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सर्दियों का सीजन शुरू होने के साथ ही ड्राई स्किन की प्रॉब्लम भी आ जाती है। चेहरे की देखभाल तो सभी कर लेते हैं लेकिन सबसे ज्यादा खराब पैर हो जाते हैं। पैरों की फटी एड़ियां ना केवल दिखने में भद्दी लगती है बल्कि कई बार इनमे दर्द भी होने लगता है। अगर आप भी हर ठंडी फटी हुई एड़ियों को ठीक करने में बिता देती हैं तो इस बार बनाकर रख लें वैक्स क्रीम। जो आपकी एड़ियों की स्किन को सॉफ्ट और मुलायम रखने में मदद करेगी। जान लें कैसे घर में ही बना लें वैक्स क्रीम।
घर में बनाएं फटी एड़ियों के लिए वैक्स क्रीम
मार्केट से महंगी हील केयर क्रीम लाने की बजाय घर में ही वैक्स क्रीम बनाकर रख लें। इसे बनाने में आपका एक भी रुपये खर्च नहीं होगा। बस इन चीजों की जरूरत होगी।
एक मोमबत्ती
दो चम्मच नारियल का तेल
दो चम्मच सरसों का तेल
एलोवेरा जेल
घर में कोई ना कोई मोमबत्ती तो होगी ही। बस उस मोमबत्ती को घिस लें। अब इस घिसी हुई मोम में नारियल का तेल दो चम्मच, दो चम्मच सरसों का तेल और एलोवेरा जेल को मिला लें। किसी बर्तन में इन सारी चीजों क मिक्स करके पिघलाएं और एक मिनट तक पकाएं। ठंडा कर किसी शीशी में पलट लें। बस तैयार है आपकी वैक्स क्रीम
कैसे लगाएं वैक्स क्रीम
सबसे पहले किसी टब में गुनगुना पानी भरें। फिर उसमे एक चम्मच नमक डालें और शैंपू का दो चम्मच डालकर घोल लें। पैरों को दस मिनट भिगोएं। फिर अच्छी तरह से हील क्लीनर से घिसकर साफ करें। जिससे एड़ी पर जमा सारी डेड स्किन निकल जाए। अब तैयार वैक्स क्रीम को लगाएं और पॉलीथिन से पैरों को बांध लें। एक से दो घंटे बाद पॉलीथिन को हटा दें। हो सके तो रात में ये वैक्स क्रीम लगाएं। रोजाना लगाने से मात्र एक से दो हफ्ते में ही फटी एड़ियों से छुटकारा मिल जाएगा। - आयुर्वेद में कई ऐसे फल बताए गए हैं, जिन्हें सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है। ऐसा ही एक खट्टा-मीठा फल है मौसंबी। मौसंबी को मीठा नींबू के नाम से भी जाना जाता है। बात अगर इस फल में मौजूद पोषक तत्वों की करें तो इसमें विटामिन-ए, विटामिन- C, पोटैशियम, कैल्शियम, फोलेट के साथ एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। इस फल का नियमित सेवन करने से वेट लॉस से लेकर हार्मोन असंतुलन जैसी समस्याओं तक में काफी राहत मिल सकती है। इतना ही नहीं इस फल का सेवन त्वचा का खोया निखार तक वापस लौटाने में मदद करता है। आइए जानते हैं मौसंबी का सेवन सेहत को देता है क्या गजब के फायदे।मौसंबी खाने से सेहत को मिलते हैं ये फायदे--मोटापामौसंबी में कैलोरी और फैट की मात्रा कम होती है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में मौसंबी को शामिल कर लीजिए। इसके अलावा मौसंबी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल गुण भी मौजूद होते हैं, जो वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। मौसंबी में मौजूद विटामिन सी फैट ऑक्सीडेशन करके वेट लॉस में मदद कर सकता है।कब्ज से राहतमौसंबी में मौजूद एसिड आंतों से टॉक्सिन निकालकर कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। इसमें मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। जिससे व्यक्ति को कब्ज की समस्या परेशान नहीं करती है।हॉर्मोनल असंतुलन में राहतहॉर्मोनल असंतुलन के दौरान आपको उल्टी और मतली का अनुभव हो सकता है, ऐसे में मौसंबी खुशबू उल्टी और मतली के लक्षणों को तुरंत कम कर देती हैं।स्किन के लिए फायदेमंदमौसंबी में मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण त्वचा की रंगत निखारकर पिंपल्स, एक्ने जैसी स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके नियमित सेवन से त्वचा का प्राकृतिक निखार बना रहता है। इसके अलावा मौसंबी का सेवन करने से कोलेजन उत्पादन को बूस्ट करने में भी मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट कोलेजन को बढ़ावा देकर प्रीमैच्योर एजिंग के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।मेंटल हेल्थ में सुधारमौसंबी का नियमित सेवन मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है, जिससे टेंशन और स्ट्रेस को दूर करने में मदद मिलती है।
- -संध्या शर्मासर्दियों के मौसम में सरसों के साग के साथ मक्के की रोटी खाने का एक अलग ही मजा होता है। मक्के की तासीर गर्म होने की वजह से यह ठंड में शरीर को गर्म रखने के साथ सेहत को कई गजब के फायदे भी देता है। हालांकि कई बार महिलाएं मक्के की रोटी को घर पर बनाने से सिर्फ इसलिए परहेज करती हैं क्योंकि वह उनसे बेलते समय टूटकर खराब हो जाती है। अगर आपको भी मक्के के आटे से रोटी बनाना मुश्किल काम लगता है तो अब इस टेंशन को मन से निकाल दीजिए। जी हां, आज के किचन टिप्स एंड ट्रिक में आपको बताने वाले हैं बिना किसी झंझट आसानी से कुछ टिप्स को फॉलो करके कैसे बना सकते हैं मक्के की रोटी।मक्के की रोटी बनाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स-मक्के की रोटी को बेलते समय टूटने से बचाने के लिए जब भी आप मक्के की रोटी बनाएं तो आटा गूंथते समय उसमें आधा कप गेहूं का आटा भी मिक्स कर दें-मक्की का आटा गूंथने के लिए दो कप मक्के के आटा में आधा कप गेहूं का आटा मिलाएं। ध्यान रखें, आटे की इससे ज्यादा और कम मात्रा मक्के की रोटी का स्वाद खराब कर सकती है।-मक्की का आटा गूंथने के लिए ठंडा पानी यूज न करें। गर्म पानी से मक्की का आटा गूंथने के बाद उसे थोड़ी देर रेस्ट जरूर करने दें। इसके बाद रोटी बेलते समय सूखे आटे के लिए थोड़ा सा गेहूं का आटा यूज करें। इस टिप को फॉलो करने से रोटी बेलते समय टूटेगी नहीं।- रोटियां बेलने में परेशानी होती है तो एक मोटी पॉलीथिन का यूज करें। मोटी पॉलीथिन के बीच में मक्के के आटे की लोई रखकर उसे हल्के हाथों से बेलें। इस टिप को फॉलो करने से रोटियां आसानी से बेली जाएंगी।-रोटियां सेंकने के लिए तवे को तेज आंच पर नहीं बल्कि मध्यम आंच पर रखें। मक्के से बनी रोटियां आकार में थोड़ी मोटी होती हैं। ऐसे में इन्हें मीडियम आंच पर अच्छी तरह से पकाना चाहिए।
- -सीमा उपाध्यायगाजर का हलवा ठंड में खूब खाया जाता है। इस विंटर स्पेशल डिश का नाम सुनते ही इसका स्वाद याद आ जाता है। सर्दियों के मौसम में गरमागरम गाजर के हलवे का स्वाद जबरदस्त लगता है। वैसे तो मार्केट में गारज का हलवा हर मिठाई की दुकान पर मिलता है। लेकिन कुछ लोग इसे घर पर ही बनाना पसंद करते हैं। अगर आप भी इस हलवे को घर पर बनाना चाहते हैं तो इन टिप्स को अपनाएं।सही गाजर चुनेंटेस्टी गाजर का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले सही गाजर को चुनें। फ्रेश लाल रंग वाली गाजर को हलवे के लिए चुनें। इस तरह की गाजर का स्वाद काफी अच्छा लगता है। हलवा बनाने के लिए मोटी गाजरों से दूर रहें और लंबी, पतली किस्म की गाजर को ही चुनें।अच्छे से करें कद्दूकसगाजर काे हलवा बनाने के लिए सबसे पहले गाजर को अच्छी तरह से धो लें। फिर इन्हें छीलकर तौलिए से सुखा लें। अब अपने ग्रेटर के मोटे हिस्से को पकड़ें। हलवा बनाने के लिए पतले हिस्से का इस्तेमाल करने से बचें, क्योंकि यह आपके हलवे की रंगतो और बनावट को बिगाड़ सकता है।घी का करें यूज-गाजर के हलवे के लिए पर्याप्त मात्रा में घी जरूरी है। हलवा जब गाढ़ा हो जाए तो इसमें घी डालें। फिर धीरे-धीरे तब तक पकाएं जब तक कि रंग चमकीले नारंगी से गहरे नारंगी रंग में न बदल जाए।फुल क्रीम दूध का करें यूज-बाजार जैसे गाजर के हलवे को बनाने के लिए फुल क्रीम दूध का इस्तेमाल करें। यह स्वाद को बढ़ाता है और साथ ही हलवा मलाईदार बनता है। अगर बाजार जैसा टेक्दूसचर चाहिए तो दूध मिलाने से पहले एक कटोरी क्रीम डालें।बहुत ज्यादा चीनी बिगाड़ देगी स्वाद-हलवे में चीनी सही रखें अगर हलवे में मावा मिला रहे हैं, तो चीनी कम ही डालें क्योंकि मावा और गाजर दोनों में प्राकृतिक मिठास होती है।
- ईयररिंग में समय-समय पर कई नए ट्रेंड आते रहते हैं, लेकिन एक फैशन ऐसा है जो सदियों से सदाबहार है। यह फैशन है, हूप्स का। सदियों से पहनी जा रहीं बालियां यानी हूप्स इक्कीसवीं शताब्दी में भी फैशन की दुनिया में धाक जमा रही हैं। किसी पुराने मंदिर की दीवारों में जमाने पहले उकेरी गईं मूर्तियों से लेकिर आज के लेटेस्ट फैशन शो तक में आपको हूप्स की मौजूदगी नजर आ ही जाएगी। अपनी एक से बढ़कर एक डिजाइन के कारण यह आज भी लोगों की पसंद में शुमार है। हालांकि कुछ लोगों को लगता है कि हूप्स उन पर कम फबते हैं। यह सिर्फ इसलिए क्योंकि हूप्स को चुनते समय जिन बातों का ख्याल रखना चाहिए, वे उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। यहां जानिए कि हूप्स की स्टाइलिंग में आपको किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है:चेहरे के आकार को रखें ध्यानबालियां कैसी भी हों, इन्हें पहनने के दौरान चेहरे के आकार का खास ध्यान रखना जरूरी होता है। गलत चुनाव पूरे लुक को खराब कर सकता है। ज्वेलरी डिजाइनर विशाखा पाठक कहती हैं कि बड़े चहरे पर बड़े हूप्स नहीं फबते। इससे चेहरा और भड़कीला दिखने लगता है। ओवल शेप वाले चहरे पर किसी भी आकार का हूप्स पहन सकती हैं। अगर चेहरा गोल हो तो आप पूरी तरह गोल हूप्स से बचें। लंबे और पतले हूप्स भी चलन में हैं, ये आप पर फबेंगे। हार्ट शेप वाले चहरे में माथा चौड़ा होता है। ऐसे में ज्योमेट्रिकल हूप्स काम आएंगे, जो नीचे से चौड़े हों जैसे तिकोने या ड्रॉप शेप के। लंबे चहरे पर बड़े गोल हूप्स पहनें, ये चेहरे को चौड़ाई देते हैं। चौकोर चेहरे पर गोलाई वाले हूप्स पहनें, जो जॉ लाइन को ढकें।उम्र के अनुसार पहनेंहूप्स चुनते समय आपको अपनी उम्र का ख्याल रखना भी जरूरी है। विशाखा कहती हैं कि हूप्स आपको जवां लुक देते हैं। आकार में चुनाव करते समय एक बात का ख्याल रखना होता है कि बढ़ती उम्र के साथ इनका आकार घटना चाहिए। ज्यादा बड़े हूप्स युवतियों पर ज्यादा अच्छे लगते हैं, उम्र बढ़ने के साथ इनका आकार छोटा कर देना चाहिए।मौके का भी हो ख्यालयूं तो हूप्स आपको खास मौकों में खास अदांज देते हैं, लेकिन यदि आप रोजमर्रा में इन्हें पहनना पसंद करती हैं तो छोटे या मध्यम आकार वाले हूप्स पहनें। इन्हें सफेद या पीले मेटल में पहनना उचित रहेगा। रोजाना में आप हल्की डिजाइन या नगों वाले हूप्स भी पहन सकती हैं। नाइट पार्टी में बड़े हूप्स पहनें, जो आपको स्टाइलिश दिखने में मदद करेंगे। इनमें भी नगों वाले हूप्स चार-चांद लगा देंगे। मेटल चुनते वक्त ब्लैक, येलो, रोज गोल्ड या व्हाइट गोल्ड में से चुनाव करें। अगर पार्टी दिन की हो या यूं ही घूमना-फिरना हो तो चटख रंग वाले हूप्स बेहद खूबसूरत लगते हैं। यदि पार्टी पारंपरिक है तो लटकन के साथ वाले हूप्स अच्छे रहते हैं।प्रोफेशनल लुक के लिए ऐसे पहनें हूप्सऑफिस वाले लुक में बड़े और भड़कीले जेवर नहीं जंचते हैं। कान में छोटे टॉप्स ज्यादा चलन में हैं। लेकिन आप हूप्स पहनना चाहती हैं तो छोटे आकार के पहनिए। कॉर्पोरेट ऑफिस में काम करने, र्मींटग के दौरान या जहां ड्रेस कोड होता है, वहां आप कान से चिपके या इससे थोड़े ही बड़े हूप्स पहन सकती हैं। अन्य प्रोफेशनल लुक के लिए मध्यम आकार वाले हूप्स भी पहने जा सकते हैं। इनका मेटेल चुनते वक्त गोल्ड और सिल्वर को वरीयता दें। रंगीन हूप्स ऑफिस में न पहनें।जुगलबंदी करेंबड़े हूप्स पहन रही हैं तो गले में कुछ न ही पहनिए। छोटे हूप्स के साथ हल्के जेवर पहन सकती हैं। इनको पहनते वक्त ये भी ध्यान रखें के आपके टॉप या कुर्ते का रंग सॉलिड या काम प्रिंट वाला हो। कंधे पर ज्यादा प्रिंट होगा तो बड़े हूप्स का लुक दब जाएगा। बहुत बड़े हूप्स ऑफ शोल्डर के साथ बेहतर जुगलबंदी करते हैं।अपना स्टाइल स्टेटमेंट बनाएंस्टाइल स्टेटमेंट मतलब तैयार होने का वो तरीका जो आपके व्यक्तित्व को दर्शाता है। बड़े हूप्स बोल्ड लुक देने में आगे हैं। चोकर जितने बड़े आकार तक के हूप्स पहन आप अपने व्यक्तित्व को झलका सकती हैं। इनके साथ लाल लिपस्टिक आपको और भी सशक्त दर्शाएगी। सादगी पसंद करती हैं तो छोटे और मध्यम आकार के हूप्स आपके लिए हैं। अगर आपका व्यक्तित्व रचनात्मक है तो आपके लिए ढेरों विकल्प मौजूद हैं। ज्योमेट्रिक आकार वाले, मल्टी हूप इयर कफ या एयररिंग या लिखावट वाले हूप्स आपका अंदाज बयां करेंगे।
- स्ट्रेस यानी अनजाना भय, जो आपको दिन रात परेशान करके रखता है और आपकी नॉर्मल लाइफ को बर्बाद कर देता है। अगर अपनी चिंता और तनाव को आपने अपना डर बना लिया है तो आप स्ट्रेस के शिकार हैं और इसका कोई इलाज नहीं कर रहे। तो, ये स्ट्रेस लगातार इग्नोर करने पर शरीर में कई तरह की बीमारियों के रूप में दिखने लगता है। और, इन बीमारियों का भले ही आप इलाज कराओ लेकिन आराम नहीं मिलता। तो अगर आप लंबे समय से अपने स्ट्रेस को दबा रहे हैं तो शरीर में इस तरह के लक्षण दिखते हैं। जो लगातार आपको बीमार बनाकर रखते हैं।दिल पर पड़ता है बुरा असरस्ट्रेस को लगातार अनदेखा कर रहे हैं और स्ट्रेस का इलाज नहीं करवा रहे तो दिल पर बुरा असर पड़ता है। स्ट्रेस की वजह से दिल की धड़कन बढ़ जाती है और हार्ट तेजी से धड़कने लगता है। वहीं ब्लड प्रेशर बढ़ता है और कई बार सीने में तेज जलन सी महसूस होती है। जो कि स्ट्रेस की वजह से होता है।एनर्जी की कमी होती है महसूसलंबे समय से स्ट्रेस झेल रहे हैं और उसका समाधान नहीं ढूंढ रहे और ना ही किसी से स्ट्रेस को शेयर कर रहे तो ये आपके एनर्जी लेवल को कम कर देती है। आप अचानक से कमजोरी महसूस करने लगते हैं। खुद के हाथ-पैर ही भारी लगते हैं। इतना कमजोर और आलस महसूस होता है कि चाय-कॉफी से भी दूर नहीं होता। यहां तक कि रोजमर्रा के साधारण काम भी करना मुश्किल हो जाता है।पेट और डाइजेशन पर होता है बुरा असरगट को सेकेंड ब्रेन कहा जाता है। जब आपके दिमाग में स्ट्रेस चल रहा होता है तो ये आपके सेकेंड ब्रेन को भी इफेक्ट करता है। जिससे आप ब्लॉटिंग, उल्टी, मिचली जैसा महसूस करते हैं। हर वक्त शौच जाने की इच्छा होती है और ऐसा लगता है कि पेट में बटरफ्लाई उड़ रही हैं।दिमाग हो जाता है कमजोरस्ट्रेस दिमाग को पूरी तरह से कमजोर बना देता है। कन्संट्रेशन नहीं रह जाता और हर वक्त बेहोशी सी छाई रहती है। याददाश्त कभी कमजोर हो जाती है तो कभी ठीक रहती है।बॉडी में झनझनाहट महसूस होती हैमसल्स में ऐंठन होती है, शरीर में झनझनाहट महसूस होती है। पैर लड़खड़ाने लगता है और बिना वजह के पसीना होने लगता है और ठंड लगती है।सिर में दर्दये सारी समस्याएं केवल स्ट्रेस की वजह से ही नहीं हैं बल्कि ये समस्याएं आपके लाइफस्टाइल में बदलाव की ओर इशारा करती हैं। जिससे इन सारी चीजों से आराम मिल सके।
- वैसे तो अब पहनावा पूरी तरह से बदल चुका है। जहां पहले साड़ी-सूट महिलाओं के फेवरिट हुआ करते थे। तो वहीं अब वेस्टर्न आउटफिट को पसंद किया जाता है। हालांकि, आज भी साड़ी पहनने के बाद महिलाओं की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। ऑफिस हो या फिर घर में कोई फंक्शन हो साड़ी पहनने के बाद खूब कॉम्पलीमेंट्स मिलते हैं। लेकिन जिन महिलाओं की हाइट कम होती है, वह साड़ी पहनने से बचती हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इसे पहनकर उनकी हाइट और कम दिखेगी। ऐसे में कुछ टिप्स आपके काम आ सकती हैं। यहां देखिए साड़ी पहनने के बाद लंबी दिखने के लिए आपको किन गलतियों से बचना चाहिए।1) अगर आप साड़ी पहनने के बाद लंबी दिखना चाहती हैं तो आपको साड़ी का चुनाव सही करना चाहिए। कम हाइट वाली महिलाओं को चौड़े बॉर्डर वाली साड़ी पहनने से बचना चाहिए। हमेशा छोटे बॉर्डर वाली साड़ी को पहनें।2) अगर आप साड़ी पहनने के बाद लंबी दिखना चाहती हैं तो ब्लाउज डिजाइन को सही से चुनें। कम हाइट होने पर बिना नेक वाले ब्लाउज पहनने से बचें। चाहें तो वी नेक या फिर अपन कम्फर्ट के मुताबिक किसी भी शेप का डीप नेक ब्लाउज बनवाएं।3) कम लंबा पल्ला होने पर कम्फर्ट बना रहता है आप भी आसानी से चल फिर पाती हैं। लेकिन ये आपकी हाइट को छोटा दिखा सकता है। अगर आपका साड़ी पहनकर लंबाई में ज्यादा दिखना है तो हमेशा लॉन्ग पल्ला पहनें।4) कोशिश करें कि आप हमेशा सॉफ्ट फैब्रिक की साड़ी को चुनें। कॉटन, सिल्क जैसे हार्ड फैब्रिक को पहनने पर आपका शरीर मोटा दिख सकता है और हाइट भी कम लगेगी। आप शिफॉन,जॉर्जेट जैसे कपड़े की साड़ी को पहनें। इसी के साथ साड़ी के प्रिंट का भी ख्याल रखें।5) साड़ी पहनकर लंबा दिखना चाहती हैं तो डार्क रंग की साड़ी का चुनाव करें। पेस्टल रंगों को पहनकर हाइट कम दिख सकती हैं।
- तीज-त्योहार, शादी-ब्याह और हमारी भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है, मेहंदी। शादी में दुल्हन के हाथों में किस तरह की मेहंदी लगेगी, इसकी प्लानिंग बहुत पहले से शुरू हो जाती है। मेहंदी के बारीक डिजाइन से लेकर छोटे-आकर्षक पैटर्न, मोरक्कन डिजाइन से लेकर ज्वेलरी मेहंदी डिजाइन तक, हर तरह की पसंद रखने वालों के लिए मेहंदी आर्टिस्ट के पास विकल्पों की कमी नहीं है। अगर इंस्टाग्राम और पिंटरेस्ट पर मेहंदी के डिजाइन्स की भरमार देखकर आप भी पशोपेश में हैं कि आने वाले शादी के सीजन में कौन-से डिजाइन की मेहंदी लगवाएं, तो आपकी यह परेशानी हम दूर कर देते हैं। चलिए, जानें कि इन दिनों मेहंदी के किस तरह के डिजाइन ज्यादा लोकप्रिय हैं:मिनिमल मेहंदी के अंदाजइस बात में कोई दोराय नहीं है कि दोनों हाथों में भरी हुई मेहंदी की एक अलग ही बात होती है, पर पिछले कुछ समय से मिनिमल मेहंदी के दीवानों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। आलिया भट्ट से लेकर हाल ही में अदिति राव हैदरी और टीवी एक्ट्रेस सुरभि ज्योति तक अपनी शादी वाले दिन इसी अंदाज में हाथों में मेहंदी लगाए दिखीं। आलिया को मेहंदी लगाने वाली मेहंदी आर्टिस्ट ज्योति चड्ढा अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस ट्रेंड के बारे में बताती हैं, ‘आलिया अपनी शादी के लिए नाजुक, साधारण, पर सुंदर सा मेहंदी का डिजाइन चाहती थी ताकि वह घर पर होने वाली शादी के थीम के अनुरूप हो।’ ज्योति का मानना है कि ब्राइडल मेहंदी के इस ट्रेंड की लोकप्रियता आने वाले समय में भी कम नहीं होने वाली है।पोट्रेट वाली मेहंदीअपनी शादी में पर्सनल टच शामिल करने की शौकीन दुल्हनों को मेहंदी का यह स्टाइल बहुत पसंद आता है। इस स्टाइल वाली मेहंदी के डिजाइन में अपने पसंदीदा लोग, जगह, हॉबी और यहां तक कि पालतू जानवर की तस्वीर को भी शामिल किया जाता है। यह बात सच है कि इस तरह की मेहंदी को लगाने में बहुत ज्यादा वक्त लगता है, पर अंत में जो परिणाम सामने आता है, उससे दिल खुश हो जाता है।फूलों वाली मेहंदीमेहंदी के डिजाइन्स खंगाल कर देखिए, उनमें फूलों वाले डिजाइन आपको अकसर दिख जाएंगे। फूलों के डिजाइन वाली मेहंदी हमेशा से लोकप्रिय रही है। मेहंदी एक्सपट्र्स भी मानते हैं कि मेहंदी के फ्लोरल डिजाइन पारंपरिक भारतीय परिधान जैसे साड़ी व लहंगा के साथ-साथ इंडो-वेस्टर्न परिधानों के साथ भी खूबसूरत लगते हैं। अपने मेहंदी के डिजाइन में मोर, कमल, गुलाब और लिली आदि को शामिल करके ना सिर्फ आप मेहंदी की खूबसूरती को निखार सकती हैं बल्कि मेहंदी सूखने के बाद ये डिजाइन ज्यादा निखरते भी हैं।मेहंदी वाली ज्वेलरीमेहंदी से हाथों की ज्वेलरी बनाने का ट्रेंड पिछले कुछ समय में तेजी से उभर रहा है। मेहंदी के साथ-साथ यह हाथों की ज्वेलरी का भी आभास देता है यानी एक साथ दो काम करता है। मेहंदी का यह पैटर्न अपने आप में अनूठा होता है क्योंकि इसकी ओर तुरंत हर किसी का ध्यान आकर्षित होता है। खूबसूरत नेल आर्ट के साथ मेहंदी के इस डिजाइन की जुगलबंदी बहुत ही आकर्षक प्रभाव पैदा करती है।मेहंदी कहेगी आपकी कहानीहर किसी की प्रेम कहानी अपने आप में अनूठी होती है। और खास बात यह है कि शादी आदि के मौके पर आप अपने मेहंदी के डिजाइन के माध्यम से यह कहानी हर किसी को बता सकती हैं। तीज और करवाचौथ जैसे मौके पर भी इस तरह की मेहंदी लगवाने का चलन बढ़ा है। अगर आप चाहती हैं कि आपकी मेहंदी पर हर किसी की नजर टिकी रह जाए तो मेहंदी का यह डिजाइन बस आपके लिए है।गाढ़ी रचेगी मेहंदीचीनी के घोल में नीबू का रस मिलाएं और मेहंदी जब आधी सूख जाए तो इसे रुई की मदद से मेहंदी के ऊपर लगाएं। जब मेहंदी सूख जाए तो उसे हटाने के बाद भी इस मिश्रण को दोबारा हाथों पर लगाएं। विक्स या आयोडेक्स की मदद से भी मेहंदी का रंग गाढ़ा किया जा सकता है। मेहंदी सूखने के बाद उसे उतार लें और फिर इसके रंग को गहरा करने के लिए इस पर विक्स लगाएं। विक्स की गर्माहट से मेहंदी का रंग गहरा होगा।मेहंदी लगने के बाद हाथ पर पिपर्रंमट ऑयल लगा लें।आप चाहें तो मेहंदी वाले हाथों पर लौंग का धुआं भी ले सकती हैं। तीन-चार लौंग को तवे पर गर्म करें। जब उसमें धुआं उठने लगे तो अपनी हथेलियों को पास ले जाएं। कुछ देर हाथों को सेंकें और हटा लें।
- -सीमा उपाध्यायसर्दी के दिनों में ऐसी चीजें खाने की सलाह दी जाती है, जो न सिर्फ पोषक तत्वों से भरपूर हो, बल्कि शरीर को अंदर से गर्म रखने में मदद करें. अलसी के लड्डू सर्दी के मौसम के लिए बढ़िया रहते हैं, क्योंकि अलसी एक गर्म तासीर का बीज है और इसमें गुड़ के साथ ही कुछ ड्राई फ्रूट्स भी डाले जाते हैं. इसलिए यह सेहत के लिए कई फायदे करता है. अलसी में फाइबर, प्रोटीन, कॉपर, थायमिन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं तो वहीं गुड़ भी कैल्शियम, आयरन आदि न्यूट्रिएंट्स से भरपूर है. दोनों का कॉम्बिनेशन सर्दियों में न सिर्फ खांसी, जुकाम जैसी हेल्थ प्रॉब्लम से बचाएगा, बल्कि पूरे शरीर को एक्टिव और हेल्दी रखने में मदद करेगा.अलसी से लड्डू की रेसिपी दादी-नानी के जमाने से चली आ रही है. सर्दियों में ज्यादातर घरों में ये लड्डू बनाए जाते हैं, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ ही ये लड्डू सर्दी में गर्माहट देते हैं और शरीर में खून बनाने, एनर्जी देने में भी हेल्प फुल रहते हैं. तो चलिए जान लेते हैं रेसिपी.अलसी और गुड़ के लड्डू बनाने के लिए सामग्रीइनग्रेडिएंट्स में आपको चाहिए होगा, एक किलो गुड़, 400 ग्राम अलसी, 250 ग्राम मूंगफली, 150 ग्राम मखाने, 100 ग्राम बादाम, 100 ग्राम काजू, एक सूखा नारियल. इसके अलावा आप स्वाद के मुताबिक, किशमिश, छुहारे आदि ले सकते हैं.इस तरह से बनाएं अलसी के लड्डूसबसे पहले अलसी को बीनकर साफ कर लें. इसके बाद मोटे तले के कढ़ाही में डालकर रोस्ट करें. ध्यान रखें कि अलसी बिल्कुल भी जलनी नहीं चाहिए. इसके बाद अलसी को पीसकर पाउडर बना लें. अब दो चम्मच देसी घी में मखाने रोस्ट करें और इसे भी पीस लें. अब मूंगफली को अच्छी तरह से रोस्ट करके इसके छिलके अलग कर लें. इसे दरदरा पीस लें. बादाम, काजू को छोटे टुकड़ों में काटकर देसी घी में रोस्ट कर लें. अब नारियल (घिसा हुआ) को भी कढ़ाही में डालकर हल्का भून लें. इस तरह से सारी चीजें तैयार हो जाएंगी.लड्डू बनाने का फाइनल स्टेपगुड़ को छोटे टुकड़ों में तोड़ लें और कढ़ाही में डालकर मीडियम आंच पर पिघला लें. जब गुड़ पूरी तरह से पिघल जाए तो किसी बड़े बर्तन में इसे निकाल लें या फिर कढ़ाही में ही अलसी का पाउडर, मखाने का पाउडर, पिसी मूंगफली और बाकी सभी चीजें मिला लें. मिश्रण हल्का गर्म रहने पर ही हाथों में देसी घी लगाते हुए लड्डू बना लें. लास्ट में अगर मिश्रण बच रहा हो और उसके लड्डू न बंध रहे हो तो थोड़ा सा देसी घी मिला लें. इस तरह से बने अलसी के लड्डू कम से कम 25 से 30 दिन तक खराब नहीं होते हैं.
- -संध्या शर्मावेज या नॉन वेज, दोनों में कौन सी डिशेज ज्यादा जायकेदार होती हैं; ये डिबेट तो कभी खत्म होने वाला नहीं। हालांकि एक ऐसी डिश जरूर है जो वेज-नॉन वेज के इस सारे झगड़े को खत्म कर देती है और सभी के मुंह में पानी भी ला देती है। यहां हम बात कर रहे हैं कोफ्तों की। इनका स्वाद इतना लजीज होता है कि हर कोई कोफ्ते खाना पसंद करता है। इन्हें कई तरह की सब्जियों या मीट की मदद से तैयार किया जा सकता है। हालांकि कोफ्तों का मजा तभी है जब ये एकदम परफेक्ट और सॉफ्ट-सॉफ्ट बनें, जो मुंह में जाते ही घुल जाएं। लेकिन घर पर बनाते हुए अक्सर कोफ्ते अंदर से थोड़े सख्त रह जाते हैं, जो खाने में उतने अच्छे नहीं लगते। तो चलिए आज हम आप कुछ ऐसी टिप्स बताते हैं जिन्हें फॉलो कर के आप हर बार रेस्टोरेंट स्टाइल एकदम नर्म कोफ्ते बना पाएंगी।इन पांच टिप्स से हर बार बनेंगे परफेक्ट कोफ्ते1) अगर आप कोई नॉनवेज कोफ्ता बनाने जा रही हैं तो उसे मुलायम बनाने के लिए एक या दो ब्रेड को पानी में डालें। एक मिनट बाद पानी से निकालकर पानी को अच्छी तरह से निचोड़ दें। अब इस ब्रेड को कोफ्ता के मिश्रण में अच्छी तरह से मिलाएं और कोफ्ता तलें। कोफ्ता मुलायम बनेगा।2) मलाई कोफ्ता या किसी भी तरह के कोफ्ता को तलने के बाद उन्हें पांच से दस मिनट के लिए फ्रिज में रख दें। ऐसा करने से ग्रेवी में डालने के तुरंत बाद कोफ्ता बहुत ज्यादा मुलायम नहीं होगा और टूटेगा नहीं।3) कोफ्ते को हमेशा शुरुआत में तेज आंच पर और उसके बाद मध्यम आंच पर पकाएं। ऐसा करने से कोफ्ता न सिर्फ अच्छी तरह से पकेगा, बल्कि मुलायम भी बनेगा। अगर आपके पास समय कम है और आप कोफ्ते को तेज आंच पर पकाना चाहती हैं तो छोटे-छोटे आकार का कोफ्ता बनाएं।4) कोफ्ता मुलायम बनाने के कई सारे ट्रिक्स हैं। मसलन, कोफ्ता किसी भी चीज का बनाएं, उसके मिश्रण में कद्दूकस किया पनीर, उबला आलू या क्रीम मिला दें। आप चाहें तो कटा प्याज भी मिला सकती हैं।5) कोफ्ते को अच्छी तरह से तलना बहुत ज्यादा जरूरी है। अगर आप कोफ्ते को अच्छी तरह से पकाए बिना ही कड़ाही से निकाल देंगी तो ग्रेवी में डालने के बाद भी वह भीतर से कड़ा ही रहेगा और इसका सीधा असर कोफ्ते के स्वाद पर पड़ेगा। हमेशा मध्यम आंच पर सुनहरा होने तक इसे पकाएं।
- समृद्ध इतिहास, अनूठी संस्कृति, भाषा-बोली, स्वाद से लेकर पहनावे तक हमारा देश भारत विविधताओं से भरा होने के साथ ही प्यार से लबालब है. हर जगह की अपनी अलग खासियत है. वहीं नेचुरल ब्यूटी की बात करें तो भी भारत किसी से पीछे नहीं है. फिलहाल बात कर लेते हैं ऐसी जगहों के बारे में जहां कपल्स को एक-बार साथ में ट्रिप जरूर प्लान करनी चाहिए. लाइफ पार्टनर के साथ चाहे जैसी भी जगह हो वो भी खास होती है, लेकिन जिंदगी में खूबसूरत यादें बनाना भी जरूरी होता है और ट्रिप प्लान करने से बेहतर क्या है. जहां आप लव पार्टनर के साथ बेहतरीन समय बिता सकते हैं. भारत की ऐसी ही जगहें हैं जो कपल्स के लिए काफी खास हैं.शादी के बाद हनीमून तो ज्यादातर लोग प्लान करते हैं, लेकिन इसके बाद भी पार्टनर के साथ छोटी-छोटी ट्रिप प्लान करते रहना चाहिए, ताकि भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच रिश्ते के लिए भी समय निकाल सकें. इससे आपका रिश्ता और भी ज्यादा मजबूत होता है और नयापन बना रहता है. तो चलिए जान लेते हैं हमारे देश में मौजूद उन जगहों के बारे में जहां पर कपल्स को जरूर विजिट करना चाहिए.कश्मीर है परफेक्ट रोमांटिक डेस्टिनेशनलव पार्टनर के साथ एक बार कश्मीर की ट्रिप जरूर प्लान करनी चाहिए. भारत का स्वर्ग कश्मीर सर्दी हो या गर्मी हर मौसम में खूबसूरत लगता है. यहां पर आने के बाद गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम जैसी जगहों को जरूर विजिट करना चाहिए.दार्जिलिंग की हसीन वादियांकपल्स को एक बार दार्जिलिंग भी जरूर विजिट करना चाहिए. भारत के नॉर्थ-ईस्ट में बसी ये जगह साफ और शांत वातावरण से भरी हुई है. अपने लव पार्टनर के साथ यहां पर बिताया हर एक प्यार भरा पल रिश्ते को जिंदगी भर मजबूत करता रहेगा.ऊटी है कपल्स की फेवरेट जगहकपल्स के लिए भारत में हनीमून डेस्टिनेशन की बात करें तो ऊटी काफी फेमस है. हिल स्टेशनों की रानी कहा जाने वाला ऊटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है. सुहाने मौसम में यहां पर चाय के बागान, और नीलगिरी पहाड़ियों के खूबसूरत दृश्यों को पार्टनर के साथ निहारना यकीनन बेहद खास पल होगा.धर्मशाला, हिमाचल प्रदेशनेचुरल ब्यूटी की बात की जाए तो हिमाचल प्रदेश भी कमाल की डेस्टिनेशन है. कुल्लू-मनाली के पास स्थित ये जगह कपल्स के लिए बेस्ट है. यहां पर भागसू झरना, चाय के बागान, त्रिउंड ट्रेक, कांगड़ा किला जैसी जगहें घूमनी चाहिए. वहीं अगर पार्टनर के साथ आपको भगवान का आशीर्वाद लेना है तो धर्मशाला में मसरूर मंदिर, ग्युतो मठ और दलाई लामा मंदिर जाएं. यहां का आध्यात्मिक अनुभव आपको शांति से भर देगा.गोवा है रोमांच से भर देने वाली जगहभारत में कपल्स के लिए हनीमून डेस्टिनेशन की बात करें तो गोवा काफी पॉपुलर जगह है. यहां पर आपको अपने लव पार्टनर के साथ जरूर विजिट करना चाहिए. दूर तक फैला नीला समंदर, गोवा की नाइट लाइफ, रात को ठंडी रेत पर पार्टनर के साथ एक वॉक हर एक याद खूबसूरत रहेगी.
- -संध्या शर्माखाने के साथ परोसी गई चटनी ना सिर्फ भोजन का स्वाद बढ़ाती है बल्कि भूख को भी डबल कर देती है। आज तक आपने अपनी किचन में धनिया-पुदीना की मदद से कई बार चटनी बनाई होगी। लेकिन क्या आप इसके स्वाद के साथ इसके गहरे रंग को भी कई दिन तक बचा पाई हैं। अगर नहीं तो ये किचन टिप्स चटनी का ना सिर्फ स्वाद और रंग अच्छा बनाए रखते हैं बल्कि इसकी शेल्फ लाइफ को भी बढ़ा देते हैं।टेस्ट बैलेंस करने के लिए चीनीचटनी का स्वाद बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है कि उसमें एक चुटकी चीनी डाल दी जाए। यह किचन टिप इमली, पुदीना जैसी तीखी या मसालेदार चटनी के स्वाद को बदलकर रख देती है। चीनी चटनी के स्वाद को संतुलित करके हल्की मिठास पैदा करती है। जिससे चटनी खाने में और ज्यादा टेस्टी लगती है।नींबू का यूजनींबू का रस चटनी का फ्लेवर बढ़ाकर उसे चटपटा और स्पाइसी स्वाद देता है। इसके अलावा चटनी में यूज होने वाली चीजें जैसे पुदीना, धनिया या हरी मिर्च के गहरे रंग को बनाए रखने में भी मदद करता है। चटनी में नींबू का रस एक प्रिजर्वेटिव्स की तरह काम करके चटनी की शेल्फ लाइफ को बढ़ा देता है।रोस्टेड जीराचटनी का स्वाद बढ़ाने के लिए रोस्टेड जीरा भी डाला जा सकता है। चटनी में इसका यूज स्मोकी फ्लेवर देता है।चटनी को लंबे समय के लिए ऐसे करें स्टोरतेल का यूजअगर आपको लगता है कि आपकी बनाई हुई चटनी स्टोर करने पर जल्दी खराब हो जाती है या उसमें से महक आने लगती है, तो चटनी में तेल का यूज करें। इस उपाय को करने के लिए चटनी बनने के बाद उसके ऊपर थोड़ा-सा तेल डाल दें। इसके लिए आप सरसों का तेल, जैतून का तेल या रिफाइंड तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस उपाय को करने से चटनी के ऊपर का हिस्सा ऑक्सीजन के कांटेक्ट में नहीं आता और चटनी जल्दी खराब नहीं होती है।नमकनमक एक अच्छा प्रिजर्वेटिव होने की वजह से चटनी को लंबे समय तक फ्रेश बनाए रखने में मदद कर सकता है। चटनी बनाते समय थोड़ा ज्यादा नमक डालें। यह बैक्टीरिया को रोकता है और चटनी की शेल्फ लाइफ बढ़ता है।कांच का जारचटनी को बनाकर प्लास्टिक के बर्तनों में रखने की जगह कांच के जार या किसी बर्तन में स्टोर करके रखें। कांच का जार बैक्टीरिया को रोकने में मदद करता है। लेकिन इसमें चटनी रखने से पहले जार को अच्छी तरह से धोकर सुखा लें।
- - सीमा उपाध्यायफल सेहत के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इसमें जरूरी विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। यही वजह है कि रोजाना फल खाने की सलाह दी जाती है। इन्हे खाकर तमाम तरह की बीमारियों से दूर रहने में मदद मिलती है। कहते हैं कि जब भी आपको भूख लगे और कुछ स्नैक्स खाने का मन हो तो आप फल खाएं। हालांकि, बच्चे अक्सर फल खाने से कतराते हैं। ऐसे में आप उन्हें फ्रूट चाट बनाकर खिला सकते हैं। यहां देखिए 5 अलग तरह से फ्रूट चाट बनाने का तरीका-सेक कर बनाएं-फलों की चाट बनाने का ये एक पुराना तरीका है। पुरानी दिल्ली में इस तरह बनने वाली फल की चाट खूब मिलती है। इस बनाने के लिए सभी फलों को आलू और टमाटर के साथ घी में फ्राई किया जाता है। फिर इसमें चाट के मसाले को छिड़कते हैं और नींबू का रस डालते हैं।चाट मसाले से वाली चाट-फलों की चाट बनाने का ये सबसे आम तरीका है। इसे बहुत आसानी से बनाया जा सकता है। इसके लिए सभी फलों को टुकड़ों में काट लें और फिर नमक और चाट मसाला डालकर अच्छे से मिक्स कर दें।फ्रूट कुलिया-फ्रूट कुलिया एक बहुत फेमस चाट है, जो ज्यादातर चाट की दुकानों पर मिलती हैं। इसे बनाने के लिए पहले फलों को बड़े टुकड़ों में काट लिया जाता है और फिर इसे उबले चने,बूरा, नमक, चाट मसाला, खट्टी-मिठी चटनी के साथ बनाया जाता है। इसे सजाने के लिए चकोतरा के पल्प का इस्तेमाल करें।फ्रूट चाट में मिलाएं हरी चटनी-चटपटी फ्रूट चाट बनाने के लिए आप इसमें चाट मसाले के साथ ही हरी तीखी चटनी को मिला दें। अच्छे से मिक्स करें और फिर बारीक सेव और अनार से सजाकर सर्व करें।इस तरह बनाएं खट्टी-मिठी फलों की चाट-खट्टी-मिठी फलों की चाट भी स्वाद में काफी अच्छी लगती है। इसे बनाने के लिए मीठा और खट्टा पानी तैयार करें। फिर फलों के टुकड़े को एक कटोरे में डालें। फिर काला चाट मसाला और मीठा, खट्टा पानी डालें और फिर मिक्स करने के बाद सर्व करें।
- सामग्री-1. Dried ginger (सोंठ) 100g2. Cardamom (इलायची) 50g3. Black pepper(काली मिर्च) 50g4. Cinnamon (दालचीनी) 25g5. Cloves (लोंग) 25g6. Fennel seeds (सौंफ) 25g7. Nutmeg powder(जायफ़ल पाउडर) 1/2tsp8.Basil leaves(तुलसी के पते) 10-12 पते9. Dry rose (सूखे गुलाब के पंखुड़ी) (optional)विधिचाय मसाला पाउडर बनाने के लिए सबसे पहेले सोंठ को छोटे छोटे टुकड़ों में काट ले।अब एक पैन गर्म करे इस पैन में सोंठ के टुकड़े मध्यम आँच पर भूने जैसे ही सोंठ का मॉइश्चर ख़त्म हो जाए सोंठ को एक प्लेट में ठंडा होने के लिए रखे।फिर उसी पैन में लोंग,काली मिर्च, रचना कुक्स,और इलायची डाले।उसके बाद दालचीनी और सौंफ डाले।अंत में तुलसी, गुलाब की पंखुड़ी डालकर इन सभी साबुत मसालों को एक ही मिनट के लिये भूने जैसे ही मसालों की महेक आने लगे गैस को बंद कर दीजिए।इन भूने हुए मसालों को तुरंत ही एक प्लेट में फैला दे। मसालों को पूरी तरह ठंडा होने दीजिए।अब मिक्सर जार पहेले सोंठ को बारीक पिस ले। इस सोंठ के पाउडर को एक कटोरी में डाले।फिर उसी मिक्सर जार में भूने हुए मसाले डालकर उन्हें भी बारीक पिस ले।अंत में भूने हुए मसाला पाउडर के साथ ही सोंठ पाउडर और जायफ़ल पाउडर डालकर फिर से एक बार मिक्सर को चला ले, सारे मसाले मिक्स कर लें।चाय मसाला पाउडर तैयार है। इस पाउडर को डिब्बे में भरकर रखे।बाजार में मिलने वाले मिलावटी चाय मसाले से बचे घर पर बनाए स्वास्थ्यवर्धक चाय मसाला।
- सदाबहार का फूल गमले में आसानी से लगाया जा सकता है। एक बार जब ये पौधा हरा हो जाता है तो इसमें खूब फूल आने लगते हैं। ये एक ऐसा फूल है जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद होता है। सदाबहार के फूल अगर आपके घर में भी हैं तो इसकी मदद से फेस पैक तैयार करें। इससे बने फेस पैक को लगाकर चेहरे की चमक हमेशा बनी रहेगी।1) सदाबहार के फूल और गुलाब जल से बनाएं फेस पैकइसके लिए आपको चाहिएकैसे बनाएं फेस पैकइस फेस पैक को बनाने के लिए सदाबहार के फूलों को अच्छी तरह से धो लें। फिर इसके साथ सभी चीजों को अच्छी तरह से मिला लें। अब इसका एक पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को अपने चेहरे और गदर्न पर लगाएं। कम से कम 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।2) सदाबहार के फूल और विटामिन ई से बनाएं फेस पैकइसके लिए आपको चाहिए8-10 सदाबहार के फूलकैसे बनाएं फेस पैकइसे बनाने के लिए कुछ सदाबहार के फूलों को कूटकर एक पेस्ट बना लें। फिर इसमें चुटकीभर हल्दी, गुलाबजल और एक विटामिन ई का कैप्सूल मिलाएं। इस पेस्ट को अपने पूरे चेहरे पर लगाकर 20-25 मिनट तक लगाएं। फिर ठंडे पानी से धोएं। बाद में चेहरे पर थोड़ा गुलाब जल लगा सकते हैं।3) सदाबहार के फूल और शहद से बनाएं फेस पैकइसके लिए आपको चाहिए8-10 सदाबहार के फूलकैसे बनाएं फेस पैकइस पैक को बनाने के लिए सबसे पहले फूलों को अच्छे से साफ करें और पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में फिर नींबू का रस और शहद मिलाएं। चेहरे पर 15-20 मिनट तक पैक को लगाएं और चेहरे को धोएं।
- -संध्या शर्माग्रेवी का टेक्सचर क्रीमी और खट्टा बनाने के लिए अक्सर महिलाएं दही डालती हैं। लेकिन ये दही फट जाती है और ग्रेवी को खराब कर देती है। लेकिन इन टिप्स की मदद से दही को फटने से बचाया जा सकता है।खाने को टेस्टी बनाने के लिए बहुत छोटी-छोटी बारीक बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। तभी तो शेफ और बड़े रेस्टोरेंट में खाना टेस्टी और बिल्कुल परफेक्ट बनता है। ग्रेवी में दही का स्वाद काफी अच्छा लगता है। दही से ग्रेवी में खटास के साथ ही क्रीमी टेक्सचर भी मिल जाता है।ग्रेवी में दही कैसे डालेंलेकिन कई बार दही ग्रेवी में जाते ही फट जाती है और देखने में अजीब लगने लगती है। दही को फटने से बचाने और ग्रेवी को परफेक्ट बनाने के लिए इन 5 बातों का ध्यान रखना है जरूरी।दही को फेंट लेंजब भी दही को ग्रेवी में डालें तो ध्यान रखें कि उसे पहले ही फेंट लें। पहले से ही दही को किसी बाउल में निकालकर अच्छी तरह से फेंट कर क्रीमी टेक्सचर बना लें। जिससे कि ग्रेवी में जाने पर दही फटें नहीं और परफेक्ट बनी रहे।ग्रेवी कर लें नॉर्मलजब भी ग्रेवी में दही डालनी हो तो गैस की फ्लेम को बंद कर उसे थोड़ा नॉर्मल टेंपरेचर पर आ जाने दें। उसके बाद ही उसमे दही डालें। ऐसा करने से दही फटती नही हैं। नहीं तो गर्माहट पाकर दही का फट जाना बिल्कुल कॉमन है।चलाना है जरूरीजब भी ग्रेवी में दही डालें तो उसे तब तक चलाएं जब तक कि दही पूरी तरह से ग्रेवी में मिक्स ना हो जाए और उसमे एक उबाल ना आ जाए। ऐसा करने से दही फटेगी नहीं और ग्रेवी का टेक्सचर बिल्कुल परफेक्ट क्रीमी बनकर तैयार होगा।नमक बाद में डालेंग्रेवी में दही डालने के बाद फटने से बचाने के लिए नमक को सबसे आखिर में डालें। नमक की वजह से भी दही फट जाती है।पानी डालकर ग्रेवी को करें सहीदही डालने के बाद ग्रेवी अगर बहुत ज्यादा गाढ़ी हो जाए पानी डालकर इसकी मात्रा को सही कर लेना चाहिए। पानी डालते वक्त भी ध्यान रखें कि दही ग्रेवी में पूरी तरह से मिक्स हो जाने के बाद डालें। जिससे दही फटे नहीं और ग्रेवी परफेक्ट बनी रहे।
- - सीमा उपाध्यायत्योहारों का सीजन हो या ब्रेकफास्ट में कुछ अच्छा खाने का करें मन, छोलों के साथ फूले-फूले भटूरे का स्वाद हर किसी को बेहद पसंद होता है। लेकिन कई बार घर में इन्हें बनाते समय भटूरे कड़क और पिचके हुए बनते हैं। जो स्वाद को बिगाड़कर रख देते हैं। फूला हुआ भटूरा ना सिर्फ परोसने में अच्छा लगता है बल्कि खाने में भी उतना ही टेस्टी होता है। अगर आपसे भी भटूरे फूले हुए नहीं बनते हैं तो ये हलवाई वाली ट्रिक अपनाकर आप वैसा ही स्वाद और लुक अपने भटूरों को दे सकती हैं।भटूरों को फूला-फूला बनाने के लिए अपनाएं ये किचन टिप्ससॉफ्ट रखें भटूरे का डोभटूरे का डो तैयार करने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कोई चीनी की जगह नमक तो कोई बेकिंग सोडा की जगह ईनो का यूज करता है। आप तरीका भले ही जो मर्जी अपनाएं। लेकिन भटूरे का डो नरम रखें। भटूरे का डो अधिक देर तक छोड़ने से ना सिर्फ सख्त हो जाता है बल्कि खट्टा भी हो सकता है, जो भटूरे का स्वाद खराब कर सकता है। जितना ज्यादा देर तक मैदे का डो गूंथेंगी उतना अच्छा भटूरे का डो तैयार होगा।भटूरे बेलने की टिप्सभटूरे का डो तैयार करने के बाद इसे बेलते समय आटे को बराबर भाग में बांट लें। इस बात का ध्यान रखें कि भटूरे की लोई ना ज्यादा पतली बेली हुई हो और ना ही बहुत ज्यादा मोटी बेली हुई हो।गर्म तेल में ही तलें भटूराभटूरे को तलने के लिए कढ़ाई में हमेशा तेल थोड़ा ज्यादा रखें। भटूरा तलने के लिए तेल हमेशा तेज गर्म होना चाहिए। कढ़ाई में भटूरा डालने के बाद ऊपर से गर्म तेल चम्मच की मदद से डालें और चम्मच की मदद से उसे हल्का दबाते हुए तलें। इससे भटूरा तुरंत फूल जाएगा।
- घर में रखी लोहे की कड़ाही को अक्सर लोग इसलिए इस्तेमाल नहीं करते कि साफ करना मुश्किल होता है। एक बार इस पर कालिख जम गई तो आसानी से नहीं छूटती। लेकिन नॉनस्टिक और एल्यूमिनियम जैसे बर्तनों में खाना बीमारियों को न्योता देता है। अगर आप चाहती हैं कि काले हो चुके लोहे के तवे और कड़ाही को मिनटों में चमका दिया जाए तो बस इस एक चीज से धोएं। बिना मेहनत के आसानी से सारी कालिख और काला जमा हुआ हिस्सा निकल जाएगा। इसके लिए बस फिटकरी की जरूरत होगी।फिटकरी से कैसे करें लोहे के तवे और कड़ाही को साफ-परांठे और पूड़ियां तलने से तवा और कड़ाही काला हो गया है और कालिख जम गई है तो बस फिटकरी से साफ करके चमकाया जा सकता है।-सबसे पहले तवा या कड़ाही को गैस पर रखकर गर्म करें और उस पर फिटकरी को लेकर रगड़ें। गर्म तवे और कड़ाही पर फिटकरी को जैसे ही रगड़ेंगी तो कालिख छूटना शुरू हो जाएगी।-रगड़ने के बाद उस पर पानी डाल दें। और साथ ही एक चम्मच नमक के साथ बचे फिटकरी के टुकड़े को डालकर पांच मिनट के लिए छोड़ दें।-इतनी देर में सारी कालिख गीली होकर छूटने लगेगी। तवे या कड़ाही पर डाले हुए पानी को किसी कटोरी में निकाल लें और डिश वॉश बार या लिक्वड को लगाकर थोड़ा सा रगड़कर साफ करें। साथ ही उस पानी का भी इस्तेमाल करते रहें। जिसमे फिटकरी घुली हुई है।-बस सारा कालापन निकलकर लोहे का तवा बिल्कुल साफ हो कर चमकने लगेगा।
- आप जब अपने ऑफिस में कोई सुझाव देती हैं तो उसे तरजीह मिलती है? या फिर आपके सुझाव को अनदेखा कर दिया जाता है, जबकि वही बात जब कोई पुरुष सहकर्मी कहता है, तो उसकी बात को बहुत गंभीरता से लिया जाता है? अगर हां, तो यकीनन इस ओर गौर करने की आवश्यकता है कि भला आपके हिस्से की शाबाशी कहां जा रही है? कारण कई हो सकते हैं। पर, अध्ययन बताते हैं कि महिलाओं को पुरुषों के साथ समूह में काम करने पर पुरुषों के मुकाबले कम श्रेय मिल पाता है। एकैडमी ऑफ मैनेजमेंट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन बताता है कि ज्यादातर लोग अपने लीडर की कल्पना एक पुरुष के रूप करते हैं। इसी तरह एक और अध्ययन बताता है कि कार्यक्षेत्र में अपनी बात रखने और खुद को साबित करने के मामले में श्रेय पुरुष कर्मी को ही मिलता है। यानी जब एक पुरुष अपनी टीम को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव रखता है तो उन्हें महिला सहकर्मी की तुलना में ज्यादा तवज्जो मिलती है। सीधे शब्दों में कहें तो नेतृत्व के लिए उपयुक्त विकल्प के तौर महिला को देखना मुश्किल माना जाता है। यहां मामला काम का नहीं, सोच का है, जिसे बदलना होगा। ऐसे में कामकाजी महिलाओं को ऐसे प्रयासों की दरकार होती है, जो पुरुष सहकर्मियों के साथ उनकी बराबर भागीदारी को साबित करे। कामकाजी महिलाओं को बार-बार अपनी स्किल्स को साबित करना पड़ता है ताकि उन्हें भी जरूरी महत्व मिले। अगर आपकी मेहनत ऑफिस में मैनेजमेंट की नजरों के सामने आ ही नहीं पा रही है, तो आपको इस दिशा में भी विशेष प्रयास करने की जरूरत है।कीजिए अपने काम को जाहिरहमारा काम बोलता है, यह सच है। पर, यह भी सच है कि चुपचाप सिर्फ काम करते रहना काफी नहीं है। समय-समय पर अपने काम को जाहिर करना भी जरूरी है। इसका तरीका आप पर निर्भर करता है। आप सीधे उनको अपडेट कर सकती हैं कि आपने क्या, कितना, कैसे किया है। आप फॉलोअप ले सकती हैं। पूरी टीम के सामने अपने काम की चर्चा करने की जगह आप बॉस से अकेले मीटिंग करके उन्हें अपने काम के बारे में विस्तार से बता सकती हैं। या फिर अप्रत्यक्ष तौर पर बातों-बातों में सबके या अपने बॉस के सामने अपने काम की गति पर चर्चा कर सकती हैं। बस जरूरी है, आपका सक्रिय होना।तारीफ करना है जरूरीअगर आप चाहती हैं कि आपकी मेहनत का श्रेय आपको मिले, तो दूसरों को श्रेय देना भी सीखें। वो कहते हैं न, हमको दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए , जैसा हम अपने साथ पसंद करते हैं। यह फॉर्मूला कार्यक्षेत्र में भी आपके काम आने वाला है। अगर आप लोगों की तारीफ करती हैं, उनके काम का श्रेय समय-समय पर उनको देती रहती हैं, तो यकीनन और लोग भी आपका तरीका स्वीकार करेंगे। और आपके हिस्से का श्रेय आपको मिलने के रास्ते आसान हो जाएंगे।बनाइए नोट्सनोट्स, एक ऐसा सूत्र है जो परीक्षा के दिनों में तमाम सवालों के जवाब याद करने और समय की बचत में आपका मददगार होता था। वहीं, ऑफिस में बनाए गए नोट्स आपको अपने काम को सही तरीके से करने में मददगार होंगे। ये नोट्स आपके काम को मौलिकता देंगे। इतना ही नहीं, ये आपके हिस्से का श्रेय चुराने वालों के सामने आपके सबूत के तौर पर काम आएंगे।
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घर में कुछ भी शुभ काम हो रहा तो रंगोली जरूर बनती है। दिवाली के मौके पर तो हर आंगन रंगोली से सजा रहता है। अगर आप रंगों से रंगोली बनाने के बजाय फूलों वाली रंगोली बनाना चाहते हैं तो मात्र गेंदे और थोड़े से गुलाब की पंखुड़ियों से ही सुंदर रंगोली डिजाइन बना सकती हैं। बस इन अट्रैक्टिव और बिल्कुल सिंपल सी डिजाइन को सेव करके रख लें।
गुलाब, गेंदे और अक्ष्त के साथ बनाएं रंगोलीघर के मंदिर में फूल की रंगोली बनाना ज्यादा लोग पसंद करते हैं। पूजा के अक्षत का इस्तेमाल करने के साथ ही गेंदे और गुलाब से ये डिजाइन बनाई जा सकती है।ईजी फ्लावर रंगोली डिजाइनफूलों से रंगोली बनाना मु्श्किल लगता है तो कुछ गेंदे के कुछ फूलों की मदद से ही ये राउंड शेप वाली आसान सी रंगोली डिजाइन बनाई जा सकती है।पीले ऑेरेंज गेंदे से बनाएं अल्पनापीले और ऑरेंज गेंदे के फूलों से सुंदर अल्पना बनाई जा सकती है। साथ में सफेद चावल और गुलाब के फूलों से इसे और भी ज्यादा अट्रैक्टिव बनाया सकते हैं।पत्तियों से बनाएं रंगोली डिजाइनफूलों के साथ ही आम की या अशोक की पत्तियों की मदद से रंगोली की डिजाइन को कंप्लीट करें। ये ना केवल अट्रैक्टिव दिखेगा बल्कि फूल भी कम यूज होंगे।पत्तियों से बनाएं मोरआम की पत्तियों से सुंदर मोर बनाने की कलाकारी करना है तो देख लें ये रंगोली डिजाइनरंगोली डिजाइनफूलों से बनाएं रंगोली की सुंदर डिजाइन, इन अल्पना वाली डिजाइन को बनाना बहुत ही आसान है।फूलों के साथ करें कलर का इस्तेमालगेंदे और गुलाब के सुंदर फूलों के साथ रंगोली बनाएं और बीच में रंगों की मदद से भगवान गणेश को बनाएं। फूलों के बेस पर कलर का काफी क्रिएटिव तरीके से इस्तेमाल किया गया है।हरे रंग के लिए करें घास का इस्तेमालभगवान गणेश की पूजा में दूब का इस्तेमाल किया जाता है। इन दूब को छोटा-छोटा कैंची की मदद से काट लें और हरे रंग के लिए फूलों के साथ यूज करें। सुंदर रंगोली बनकर तैयार होगी।चावलों से तैयार करें रंगोलीपीले और ऑरेंज गेंदे के फूलों के साथ सफेद रंग के लिए चावल का इस्तेमाल कर सकते हैं। मंदिर में बनी ये रंगोली बिल्कुल शुभ होती है और आप चाहें तो इसे माता की चौकी सजाने के लिए भी बना सकती हैं।सबसे आसान रंगोली डिजाइनदिवाली के दिन ढेरों काम होते हैं। ऐसे में अगर रंगोली बनाने का समय नहीं मिल रहा है तो फटाफट से ये गेंदे के माला और गुलाब की पंखुड़ियों से डिजाइन तैयार कर सकती हैं। - -संध्या शर्माब्रेकफास्ट में पोहा, इडली, अप्पम जैसी चीजें लोग रोजाना खाते हैं। लेकिन अगर आप इन चीजों को खाकर बोर हो गए हैं तो गुजराती नाश्ता बनाकर खा सकते हैं। यहां कुछ 5 ऐसे ब्रेकफास्ट ऑप्शन बता रहे हैं जो आप घर पर आसानी से बनाकर खा सकते हैं। इनमें से कुछ चीजें बेसन से बनती हैं और कुछ चावल के आटे से। अच्छी बात ये हैं कि इन सभी डिशेज को घर में मौजूद चीजों से बनाया जा सकता है। आइए, जानते हैं 5 गुजराती ब्रेकफास्ट ऑप्शन-दूधी ना मुठियाये एक ट्रेडिशनल डिश है। जिसे गेहूं और सूजी के साथ मिलाकर बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए लौकी का इस्तेमाल होता है ऐसे में ये पौष्टिक तत्वों से भरपूर और ऑथेंटिक गुजराती स्वाद से भरपूर, यह नाश्ता हल्का खाने के लिए बेस्ट है।प्याज थेपलाप्याज का थेपला एक आसान और झटपट बनने वाली ब्रेड है जो टेस्टी होती है और इसे किसी भी सब्जी के साथ खाया जा सकता है। प्याज थेपला बनाने के लिए भारतीय मसालों के साथ कारमेलाइज्ड प्याज को गेहूं के आटे में मिलाया जाता है और फिर आटा गूंथ कर थेपले तैयार किए जाते हैं।मकई ढोकलामकई ढोकला एक हल्का और हेल्दी नाश्ता है, जो ताजा मकई के दानों और मकई दलिया का इस्तेमाल करके बनाया जाता है। मकई ढोकला एक बेहतरीन स्नैक है।चावल का खीचूये भी एक फेमस गुजराती डिश है। इसे चावल के आटे से बनाया जाता है। ये एक हेल्दी रेसिपी है। इस डिश को बनाने पर चावल के मिक्स को स्टीम भी किया जाता है। इसे सर्व करने से पहले इसके ऊपर घी या फिर मूंगफली का तेल और लाल मिर्च डाली जाती है। इसे आप आसानी से घर पर मौजूद सामान से तैयार कर सकते हैं।हांडवोनाश्ता दिन की सबसे जरूरी मील में से एक है, जिसे बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। हांडवो एक फेमस गुजराती खाना है, जिसका एक हेल्दी और टेस्टी नमकीन केक बनाया जाता है। यह आम तौर पर लौकी या मिक्स दाल के आटे के साथ तैयार किया जाता है।
- - सीमा उपाध्यायमौसम चाहें कोई भी हो चिल्ड कोल्ड कॉफी का स्वाद हर टाइम अच्छा लगता है। इसे पीते ही मन फ्रेश हो जाता है। वैसे तो लोग इसे बाजार में जाकर पीते हैं, लेकिन हर बार कैफे में जाकर पीना जेब पर बहुत भारी पड़ सकता है। हालांकि, घर पर बनी कॉफी का स्वाद कैफे जैसा नहीं होता फिर चाहें इसे बनाने के लिए रेस्तरां वाले इनग्रेडिएंट्स का इस्तेमाल ही क्यों न हुआ हो। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो आप कुछ टिप्स को अपना सकते हैं। आइए, जानते हैं परफेक्ट कोल्ड कॉपी बनाने की टिप्स-कैसे बनाएं परफेक्ट कोल्ड कॉफी1) दूध में जमाएं हल्की बर्फकोल्ड कॉफी बनाने के लिए फूल क्रीम दूध का इस्तेमाल करें। इसे यूज करने से पहले इसको फ्रीजर में रखें और इसमें हल्की बर्फ जमने दें। बर्फ जमने के बाद इसका इस्तेंमाल कॉफी बनाने के लिए करें।2) कॉफी को करें बीटकोल्ड कॉफी को टेस्टी बनाने के लिए कॉफी को बीट करें। इसे बीट करने के लिए एक ग्लास में या फिर शेकर में कॉफी पाउडर डालें। फिर स्वाद के मुताबिक चीनी और थोड़ा पानी मिलाएं। अब इसे अच्छे से मिक्स करें, जब तक झाग न बन जाए।3) दूध को करें ब्लेंडजिस दूध को फ्रीज में रखा है उसे ब्लेंडर में डालें और फिर मिल्क क्रीम के साथ इसे मिक्स करें। फिर इसमें कुछ बर्फ के टुकड़े डालकर ब्लेंड करें।4) इस ट्रिक से मिलेगा कैफे वाला टेस्टअगर आपको रेस्त्रां या कैफे वाली कॉफी का स्वाद और थिकने अच्छी लगती है तो आईसक्रीम का इस्तेमाल करें। जब आप दूध को ब्लेंड करें को इसी के साथ आईस्क्रीम भी मिला दें। इससे कॉफी को बाजार जैसी थिकनेस मिलेगी।5) कॉफी और दूध को करें मिक्सकॉफी और दूध को सबसे एंड में मिक्स करें। इसे सिर्फ एक ही बार ब्लेंड करें ताकी झाग जो बने हैं वह बने रहें। ग्लास में डालने से पहले चॉकलेट सिरप से इसे सजाएं और फिर सर्व करें।
- दिवाली का त्योहार बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। ये त्योहार मिठाई और पकवान के बिना अधुरा है। भारतीय घरों में दिवाली पर तरह-तरह की चीजें बनाई जाती हैं। इस साल दीवाली का मजा दोगुना करने के लिए आप घर पर तरह-तरह की मिठाईयां और स्नैक्स तैयार कर सकते हैं। यहां हम आपको कुछ सिंपल 5 स्नेक्स बता रहे हैं, जिन्हें खाकर मेहमान भी आपकी तारीफ करते नहीं थकेंगे।1) कुकीज- नाश्ते के लिए आप कुछ टेस्टी कुकीज तैयार कर सकते हैं। घर में आप इसे आटे से बना सकते हैं। इसमें कुछ ड्राई फ्रूट्स जैसे काजू, बादाम, पिस्ता भी डाल सकते हैं। अच्छे फ्लेवर को पाने के लिए आप इसमें इलायची पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। चाय के साथ सर्व करने के लिए ये कुकीज बेस्ट हैं।2) कॉर्न फ्लैक्स नमकीन- मूंगफली, आलू लच्छा और कॉर्न फ्लैक्स का इस्तेमाल करके बनने वाली नमकीन स्वाद में काफी अच्ची लगती है। आप इसमें नारियल के टुकड़े और कड़ी पत्ता को सेक कर डाल सकते हैं। ये नमकीन हर किसी को खूब पसंद आएगी।3) मेथी मट्ठी- दिवाली स्नैक्स के लिए आप मेथी मट्ठी बना सकते हैं। अच्छे सॉफ्ट स्वाद के लिए आप इसमें खूब सारा मॉइन का इस्तेमाल करें। इस मट्ठी को आप अचार के साथ भी खा सकते हैं। ट्रैवलिंग के दौरान भी आप इन मट्ठी को बना सकते हैं।4) चकली- चावल से तैयार होने वाली चकली साउथ में खूब खाई जाती है। इसे बनाने के लिए एक अलग स्टैंड का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बैटर में सफेद तिल का इस्तेमाल भी किया जाता है। इससे आप फटाफट बनाकर तैयार कर सकते हैं।5) बेसन भुजिया- बेसन की भुजिया हर घर में खाई जाती है। इसे आप दिवाली स्नैक्स के लिए भी तैयार कर सकते हैं। घर पर इस भुजिया को बनाने के लिए एक अलग सांचे का इस्तेमाल किया जाता है। आप मोटी या पतली शेप अपने मिताबिक चुन सकती हैं।
- आपने अक्सर देखा होगा कि सुबह जब सूरज की पहली किरण कलियों पर पड़ती है तो वह खिल कर फूल हो जाती हैं. लेकिन क्या आप ऐसे पौधों के बारे में जानते हैं, जिनके फूल सिर्फ रात के वक्त ही खिलते हैं. इन पौधों पर लगी कलियां दिन के वक्त बंद रहती हैं और रात होते ही खिल जाती हैं. जबकि, दुनिया के ज्यादातर फूल इससे उल्टा करते हैं. यानी उनकी कलियां रात में बंद रहती हैं और दिन में खिल जाती हैं.रात में फूलों को खिलने का विज्ञानरात के वक्त चांद की रौशनी में खिलने वाले फूलों के पीछे एक दिलचस्प विज्ञान है. दरअसल, रात में खिलने वाले फूलों को "नीशनलाइट" फूल कहा जाता है. ये फूल कई तरह के जैविक और पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित होते हैं. जैसे- फूलों का जीवन चक्र. अक्सर रात में खिलने वाले फूलों का जीवन चक्र रात के समय के लिए ही अनुकूलित होता है. दरअसल, यह प्रक्रिया मुख्य रूप से तापमान, आर्द्रता और प्रकाश स्तर पर निर्भर करती है.फोटोपियरीओडिज़्म, परागण और रात के कीटफोटोपियरीओडिज़्म की बात करें तो ये एक जैविक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा पौधे प्रकाश के अलग-अलग स्तरों के प्रति प्रतिक्रिया करते हैं. यह उनके जीवन चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो परागणकों को आकर्षित करने के लिए जरूरी है.दरअसल, रात में खिलने वाले फूलों का मेन उद्देश्य परागण है. ये फूल खिल कर रात के कीटों, जैसे कि पतंगों और अन्य परागणकों को आकर्षित करते हैं. इसे ऐसे समझिए कि इन फूलों की सुगंध और रंग रात के अंधेरे में विशेष रूप से प्रभावी होते हैं और ये इसकी मदद से कीटों को अपनी ओर खींचते हैं. विज्ञान की भाषा में कहें तो फूलों का यह विकास एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.कौन-कौन से फूल रात में खिलते हैं'रात रानी' का फूलरात रानी एक खूबसूरत रात में खिलने वाला फूल है. इस फूल की छोटी सफेद कलियां रात में ही खिलती हैं और बेहद सुगंधित होती हैं. इनकी महक आपको दूर से ही रात में आ जाएगी.जैस्मिन भी रात में खिलती हैरात रानी की तरह, जैस्मिन के फूल भी रात में खिलते हैं और उनकी सुगंध बहुत ही कमाल होती है. ये फूल दो तरह के होते हैं. किंग जैस्मिन और सैमबैक जैस्मिन. जैस्मिन का उपयोग अक्सर पर्फ्यूम बनाने में किया जाता है.नाइट-ब्लूमिंग सरेननाइट-ब्लूमिंग सरेन कैक्टस प्रजाति का पौधा है. इस पौधे पर रात में फूल खिलता है. इस पौधे के फूल बहुत बड़े और सुंदर होते हैं और केवल एक रात के लिए ही खिलते हैं. इस पौधे के फूलों की खुशबू बेहद तेज होती है.ट्रंपेट वाइन का फूलट्रंपेट वाइन का फूल भी रात में खिलता है और इसका आकार बेलन के जैसा होता है. यह फूल रात में मधुमक्खियों और अन्य कीटों को आकर्षित करता है. यह पौधा अपनी सुंदरता और रंग बिरंगे फूलों के लिए जाना जाता. इस पौधे का इस्तेमाल अक्सर बागों में सजावटी पौधे के रूप में किया जाता है. इसके अलावा कई और फूल होते हैं जो रात में खिलते हैं.
- धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी, लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन सोने, चांदी सहित घरेलू उपयोग की चीजें खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भूमि, भवन, वाहन सहित अन्य नए सामानों के खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है। कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि पर देव व असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था। इसमें आयुर्वेद के प्रवर्तक धनवंतरि व मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी। मां लक्ष्मी समृद्धि व धनवंतरि निरोगी काया के प्रतीक हैं। धनतेरस पर दोनों के पूजन का विधान है। इसमें नई वस्तुएं खरीदने के बाद इसी समयावधि में मां लक्ष्मी, कुबेर व धनवंतरि का पूजना करना उत्तम रहेगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार धनतेरस पर राशि अनुसार कुछ चीजों की खरीदारी शुभ मानी जाती है। आइए जानते हैं, राशि के अनुसार धनतेरस पर क्या खरीदें-राशि के अनुसार खरीदारी पर मिलेगा फलमेष- ताबा की मूर्तिया, भूमि व भवनवृषभ- चांदी के आभूषण व लक्ष्मी-गणेश की मूर्तिमिथुन- लाल वस्त्र, पुखराज, आभूषणकर्क- चांदी के आभूषण या चांदी के बर्तनसिंह- सोने से बनी मूर्ति व आभूषणकन्या- स्टील के बर्तन, सोना- चांदी के आभूषणतुला- फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक वस्तुएंवृश्चिक- तांबा के बर्तन, देव मूर्तियांधनु- सोने से बनी देव मूर्तिमकर- स्टील के बर्तन, रत्नों में नीलमकुंभ- रत्नों में नीलम, तांबा की देव मूर्तियांमीन- सोने से बनी देव मूर्ति