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मुंबई. घरेलू शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को तेजी लौटी और बीएसई सेंसेक्स 128 अंक की बढ़त में रहा। अप्रैल में जीएसटी संग्रह के रिकॉर्ड स्तर, विनिर्माण के आंकड़े सकारात्मक रहने और विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 128.33 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74,611.11 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 329.65 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 43.35 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 22,648.20 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड, एशियन पेंट्स, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एनटीपीसी, सन फार्मा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और जेएसडब्ल्यू स्टील प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, एक्सिस बैंक, विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक शामिल हैं। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल में सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत बढ़कर 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गया। घरेलू लेनदेन तथा आयात में मजबूत वृद्धि से यह संग्रह बढ़ा है। यह पहला मौका है जब किसी महीने में जीएसटी का संग्रह दो लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
वहीं देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां अप्रैल में धीमी रहीं लेकिन फिर भी बढ़ती मांग से मिले समर्थन से परिचालन स्थितियों में साढ़े तीन साल में दूसरा सबसे तेज सुधार दर्ज किया गया। मौसमी रूप से समायोजित ‘एचएसबीसी इंडिया विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक' (पीएमआई) अप्रैल में घटकर 58.8 हो गया जो मार्च में 59.1 था। यह साढ़े तीन साल में क्षेत्र की सेहत में दूसरे सबसे अच्छे सुधार का संकेत है। पीएमआई के तहत 50 से ऊपर सूचकांक होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार से है जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। एशिया के अन्य बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहा। यूरोप के प्रमुख बाजारों में बुधवार को मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट में बुधवार को मिला-जुला रुख था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.02 प्रतिशत बढ़कर 84.29 डॉलर प्रति बैरल रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 1,071.93 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे। घरेलू शेयर बाजार बुधवार को ‘महाराष्ट्र दिवस' के मौके पर बंद थे। बीएसई सेंसेक्स बुधवार को 188.50 अंक नुकसान में रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 38.55 अंक नीचे आया था।
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नयी दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के केंद्रीय एवं राज्य अधिकारियों की शुक्रवार को होने वाली बैठक में फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए सख्त पंजीकरण मानदंड जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसमें इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के रिफंड का दावा करने के लिए ही फर्जी कंपनियां बनाने पर लगाम लगाने के उपायों पर चर्चा होगी। यह बैठक आर्थिक वृद्धि में मजबूती, घरेलू लेनदेन में तेजी और सख्त ऑडिट एवं जांच के कारण अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंचने के कुछ दिन के भीतर हो रही है। केंद्रीय और राज्य कर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की तीसरी राष्ट्रीय समन्वय बैठक में कंपनियों के जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया पर विशेष जोर रहेगा। इसके अलावा पैसे की आवाजाही का पता लगाकर जीएसटी धोखाधड़ी के सरगना तक पहुंचने के तरीकों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। फर्जी आईटीसी का लाभ उठाने वाले संदिग्ध करदाताओं की पहचान के लिए कर अधिकारी डेटा एनालिटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) का सहारा ले रहे हैं। इसके अलावा जीएसटी पंजीकरण के लिए कंपनी परिसर के भौतिक सत्यापन और आधार प्रमाणीकरण के रूप में मजबूत जांच का भी इंतजाम है। इससे फर्जी पंजीकरणों का शीघ्र पता लगाने में मदद मिली है और उनपर काफी हद तक अंकुश लगा है। गुजरात, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में एप्लिकेशन के पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण पर एक पायलट परियोजना चलाई जा रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर, 2023 के बीच केंद्रीय कर अधिकारियों ने जीएसटी चोरी के लगभग 14,600 मामले दर्ज किए थे। इस तरह के सर्वाधिक 2,716 मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए और उसके बाद गुजरात (2,589), हरियाणा (1,123) और पश्चिम बंगाल (1,098) का स्थान रहा। इसके अलावा जीएसटी आसूचना अधिकारियों ने अप्रैल-दिसंबर 2023 में 18,000 करोड़ रुपये के फर्जी आईटीसी मामलों का पता लगाया है और 98 धोखेबाजों/ सरगनाओं को गिरफ्तार किया है।
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नयी दिल्ली. देश का सकल जीएसटी संग्रह अप्रैल में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 12.4 प्रतिशत अधिक है। घरेलू लेनदेन तथा आयात में मजबूत वृद्धि से यह संग्रह बढ़ा है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है।
मंत्रालय ने कहा, सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है, जो घरेलू लेनदेन (13.4 प्रतिशत की वृद्धि) और आयात (8.3 प्रतिशत की वृद्धि) में मजबूत वृद्धि के दम पर मुमकिन हो पाया।'' पिछले वर्ष यह संग्रह 1.78 लाख करोड़ रुपये से अधिक था, जबकि अप्रैल 2023 में यह 1.87 लाख करोड़ रुपये था। ‘रिफंड' के बाद अप्रैल 2024 के लिए शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 17.1 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्शाता है। अप्रैल में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 43,846 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी 53,538 करोड़ रुपये रहा। एकीकृत जीएसटी 99,623 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 37,826 करोड़ रुपये शामिल हैं। उपकर संग्रह 13,260 करोड़ रुपये रहा, जिसमें आयातित वस्तुओं पर संग्रहित 1,008 करोड़ रुपये शामिल हैं। -
नयी दिल्ली. विमान ईंधन की कीमत में बुधवार को मामूली 0.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में 19 रुपये प्रति सिलेंडर की कटौती की गई है। वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल होटल तथा रेस्तरां जैसे प्रतिष्ठानों में किया जाता है।
सार्वजनिक क्षेत्र वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमत 749.25 रुपये प्रति किलोलीटर या 0.7 प्रतिशत बढ़कर 101,642.88 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई। इससे पहले एक अप्रैल को विमान ईंधन के दाम में 0.5 प्रतिशत की मामूली कटौती की गई थी। मुंबई में बुधवार को दरें 94,466.41 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर 95,173.70 रुपये प्रति किलोलीटर हो गईं। स्थानीय करों के आधार पर कीमतें हर राज्य में अलग-अलग होती हैं। इसके साथ ही तेल कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत 19 रुपये घटाकर 1,745.50 रुपये कर दी। वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत में एक अप्रैल को 30.5 रुपये की कटौती की गई थी।
हालांकि, घरेलू उपयोग में आने वाली रसोई गैस (14.2 किलोग्राम) के सिलेंडर की कीमत 803 रुपये प्रति सिलेंडर पर बरकरार है। - नई दिल्ली। गोदरेज परिवार ने 127 साल बाद कारोबार का बंटवारा कर दिया है। अब दो समूह में कंपनियां बंट गई हैं। प्रबंधन और बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि 127 साल पुराने गोदरेज समूह के सौहार्दपूर्ण विभाजन से यह सुनिश्चित होगा कि शेयरधारक का मूल्य प्रभावित न हो। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इससे समूह की पांच सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की कीमतों में इजाफा हो सकता है।वर्षों की बातचीत के बाद गोदरेज परिवार ने मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद शेयरधारिता के पुनर्गठन का ऐलान किया। नई व्यवस्था के तहत जमशेद गोदरेज, अपनी भतीजी न्यारिका होलकर और परिवारों के संग गैर-सूचीबद्ध गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप (जीईजी) संभालेंगे।इस समूह में गोदरेज ऐंड बॉयस और संबंधित कंपनियों होंगी। नादिर गोदरेज और आदि गोदरेज अपने परिवारों के साथ गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप (जीआईजी) का संचालन करेंगे, जिसमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज जैसी सूचीबद्ध कंपनियां होंगी।विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कई हालिया उदाहरण हैं, जिनमें पारिवारिक समाधान के संबंध में विवादों के कारण शेयरधारकों की संपत्ति को चोट पहुंची और कारोबार वृद्धि पर असर पड़ा। उन्होंने कहा कि गोदरेज जैसे बड़े और जटिल समूह ने जिस तरह से स्वामित्व के मसले को हल किया है, उसका शेयर बाजार स्वागत करेगा।इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, ‘गोदरेज समूह जैसे कारोबारी घराने तेजी से यह अनुभव कर रहे हैं कि सौहार्दपूर्ण समझौता बेहतर होता है, वरना सभी शेयरधारकों की संपत्ति चौपट हो जाती है। इसके अलावा किसी भी पारिवारिक समझौते के खुलासे पर सेबी का नया नियम परिवारों को सरल संरचना बनाने पर जोर दे रहा है।’स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘कुल मिलाकर इसे जिस तरह से संभाला गया है, वह पूरी प्रक्रिया में गरिमा को दर्शाता है। अन्य कारोबारी परिवारों से उलट यहां कोई कटुता नहीं है। इसके बाद प्रत्येक उपसमूह का ध्यान ज्यादा तीव्र हो जाएगा।’ बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुवार को जब बाजार खुलेगा, तो पारिवारिक समझौते की वजह से गोदरेज समूह के पांच शेयर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं क्योंकि एक प्रमुख समस्या दूर हो गई है।इस ऐलान से पहले गोदरेज इंडस्ट्रीज के शेयरों में करीब छह प्रतिशत की तेजी आई थी। एस्टेक लाइफसाइंसेज में पांच प्रतिशत का अपर सर्किट लगा था जबकि गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज और गोदरेज एग्रोवेट में पिछले दिन के बंद भाव के मुकाबले कम ही बदलाव देखा गया था।बंटवारा कर दायरे में नहींवकीलों का कहना है कि गोदरेज समूह के दो पक्षों (आदि गोदरेज/नादिर गोदरेज परिवार और उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज/स्मिता गोदरेज कृष्णा परिवार) के बीच सौहार्दपूर्ण विभाजन पर कर नहीं लगेगा। अरबों डॉलर के स्वामित्व वाले गोदरेज परिवार ने गोदरेज समूह को दो हिस्सों में विभाजित करने का निर्णय लिया है। समूह का कारोबार रियल एस्टेट से लेकर उपभोक्ता उत्पाद व्यवसायों में फैला हुआ है।समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने मंगलवार की शाम एक्सचेंजों को भेजे बयानों में बताया कि प्रवर्तकों – आदि गोदरेज, नादिर गोदरेज, जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा (संबंधित परिवार प्रमुखों) ने गोदरेज परिवार के कुछ सदस्यों के बीच एक पारिवारिक निपटान समझौते (एफएसए) और एक ब्रांड और गैर-प्रतिस्पर्धा समझौते के बारे में एक संयुक्त पत्र भेजा है।वेद जैन ऐंड एसोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन ने कहा, ‘इस तरह के सौदे में कर मामले काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं और कई बार सभी समझौतों के बावजूद पूरी प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं। हालांकि तथ्य यह है कि यह एक पारिवारिक निपटान है जो गोदरेज समूह के पक्ष में होगा।’उन्होंने कहा कि अदालतों ने माना है कि पारिवारिक समझौते के तहत शेयरों के हस्तांतरण पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा। जैन ने कहा, ‘अदालतों का मानना है कि परिवार के सदस्य, शांति या परिवार में सद्भाव के लिए ऐसी पारिवारिक व्यवस्था अपना सकते हैं और यदि व्यवस्था अच्छे भरोसे के साथ है तो कोई पूंजीगत लाभ कर लागू नहीं होगा।’पारिवारिक समझौते को विवादों को टालने, प्रतिद्वंद्वी दावों को निपटाने, शांति या परिवार की प्रतिष्ठा बनाए रखने के इरादे से परिवार के सदस्यों के बीच एक व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें व्यवसाय या संपत्ति में अधिकार रखने वाले विभिन्न घटक ‘फैमिली’ के स्वामित्व वाली संपत्ति में हिस्सा लेते हैं। सीएनके में पार्टनर पल्लव प्रद्युम्न नारंग ने कहा कि कर के दृष्टिकोण से परिवारिक समझौते को स्थानांतरण नहीं माना गया है और इसलिए यह कर के अधीन नहीं है।
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नयी दिल्ली. सरकार ने चालू विपणन वर्ष 2024-25 में अब तक 196 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम समेत सभी कल्याणकारी योजनाओं के लिए इसकी सालाना जरूरत 186 लाख टन है। खाद्यान्न की खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) अब बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए 2024-25 सत्र में 310-320 लाख टन गेहूं खरीद के अपने लक्ष्य को पूरा करने के प्रयास कर रही है। जरूरत पड़ने पर खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खुले बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए इस स्टॉक का इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि रबी सत्र की प्रमुख फसल गेहूं की खरीद पिछले साल की समान अवधि के 219.5 लाख टन से अब तक 11 प्रतिशत कम हुई है। इसका मुख्य कारण मध्य प्रदेश और पंजाब में कम खरीद का होना है। इस बारे में पूछे जाने पर एफसीआई के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अशोक के मीणा ने कहा, ''हम अपनी अनुमानित खरीद लक्ष्य को हासिल करने की राह पर हैं क्योंकि पंजाब और हरियाणा में गेहूं की आवक बहुत अच्छी है।'' उन्होंने कहा कि एफसीआई अकेले इन दोनों राज्यों से लगभग 200 लाख टन गेहूं की खरीद करेगा। केंद्र ने विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में 261.97 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। अधिकांश खरीद अप्रैल-मई के दौरान की जाती है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुमानों के मुताबिक, गेहूं का उत्पादन फसल वर्ष 2023-24 में 1,120.19 लाख टन होगा, जबकि पिछले वर्ष में यह 1,105.54 लाख टन था। कुछ राज्यों में उम्मीद से अधिक पैदावार होने पर उत्पादन लगभग 1,150 लाख (115 मिलियन) टन तक भी पहुंच सकता है। सूत्रों के मुताबिक, एफसीआई ने विभिन्न राज्यों के करीब 16 लाख किसानों से 2,275 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 45,000 करोड़ रुपये का गेहूं खरीदा है। पंजाब और हरियाणा में इस समय गेहूं की फसल की आवक अच्छी है। एफसीआई को पंजाब से 130 लाख टन और हरियाणा से 70 लाख टन की खरीद की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि एफसीआई मई से पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में खरीद अभियान तेज कर सकता है क्योंकि उसे यहां की मंडियों में फसलों के देर से आने की उम्मीद है। कीमतों को नियंत्रित करने के लिए जरूरत पड़ने पर खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) लाने के लिए अतिरिक्त स्टॉक रखने के बारे में सोचा जा रहा है। पिछले साल इस योजना के तहत 100 लाख टन से अधिक गेहूं आटा मिलों और अन्य गेहूं आधारित उद्योगों को भेजा गया था। एफसीआई ने मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, "मध्य प्रदेश में खरीद चिंता का विषय है। लेकिन हमें उम्मीद है कि इसमें तेजी आएगी।" मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद कम होने के पीछे दाल की खेती को अपनाना, खेत पर ही कारोबारियों द्वारा खरीदारी और अच्छी राशि प्राप्ति के लिए अनाज अपने पास रखने जैसे कई कारक हो सकते हैं। मध्य प्रदेश में अब तक गेहूं की खरीद 34.66 लाख टन ही हुई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 55.59 लाख टन थी। बफर स्टॉक के संबंध में केंद्र के पास एक अप्रैल तक केंद्रीय पूल में 75.02 लाख टन गेहूं था, जबकि उस तारीख को बफर मानक 74.6 लाख टन था। एक जुलाई के लिए बफर मानक 275.8 लाख टन है। चावल के मामले में एफसीआई अधिकारी ने कहा कि स्थिति बहुत आरामदायक है। एफसीआई को सभी कल्याणकारी योजनाओं के लिए 400 लाख टन चावल की वार्षिक जरूरत के मुकाबले विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में 540 लाख टन की खरीद की उम्मीद है। अधिकारी ने कहा, "चावल के मामले में हमारे पास एक साल का अतिरिक्त स्टॉक है।" चावल का बफर स्टॉक फिलहाल 532 लाख टन है। आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र ने अब तक 5.6 लाख टन 'भारत चावल' बेचा है। इसे 29 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है। इसके अलावा लगभग 9.6 लाख टन गेहूं भी 'भारत आटा' में बदलने के लिए दिया गया है। यह आटा 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है। - मुंबई,। देश भर की एटीएम मशीनों में नकदी का प्रबंधन करने वाली कंपनी सीएमएस इंफोसिस्टम्स ने सोमवार को कहा कि एटीएम से मासिक औसत नकदी निकासी वित्त वर्ष 2023-24 में 5.51 प्रतिशत बढ़कर 1.43 करोड़ रुपये हो गई। सीएमएस इंफोसिस्टम्स ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि यूपीआई से डिजिटल भुगतान बढ़ने के बावजूद स्वचालित निकासी मशीन (एटीएम) से औसत मासिक नकदी निकासी सालाना आधार पर बढ़ी है। वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 1.35 करोड़ रुपये था। रिपोर्ट के मुताबिक, महानगरों में औसत नकदी निकासी पिछले वित्त वर्ष में 10.37 प्रतिशत बढ़ी है जबकि कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में यह 3.94 प्रतिशत और शहरों में 3.73 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। देश के लगभग आधे एटीएम का प्रबंधन करने वाली कंपनी की यह रिपोर्ट कहती है कि मेट्रो शहरों में एटीएम से नकदी निकासी 37.49 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि कस्बों एवं देहात में एटीएम से नकदी निकासी में 12.50 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। सरकारी बैंकों के 49 प्रतिशत एटीएम महानगरीय और शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों के मामले में यह अनुपात 64 प्रतिशत है। दोनों ही वर्गों के बाकी एटीएम कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, एक एटीएम से 1.83 करोड़ रुपये की वार्षिक औसत निकासी के साथ कर्नाटक देश में सबसे आगे है। इसके बाद 1.82 करोड़ रुपये के साथ दिल्ली दूसरे और 1.62 करोड़ रुपये के साथ पश्चिम बंगाल तीसरे स्थान पर है।
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नयी दिल्ली. देश की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान फर्मों में छह का संयुक्त बाजार मूल्यांकन पिछले सप्ताह 1.30 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। इस दौरान भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को सबसे अधिक लाभ हुआ। पिछले हफ्ते, बीएसई सेंसेक्स 641.83 अंक या 0.87 प्रतिशत बढ़ा।
भारतीय स्टेट बैंक का मूल्यांकन 45,158.54 करोड़ रुपये बढ़कर 7,15,218.40 करोड़ रुपये हो गया। आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 28,726.33 करोड़ रुपये बढ़कर 7,77,750.22 करोड़ रुपये हो गया। भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण 20,747.99 करोड़ रुपये बढ़कर 7,51,406.35 करोड़ रुपये हो गया। समीक्षाधीन अवधि में आईटीसी का बाजार पूंजीकरण 18,914.35 करोड़ रुपये बढ़कर 5,49,265.32 करोड़ रुपये हो गया। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का बाजार पूंजीकरण 9,487.5 करोड़ रुपये बढ़कर 6,24,941.40 करोड़ रुपये हो गया। इंफोसिस का बाजार पूंजीकरण 7,699.86 करोड़ रुपये बढ़कर 5,93,636.31 करोड़ रुपये हो गया।
दूसरी ओर रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 26,115.56 करोड़ रुपये घटकर 19,64,079.96 करोड़ रुपये रह गया। एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 16,371.34 करोड़ रुपये घटकर 11,46,943.59 करोड़ रुपये रह गया। शीर्ष 10 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे मूल्यवान कंपनी रही। -
नयी दिल्ली. कंपनियों की तिमाही आय के नतीजे, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर पर फैसले और अन्य वैश्विक रुझानों से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की चाल निर्धारित होगी। विशेषज्ञों ने बताया कि इसके अलावा, विदेशी निवेशकों की व्यापारिक गतिविधियों, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की दिशा और रुपया-डॉलर विनिमय दर जैसे कारक भी व्यापार को प्रभावित करेंगे। महाराष्ट्र दिवस के कारण बुधवार को घरेलू शेयर बाजार बंद रहेंगे।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीना ने कहा कि घरेलू स्तर पर, चौथी तिमाही के नतीजे कुछ विशेष शेयरों को दिशा देंगे। उन्होंने कहा कि मासिक ऑटो बिक्री के आंकड़े मई की शुरुआत में घोषित किए जाएंगे और मतदान का अगला चरण महत्वपूर्ण होगा। मीना ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर, एक मई को होने वाली अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का नतीजा महत्वपूर्ण होगा। इसके अलावा चीन और अमेरिका से जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों के साथ ही वैश्विक मुद्रा बाजार में होने वाली हलचल भी बाजार को प्रभावित करेगी। इस सप्ताह टाटा केमिकल्स, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आईओसी, अडाणी पावर, अडाणी एंटरप्राइजेज, अडाणी ग्रीन एनर्जी, एमआरएफ और टाइटन के नजीते आने हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आगामी अमेरिकी फेडरल नीति, अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल डेटा वैश्विक बाजार को प्रभावित करेंगे। इसके अलावा घरेलू मोर्चे पर तिमाही नतीजों से बाजार प्रभावित होंगे। - नयी दिल्ली. सरकार ने निर्यात प्रतिबंध में ढील देते हुए बृहस्पतिवार को तीन बंदरगाहों से 2,000 टन तक सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा कि निर्यातक को निर्यात किए जाने वाले सफेद प्याज की सामग्री और मात्रा को लेकर गुजरात सरकार के बागवानी आयुक्त से प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। इसमें कहा गया है, ‘‘तत्काल प्रभाव से, निर्दिष्ट बंदरगाहों के माध्यम से 2,000 टन तक सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दी गई है।'' यह निर्यात, मुंद्रा बंदरगाह, पिपावाव बंदरगाह और न्हावा शेवा/जेएनपीटी बंदरगाह से करने की अनुमति है।राजनीतिक रूप से संवेदनशील वस्तु प्याज के निर्यात पर सामान्य तौर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि, सरकार मित्र राष्ट्रों को उनके अनुरोध पर निर्दिष्ट मात्रा में निर्यात की अनुमति देती है। डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय की एक इकाई है। यह आयात और निर्यात से संबंधित मानदंडों को तय करती है।पिछले साल आठ दिसंबर को सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
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मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के उल्हासनगर स्थित द कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर पैसा निकालने सहित कई प्रतिबंध लगाए। बैंक पर ये प्रतिबंध उसकी खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए लगाए गए हैं। पात्र जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से अपनी जमा राशि में से पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे। कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत प्रतिबंध 23 अप्रैल, 2024 (मंगलवार) को कारोबार बंद होने के समय से लागू हो गए। लगाए गए प्रतिबंधों के साथ बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना किसी भी ऋण और अग्रिम को मंजूरी या नवीनीकृत नहीं कर सकता है, कोई निवेश नहीं कर सकता है, कोई देनदारी हस्तांतरण नहीं कर सकता है या अपनी किसी भी संपत्ति का निपटान नहीं कर सकता है। केंद्रीय बैंक ने कहा, “बैंक की वर्तमान नकदी स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी बचत खातों या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि से कोई भी राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, लेकिन ऋणों को समायोजित करने की अनुमति है।” आरबीआई ने कहा कि ऋणदाता पर प्रतिबंध को बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग कामकाज करना जारी रखेगा। -
नयी दिल्ली. दूरसंचार सेवा क्षेत्र का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) अक्टूबर-दिसंबर, 2023 में तिमाही आधार पर 1.88 प्रतिशत बढ़कर 67,835 करोड़ रुपये हो गया। दूरसंचार नियामक ट्राई के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2023 तिमाही में दूरसंचार क्षेत्र का एजीआर एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 7.84 प्रतिशत बढ़ गया। दूरसंचार सेवाओं और अन्य निर्धारित वस्तुओं की बिक्री से दूरसंचार कंपनियों द्वारा अर्जित राजस्व को एजीआर कहा जाता है। दिसंबर 2023 को समाप्त तिमाही में दूरसंचार सेवा क्षेत्र का सकल राजस्व (जीआर) 84,500 करोड़ रुपये, लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) 81,101 करोड़ रुपये और एजीआर 67,835 करोड़ रुपये रहा है। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़े बताते हैं कि आलोच्य तिमाही में सितंबर तिमाही की तुलना में जीआर में 2.13 प्रतिशत, एपीजीआर में 1.70 प्रतिशत और एजीआर में 1.88 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। दूरसंचार सेवाओं के कुल समायोजित सकल राजस्व में एक्सेस सेवाओं का हिस्सा 82 प्रतिशत था।
एक्सेस सेवा श्रेणी में दिसंबर तिमाही में भारती एयरटेल का एजीआर तिमाही आधार पर 3.2 प्रतिशत बढ़कर लगभग 20,480.6 करोड़ रुपये हो गया। वहीं सालाना आधार पर इसमें 11.98 प्रतिशत की वृद्धि रही। रिलायंस जियो के लिए एजीआर तिमाही आधार पर 2.7 प्रतिशत बढ़कर 24,862.85 करोड़ रुपये हो गया, जबकि सालाना आधार पर वृद्धि 10 प्रतिशत रही। भारी कर्ज बोझ से दबी वोडाफोन आइडिया का दिसंबर तिमाही में एजीआर पिछली तिमाही की तुलना में 0.65 प्रतिशत गिरकर लगभग 7,459 करोड़ रुपये हो गया। - मुंबई. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने प्रति-चक्रीय यानी मुश्किल हालात से निपटने के लिए लायी गयी पूंजी बफर (सीसीवाईबी) व्यवस्था को सक्रिय नहीं करने का फैसला किया है, क्योंकि मौजूदा हालात में इसकी जरूरत नहीं है। आरबीआई ने फरवरी, 2015 में कठिन समय से पार पाने के लिए पूंजी बफर व्यवस्था से संबंधित रूपरेखा लागू की थी। इसमें यह सलाह दी गई थी कि सीसीवाईबी को परिस्थितियों के हिसाब से जरूरत महसूस होने पर लागू किया जाएगा और इस बारे में सामान्य तौर पर पहले घोषणा की जाएगी। केंद्रीय बैंक की रूपरेखा के मुताबिक, सीसीवाईबी को लागू करने के मुख्य संकेतक के रूप में ऋण-सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अंतर यानी कर्ज जीडीपी अनुपात और इसके दीर्घकालीन रुख के बीच अंतर पर गौर किया जाएगा। इसके साथ अन्य संकेतकों का तालमेल बिठाने के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा। आरबीआई ने अपने बयान में कहा, "सीसीवाईबी संकेतकों की समीक्षा और अनुभवजन्य विश्लेषण के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि इस समय सीसीवाईबी को सक्रिय करना आवश्यक नहीं है।" आरबीआई ने इस व्यवस्था को वर्ष 2015 में अपनाए जाने के बाद से अब तक कभी भी लागू नहीं किया है।दरअसल रिजर्व बैंक मानता है कि सीसीवाईबी व्यवस्था का उद्देश्य दोहरा है। पहले इसके लिए बैंकों को बेहतर दिनों में पूंजी का एक बफर बनाने की आवश्यकता होती है ताकि खराब समय में ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सके। दूसरा उद्देश्य यह है कि बैंकिंग क्षेत्र ऋण वृद्धि की अवधि में अंधाधुंध कर्ज देने से रोकने के व्यापक विवेकपूर्ण लक्ष्य को हासिल कर पाता है। वर्ष 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में केंद्रीय बैंकों के गवर्नर और निगरानी प्रमुखों के समूह (जीएचओएस) ने प्रति-चक्रीय पूंजीगत उपायों यानी मुश्किल हालात से निपटने के लिए एक रूपरेखा अपनाने की वकालत की थी।
- नयी दिल्ली. उच्च तुलनात्मक आधार के कारण आवास की मांग और कीमत में चालू वित्त वर्ष में नरमी की संभावना है। इस दौरान बिक्री में आठ से 10 प्रतिशत और कीमत में लगभग पांच प्रतिशत की सालाना वृद्धि होने का अनुमान है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए तटस्थ दृष्टिकोण बनाए रखा है। एजेंसी ने बयान में कहा, “ब्याज दर में कमी और स्थिरता से खरीद और कीमतों को समर्थन मिल सकता है। हालांकि, बीते वित्त वर्ष के उच्च तुलनात्मक आधार को देखते हुए वृद्धि दर कम होने की संभावना है।” आवासीय रियल एस्टेट बाजार ने बीते वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान एक मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया। इस दौरान मूल्य वृद्धि और स्थिर ब्याज दरों के बावजूद शीर्ष आठ रियल एस्टेट संकुलों के लिए बिक्री में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। इंडिया रेटिंग्स में कॉरपोरेट रेटिंग्स के निदेशक महावीर शंकरलाल जैन ने कहा, “अधिकांश क्षेत्रों में कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है। हमारा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में पूर्व-बिक्री वृद्धि सालाना आधार पर आठ से 10 प्रतिशत तक रहेगी। वित्त वर्ष 2023-24 में प्रीमियम और लक्जरी खंड में बनकर तैयार मकानों की संख्या बढ़ गयी है। इसका कारण बिक्री और प्राप्तियों में तेज वृद्धि के साथ नई परियोजनाओं का बढ़ना है।'' रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में कीमतें सालाना आधार पर 22 प्रतिशत बढ़ी हैं। तुलनात्मक आधार प्रभाव और बड़ी मात्रा में नई परियोजनाएं शुरू करने की योजना के कारण चालू वित्त वर्ष के लिए यह लगभग पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स के अनुसार मझोले और छोटे शहरों (टिअर दो और टिअर तीन) में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान है।
- नयी दिल्ली. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) विभिन्न राज्यों में आदिवासी और वंचित युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) के साथ गठजोड़ करेगा। एनएसडीसी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इसका प्राथमिक उद्देश्य आदिवासी युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले अन्य समुदायों को कौशल विकास के अवसर प्रदान करने पर ध्यान देने के साथ ‘इको' गांवों और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। एनएसडीसी ने बयान में कहा, “संयुक्त रूप से संचालित अल्पकालिक पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रतिभागियों को स्किल इंडिया डिजिटल हब मंच के माध्यम से उद्योग-मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्राप्त होंगे। इससे उनके रोजगार अवसर बढ़ेंगे।” बयान के अनुसार, “प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल समापन पर कुशल युवाओं को देश में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा, वे वैश्विक गतिशीलता और नियोजन व्यवस्था में विशेषज्ञता रखने वाली एनएसडीसी की अनुषंगी कंपनी एनएसडीसी इंटरनेशनल द्वारा सुविधा प्राप्त अंतरराष्ट्रीय नौकरी नियोजन के लिए पात्र होंगे।” साझेदारी के तहत दो अतिरिक्त परियोजनाएं लागू की जाएंगी, प्रत्येक को स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और पर्यावरण अनुकूल विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजायन किया गया है। पहली परियोजना का लक्ष्य महाराष्ट्र के पालघर में गोवर्धन ‘इको' विलेज (जीईवी) की सफलता को दोहराना है। इसके तहत महाराष्ट्र के नानदरबार, राजस्थान के जयपुर ग्रामीण और मध्य प्रदेश के मांडला और बालाघाट समेत कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के आसपास क्षेत्रों में ऐसे ही ‘इको' विलेज स्थापित किए जाएंगे। दूसरी परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से होटल, खुदरा और लॉजिस्टिक में समर्थन के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस्कॉन के साथ साझेदारी में कौशल भारत केंद्र स्थापित करके यह पहल महिलाओं सहित स्थानीय युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अवसरों के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करेगी।
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नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को बंगाल की खाड़ी स्थित अपने केजी-डी 6 गैस ब्लॉक में गैस भंडारों के विकास के लिए सरकार से अतिरिक्त निवेश करने की अनुमति मिल गई है। इस अतिरिक्त निवेश से रोजाना गैस उत्पादन में 4 से 5 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर की बढ़ोतरी होने की संभावना है। बता दें कि फिलहाल रिलायंस और उसकी साझेदार कंपनी बीपी पीएलसी केजी-डी6 ब्लॉक से लगभग 30 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन करती हैं, जो भारत के कुल गैस उत्पादन का लगभग 30% है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अन्वेषण और उत्पादन विभाग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय रॉय ने निवेशकों को तिमाही आय की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने उत्पादन बढ़ाने के लिए विकास योजना को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा, कंपनी को बंगाल की खाड़ी स्थित अपने केजी-डी6 ब्लॉक में गैस उत्पादन बढ़ाने की अनुमति मिल गई है। आने वाले कुछ सालों में इस ब्लॉक से रोजाना 4 से 5 मिलियन मानक क्यूबिक मीटर अतिरिक्त गैस मिलने की संभावना है। इससे मौजूदा उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।बता दें कि फिलहाल रिलायंस और उसकी साझेदार कंपनी बीपीपीएलसी इस ब्लॉक से लगभग 30 मिलियन मानक क्यूबिक मीटर गैस का उत्पादन करती हैं, जो देश के कुल उत्पादन का लगभग 30% है। हालांकि, कंपनी ने इस परियोजना में किए जाने वाले निवेश का विवरण नहीं दिया है। केजी-डी6 ब्लॉक में गैस की तीन खोजें पहले ही की जा चुकी हैं और इन्हें धीरे-धीरे उत्पादन में लाया गया है। इनमें से आखिरी खोज, एमजे तेल और गैस क्षेत्र, मई 2023 में चालू हुई। कुल मिलाकर केजी-डी6 ब्लॉक भारत के प्राकृतिक गैस उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है।इस गैस का उपयोग बिजली बनाने, उर्वरक बनाने, गाड़ियों को चलाने और रसोई में खाना पकाने के लिए किया जाता है। गौरतलब है कि हाल ही में भारत का प्राकृतिक गैस उत्पादन 99 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर के कई सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।भारत में रोजाना गैस की कुल मांग लगभग 188 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर है, लेकिन पूरा गैस हम खुद नहीं बना पाते। कुछ मात्रा हमें आयात करनी पड़ती है।रॉय ने कहा, अच्छी बात ये है कि हाल के सालों में घरेलू गैस उत्पादन बढ़ा है, खासकर रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी-डी6 ब्लॉक की वजह से। इस ब्लॉक ने वित्त वर्ष 2021 के बाद से कुल घरेलू गैस उत्पादन में करीब 90% की वृद्धि की है। हालांकि, देश के अन्य गैस क्षेत्रों का उत्पादन स्थिर बना हुआ है। रिलायंस इंडस्ट्रीज कंपनी केजी-डी6 ब्लॉक को चलाती है, जिसमे बीपी नामक कंपनी की भी थोड़ी हिस्सेदारी (33.33%) है। इस ब्लॉक में अब तक 19 स्रोत खोजे गए हैं। इनमे से दो सबसे बड़े स्रोत डी-1 और डी-3, साल 2009 में चालू किए गए थे।साथ ही, ब्लॉक का इकलौता तेल क्षेत्र, एमए, 2008 में उत्पादन के लिए शुरू हुआ था। हालांकि, सितम्बर 2018 में एमए क्षेत्र और फरवरी 2020 में डी-1 और डी-3 गैस क्षेत्रों से उत्पादन बंद कर दिया गया।इसके बाद, रिलायंस और बीपी ने मिलकर केजी-डी6 ब्लॉक में तीन नई गहरे पानी की गैस परियोजनाओं पर 5 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। इनमे से एक है एमजे क्षेत्र, जो डी1 और डी3 के ठीक नीचे करीब 2,000 मीटर की गहराई में स्थित है। यह क्षेत्र उच्च दबाव और उच्च तापमान वाला है और उम्मीद है कि यह गैस के साथ-साथ रोजाना 25,000 बैरल कंडेनसेट का भी उत्पादन करेगा। -
नई दिल्ली। विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने 12 साल तक के बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। डीजीसीए ने मंगलवार को एक सर्कुलर जारी कर सभी एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उड़ान के दौरान 12 वर्ष तक के बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों में से कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए। बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आए थे, जहां 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उड़ान के दौरान उनके माता-पिता या अभिभावकों के साथ सीट आवंटित नहीं की गई थी। यह निर्देश ऐसे मामलों की पृष्ठभूमि में आया है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ”एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 12 वर्ष तक के बच्चों को एक ही पीएनआर पर यात्रा कर रहे उनके माता-पिता/ अभिभावकों में कम से कम एक के साथ सीट अलॉट की जाए और इसका रिकॉर्ड रखा जाए।”इस संबंध में डीजीसीए ने अनुसूचित एयरलाइनों के सेवाओं और शुल्क को अनियंत्रित करने के संबंध में जारी अपने सर्कुलर को रिवाइस किया है।मानदंडों के अनुसार तरजीही सीट आवंटन, भोजन/नाश्ता/पेय शुल्क और संगीत वाद्ययंत्र ले जाने के लिए शुल्क लेने जैसी कुछ सेवाओं की अनुमति है। डीजीसीए ने कहा कि ऐसी सेवाएं एयरलाइनों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर दी जाती हैं और ये अनिवार्य नहीं हैं। विमानन नियामक डीजीसीए द्वारा जारी 2024 का एयर ट्रांसपोर्ट सर्कुलर (एटीसी)-01 के मुताबिक, 12 साल से कम उम्र के बच्चे को उसके माता-पिता के पास वाली सीट उपलब्ध हो सकेगी। इस सुविधा के लिए यात्री को कोई एडिशनल चार्ज नहीं देना होगा। -
नई दिल्ली। प्रतिकूल मौसम के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा हो सकता है। साथ ही वैश्विक स्तर पर लंबे समय से जारी तनावपूर्ण स्थिति से कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में अस्थिरता बनी रह सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अप्रैल के बुलेटिन में यह कहा गया है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 4.9 प्रतिशत हो गई। इससे पहले पिछले दो महीनों में यह औसतन 5.1 प्रतिशत रही थी।
रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर पहुंचते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है। केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताओं का हवाला देते हुए फरवरी, 2023 से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।बुलेटिन में पब्लिश आर्टिकल ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ में कहा गया कि 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक वृद्धि की गति बरकरार रही है और विश्व व्यापार का आउटलुक पॉजिटिव हो रहा है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बॉन्ड प्रतिफल और कर्ज की ब्याज दर बढ़ रही है। ब्याज दर में कमी को लेकर जो संभावनाएं थी, वह कमजोर पड़ी हैं।लेख में कहा गया, “मजबूत निवेश मांग और उत्साहित व्यापार और उपभोक्ता धारणाओं के साथ भारत में वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर में तेजी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं।’’ हालांकि, आरबीआई ने कहा कि बुलेटिन में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। -
नयी दिल्ली. शेयर बाजार में दो दिन से तेजी का सिलसिला रहने से निवेशकों की संपत्ति 4.97 लाख करोड़ रुपये बढ़ गयी। वैश्विक बाजारों में तेजी तथा इजराइल और ईरान के बीच व्याप्त तनाव में बढ़ोतरी न होने से निवेशकों की धारणा पर सकारात्मक असर पड़ा है। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 560.29 अंक यानी 0.77 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73,648.62 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 679.47 अंक तक चढ़ गया था। दो दिनों में बीएसई सेंसेक्स 1,159.63 अंक यानी 1.59 प्रतिशत मजबूत हुआ है। इस तेजी के साथ बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,97,442.93 करोड़ रुपये बढ़कर 3,97,86,490.93 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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नयी दिल्ली. घरेलू हवाई यातायात रविवार को नए मुकाम पर पहुंच गया। उस दिन रिकॉर्ड 4,71,751 यात्रियों ने हवाई सफर किया। आधिकारिक आंकड़ों से यह बात सामने आई है। रविवार को हवाई यातायात कोविड-पूर्व की औसत संख्या 3,98,579 यात्रियों से 14 प्रतिशत अधिक रहा।
नागर विमानन मंत्रालय के सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू हवाई यात्रियों की कुल संख्या 21 अप्रैल (रविवार) को 4,71,751 रही जबकि इस दौरान कुल 6,128 उड़ानें संचालित की गईं। यह संख्या 21 अप्रैल, 2023 को दर्ज किए गए 4,28,389 यात्रियों और 5,899 उड़ानों के घरेलू हवाई यातायात से अधिक है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि भारत का घरेलू विमानन क्षेत्र ‘हर दिन एक नई ऊंचाई पर' पहुंच रहा है। मंत्रालय ने कहा, "भारत में घरेलू विमानन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है। यह ठोस नीतियों, आर्थिक वृद्धि और कम लागत वाली एयरलाइंस के विस्तार जैसे कारकों से प्रेरित है। जैसे-जैसे हवाई यात्रा तक अधिक लोगों की पहुंच होगी, इस क्षेत्र के आगे बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है।" पिछले हफ्ते विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने कहा था कि जनवरी-मार्च तिमाही में घरेलू एयरलाइंस से 391.46 लाख यात्रियों ने सफर किया जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 375.04 लाख थी। -
नई दिल्ली। आईफोन (iPhone) बनाने वाली कंपनी एप्पल (Apple) अपने विक्रेताओं के माध्यम से अगले तीन साल में भारत में पांच लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे सकती है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह बात कही है। फिलहाल एप्पल के विक्रेता और आपूर्तिकर्ता भारत में 1.5 लाख लोगों को रोजगार देते हैं।
एप्पल के लिए दो संयंत्र चलाने वाली टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “एप्पल भारत में नियुक्तियों में तेजी ला रहा है। एक पुराने अनुमान के अनुसार, यह अपने विक्रेताओं और कलपुर्जे आपूर्तिकर्ताओं के माध्यम से अगले तीन साल में पांच लाख लोगों को रोजगार देने जा रहा है।”एप्पल की अगले चार-पांच साल में भारत में उत्पादन को पांच गुना से अधिक बढ़ाकर 40 अरब डॉलर (लगभग 3.32 लाख करोड़) करने की योजना है। बाजार शोध कंपनी काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, एप्पल ने पहली बार 2023 में सबसे अधिक राजस्व के साथ भारतीय बाजार में सबसे आगे रही, जबकि सैमसंग मात्रा के मामले में टॉप पर रही। -
नई दिल्ली। ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो से खाना मंगवाने वालों के लिए जरूरी खबर। कंपनी ने अपनी प्लेटफॉर्म फीस में इजाफा करने की घोषणा की है।बता दें कि जोमैटो ने यह ऐलान अपने मार्च तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा करने के कुछ हफ्ते पहले किया है।
कितनी हुई बढ़ोतरी?जोमैटो ने अपने प्लेटफॉर्म फीस में 25 फीसदी का इजाफा किया है। इसका मतलब है कि अब ग्राहकों को हर ऑर्डर पर 5 रुपये का एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा, जो कि पहले चार रुपये प्रति ऑर्डर था।पहले भी हुआ था इजाफापिछले साल अगस्त में ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने प्लेटफॉर्म फीस में दो रुपये का शुल्क शुरू किया था और बाद में इसे बढ़ाकर तीन रुपये कर दिया था। इसके बाद नए साल के एक दिन पहले रिकॉर्ड फूड ऑर्डरों से उत्साहित होकर जोमैटो ने जनवरी में प्रमुख बाजारों में अपने अनिवार्य प्लेटफ़ॉर्म शुल्क को तीन रुपये प्रति ऑर्डर से बढ़ाकर चार रुपये कर दिया था।कंपनी ने जो प्लेटफॉर्म फीस बढ़ाई है, वह डिलीवरी चार्ज के अलावा फूड ऑर्डर पर लगता है। हालांकि, जिन कस्टमर्स ने जोमैटो गोल्ड की मेम्बरशिप ले रखी है, उन्हें डिलीवरी चार्ज नहीं देना पड़ता। हालांकि, प्लेटफॉर्म फीस सभी को देनी पड़ती है।फूड डिलवरी करने वाली कंपनी को 11.81 करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) डिमांड और पेनल्टी नोटिस प्राप्त हुआ। इसमें जुलाई 2017-मार्च 2021 की अवधि के लिए 5.9 करोड़ रुपये की जीएसटी डिमांड और 5.9 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है। इस बारे में कंपनी ने 19 अप्रैल को एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया था। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मांग और जुर्माने का आदेश मिला। - नयी दिल्ली. दोपहिया वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने अपने स्थानीय वितरक सीजी मोटर्स के साथ साझेदारी करते हुए नेपाल में असेम्बली संयंत्र शुरू किया है। कंपनी ने रविवार को बयान में कहा कि इस संयंत्र की क्षमता प्रति वर्ष 75,000 इकाइयों की होगी। यह नए निवेश लाएगी और क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करेगी। बयान के अनुसार, नवलपरासी में सीजी इंडस्ट्रियल पार्क में स्थित नई असेंबली सुविधा में चार उत्पादों- एक्सपल्स 200 4वी, सुपर स्प्लेंडर, स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल और जूम 110 स्कूटर को स्थानीय रूप से असेंबल किया जाएगा। हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य कारोबार अधिकारी (वैश्विक कारोबार इकाई) संजय भान ने कहा, “यह हमारे, सीजी मोटर्स और नेपाल के लिए एक रोमांचक है। अत्याधुनिक असेंबली इकाई यह सुनिश्चित करेगी कि हमारे विश्वस्तरीय उत्पाद अब नेपाल में बनेंगे और देश भर के ग्राहकों के लिए उपलब्ध होंगे।” हीरो मोटोकॉर्प ने नेपाल में 2014 में प्रवेश किया था।
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नयी दिल्ली. जिंदल स्टेनलेस ने 2022-23 और 2023-24 के दौरान कार्बन उत्सर्जन में 2.4 लाख टन की कटौती की है। कंपनी ने बुधवार को बयान में यह जानकारी दी। जिंदल स्टेनलेस लि. 2050 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर पर लाने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। कंपनी का तय वर्ष तक सालाना 13.52 लाख टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का लक्ष्य है। इसके लिए अन्य उपायों के साथ प्रतिवर्ष 1.9 अरब यूनिट से अधिक स्वच्छ बिजली उत्पन्न करने की योजना है। बयान में कहा गया है, ‘‘पिछले दो वित्त वर्षों (वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23) में, कंपनी 2.4 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में सफल रही है। इसके साथ कंपनी ने कार्बन तटस्थता (यानी कार्बन उत्सर्जन के बराबर कार्बन उत्सर्जन में कमी) और जिम्मेदार विनिर्माण की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है।'' कंपनी ने कहा कि उसने अपने परिचालन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग शुरू कर दिया है। इसके साथ इस्पात विनिर्माण प्रक्रियाओं में उपयोग के लिए हरित हाइड्रोजन का उत्पादन भी शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा, जिंदल स्टेनलेस ने ओडिशा और हरियाणा में अपनी इकाइयों में ऊर्जा दक्षता और इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के लिए डिजिटलीकरण तथा प्रौद्योगिकी का उन्नयन किया है।
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नई दिल्ली।सरकार ने पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के पंजीकरण और मासिक रिटर्न दाखिल करने के लिए विशेष प्रक्रिया के कार्यान्वयन की समय सीमा 15 मई तक बढ़ा दी है।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इससे पहले नई पंजीकरण और मासिक रिटर्न दाखिल प्रक्रिया एक अप्रैल 2024 से क्रियान्वित करने की जनवरी में घोषणा की थी। ऐसे व्यवसायों के पंजीकरण, रिकॉर्ड रखना और मासिक जानकारी में आमूलचूल बदलाव के कदम का मकसद पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के जीएसटी अनुपालन में सुधार करना था। वित्त विधेयक 2024 के जरिए जीएसटी कानून में भी संशोधन किया गया।इसमें कहा गया कि पान मसाला, गुटखा और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं को एक लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा, यदि वे एक अप्रैल से अपनी पैकिंग मशीनरी को जीएसटी अधिकारियों के साथ पंजीकृत करने में विफल रहते हैं।सीबीआईसी ने एक अधिसूचना के जरिए इस विशेष प्रक्रिया के कार्यान्वयन की तारीख 45 दिन बढ़ाकर 15 मई तक कर दी है। इस बीच, मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि न तो जीएसटी प्रणाली ने नई प्रक्रिया पर कोई परामर्श जारी किया है और न ही नई फाइलिंग संबंधी जानकारी दी गई। परिणामस्वरूप सरकार ने नई प्रक्रिया के कार्यान्वयन को 45 दिन यानी 15 मई तक स्थगित करने का निर्णय लिया है।