एफआईएसएमई ने छोटे-मझोले उद्यमों की मदद के लिये आरबीआई को भेजे दस सुझाव
नयी दिल्ली । सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमसएमई) का संगठन एफआईएसएमई ने कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित एमएसएमई क्षेत्र की मदद के लिए आरबीआई को दस उपाय सुझाये है। इन सुझावों में आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत किश्तों के भुगतान को स्थगित करना भी शामिल है। पिछले साल केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में 3 लाख करोड़ रुपये की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) की घोषणा की थी। फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो एंड स्मॉल एंड मीडिया एंटरप्राइजेज (एफआईएसएमई) ने भारतीय रिर्जव बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को लिखे पत्र में कहा,‘‘संकट के समय में सबसे पहले जो खर्च कम की जाती है, वह कर्मचारियों को हटाना होता है। हमारी सरकार और आरबीआई से विनम्र प्रार्थना है कि जब तक बचाने के सभी प्रयास न किये जाए, तब तक किसी भी एमएसएमई को बंद न होने दें।'' एफआईएसएमई ने एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमों को महत्व देने, कोरोना संकट के समय को विशेष परिस्थिति के रूप में लिये जाने और वेतन/सामाजिक सुरक्षा की लागत को भी उठाने के सुझाव दिये हैं। इसके अलावा उसने कोविड काल के दौरान एनपीए प्रक्रिया को बंद करने तथा आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के तहत किश्तों के भुगतान को स्थगित करने की भी मांग की हैं। उसने कहा कि दस हजार छोटे उद्यमों के बंद होने के साथ लाखों कर्मचारी भी सड़क पर आ जायेंगे। जिन उद्यमों के पूंजीगत व्यय फंस गई है, उन उद्यमों को कर्ज देने की सिफारिश के साथ-साथ निष्पादित परिसंपत्तियों के मामले में छूट और पुनर्गठन की भी मांग की गयी है।
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