल की पहचान करने का एक और तरीका रगड़कर परीक्षण है. अपनी हथेली पर कुछ बूंदें तेल की लें और हाथों को आपस में रगड़ें. शुद्ध सरसों के तेल में तेज तीखी खुशबू होनी चाहिए, स्किन पर कोई रंग नहीं छोड़ना चाहिए और तेज गंध के कारण आंखों में हल्की जलन हो सकती है. अगर तेल स्किन पर रंग छोड़ता है या उसमें आर्टिफिशियल गंध आती है, तो ये मिलावटी हो सकता है. ये घर पर सस्ते तेल या सिंथेटिक मिलावट का पता लगाने का आसान तरीका है.नाइट्रिक एसिड टेस्टये सरसों के तेल को टेस्ट करने का एक कैमिकल बेस्ड तरीका है और इसे सावधानी से करना चाहिए. इसे करने के लिए एक साफ कांच के बर्तन में सरसों का तेल और नाइट्रिक एसिड बराबर मात्रा में मिलाएं और धीरे से हिलाएं. देखें कि कलर बदलाव तो नहीं हुआ है. शुद्ध सरसों के तेल में रंग नहीं बदलता, जबकि मिलावटी तेल किसी दूषित पदार्थ के कारण नारंगी-पीले से लाल रंग में बदल सकता है. ये टेस्ट खतरनाक मिलावट का पता लगाने का भरोसेमंद तरीका है.
- बाजार की भारी और शक्कर से भरी मिठाइयों के बजाय आप बना सकती हैं इंस्टेंट ओट्स का हलवा, जो न सिर्फ झटपट तैयार होगा, बल्कि दिल और शरीर दोनों को भाएगा। ओट्स में फाइबर और पोषण भरपूर होता है, जो भाई को देगा एनर्जी और त्योहार को बनाएगा guilt-free। ये हलवा खासतौर पर उन लोगों के लिए भी परफेक्ट है जो शुगर या वजन को लेकर सतर्क रहते हैं। तो इस भाई दूज पर परंपरा में मिलाएं थोड़ा हेल्थ का तड़का और तैयार करें ओट्स हलवाओट्स का हलवा बनाने की आसान रेसिपीओट्स – 1 कप (भुने हुए)दूध – 2 कपघी – 2 बड़े चम्मचखजूर या गुड़ – 2-3 बड़े चम्मचड्राय फ्रूट्स – बादाम, काजू, किशमिशइलायची पाउडर – 1/4 छोटा चम्मचविधिइस हलवे को बनाना काफी आसान है। इसके लिए एक पैन में घी गर्म करें और उसमें भुने हुए ओट्स डालकर 1–2 मिनट भूनें। इसके बाद अब पैन में दूध डालें और धीमी आंच पर चलाते हुए पकाएं। इसके बाद जब हलवा गाढ़ा होने लगे, तो उसमें खजूर का पेस्ट या गुड़ डालें। आखिर में इसमें ड्राय फ्रूट्स और इलायची पाउडर डालें। 2–3 मिनट पकाकर गरमा गरम सर्व करें।
- घर पर बेसन के लड्डू बनाना आसान होता है। ऐसी विधि अपनाएं ताकि कई दिनों तक बेसन के लड्डू सुरक्षित रह सके। अगर आप दिवाली के दिनों में कामों की अधिकता के कारण भोग की तैयारी भूल जाती हैं, तो इस बार बेसन के लड्डू बनाकर सुरक्षित रख लीजिए।बेसन के लड्डू के लिए सामग्रीदो कप बेसन, एक कप घी, एक कप पिसी शक्कर या बूरा, आधा चम्मच इलायची पाउडर, स्वादानुसार काजू बादाम एकत्र कर लें।बेसन के लड्डू बनाने की विधिस्टेप 1- सबसे पहले एक कड़ाही में घी गर्म करें और उसमें बेसन डालें।स्टेप 2- धीमी आंच पर लगातार चलाते रहें जब तक बेसन का रंग सुनहरा न हो जाए और खुशबू आने लगे।स्टेप 3- अब गैस बंद कर दें और मिश्रण को ठंडा होने दें।स्टेप 4- जब बेसन हल्का ठंडा हो जाए, तब उसमें बूरा और इलायची पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं।स्टेप 5- अब हथेलियों से लड्डू बनाएं और ऊपर से मेवा लगाकर सजाएं।लड्डू को ताजा कैसे बनाए रखें?लड्डुओं को एयरटाइट डिब्बे में रखकर ठंडी, सूखी जगह पर रखें।घी की मात्रा थोड़ी अधिक रखने से लड्डू ज्यादा दिन तक नरम बने रहते हैं।ये लड्डू 10–15 दिन तक आसानी से सुरक्षित रखे जा सकते हैं।
- दिवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी भरा होता है। ये त्योहार पटाखों के बिना भी लोग अधूरा ही मानते हैं। पटाखों से न सिर्फ सेहत पर बुरा असर होता है बल्कि त्वचा पर भी नुकसान होता है। पटाखों का जहरीला धुआं त्वचा को काला और खुश्क कर देता है। अगर आपकी स्किन सेंसिटव है, तो पटाखों के धुएं से दूरी बनाकर रखें। चलिए आपको बताते हैं दिवाली के बाद स्किन की केयर कैसे करनी है और पटाखों से त्वचा को बचाने के लिए क्या करें।क्या है नुकसानपटाखों के धुएं में सल्फर, नाइट्रेट और भारी धातुएं होती हैं, जो स्किन को नुकसान पहुंचाती हैं। इससे स्किन पर रैशेस, ड्राईनेस, रेडनेस की समस्या हो जाती है। सिर्फ यही नहीं पटाखों के धुएं से स्किन के पोर्स भी ब्लॉक हो जाते हैं।क्या करेंपटाखों से थोड़ा दूर रहें और कोशिश करें कि फेस पर कपड़ा लपेटकर ही पटाखें जलाएं। स्किन केयर के लिए आप मॉइश्चराइजर या कोई तेल चेहरे पर लगाएं। इससे धुएं का असर कम नुकसान पहुंचायेगा।दिवाली के बाद क्लीनिंगदिवाली के बाद स्किन को क्लीन करने के लिए पहले गुलाब जल से चेहरा साफ करें। फिर माइल्ड फेस वॉश से चेहरा धोएं। इसके बाद टोनर लगाएं और मॉइश्चराइजर लगाना न भूलें।हेल्दी डायट-पानीस्किन को हेल्दी रखने के लिए खूब सारा पानी पिएं और अच्छा खाना खाएं। अपनी डायट में खट्टे फल, जूस, सलाद शामिल करें।नारियल तेलनारियल तेल की तासीर ठंडी होती है और ये स्किन को नमी प्रदान करता है। अगर चेहरे पर जलन पड़ रही हो तो नारियल तेल लगाकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह गुनगुने पानी से फेस क्लीन करें।गाजर का रसस्किन ड्राईनेस हो रही है, तो गाजर का रस लगाएं। विटामिन ए से भरपूर गाजर का रस स्किन को रिपेयर करता है और इसे जल्दी हील करने में हेल्प करता है। गाजर के रस से त्वचा को ठंडक भी मिलेगी।जलने पर क्या करेंअगर स्किन पटाखों से जल जाए तो पानी से धोएं और एलोवेरा जेल लगाएं। ज्यादा दिक्कत होने पर फौरन डॉक्टर की सलाह लें।
- फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो गई है और कुछ दिनों बाद शादियां भी शुरू हो जाएंगी। यानी एक के बाद एक फंक्शन, गेट टुगेदर और भी बहुत मौके आएंगे जब आपको नए-नए आउटफिट्स पहनकर तैयार होना पड़ेगा। ऐसे मौकों के लिए सूट एकदम परफेक्ट रहते हैं। देखने में भी स्टाइलिश और पहनने में भी कंफर्टेबल। ऐसे में यहां हम आपके लिए ट्रेंडी डिजाइन ले कर आए हैं, शॉपिंग के वक्त आप कुछ ऐसा ही अपने लिए सिलेक्ट कर सकती हैं।फारसी सलवार सूटफारसी सलवार सूट का क्रेज तो आपने देखा ही होगा। तो क्यों ना इस शादी और फेस्टिव सीजन आप भी एक फारसी और सलवार सेट ले लें। ये सिंपल होते हैं और इनका ढीला फिट काफी कंफर्टेबल होता है। स्टाइलिश ऑप्शन चाहती हैं, तो ये आपके लिए परफेक्ट चॉइस है।हेवी शरारा सूटशरारा सूट का फैशन अभी भी आउटडेटेड नहीं होता। स्पेशल मौकों पर ये और सुंदर लगते हैं। कोई खास शादी अटैंड करनी है या दिवाली जैसा बड़ा त्योहार, तो एक हेवी शरारा सूट अपने वॉर्डरोब में इस बार जरूर एड कर लें।गोटा पट्टी अनारकलीअनाकरली सूट में जो रॉयल लुक आता है, उसकी बात ही अलग है। कन्फ्यूज हैं कि क्या पहनें, तो एक अनारकली सूट ले लें, ये हमेशा ही अच्छा लगता है। ट्रेंडी डिजाइन की बात करें तो आजकल सिंपल सूट ट्रेंड में हैं, जिनके दुपट्टे पर हेवी वर्क होता है। गोटा-पट्टी या लेस वर्क वाला दुपट्टा सूट में जान डाल देता है।सिल्क सूट सेटसिल्क के सूट काफी रॉयल और क्लासी लुक देते हैं। खासतौर से फेस्टिवल और वेडिंग फंक्शन अटेंड करने के लिए इनसे बेस्ट चॉइस कुछ नहीं। आप अलग से सिल्क का फैब्रिक ला कर भी सूट स्टिच करा सकती हैं। बाकी मार्केट में आपको कई रेडीमेड ऑप्शन भी मिल जाएंगे।क्लासिक रेड सूटकलर को ले कर कन्फ्यूज हैं, तो क्लासिक रेड चूज कर लें। ये हर स्किन टोन पर सुंदर लगता है। मौका जरा खास है, तो इसके साथ गोल्डन का कॉम्बिनेशन ट्राई करें। बहुत ही क्लासी और एलिगेंट लुक आएगा।थ्रेड वर्क शरारा सूटथ्रेड वर्क वाला ये सुंदर सा शरारा सूट भी पार्टी फंक्शन के लिए बेस्ट रहेगा। इसका ब्राइट येलो कलर आपको भीड़ में सबसे अलग दिखाएगा। इसका दुपट्टा सबसे आई कैचिंग है क्योंकि कलर कॉन्ट्रास्ट में है। आप भी सूट की शॉपिंग करते हुए, कॉन्ट्रास्ट दुपट्टा पिक कर सकती हैं।लहंगा सूटलहंगा ज्यादा हेवी हो जाता है और सूट थोड़ा लाइट। अगर बीच का कुछ पहनना चाहती हैं, तो लहंगा सूट परफेक्ट ऑप्शन हो सकता है। ब्राइट शेड में सुंदर सा लहंगा सूट पिक करें, ये आपको एकदम अलग हटकर लुक देगा।घेरदार प्लाजो सूटघेरदार प्लाजो भी वेडिंग और फेस्टिव वाइब के लिए परफेक्ट है। ये काफी कंफर्टेबल भी होता है और ओवर भी नहीं लगता। थोड़ा लाइट लुक चाहती हैं, तो हल्की एंब्रॉयडरी चुन सकती हैं। कलर की बात करें तो मेंहदी ग्रीन आजकल काफी ट्रेंड में बना हुआ है। इसके आपका रंग काफी ब्राइट लगेगा।
- अक्सर त्योहार आते ही ऐसी खबरें भी सामने आने लगती हैं और हम खुद को ठगा हुआ तब महसूस करते हैं, जब किसी ऐसी दुकान का नाम सामने आता है, जिस पर हम सालों से भरोसा करते आ रहे थे। मिठाई या कोई भी अन्य खाद्य पदार्थ का सीधा संबंध सेहत से है। ऐसे में इनकी गुणवत्ता का ध्यान तो रखना ही होगा। त्योहार आते ही बाजार गरम हो जाता है और ऊंची दुकानों के भी पकवान नकली होने की खबरें आने लगती हैं। इस मामले में आपकी सतर्कता जरूरी है।नकली कैसे?फूड अडल्ट्रेशन यानी खाने में उन चीजों की मिलावट जिसे सेवन के लिए सुरक्षित नहीं माना गया है। उन चीजों की खाद्य पदार्थों में जरूरत से ज्यादा मिलावट, जिनके लिए एक मानक तय किया गया है, भी फूड अडल्ट्रेशन है! यह मानक खाद्य सुरक्षा विभाग और खाद्य मंत्रालय की तरफ से तय किया जाता है और इन पर खरा उतरने वाले खाद्य पदार्थों को एफएसएसएआई का प्रमाण पत्र मिलता है। इसे डिब्बा बंद फूड में तो देखा जा सकता है, लेकिन किसी आम दुकान से मिलने वाली मिठाई के डिब्बे या नमकीन के पैकेट में आपको यह प्रमाण छपा नहीं दिखता। अब ऐसे में जरूरी है कि आपको भी वे तरीके पता हों, जिनसे आप पहचान कर सकें कि आप जो खा रही हैं, वह आपके लिए सुरक्षित है या नहीं।इनमें होती है सबसे ज्यादा मिलावटत्योहार पर मिठाइयां धड़ल्ले से खरीदी-बेची जाती हैं। ये मिठाइयां सबसे ज्यादा खोए या मावा से बनती हैं। इसी में सबसे ज्यादा हेरफेर की आशंका भी होती है। कई बार दुकानदार नकली मावा इस्तेमाल करते हैं, जो दूध में मिलावट से बना होता है या वह सिंथेटिक मिल्क का होता है या फिर रिफांइड ऑयल से तैयार होता है। इसके अलावा मिठाइयों को आकर्षक बनाने के लिए फूड कलर या सस्ते रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। मिठाइयों पर लगी वर्क भी कई बार चांदी की न होकर एल्युमिनियम की होती है, जो एक भारी धातु है। कुछ लोग मिठाइयों या अन्य पकवान को बनाने के लिए नकली देसी घी का इस्तेमाल करते हैं।यों करें जांचमिठाई या अन्य कोई भी खाद्य पदार्थ लेते समय सबसे पहले अपनी नाक पर भरोसा करें। अगर मिठाई से महक सही नहीं आ रही है, तो उसे न खरीदें। ऐसा खासतौर पर जल्द खराब होने वाली चीजों जैसे छेना या उससे बने सामान के साथ होता है। इसके बाद उन खाने की चीजों से भी बचें, जो ज्यादा चटख रंग की हों। इनमें इस्तेमाल किया जाने वाला रंग सुरक्षित नहीं होता है।चांदी का वर्क पहचानने के लिए मिठाई पर लगे वर्क को रगड़कर देखें। अगर रगड़ने से वर्क पूरी तरह हट जाता है, तो असली है और अगर हाथ में आता है या मिठाई में लगा रह जाता है, तो नकली है। खोए को सूंघ कर देखें। उससे देसी घी की महक आनी चाहिए। खोए पर आयोडीन डालकर भी देख सकती हैं। नकली खोया आयोडीन से रिएक्ट करके नीला पड़ जाता है।ये बातें भी समझेंउन दुकानों से सामान न लें, जो सिर्फ त्योहार के लिए खुलती हैं या सिर्फ त्योहार के लिए ही मिठाई बेचती हैं। ये सिर्फ मुनाफा कमाने की जुगत में होते हैं।कुछ मिठाइयां केवल एक या दो दिन चलती हैं। खरीदते वक्त यह पता कर लें कि उन्हें कब बनाया गया है।किसी भी दुकान पर शक होने या खराब अनुभव होने पर फूड सेफ्टी के हेल्पलाइन नंबर 18001805533 पर शिकायत दर्ज कराएं।घी या अन्य पैक किए खाद्य पदार्थों में बारकोड होता है। उसे स्कैन करके पता लगाएं कि वह असली है या नहीं।-file photo
- अक्सर लोग घर में चूहों से बहुत परेशान हो जाते है क्योकि चूहें घर में रखी चीजों को नुकसान पहुंचाते है चीजों को कुतर जाते है जिससे बहुत नुकसान होता है कई बार कुछ लोग चूहों को मारने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते है। जिसे चूहें खा कर किसी भी कोने में ऐसी जगह मर जाते है जहां से उन्हें ढूंढ़ कर निकालकर साफ करना मुश्किल हो जाता है और मरे हुए चूहे की बदबू से पूरे घर का वातावरण ख़राब हो जाता है। ऐसे में अगर आप चूहों को बिना मारे उनसे मुक्ति पाना चाहते है तो आप इस घरेलू उपाय का प्रयोग कर सकते है। ये एक सस्ता, सरल और असरदार उपाय है जो बहुत लाभकारी साबित होता है। तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते है।5 रुपए की ये चीज दिखाएगी अपना कमालघर, गोदाम, दुकान जैसी कई जगहों से चूहों को हमेशा के लिए भागने के लिए हम आपको बिस्किट, बेकिंग सोडा, विनेगर और सरसों के तेल के उपयोग से आप चूहों को हमेशा के लिए भगा सकते है। ये एक प्राकृतिक उत्कृष्ट तरीका है। बिस्किट और सरसों के तेल की महक चूहों को अपनी और आकर्षित करती है। जिससे चूहें इस विनेगर और बेकिंग सोडा वाले बिस्किट को खाने के लिये आते है और बेकिंग सोडा पेट के एसिड के साथ मिलकर गैस बनाता है जिससे चूहे को असहजता महसूस होती है और वह बेचैन होकर घर से बाहर की ओर भागते है। और दोबारा घर में कभी नहीं नहीं आते है।कैसे करें उपयोगइनका उपयोग करने के लिए सबसे पहले एक बिस्किट को लेना है उस में एक चम्मच बेकिंग सोडा, 3 बूंद सरसों का तेल और 3 बूंद विनेगर से बने पेस्ट को बिस्किट के ऊपर फैला-फैला कर लगा देना है। फिर इस बिस्किट को ऐसी जगह रखना है जहां चूहों का आना जाना ज्यादा होता है। ऐसा करने से चूहें मरेंगे भी नहीं और हमेशा के लिए घर में कभी नहीं आएंगे।
- भारत में दिवाली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं और रिश्तों को जोड़ने का अवसर है। रोशनी, मिठास और पारिवारिक मेलजोल से सजी यह रात हर किसी के जीवन में खुशी भर देती है। अगर आप इस दिवाली परिवार के साथ यात्रा करने का सोच रहे हैं, तो देश के कुछ शहर ऐसे हैं जो दिवाली के उत्सव को दोगुना कर देते हैं। चाहे बनारस की गंगा आरती हो, जयपुर की जगमगाती हवेलियां, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर या अयोध्या की दीपोत्सव की भव्यता हर जगह दिवाली का जादू अलग और अविस्मरणीय होता है। इन खास जगहों पर दिवाली मनाना जीवन का यादगार अनुभव बन सकता है।अयोध्याअयोध्या में दिवाली का महत्व सबसे खास है क्योंकि यह भगवान राम की जन्मभूमि है। हर साल यहां लाखों दीपों से राम की पैड़ी और सरयू तट जगमगा उठते हैं। दीपोत्सव का यह नजारा विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। रंग-बिरंगी झांकियां, रामलीला और आतिशबाजी इस दिवाली को अविस्मरणीय बना देती हैं। परिवार संग यहां जाना आध्यात्मिकता और उत्सव का अनोखा अनुभव देता है।वाराणसीवाराणसी की दिवाली जगमगाती गलियों और घाटों के कारण बेहद प्रसिद्ध है। खासकर देव दीपावली के समय गंगा तट लाखों दीयों से चमक उठते हैं। गंगा आरती का दिव्य दृश्य, आतिशबाजी और घाटों पर सजावट मन को भाव-विभोर कर देती है। यहां दिवाली पर रहना परिवार के साथ जीवनभर की यादें संजोने जैसा है। दीपावली के बाद यहां देव दीपावली का भव्य आयोजन भी होता है।जयपुरजयपुर की दिवाली अपने शाही अंदाज और रोशनी के लिए मशहूर है। चौड़ी सड़कों, हवेलियों और बाजारों को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। जोहरी बाजार और हवा महल के आस-पास की जगमगाहट देखने लायक होती है। यहां खरीदारी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पारंपरिक मिठाइयां दिवाली को यादगार बना देती हैं।अमृतसरअमृतसर का स्वर्ण मंदिर दिवाली पर दीपों और रोशनी से ऐसा जगमगाता है मानो स्वर्ग धरती पर उतर आया हो। इस दिन गुरुनानक जयंती भी पास-पास होती है, जिससे पूरे शहर में अद्भुत उमंग रहती है। मंदिर के सरोवर में जलते दीयों का प्रतिबिंब मन को शांति और सुकून देता है। परिवार संग यहां दिवाली मनाना आध्यात्मिक और भावनात्मक अनुभव होता है।
- दीपावली केवल एक दिन का त्योहार नहीं है, बल्कि ये पूरे पांच दिनों तक चलने वाला उत्सव है। इन पांच दिनों में हर दिन का एक विशेष महत्व होता है। हर दिन पूजा-पाठ, सफाई, सजावट के साथ-साथ खास पकवानों की भी परंपरा होती है। ऐसे में अगर आप अभी से प्लानिंग कर लें कि किस दिन क्या बनाना है।ऐसा करके आप पांच दिन के इस त्योहार का मजा दोगुना कर सकते हैं। यहां हम आपको पांचों दिन के हिसाब से सुबह के ब्रेकफास्ट से लेकर डिनर तक के लिए मेन्यू के विकल्प देने जा रहे हैं। तो इसे अभी से सेव करके रख लें।पहला दिन: धनतेरसपहले दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुबह के नाश्ते की शुरुआत एक अच्छी अदरक वाली चाय और इंदौरी पौहे के साथ करें। आज त्योहार का पहला दिन है, इसलिए पहले दिन के लंच की शुरुआत दाल की कचौड़ी और आलू की मसालेदार सब्जी के साथ करें। इस दिन डिनर में आप वेज पुलाव को रायते के साथ तैयार कर सकते हैं। इसके साथ हरी चटनी परोसकर लोगों को खुश करें।दूसरा दिन: नरक चतुर्दशी / छोटी दिवालीदूसरे दिन नरक चतुर्दशी का त्योहार मनाया जाता है, जिसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन सुबह के नाश्ते की शुरुआत चना चाट और दही जलेबी के साथ करें। ये दोनों चीजें खाने में स्वादिष्ट लगती हैं। इस दिन के लंच में कुछ हल्का खाएं, ताकि दिवाली पर आपको दिक्कत न हो। इसके लिए इडली और सांभर तैयार कर सकती हैं। इसके साथ नारियल की चटनी भी बनाएं। इस दिन डिनर में मटर पनीर की सब्जी के साथ रीजा राइस और नान तैयार करें। इससे आपका मन और पेट दोनों खुश होंगे।तीसरा दिन: दीपावलीतीसरा दिन सबसे खास होता है, क्योंकि इस दिन दिवाली मनाई जाती है। इस दिन सुबह के नाश्ते की शुरुआत आलू के पराठे के साथ करें। अदरक वाली चाय के साथ आलू या पनीर के पराठे काफी स्वादिष्ट लगते हैं। नाश्ता काफी हैवी हो गया है, इसलिए लंच में वेज बिरयानी और रायता तैयार करें। बात करें डिनर की तो ज्यादा पकवानों की जरूरत नहीं है। डिनर में आप दाल मखनी के साथ मिस्सी रोटी को अचार के साथ परोस सकती हैं।चौथा दिन: गोवर्धन पूजा / अन्नकूटइस दिन हर घर में गोवर्धन पूरा होती है, इसलिए इस दिन की शुरुआत सूजी के उपमे के साथ करें। ये नाश्ता काफी हल्का है। इसके बाद लंच में अन्नकूट की सब्जी के साथ, कढ़ी पकौड़ा, चावल, पालक की सब्जी और रोटी जैसे पकवानों के साथ वेज थाली तैयार करें। इस दिन डिनर में आप गोभी के पराठे को खीर के साथ परोस सकते हैं। खीर दिन के समय ही बनाकर रख लें।पांचवां दिन: भाईदूजइस पांच दिन के उत्सव का आखिरी दिन भाईदूज का होता है, जिसमें सुबह के नाश्ते में आप उत्तपम या डोसा तैयार कर सकते हैं। इसे ज्यादा हैवी न करते हुए सिर्फ चटनी के साथ परोसें। इस दिन के लंच में तवा पुलाव, पनीर मखनी, नान और सलाद के साथ तैयार करें। इस दिन के डिनर में भी कुछ खास बनाएं। इसके लिए चाइनीज पकवान बेस्ट रहेंगे। नूडल्स से लेकर फ्राइड राइस और चिली पनीर बनाक घरवालों का दिल जीतें।
- करवाचौथ का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते की सबसे खूबसूरत मिसाल है। जब पत्नी पूरे दिन व्रत रखती है, तो उसके प्यार का जवाब पति भी किसी खास अंदाज में दे सकता है। करवाचौथ पर पत्नी को सिर्फ तोहफे देकर खुश न करें, बल्कि छोटे-छोटे सरप्राइज देकर अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति करें। इस वर्ष 10 अक्तूबर 2025 को करवाचौथ का पर्व मनाया जा रहा है। महिलाएं उपवास रखने से पहले सरगी में कुछ मीठा जरूर खाती हैं, वहीं उपवास खोलते समय भी मूंह मीठा करती हैं।अगर यही मीठा पति अपने हाथों से पत्नी के लिए घर पर तैयार करें तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। इस करवाचौथ, क्यों न आप अपनी पत्नी का मुंह मीठा कराने के लिए खुद से मिठाई बनाएं? न ज़्यादा मेहनत, न ज्यादा सामग्री बस थोड़ी कोशिश और ढेर सारा प्यार। पत्नी के चेहरे की मुस्कान इन झटपट मिठाइयों से दोगुनी मीठी हो जाएगी।मिल्क पाउडर की झटपट बर्फीसामग्री में एक कप मिल्क पाउडर, आधा कप कंडेंस्ड मिल्क, दो बड़े चम्मच घी, दो बड़े चम्मच दूध, सजावट के लिए पिस्ता और बादाम।मिठाई की रेसिपीमिठाई बनाने के लिए कढ़ाई में घी गर्म करके, उसमें मिल्क पाउडर डालकर एक मिनट भून लें। फिर कंडेंस्ड मिल्क और दूध डालें और धीमी आंच पर मिलाते रहें। जब मिश्रण थोड़ा गाढ़ा हो जाए, तो उसे घी लगी प्लेट में फैलाएं। ठंडा होने पर काटकर ऊपर से ड्राई फ्रूट्स सजाएं। इस मिठाई को बनने में कुल 10-12 मिनट का वक्त लगेगा।इंस्टेंट चॉकलेट लड्डूचाकलेट लड्डू बनाने के लिए एक कप बिस्किट क्रश (कोई भी बिस्किट), दो बड़े चम्मच कोको पाउडर, 1/4 कप कंडेंस्ड मिल्क और एक बड़ा चम्मच घी एकत्र कर लें।चाकलेट लड्डू की रेसिपीअब इस तरह की मिठाई बनाने के लिए सभी चीजें एक बाउल में डालकर अच्छे से मिला लें। फिर हाथों से छोटे-छोटे लड्डू बना लें। चाहें तो इन्हें फ्रिज में 10 मिनट ठंडा करें। इसे बनकर तैयार होने में लगभग 7 से 10 मिनट का ही वक्त लगेगा।नारियल की मिठाईनारियल की मिठाई बनाने के लिए एक कप नारियल बुरादा, आधा कप कंडेंस्ड मिल्क, एक चम्मच घी और इलायची पाउडर की जरूरत होती है।विधिये भी 10 मिनट में बनने वाली मिठाई है। जिसे बनाने के लिए एक कढ़ाई में घी गर्म करके नारियल का बुरादा और कंडेंस्ड मिल्क डालें। धीमी आंच पर 5 मिनट चलाएं, जब मिश्रण गाढ़ा हो जाए तो उतार लें। इसमें इलायची पाउडर डालें और प्लेट में फैला दें। आप चाहें तो नारियल के लड्डू का शेप भी दे सकते हैं। ठंडा करके बर्फी के शेप में काट लें।
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आजकल बालों को कलर करना एक ट्रेंड बन गया है। जहां कुछ लोग स्टाइलिश लुक के लिए अलग-अलग हेयर कलर ट्राई करते हैं, वहीं कुछ लोग अपने सफेद बालों को छिपाने के लिए डाई लगाते हैं। लेकिन एक बात आपने हेयर कलर के बारे में जरूर सुनी होगी, जिसके चलते कई लोग डाई लगाने से डरते हैं। लोगों का मानना है कि अगर आप बालों में कलर करते हैं, तो बाकी के बचे हुए बाल भी सफेद होने लगते हैं। ऐसे में अगर कोई डाई लगाता है, तो कुछ ही दिनों में उसके बाल पूरी तरह से सफेद हो जाते हैं। अब सवाल उठता है कि क्या वाकई ये सच है? तो चलिए आज आपकी इसी कंफ्यूजन को दूर करते हैं।
आखिर क्यों सफेद होते हैं बाल?
हेयर कलर कराने से बाल सफेद होते हैं या नहीं, ये जानने से पहले समझना जरूरी है कि आखिर बाल सफेद क्यों होते हैं। दरअसल हमारे बालों के रंग के लिए मेलेनिन नामक पिगमेंट जिम्मेदार होता है। अब जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, ये कम होता जाता है और बाल सफेद होने लगते हैं। इसके अलावा कई बार गलत खानपान, अधिक तनाव, ज्यादा धूप में रहने और बीमारियों या जेनेटिक कारणों की वजह से भी बाल जल्दी सफेद होना शुरू हो जाते हैं।
क्या हेयर कलर लगाने से सफेद हो जाते हैं बाल?
अब मेन सवाल पर आते हैं कि क्या वाकई हेयर कलर या डाई लगाने से बाकी के बाल भी सफेद हो जाते हैं। हालांकि ये भी एक मिथ है। दरअसल बाल जड़ों से सफेद होते हैं, जबकि डाई सिर्फ बालों पर अप्लाई की जाती है। चूंकि हमारे रोम छिद्र काफी छोटे होते हैं, इसलिए उनमें किसी चीज का जाना भी पॉसिबल नहीं है। हालांकि हेयर कलर में मौजूद कई तरह के केमिकल आपके बालों को रूखा-सूखा और बेजान बना सकते हैं। इस वजह से आपको लग सकता है कि आपके बाल खराब हो रहे हैं और पहले से ज्यादा सफेद हो रहे हैं।
तो क्या हेयर कलर ना करें?
अब सवाल है कि अगर हेयर कलर से बाल रूखे-सूखे और बेजान हो जाते हैं, तो क्या बाल कलर ही ना करें। देखिए ये पूरी तरह आपकी चॉइस पर निर्भर है, आप चाहें तो नेचुरल विकल्प जैसे हीना और इंडिगो भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि अगर हेयर डाई इस्तेमाल करनी ही है तो बार-बार कलर कराने से बचें। अच्छी क्वालिटी की डाई ही इस्तेमाल करें। हेयर कलर वाले बालों को खास देखभाल की जरूरत होती है, इसलिए उसी हिसाब से अपना हेयर केयर रूटीन बनाएं। साथ ही अच्छी डाइट लेना ना भूलें।






















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