- Home
- बिजनेस
-
नयी दिल्ली. भारत, अमेरिकी शुल्क एवं वैश्विक व्यापार व्यवधानों के नकारात्मक प्रभावों से निपटने के लिए अच्छी स्थिति में है, क्योंकि घरेलू वृद्धि चालक और निर्यात पर कम निर्भरता अर्थव्यवस्था को सहारा दे रही है। रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने बुधवार को बयान में कहा कि निजी खपत को बढ़ावा देने, विनिर्माण क्षमता का विस्तार करने और बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने की सरकारी पहल से वैश्विक मांग के कमजोर होते परिदृश्य की भरपाई करने में मदद मिलेगी। मुद्रास्फीति में कमी से ब्याज दरों में कटौती की संभावना बनती है, जिससे अर्थव्यवस्था को और अधिक समर्थन मिलेगा, साथ ही बैंकिंग क्षेत्र में नगदी से ऋण देने में सुविधा होगी। मूडीज ने कहा, ‘‘भारत कई अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अमेरिकी शुल्क और वैश्विक व्यापार व्यवधानों से निपटने में बेहतर स्थिति में है, जिसे मजबूत आंतरिक वृद्धि कारकों, बड़ी घरेलू अर्थव्यवस्था एवं माल व्यापार पर कम निर्भरता से बल मिलता है।'' रेटिंग एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में 2025 कैलेंडर वर्ष के लिए भारत के अपने आर्थिक वृद्धि अनुमानों को 6.7 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था। अमेरिका के शुल्क दरों में बढ़ोतरी की घोषणा से उत्पन्न स्थितियों के बाद एजेंसी ने अनुमानों में बदलाव किया था।
-
नयी दिल्ली. एनटीपीसी की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एनजीईएल) का जनवरी-मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ लगभग तीन गुना होकर 233.21 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी का जनवरी-मार्च, 2024 में मुनाफा 80.95 करोड़ रुपये रहा था। शेयर बाजार को दी गई सूचना के अनुसार, समीक्षाधीन तिमाही में एनजीईएल की आय सालाना आधार पर 553.06 करोड़ रुपये से बढ़कर 751.50 करोड़ रुपये हो गई। व्यय 444.63 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 425.84 करोड़ रुपये था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024-25 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये 10,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी ने आंध्र प्रदेश में ‘ग्रीन हाइड्रोजन हब' के विकास के लिए 33 वर्ष के लिए पट्टे पर जमीन भी ली है। एनजीईएल, एनटीपीसी की हरित कारोबार पहल के लिए प्रमुख कंपनी है।
-
नयी दिल्ली. वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने से सुरक्षित निवेश के तौर पर खरीदारी का दौर शुरू होने से राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,910 रुपये बढ़कर 98,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी। 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 96,540 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना बुधवार को 1,870 रुपये बढ़कर 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) पर पहुंच गया, जो पिछले दिन 96,130 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर ने सोने की कीमतों को सहारा दिया। मूडीज द्वारा राजकोषीय घाटे की चिंताओं के कारण अमेरिकी साख रेटिंग को नीचा किये जाने के बाद निवेशक सॉवरेन जोखिम का भी मूल्यांकन कर रहे हैं।'' मेहता ने कहा कि इसने अमेरिकी वित्त की दीर्घकालिक स्थिरता के बारे में अनिश्चितता बढ़ा दी है, जिससे निवेशकों को सोने जैसी सुरक्षित संपत्तियों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अलावा, बुधवार को चांदी की कीमतें 1,660 रुपये बढ़कर 99,160 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) हो गईं। पिछले कारोबारी सत्र में चांदी 97,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
वैश्विक मोर्चे पर, हाजिर सोना 21.79 डॉलर या 0.66 प्रतिशत बढ़कर 3,311.76 डॉलर प्रति औंस हो गया। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ शोध विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी राजकोषीय चिंताओं के बीच बुधवार को सोने ने 3,300 डॉलर के स्तर को पुनः प्राप्त कर लिया।'' गांधी ने कहा कि इस बीच, शुल्क नीतियों के बारे में चल रही अनिश्चितता और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रमुख कर सुधारों पर आगामी महत्वपूर्ण मतदान से निवेशकों में घबराहट बढ़ रही है, जिससे अमेरिकी डॉलर कमजोर हो रहा है और सोना बढ़ रहा है। कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी-जिंस शोध कायनात चैनवाला ने कहा कि ईरानी परमाणु सुविधा केंद्रो पर संभावित इजरायली हमले की रिपोर्ट के बाद बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने सोने की कीमतों को बढ़ावा दिया। चैनवाला ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों के संबोधन पर व्यापारियों की कड़ी नजर रहेगी। -
रायपुर। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता ने जहां देश को गौरव से भर दिया, वहीं जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले हजारों नागरिकों को भीषण मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई बर्बर गोलाबारी में निर्दोष लोगों की जान गई और घर-गांव तबाह हो गए। ऐसे कठिन समय में जिन्दल स्टील के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद श्री नवीन जिन्दल ने एक संवेदनशील और मानवीय पहल करते हुए इन पीडि़त परिवारों के पुनर्वास में सहयोग का संकल्प लिया है। इस पहल के तहत श्री नवीन जिन्दल ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है। इस सहयोग में जिन्दल स्टील समूह के 20 हजार से अधिक कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन देना भी शामिल है। यह सहायता एक व्यक्तिगत दायित्व के साथ साथ एक सामूहिक राष्ट्रीय कर्तव्य भी है।
श्री जिन्दल ने कहा, "सीमा पर रहने वाले हमारे नागरिक भी सैनिकों से कम नहीं हैं। उनका साहस,धैर्य और बलिदान प्रेरणास्पद है। आज जब वे कठिनाई में हैं, तो उनकी सहायता करना हम सभी का नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। हम देशवासियों से अपील करते हैं कि वे भी इस पुनीत कार्य में योगदान दें।"गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से सीमा पार स्थित आतंकी ठिकानों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई की। इस दौरान पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी में कई भारतीय गांव प्रभावित हुए, जिससे कई नागरिक विस्थापित हो गए।जिन्दल स्टील का यह योगदान कोई नया उदाहरण नहीं है। इससे पूर्व भी कंपनी ने कोविड-19 संकट के दौरान देशभर में ऑक्सीजन आपूर्ति से लेकर मुफ्त भोजन वितरण तक अनेक राहत कार्य किये थे और पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। 2013 में उत्तराखंड आपदा में भी कंपनी ने सहायता की थी। इस तरह जिन्दल स्टील हर संकट में राष्ट्र के साथ खड़ा रहा है।श्री नवीन जिन्दल का यह निर्णय न केवल एक आर्थिक सहायता है, बल्कि देश से उनके गहरे प्रेम और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रमाण भी है। सीमावर्ती क्षेत्रों के हमारे नागरिकों को यह भरोसा दिलाना आवश्यक है कि संकट की इस घड़ी में देश उनके साथ खड़ा है। जिन्दल स्टील परिवार की यह एकजुटता न केवल पुनर्वास की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह राष्ट्र सेवा की भावना को भी जीवंत बनाती है — यही संकल्प एक सशक्त और एकजुट भारत की नींव है। -
नई दिल्ली। एयरटेल यूजर्स के लिए ‘गूगल वन क्लाउड स्टोरेज सब्सक्रिप्शन सर्विस’ की पेशकश करते हुए भारती एयरटेल और गूगल ने मंगलवार को पार्टनरशिप की घोषणा की। गूगल और एयरटेल की इस साझेदारी से यूजर्स की लिमिटेड डिवाइस स्टोरेज की परेशानी दूर होगी। सभी पोस्टपेड और वाई-फाई कस्टमर्स को बिना किसी एक्स्ट्रा कॉस्ट के छह महीने के लिए 100 जीबी गूगल वन क्लाउड स्टोरेज की सुविधा मिलेगी।
कंपनियों ने एक बयान में कहा कि एयरटेल यूजर्स इस स्टोरेज को पांच एडिशनल लोगों के साथ साझा भी कर सकेंगे। एक्टिवेशन की तारीख से पहले छह महीनों के लिए 100 जीबी क्लाउड स्टोरेज बिना किसी अतिरिक्त लागत के उपलब्ध होगी, जिससे ग्राहक अपने डेटा का बैकअप ले सकेंगे और क्लाउड स्टोरेज की सुविधा का अनुभव कर सकेंगे। बिना किसी शुल्क के छह महीने के लिए 100 जीबी स्टोरेज के बाद, कस्टमर के मंथली बिल में 125 रुपए प्रतिमाह का शुल्क जोड़ा जाएगा। अगर कोई कस्टमर सब्सक्रिप्शन जारी नहीं रखना चाहता है, तो वह गूगल वन का सदस्य नहीं रह सकता है।गूगल के एपीएसी, प्लेटफॉर्म्स एंड डिवाइसेस पार्टनरशिप्स के उपाध्यक्ष, कैरन टेओ ने कहा, “हम भारत में लाखों लोगों तक गूगल वन की सुविधा पहुंचाने के लिए एयरटेल के साथ साझेदारी कर उत्साहित हैं। हम साथ मिलकर यूजर्स के लिए फोटोज, वीडियोज और जरूरी फाइल्स का बैकअप उनके फोन पर गूगल फोटोज, ड्राइव, जीमेल में ज्यादा स्टोरेज के साथ पेश कर रहे हैं।”इस पार्टनरशिप का उद्देश्य यूजर्स की डेटा स्टोरेज से जुड़ी बाधाओं को दूर करना है। यूजर्स को अब स्पेस खाली करने के लिए उनके फोटोज, वीडियो, डॉक्युमेंट्स और अन्य डिजिटल कंटेंट को डिलीट करने की जरूरत नहीं होगी।इसके अलावा, एंड्रॉयड पर वॉट्सऐप चैट्स को गूगल अकाउंट स्टोरेज पर बैकअप किया जाता है, जिससे कस्टमर्स के लिए डिवाइस स्विचिंग आसान हो जाएगी। क्लाउड स्टोरेज प्रोविजन, एंड्रॉयड और आईओएस प्लेटफॉर्म्स दोनों के लिए कम्पैटिबल है।भारती एयरटेल में कनेक्टेड होम्स एंड डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग के सीईओ सिद्धार्थ शर्मा के अनुसार, “यूजर के लिए उसका स्मार्टफोन एक मेन डिवाइस है, जो पर्सनल और प्रोफेशनल जानकारियों को मैनेज करता है। इसी के साथ स्टोरेज हर यूजर के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गया है।”उन्होंने कहा, “हम अपने ग्राहकों को भरोसेमंद, सुरक्षित और यूजर फ्रेंडली स्टोरेज सॉल्यूशन प्रदान कर इस समस्या का समाधान करने के लिए गूगल के साथ सहयोग कर खुश हैं। यह साझेदारी हमारे लाखों पोस्टपेड, वाई-फाई ग्राहकों के लिए एक अवसर पेश करेगी, जिससे उन्हें 100 जीबी अतिरिक्त स्टोरेज तक पहुंच प्राप्त होगी।” -
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने हाल ही में एक नया मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिसे नाम दिया गया है Swarail। यह ऐप इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) और सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) की पेशकश है। इसे एक ‘सुपर ऐप’ के तौर पर पेश किया जा रहा है, जो रेलवे से जुड़ी लगभग हर सर्विस को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्द करवाता है। पुराने IRCTC रेल कनेक्ट ऐप की तुलना में Swarail का इंटरफेस आधुनिक, तेज और यूजर-फ्रेंडली है। यह ऐप अभी बीटा वर्जन में है, लेकिन इसे गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। अगर आपके पास पहले से IRCTC रेल कनेक्ट का अकाउंट है, तो उसी से लॉगिन कर सकते हैं, या फिर नया अकाउंट भी बना सकते हैं।
टिकट बुकिंग अब और आसानSwarail ऐप की सबसे बड़ी खूबी है टिकट बुकिंग की आसानी। चाहे आपको रिजर्व्ड टिकट चाहिए, अनरिजर्व्ड टिकट चाहिए, या फिर प्लेटफॉर्म टिकट, सब कुछ इस ऐप से कुछ ही टैप में हो जाता है। पहले जहां स्टेशन पर लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता था, अब वो झंझट खत्म। रिजर्व्ड या अनरिजर्व्ड टिकट बुक करने के लिए बस आपको अपनी यात्रा का शुरुआती और अंतिम स्टेशन डालना है, तारीख चुननी है, और ट्रेन का क्लास (जैसे स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी) सिलेक्ट करना है। इसके बाद सर्च बटन दबाते ही आपके सामने ट्रेनों की पूरी लिस्ट आ जाएगी, ठीक वैसे ही जैसे IRCTC की ऐप और वेबसाइट पर दिखता है। यह प्रक्रिया इतनी आसान और तेज है कि नौसिखिए यूजर भी बिना किसी परेशानी के टिकट बुक कर सकते हैं।टिकट बुकिंग के अलावा भी बहुत कुछSwarail को सिर्फ टिकट बुकिंग ऐप समझने की गलती न करें। यह ऐप इससे कहीं ज्यादा है। इसका इंटरफेस इतना साफ-सुथरा और आधुनिक है कि आपको पुराने रेलवे ऐप्स की तरह बार-बार क्लिक करने की जरूरत नहीं पड़ती। होम स्क्रीन पर ही आपको कई सारे ऑप्शन मिलते हैं, जैसे ट्रेन सर्च करना, PNR स्टेटस चेक करना, अपने कोच की पोजीशन देखना, ट्रेन को रियल-टाइम ट्रैक करना, फूड ऑर्डर करना, रेलवे अधिकारियों से मदद मांगना, फीडबैक देना या फिर टिकट रिफंड के लिए आवेदन करना। ये सारी सुविधाएं बस एक टैप की दूरी पर हैं। पहले जहां इन कामों के लिए अलग-अलग ऐप्स डाउनलोड करने पड़ते थे या IRCTC की वेबसाइट पर जाकर उलझनभरे इंटरफेस से जूझना पड़ता था, Swarail ने इसे एक ही जगह पर लाकर सारी परेशानियां खत्म कर दी हैं।सिक्योर और स्मार्ट लॉगिनSwarail का एक और कमाल का फीचर है इसका सिक्योर लॉगिन सिस्टम। अगर आप iPhone यूजर हैं, तो फेस ID से लॉगिन कर सकते हैं। वहीं, अगर आपके पास एंड्रॉयड फोन है, तो फिंगरप्रिंट सेंसर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह फीचर इसे बैंकिंग ऐप्स की तरह सुरक्षित और तेज बनाता है। लॉगिन करने के बाद आपका सारा डेटा सुरक्षित रहता है, और आपको बार-बार पासवर्ड डालने की जरूरत नहीं पड़ती। यह छोटी-सी सुविधा रोजमर्रा के इस्तेमाल में बहुत बड़ा अंतर लाती है, खासकर उन लोगों के लिए जो बार-बार रेलवे से जुड़ी सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।माई बुकिंग्स: आपकी सारी यात्राओं का हिसाबअगर आप अक्सर ट्रेन से यात्रा करते हैं, तो Swarail का माई बुकिंग्स सेक्शन आपके बहुत काम आएगा। इस सेक्शन में आपकी सारी रेलवे बुकिंग्स, चाहे वो पुरानी हों या आने वाली, एक ही जगह पर दिखती हैं। इससे आपको अपनी यात्राओं का हिसाब रखने में आसानी होती है। पहले जहां आपको पुरानी बुकिंग्स चेक करने के लिए अलग-अलग जगह देखना पड़ता था, अब Swarail में सब कुछ व्यवस्थित तरीके से आपके सामने होता है। यह फीचर खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो परिवार के लिए या ऑफिस के काम से कई सारी बुकिंग्स मैनेज करते हैं।लार्ज शिपमेंट सर्विस: सामान भेजने का नया तरीकाSwarail का एक और खास फीचर है इसका लार्ज शिपमेंट सर्विस, जो हर किसी के लिए नहीं, लेकिन सामान भेजने वालों के लिए बहुत काम का है। इस फीचर को एक्टिवेट करने के लिए आपको ऐप के बॉटम बार में मेन्यू बटन पर टैप करना होगा। इसके बाद दाईं तरफ ‘Show/Hide Services’ का ऑप्शन मिलेगा। वहां जाकर ‘Large Shipment Services’ का टॉगल ऑन करें। अब होम टैब पर आपको कुछ नए ऑप्शन दिखेंगे, जैसे प्लान शिपमेंट, ट्रैक शिपमेंट, फ्रेट कैलकुलेटर, फ्रेट टर्मिनल्स और फ्रेट रूट्स। ये ऑप्शंस उन लोगों के लिए हैं जो बड़े सामान को एक जगह से दूसरी जगह भेजना चाहते हैं। मिसाल के तौर पर, अगर आप बिजनेस करते हैं और आपको सामान ट्रांसपोर्ट करना पड़ता है, तो यह फीचर आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।यूजर-फ्रेंडली और भरोसेमंदSwarail का सबसे बड़ा फायदा है इसका यूजर-फ्रेंडली डिजाइन। पुराने रेलवे ऐप्स में अक्सर बग्स की शिकायत रहती थी, इंटरफेस पुराना लगता था और कई बार सही ऑप्शन ढूंढने में भी दिक्कत होती थी। लेकिन Swarail ने इन सारी कमियों को दूर किया है। इसका इंटरफेस इतना आसान है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वो टेक्नोलॉजी में ज्यादा पारंगत न हो, आसानी से इसका इस्तेमाल कर सकता है। साथ ही, यह ऐप रियल-टाइम ट्रेन ट्रैकिंग और खाना ऑर्डर करने जैसी सुविधाएं देता है, जो यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाती हैं। - नयी दिल्ली. भारत लगातार दूसरे साल इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। बीते साल भारत में इलेक्ट्रिक तिपहिया की बिक्री लगभग 20 प्रतिशत बढ़कर लगभग सात लाख इकाई पर पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। पेरिस स्थित ऊर्जा नियामक ने अपने ‘वैश्विक ईवी परिदृश्य-2025' में कहा कि भारत वैश्विक इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन बाजार में सबसे अधिक वृद्धि को आगे बढ़ा रहा है। वैश्विक तिपहिया वाहन बाजार में पिछले वर्ष की तुलना में पांच प्रतिशत की गिरावट के बावजूद, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन की बिक्री 2024 में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 10 लाख वाहन को पार कर गई। इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन की बिक्री सभी तिपहिया वाहन बिक्री का लगभग एक-चौथाई है, जो 2023 में 20 प्रतिशत से अधिक था। यह बाजार अत्यधिक संकेन्द्रित है। इसमें चीन और भारत, दोनों की मिलाकर इलेक्ट्रिक और पारंपरिक तिपहिया वाहन की कुल बिक्री में 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। रिपोर्ट में कहा गया, “पिछले तीन वर्षों में चीन में तिपहिया वाहनों का विद्युतीकरण 15 प्रतिशत से भी कम पर स्थिर रहा है। 2023 में, भारत इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बनने के लिए चीन से आगे निकल गया, और 2024 में यह स्थिति बनी रही, जिसमें बिक्री साल-दर-साल 20 प्रतिशत बढ़कर लगभग 7,00,000 वाहनों तक पहुंच गई।” इसका अर्थ है कि 2024 में इलेक्ट्रिक बिक्री में रिकॉर्ड 57 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन प्रतिशत अधिक होगी। इसमें कहा गया है कि यह बढ़ती प्रवृत्ति, नई पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत नीतिगत समर्थन के कारण जारी रहने की संभावना है। इस योजना के तहत वाणिज्यिक उपयोग के लिए 3,00,000 से अधिक इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन को समर्थन के लिए 2024 में बजट आवंटित किया गया है। आईईए ने कहा कि चीन, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया दुनिया के सबसे बड़े दोपहिया-तिपहिया बाजार है और 2024 में इन वाहनों की वैश्विक बिक्री में इनका हिस्सा करीब 80 प्रतिशत था।
-
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 7 अरब डॉलर के लोन के लिए पाकिस्तान के सामने 11 और नई शर्तें रख दी हैं। इसके साथ ही भारत के साथ तनाव को एक बड़ा जोखिम बताया है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, जो नई शर्तें लगाई गई हैं उनमें 17.6 लाख करोड़ रुपए के नए बजट को मंजूरी देना, बिजली बिलों पर डेट सर्विसिंग सरचार्ज बढ़ाना और तीन साल से अधिक पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना शामिल है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले दो हफ्तों में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ गया हैशनिवार को जारी आईएमएफ की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच में अगर तनाव बढ़ता है तो पड़ोसी देश के राजकोष, विदेशी व्यापार और सुधारों पर नकारात्मक असर होगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछले दो हफ्तों में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ गया है, लेकिन अभी तक बाजार की प्रतिक्रिया मामूली रही है और शेयर बाजार ने अपने हालिया मुनाफे को बरकरार रखा है।आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान का रक्षा बजट 2.414 लाख करोड़ रुपए हो सकता है, जो 25,200 करोड़ रुपए या 12 प्रतिशत अधिक हैआईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए पाकिस्तान का रक्षा बजट 2.414 लाख करोड़ रुपए हो सकता है, जो 25,200 करोड़ रुपए या 12 प्रतिशत अधिक है। आईएमएफ के अनुमान की तुलना में, सरकार ने 2.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक आवंटित करने का संकेत दिया है, जो भारत के साथ संघर्ष के बाद 18 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।आईएमएफ ने महज 7 अरब डॉलर के कर्ज के लिए पाकिस्तान पर 11 और शर्तें लगा दी हैं, जिससे कुल शर्तों की संख्या 50 हो गई हैआईएमएफ ने जून 2025 के अंत तक कार्यक्रम लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आईएमएफ स्टाफ एग्रीमेंट के अनुरूप वित्त वर्ष 2026 के बजट की संसदीय मंजूरी हासिल करने की एक नई शर्त भी लगाई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने रिपोर्ट में बताया, “आईएमएफ ने महज 7 अरब डॉलर के कर्ज के लिए पाकिस्तान पर 11 और शर्तें लगा दी हैं, जिससे कुल शर्तों की संख्या 50 हो गई है।” आईएमएफ ने बताया कि पाकिस्तान के 17.6 लाख करोड़ रुपए के बजट में से सिर्फ 1.07 लाख करोड़ रुपए विकास पर खर्च किए जाने हैं, जबकि 6.6 लाख करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा है। -
नई दिल्ली। एक महत्वपूर्ण व्यापार नीति बदलाव के तहत भारत ने बांग्लादेश से भूमि बंदरगाहों के माध्यम से देश में रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी), प्रोसेस्ड फूड और अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बांग्लादेश से भारत में रेडीमेड गारमेंट्स, प्रोसेस्ड फूड जैसे कुछ सामानों के आयात पर भूमि बंदरगाह प्रतिबंध लगाते हुए एक अधिसूचना जारी की।
बांग्लादेश से सभी प्रकार के रेडीमेड गारमेंट्स का आयात किसी भी भूमि बंदरगाह से नहीं किया जाएगाडीजीएफटी ने अपनी अधिसूचना में कहा, “हालांकि, इस तरह के बंदरगाह प्रतिबंध भारत से होकर गुजरने वाले बांग्लादेशी सामानों पर लागू नहीं होंगे, लेकिन नेपाल और भूटान के लिए आने वाले समान पर लागू होंगे।” निर्देश के अनुसार, “बांग्लादेश से सभी प्रकार के रेडीमेड गारमेंट्स का आयात किसी भी भूमि बंदरगाह से नहीं किया जाएगा, हालांकि, इसे केवल न्हावा शेवा और कोलकाता बंदरगाहों के माध्यम से अनुमति दी गई है”।पश्चिम बंगाल में एलसीएस चंगराबांधा और फुलबारी से भी अनुमति नहीं होगीअन्य प्रतिबंध फल या फल के स्वाद वाले और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों के आयात, प्रोसेस्ड फूड आइटम्स, कपास और सूती धागे का वेस्ट, प्लास्टिक और पीवीसी तैयार माल और लकड़ी के फर्नीचर पर हैं। इन वस्तुओं को असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में किसी भी लैंड कस्टम स्टेशन (एलसीएस) या इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) के माध्यम से अनुमति नहीं दी जाएगी । साथ ही पश्चिम बंगाल में एलसीएस चंगराबांधा और फुलबारी से भी अनुमति नहीं होगी।अधिसूचना में आगे कहा गया है कि यह बंदरगाह प्रतिबंध बांग्लादेश से मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और क्रश्ड स्टोन के आयात पर लागू नहीं होता हैअधिसूचना में आगे लिखा गया है कि बंदरगाह प्रतिबंध बांग्लादेश से मछली, एलपीजी, खाद्य तेल और क्रश्ड स्टोन के आयात पर लागू नहीं होते हैं। इससे पहले अप्रैल में बांग्लादेश सरकार ने राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (एनबीआर) की अधिसूचना के माध्यम से भूमि बंदरगाहों के जरिए भारत से देश में यार्न के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। बांग्लादेश के इस फैसले को देखते हुए ही भारत ने यह नया कदम उठाया है।भारत चीन के बाद बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार हैभारत, बांग्लादेश के लिए ट्रांस-शिपमेंट सुविधा को भी समाप्त कर चुका है।भारत चीन के बाद बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2022-23 में, बांग्लादेश-भारत व्यापार लगभग 16 बिलियन डॉलर का था। इंडस्ट्री डेटा के अनुसार, बांग्लादेश ने लगभग 14 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया, जबकि भारत को उसका निर्यात 2 बिलियन डॉलर रहा। -
नई दिल्ली। कभी ग्राहकों के आंसू निकालने वाली प्याज इस समय किसानों के आंसू निकल रही है। महाराष्ट्र की कई कृषि मंडियों में प्याज का दाम उत्पादन लागत से भी नीचे पहुंच चुके हैं। प्याज के गिरते हुए दामों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। महाराष्ट्र की थोक मंडियों में प्याज एक रुपये से 11 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रही है। हालांकि प्याज के खुदरा व्यापारी 25-30 रुपये किलोग्राम पर बिक्री कर रहे हैं।एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का न्यूनतम दाम 500 रुपये और अधिकतम 1400 रुपये एवं औसत दाम 1100 रुपये प्रति क्विंटल बोला जा रहा है। राज्य की दूसरी मंडियों में हालात और भी खराब है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक सोलापुर मंडी में प्याज का न्यूनतम दाम सिर्फ एक रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया। दूसरे राज्यों में भी इस समय प्याज को भाव नहीं मिल रहा है। एगमार्क के मुताबिक चालू महीने में महाराष्ट्र में प्याज का औसत दाम 733 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि पिछले महीने यहा 870 रुपये था। यानी एक महीने में कीमत करीब 16 फीसदी की गिर गई है और पिछले साल के अपेक्षा 29 फीसदी प्याज सस्ती बिक रही है।दिल्ली एनसीआर में मई महीने में प्याज का औसत दाम 1093 रुपये चल रहा है जबकि अप्रैल महीने का औसत दाम 1364 रुपये और पिछले साल मई महीने का औसत दाम 1682 रुपये प्रति क्विंटल था। इस तरह देखा जाए तो दिल्ली और आसपास के इलाके में पिछले एक महीने में प्याज के दाम करीब 20 फीसदी और एक साल में 35 फीसदी लुढ़क गए हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश में एक महीने में 20 फीसदी और एक साल 22 फीसदी प्याज के दाम टूटे हैं।हाल ही में आए महंगाई के आंकड़ों में भी प्याज की हालत पतली बताई गई है। खाद्य पदार्थों, सब्जियों और ईंधन की कीमतों में नरमी आने से थोक महंगाई 13 महीने के निचले स्तर 0.85 फीसदी पर आ गई। आंकड़ों के मुताबिक वस्तुओं की कीमतों में अप्रैल में 0.86 फीसदी की गिरावट आई। मार्च में खाद्य उत्पादों की महंगाई दर 1.57 फीसदी थी। अप्रैल में सब्जियों की महंगाई दर 18.26 फीसदी रही, जबकि मार्च में यह 15.88 फीसदी थी। सबसे अधिक प्याज की थोक कीमतों में गिरावट आई है, प्याज की महंगाई दर घटकर 0.20 फीसदी रह गई जो मार्च में 26.65 फीसदी थी।
प्याज कारोबारियों का कहना है कि प्याज में बाजार आंशिक रूप से नरम रहा। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से प्याज में पानी लग चुका है। इस वजह से पानी लगे प्याज की आवक ज्यादा हो रही है जिसके कारण कीमतें तेजी से गिरी है। लेकिन अगले कुछ महीनों में प्याज में तेजी देखने को मिल सकती है क्योंकि हाल ही में हुई बारिश से प्याज की फसल को भारी नुकसान हुआ है।देश में सबसे ज्यादा प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के किसानों को मौजूदा हालात में खेती की लागत निकालना बहुत मुश्किल हो रहा है। महाराष्ट्र के सोलापुर और धुले मंडी में प्याज के दाम लुढ़क कर ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इस स्थिति ने किसानों को गहरे आर्थिक संकट में डाल दिया है। हालत ऐसी है कि राज्य के कई हिस्सों में किसान अपनी फसल को मंडी तक ले जाने की बजाय खेत में ही छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं। एक तरफ मंडियों में किसानों को जहां प्याज के दाम नहीं मिल रहे, वहीं, दूसरी ओर बाजार में लोगों को प्याज 20 से 30 रुपये किलो मिल रहा है।भंडारण के लिए रेडिएशन प्लांट लगाने की तैयारीमहाराष्ट्र सरकार ने प्याज की कीमतों को स्थिर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अब राज्य में प्याज के लिए समर्पित गामा रेडिएशन प्लांट बनाए जाने की नीति पर तेजी से काम हो रहा है। प्याज की कीमतों में अस्थिरता से किसान परेशान रहते हैं। क्योंकि प्याज एक जल्दी खराब होने वाली फसल है। प्याज को रेडिएशन प्लांट से संरक्षित किया जाए तो उसकी भंडारण क्षमता कई महीनों तक बढ़ाई जा सकती है, जिससे किसान कम कीमतों पर प्याज बेचने से बच सकते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार सरकार प्याज उत्पादक जिलों में रेडिएशन प्लांट स्थापित करने की योजना तैयार की है। इससे किसानों को भंडारण की सुविधा मिलेगी और वे बाजार की सही स्थिति देखकर अपनी उपज की बिक्री कर सकेंगे।महाराष्ट्र के प्रमुख प्याज उत्पाद नाशिक, पुणे, अहमदनगर और सोलापुर जैसे प्याज उत्पादक जिलों में लोकसभा चुनाव के दौरान किसानों की नाराजगी साफ दिखी थी। इस नाराजगी की बड़ी वजह दिसंबर 2023 में प्याज निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध था, जिससे बाजार में प्याज की कीमतों में गिरावट आई थी। देश के कुल प्याज उत्पादन का 35 से 40 फीसदी हिस्सा महाराष्ट्र से आता है। प्याज उत्पादक किसानों को प्याज की अधिक आपूर्ति के कारण कम कीमतों का सामना करना पड़ता है। -
नयी दिल्ली. शेयर बाजार में दो दिन की तेजी से निवेशकों की संपत्ति नौ लाख करोड़ रुपये बढ़ गयी। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 1,200.18 अंक यानी 1.48 प्रतिशत उछलकर सात महीने के उच्चस्तर 82,530.74 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 1,387.58 अंक तक चढ़ गया था।
दो दिनों में सेंसेक्स 1,382.52 अंक यानी 1.70 प्रतिशत चढ़ा है।
इस तेजी के साथ, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9,08,725.11 करोड़ रुपये बढ़कर 4,40,19,512.13 करोड़ रुपये (5,140 अरब डॉलर) पर पहुंच गया। -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार गुरुवार के कारोबारी सत्र में बड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,200 अंक या 1.48 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,530 और निफ्टी 395 अंक या 1.60 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,062 पर बंद हुआ।
बाजार में लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी का ट्रेंड देखने को मिलाशेयर बाजार में तेजी की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत ट्रेड डील के तहत अमेरिकी सामानों पर जीरो टैरिफ ऑफर कर रहा है। बाजार में लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी का ट्रेंड देखने को मिला। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 394 अंक या 0.70 प्रतिशत की तेजी के साथ 56,530 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 92 अंक या 0.54 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,239 पर था।निफ्टी के करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुएएलकेपी सिक्योरिटीज में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे ने कहा कि कंसोलिडेशन ब्रेकआउट के बाद निफ्टी के 25,690 के स्तर पर पहुंचने की संभावना है। गिरावट की स्थिति में 24,400 एक मजबूत सपोर्ट होगा। निफ्टी के करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, फार्मा, रियल्टी, एनर्जी, इन्फ्रा और कमोडिटी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे।बीएसई बेंचमार्क में केवल इंडसइंड बैंक लाल निशान में बंद हुआसेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, एचसीएल टेक, अदाणी पोर्ट्स, इटरनल (जोमैटो), मारुति सुजुकी, एशियन पेंट्स, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, टाइटन, एमएंडएम, टाटा स्टील और एचडीएफसी बैंक टॉप गेनर्स थे। बीएसई बेंचमार्क में केवल इंडसइंड बैंक लाल निशान में बंद हुआ।ट्रंप के बयान के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी शेयर बाजार में तेजी का एक प्रमुख कारण रहीट्रंप के बयान के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी शेयर बाजार की तेजी का प्रमुख कारण रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेट क्रूड करीब 3.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.86 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। शेयर बाजार की शुरुआत गुरुवार को लाल निशान में हुई थी। सुबह 9:39 पर सेंसेक्स 368 अंक या 0.45 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,962 और निफ्टी 98 अंक या 0.40 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,568 पर था। -
नयी दिल्ली. एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए दोहा जा रहे हैं। यह इस साल जनवरी में ट्रंप के पद संभालने के बाद उनकी दूसरी मुलाकात होगी। सूत्रों ने कहा कि अंबानी कतर के अमीर द्वारा ट्रंप के सम्मान में आयोजित राजकीय रात्रिभोज में शामिल होंगे। यह रात्रिभोज दोहा के लुसैल पैलेस में आयोजित होगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने इस संदर्भ में टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।
हालांकि, किसी तरह की व्यापारिक चर्चाएं होने की संभावना नहीं है लेकिन रिलायंस समूह के तेल से लेकर खुदरा कारोबार तक अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्णयों से प्रभावित होते हैं। रिलायंस ने पिछले साल वेनेजुएला से कच्चे तेल का आयात दोबारा शुरू करने के लिए अमेरिका से छूट हासिल की थी। हालांकि, वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले देशों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने के ट्रंप के आदेश के बाद मार्च में इसे रोकना पड़ा था। रिलायंस अमेरिकी बाजार में रूस जैसे देशों से खरीदे गए कच्चे तेल से बने ईंधन भी बेचती है।
साथ ही गूगल और मेटा जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों ने अंबानी के डिजिटल उद्यम में इक्विटी हिस्सेदारी ली है। रिलायंस के कतर के साथ भी व्यापारिक संबंध हैं। खाड़ी देश के सरकारी कोष कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने अंबानी के खुदरा उद्यम में लगभग एक अरब डॉलर का निवेश किया है। अंबानी और उनकी पत्नी नीता जनवरी में ट्रंप के दूसरे शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। वे उन चुनिंदा 100 लोगों में भी शामिल थे, जिन्होंने शपथ ग्रहण से एक दिन पहले ट्रंप के साथ एक रात्रिभोज में शिरकत की थी। अंबानी के ट्रंप परिवार के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। जब ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप 2017 में ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट के लिए हैदराबाद आई थीं, तब अंबानी भी वहां मौजूद थे। अंबानी उस समय भी मौजूद थे जब ट्रंप फरवरी, 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर भारत यात्रा पर आए थे। इवांका, उनके पति जेरेड कुशनर और उनकी सबसे बड़ी बेटी अरबेला रोज़ मार्च, 2024 में गुजरात के जामनगर में अंबानी के सबसे छोटे बेटे अनंत और मंगेतर राधिका मर्चेंट की शादी से पहले आयोजित समारोह में शामिल हुए थे। -
मुंबई. खुदरा महंगाई में नरमी और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक रुख के बीच स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को तेजी रही और चुनिंदा लिवाली से दोनों मानक सूचकांक लाभ में रहे। बीएसई सेंसेक्स जहां 182 अंक मजबूत हुआ, वहीं एनएसई निफ्टी में 88 अंक से अधिक की तेजी रही। कारोबारियों के अनुसार, इसके अलावा धातु तथा औद्योगिक शेयरों में लिवाली तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से भी बाजार को समर्थन मिला। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 182.34 अंक यानी 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,330.56 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान ऊंचे में यह 81,691.87 अंक तक गया और नीचे में 80,910.03 अंक तक आया। बीएसई में 2,857 शेयर लाभ में रहे, जबकि 1,121 शेयरों में गिरावट रही। वहीं 147 के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 88.55 अंक यानी 0.36 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,666.90 अंक पर बंद हुआ। मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘कारोबार के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, लेकिन चुनिंदा लिवाली के समर्थन से बाजार अंत में लाभ में रहा। सोमवार की जोरदार तेजी के बाद निवेशक जल्दबाजी में नहीं है। हालांकि, घरेलू बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का प्रवाह आगे चलकर महत्वपूर्ण होगा, लेकिन निवेशकों को चिंता है कि अमेरिका-चीन के बीच शुल्क विवाद के समाधान से चीन के बाजारों में विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ सकती है। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा स्टील में सबसे ज्यादा 3.88 प्रतिशत का लाभ रहा। इसके अलावा इटर्नल, टेक महिंद्रा, मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा, इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और भारती एयरटेल प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूरसंचार कंपनी एयरटेल का शेयर एक प्रतिशत चढ़ा। कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ मार्च, 2025 को समाप्त तिमाही में पांच गुना होकर 11,022 करोड़ रुपये होने से इसके शेयर में तेजी आई। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, एनटीपीसी और पावरग्रिड शामिल हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजित मिश्रा, ने कहा, ‘‘सत्र की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ हुई। बाजार को खुदरा मुद्रास्फीति में नरमी और स्थिर वैश्विक संकेतों जैसे सकारात्मक कारकों का समर्थन मिला। हालांकि, लिवाली की कमी और प्रमुख कंपनियों शेयरों में मिले-जुले प्रदर्शन ने बढ़त को सीमित किया।'' बीएसई में छोटी कंपनियों से संबंधित स्मॉलकैप सूचकांक में 1.63 प्रतिशत और मझोली कंपनियों के मिडकैप सूचकांक में 1.19 प्रतिशत की तेजी आई। उल्लेखनीय है कि सब्जियों, फलों एवं दालों की कीमतों में नरमी आने से अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति की दर घटकर लगभग छह साल के निचले स्तर 3.16 प्रतिशत पर आ गई। इससे भारतीय रिजर्व बैंक के लिए जून की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में एक और कटौती की पर्याप्त गुंजाइश बन गई है। इसके साथ, बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं, विनिर्मित उत्पादों और ईंधन की कीमतों में कमी आने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति भी अप्रैल में घटकर 13 महीने के निचले स्तर 0.85 प्रतिशत पर आ गई। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे, जबकि जापान के निक्की में नुकसान रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में ज्यादातर में दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी बाजार मंगलवार को बढ़त में रहे थे। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65.88 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 476.86 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। सेंसेक्स मंगलवार को 1,281.68 अंक टूटा था जबकि निफ्टी में 346.35 अंक की गिरावट आई थी। -
नयी दिल्ली. सोशल मीडिया पर तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा के बहिष्कार के आह्वान के बीच यात्रा मंच मेकमाईट्रिप ने बुधवार को कहा कि पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि रद्दीकरण में 250 प्रतिशत यानी ढाई गुना की वृद्धि हुई है।
‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान को ‘समर्थन' देने के कारण पूरे देश में तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करने का आह्वान किया जा रहा है। भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए छह और सात मई की दरमियानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था। इसके बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए आक्रमण का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत दिया गया।
तुर्किये और अजरबैजान, दोनों देशों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले की आलोचना की थी। मेकमाईट्रिप के प्रवक्ता ने कहा, “पिछले एक सप्ताह में भारतीय यात्रियों ने मजबूत भावनाएं व्यक्त की हैं। अजरबैजान और तुर्किये के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि रद्दीकरण में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।” उन्होंने कहा, “अपने देश के साथ एकजुटता और अपने सशस्त्र बलों के प्रति गहरे सम्मान के कारण, हम इस भावना का दृढ़ता से समर्थन करते हैं और सभी को अजरबैजान और तुर्किये की अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह देते हैं। -
नई दिल्ली। हाल ही में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने असेसमेंट ईयर (AY) 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म ITR-7 को नोटिफाई किया है। यह घोषणा 9 मई, 2025 को नोटिफिकेशन नंबर 46/2025 के तहत की गई, जो फाइनेंस एक्ट 2024 के बदलावों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। ITR-7 उन खास संस्थाओं के लिए है, जो टैक्स में छूट का दावा करती हैं। इनमें मुख्य रूप से चैरिटेबल ट्रस्ट, धार्मिक संस्थाएं, पॉलिटिकल पार्टियां और रिसर्च ऑर्गनाइजेशंस शामिल हैं। CBDT ने इस साल फॉर्म में कुछ नए बदलाव किए गए हैं, जो इसे और पारदर्शी व नियमों को आसान बनाते हैं। आइए, हम आसान भाषा में समझते हैं कि ITR-7 में क्या नया है, इसे कौन भर सकता है, और यह बाकी ITR फॉर्म्स से कैसे अलग है।
ITR-7 फॉर्म में इस बार क्या बदलाव हुए?CBDT ने ITR-7 को अपडेट करते हुए कुछ अहम बदलाव किए हैं, ताकि टैक्स छूट पाने वाली संस्थाओं की जानकारी को और बेहतर तरीके से ट्रैक किया जा सके। ये बदलाव फाइनेंस एक्ट 2024 के हिसाब से हैं और टैक्स सिस्टम को और पारदर्शी बनाने की कोशिश है। नीचे कुछ मुख्य बदलावों के बारे में बताया गया है:कैपिटल गेन्स को दो हिस्सों में बांटा गयाइस बार ITR-7 में कैपिटल गेन्स (पूंजीगत लाभ) को दो हिस्सों में बांटकर दिखाना होगा। अगर आपने कोई प्रॉपर्टी या शेयर बेचे हैं, तो आपको 23 जुलाई, 2024 से पहले और बाद के गेन्स को अलग-अलग दिखाना होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि फाइनेंस एक्ट, 2024 में कैपिटल गेन्स के नियमों में बदलाव हुए हैं। इससे टैक्स की गणना को और सटीक किया जा सकेगा।शेयर बायबैक पर कैपिटल लॉस का नया नियमअब अगर कोई संस्था शेयर बायबैक से कैपिटल लॉस (पूंजीगत नुकसान) दिखाना चाहती है, तो वह ऐसा कर सकती है, बशर्ते उसने बायबैक से मिलने वाले डिविडेंड को “अन्य स्रोतों से आय” (income from other sources) के तौर पर दिखाया हो। यह नियम 1 अक्टूबर, 2024 के बाद के लेनदेन पर लागू होगा। पहले बायबैक पर डबल टैक्सेशन की समस्या थी, जिसे इस बदलाव से ठीक करने की कोशिश की गई है।फंड के इस्तेमाल की ज्यादा डिटेलITR-7 में अब फंड के इस्तेमाल को और बारीकी से दिखाना होगा। खासकर चैरिटेबल ट्रस्ट्स को अपने खर्चों को प्रोग्राम और गैर-प्रोग्राम खर्चों में बांटकर बताना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि टैक्स छूट का दावा करने वाली संस्थाएं अपने फंड का सही इस्तेमाल कर रही हैं।डिजिटल और ऑडिटेबल रिपोर्टिंगइस बार ITR-7 को और डिजिटल और ऑडिट के लिए तैयार किया गया है। इसका मतलब है कि संस्थाओं को अपनी फाइनेंशियल जानकारी को और व्यवस्थित तरीके से रखना होगा, ताकि टैक्स डिपार्टमेंट उनकी जांच आसानी से कर सके। यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए उठाया गया है।ITR-7 कौन भर सकता है?ITR-7 उन खास संस्थाओं के लिए बनाया गया है, जो इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की कुछ खास धाराओं के तहत रिटर्न फाइल करती हैं। यह फॉर्म उन लोगों या संगठनों के लिए है, जो टैक्स में छूट का दावा करते हैं। नीचे बताया गया है कि कौन-कौन ITR-7 भर सकता है:चैरिटेबल और धार्मिक ट्रस्ट: जो संस्थाएं धारा 139(4A) के तहत प्रॉपर्टी से होने वाली आय को चैरिटेबल या धार्मिक कामों के लिए इस्तेमाल करती हैं, उन्हें यह फॉर्म भरना होगा। इसमें वो ट्रस्ट शामिल हैं, जो धारा 11 के तहत टैक्स छूट का दावा करते हैं।पॉलिटिकल पार्टियां: धारा 139(4B) के तहत पॉलिटिकल पार्टियों को ITR-7 भरना जरूरी है। यह नियम उन पार्टियों पर लागू होता है, जो धारा 13A के तहत टैक्स छूट लेती हैं।रिसर्च ऑर्गनाइजेशंस और इंस्टीट्यूशंस: धारा 139(4C) के तहत रिसर्च एसोसिएशंस, न्यूज एजेंसीज, और धारा 10 की कुछ खास क्लॉज के तहत छूट पाने वाली संस्थाएं, जैसे यूनिवर्सिटीज या अन्य शैक्षिक संस्थान, ITR-7 फाइल करेंगी।अन्य संस्थाएं: धारा 139(4D) के तहत नॉट-फॉर-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशंस जैसी कुछ खास संस्थाएं, जो टैक्स छूट का दावा करती हैं, उन्हें भी यह फॉर्म भरना होगा।इन सभी संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे टैक्स छूट के नियमों का पालन कर रही हैं, और उनकी फाइनेंशियल जानकारी सही और पारदर्शी हो।ITR-7 बाकी ITR फॉर्म्स से कैसे अलग है?ITR-7 को खास तौर पर उन संस्थाओं के लिए डिजाइन किया गया है, जो टैक्स में छूट का दावा करती हैं, जबकि बाकी ITR फॉर्म्स अलग-अलग तरह के टैक्सपेयर्स के लिए हैं। आइए, इसे बाकी फॉर्म्स से तुलना करके समझते हैं:ITR-1 (सहज): यह फॉर्म उन रेजिडेंट इंडिविजुअल्स के लिए है, जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये तक है। इसमें सैलरी, एक घर की प्रॉपर्टी, और अन्य स्रोतों (जैसे ब्याज) से आय शामिल हो सकती है। अगर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) 1.25 लाख रुपये तक हैं, तो उसे भी ITR-1 में दिखाया जा सकता है। लेकिन यह फॉर्म उन लोगों के लिए नहीं है, जो कंपनी डायरेक्टर हैं या जिनके पास विदेशी संपत्ति है। ITR-7 के मुकाबले यह ज्यादा आसान और आम लोगों के लिए है।ITR-2: यह फॉर्म उन इंडिविजुअल्स और HUF के लिए है, जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं है, लेकिन उनके पास कैपिटल गेन्स, एक से ज्यादा प्रॉपर्टी, या विदेशी संपत्ति है। ITR-7 के मुकाबले यह फॉर्म व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए है, न कि टैक्स छूट वाली संस्थाओं के लिए।ITR-3: यह फॉर्म उन इंडिविजुअल्स और HUF के लिए है, जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से है। अगर कोई पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर है, तो भी उसे ITR-3 भरना होगा। ITR-7 के मुकाबले यह फॉर्म उन लोगों के लिए है, जो टैक्स छूट का दावा नहीं करते।ITR-4 (सुगम): यह फॉर्म रेजिडेंट इंडिविजुअल्स, HUF, और फर्म्स (LLP को छोड़कर) के लिए है, जिनकी आय 50 लाख रुपये तक है और जो प्रेसम्पटिव टैक्सेशन (धारा 44AD, 44ADA, 44AE) के तहत रिटर्न फाइल करते हैं। इसमें भी 1.25 लाख रुपये तक के LTCG को दिखाया जा सकता है। लेकिन ITR-7 की तरह यह चैरिटेबल या टैक्स छूट वाली संस्थाओं के लिए नहीं है।ITR-5: यह फॉर्म फर्म्स, LLP, AOP, BOI और आर्टिफिशियल ज्यूरिडिकल पर्सन्स के लिए है। लेकिन यह उन संस्थाओं के लिए नहीं है, जो ITR-7 के तहत रिटर्न फाइल करती हैं, जैसे चैरिटेबल ट्रस्ट या पॉलिटिकल पार्टियां।ITR-6: यह फॉर्म उन कंपनियों के लिए है, जो धारा 11 के तहत टैक्स छूट का दावा नहीं करतीं। इसमें डोमेस्टिक और फॉरेन कंपनियां शामिल हैं। ITR-7 के मुकाबले यह फॉर्म प्रॉफिट कमाने वाली कंपनियों के लिए है। -
नई दिल्ली। भारत के रक्षा निर्यात ने 2024-25 में रिकार्ड बढ़ोतरी दर्ज की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले एक दशक में इसमें 34 गुना की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 में जहां रक्षा निर्यात केवल 686 करोड़ रुपये था, वहीं वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये हो गया है। यह वृद्धि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों की सफलता को दर्शाती है, जिसके तहत सरकार ने रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत कदम उठाए हैं। इनमें प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम जैसी योजनाएं भी शामिल हैं, जिसका उद्देश्य भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, विदेशी निवेश आकर्षित करना और आयात पर निर्भरता कम करना है।
रक्षा मंत्री के मुताबिक, इस तेज प्रगति ने रक्षा क्षेत्र की ताकत को दिखाया है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) के निवेशकों को भी अच्छा लाभ दिलाया है। रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर में अब कई नए हब स्थापित किए गए हैं और भारत वैश्विक कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। कई विदेशी कंपनियां अपनी तकनीक भारतीय कंपनियों को देने या साझा करने को भी तैयार हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने लगभग 80 देशों को गोला-बारूद, हथियार, सिस्टम/सब-सिस्टम और उनके पुर्जे जैसे विभिन्न रक्षा उत्पाद निर्यात किए हैं। सरकार ने अब 2029 तक सालाना 50,000 करोड़ रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है।इस बढ़त का असर शेयर बाजार पर भी दिखा है। ‘निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स’ ने पिछले तीन महीनों में 30% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है, जो निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है। पाकिस्तान के साथ हालिया तनाव और स्वदेशी रक्षा प्रणालियों के प्रभावी प्रदर्शन ने भी आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण के सामरिक और आर्थिक महत्व को और मजबूत किया है। -
नई दिल्ली । अप्रैल 2025 में थोक महंगाई दर गिरकर 0.85% हो गई है। मार्च में ये 2.05% थी। ये जानकारी सरकार ने बुधवार को दी। थोक महंगाई में ये गिरावट पेट्रोल-डीजल, बिजली और कच्चे माल की कीमतें कम होने की वजह से हुई। मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी चीजों की कीमतें ज्यादा नहीं बदलीं। थोक महंगाई (WPI) उस कीमत को दिखाती है जिस पर कंपनियां एक-दूसरे को सामान बेचती हैं। इससे देश में सामान की सप्लाई और डिमांड का अंदाज़ा मिलता है।
खुदरा महंगाई भी 5 साल में सबसे कमअप्रैल 2025 में खुदरा महंगाई (CPI) 3.16% रही। ये जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। ये आंकड़े सरकार ने मंगलवार को जारी किए। खाने-पीने की चीजें सस्ती होने से ये राहत मिली है। सब्ज़ी, दाल, फल, मांस, अनाज और पर्सनल केयर की चीजें पहले से सस्ती हुई हैं। तेज गर्मी के बावजूद अच्छी फसल होने से कीमतें काबू में रहीं।RBI का अनुमान: महंगाई अब काबू में रहेगीभारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 की अपनी मौद्रिक नीति बैठक में अनुमान जताया कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में खुदरा महंगाई 4% के आसपास रह सकती है, बशर्ते मानसून सामान्य हो। खास बात यह है कि अप्रैल-जून तिमाही में महंगाई 3.6% रहने का अनुमान है, जो पहले के 4.5% के अनुमान से काफी कम है।भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तिमाही आधार पर महंगाई के अनुमान भी जारी किए हैं। RBI का कहना है कि अप्रैल से जून की तिमाही में महंगाई दर 3.6% रह सकती है। इसके बाद जुलाई से सितंबर के बीच यह थोड़ी बढ़कर 3.9% होने का अनुमान है। अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही में महंगाई फिर से थोड़ी घटकर 3.8% रह सकती है। साल की आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2026 के बीच महंगाई दर 4.4% तक जा सकती है। इन अनुमानों के मुताबिक, पूरे साल महंगाई काबू में रहने की उम्मीद है। - नयी दिल्ली,। विदेशी बाजारों में मजबूती के रुख के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 950 रुपये बढ़कर 97,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने यह जानकारी दी है। 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,000 रुपये बढ़कर 97,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।सोमवार को 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत वाले सोने की कीमत 3,400-3,400 रुपये की भारी गिरावट के साथ क्रमश: 96,550 रुपये और 96,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रही थी। इस बीच, चांदी की कीमत 250 रुपये की गिरावट के साथ 99,450 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि इसका पिछला बंद भाव 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम था। अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध में विराम के बाद सुरक्षित निवेश की मांग में कमी आने से सोने की कीमतों में तेज गिरावट आने के बाद फिर से उछाल आया है।'' अमेरिका ने चीनी आयात पर शुल्क को 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत करने पर सहमति जताई है, जबकि चीन ने अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क को 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। मेहता ने कहा कि शुल्क में इस राहत से वैश्विक बाजारों में कुछ शांति आई, जिससे शेयर बाजार में तेजी आई। वैश्विक स्तर पर, हाजिर सोना 3,253.38 डॉलर प्रति औंस पर बोला गया।कोटक सिक्योरिटीज में एवीपी (जिंस शोध) कायनात चैनवाला ने कहा, ‘‘सोने में सोमवार को तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई, जो लगभग दो सप्ताह में सबसे कमजोर बंद स्तर है। हालांकि, मंगलवार को सोने में थोड़ी तेजी आई और यह 3,240 डॉलर प्रति औंस से ऊपर पहुंच गया।'' उन्होंने कहा कि यमन में हूति विद्रोहियों के ठिकानों पर इजरायली हवाई हमलों की खबरों के बीच सुरक्षित पनाहगाह माने जाने वाले सोने की मांग उभरी है।
-
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पूरी दुनिया ने भारत के डिफेंस उपकरणों की ताकत और क्षमता देखी, जिसके बाद अब निवेशक भी भारतीय डिफेंस शेयरों पर जमकर दांव लगा रहे हैं। इसके चलते मंगलवार को ज्यादातर डिफेंस शेयरों में जोरदार रैली देखने को मिली। बढ़ने वाले डिफेंस शेयरों में भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) शीर्ष पर रहा। दिन के अंत में बीडीएल 11.47 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,750 रुपए पर बंद हुआ।
बीते एक वर्ष में बीडीएल के शेयर में दर्ज की गई यह सबसे बड़ी तेजी हैबीते एक वर्ष में बीडीएल के शेयर में दर्ज की गई यह सबसे बड़ी तेजी है। बीडीएल आकाश मिसाइल सिस्टम बनाने वाली कंपनी है, जिसका इस्तेमाल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ किया गया। इसके अलावा अन्य डिफेंस कंपनियों जैसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, कोचीन शिपयार्ड और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयर में भी तेजी देखी गई। गार्डन रीच शिपबिल्डर्स का शेयर 5.21 प्रतिशत, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का शेयर 4.06 प्रतिशत, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का शेयर 3.81 प्रतिशत, कोचीन शिपयार्ड का शेयर 3.82 प्रतिशत और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स का शेयर 3.6 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली-आकाश सिस्टम का रहा शानदार प्रदर्शनऑपरेशन सिंदूर’ पर सोमवार को भारतीय सेना की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एयर मार्शल एके भारती ने कहा, “हमारे युद्ध-सिद्ध सिस्टम समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और उन्होंने पाकिस्तान का डटकर मुकाबला किया है। एक और खास बात स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली-आकाश सिस्टम का शानदार प्रदर्शन रहा। पिछले एक दशक में भारत सरकार के बजटीय और नीतिगत समर्थन के कारण ही इतना मजबूत वायु रक्षा वातावरण तैयार करना और संचालित करना संभव हो सका।”एयर डिफेंस सिस्टम की हमारे पास वैरायटी है, जिसमें लो लेवल फायरिंग, सरफेस टू एयर मिसाइल, लॉन्ग और शॉर्ट रेंज मिसाइल शामिल हैंभारती ने आगे कहा, “पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए ड्रोन और मानवरहित युद्धक हवाई वाहनों की कई लहरों को स्वदेशी रूप से विकसित सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस सिस्टम और अच्छी तरह से प्रशिक्षित भारतीय वायु रक्षा कर्मियों ने नाकाम कर दिया। हमने सिविलियन और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को न्यूनतम रखा, जबकि पाकिस्तानी सेना लगातार हमले कर रही थी। आपको पता है कि एयर डिफेंस सिस्टम की हमारे पास वैरायटी है, जिसमें लो लेवल फायरिंग, सरफेस टू एयर मिसाइल, लॉन्ग और शॉर्ट रेंज मिसाइल शामिल हैं। हम पर ड्रोन और यूएवी से हमला किया गया। पाकिस्तानी हमले के दौरान हमारे सभी सिस्टम एकसाथ सक्रिय हुए। मॉडर्न डेज वार फाइटिंग के लिहाज से ये अहम था। -
नयी दिल्ली. देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने सोमवार को कहा कि वह वैगन आर, ऑल्टो के10, सेलेरियो और ईको मॉडल के सभी संस्करणों में छह एयरबैग की पेशकश करेगी। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी ने बयान में कहा कि यह कदम विभिन्न क्षेत्रों में ग्राहकों के लिए बढ़ी हुई सुरक्षा की पेशकश करने की कंपनी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। मारुति सुजुकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने बयान में कहा, ‘‘भारत का तेजी से विस्तारित आधुनिक सड़क बुनियादी ढांचा, तेज रफ्तार वाले एक्सप्रेसवे और विकसित हो रहे आवागमन के रुझान दर्शाते हैं कि मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत पहले कभी इतनी अधिक नहीं थी।'' उन्होंने कहा कि वैगन आर, ऑल्टो के10, सेलेरियो और ईको में छह एयरबैग को मानक बनाने के निर्णय के साथ कंपनी यह सुनिश्चित कर रही है कि सभी के लिए बेहतर सुरक्षा उपलब्ध हो। बनर्जी ने कहा, ‘‘इन मॉडल की अपार लोकप्रियता को देखते हुए, यह कदम बड़ी संख्या में मोटर चालकों के लिए सुरक्षा मानकों को काफी हद तक बढ़ाता है और देश भर में यात्रियों की सुरक्षा में समग्र रूप से योगदान देता है।'' कंपनी अपने एरेना बिक्री नेटवर्क के जरिये वैगन आर, ऑल्टो के10, सेलेरियो और ईको जैसे मॉडल की बिक्री करती है जबकि नेक्सा नेटवर्क के जरिये वह बलेनो, ग्रैंड विटारा और इनविक्टो जैसे प्रीमियम मॉडल बेचती है।
- नयी दिल्ली।. अमेरिका द्वारा चीन के आयात पर शुल्क वृद्धि को 90 दिन तक रोकने की घोषणा के बाद कारोबारियों ने सुरक्षित निवेश विकल्प यानी सोने से हटकर खरीदारी की, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोने की कीमत 3,400 रुपये की भारी गिरावट के साथ 96,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना सोमवार को 3,400 रुपये गिरकर 96,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। यह 23 जुलाई, 2024 को सोने की कीमतों में 3,350 रुपये की गिरावट के बाद से 10 माह की सबसे बड़ी गिरावट है। शनिवार को 99.9 और 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 99,950 रुपये और 99,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति के संकेत और भारत-पाकिस्तान सहित भू-राजनीतिक तनाव में कुछ राहत के बीच सोने की कीमतों में भारी गिरावट आई है।'' साथ ही, चांदी की कीमतें शनिवार के बंद भाव 99,900 रुपये प्रति किलोग्राम से 200 रुपये टूटकर 99,700 रुपये प्रति किलोग्राम रह गईं। सप्ताहांत में जिनेवा में व्यापार वार्ता के बाद, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर अपनी 145 प्रतिशत शुल्क दर को घटाकर 30 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की, जबकि चीन ने 90 दिन की अवधि के लिए अमेरिकी वस्तुओं पर अपनी दर को घटाकर 10 प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की। इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती मापने वाला, डॉलर इंडेक्स 1.42 प्रतिशत बढ़कर 101.76 पर कारोबार कर रहा है। एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषण विभाग के उपाध्यक्ष (जिंस और मुद्रा) जतिन त्रिवेदी के अनुसार, रूस और यूक्रेन के बीच संभावित संघर्ष विराम के संकेतों और भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने को लेकर सहमति बनने से भू-राजनीतिक तनाव कम हुआ है। त्रिवेदी ने कहा कि इन घटनाक्रमों से सोने में भारी मुनाफावसूली हुई, जो पहले वैश्विक अनिश्चितता के कारण चढ़ गया था। शेयर बाजारों में मजबूत तेजी ने भी सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की अपील को प्रभावित किया।वैश्विक बाजारों में हाजिर सोना तीन प्रतिशत से अधिक गिरकर 3,218.70 डॉलर प्रति औंस रह गया।अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हाजिर चांदी 1.19 प्रतिशत गिरकर 32.33 डॉलर प्रति औंस रह गई।जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में उपाध्यक्ष, ईबीजी- जिंस और मुद्रा शोध प्रणव मेर ने कहा कि इस सप्ताह के अंत में, निवेशक मुद्रास्फीति/खुदरा बिक्री और उपभोक्ता भावनाओं सहित अमेरिकी वृहद आर्थिक आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मेर ने कहा कि वे केंद्रीय बैंक की ब्याज दर के बारे में अधिक जानकारी के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के संबोधन का भी इंतजार करेंगे।
-
नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनने से निवेशकों में खुशी की लहर दौड़ गई और इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को मिला। एक ही दिन में निवेशकों की संपत्ति में 16 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई।
सेंसेक्स और निफ्टी में फरवरी 2021 के बाद सबसे अधिक करीब 4 फीसदी की तेजी देखने को मिलीसेंसेक्स और निफ्टी में फरवरी 2021 के बाद सबसे अधिक करीब 4 फीसदी की तेजी देखने को मिली। सकारात्मक वैश्विक और घरेलू संकेतों से मार्केट सेंटीमेंट को बल मिला और भारतीय शेयर बाजारों ने बीते चार वर्षों में ‘बेस्ट सिंगल डे परफॉर्मेंस’ दर्ज करवाने में बड़ी सफलता हासिल की।कारोबार के अंत में सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 82,429.90 स्तर पर बंद हुआकारोबार के अंत में सेंसेक्स 2,975.43 अंक या 3.74 प्रतिशत की शानदार तेजी के साथ 82,429.90 स्तर पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 916.70 अंक या 3.82 प्रतिशत की तेजी के साथ 24,924.70 पर बंद हुआ। यह पिछले चार वर्षों में दोनों सूचकांकों के लिए दूसरा सबसे बड़ा ‘प्रतिशत लाभ’ था, इससे पहले एकमात्र बड़ी तेजी 1 फरवरी, 2021 को दर्ज की गई थी, जब सूचकांक 4.7 प्रतिशत से अधिक चढ़े थे।भू-राजनीतिक तनाव कम करने, वैश्विक जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार लाने और निवेशकों का भरोसा बढ़ाने में मदद मिलीबाजार की तेजी में कई कारकों की अहम भूमिका रही। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम, अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सकारात्मक रुख और रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता की रिपोर्ट जैसे कारक बाजार के लिए अहम रहे। इन घटनाक्रमों से भू-राजनीतिक तनाव कम करने, वैश्विक जोखिम उठाने की क्षमता में सुधार लाने और निवेशकों का भरोसा बढ़ाने में मदद मिली। सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जिससे सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार दिखा।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा की कीमतों को लेकर 80 प्रतिशत तक की कटौती की टिप्पणी की थीअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवा की कीमतों को लेकर 80 प्रतिशत तक की कटौती की टिप्पणी की थी, जिसके बाद निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2 प्रतिशत की गिरावट के साथ खुला था। कारोबार के अंत में इंडेक्स 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ।निफ्टी आईटी और निफ्टी रियलिटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा तेजी रही, जो क्रमशः 6 प्रतिशत और 7 प्रतिशत तक चढ़े। मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक भी तेजी में शामिल हुए, जिन्होंने 4.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ व्यापक बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया।बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र (9 मई) के 416.52 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 432.47 लाख करोड़ रुपए हो गयाबीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले सत्र (9 मई) के 416.52 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 432.47 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिसके साथ एक ही दिन में 16 लाख करोड़ रुपए की बढ़त दर्ज की गई। विश्लेषकों के अनुसार, अनुकूल वैश्विक और घरेलू संकेतों के कारण बाजार ने सप्ताह की शुरुआत मजबूती के साथ की। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रिसर्च) अजीत मिश्रा ने कहा, “सभी प्रमुख क्षेत्रों ने तेजी में योगदान दिया, जिसमें आईटी, रियलिटी और मेटल सबसे आगे रहे। व्यापक बाजारों ने भी इस मजबूती को दिखाया, जिनमें से प्रत्येक में करीब 4 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।”भू-राजनीतिक चिंताओं में कमी और वैश्विक व्यापार वार्ता में प्रगति ने बाजारों को काफी राहत दीभू-राजनीतिक चिंताओं में कमी और वैश्विक व्यापार वार्ता में प्रगति ने बाजारों को काफी राहत दी, जिसका असर भारत वीआईएक्स अस्थिरता सूचकांक में तेज गिरावट के रूप में दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से, निफ्टी में तेज वृद्धि तीन सप्ताह के कंसोलिडेशन फेज के बाद तेजी के रुझान को जारी रखने का संकेत देती है। 24,857 के पिछले स्विंग हाई को पार करने के बाद, सूचकांक अब 25,200 के स्तर की ओर बढ़ रहा है, जबकि 24,400 से 24,600 के बीच किसी भी गिरावट पर मजबूत समर्थन मिलने की उम्मीद है।( -
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच 15 मई तक 32 एयरपोर्टों को बंद करने का निर्णय लिया गया था। इसे लेकर अब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने नया अपडेट दिया है। एएआई ने बताया कि ये सभी हवाई अड्डे तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान संचालन के लिए उपलब्ध हैं।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सोमवार को एक बयान में कहा हवाई अड्डे तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान संचालन के लिए उपलब्धभारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने सोमवार को एक बयान में कहा, “यात्रीगण कृपया ध्यान दें; 15 मई 2025 को सुबह 05:29 बजे तक 32 हवाई अड्डों पर नागरिक विमान संचालन के लिए अस्थायी बंदी की अधिसूचना जारी की गई थी। अब सूचित किया जाता है कि ये हवाई अड्डे तत्काल प्रभाव से नागरिक विमान संचालन के लिए उपलब्ध हैं।10 मई को उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों को नागरिक उड़ान संचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की गई थीयात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी उड़ान की स्थिति सीधे एयरलाइंस से जांचें और नियमित अपडेट के लिए एयरलाइंस की वेबसाइट पर नजर रखें।” 10 मई को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और संबंधित विमानन अधिकारियों ने नोटिस टू एयरमेन (नोटम) जारी कर उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों को नागरिक उड़ान संचालन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की थी। ये आदेश 15 मई तक प्रभावी था।आदमपुर, अंबाला, अमृतसर, अवंतीपोरा, बठिंडा, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़, हलवारा, हिंडन, जैसलमेर, जम्मू, जामनगर, जोधपुर, कांडला, कांगड़ा आदि एयरपोर्ट को बंद करने का फैसला किया गया थाजिन एयरपोर्ट को बंद करने का फैसला किया गया था, उनमें आदमपुर, अंबाला, अमृतसर, अवंतीपोरा, बठिंडा, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़, हलवारा, हिंडन, जैसलमेर, जम्मू, जामनगर, जोधपुर, कांडला, कांगड़ा (गग्गल), केशोद, किशनगढ़, कुल्लू मनाली (भुंतर), लेह, लुधियाना, मुंद्रा, नालिया, पठानकोट, पटियाला, पोरबंदर, राजकोट (हीरासर), सरसावा, शिमला, श्रीनगर, थोइस और उत्तरलई शामिल हैं।दिल्ली हवाई अड्डे पर अब सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैंइससे पहले, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने सोमवार को यात्रियों के लिए नई एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया है कि दिल्ली हवाई अड्डे पर सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैं, लेकिन कुछ उड़ानों के समय में बदलाव हो सकता है।सुरक्षा उपायों के कारण कुछ उड़ानों के समय में बदलाव हो सकता है और जांच में अधिक समय लग सकता हैइंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने एक बयान में कहा, “दिल्ली हवाई अड्डे पर सभी कार्य सामान्य रूप से चल रहे हैं। हालांकि, बदलती हवाई क्षेत्र की स्थिति और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो द्वारा बढ़ाए गए सुरक्षा उपायों के कारण कुछ उड़ानों के समय में बदलाव हो सकता है और सुरक्षा जांच में अधिक समय लग सकता है।” -
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार सोमवार को शानदार तेजी के साथ खुले और सुबह के कारोबार में सेंसेक्स 1,900 अंक से ऊपर उछला। यह तेजी भारत-पाक तनाव कम होने के साथ ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत देश की सैन्य और रणनीतिक क्षमता के एक महत्वपूर्ण प्रदर्शन के कारण देखी गई। शुरुआती कारोबार में पीएसयू बैंक, आईटी और ऑटो सेक्टर में खरीदारी देखी गई।
सुबह करीब 9.34 बजे सेंसेक्स 1,943 अंक या 2.45 प्रतिशत बढ़कर 81,398.42 पर कारोबार कर रहा थासुबह करीब 9.34 बजे सेंसेक्स 1,943 अंक या 2.45 प्रतिशत बढ़कर 81,398.42 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 598.8 अंक या 2.49 प्रतिशत चढ़कर 24,606.85 पर था। निफ्टी बैंक 1,395.95 अंक या 2.60 प्रतिशत बढ़कर 54,991.20 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1,456.20 अंक या 2.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 54,679.55 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 498.95 अंक या 3.10 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16,584.60 पर था।भारतीय बाजारों में लगातार बाहरी उथल-पुथल के बीच अर्थव्यवस्था ने शानदार तेजी दिखाई हैविश्लेषकों के अनुसार, भारत के बाजारों और अर्थव्यवस्था ने शानदार तेजी दिखाई है, जो लगातार बाहरी उथल-पुथल और भू-राजनीतिक तनावों से आगे बढ़ने में एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखी गई। यह ताकत एक स्थिर, घरेलू रूप से उन्मुख अर्थव्यवस्था से आती है, जो वैश्विक परेशानियों से बचाने में मदद करती है, यह दर्शाती है कि हर संकट अंततः समाप्त होता है।ट्रेड डील पर बातचीत करने के भारत के प्रयास वैश्विक व्यापार संबंधों को मजबूत करेंगे और इसे दुनिया भर में अधिक बिक्री करने में मदद करेंगेएचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, “ट्रेड डील पर बातचीत करने के भारत के प्रयास वैश्विक व्यापार संबंधों को मजबूत करेंगे और इसे दुनिया भर में अधिक बिक्री करने में मदद करेंगे, जिससे स्थिर विदेशी धन आएगा और यह अधिक प्रतिस्पर्धी बनेगा। संतुलित वैश्विक संबंधों और मजबूत साझेदारी के साथ, यह अपेक्षाकृत स्थिर निवेश स्थान बनाता है।”विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांकों में मिला-जुला रुख रहाविशेषज्ञों ने कहा कि पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांकों में मामूली मिला-जुला रुख रहा। अमेरिका और ब्रिटेन के बीच व्यापार समझौते की घोषणा और सप्ताह के अंत में व्यापार चर्चा के लिए स्विट्जरलैंड में अमेरिकी और चीनी अधिकारियों की बैठक की रिपोर्ट ने बड़ी और महत्वपूर्ण वार्ता और टैरिफ में कमी का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे निवेशकों की धारणा को बल मिला।एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि जापान लाल निशान में कारोबार कर रहा थाइस बीच, सेंसेक्स पैक में अदाणी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, इटरनल, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, एलएंडटी, एसबीआई टॉप गेनर्स रहे। जबकि, केवल सन फार्मा टॉप लूजर रहा।एशियाई बाजारों में चीन, हांगकांग और सोल हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि जापान लाल निशान में कारोबार कर रहा था।अमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 41,249.38 पर बंद हुआअमेरिकी बाजारों में शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 0.29 फीसदी की गिरावट के साथ 41,249.38 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.07 फीसदी की गिरावट के साथ 5,659.91 पर और नैस्डैक 17,928.92 पर बंद हुआ।विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार 16 सत्रों तक शुद्ध खरीदार रहने के बाद 9 मई को शुद्ध विक्रेता बन गए। उन्होंने 3,798.71 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) शुद्ध खरीदार बने रहे, जिन्होंने उसी दिन 7,277.74 करोड़ रुपए का निवेश किया।