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नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंृड के बीच जारी, पांच मैचों की महिला टी-20 क्रिकेट श्रृंखला का तीसरा मैच, आज लंदन के केनिंगटन ओवल मैदान में खेला जायेगा। यह मैच भारतीय समय के अनुसार रात 11 बजकर पांच मिनट पर शुरू होगा। भारतीय टीम ने पहले दो मैच में जीत हासिल की।
भारत के इस प्रदर्शन ने इंग्लैं ड में अगले साल होने वाली आई सी सी महिला टी-20 क्रिकेट विश्वे कप प्रतियोगिता के लिए टीम का आत्माविश्वाोस बढा दिया है। - लंदन. नोवाक जोकोविच ने बुधवार को सेंटर कोर्ट पर डैन इवांस पर 6-3, 6-2, 6-0 की जीत के साथ 19वीं बार विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट के पुरुष एकल के तीसरे दौर में पहुंचकर एक और रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। जोकोविच ने विंबलडन में कुल मिलाकर 99वां मैच जीता और तीसरे दौर में 19वीं बार जगह बनाई जो ओपन युग में किसी पुरुष खिलाड़ी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। महान खिलाड़ी रोजर फेडरर ने 18 बार तीसरे दौर में प्रवेश किया था। हालांकि यह 38 वर्षीय जोकोविच के लिए शायद ही कोई प्रतिष्ठित रिकॉर्ड है जिनके नाम सात विंबलडन सहित कुल 24 ग्रैंड स्लैम खिताब हैं जो पुरुष खिलाड़ियों के बीच रिकॉर्ड है। जोकोविच ने कहा, ‘‘उन्नीस बार, यह एक शानदार आंकड़ा है। यह शायद (यानिक) सिनर और (कार्लोस) अल्कारेज की उम्र के बराबर है।'' पिछले दो विंबलडन फाइनल में जोकोविच को हराने वाले अल्कारेज 22 जबकि दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी सिनर 23 साल के हैं। महिल एकल में सातवीं वरीय मीरा आंद्रीवा और 10वीं वरीय ऐमा नवारो ने सीधे सेट में जीत दर्ज की।आंद्रीवा ने इटल की लूसिया ब्रोंजेटी को 6-1, 7-6 से हराया जबकि नवारो ने एकतरफा मुकाबले में वेरोनिका कुदरमेतोवा को 6-1, 6-2 से शिकस्त दी। विंबलडन 2022 चैंपियन एलेना रिबाकिना ने मारिया सकारी को 6-3, 6-1 से हराया। पुरुष एकल में एलेक्स डि मिनोर ने आर्थर केजॉक्स को 4-6, 6-2, 6-4, 6-0 से शिकस्त दी जबकि 19वें वरीय ग्रेगोर दिमित्रोव ने कोरेनटिन मोटेट को 7-5, 4-6, 7-5, 7-5 से हराया।
- मुंबई. भारत के पूर्व क्रिकेटर और मुख्य कोच रवि शास्त्री समेत 11 खिलाड़ियों को मुंबई खेल पत्रकार संघ (एसजेएएम) ने लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया । पुरस्कार पाने वालों में भारत की पूर्व महिला क्रिकेटर शुभांगी कुलकर्णी, तीन बार के अमैच्योर विश्व बिलियडर्स चैम्पियन माइकल फरेरा, नीरज बजाज (टेबल टेनिस), ग्रैंड मास्टर प्रवीण थिप्से (शतरंज) , निशानेबाज अंजलि भागवत, सुमा शिरूर और दीपाली देशपांडे शामिल हैं । हॉकी ओलंपियन मर्विन फर्नांडिस और जोकिम कार्वाल्हो और पूर्व राष्ट्रीय बैडमिंटन चैम्पियन संजय शर्मा को भी सम्मानित किया गया । शास्त्री यहां समारोह में नहीं आ सके लेकिन उनकी मां लक्ष्मी ने उनके खेलने के दिनों की यादें ताजा की । उन्होंने घरेलू मैच में एक ओवर में छह छक्के लगाने के उनके रिकॉर्ड का भी जिक्र किया । शास्त्री ने रणजी ट्रॉफी 1984 . 85 सत्र में बड़ौदा के खिलाफ छह गेंद में छह छक्के लगाये थे । शास्त्री की मां ने कहा ,‘‘ रवि ने हमें कई सुनहरी यादें दी है । इनमें एक ओवर में छह छक्के लगाना शामिल है । मुझे पता ही नहीं था कि वह वानखेड़े स्टेडियम में यह कमाल कर रहा है । मेरे भेलपुरी वाले ने मुझे बताया जो वहां था ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ जब रवि घर आया तो उसे तुरंत कहीं जाना था । मैने पूछा कि आज क्या हुआ तो वह बोला कि आपको जानना है कि मैने क्या किया तो सात बजे आल इंडिया रेडियो पर सुन लेना । मैने अपने पति से कहा कि घर जल्दी आना ।'' लक्ष्मी ने कहा ,‘‘ मैने रेडियो सुना जिस पर कहा कि उसने सोबर्स (गैरी) का रिकॉर्ड तोड़ा है । अगले दिन मरीन ड्राइव पर बैनर पर यही लिखा था ।''
- नयी दिल्ली. भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा का मानना है कि मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा जैसे खिलाड़ी धीरे धीरे क्लासिकल शतरंज से दूर हो रहे हैं जिसका कारण मानसिक और शारीरिक थकावट है जो लंबे समय तक लंबे प्रारूप में खेलने से आती है। पांच बार के विश्व चैंपियन कार्लसन और दुनिया के दूसरे नंबर के अमेरिकी ग्रैंडमास्टर नाकामुरा ने कम क्लासिकल मैच खेले हैं जबकि इनका ध्यान फ्रीस्टाइल, रैपिड और ब्लिट्ज प्रारूपों पर रहा है। इस साल तीन मुख्य क्लासिकल खिताब जीतने वाले प्रज्ञानानंदा का मानना है कि खिलाड़ियों को क्लासिकल शतरंज के लिए लगने वाली घंटों की तैयारी पसंद नहीं है जिससे उन्हें रैपिड और ब्लिट्ज इससे अधिक संतोषजनक लगते हैं। प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘क्लासिकल शतरंज खेलना मुश्किल है क्योंकि हर कोई इसके लिए अच्छी तरह से तैयार होता है। क्लासिकल शतरंज में शुरूआती हिस्से की तैयारी बहुत अहम होती है। अगर आप इसकी तुलना फ्रीस्टाइल से करें तो आपको इससे पहले तैयारी करने की जरूरत नहीं होती है जबकि क्लासिकल शतरंज में आपको तैयारी के लिए बाध्य होना पड़ता है। '' इस साल टाटा स्टील मास्टर्स, सुपरबेट क्लासिक और उज शतरंज कप जीतने वाले प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह प्रक्रिया पसंद करता है लेकिन आप मजबूर हैं और आपको हर चीज के लिए एक योजना बनानी होती है। इसके लिए काफी अधिक प्रयास की आवश्यकता होती है।'' चेन्नई के 19 वर्षीय खिलाड़ी को लगता है कि वर्षों तक क्लासिकल शतरंज खेलने के साथ ‘बर्नआउट' (थकान) की संभावना भी बढ़ जाती है। प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘और जब आप बहुत सारे ऐसे टूर्नामेंट खेलते हैं तो आपकी ऊर्जा भी खत्म हो जाती है। आप मानसिक और शारीरिक रूप से भी थक सकते हैं। इसलिए ये सभी चीजें होती हैं। मुझे लगता है कि यही कारण है कि हर कोई अन्य प्रारूपों को पसंद करता है। '' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे खुद फ्रीस्टाइल काफी पसंद है क्योंकि इसमें आपको खेल से पहले तैयारी करने की ज़रूरत नहीं होती। इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपने खेल पर काम नहीं करना चाहते। हमें शतरंज पर काम करने में मजा आता है। '' प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘‘लेकिन सच यह है कि आपको तैयारियों में काफी घंटे लगाने पड़ते हैं। आपको तीन-चार घंटे की तैयारी करनी पड़ती है और सभी को यह पसंद नहीं आता। मुझे फ्रीस्टाइल पसंद है। मुझे रैपिड पसंद है और यह निश्चित रूप से क्लासिकल से थोड़ा अधिक पसंद है। लेकिन मुझे लगता है कि क्लासिकल अब भी मुख्य प्रारूप है। ''
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अस्ताना (कजाखस्तान). मीनाक्षी (48 किलो) और पूजा रानी (80 किलो) ने विश्व मुक्केबाजी कप के तीसरे दिन बुधवार को सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के दो पदक पक्के कर दिये । मीनाक्षी ने चीनी ताइपै की गुओ यि शुआन को 5 . 0 से हराया ।
पूजा रानी ने कजाखस्तान की गुलसाया येरजान को बंटे हुए फैसले पर 4 . 1 से मात दी । इससे पहले अनामिका (51 किलो) तुर्की की एइसेन तसकीन को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई । पुरूष वर्ग में जादूमणी सिंह को फिलीपींस के जे ब्रायन ने करीबी मुकाबले में हरा दिया । -
नयी दिल्ली.केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि फुटबॉल में भागीदारी बढ़ाने और छात्रों के बीच एक मजबूत खेल संस्कृति विकसित करने के लिए देश भर के स्कूलों में लगभग 10 लाख फुटबॉल वितरित किए जाएंगे। मंत्री ने रविवार को कोलकाता के फोर्ट विलियम स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में इसकी घोषणा की। उन्होंने इस मौके पर ‘फुटबॉल फॉर स्कूल्स (एफ4एस)' कार्यक्रम के तहत फीफा फुटबॉल के वितरण को हरी झंडी दिखाई। प्रधान ने कहा, ‘‘देश भर के स्कूलों में लगभग 10 लाख फुटबॉल वितरित किए जाएंगे।
इसका उद्देश्य फुटबॉल में भागीदारी और छात्रों के बीच मजबूत खेल संस्कृति को बढ़ावा देना है।'' ‘फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा)' द्वारा संचालित एफ4एस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल के छात्रों के लिए खेल को अधिक सुलभ बनाकर जमीनी स्तर पर फुटबॉल को बढ़ावा देना है। भारत में यह कार्यक्रम डीओएसईएल (स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग) द्वारा अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के सहयोग से चलाया जा रहा है। एफ4एस कार्यक्रम के तहत फीफा भारत में स्कूली छात्रों के लिए 9.6 लाख से अधिक फुटबॉल का योगदान दे रहा है। फीफा भारत के अलावा इस तरह का कार्यक्रम 129 अन्य देशों में भी चला रहा है।
- बुलावायो. दक्षिण अफ्रीका के लुआन-ड्रे प्रिटोरियस शनिवार को क्वींस स्पोर्ट्स क्लब में जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में 150 रन बनाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। प्रिटोरियस ने 19 साल 93 दिन की उम्र में पदार्पण करते हुए अपने पहले टेस्ट में 153 रन बनाए। वह पाकिस्तान के जावेद मियांदाद से 26 दिन छोटे हैं जिन्होंने 1976 में लाहौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ 163 रन बनाए थे। प्रिटोरियस टेस्ट इतिहास में पदार्पण में शतक बनाने वाले पांचवें सबसे युवा और दक्षिण अफ्रीका के सबसे युवा खिलाड़ी बने। अपना दूसरा टेस्ट खेल रहे कॉर्बिन बॉश ने भी शतक जड़ा, उन्होंने दिन की अंतिम तीसरी गेंद पर शतक पूरा किया। दक्षिण अफ्रीका ने इस तरह जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन स्टंप तक नौ विकेट पर 418 रन बना लिए।
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लोवा (अमेरिका),। भारत की प्रतिभाशाली खिलाड़ी तन्वी शर्मा और आयुष शेट्टी ने अमेरिकी ओपन बैडमिंटन सुपर 300 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया । सोलह वर्ष की तन्वी ने 33 मिनट के भीतर मलेशिया की ऊंची रैंकिंग वाली प्रतिद्वंद्वी कारूपाथेवन लेतशाना को 21 . 13, 21 . 16 से हराया । आयुष ने जूनियर विश्व चैम्पियन चीनी ताइपै के कुओ कुआन लिन को 22 . 20, 21 . 9 से हराया ।
पुरूष युगल में हरिहरन अम्साकारूनन और रूबान कुमार आर को क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे के चियांग चियेन और वेइ वू सुआन यि ने 21 . 9, 21 . 19 से मात दी । तन्वी का सामना अब यूक्रेन की पोलिना बुहरोवा से होगा जबकि आयुष की टक्कर शीर्ष वरीयता प्राप्त चीनी ताइपे के चोउ तियेन चेन से होगी । -
कुआलालंपुर. भारत ने बृहस्पतिवार को यहां दूसरी एशियाई स्क्वाश युगल चैंपियनशिप में पुरुष, महिला और मिश्रित स्पर्धा के सभी तीनों खिताब जीतकर शानदार उपलब्धि हासिल की। अभय सिंह और वेलावन सेंथिलकुमार की शीर्ष वरीय पुरुष जोड़ी ने पाकिस्तान के प्रतिद्वंद्वी नूर जमां और नासिर इकबाल की जोड़ी के खिलाफ पहला सेट गंवा दिया लेकिन वापसी करते हुए 88 मिनट में 2-1 (9-11, 11-5, 11-5) से जीत दर्ज की। इस भारतीय जोड़ी ने सेमीफाइनल में हांगकांग के चि हिम वोंग और मिंग होंग टांग की जोड़ी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। महिला युगल फाइनल में जोशना चिनप्पा और अनाहत सिंह की जोड़ी ने भी एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी की और मलेशिया की आइना अमानी और जिन यिंग यि पर 35 मिनट तक चले फाइनल में 2-1 (8-11, 11-9, 11-10) से जीत हासिल की। वहीं मिश्रित युगल फाइनल में अभय और अनाहत की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी ने मलेशिया के राशेल अर्नाल्ड और अमीशेनराज चंदारन को 28 मिनट में 2-0 (11-9, 11-7) से हराकर भारत को क्लीन स्वीप करने में मदद की। इस प्रक्रिया में अभय और अनाहत ने चैंपियनशिप में अपना दूसरा खिताब हासिल किया।
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नयी दिल्ली/ सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने लीड्स में पांच मैच की टेस्ट श्रृंखला के पहले मैच में भारतीय टीम की पांच विकेट से हार का विस्तृत विश्लेषण करते हुए कहा कि भारत को अधिक समय बल्लेबाजी करने पर ध्यान देना चाहिए और ऋषभ पंत को मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में इंग्लैंड के ‘औसत' आक्रमण के खिलाफ अपने शतकों को दोहरे शतकों में बदलना चाहिए। भारत ने दोनों पारियों में पांच शतक जड़े लेकिन इंग्लैंड ने 371 रन के अपने दूसरे सबसे बड़े लक्ष्य को हासिल करके श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ऐश की बात' पर कहा, ‘‘एक चीज जिस पर भारतीय टीम की बल्लेबाजी ध्यान दे सकती है, वह यह है कि क्या आप हर पारी में बल्लेबाजी का समय बढ़ा सकते हैं- रनों के हिसाब से नहीं। इंग्लैंड के क्षेत्ररक्षण के समय को बढ़ाएं और उन्हें मैदान पर रखने के समय को भी बढ़ाएं।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बात कहूंगा -- घबराएं नहीं और बहुत अधिक बदलाव नहीं करें। भारत अगले टेस्ट में श्रृंखला बराबर कर सकता है। लेकिन अगर हम इंग्लैंड की रणनीति को नहीं समझते हैं तो यह श्रृंखला बहुत जल्दी हमारे से दूर जा सकती है।'' अश्विन ने कहा कि चौथे दिन जल्दी आउट होने के बाद मैच भारत के हाथ से फिसल गया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आपने पांचवें दिन तक बल्लेबाजी जारी नहीं रखी तो खेल खत्म हो गया। इंग्लैंड की इस टीम ने खुलकर यह प्रचार किया है कि वे लक्ष्य चाहे जो भी हो, उसे हासिल करने के लिए जाएंगे। इसलिए एक बल्लेबाजी क्रम के तौर पर हमें यह ध्यान में रखना होगा कि हमें उन्हें कम समय देना है लेकिन बड़ा लक्ष्य देना है।'' पंत के मैच में दो शतक की प्रशंसा करते हुए अश्विन ने कहा कि महेंद्र सिंह धोनी से उनकी तुलना करना उचित नहीं है क्योंकि धोनी ने कभी भी पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी नहीं की। उन्होंने कहा, ‘‘ऋषभ पंत की तुलना विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों से की जानी चाहिए...वह एक मुख्य बल्लेबाज है क्योंकि उनके पास बहुत समय है।'' अश्विन ने पंत की गेंद को चुनकर मारने की क्षमता की तुलना पाकिस्तान के महान बल्लेबाज इंजमाम-उल-हक से की। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ विशेष बल्लेबाजों में गेंद को जल्दी से जल्दी चुनने की क्षमता होती है। वे लाइन को जल्दी से पहचान लेते हैं, लेंथ को जल्दी से पहचान लेते हैं और वे शानदार पोजीशन में आ जाते हैं। ऋषभ पंत उन दुर्लभ खिलाड़ियों में से एक हैं जिनके पास यह विशेष कौशल है।'' पंत के मैच में दो शतक को एक दुर्लभ उपलब्धि बताते हुए अश्विन ने सुझाव दिया कि इस विकेटकीपर-बल्लेबाज को अपने प्रयासों को और आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाज के तौर पर ऋषभ ने शानदार खेल दिखाया है। लेकिन मैं दोहराना चाहूंगा कि ऋषभ का डिफेंस बहुत बढ़िया है। किताब में ऐसा कोई शॉट नहीं है जिसे वह नहीं खेल सकता... क्या मैं आपसे अनुरोध कर सकता हूं कि अगली बार जब आप 130 पर बल्लेबाजी कर रहे हों तो दोहरा शतक बनाएं।'' उन्होंने पंत से यह भी अनुरोध किया कि वे टेस्ट मैच में फ्रंट फ्लिप करने से भी बचें।
अश्विन ने कहा, ‘‘मेरा केवल एक अनुरोध है, कृपया फ्रंट फ्लिप नहीं करें। टेस्ट मैच में आपका शरीर थक जाता है, यह आईपीएल की तरह नहीं है जहां आपको 50-60 से अधिक गेंद खेलने को नहीं मिलती। वह भारतीय क्रम में शीर्ष बल्लेबाज हैं इसलिए उन्हें कुछ साबित नहीं करना।'' अश्विन ने दो जुलाई से बर्मिंघम में शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में कुलदीप यादव को एकादश में शामिल करने की वकालत की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं देखना चाहता हूं कि इंग्लैंड उसका सामना कैसे करता है। अगर कुलदीप आपको 100 रन देकर तीन विकट दिला सकता है और पहली पारी के स्कोर को 350 तक रोक सकता है तो आपके पास 125 रन की बढ़त होगी।'' अश्विन ने कहा, ‘‘"मुझे शत प्रतिशत विश्वास था कि कुलदीप की भूमिका थी और वह निर्णायक साबित होता। अगर कुलदीप खेलता तो शायद यह एक अलग मुकाबला होता।'' अश्विन ने यशस्वी जायसवाल का भी बचाव किया जिन्होंने कई कैच टपकाए।
अश्विन ने टेस्ट मैच की रणनीति के एक सूक्ष्म लेकिन महत्वपूर्ण पहलू की ओर भी इशारा किया जिसमें उन्हें लगता है कि भारत लीड्स में चूक गया- स्पिनरों की मदद के लिए पिच पर खुरदरे निशान बनाना। उन्होंने कहा, ‘‘हमें और अधिक खुरदरे निशान बनाने की कोशिश करनी चाहिए। अगर इंग्लैंड चौथी पारी में गेंदबाजी करता तो आपको पिच पर बहुत अधिक खुरदुरे निशान देखने को मिलते।''
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नयी दिल्ली. आगामी भारतीय निशानेबाजी लीग (एसएलआई) में भाग लेने के लिए अभी तक दुनिया भर के 400 से अधिक खिलाड़ी पंजीकरण करा चुके हैं। इस प्रतियोगिता के आयोजक भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने बुधवार को यह जानकारी दी। भारत, कजाकिस्तान, रूस, ईरान, हंगरी, क्रोएशिया, अजरबैजान, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, ग्रेनेडा, इटली, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, सर्बिया, अमेरिका, स्पेन, थाईलैंड, जर्मनी, चेक गणराज्य, नॉर्वे, सैन मैरिनो और रोमानिया के निशानेबाजों ने लीग के लिए पंजीकरण कराया है। एनआरएआई के अध्यक्ष कलिकेश नारायण सिंह देव ने कहा, ‘‘हमें पहली भारतीय निशानेबाजी लीग को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया मिल रही है उससे वास्तव में हम उत्साहित हैं।'' पहली भारतीय निशानेबाजी लीग का आयोजन इस साल के आखिर में 20 नवंबर से दो दिसंबर तक किया जाएगा। इसमें पिस्टल (10 मीटर, 25 मीटर), राइफल (10 मीटर, 50 मीटर 3 पोजीशन) और शॉटगन (ट्रैप और स्कीट) में मिश्रित टीम स्पर्धाएं शामिल होंगी।
- नयी दिल्ली. आगामी भारतीय निशानेबाजी लीग (एसएलआई) में भाग लेने के लिए अभी तक दुनिया भर के 400 से अधिक खिलाड़ी पंजीकरण करा चुके हैं। इस प्रतियोगिता के आयोजक भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने बुधवार को यह जानकारी दी। भारत, कजाकिस्तान, रूस, ईरान, हंगरी, क्रोएशिया, अजरबैजान, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, ग्रेनेडा, इटली, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, सर्बिया, अमेरिका, स्पेन, थाईलैंड, जर्मनी, चेक गणराज्य, नॉर्वे, सैन मैरिनो और रोमानिया के निशानेबाजों ने लीग के लिए पंजीकरण कराया है।एनआरएआई के अध्यक्ष कलिकेश नारायण सिंह देव ने कहा, ‘‘हमें पहली भारतीय निशानेबाजी लीग को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया मिल रही है उससे वास्तव में हम उत्साहित हैं।'' पहली भारतीय निशानेबाजी लीग का आयोजन इस साल के आखिर में 20 नवंबर से दो दिसंबर तक किया जाएगा। इसमें पिस्टल (10 मीटर, 25 मीटर), राइफल (10 मीटर, 50 मीटर 3 पोजीशन) और शॉटगन (ट्रैप और स्कीट) में मिश्रित टीम स्पर्धाएं शामिल होंगी।
- मुंबई. भारत के ललित बाबू ने बुधवार को यहां बेहतर टाई ब्रेक स्कोर के आधार पर आर्मेनिया के मामिकोन घरिबयान को पछाड़कर मुंबई अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया। ग्रैंडमास्टर ललित बाबू ने शीर्ष वरीय जॉर्जिया के ग्रैंडमास्टर लाविन पेंटसुलिया के खिलाफ अपनी नौवें और अंतिम दौर की बाजी जीतकर आठ जुटाए। मामिकोन ने भी भारतीय ग्रैंडमास्टर नीलोत्पल दास के खिलाफ अपनी बाजी जीती और उनके भी आठ अंक रहे। ललित बाबू ने हालांकि मामिकोन के 54 के मुकाबले 54.5 के बेहतर टाईब्रेक स्कोर के कारण खिताब जीता।उन्हें चार लाख रुपये की इनामी राशि मिली। दूसरे स्थान पर रहे मामिकोन को तीन लाख रुपये मिले। पांचवें स्थान पर रहे भारत के दीपन चक्रवर्ती को एक लाख 25 हजार रुपये की इनामी राशि मिली। जूनियर वर्ग में भारत के कैंडिडेट मास्टर मधेश कुमार अंतिम दौर में व्योम मल्होत्रा को हराकर चैंपियन बने। उन्होंने कुल आठ अंक जुटाए। मधेश को दो लाख रुपये की इनामी राशि मिली। अद्विक अग्रवाल उप विजेता रहे और उन्हें डेढ़ लाख रुपये मिले। शीर्ष वरीय अंश नेरुरकर को तीसरे स्थान पर रहने के लिए एक लाख रुपये की इनामी राशि मिली। सानिधी भट को सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुना गया। उन्होंने ट्रॉफी और 45 हजार रुपये की इनामी राशि मिली। रचित गुरनानी और मिशा परवेज को मुंबई के खिलाड़ियों के बीच क्रमश: सर्वश्रेष्ठ लड़का और लड़की चुना गया। दोनों को 30 हजार रुपये और ट्रॉफी मिली।
- ओस्ट्रावा. पेरिस डायमंड लीग जीतने के चार दिन बाद भारत के भालाफेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को यहां गोल्डन स्पाइक मीट में पहली बार खेलते हुए खिताब अपने नाम किया । चोपड़ा ने 20 जून को पेरिस डायमंड लीग जीती थी । उन्होंने यहां विश्व एथलेटिक्स उपमहाद्वीपीय टूर के गोल्ड टूर्नामेंट में नौ खिलाड़ियों के बीच 85 . 29 मीटर का थ्रो फेंकते हुए खिताब जीता । पिछले दो सत्र में वह यहां फिटनेस कारणों से खेल नहीं सके थे । उनके कोच जान जेलेंजी ने यहां नौ बार खिताब जीता है । 27 वर्ष के चोपड़ा ने इस सत्र में मई में दोहा डायमंड लीग में 90 मीटर की बाधा पार करके दूसरा स्थान हासिल किया । इसके बाद पेरिस डायमंड लीग खिताब जीता ।
- भुवनेश्वर. दिल्ली की भव्या सचदेवा ने यहां सीनियर राष्ट्रीय तैराकी चैम्पियनशिप के तीसरे दिन मंगलवार को महिलाओं की 1500 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में नये मीट रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता । भव्या ने 17. 35.07 का समय निकालकर पीला तमगा अपने नाम किया । ओडिशा की सृष्टि उपाध्याय ने कांस्य पदक जीता जो उनका दूसरा व्यक्तिगत पदक है । कर्नाटक की रूजुला एस ने महिलाओं की 50 मीटर फ्रीस्टाइल में 26 . 36 सेकंड का समय निकालकर नये मीट रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता । आर्यन नेहरा ने पुरूषों की 400 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में स्वर्ण जीता जबकि कुशाग्र रावत को रजत और अनीश गौड़ा को कांस्य पदक मिला ।
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लीड्स/ भारतीय गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन और ढीली फील्डिंग का पूरा फायदा उठाते हुए बेन डकेट के शानदार शतक की मदद से इंग्लैंड ने 371 रन का लक्ष्य आसानी से हासिल करके पहले टेस्ट के पांचवें दिन मंगलवार को भारत को पांच विकेट से हराया । डकेट ने 170 गेंद में 21 चौकों और एक छक्के की मदद से 149 रन बनाये जबकि जैक क्रॉली ने 65 रन की पारी खेली । दोनों ने पहले विकेट के लिये 188 रन की साझेदारी करके भारत की मैच में वापसी के सारे रास्ते बंद कर दिये थे । इसके बाद जो रूट ने 53 और जैमी स्मिथ ने 44 रन बनाकर टीम को जीत तक पहुंचाया । पांच मैचों की श्रृंखला में अब इंग्लैंड 1 . 0 से आगे है । भारत की ओर से इस मैच में पांच शतक बने लेकिन इसके बावजूद टीम को पराजय का सामना करना पड़ा । इसके लिये खराब क्षेत्ररक्षण भी जिम्मेदार रहा चूंकि भारतीयों ने कई कैच टपकाये । जसप्रीत बुमराह को दूसरे छोर से गेंदबाजी में सहयोग नहीं मिल पाने से भी भारत की मुश्किलें बढी । भारतीय गेंदबाजों ने सिर्फ दूसरी पारी में ही 44 चौके और तीन छक्के दे डाले । पहली पारी में 54 चौके और पांच छक्के लगे थे । दो जुलाई से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में अभी समय है लेकिन गेंदबाजी आक्रमण में बदलाव तय है ताकि मैच में पूरे 20 विकेट लिये जा सकें । आखिरी सत्र में रविंद्र जडेजा ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को शुभमन गिल के हाथों लपकवाया । उस समय इंग्लैंड को 69 रन की जरूरत थी लिहाजा रूट ने 150 से अधिक टेस्ट के अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल करके युवा स्मिथ के साथ मेजबान को मंजिल तक पहुंचाया । भारत की ओर से यशस्वी जायसवाल ने चार कैच टपकाये । कप्तान गिल की अनुभवहीनता भी साफ नजर आई जिनके कुछ फैसले और रणनीति सटीक नहीं रही । एक समय तो ऐसा लग रहा था कि सबसे अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल कप्तानी कर रहे हैं । इस हार के साथ ही पारंपरिक प्रारूप में कोच गौतम गंभीर का रिकॉर्ड और खराब हो गया । गंभीर के कोच रहते भारत अब 11 में से सात टेस्ट हार चुका है । यह आंकड़ा दोहरे अंकों में भी पहुंचने का डर है क्योंकि बुमराह बाकी चार में से दो मैच नहीं खेलेंगे । शार्दुल ठाकुर ने पूरे मैच में 16 ओवर डाले और दो विकेट चटकाये । रविंद्र जडेजा जिस तरह से लय के लिये जूझते नजर आये , कुलदीप यादव को नहीं खिलाने के फैसले पर टीम प्रबंधन जरूर मलाल कर रहा होगा । प्रसिद्ध कृष्णा ने मैच में पांच विकेट लिये लेकिन जिस तरह से उनकी गेंदों पर चौके पड़े हैं, वह भरोसेमंद गेंदबाज नजर नहीं आते । ऐसे में सीम और स्विंग गेंदबाजी के महारथी ईशांत शर्मा और मोहम्मद शमी की कमी खली । बायें हाथ के बल्लेबाज डकेट ने सुबह के सत्र में बुमराह को संभलकर खेला । बुमराह ने 19 ओवर में 57 रन दिये लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली । डकेट और जैक क्रॉली (65) ने पहले विकेट के लिये 188 रन की साझेदारी की । लंच के बाद कुछ देर बारिश होने से भारत को फायदा मिला और सुबह नाकाम रहे कृष्णा ने 15 ओवर में 92 रन देकर दो विकेट लिये । उन्होंने क्रॉली को स्लिप में राहुल के हाथों लपकवाया । इसके बाद पहली पारी में शतक लगाने वाले ओली पोप (आठ) को पवेलियन भेजा । दोहरे झटकों के बावजूद डकेट ने आक्रामक बल्लेबाजी जारी रखी । सुबह के सत्र में बुमराह ने अच्छी गेंदबाजी की लेकिन दूसरे छोर से सहयोग नहीं मिला । सिराज और ठाकुर पर इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने दबाव बनाये रखा । डकेट को सिराज की गेंद पर जायसवाल से जीवनदान भी मिला । जडेजा को पिच से कोई मदद नहीं मिली और डकेट ने उन्हें कई अच्छे रिवर्स स्वीप लगाये । एक रिवर्स स्वीप पर उन्होंने चौका लगाया तो दूसरी पर एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से छक्का जड़ा । कुलदीप जैसे फॉर्म में चल रहे स्पिनर को नहीं उतारने का भारत को खामियाजा भुगतना पड़ा । शार्दुल ने डकेट और हैरी ब्रूक (0) को आउट करके भारत को मैच में लौटाने की कोशिश की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी । डकेट ने कवर में नीतिश रेड्डी को कैच थमाया जबकि ब्रूक ने विकेट के पीछे ऋषभ पंत को कैच दिया ।
- लीड्स. ऋषभ पंत टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय विकेटकीपर बन गए जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन शुक्रवार को कैरियर का सातवां टेस्ट शतक लगाकर महेंद्र सिंह धोनी को पछाड़ा । इस उपलब्धि के लिए महान बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर और सुनील गावस्कर ने पंत की सराहना की। पंत ने भारतीय पारी के सौवें ओवर की पहली गेंद पर शोएब बशीर को छक्का लगाकर इस आंकड़े को छुआ । यह सितंबर 2024 के बाद उनका पहला शतक है जब उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 109 रन बनाये थे। धोनी ने 90 टेस्ट में 4876 रन बनाये जिसमें छह शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं ।पंत ने इस पारी के साथ ही 3000 टेस्ट रन भी पूरे किये । वह 44 टेस्ट में करीब 44 की औसत से 15 अर्धशतक भी लगा चुके हैं । इस सूची में तीसरा नाम रिधिमान साहा का है जिन्होंने दो शतक लगाये हैं। सैयद किरमानी और फारूख इंजीनियर ने भी दो दो टेस्ट शतक लगाये हैं जबकि नयन मोंगिया के नाम एक टेस्ट शतक है । पंत के प्रयास की तेंदुलकर ने सराहना की और उनके पैडल स्वीप खेलने को समझदारी भरा कदम बताया।तेंदुलकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, ‘‘ऋषभ अचानक पैडल स्वीप नहीं खेलने लगा। उसने यह जानबूझकर किया और काफी चतुराई भरा कदम था। इससे वह गेंद के नीचे आया गया और इसे नियंत्रण के साथ लेग स्लिप के ऊपर से स्कूप कर पाया।'' तेंदुलकर ने चौथे विकेट की 209 रन की साझेदारी के दौरान पंत और गिल द्वारा बशीर के खिलाफ अपनाई गई मनोवैज्ञानिक रणनीति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘बशीर के स्पेल के दौरान एक और दिलचस्प बात देखने को मिली। शुभमन और ऋषभ गेंदों के बीच में जोर-जोर से हिंदी बोल रहे थे।'' तेंदुलकर ने कहा, ‘‘यह सिर्फ सामान्य बातचीत नहीं थी। वे गेंदबाज के साथ दिमागी खेल खेल रहे थे, उसकी लय को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। ये छोटी-छोटी बातें स्कोरबोर्ड पर नहीं दिख सकती लेकिन इनका खेल पर काफी असर हो सकता है।'' शनिवार की पारी से पंत ने मजबूत वापसी की जो इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में भारत की टेस्ट श्रृंखला हार के दौरान भारी आलोचना का सामना कर रहे थे, विशेषकर अपने जल्दबाजी में किए गए शॉट चयन के लिए। उस समय गावस्कर ने कमेंट्री बॉक्स में ‘बेवकूफ, बेवकूफ, बेवकूफ' की तीखी टिप्पणी के साथ पंत के शॉट चयन की आलोचना की थी। लेकिन शनिवार को हेडिंग्ले में जब पंत ने शतक जड़ने के बाद अपना बल्ला उठाया और अपने जाने-पहचाने ‘फ्रंट-फ्लिप' के साथ जश्न मनाया तो हर्षा भोगले के साथ कमेंट्री कर रहे गावस्कर ने कहा, ‘‘शानदार, शानदार, शानदार!''
- कोलकाता. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि उनपर आधारित बायोपिक में उनकी भूमिका निभाने के लिए अभिनेता राजकुमार राव सही विकल्प हैं। यह फिल्म दिसंबर 2026 में सिनेमाघरों में रिलीज होगी। वर्ष 1992 से 2008 तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके गांगुली ने कहा, "यह अगले साल दिसंबर में रिलीज होगी।शूटिंग अगले साल जनवरी में शुरू होगी। प्री-प्रोडक्शन, कहानी लेखन और पटकथा तैयार करने में काफी समय लगता है। और शूटिंग में इतना समय नहीं लगता। यह लगभग तीन महीने का समय लेती है और फिर पोस्ट-प्रोडक्शन में समय लगता है।" गांगुली ने खुद इस परियोजना को प्रमुखता देने के सुझाव को खारिज कर दिया। उन्होंने टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में 18,575 रन बनाए हैं और 38 शतक लगाए हैं। भारत के सबसे सफल क्रिकेट कप्तानों में गिने जाने वाले गांगुली ने कहा, "मुझे लगता है कि सही व्यक्ति यह काम कर रहा है... मैं उनकी हर चीज में मदद करूंगा।" निर्माताओं ने अभी तक फिल्म का आधिकारिक नाम और निर्देशक की घोषणा नहीं की है।
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भुवनेश्वर. धिनिधी देसिंघू ने सोमवार को यहां 78वीं सीनियर राष्ट्रीय एक्वाटिक चैंपियनशिप के दूसरे दिन 200 मीटर फ्रीस्टाइल में दो मिनट 2.97 सेकेंड के समय से नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया जबकि शोअन गांगुली ने 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले का प्रतियोगिता रिकॉर्ड अपने नाम किया। शोअन गांगुली ने दो मिनट 4.34 सेकेंड के समय से कलिंगा स्टेडियम के इंडोर एक्वाटिक सेंटर में नया प्रतियोगिता रिकॉर्ड बनाया। दिल्ली के कुशाग्र रावत ने 15 मिनट 32.95 सेकेंड के समय से 1500 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता और सिंगापुर में अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप का ‘बी' क्वालीफिकेशन स्तर हासिल किया।
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चियांग माइ (थाईलैंड). कोरोना महामारी के कारण पिछले एएफसी महिला एशियाई कप में अभियान पटरी से उतरने के तीन साल बाद भारतीय टीम सोमवार से शुरू हो रहे क्वालीफायर्स में नये सिरे से शुरूआत करने उतरेगी जिसमें पहला मुकाबला मंगोलिया से होना है । एएफसी महिला एशियाई कप अगले साल आस्ट्रेलिया में खेला जायेगा ।
पिछले कुछ दशक में इस टूर्नामेंट में किस्मत ने भारत का साथ नहीं दिया है । भारतीय टीम ने आखिरी बार 2003 में एएफसी महिला एशियाई कप में जगह बनाई थी । इसके बाद जब 2022 में भारत की मेजबानी में टूर्नामेंट हुआ तो टीम में कोरोना संक्रमण फैल गया और पहले मैच से पूर्व ही भारत को नाम वापिस लेना पड़ा । भारत एशियाई महिला चैम्पियनशिप में तीन बार पोडियम पर रह चुका है । वह 1980 और 1983 में उपविजेता रहा और 1981 में तीसरे स्थान पर रहा है लेकिन पिछले चार दशक से अधिक समय में झोली खाली ही रही है । मंगोलिया के खिलाफ पहले मैच के बाद 71वीं रैंकिंग वाली भारतीय टीम तिमोन लेस्टे (158वीं रैंक) से 29 जून को, ईराक (173) से दो जुलाई और मेजबान थाईलैंड (46) से पांच जुलाई को खेलेगी । ग्रुप की विजेता टीम को मार्च 2026 में आस्ट्रेलिया में होने वाले मुख्य टूर्नामेंट में जगह मिलेगी । वह भी फीफा महिला विश्व कप 2027 का क्वालीफायर टूर्नामेंट होगा । थाईलैंड के अलावा भारत ने ग्रुप बी की बाकी टीमों के खिलाफ कभी नहीं खेला है ।
मुख्य कोच क्रिस्पिन छेत्री ने कहा , हमें मंगोलिया, तिमोर लेस्टे और ईराक के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है । उन्होंने हाल ही में ज्यादा खेला भी नहीं है । हमें थाईलैंड के बारे में पता है जिसने पिछली विंडो में नेपाल से दो मैच खेले थे ।'' भारत को उजबेकिस्तान ने 30 मई और तीन जून को हुए दो मैत्री मैचों में एक एक गोल से हराया ।
मई की शुरूआत से बेंगलुरू में अभ्यास कर रही भारतीय टीम पहले मैच से एक सप्ताह पूर्व यहां पहुंची है और चार पूर्ण अभ्यास सत्रों में भाग ले चुकी है । -
लीड्स. इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट का मानना है कि जसप्रीत बुमराह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं और लाइट चालू होने पर जब वह दोनों तरफ से गेंद को स्विंग कराते हैं तो उनका सामना करना बेहद मुश्किल होता है । बुमराह ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन 48 रन देकर तीन विकेट लिये जिसमें जो रूट का विकेट शामिल है । भारत के पहली पारी के 471 रनों के जवाब में इंग्लैंड ने दूसरे दिन तीन विकेट पर 209 रन बना लिये थे । तीसरे नंबर पर उतरे ओली पोप नाबाद 100 रन बनाकर किला संभाले हुए थे । डकेट ने दूसरे दिन के खेल के बाद कहा, "वह (बुमराह) दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं। उनका सामना करना बेहद मुश्किल है, वह किसी भी परिस्थिति में अच्छे हैं और लाइट चालू होने पर दोनों तरफ स्विंग करते हुए आते हैं तो उन्हें खेलना मुश्किल होता है।" उन्होंने कहा, ‘‘बिना किसी संकेत के तीन या चार अलग-अलग गेंदें फेंकने की उनकी क्षमता कमाल की है । आपको तब तक पता नहीं चलता कि वह बाउंसर, या धीमी गेंद, यॉर्कर, बाहर की ओर जाती स्विंगर या इनस्विंगर डाल रहे हैं, जब तक कि गेंद उनके हाथ से न निकल जाए। आपको उनके साथ गेंद को इतनी बारीकी से देखना पड़ता है कि उन्हें समझना बहुत मुश्किल हो जाता है।" पोप की शतकीय पारी के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ "वह (पोप) मैदान पर आते समय बहुत शांत था। मुझे नहीं पता कि उसके दिमाग में क्या था , लेकिन वह अपने खेलने के तरीके पर कायम रहा ।'' डकेट ने कहा,‘‘इससे बेहतर कोई अहसास नहीं है कि पहले ओवर में आने के बाद उस आक्रमण के खिलाफ़ शतक बनाना । आप इसे उसके जश्न मनाने के तरीके में देख सकते हैं, और यह सिर्फ़ उसके लिए ही नहीं, बल्कि ड्रेसिंग रूम में भी बहुत मायने रखता था। मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे।" पिछले महीने जिम्बाब्वे के खिलाफ़ एकमात्र टेस्ट में 171 रन बनाने के बावजूद पोप की टीम में जगह को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन दबाव में और तेज़ गेंदबाज़ बुमराह के खिलाफ़ शतक ने कम से कम कुछ समय के लिए आलोचकों को शांत कर दिया। डकेट ने कहा ,‘‘ हम ड्रेसिंग रूम में चीजों को रखने में बहुत अच्छे हैं, लेकिन जाहिर है कि आप इसके बाहर से शोर सुन सकते हैं। ड्रेसिंग रूम के बाहर शोर है, लेकिन इसके अंदर कोई शोर नहीं है। हम इस बारे में चर्चा नहीं कर रहे हैं कि कौन खेलने जा रहा है।'' उन्होंने कहा, " यह बात बिल्कुल स्पष्ट लग रही थी कि अगर कोई खिलाड़ी कुछ सप्ताह पहले 171 रन बनाता है तो वह इस मैच में खेलेगा। पोप ने यह साबित करता है कि वह इंग्लैंड टीम में तीसरे नंबर पर क्यों उतरता है ।''
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कोलकाता. इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों में शुभमन गिल के ‘फुटवर्क' से बेहद प्रभावित पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को उम्मीद है कि अगर लीड्स में टेस्ट श्रृंखला के पहले मैच के पहले दिन की तरह ही उनके पैरों की मूवमेंट शानदार रहा तो यह युवा भारतीय कप्तान विदेशी परिस्थितियों में भी ढेरों रन बनाएगा। कप्तान के तौर पर अपना पहला टेस्ट खेल रहे गिल ने नाबाद 127 रन की शानदार पारी खेली जिसमें कई बेहतरीन ड्राइव शामिल रहे। भारत ने पहले दिन का खेल तीन विकेट पर 359 रन पर समाप्त किया जिससे इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर नजर आया। घरेलू गेंदबाजों ने ज्यादातर ‘मिडिल और ऑफ' स्टंप लाइन पर फुल लेंथ की गेंदबाजी की और गिल ने चुनौती का सामना शानदार तरीके से किया और कुछ बेहतरीन ड्राइव लगाए। गांगुली ने कहा, ‘‘मैं विदेशी सरजमीं पर उनके पैरों की मूवमेंट देखकर बहुत खुश हूं, विदेशी धरती पर इसमें काफी सुधार हुआ है। शुभमन के पैर का मूवमेंट शानदार था, उन्होंने कोई गलती नहीं की।'' इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इंग्लैंड को उस विकेट पर (पहले) गेंदबाजी नहीं करनी चाहिए थी और उन्होंने अच्छी गेंदबाजी भी नहीं की। उनके (गिल के) पैरों का मूवमेंट शानदार था, मुझे उम्मीद है कि यह उनके लिए स्थायी बात होगी क्योंकि अगर वह इंग्लैंड और विदेशी परिस्थितियों में इसी तरह बल्लेबाजी करते रहे तो वह बहुत रन बनाएंगे।'' इस श्रृंखला को भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है जिसमें गिल की अगुआई वाली टीम दिग्गज विराट कोहली, रोहित शर्मा और स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के बिना खेल रही है। इसे बदलाव का कठिन दौर माना जा रहा है लेकिन इसकी शुरुआत शानदार रही है। गांगुली ने कहा कि वह सहज बदलाव के बारे में कभी चिंतित नहीं थे क्योंकि भारत में मजबूत घरेलू ढांचे की बदौलत बहुत प्रतिभा है। गांगुली ने कहा, ‘‘मैं भारतीय क्रिकेट के बारे में कभी चिंतित नहीं था। कोई ना कोई भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाएगा। मैं यशस्वी (जायसवाल) से हैरान नहीं हूं क्योंकि मैं उन्हें शानदार बल्लेबाज मानता हूं। वह ऐसा खिलाड़ी है जिसे सभी प्रारूपों में खेलना चाहिए।'' जायसवाल अपने टेस्ट करियर की शुरुआत से ही शानदार फॉर्म में हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 101 रन की पारी खेलकर अपनी शानदार फॉर्म जारी रखी और भारत को पहली पारी में बड़ा स्कोर बनाने का मंच प्रदान किया। जायसवाल ने साथी सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल (42) के साथ पहले विकेट के लिए 91 रन जोड़े।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गांगुली ने कहा, ‘‘शुभमन गिल और स्वदेश से बाहर उनकी बल्लेबाजी, मैं आपको बता रहा हूं कि भारत में काफी प्रतिभा है, अभी चार-पांच खिलाड़ी इंतजार कर रहे हैं, जिन्हें मौका मिलने पर वे रन बनाएंगे।'' गांगुली को लगता है कि कोहली जैसे खिलाड़ी की जगह लेना मुश्किल होगा लेकिन गिल के स्तर को देखकर वह हैरान नहीं हैं। गिल ने चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की जिस क्रम पर कोहली खेलते थे। गांगुली ने कहा, ‘‘विराट एक स्तरीय खिलाड़ी है, उनका विकल्प खोजने में समय लगेगा। लेकिन मैंने शुभमन के साथ जो देखा उससे मैं हैरान नहीं था। व्यवस्था, घरेलू क्रिकेट की गुणवत्ता, लीग, संघ द्वारा खिलाड़ी को विकसित करने में लगाए जाने वाला समय और पैसे की वजह से भारतीय क्रिकेट में बहुत अधिक गुणवत्ता है। -
नयी दिल्ली. भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें जैसे ही पता चला कि भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट श्रृंखला के लिये ट्रॉफी का नाम बदला जा रहा है, उन्होंने दिवंगत मंसूर अली खान पटौदी के परिवार से संपर्क किया और उन्हें आश्वस्त किया कि इस श्रृंखला से पूर्व कप्तान का जुड़ाव खत्म नहीं होगा । पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर तेंदुलकर और इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के नाम पर एंडरसन - तेंदुलकर ट्रॉफी रखा गया है । यह फैसला इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड और बीसीसीआई ने मिलकर लिया है ।
तेंदुलकर ने कहा , मुझे पता है कि बीसीसीआई ने कुछ महीना पहले पटौदी ट्रॉफी को रिटायर किया है । लेकिन जब मुझे पता चला कि इसका नाम मेरे और एंडरसन के नाम पर रखा जा रहा है तो मैने सबसे पहले पटौदी परिवार को फोन किया ।'' उन्होंने कहा , टाइगर पटौदी ने कई पीढियों को प्रेरित करने में बड़ी भूमिका निभाई है जिसे भुलाया नहीं जा सकता । पटौदी परिवार श्रृंखला से जुड़ा रहेगा क्योंकि अब विजयी कप्तान को नया ‘पटौदी उत्कृष्टता पदक ' देने का फैसला किया गया है । यह तेंदुलकर और बीसीसीआई के पूर्व सचिव तथा आईसीसी के मौजूदा चेयरमैन जय शाह और ईसीबी के आला अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद हुआ ।
तेंदुलकर ने कहा , मैने उनसे बात की । मैने सब कुछ बताया । मैने यह भी कहा कि पटौदी विरासत को जीवंत रखने के लिये हमें हरसंभव प्रयास करने होंगे । इसके बाद मैने शाह और ईसीबी अधिकारियों से बात करके कुछ सुझाव दिये । उन्होंने कहा , क्योंकि पटौदी ने कई पीढियों को प्रेरित करने में बड़ी भूमिका निभाई जिसे भुलाया नहीं जा सकता । मुझे खुशी है कि उनके सम्मान में एक पदक देने का फैसला किया गया है । मुझे खुशी है कि सारे फोन कॉल और बातचीत का सकारात्मक नतीजा निकला ।'' उन्होंने कहा , मैने पहली बार 1988 में इंग्लैंड का दौरा किया था । मेरी पहली फ्लाइट मुंबई से लंदन की थी । अब मेरे नाम से वहां ट्रॉफी होने से काफी खुशी हो रही है । - लंदन। भारत के नए टेस्ट कप्तान शुभमन गिल ने कभी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करने का सपना नहीं देखा था लेकिन उन्होंने स्वयं के लिए ऐसी टीम संस्कृति बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है जहां हर खिलाड़ी ‘सुरक्षित और खुश' रहे। बदलाव के दौर से गुजर रहा भारत 2007 के बाद से इंग्लैंड में अपनी पहली टेस्ट श्रृंखला जीतने के इरादे से उतरेगा। दोनों टीमों के बीच पांच मैच की टेस्ट श्रृंखला का पहला मैच 20 जून से लीड्स में खेला जाना है। गिल ने ‘स्काईस्पोर्ट्स' से कहा, ‘‘मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनना चाहता हूं इसलिए सभी ट्रॉफियों के बावजूद मैं ऐसी टीम संस्कृति बनाना चाहता हूं जहां हर कोई बहुत सुरक्षित और खुश रहे।'' लेकिन गिल जानते हैं कि यह काम कहना जितना आसान है, करना उतना आसान नहीं है ।''उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि यह बहुत मुश्किल हो सकता है, विशेषकर सभी प्रतिस्पर्धा और जितने मैच हम खेलते हैं उसे देखते हुए, अलग-अलग टीम होती हैं। लेकिन अगर मैं ऐसा कर पाया तो मुझे लगता है कि यह मेरा लक्ष्य होगा।'' गिल ने कहा, ‘‘इसलिए एक सुरक्षित माहौल बनाए रखना और खिलाड़ी को उसकी क्षमताओं और योग्यताओं में सुरक्षित महसूस कराना मुझे लगता है कि सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो एक नेतृत्वकर्ता को करना चाहिए।'' गिल ने माना कि सात मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने वाले रोहित शर्मा ने उनके लिए एक स्पष्ट रास्ता तय किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लग सकता है कि वह आक्रामक नहीं है लेकिन रोहित अपनी रणनीति के मामले में बहुत आक्रामक हैं। वह ऐसे व्यक्ति हैं जो मैचों से पहले, श्रृंखला के दौरान और श्रृंखला के बाद भी अपने संवाद में बहुत स्पष्ट रहते हैं कि वह खिलाड़ियों से क्या चाहते हैं।'' गिल ने कहा कि वह अपने पूर्ववर्ती रोहित के रास्ते पर चलना चाहते हैं जिन्होंने हमेशा टीम को व्यक्तिगत खिलाड़ियों से आगे रखा। उन्होंने कहा, ‘‘रोहित भाई ने जिस तरह का माहौल बनाए रखा, भले ही रोहित भाई आपको अपशब्द कह रहे हों, आप इसे अपने दिल पर नहीं लगाएंगे। यह उनका व्यक्तित्व है। मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छी विशेषता है।'' गिल ने कहा, ‘‘वह दृढ़ है लेकिन भले ही वह आप पर कठोर हो, आप जानते हैं कि यह उनके दिल से नहीं आ रहा है। यह टीम के नजरिए से आ रहा है।'' पच्चीस वर्षीय गिल ने कहा कि उन्होंने रोहित के साथ टीम के भविष्य के बारे में बातचीत की।उन्होंने कहा,‘‘यह एक ऐसी बातचीत है जो मैंने रोहित भाई के साथ कई बार की है कि आदर्श रूप से अगले पांच, सात या 10 या 15 वर्षों में हम भारतीय क्रिकेट टीम की संस्कृति को कहां देखना चाहेंगे?'' गिल ने यह भी कहा कि उन्होंने विराट कोहली के नेतृत्व से बहुत कुछ सीखा है।उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं विराट के नेतृत्व में खेला तो मुझे लगता है कि टेस्ट मैचों में क्षेत्ररक्षण या विचारों या उनकी सोच के साथ उनकी सक्रियता कुछ ऐसी थी जो मुझे पसंद थी और मैंने उसे अपनाया। अगर उन्हें लगता है कि यह योजना काम नहीं कर रही है तो वह तुरंत एक और योजना बना लेते हैं, गेंदबाज को बताते हैं कि वह उनसे क्या चाहते हैं।'' गिल ने नेतृत्व की भूमिका संभालने से पहले मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के साथ अपनी बातचीत का सार भी दिया। भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘वे बस यही चाहते हैं कि मैं एक नेतृत्वकर्ता के रूप में खुद को अभिव्यक्त कर सकूं। उन्होंने मुझे यही बताया है, कोई अपेक्षाएं नहीं हैं। वे मेरे से कुछ ऐसा करने की उम्मीद नहीं कर रहे जो मैं करने में सक्षम नहीं हूं।'' गिल ने कहा, ‘‘लेकिन एक नेतृत्वकर्ता और एक खिलाड़ी के रूप में आपको निश्चित रूप से खुद से कुछ अपेक्षाएं होती हैं। इसलिए मुझे स्वयं से वही अपेक्षाएं हैं।'' गिल को आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के दिनों से ही गंभीर की कोचिंग शैली का अनुभव है और उन्हें राष्ट्रीय माहौल में उनके साथ सामंजस्य बिठाने का भरोसा है। उन्होंने कहा, ‘‘गौतम भाई बहुत दृढ़ निश्चयी, बहुत प्रतिबद्ध हैं। और वह अपने संवाद में भी बहुत स्पष्ट हैं, वह खिलाड़ियों से क्या चाहते हैं और वह खिलाड़ियों में किस तरह की मानसिकता चाहते हैं।'' गिल ने कहा, ‘‘गौतम भाई इस बात पर अधिक ध्यान देते हैं कि उन्हें टीम या खिलाड़ियों से किस तरह के रवैये या मानसिकता की आवश्यकता है।'' गिल की संकट प्रबंधन क्षमता की परीक्षा तब होगी जब उन्हें प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के गेंदबाजी के बोझ पर निर्णय लेना होगा। मुख्य चयनकर्ता अगरकर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि भारत को पूरी श्रृंखला में बुमराह की सेवाएं मिलेंगी। गिल ने कहा, ‘‘यह मैच दर मैच पर आधारित है और यह देखना है कि उन पर काम का कितना बोझ है। हम इसी पर ध्यान देने की कोशिश कर रहे हैं। आपको यह देखने की जरूरत है कि इस विशेष मैच में उन पर कितना बोझ रहा।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले से तय मानसिकता नहीं रखना चाहते। क्योंकि ऐसे कई कारक हैं जो यह तय करने में आपके पक्ष में नहीं होंगे कि वह अगला मैच खेलेंगे या नहीं।''
- नयी दिल्ली. भारत की 16 सदस्यीय टीम 17 से 25 जून तक बीजिंग में होने वाले 2025 पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप में भाग लेगी। इस टीम में जैनब खातून, सीमा रानी, झंडू कुमार, जॉबी मैथ्यू, मनीष कुमार और कस्तूरी जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। इन सभी ने हाल ही में संपन्न राष्ट्रीय चैंपियनशिप में प्रभावित किया था। भारतीय टीम में शामिल 16 खिलाड़ियों में से सात महिलाएं हैं।खिलाड़ियों के लिए रविवार को भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की पूर्व अध्यक्ष दीपा मलिक, वर्तमान पीसीआई महासचिव जयवंत हमनवर और भारत पैरा पावरलिफ्टिंग के अध्यक्ष जेपी सिंह मौजूद थे। सिंह ने कहा, ‘‘भारत हर टूर्नामेंट के साथ वैश्विक पैरा पावरलिफ्टिंग बिरादरी में खुद को एक ताकत के रूप में स्थापित कर रहा है। हमारे खिलाड़ी शानदार फॉर्म में हैं और हम चीन में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं।