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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में एक बडे़ मेगा फूड इंवेट का आयोजन होने जा रहा है। इसके तहत प्रधानमंत्री मोदी वर्ल्ड फूड इंडिया (WFI) 2025 के चौथे संस्करण का 25 सितंबर को भारत मंडपम में उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान भी मौजूद रहेंगे। यह आयोजन 25 से 28 सितंबर तक चलेगा और इसमें दुनिया भर के नीति-निर्माता, उद्योग जगत के दिग्गज, निवेशक और उद्यमी शामिल होंगे।खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम भारत को “फूड हब ऑफ द वर्ल्ड” बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसमें निवेश, नवाचार और साझेदारी को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा। बड़ी संख्या में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इसमें हिस्सा लेंगी। इस बार न्यूजीलैंड और सऊदी अरब पार्टनर देश, जबकि जापान, यूएई, वियतनाम और रूस फोकस देश के रूप में शामिल होंगे। इनकी भागीदारी से न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे बल्कि व्यापार और निवेश के नए अवसर भी खुलेंगे।
आयोजन में उच्च स्तरीय पैनल चर्चाएं होंगी, जिनमें वैश्विक विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और उद्योग प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। इसके अलावा सेक्टोरल एग्जिबिशन में खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, मशीनरी, कोल्ड चेन और अन्य क्षेत्रों की नवीनतम तकनीक और समाधान प्रदर्शित किए जाएंगे। बी2बी और बी2जी नेटवर्किंग सत्र भी होंगे, जो रणनीतिक साझेदारी और सहयोग को बढ़ावा देंगे। साथ ही भारत की समृद्ध खाद्य विविधता और भविष्य की फूड ट्रेंड्स को दिखाने के लिए कुकिंग शो और शेफ प्रतियोगिताएं भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी।इस दौरान दो बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजन भी होंगे। पहला है एफएसएसएआई द्वारा आयोजित तीसरा ग्लोबल फूड रेगुलेटर्स समिट, जिसमें वैश्विक नियामक खाद्य सुरक्षा मानकों और सहयोग पर चर्चा करेंगे। दूसरा 24वां इंडिया इंटरनेशनल सीफूड शो (IISS) जिसे सीफूड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) आयोजित करेगा और इसमें भारत की समुद्री खाद्य निर्यात क्षमता पर फोकस किया जाएगा। -
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को ज्ञान भारतम पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत की प्राचीन पांडुलिपियों को डिजिटाइज कर संरक्षित करना और उन्हें आधुनिक शोध तथा तकनीकी विकास से जोड़ना है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास के क्रूर थपेड़ों में लाखों पांडुलिपियां नष्ट हो गईं, लेकिन भारत के पास अब भी दुनिया का सबसे बड़ा पांडुलिपि संग्रह है, जिसकी संख्या लगभग एक करोड़ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर देश अपनी ऐतिहासिक धरोहर को सभ्यता की महानता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है। जहां कई देश एक पांडुलिपि को भी राष्ट्रीय धरोहर मानकर सहेजते हैं, वहीं भारत के पास करोड़ों पांडुलिपियां हैं, जो गर्व का विषय हैं। उन्होंने कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा आज भी जीवित है क्योंकि यह संरक्षण, नवाचार, संवर्धन और अनुकूलन जैसे चार स्तंभों पर टिकी है।पीएम मोदी ने बताया कि ज्ञान भारतम मिशन न केवल अतीत को संरक्षित करेगा बल्कि भविष्य के लिए नए अवसर भी खोलेगा। उन्होंने कहा कि प्राचीन पांडुलिपियों का डिजिटाइजेशन एक विशाल डेटा बैंक तैयार करेगा, जो तकनीकी शोध, नवाचार और नई खोजों के लिए आधार बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व का सांस्कृतिक और क्रिएटिव इंडस्ट्री क्षेत्र लगभग 2.5 ट्रिलियन डॉलर का है, और भारत की पांडुलिपियां इस क्षेत्र में नई संभावनाएं जोड़ सकती हैं।प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे इस मिशन में सक्रिय भाग लें और प्रौद्योगिकी की मदद से भारत के अतीत को दुनिया के सामने लाएं। उन्होंने कहा कि पांडुलिपियों को गहराई से समझने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। एआई की मदद से इन पांडुलिपियों का व्यापक विश्लेषण किया जा सकता है और इन्हें विश्व के सामने और अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है।पीएम मोदी ने विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों से भी आग्रह किया कि वे इस दिशा में नए कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि पूरा देश स्वदेशी की भावना और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है, और ज्ञान भारतम् मिशन भी इसी राष्ट्रीय भावना का विस्तार है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी धरोहर को अपनी ताकत का प्रतीक बनाना होगा और यह मिशन भविष्य के लिए एक नया अध्याय साबित होगा। - नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत की प्राचीन पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण से ‘‘बौद्धिक चोरी’’ रूकेगी। उन्होंने कहा कि अन्य लोगों ने देश की पारंपरिक ज्ञान संपदा में मौजूद जानकारी की नकल की और उसका पेटेंट करा लिया। ज्ञान भारतम पर यहां विज्ञान भवन में, ‘पांडुलिपि विरासत के माध्यम से भारत के ज्ञान धरोहर की पुनःप्राप्ति’ विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पहल ‘‘स्वदेशी’’ और ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ की अवधारणा के साथ आगे बढ़ने के देश के संकल्प का विस्तार है।उन्होंने कहा कि भारत अब सदियों से अपनी पांडुलिपियों में संरक्षित प्राचीन ज्ञान की विरासत को दुनिया के समक्ष गर्व से प्रस्तुत कर रहा है। मोदी ने देश भर में मौजूद इन पांडुलिपियों को डिजिटल बनाने के सरकार के लक्ष्य में साथ काम करने के लिए निजी संगठनों की सराहना की और कहा कि अब तक 10 लाख से अधिक पांडुलिपियों का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।उन्होंने कहा कि भारत थाईलैंड, वियतनाम और मंगोलिया जैसे अन्य देशों के साथ काम कर रहा है, जिनके साथ उसके सांस्कृतिक संबंध रहे हैं और जहां ऐसी पांडुलिपियां हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आयोजन भारत के स्वर्णिम अतीत के पुनर्जागरण का साक्षी है। उन्होंने कहा कि इसकी ज्ञान परंपरा इतनी समृद्ध है क्योंकि यह संरक्षण, नवाचार और अनुकूलन के स्तंभों पर टिकी हुई है।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा संग्रह है, जिसमें लगभग एक करोड़ पांडुलिपियां हैं। मोदी ने कहा, ‘‘अतीत में करोड़ों पांडुलिपियां नष्ट हो गईं, लेकिन जो बची हैं, वे दर्शाती हैं कि हमारे पूर्वज ज्ञान, विज्ञान और शिक्षा के प्रति कितने समर्पित थे।’’उन्होंने कहा कि भारत अपनी सांस्कृतिक पहचान, चेतना और आत्मा के साथ एक जीवंत धारा है तथा इसका इतिहास केवल राजवंशों के उत्थान और पतन तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की पांडुलिपियों में संपूर्ण मानवता की विकास यात्रा के वृत्तांत समाहित हैं। मोदी ने देश की पांडुलिपियों को ‘‘खजाना’’ और ‘‘राष्ट्र का गौरव’’ बताते हुए कहा कि इन प्राचीन कृतियों में, ‘‘हमें भारतीय लोकाचार के शाश्वत प्रवाह देखने को मिलते हैं।’’ प्रधानमंत्री ने पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण, संरक्षण और सार्वजनिक पहुंच में तेजी लाने के लिए एक समर्पित डिजिटल प्लेटफॉर्म, 'ज्ञान भारतम' पोर्टल की भी शुरूआत की।आगमन के तुरंत बाद, उन्होंने सबसे पहले कार्यक्रम स्थल पर आयोजित प्रदर्शनी का दौरा किया, जिसमें कुछ दुर्लभ भारतीय पांडुलिपियों का प्रदर्शन किया गया। ताड़ के पत्तों पर लिखा कौटिल्य का अर्थशास्त्र और वाल्मीकि रामायण के सुंदरकांड की सदियों पुरानी और दुर्लभतम पांडुलिपियां, प्रदर्शनी का हिस्सा हैं।ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (ओआरआई) के शोध छात्र और सम्मेलन में भाग लेने वाले कृष्णा नागासाम्पिगे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, दोनों पांडुलिपियां लगभग 500 साल पुरानी हैं और मैसूर स्थित ओरिएंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट (ओआरआई) में रखी हैं। उनके मूल संस्करण विशेष रूप से इस अवसर के लिए बाहर निकाले गए हैं।’’मोदी ने प्लेनरी हॉल में ज्ञान भारतम मिशन के अंतर्गत गठित विभिन्न कार्य समूहों द्वारा पेश की गईं प्रस्तुतियां भी देखीं। विभिन्न कार्यक्षेत्रों के अंतर्गत आठ समूह स्थापित किए गए हैं, जिनमें पांडुलिपि संरक्षण, डिजिटलीकरण प्रौद्योगिकियां, मेटाडेटा मानक, कानूनी ढांचे, सांस्कृतिक कूटनीति और प्राचीन लिपियों के अर्थ-निर्धारण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच साझा किया, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में विद्वान, शोधकर्ता और अन्य प्रतिभागी शामिल हुए। बृहस्पतिवार से शुरू हुए इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रमुख विद्वान, संरक्षणवादी, प्रौद्योगिकीविद और नीति विशेषज्ञ भारत की अद्वितीय पांडुलिपि संपदा को पुनर्जीवित करने और इसे वैश्विक ज्ञान संवाद के केंद्र में रखने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ आये हैं।सरकार ने संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक प्रमुख पहल के रूप में ज्ञान भारतम मिशन की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य देश भर के शैक्षणिक संस्थानों, संग्रहालयों, पुस्तकालयों और निजी संग्रहों में स्थित एक करोड़ से अधिक पांडुलिपियों का सर्वेक्षण, दस्तावेज़ीकरण, संरक्षण, डिजिटलीकरण और उन्हें सुलभ बनाना है।
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 सितंबर से 15 सितंबर के बीच मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे। इस दौरान वह पूर्वी भारत के इन महत्त्वपूर्ण राज्यों में 71,850 करोड़ रुपये से अधिक की बुनियादी ढांचा और ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को मिजोरम की राजधानी आइजोल में एक रेलवे लाइन समेत 9,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इस रेल लाइन के चालू होने के साथ ही आइजोल देश के बाकी रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा, जिससे यहां के लिए आवाजाही काफी आसान हो जाएगी।बैराबी-सारंग रेल लाइन परियोजना पर 8070 करोड़ रुपये की लागत आई है, जिसमें भौगोलिक रूप से जटिल क्षेत्र में 45 सुरंगें बनाई गई हैं। इनके अलावा इस महत्त्वपूर्ण परियोजना 55 प्रमुख पुल और 88 छोटे पुलों का निर्माण भी शामिल हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रेललाइन के उद्घाटन के साथ ही यहां से सीधे दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी को जोड़ने वाली ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे। यहां से सबसे पहले शुरू होने वाली रेलगाडि़यों में सैरांग (आइजोल)-दिल्ली (आनंद विहार टर्मिनल) राजधानी एक्सप्रेस, सैरांग-गुवाहाटी एक्सप्रेस और सैरांग-कोलकाता एक्सप्रेस शामिल हैं।इसके अलावा वह कई सड़क परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे, जिनमें 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला आइजोल बाईपास रोड, थेनजोल-सियालसुक रोड और खनकावन-रोंगुरा रोड प्रमुख हैं। प्रधानमंत्री लांगत्लाई-सियाहा रोड पर चिमटईपुई नदी पर बनने वाले पुल की आधारशिला रखेंगे, जो कालादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट फ्रेमवर्क के माध्यम से सीमा पार व्यापार को बढ़ाने कीदृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने पर आवाजाही बेहतर हो जाएगी, जिससे यहां के अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और बाजारों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।सूत्रों के अनुसार मणिपुर में 7,300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी, जिसमें 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की मणिपुर शहरी सड़कें, जल निकासी और संपत्ति प्रबंधन सुधार जैसी परियोजनाएं है। इनके अलावा 2,500 करोड़ रुपये से अधिक की 5 नैशनल हाइवे परियोजनाएं और मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट परियोजना तथा 9 स्थानों पर वर्किंग वीमेन हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा। असम की परियोजनाओं में दर्रांग मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल के साथ-साथ गुवाहाटी रिंग रोड परियोजना भी शामिल है, जो शहरी गतिशीलता को बढ़ाने में खासी मददगार साबित होगी। इससे यातायात का दबाव काफी कम हो जाएगी और राजधानी शहर के अंदर और आसपास आवाजाही में सुधार होगा। रिंग रोड चालू होने से ब्रह्मपुत्र नदी पर कुरुवा-नारेगी पुल पर आना-जाना आसान हो जाएगा जिससे क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।चुनावी राज्य बिहार में प्रधानमंत्री मोदी कई रेलवे परियोजनाएं शुरू करने वाले हैं। इनमें 2170 करोड़ रुपये की विक्रमशिला-कटरेह रेल लाइन भी है, जिसकी मोदी आधारशिला रखेंगे। पीएमओ ने कहा, ‘यह गंगा के पार वाले क्षेत्र को रेल मार्ग से जोड़ने में महत्त्वपूर्ण कदम होगा और इससे बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा।’ मोदी अररिया-गलगालिया (ठाकुरगंज) के बीच 4,410 करोड़ रुपये से अधिक की नई रेल लाइन का भी उद्घाटन करेंगे।अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जोगबनी और दानापुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे, जिससे अररिया, पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, वैशाली और पटना जैसे जिलों को सीधा लाभ होगा। साथ ही अमृत भारत ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी जो पूरी तरह गैर-वातानुकूलित ट्रेनें हैं। मोदी बिहार में 36,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे।प्रधानमंत्री मोदी रविवार को असम बायो-एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड का उद्घाटन करेंगे और गोलाघाट में एक पॉलिप्रोपाइलीन प्लांट की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य के स्वच्छ ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र को बढ़ावा देना है। -
नई दिल्ली। नेपाल में जारी अशांति और जेन जेड (Gen Z) विरोध प्रदर्शनों के कारण पिछले चार दिन से बंद पड़ा भारत-नेपाल का सोनौली बॉर्डर आज शुक्रवार को फिर से खोल दिया गया। इसके बाद जरूरी सामान लेकर जा रहे ट्रकों की आवाजाही शुरू हो गई।
बॉर्डर बंद रहने से सैकड़ों ट्रक भारतीय सीमा पर फंसे हुए थे, जिनमें प्याज, नारियल और कच्चा माल जैसे जल्दी खराब होने वाले सामान थे। तमिलनाडु से नारियल लेकर काठमांडू जा रहे ट्रक चालक विष्णु ने बताया कि वे चार दिन तक बॉर्डर पर फंसे रहे। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि काठमांडू तक सब ठीक रहेगा। थोड़ा डर जरूर है, लेकिन यहां भोजन और पानी की सुविधा मिली।”वहीं नेपाल में ईंधन संकट भी गहराता जा रहा है। इस कारण वहां से ट्रक भारत आकर पेट्रोल और डीजल खरीद रहे हैं। एक नेपाली चालक ने कहा, “नेपाल में कोई पेट्रोल पंप खुला नहीं है। सरकार ने हमें भारत भेजा है ताकि हम ईंधन खरीद सकें।”नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शनों की वजह से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रदर्शन सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और राजनीतिक अस्थिरता व भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए थे।इसी दौरान नेपाल की अलग-अलग जेलों से फरार 67 कैदियों को भारत में घुसने की कोशिश करते हुए भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने पकड़ लिया, इनमें एक महिला भी शामिल है। नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, काठमांडू घाटी में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प में मरने वालों की संख्या 34 तक पहुंच गई है, जबकि पूरे देश में अब तक 1,368 लोग घायल हुए।- - नयी दिल्ली। रोजगार में दिव्यांगजनों के प्रति भेदभाव का उल्लेख करते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र से सवाल किया कि क्या अनारक्षित श्रेणी के लिए निर्धारित ‘कट-ऑफ’ से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी उम्मीदवारों को ‘‘आगे बढ़ाने’’ के लिए उपाय किये गए हैं। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने दिव्यांगजनों के समक्ष पेश आने वाली प्रणालीगत बाधाओं को दूर करने और वैधानिक सुरक्षा उपायों के प्रवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिकाओं पर यह टिप्पणी की। पीठ ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम (आरपीडब्ल्यूडी), 2016 के तहत आरक्षण के पहलू पर विचार किया और कहा कि अधिनियम की धारा 34 के तहत ‘आरक्षण’’ की सकारात्मक व्याख्या करना अनिवार्य है।पीठ ने दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण के एक महत्वपूर्ण पहलू का उल्लेख किया और कहा कि सामाजिक व्यवस्था के परिणामस्वरूप भेदभाव का सामना करने वाले लोगों के मुकाबले दिव्यांगजनों को कहीं अधिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है।पीठ ने अपने 65 पृष्ठों के फैसले में कहा कि दिव्यांगजन संविधान के अनुच्छेद 16(4) के तहत सामाजिक आरक्षण के हकदार हैं, जो आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति द्वारा मूल्यांकन प्रक्रिया में अच्छा प्रदर्शन करने और अनारक्षित श्रेणी के कट-ऑफ से ऊपर मेधा में आने पर उन्हें ऊपर बढ़ाने का प्रावधान करता है।पीठ ने कहा कि ऐसा मेधावी उम्मीदवार स्वतः ही अनारक्षित श्रेणी में चला जाएगा, जिससे आरक्षित सीट खाली रह जाएगी और यह मूल्यांकन प्रक्रिया में कम अंक पाने वाले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार को मिल जाएगी।न्यायालय ने कहा, ‘‘हालांकि, हमें सूचित किया गया है और यह गंभीर चिंता का विषय है कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत संरक्षित दिव्यांगजनों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाता है, जो योग्यता में उच्च स्थान पर होने के बावजूद, इस तरह से ऊपर बढ़ने से वंचित रह जाते हैं।’’पीठ ने कहा कि यह अधिनियम की धारा 34 के तहत आरक्षण के मूल उद्देश्य को ही विफल करता है और ‘‘दिव्यांगजनों के प्रति भेदभाव का एक ज्वलंत उदाहरण है और इसमें तत्काल सुधार की आवश्यकता है।’पीठ ने कहा कि ऊर्ध्वगामी संचलन के सिद्धांत के अनुसार, सामान्य ‘कट-ऑफ’ से अधिक अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित श्रेणी के मेधावी उम्मीदवार को अनारक्षित सूची में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।न्यायालय ने कहा कि दुर्भाग्य से, दिव्यांगजनों को वर्तमान में यह लाभ नहीं दिया जा रहा है।पीठ ने कहा, ‘‘इन बातों को ध्यान में रखते हुए, हम भारत सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया जाना उचित समझते हैं कि यदि ऐसा अभ्यर्थी अनारक्षित श्रेणी के लिए निर्धारित कट-ऑफ से अधिक अंक प्राप्त करता है तो दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित पद/पदों के लिए आवेदन करने वाले मेधावी अभ्यर्थियों को आगे बढ़ाने के लिए क्या उपुयक्त उपाय किए गए हैं।’’पीठ ने कहा कि यही सिद्धांत पदोन्नति पर भी लागू होना चाहिए।न्यायालय ने कहा कि इस तरह के विचार को इस व्यापक उद्देश्य से निर्देशित किया जाना चाहिए कि आरक्षण का वास्तविक और आवश्यक लाभ सबसे अधिक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दिव्यांग व्यक्ति को केवल गरीबी और पहुंच की कमी के कारण पद के लिए उसके सही दावे से वंचित न किया जाए।पीठ ने कहा, ‘‘इस तरह की कार्रवाई समानता, गरिमा और समावेशिता के संवैधानिक वादे को ध्यान में रखते हुए की जानी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आरक्षण का लाभ न तो कम किया जाए और न ही उन लोगों को वंचित किया जाए जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है।’’शीर्ष अदालत ने केंद्र से 14 अक्टूबर तक अपने प्रश्न का उत्तर देने को कहा।न्यायालय ने आठ राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के ‘प्रोजेक्ट एबिलिटी एम्पावरमेंट’ की एक विस्तृत समेकित रिपोर्ट छह महीने के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसमें प्रणालीगत सुधारों और समुदाय-आधारित विकल्पों की ओर बढ़ने के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशें शामिल हों।न्यायालय ने ‘प्रोजेक्ट एबिलिटी एम्पावरमेंट’ के तहत राज्य संचालित सभी संज्ञानात्मक दिव्यांग देखभाल संस्थानों की राष्ट्रव्यापी निगरानी का भी निर्देश दिया।पीठ ने मामले की सुनवाई 13 मार्च 2026 के लिए स्थगित कर दी।
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नई दिल्ली। भूस्खलन के कारण दो हफ्ते से अधिक समय से स्थगित माता वैष्णो देवी यात्रा रविवार से फिर से शुरू होने वाली है। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने आज शुक्रवार को यह घोषणा की। बोर्ड ने कहा है कि वैष्णो देवी यात्रा की बहाली सशर्त है और अनुकूल मौसम की स्थिति पर निर्भर है।
जानकारी और बुकिंग के लिए वेबसाइट पर विजिट किया जा सकता हैश्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “अनुकूल मौसम की स्थिति के अधीन वैष्णो देवी यात्रा 14 सितंबर (रविवार) से फिर से शुरू होगी। जानकारी और बुकिंग के लिए वेबसाइट पर विजिट करें।”पिछले महीने श्री माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थीगौरतलब हो, जम्मू संभाग में 26 अगस्त को अत्यधिक खराब मौसम के दौरान माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन होने से 35 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान चली गई और 10 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। इसके कारण श्री माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थी। कटरा में पिछले दिनों हुए भूस्खलन के बाद प्रशासन ने होटल और धर्मशालाओं को खाली करने का आदेश जारी किया था।वहीं, भूस्खलन त्रासदी के बाद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) की आलोचना हुई, यहां तक कि जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने भी यात्रा के मामलों का प्रबंधन करने वाले एसएमवीडीएसबी के अधिकारियों को दोषी ठहराया।जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीन दिन बाद श्री माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर अखदुवारी के पास हुए भूस्खलन की घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन का आदेश दिया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव (जल शक्ति) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई गई, जिसमें जम्मू के संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) को शामिल किया गया।उपराज्यपाल के आदेश में कहा गया था, “यह समिति अगले सप्ताह में श्राइन बोर्ड को रिपोर्ट सौंपेगी।” रियासी जिले के कटरा स्थित श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में हर साल करोड़ों तीर्थयात्री आते हैं। -
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय में शुक्रवार को बम की धमकी वाला ई-मेल प्राप्त होने के बाद न्यायाधीशों और पक्षकारों को अदालत कक्षों से बाहर निकालना पड़ा, लेकिन तलाशी के बाद पुलिस ने इसे अफवाह घोषित कर दिया। अदालत प्रशासन को मिले ई-मेल में उच्च न्यायालय में हमला करने की धमकी दी गई। इसके बाद पुलिस और अन्य एजेंसियों को तलाशी अभियान शुरू करना पड़ा।
ईमेल में कहा गयादिल्ली पुलिस को स्पष्ट रूप से संबोधित करते हुए लिखे गए ईमेल में कहा गया है, “उदाहरण के तौर पर शुक्रवार को आपके दिल्ली हाईकोर्ट में धमाका पिछले झांसों का संदेह दूर कर देगा। दोपहर के तुरंत बाद जज चैंबर में धमाका होगा।”ईमेल में दावा किया गया कि तीन बम प्लांट किए गए हैं। यह धमकी जुमे की नमाज के संदर्भ में दी गई है। धमकी भरे ईमेल में लिखा है, “शुक्रवार विस्फोटों के लिए पाकिस्तान-तमिलनाडु की मिलीभगत। जज रूम या कोर्ट परिसर में 3 बम रखे गए हैं। दोपहर 2 बजे तक खाली कर दें।”ईमेल में राजनीतिक साजिश का भी जिक्रइस ईमेल में राजनीतिक साजिश का भी जिक्र है, जिसमें पाकिस्तान की आईएसआई, कुछ व्यक्तियों और राजनीतिक परिवारों को निशाना बनाने की योजना बताई गई है। इसके साथ ही, ईमेल में एक व्यक्ति के नाम का जिक्र करते हुए उसका मोबाइल नंबर दिया गया है। मैसेज में लिखा है, “आईईडी डिवाइस की लोकेशन और डिफ्यूजिंग कोड के लिए सत्यभामा सेंगोट्टायन से संपर्क करें।”इससे पहले, 9 सितंबर को, दिल्ली के मुख्यमंत्री सचिवालय और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) को बम की धमकी वाला ईमेल मिला था। यह घटना हाल के महीनों में कई स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को मिले फर्जी ईमेल के बाद हुई। -
नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति बनने के बाद सीपी राधाकृष्णन को देशभर से बधाई संदेश मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीपी राधाकृष्णन को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
पीएम मोदी ने शुभकामना संदेश में लिखी यह बातप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। एक समर्पित लोक सेवक के रूप में, उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र निर्माण, समाज सेवा और लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित कर दिया। मैं उन्हें जनता की सेवा के लिए समर्पित एक सफल उपराष्ट्रपति कार्यकाल की शुभकामनाएं देता हूं।”अमित शाह ने भी पोस्ट कर दी बधाईअपनी पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “सीपी राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने पर बधाई। आपका ज्ञान और अनुभव हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को और मजबूत करेगा, ताकि लोगों की बेहतर सेवा की जा सके।”जेपी नड्डा ने अपनी पोस्ट में लिखा- ‘आपका समृद्ध प्रशासनिक अनुभव राष्ट्र का अनेक प्रकार से मार्गदर्शन करेगी’केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपनी पोस्ट में लिखा, “भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने पर सीपी राधाकृष्णन को हार्दिक बधाई। आपका समृद्ध प्रशासनिक अनुभव और समाज सेवा के प्रति प्रतिबद्धता निश्चित रूप से राष्ट्र का अनेक प्रकार से मार्गदर्शन करेगी। मुझे विश्वास है कि राज्यसभा के सभापति के रूप में आपकी भूमिका हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को और सुदृढ़ करेगी व भारत की प्रगति में सकारात्मक योगदान देगी। आपके आगामी सफल और प्रेरणादायक कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।”यह एनडीए और पूरे देश के लिए खुशी और गौरव का दिनइस मौके पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह एनडीए और पूरे देश के लिए खुशी और गौरव का दिन है। मुझे उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जो पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल रह चुके हैं। मैं उन्हें हार्दिक बधाई और धन्यवाद देता हूं। एकनाथ शिंदे ने कहा, “जब वे महाराष्ट्र आए थे, तो हमने उनसे कहा था कि आप जैसे व्यक्ति का महाराष्ट्र का राज्यपाल बनना राज्य के लिए सौभाग्य की बात है। अब, राज्यपाल के रूप में कार्य करते हुए वे उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए हैं।” -
इटावा (उप्र) । इटावा जिले में पिता से झगड़ रहे 19 वर्षीय एक युवक को पड़ोसी ने कथित रूप से थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। निरीक्षक (अपराध) अरिमर्दन सिंह ने बताया कि यह घटना बृहस्पतिवार देर रात की है जब भरथना इलाके का निवासी गौरव नशे की हालत में अपने पिता रघुवर दयाल से कथित रूप से झगड़ रहा था।
सिंह ने बताया कि कुछ पड़ोसियों ने बीच-बचाव किया और उनमें से एक ने गौरव को कथित तौर पर थप्पड़ मार दिया, जिससे वह जमीन पर गिरकर बेहोश हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और गौरव को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने आरोपी के नाम का खुलासा नहीं किया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। file photo - बेंगलुरु ।बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) ने शुक्रवार को कहा कि उसने मानव हृदय के प्रत्यारोपण के लिए “तेज और सुरक्षित” परिवहन की सुविधा प्रदान की है। बीएमआरसीएल ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी। बीएमआरसीएल की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक 11 सितंबर को स्पर्श अस्पताल से लाया गया मानव हृदय 23:01 बजे यशवंतपुरा मेट्रो स्टेशन पर पहुंचाया गया। यहां से यह 23:21 बजे मंत्री स्क्वायर संपीगे रोड मेट्रो स्टेशन पर पहुंचा।यह भारत में दूसरी बार था जब अंग परिवहन के लिए मेट्रो का उपयोग किया गया, पहला हैदराबाद मेट्रो में हुआ था। यह सुविधा शहरी यातायात की भीड़ से बचने और समय पर अंग पहुंचाने में मदद करती है।बेंगलुरु की नम्मा मेट्रो ने एक दान किए गए मानव लीवर को चिकित्सा कर्मियों को सौंपे गए ट्रेन के अंतिम डिब्बे में ले जाने की सुविधा प्रदान की। यह प्रक्रिया आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) द्वारा जारी संयुक्त प्रक्रिया आदेशों के अनुसार की गई। इस कदम से अंग परिवहन में लगने वाला समय काफी कम हो गया। यह भारत में शहरी चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण स्थापित करता है।2023 में, MOHUA ने मेट्रो के माध्यम से मानव अंगों या ऊतकों के परिवहन की अनुमति देने के लिए मेट्रो रेलवे (कैरिज और टिकट) नियम, 2014 में संशोधन किया था, बशर्ते कि अस्पताल द्वारा अधिकृत व्यक्ति उन्हें ले जाएं।
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गांधीनगर. गुजरात के वन मंत्री मुलुभाई बेरा ने राज्य विधानसभा को बताया कि पिछले दो वर्षों में राज्य में कम से कम 307 शेरों की मौत हुई है और इनमें से 41 की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुईं। बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक उमेश मकवाना द्वारा उठाए गये सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शेरों की अप्राकृतिक मौतों को रोकने के लिए इन दो वर्षों के दौरान विभिन्न उपाय करने पर 37.35 करोड़ रुपये खर्च किए। बेरा ने सदन को बताया कि अगस्त 2023 और जुलाई 2024 के बीच 141 शेरों की मौत हुई, जबकि अगस्त 2024 और जुलाई 2025 के बीच 166 शेरों की मौत की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि इन 307 शेरों में से 41 अप्राकृतिक कारणों से मारे गए। उन्होंने बताया कि 20 शेरों की मौत कुओं में गिरने से हुई, जबकि नौ अन्य जलाशयों में डूब गये। उन्होंने बताया कि अन्य कारणों में प्राकृतिक आपदा (दो शेर), सड़क दुर्घटना (दो), ट्रेन से कुचलकर (पांच) और बिजली का झटका लगने से (तीन) शामिल हैं। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शेरों की अप्राकृतिक मौतों को रोकने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं, जैसे विभिन्न स्थानों पर जंगली जानवरों के उपचार के लिए केंद्र स्थापित करना, पशु चिकित्सकों की नियुक्ति करना और शेरों के समय पर उपचार के लिए एम्बुलेंस सेवा शुरू करना। उन्होंने कहा कि अन्य उपायों में अभयारण्य क्षेत्रों से गुजरने वाली सड़कों पर ‘स्पीड-ब्रेकर' बनाना और साइनबोर्ड लगाना, जंगलों में नियमित गश्त करना, जंगलों के निकट खुले कुओं के पास दीवारें बनाना, गिर वन्यजीव अभयारण्य के पास रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बाड़ लगाना और एशियाई शेरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उन्हें ‘रेडियो कॉलर' लगाना शामिल है। विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र बुधवार को समाप्त हो गया।
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वाराणसी (उप्र). वाराणसी के दौरे पर आये मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम बृहस्पतिवार को अपनी पत्नी और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती में शामिल हुए। रामगुलाम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिन में वार्ता करने के बाद शाम को गंगा आरती में शिरकत की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार मॉरीशस के प्रधानमंत्री शाम को पत्नी संग मां गंगा की आरती में शामिल हुए। रामगुलाम का राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने अंगवस्त्रम भेंट कर स्वागत किया। रविदास घाट पर मेहमानों के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ। प्रधानमंत्री के साथ प्रतिनिधिमंडल ने ख़ास बनारसी व्यंजनों का स्वाद चखा। रामगुलाम दिन में अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी से वार्ता के दौरान राष्ट्र धर्म पर चलने के बाद शाम को धर्म पथ पर चलते नजर आए। दोपहर में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने अविरल निर्मल मां गंगा की गोद में क्रूज़ पर बैठकर गंगा आरती के साथ ऐतिहासिक घाटों का नजारा देखा। उनकी पत्नी और उनका प्रतिनिधिमंडल भी इन नजारों से अभिभूत दिखा। गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ा होने के कारण गंगा आरती संस्था के छत पर आयोजित की गई। सात अर्चकों द्वारा मां गंगा की आरती को विधि विधान से सम्पन्न कराया गया और मां गंगा से प्रार्थना की गई कि दोनों के बीच रिश्ते प्रगाढ़ बने रहें। अलकनन्दा क्रूज लाइन के निदेशक विकास मालवीय ने अंगवस्त्र और श्री राम की चरण पादुका देकर मॉरीशस के प्रधानमंत्री का क्रूज़ पर स्वागत और अभिनन्दन किया। बयान के मुताबिक सड़क मार्ग से जबरामगुलाम और उनका प्रतिनिधिमंडल रविदास घाट पंहुचा तो उनका स्वागत बधावा लोकनृत्य और फरूवाही लोकनृत्य से किया गया। क्रूज पर मेहमानों को काशी के घाटों और सदियों से गंगा किनारे खड़ी धार्मिक और ऐतिहासिक इमारतों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गई। बयान के अनुसार क्रूज पर खास बनारसी खान-पान का इंतजाम किया गया था जिसमें बनारसी चाट, कुल्फी, ठंडाई, लस्सी और पान आदि भी रहा।
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नयी दिल्ली. ‘दिल्ली मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम' के 55 किलोमीटर लंबे खंड पर 160 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली ‘नमो भारत' देश में सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन बन गई है। इससे पहले 2016 में शुरू गतिमान एक्सप्रेस देश की पहली ‘सेमी-हाई स्पीड ट्रेन' थी, जो हजरत निजामुद्दीन और आगरा के बीच विशेष रूप से बिछाई गई पटरियों पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती थी। बाद में, जब सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत' शुरू की गई तब यह भी उतनी ही अधिकतम गति से चलती थी।
रेल मंत्रालय ने हालांकि 24 जून, 2024 को बिना कोई कारण बताए इन ट्रेन की गति 160 से घटाकर 130 किमी प्रति घंटे करने का फैसला किया। वर्तमान में, भारतीय रेल नेटवर्क पर सभी ट्रेन 130 किमी प्रति घंटे की ऊपरी गति सीमा के साथ चलती हैं।‘नमो भारत' की तीस ट्रेन पूर्वी दिल्ली के न्यू अशोक नगर और उत्तर प्रदेश के मेरठ दक्षिण के बीच चलती हैं। प्रत्येक ट्रेन में छह डिब्बे हैं और ट्रेन प्रत्येक स्टेशन से 15 मिनट के अंतराल पर चलती हैं।मार्ग के 11 स्टेशन में से कुछ स्टेशन के बीच ट्रेन कुछ सेकंड के लिए अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रीय परिवहन निगम लिमिटेड (एनसीआरटीसीएल) के अधिकारियों ने बताया, “दिल्ली के सराय काले खां से उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम तक 16 स्टेशन वाले 82.15 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के जल्द ही शुरू होने की संभावना है।” एनसीआरटीसी की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, एक बार कॉरिडोर के पूरा हो जाने पर यह दिल्ली को ऐतिहासिक शहर मेरठ से जोड़ देगा। नमो भारत ट्रेन एक घंटे से भी कम समय में यह दूरी तय करेंगी और मार्ग में पड़ने वाले सभी स्टेशन पर रुकेंगी। - देहरादून,। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में हाल में अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया और राज्य के लिए 1200 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ने यहां एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उत्तराखंड में प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों तथा आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया । उन्हों उत्तराखंड के लिए 1200 करोड़ रुपये के राहत पैकेज घोषणा की । इस दौरान, प्रधानमंत्री ने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये तथा घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये अनुग्रह राशि की भी घोषणा की । अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री को राज्य के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया। जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर हुई इस बैठक में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा के अलावा राज्य के सांसद और केंद्र एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि इस समय राज्यों को अग्रिम भुगतान समेत आपदा प्रबंधन अधिनियम और नियमों के अंतर्गत घोषित सहायता अंतरिम अवधि के लिए है तथा केंद्र सरकार राज्यों के ज्ञापन और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन की आगे समीक्षा करेगी। केंद्र सरकार की एक अंतर-मंत्रालयी टीम इस सप्ताह उत्तराखंड के आपदाग्रस्त जिलों का दौरा कर चुकी है ।प्रधानमंत्री ने पूरे क्षेत्र तथा लोगों को उससे उबरने में मदद के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाये जाने की जरूरत पर बल दिया जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकानों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों को दोबारा बनाना और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के जरिए राहत देना और पशुओं के लिए मिनी किट वितरित करने जैसे उपाय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत, ग्रामीण क्षेत्रों में मकानों के पुनर्निर्माण के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रस्तुत ' विशेष परियोजना' के अंतर्गत उन पात्र परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके मकान आपदा से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात भी की । उन्होंने आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति भी अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की । प्रधानमंत्री ने आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दो- दो लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की । प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि हाल में आई आपदाओं में अनाथ हुए बच्चों को ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना' से सहायता मिलेगी जिससे उनकी दीर्घकालिक देखभाल और कल्याण सुनिश्चित होगा। प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) और आपदा मित्र स्वयंसेवकों से भी मिले तथा राहत और बचाव कार्यों में उनके प्रयासों की सराहना की । इससे पहले, शाम को जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचने पर प्रधानमंत्री का मुख्यमंत्री धामी ने स्वागत किया । धामी ने राहत पैकेज घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया है । उन्होंने कहा कि वह उत्तराखंड में आपदा से हुए नुकसान की भरपाई हेतु राहत पैकेज की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री का प्रदेश की जनता की तरफ से आभारी हैं । उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्वयं उत्तराखंड आकर आपदा पीड़ितों का दु:ख दर्द साझा किया है। राज्य के प्रति आत्मीयता एवं संवेदनशीलता के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का बहुत-बहुत आभार है।'' हांलांकि, विपक्षी कांग्रेस ने इस राहत पैकेज को नाकाफी बताते हुए इसे 'उंट के मुंह में जीरा' करार दिया। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (संगठन), सूर्यकांत धस्माना ने कहा, ‘‘ राज्य में हुए नुकसान को देखते हुए यह पैकेज बहुत कम है और उंट के मुंह में जीरा के समान है ।'' धस्माना ने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुए नुकसान की तुलना 2023 में आयी केदारनाथ आपदा से करते हुए कहा, ‘‘12 साल पहले डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने उत्तराखंड को 21 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया था किंतु आज मोदीजी द्वारा घोषित पैकेज न केवल नाकाफी है बल्कि उनके उत्तराखंड के प्रति प्रेम और लगाव की पोल खोलने वाला भी है । '' इस मानसून सीजन में उत्तरकाशी जिले में धराली-हर्षिल, चमोली में थराली, रुद्रप्रयाग में जखोली—बसुकेदार, बागेश्वर में कपकोट, पौड़ी में सैंजी जैसे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि, बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भारी तबाही हुई है। ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एक अप्रैल से अब तक राज्य में प्राकृतिक आपदाओं में 81 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है जबकि 94 अन्य लापता हैं । इन आपदाओं में 80 लोग घायल भी हुए हैं।
- नयी दिल्ली'। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को दिल्ली सरकार 101 आयुष्मान मंदिर केंद्रों और पांच अस्पतालों के नवनिर्मित ब्लॉक समेत विभिन्न नयी स्वास्थ्य पहल की शुरुआत करेगी। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को ‘ बताया कि 17 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वास्थ्य सेवा पहल का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने बताया कि संजय गांधी अस्पताल, आचार्य भिक्षु अस्पताल, गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल और भगवान महावीर श्री दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय समेत कुल पांच अस्पतालों के नवनिर्मित ब्लॉक का उद्घाटन किया जाएगा। इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा, ‘‘हमारे प्रिय प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर दिल्ली सरकार स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के प्रयास के तहत राष्ट्रीय राजधानी में 101 नए आयुष्मान मंदिरों और पांच अस्पतालों के नए ब्लॉक का उद्घाटन करेगी।'' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आयुष्मान मंदिर पहल का उद्देश्य आयुष्मान भारत ढांचे के तहत एकीकृत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। सिंह ने कहा, ‘‘यह पहल प्रत्येक नागरिक को किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आयुष्मान मंदिर केंद्रों और आधुनिक अस्पताल ब्लॉक के साथ हमारा लक्ष्य पूरे राष्ट्रीय राजधानी में समग्र चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करना है।'
- लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके में बृहस्पतिवार को एक रोडवेज बस के अनियंत्रित होकर पलट जाने से पांच यात्रियों की मौत हो गई तथा 10 अन्य जख्मी हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। पुलिस ने बताया कि काकोरी थाना क्षेत्र में गोला कुंआ के पास हरदोई से लखनऊ आ रही एक तेज रफ्तार रोडवेज बस सड़क निर्माण कार्य में लगे टैंकर से टकराने के बाद अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई तथा 10 अन्य घायल हो गये।पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह सेंगर ने इस बात की पुष्टि की है कि इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि स्थानीय निवासियों की मदद से बचाव दल ने घायल यात्रियों को बाहर निकाला और उन्हें काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि घटनास्थल पर सड़क निर्माण कार्य चल रहा था और दुर्घटना के समय सड़क पर पानी का छिड़काव किया जा रहा था। मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को अस्पताल में भर्ती कराकर उनका तत्काल उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को पांच और हवाई अड्डों पर ‘फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन-ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम' (एफटीआई-टीटीपी) की शुरुआत की, जो पूर्व-सत्यापित भारतीय नागरिकों और प्रवासी भारतीय (ओसीआई) कार्ड धारकों की आव्रजन प्रक्रिया को तेज करता है। यह विशेष पहल सबसे पहले जुलाई 2024 में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुरू की गई थी तथा दो महीने बाद इसे सात और हवाई अड्डों-मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि और अहमदाबाद में शुरू किया गया।बृहस्पतिवार को एफटीआई-टीटीपी लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, तिरुचिरापल्ली, कोझिकोड और अमृतसर में शुरू किया गया। गृह मंत्री ने डिजिटल माध्यम से आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कहा, ‘‘फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन: ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम आव्रजन को सरल, तेज और बाधा मुक्त बनाता है।'' शाह ने बताया कि इस कार्यक्रम का सबसे ज्यादा लाभ ओसीआई कार्डधारकों और विदेश यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को मिलेगा। अब तक तीन लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है और 2.65 लाख लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम त्वरित आव्रजन मंजूरी सुनिश्चित करता है और अब तक ई-गेट्स के जरिए हजारों यात्रियों को तेजी से आव्रजन मंजूरी मिल चुकी है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले राज्य और निजी बस संचालकों को लाभ देने के लिए एक टोल नीति पर काम कर रहा है। सरकार ने राजमार्ग पर परेशानी मुक्त यात्रा की दिशा में एक कदम उठाते हुए गैर-वाणिज्यिक वाहनों के लिए फास्टैग आधारित वार्षिक पास की शुरुआत कर दी है, जिसकी कीमत 3,000 रुपये है। यह पास 15 अगस्त से प्रभावी है। यह पास सक्रिय होने की तारीख से एक वर्ष या 200 यात्राओं (जो पहले हो) तक वैध होगा। यह पास विशेष रूप से गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए बनाया गया है।गडकरी ने बीओसीआई के भारत प्रवास पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय राजमार्गों का उपयोग करने वाले राज्य और निजी बस संचालकों को लाभ प्रदान करने के लिए एक टोल नीति पर काम कर रहे हैं।'' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से हरित हाइड्रोजन चालित ट्रकों के संचालन के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 10 राजमार्ग खंडों की पहचान की है। गडकरी ने कहा कि इन खंडों पर इंडिया ऑयल और रिलायंस पेट्रोलियम द्वारा हाइड्रोजन फिलिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि टाटा मोटर्स, अशोक लेलैंड और वोल्वो ने पहले ही हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रक बनाना शुरू कर दिया है। चिन्हित राजमार्ग खंडों में ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-पुरी-कोणार्क, अहमदाबाद-वडोदरा-सूरत, साहिबाबाद-फरीदाबाद-दिल्ली, जमशेदपुर-कलिंगनगर, तिरुवनंतपुरम-कोच्चि और जामनगर-अहमदाबाद आदि शामिल हैं। गडकरी ने यह भी कहा कि एनएचएआई राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे निजी भूमि पर 750 सुविधाएं बना रहा है।
- नयी दिल्ली. हाल ही में हुई बारिश के बाद जल जमाव के कारण मच्छरों के पनपने के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने सभी मुख्यमंत्रियों को एक परामर्श जारी किया है और राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से डेंगू और मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 20 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने को कहा है। नड्डा ने बुधवार को एक बैठक में देश में डेंगू और मलेरिया की स्थिति की समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि समीक्षा के दौरान, उन्होंने राज्यों, स्थानीय निकायों और समुदायों से, विशेष रूप से इस उच्च जोखिम वाले समय में, निवारक और नियंत्रण उपायों को तेज करने का आग्रह किया, ताकि जन स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके और मच्छर जनित रोगों के बोझ को कम करने में हुई प्रगति को बरकरार रखा जा सके। नड्डा ने वेक्टर जनित रोगों के खिलाफ तत्काल और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।बयान में कहा गया है कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की समीक्षा करने और 20 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करने की सलाह दी, जबकि नगर निगमों, पंचायतों और स्थानीय निकायों को सामुदायिक जागरूकता अभियान तेज करने को कहा गया। नड्डा के अनुसार केंद्र सरकार के अस्पतालों सहित, सभी अस्पतालों को पर्याप्त दवाएं, निदान सुविधाएं, बिस्तर और मच्छर मुक्त परिसर सुनिश्चित करने चाहिए। मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि डेंगू की स्थिति का बारीकी से आकलन करने और अग्रिम तैयारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से दिल्ली और एनसीआर के लिए एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक भी आयोजित की जाए। बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रेखांकित किया कि भारत ने मलेरिया से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है।देश ने 2015 से 2024 के बीच मलेरिया के मामलों में 78 प्रतिशत से अधिक और मलेरिया से संबंधित मौतों में लगभग 78 प्रतिशत की कमी हासिल की है। बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, 2022-24 के बीच 160 जिलों में मलेरिया के कोई मामले नहीं आए हैं और तीन राज्यों को छोड़कर 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने एक से भी कम एपीआई (वार्षिक परजीवी घटना) हासिल किया है। सरकार ने मलेरिया उन्मूलन की दिशा में कई पहल शुरू की हैं, जिनमें मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2023-27), वास्तविक समय निगरानी के लिए एकीकृत स्वास्थ्य प्रबंधन मंच (आईएचआईपी) का कार्यान्वयन, आशा प्रोत्साहनों में वृद्धि, मच्छरदानियों का बड़े पैमाने पर वितरण, प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए प्रशिक्षण और ‘शून्य मलेरिया' का दर्जा प्राप्त करने वाले जिलों को मान्यता प्रदान करना शामिल है। भारत ने 2030 तक मलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा है।डेंगू के संबंध में, नड्डा ने कहा कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (लद्दाख को छोड़कर) डेंगू और चिकनगुनिया के लिए स्थानिक हैं, और इनके प्रकोप का जोखिम मानसून और मानसून के बाद की अवधि में सबसे अधिक होता है। राष्ट्रीय डेंगू नियंत्रण रणनीति को राज्य वेक्टर-जनित रोग प्रकोष्ठों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसमें निगरानी, केस प्रबंधन, वेक्टर नियंत्रण, अंतर-क्षेत्रीय समन्वय और सामुदायिक जागरूकता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
- नयी दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को वाहन उद्योग जगत से कहा कि वे उन ग्राहकों को अतिरिक्त छूट देने पर विचार करें जो नई गाड़ी खरीदते समय अपने पुराने वाहन को कबाड़ में बदलने का प्रमाणपत्र जमा करते हैं। गडकरी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह भी अनुरोध किया है कि जो लोग अपने पुराने वाहन को कबाड़ में बदलकर नई गाड़ी खरीदते हैं, उन्हें माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में राहत दी जाए।उन्होंने ई20 ईंधन (20 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित पेट्रोल) के खिलाफ जारी सोशल मीडिया प्रचार को राजनीतिक रूप से उनके खिलाफ बताया और कहा, ‘‘यह प्रचार एक पैसे लेकर (पेड कैंपेन) शुरू किया गया अभियान था, जो खास तौर पर एथनॉल के खिलाफ था और मेरा राजनीतिक विरोध करने के लिए किया गया।'' उन्होंने यहां सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) के वार्षिक सम्मेलन में कहा, ‘‘यह सोशल मीडिया अभियान एक सशुल्क अभियान था। यह एथनॉल के खिलाफ था और इसका उद्देश्य मुझे राजनीतिक रूप से निशाना बनाना था।'' कांग्रेस ने हाल ही में गडकरी के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए हैं। उसका दावा है कि गडकरी एथनॉल उत्पादन के लिए आक्रामक रूप से पैरवी कर रहे थे, जबकि जबकि उनके दो पुत्र एथनॉल उत्पादन करने वाली कंपनियों में शामिल हैं और सरकार की नीति से लाभ उठा रहे हैं। वाहन स्क्रैप नीति पर, गडकरी ने कहा कि यह उद्योग और सरकार दोनों के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे निजी क्षेत्र को स्क्रैप धातुओं की उपलब्धता में भी मदद मिल सकती है, जिन्हें आयात किया जाता है। मंत्री ने उद्योग जगत से पुराने वाहन को कबाड़ में बदलने का प्रमाणपत्र जमा करने के बाद नया वाहन खरीदने वालों को अच्छी छूट देने पर विचार करने को कहा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, औसतन 16,830 पुराने वाहन हर महीने कबाड़ में बदले जा रहे हैं और निजी क्षेत्र ने 2,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
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नयी दिल्ली। राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में 13, 20 और 27 सितंबर को ‘चेंज ऑफ गार्ड' (अंगरक्षकों की अदला-बदली) समारोह नहीं होगा। राष्ट्रपति भवन द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी है। ‘चेंज ऑफ गार्ड' समारोह एक सैन्य परंपरा है जो राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के एक नए समूह द्वारा कार्यभार संभालने के लिए हर सप्ताह आयोजित की जाती है। 1773 में स्थापित ‘राष्ट्रपति अंगरक्षक' (पीबीजी) भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट है। विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में 13, 20 और 27 सितंबर, 2025 को ‘चेंज ऑफ गार्ड' समारोह नहीं होगा। इस समारोह से जुड़ी बटालियन के राष्ट्रपति के अंगरक्षकों की हीरक जयंती रजत तुरही और तुरही बैनर की प्रस्तुति समारोह के पूर्वाभ्यास में व्यस्त रहने के कारण ‘चेंज ऑफ गार्ड' समारोह नहीं होगा।'' राष्ट्रपति रजत तुरही और तुरही बैनर पहली बार 1953 में प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 'अंगरक्षकों' को प्रदान किए गए थे। पीबीजी को अब तक कम से कम 14 बार राष्ट्रपति रजत तुरही और तुरही बैनर प्रदान किए जा चुके हैं।
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गाजियाबाद (उप्र). गाजियाबाद में एक कार मालिक पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत ‘‘हेलमेट न पहनने'' के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। हालांकि, पुलिस ने इसे मानवीय भूल बताया है। यह मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब सोशल मीडिया पर एक चालान का वायरल हुआ, जिसमें दोपहिया वाहन के उल्लंघन का उल्लेख था लेकिन तस्वीर एक कार की थी। यह तस्वीर स्थानीय पंजीकरण संख्या वाली कार की थी। सोमवार को जारी चालान में दोपहिया वाहन संबंधी उल्लंघन का उल्लेख था, जबकि उसमें राजनगर एक्सटेंशन स्थित अजनारा सोसाइटी चौराहे के पास खड़ी एक कार की तस्वीर लगी थी। अधिकारियों ने बताया कि एक यातायात उप-निरीक्षक ने ‘नो-पार्किंग' क्षेत्र में खड़ी कार की तस्वीर खींची थी, लेकिन अनजाने में वह तस्वीर दोपहिया वाहन के चालान पर लग गई। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए अपर पुलिस उपायुक्त (यातायात) सचिदानंद ने कहा, ‘‘यह केवल एक मानवीय भूल है। हम मामले की जांच कर रहे हैं कि यह कैसे हुआ।
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वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए बृहस्पतिवार को वाराणसी पहुंचे। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। हवाई अड्डे से प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन पहुंचे। यहां से ताज होटल के लिए निकले प्रधानमंत्री के काफिले का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं व आमजन ने शंखनाद, हर-हर महादेव के जयकारों के साथ पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया। मार्ग में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए कलाकारों ने भी प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मोदी ने भी हाथ हिलाकर काशीवासियों का अभिवादन किया।
प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए पूरे मार्ग को सजाया गया था। छह स्थानों पर भाजपा पदाधिकारियों और जनप्रतिधियों ने मंच बनाकर प्रधानमंत्री पर गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की। कई महिला कार्यकर्ताओं को ‘‘प्रधानमंत्री जिंदाबाद'' के नारे लगाते भी देखा गया। पुलिस लाइन से ताज होटल तक रोड शो जैसा नजरा देखा गया जहां सड़क के दोनों ओर बड़ी तादाद में खड़े काशीवासियों ने प्रधानमंत्री मोदी पर पुष्पवर्षा भी की। कचहरी, आंबेउकर चौराहा समेत कई स्थानों पर लोकनृत्य समेत अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
जीएसटी में सुधार के बाद पहली बार वाराणसी पहुंचे प्रधानमत्री का आभार जताने के लिए मार्ग में जीएसटी और धन्यवाद लिखी तख्ती लेकर भाजपा कार्यकर्ता खड़े रहे। प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में वाराणसी की सड़कों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पोस्टर लगाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अध्यात्म व आधुनिकता के संगम उनकी ‘नयी काशी' में हार्दिक स्वागत व अभिनंदन।'' इससे पूर्व एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी और डॉ. रामगुलाम द्विपक्षीय सहयोग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें विकास साझेदारी और दक्षता विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बयान में कहा गया कि दोनों नेता स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, साथ ही नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और समुद्री अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा करेंगे। डॉ. रामगुलाम बुधवार को वाराणसी पहुंचे, जहां उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने उनका स्वागत किया। वाराणसी का यह दौरा मॉरीशस के प्रधानमंत्री की नौ से 16 सितंबर तक की भारत यात्रा का हिस्सा है।
कार्यक्रम के अनुसार, रामगुलाम बृहस्पतिवार शाम को गंगा आरती में भाग लेंगे और शुक्रवार सुबह काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करेंगे। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘द्विपक्षीय बैठक के बाद, मॉरीशस का प्रतिनिधिमंडल गंगा आरती में भाग लेगा और काशी विश्वनाथ मंदिर जाएगा। दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों पर आधारित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया जाएगा।'' भाजपा के स्थानीय मीडिया प्रभारी अरविंद मिश्रा ने कहा कि काशी में प्रधानमंत्री मोदी की किसी राष्ट्राध्यक्ष के साथ यह पहली औपचारिक द्विपक्षीय बैठक होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब भारत के आस-पास के देशों में राजनीतिक उथल-पुथल है, भारत अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है।'' मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे की मेजबानी की थी, लेकिन यह पहली बार है जब काशी में किसी राष्ट्राध्यक्ष के साथ औपचारिक वार्ता हो रही है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री के स्वागत में वाराणसी शहर को बड़े-बड़े होर्डिंग्स और बैनरों से सजाया गया है। भाजपा ने वाराणसी सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी बैनर लगाए हैं, जिनमें दूध और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी में कटौती के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया गया है। वाराणसी में भाजपा नेता एवं विधान परिषद सदस्य सुभाष यदुवंश की तस्वीर वाले एक होर्डिंग पर लिखा था, ‘‘दुग्ध उत्पादों पर जीएसटी कम करने के लिए यदुवंश समुदाय की ओर से मोदी जी का धन्यवाद।'' पुलिस के अनुसार, इस प्रतिष्ठित नगरी में आज की स्थिति को देखते हुए तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यह शहर पहले भी जी-20 बैठकों और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत शिंजो आबे, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जैसे गणमान्य अतिथियों की मेजबानी कर चुका है। भाजपा की नगर इकाई के अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हाल में जीएसटी दरों में कटौती की है, और पार्टी कार्यकर्ता व काशी की जनता उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।'' पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि यह प्रधानमंत्री मोदी का 2014 के बाद वाराणसी का 52वां दौरा है। मोदी 2014 में पहली बार वाराणसी से लोकसभा सांसद चुने गए थे। -
इम्फाल/ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 सितंबर को मणिपुर में 8,500 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मई 2023 में कुकी और मेइती के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद राज्य की उनकी यह पहली यात्रा होगी। हिंसा में 260 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग बेघर हो गए थे। अधिकारियों के अनुसार, मोदी चुराचांदपुर के ‘पीस ग्राउंड' से 7,300 करोड़ रुपये मूल्य की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जहां कुकी बहुसंख्यक हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी मेइती बहुल राज्य की राजधानी इंफाल से 1,200 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। पिछले कुछ दिनों से इस तरह की अटकलें थीं कि मोदी पड़ोसी राज्य मिजोरम की अपनी आधिकारिक यात्रा के साथ मणिपुर की यात्रा भी करेंगे, लेकिन सरकार या भाजपा की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई थी। हालांकि, बृहस्पतिवार की शाम को सरकार ने एक बड़ा ‘बिलबोर्ड' (होर्डिंग) लगा दिया, जिसमें 13 सितंबर को चुराचांदपुर के पीस ग्राउंड और राज्य की राजधानी में कांगला किले में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों की घोषणा की गई। यह होर्डिंग इम्फाल के एक प्रमुख स्थान, केशमपट जंक्शन पर लगाया गया है, जो भाजपा के राज्य मुख्यालय के भी निकट है। राज्य में ऐसे और भी होर्डिंग लगाए जाने की उम्मीद है। मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है।
इससे पहले दिन में, मणिपुर सरकार ने एक परामर्श जारी कर 13 सितंबर को ‘पीस ग्राउंड' में आयोजित एक ‘‘वीवीआईपी कार्यक्रम'' में शामिल होने वाले लोगों से कहा था कि वे अपने साथ ‘‘चाबी, कलम, पानी की बोतल, बैग, रूमाल, छाता, लाइटर, माचिस, कपड़े का टुकड़ा, कोई भी नुकीली वस्तु या हथियार और गोला-बारूद न लाएं।'' एक अधिसूचना में प्रधानमंत्री के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है तथा जनता को परामर्श दिया गया है कि वे 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और बीमार व्यक्तियों को कार्यक्रम स्थल पर लाने से बचें। मणिपुर के एकमात्र राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा सनाजाओबा ने प्रधानमंत्री की यात्रा को लोगों और राज्य के लिए ‘‘बहुत सौभाग्यशाली'' बताया। भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘यह सौभाग्य की बात है कि मोदी लोगों की कठिनाइयों को सुनेंगे... मणिपुर में पहले भी हिंसक झड़पों का इतिहास रहा है। हालांकि, किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसे समय में राज्य का दौरा नहीं किया और लोगों की बात नहीं सुनी। मोदी ऐसे कठिन समय में दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे।'' एक वीडियो संदेश में लीशेम्बा ने सभी से मोदी का स्वागत करने और किसी भी प्रकार का बहिष्कार न करने का आग्रह किया। इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले इम्फाल और चुराचांदपुर जिला मुख्यालय शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। केंद्रीय सुरक्षा अधिकारियों की एक टीम भी चुराचांदपुर पहुंच गई।
पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है और पीस ग्राउंड की ओर जाने वाले मार्ग पर अवरोधक लगाए गए हैं।