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नई दिल्ली। WAVEX स्टार्टअप एक्सेलेरेटर ने रचनात्मक उद्योगों में नई क्रांति की नींव रखी। इस मंच ने देश के 30 से अधिक मीडिया एवं मनोरंजन (एमएंडई) स्टार्टअप्स को निवेशकों, सरकारी एजेंसियों और उद्योग दिग्गजों के सामने अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 50 करोड़ रुपये के निवेश की चर्चा पाइपलाइन में है। यह पहल भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर चमकाने का एक शानदार कदम साबित हुई।
क्या है WAVEX ?WAVEX, यानी वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) का स्टार्टअप एक्सेलेरेटर। यह एक ऐसा मंच है जिसने भारत के रचनात्मक स्टार्टअप्स को आसमान छूने का मौका दिया। आसान शब्दों में, WAVEX उन युवा और जोशीले उद्यमियों को सपोर्ट करता है जो फिल्म, म्यूजिक, गेमिंग, एनिमेशन और डिजिटल कंटेंट जैसे क्षेत्रों में नए-नए आइडियाज लेकर आ रहे हैं। यह स्टार्टअप्स को निवेशकों, बड़े ब्रांड्स और मेंटर्स से जोड़ता है ताकि उनके सपने हकीकत बन सकें।ज्ञात हो, मई 2025 में मुंबई में हुए WAVES 2025 समिट के दौरान WAVEX ने ऐसे 30 स्टार्टअप्स को चुना, जिन्हें मेटा, गूगल, अमेजन, नेटफ्लिक्स और NVIDIA जैसे दिग्गजों के सामने अपने आइडियाज पेश करने का मौका मिला। इन मुलाकातों से 50 करोड़ रुपये के निवेश की बात पक्की होने की राह पर है। यही नहीं, टियर 1 और टियर 2 शहरों के 100 से ज्यादा स्टार्टअप्स ने अपने अनोखे आइडियाज दिखाए, जिसने छोटे शहरों के रचनाकारों को भी बड़ा मंच दिया।कला सेतु और भाषा सेतु का कमालWAVEX ने हाल ही में ‘कला सेतु’ और ‘भाषा सेतु’ जैसे चैलेंज शुरू किए। कला सेतु में स्टार्टअप्स से भारतीय भाषाओं में AI की मदद से मल्टीमीडिया कंटेंट बनाने के लिए कहा गया है। इससे विजेताओं को ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन जैसे बड़े मंचों पर अपने प्रोजेक्ट्स दिखाने का मौका मिलेगा। वहीं, भाषा सेतु AI-बेस्ड अनुवाद टूल्स पर फोकस करता है, जो भारत की भाषाई विविधता को दुनिया तक ले जाएगा। इन चैलेंज में हिस्सा लेने की आखिरी तारीख क्रमशः 30 जुलाई और 22 जुलाई 2025 है।क्यों खास है WAVEX ?WAVEX सिर्फ पैसे जुटाने का मंच नहीं है। यह स्टार्टअप्स को मेंटर्स, ट्रेनिंग और तकनीकी सपोर्ट प्रदान करता है। चाहे आपका आइडिया अभी कागज पर हो या शुरुआती स्टेज में, WAVEX उसे बड़ा बनाने में मदद करता है। यह खासकर उन रचनाकारों के लिए वरदान साबित हो रहा है जो छोटे शहरों से आते हैं और बड़े मंचों तक पहुंचने की आकांक्षा रखते हैं।यही कारण है कि WAVES 2025 समिट के दो महीने बाद भी WAVEX की चमक बरकरार है। इसमें 50 करोड़ रुपये के निवेश की बात चल रही है, और कला सेतु-भाषा सेतु जैसे चैलेंज स्टार्टअप्स को नई दिशा दे रहे हैं। साथ ही महाराष्ट्र में WAVES के तहत हुए 8000 करोड़ रुपये के MoU से स्टार्टअप्स के लिए नए प्रोजेक्ट्स और नौकरियां भी पैदा हो रही हैं।ऐसे में WAVEX एक ऐसा मंच बन गया है जो भारत के रचनाकारों और स्टार्टअप्स को सुपरस्टार बनाने का सपना सच कर रहा है। यह न सिर्फ पैसे और मौके देता है, बल्कि भारत की रचनात्मकता को दुनिया के सामने चमकाने का जुनून भी जगाता है। यदि आपके पास भी कोई अनोखा आइडिया है, तो WAVEX आपके सपनों को उड़ान देने का रास्ता हो सकता है। -
नई दिल्ली। देश के अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी अब हेल्थकेयर के क्षेत्र में भी उतर रहे हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि अदाणी परिवार स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट के लिए पहले से घोषित 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश का बड़ा हिस्सा अब देश की हेल्थकेयर व्यवस्था को बेहतर बनाने में लगाएगा। शुक्रवार को मुंबई में देशभर के सर्जनों को संबोधित करते हुए गौतम अदाणी ने कहा कि भारत में लोगों की रीढ़ की समस्याएं बहुत बढ़ रही हैं और पीठ दर्द देश में दिव्यांगता (disability) का सबसे बड़ा कारण बन गया है। उन्होंने कहा, “अगर हमारे लोग खड़े नहीं हो सकते, तो भारत कैसे उठेगा?”
अदाणी समूह की योजना है कि मुंबई और अहमदाबाद से शुरुआत करते हुए वे ‘Adani Healthcare Temples’ नाम के बड़े और आधुनिक अस्पताल बनाएंगे। हर एक अस्पताल में 1000 बेड होंगे और ये पूरी तरह से AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर आधारित होंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए अदाणी ग्रुप ने अमेरिका की मशहूर मेयो क्लिनिक से साझेदारी की है।ये अस्पताल सिर्फ इलाज के लिए नहीं होंगे, बल्कि यहां मेडिकल रिसर्च, पढ़ाई और ट्रेनिंग भी एक ही परिसर में होगी। अदाणी ने कहा कि इन अस्पतालों का मकसद मौजूदा हेल्थ सिस्टम से मुकाबला करना नहीं, बल्कि उन जगहों पर काम करना है जहां अभी सुविधाएं नहीं हैं।अदाणी ने कहा – “यह बदलाव नहीं, क्रांति है”गौतम अदाणी ने कहा, “हमने हेल्थकेयर में इसलिए कदम रखा क्योंकि इस क्षेत्र में जो गति थी, वह काफी नहीं थी। यह सिर्फ बदलाव नहीं, एक क्रांति है।” उन्होंने मेडिकल प्रोफेशनल्स से अपील की कि वे इस मिशन से जुड़ें, चाहे वो AI से स्पाइन डायग्नोसिस बनाना हो, मोबाइल ऑपरेशन थिएटर तैयार करना हो या फिर नई पीढ़ी के सर्जिकल सेंटर।देशभर में और शहरों में भी फैलाएंगे ये अस्पतालअदाणी ने बताया कि मुंबई और अहमदाबाद के बाद इस अस्पताल श्रृंखला को देश के दूसरे शहरों में भी ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि देश में एक ऐसा हेल्थ सिस्टम तैयार हो, जो सस्ता, टिकाऊ और भविष्य की किसी भी महामारी के लिए तैयार हो।इंफ्रास्ट्रक्चर से अब समाज सेवा की ओर रुखअब तक ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़ी भूमिका निभाने वाले अदाणी समूह की ये नई पहल दिखाती है कि वे अब समाज को सीधे प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में भी बड़े निवेश कर रहे हैं। गौतम अदाणी ने इसे भारत के उत्थान की “रीढ़” कहा और बताया कि उनका लक्ष्य अगले पांच साल में कुल $100 अरब (लगभग 8.3 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करना है। -
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मेघालय की राजधानी शिलांग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (IICA) के नॉर्थ ईस्ट कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज की जरूरत ऐसी ग्लोबलाइजेशन की है, जो स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखे और जिसमें पूंजीवाद के साथ मानवीय मूल्य भी जुड़े हों। वित्त मंत्री ने कहा, “हमें ऐसा ग्लोबल माहौल नहीं चाहिए, जो हमें बहा ले जाए। हमें अपने बिजनेस को और जवाबदेह बनाना होगा।”
सीतारमण ने नॉर्थ ईस्ट के नैतिक मूल्यों की तारीफ की और कहा कि यहां रिश्तों और समुदाय को बहुत सम्मान दिया जाता है। उन्होंने इसे स्टेकहोल्डर पूंजीवाद का बेहतरीन उदाहरण बताया। इस मौके पर उन्होंने नॉर्थ ईस्ट के लिए बेहतर लॉजिस्टिक्स की जरूरत पर भी जोर दिया, ताकि इस क्षेत्र के सामान को देश के बाकी हिस्सों में तेजी और आसानी से पहुंचाया जा सके।लॉजिस्टिक्स और स्टार्टअप्स पर जोरवित्त मंत्री ने नॉर्थ ईस्ट में लॉजिस्टिक्स सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “यह मेरी शिकायत है कि अभी तक बहुत कुछ किया जाना बाकी है। मेघालय के अनानास को मुंबई तक सड़क मार्ग से पहुंचाना पड़ता है। हमें हवाई परिवहन और वेयरहाउसिंग जैसी सुविधाओं को बढ़ाना होगा।” उन्होंने इस क्षेत्र के उत्पादों को देशभर में तेजी से पहुंचाने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे की जरूरत बताई।IICA की शिलांग में दूसरा ब्रांच शुरू होने की सराहना करते हुए सीतारमण ने कहा कि यह संस्थान नॉर्थ ईस्ट के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। 2006 में स्थापित IICA कॉरपोरेट गवर्नेंस और पब्लिक पॉलिसी में थिंक टैंक और ट्रेनिंग का काम करता है। यह कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के तहत काम करता है।वित्त मंत्री ने बताया कि नॉर्थ ईस्ट में DPIIT से मान्यता प्राप्त 2,300 स्टार्टअप्स हैं, जिनमें से 69 मेघालय में हैं। उन्होंने IICA और IIM शिलांग जैसे संस्थानों से अपील की कि वे पेशेवरों को एक मंच पर लाएं, ताकि आपसी सहयोग बढ़े और नियमों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हो सके। उन्होंने कहा कि युवा तेजी से दुनिया की जरूरतों के हिसाब से खुद को ढाल रहे हैं। अगर नीतिगत समर्थन भी साथ मिले, तो यह उद्यमिता के लिए सुनहरा मौका होगा।सीतारमण ने IICA की शिलांग शाखा को क्षेत्र के लिए एक बड़ा कदम बताया और कहा कि यह स्थानीय कारोबारियों और युवाओं को नई दिशा देगा। - नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों से सुस्त संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार भी हफ्ते के लास्ट ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (11 जुलाई) को गिरावट में बंद हुए। इसी के साथ प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और सेंसेक्स लगातार तीसरे ट्रेडिंग सेशन में लाल निशान में रहे। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहने के चलते इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजीस शेयरों (IT Stocks) में गिरावट ने बाजार को नीचे खींचा। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कनाडा पर 35% टैरिफ लगाने के ऐलान ने वैश्विक व्यापार चिंताओं को बढ़ा दिया।तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 370 अंक की गिरावट लेकर 82,820 अंक पर पर ओपन हुआ। कारोबार के दौरान यह 82,442.25 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 689.81 अंक या 0.83 फीसदी की गिरावट लेकर 82,500.47 पर बंद हुआ। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में 23 कंपनियों के शेयर लाल जबकि केवल 7 कंपनियों के शेयर हरे निशान में बंद हुए।इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी-50 भी आज गिरावट में खुला। आईटी इंडेक्स में गिरावट के चलते यह 205.40 अंक या 0.81 प्रतिशत की गिरावट लेकर 25,149.85 पर बंद हुआ।Nifty IT Index 1.78% गिराटीसीएस के अप्रैल-जून तिमाही 2025 नतीजे कमजोर रहने की वजह से आईटी स्टॉक्स में आज गिरावट देखने को मिली। बाजार खुलते ही निफ्टी आईटी इंडेक्स गिर गया। अंत में यह 1.78 प्रतिशत की गिरावट लेकर बंद हुआ। सबसे ज्यादा गिरावट टीसीएस में देखने को मिली और यह 3 फीसदी से ज्यादा टूट गया। इन्फोसिस के शेयर पर भी दबाव दिखा।टीसीएस, एमएंडएम, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक, टेक एम, टाटा मोटर्स, ट्रेंट, आरआईएल और एचडीएफसी बैंक आज सबसे ज्यादा पिछड़ने वाले शेयर रहे। जबकि एचयूएल, इटरनल, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, एक्सिस बैंक और अदाणी पोर्ट्स सबसे ज्यादा लाभ में रहे। ब्रोडर मार्केट की बात करें तो निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 दोनों में करीब 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।इसके अलावा सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार (11 जुलाई) को टाटा एलेक्सी (Tata Elxsi) के शेयर पर दबाव रहा और यह 7.5 प्रतिशत तक गिरकर 5,679 रुपये प्रति शेयर के इंट्रा-डे लो पर आ गया।ग्लोबल मार्केट का हालएशिया-पैसिफिक के बाजारों में आज मिला-जुला रुख देखने को मिला। इसकी बड़ी वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वह ऐलान है जिसमें उन्होंने 1 अगस्त से कनाडा से आने वाले सामानों पर 35% टैरिफ लगाने की बात कही है। ट्रंप ने यह भी कहा कि वह अधिकतर ट्रेडिंग पार्टनर्स पर 15–20% का ब्लैंकेट टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने महंगाई और शेयर बाजार पर इसके असर को लेकर चिंताओं को नकार दिया है।एशियाई बाजारों की बात करें तो निक्केई में 0.21% की तेजी देखी गई, जबकि टोपिक्स इंडेक्स 0.71% चढ़ा। कोस्पी मामूली 0.013% ऊपर रहा और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 0.064% की हल्की गिरावट में रहा। वहीं, गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में मजबूती रही। S&P 500 इंडेक्स 0.27% की बढ़त के साथ 6,280.46 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। Nasdaq कंपोजिट भी लगातार दूसरे दिन नए शिखर पर पहुंचा और 0.09% की तेजी के साथ 20,630.67 पर बंद हुआ। Dow Jones इंडस्ट्रियल एवरेज 192.34 अंक या 0.43% चढ़कर 44,650.64 पर बंद हुआ।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की व्यक्तिगत प्रीमियम खंड से आय जून में 14.60 प्रतिशत बढ़ी है। जीवन बीमा परिषद के बृहस्पतिवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि निजी क्षेत्र की सभी जीवन बीमा कंपनियों की कुल प्रीमियम आय में इस दौरान 12.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एलआईसी ने जून, 2025 में व्यक्तिगत प्रीमियम के रूप में 5,313 करोड़ रुपये एकत्र किए, जबकि निजी क्षेत्र की 25 कंपनियों ने कुल मिलाकर 8,408 करोड़ रुपये जुटाए। एलआईसी द्वारा इस दौरान जारी की गईं कुल पॉलिसी की संख्या 12.49 लाख रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 14.65 लाख थी। व्यक्तिगत पॉलिसियों की श्रेणी में, एलआईसी ने जून, 2025 के लिए 12.48 लाख पॉलिसियां जारी कीं, जबकि 2024 में इसी माह में यह संख्या 14.62 लाख थी। समूह पॉलिसियां जून में 1,290 हो गईं, जो पिछले साल इसी माह में 2,827 थीं। समूह प्रीमियम आय में, एलआईसी ने 22,087 करोड़ रुपये कमाए, जो पिछले साल जून की तुलना में सात प्रतिशत कम है। निजी क्षेत्र की कंपनियों की समूह प्रीमियम आय 19 प्रतिशत घटकर 5,315 करोड़ रुपये रह गई। जून में एलआईसी की कुल प्रीमियम आय 3.43 प्रतिशत घटकर 27,395 करोड़ रुपये रह गई। निजी क्षेत्र की कंपनियों की कुल प्रीमियम आय 2.45 प्रतिशत घटकर 13,722 करोड़ रुपये रही।
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न्यूयॉर्क. दक्षिण कोरिया की प्रमुख स्मार्टफोन कंपनी सैमसंग एक ‘ट्राई-फोल्ड' (दो स्थान से मुड़ने वाले) फोन पर काम कर रही है, जिसे इस साल के अंत तक बाजार में उतारने की योजना है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। सैमसंग ने प्रीमियम खंड में अपने ‘फोल्डेबल' (मुड़ने वाले) गैलेक्सी फोल्ड जेड7 और फ्लिप7 के नवीनतम संस्करण पेश किए हैं। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के उत्पाद योजना खंड के उपाध्यक्ष मिन्सोएक कांग ने बताया कि कंपनी अब ट्राई-फोल्ड पर काम कर रही है। कंपनी उत्पाद की पूर्णता पर ध्यान केंद्रित कर रही है और ट्राईफोल्ड उपकरण के व्यावसायीकरण पर काम कर रही है। कांग ने कहा, “ट्राईफोल्ड की बात करें तो यह उपकरण विकास के चरण में है।”
उन्होंने कहा, “हम इस उपकरण के व्यावसायीकरण के अंतिम निर्णय के लिए प्रमुख बिंदुओं का मूल्यांकन कर रहे हैं। मैं कह सकता हूं कि हमारा लक्ष्य इस उपकरण को इस साल के अंत तक बाजार में उतारना है।” इससे पहले बुधवार को, सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने गैलेक्सी सीरीज़ में तीन नए मॉडल पेश करने की घोषणा की। इनमें चौड़ी स्क्रीन, कम वजन, 200 मेगापिक्सल का कैमरा और कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित कई बेहतर फीचर शामिल हैं। कंपनी ने यहां ब्रुकलिन में गैलेक्सी जेड फोल्ड7, गैलेक्सी जेड फ्लिप7 और गैलेक्सी जेड फ्लिप7 एफई पेश किए। सैमसंड ने बताया कि गैलेक्सी जेड फोल्ड7 की कीमत 1.75 लाख रुपये से 2.11 लाख रुपये तक है। गैलेक्सी फ्लिप7 की कीमत 1.10 लाख रुपये से 1.22 लाख रुपये रखी गई है। गैलेक्सी जेड फ्लिप7 एफई का मूल्य 89,000 रुपये से 95,999 रुपये तक है। कंपनी ने बताया कि गैलेक्सी जेड फोल्ड सीरीज की सातवीं पीढ़ी का ‘फोल्ड7' सबसे पतला और हल्का स्मार्टफोन है। कंपनी ने कहा कि भारतीय बाजार में 1,000 डॉलर से ज्यादा कीमत वाले स्मार्टफोन के ‘सुपर-प्रीमियम' खंड में सैमसंग की टक्कर अमेरिकी कंपनी एप्पल के आईफोन से है। इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में 19.7 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ वीवो पहले स्थान पर है। वहीं, इस दौरान सैमसंग की बाजार हिस्सेदारी 16.4 प्रतिशत रही। -
इंदौर. मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ऐसा भुगतान कार्ड पेश करने पर विचार कर रही है जिसके जरिये लोग मेट्रो रेल से लेकर ई-रिक्शा तक में सफर कर सकेंगे। नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने इंदौर में संवाददाताओं को बताया,‘‘हम इंदौर के सार्वजनिक परिवहन साधनों की भुगतान प्रणाली के लिए ‘यूनिफॉर्म मोबिलिटी कार्ड' पेश करने के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। शुरुआत में इस कार्ड को मेट्रो रेल और बसों के लिए पेश किया जाएगा। बाद में इससे ऐप-आधारित कैब सेवाओं और ई-रिक्शा को भी जोड़ा जा सकता है।'' भोंडवे ने बताया कि इंदौर में प्रस्तावित ‘यूनिफॉर्म मोबिलिटी कार्ड' के बारे में मुंबई स्थित ‘नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया' (एनपीसीआई) से चर्चा की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि आवास और शहरी विकास निगम (हुडको) निकट भविष्य में मध्यप्रदेश सरकार को 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज दे सकता है। उन्होंने कहा,‘‘राज्य सरकार को हुडको के इस कर्ज से नगरीय निकायों के वित्तपोषण में मदद मिलेगी।'' भोंडवे ने इंदौर में शुक्रवार को आयोजित किए जाने वाले "मध्यप्रदेश ग्रोथ कॉन्क्लेव'' की तैयारियों का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि शहरी विकास की योजनाओं पर केंद्रित इस सम्मेलन का मुख्यमंत्री मोहन यादव उद्घाटन करेंगे और होटल उद्योग, पर्यटन, रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों के प्रमुख निवेशकों से संवाद करेंगे। उन्होंने बताया कि एक दिवसीय सम्मेलन में 1,500 से अधिक निवेशक, उद्योगपति और कॉर्पोरेट प्रतिनिधि शामिल होंगे।
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नयी दिल्ली. भारत अब किसी भी अन्य देश की तुलना में तेज़ भुगतान करता है और इसका ‘श्रेय एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) को जाता है।' अंतरराष्टीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने एक लेख में यह जानकारी देते हुए बताया है कि भारत मे डेबिट और क्रेडिट कार्ड सहित अन्य साधनों का उपयोग घट रहा है। यूपीआई एक त्वरित भुगतान प्रणाली है जिसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा मोबाइल फोन के माध्यम से अंतर-बैंक लेनदेन की सुविधा के लिए विकसित किया गया है। आईएमएफ के वित्तीय प्रौद्योगिकी लेख ‘बढ़ते खुदरा डिजिटल भुगतान: इंटरऑपरेबिलिटी का मूल्य' में कहा गया है कि 2016 में पेश होने के बाद से यूपीआई का तेज़ी से विकास हुआ है, जबकि नकदी के उपयोग के लिए कुछ खंडों में गिरावट शुरू हो गई है। यूपीआई अब प्रति माह 18 अरब से अधिक लेनदेन संसाधित करता है और भारत में अन्य इलेक्ट्रॉनिक खुदरा भुगतानों पर हावी है। लेख में कहा गया, “भारत अब किसी भी अन्य देश की तुलना में तेज़ भुगतान करता है। साथ ही, नकदी के इस्तेमाल में भी कमी आई है।” लेख में भारत के यूपीआई पर लेन-देन की दुनिया को कवर करने वाले विस्तृत आंकड़ों का उपयोग करते हुए इस ढांचे के अनुरूप साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। यूपीआई एक अंतर-संचालनीय मंच है जो मात्रा के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा त्वरित भुगतान प्रणाली बन गई है। लेख में कहा गया, “साल 2016 में पेश होने के बाद से यूपीआई तेज़ी से बढ़ा है, जबकि नकदी के उपयोग में गिरावट शुरू हो गई है। यूपीआई अब प्रति माह 18 अरब से ज़्यादा लेनदेन को सक्षम बनाता है और भारत में अन्य इलेक्ट्रॉनिक खुदरा भुगतानों में अग्रणी है।” ‘फिनटेक नोट्स' आईएमएफ के सदस्यों की ओर से नीति-निर्माताओं को महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यावहारिक सलाह प्रदान करते हैं।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण करने वाली कंपनी भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (इरेडा) के बॉन्ड को आयकर अधिनियम की धारा 54ईसी के तहत कर-बचत का दर्जा प्रदान किया है। ये अधिसूचना 9 जुलाई, 2025 से प्रभावी हो गई है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से गुरुवार को जारी बयान में बताया गया कि वित्त मंत्रालय के अधीन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड द्वारा जारी बॉन्ड को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के तहत ‘दीर्घकालिक निर्दिष्ट परिसंपत्ति’ के रूप में अधिसूचित किया है। यह अधिसूचना 9 जुलाई, 2025 से प्रभावी है। इससे नवीकरणीय ऊर्जा के लिए कम लागत पर धन जुटाने में सुविधा होगी तथा निवेशकों को पूंजीगत लाभ कर में छूट मिलेगी।बॉन्ड धारक आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के तहत कर छूट के पात्रमंत्रालय के मुताबिक सीबीडीटी की अधिसूचना के अनुसार पांच वर्षों के बाद भुनाए जाने वाले और अधिसूचना तिथि को या उसके बाद आईआरईडीए द्वारा जारी किए गए बॉन्ड आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी के अंतर्गत कर छूट के लिए पात्र होंगे, जो निर्दिष्ट बॉन्ड में निवेश पर पूंजीगत लाभ कर में छूट प्रदान करता है। इन बॉन्ड से प्राप्त राशि का उपयोग विशेष रूप से उन अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जाएगा, जो अपने परियोजना राजस्व के माध्यम से ऋण चुकाने में सक्षम हैं, और उन्हें ऋण चुकाने के लिए राज्य सरकारों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।बॉन्ड्स में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के एलटीसीजी पर कर की बचत संभवनवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बताया कि पात्र निवेशक एक वित्तीय वर्ष में इन बॉन्ड्स में निवेश करके 50 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) पर कर बचा सकते हैं। इरेडा को निधियों की कम लागत का लाभ मिलेगा, जो नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है और बदले में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के तीव्र विकास को समर्थन प्रदान करेगा। मंत्रालय ने कहा कि इस पहल से कर-बचत साधनों की तलाश करने वाले निवेशकों की व्यापक भागीदारी आकर्षित होने और देश में नवीकरणीय ऊर्जा वित्तपोषण इको-सिस्टम को मजबूत करने की उम्मीद है। -
नयी दिल्ली. भारत के अंतरिक्ष नियामक इन-स्पेस ने अरबपति उद्योगपति एलन मस्क की स्टारलिंक को देश में उपग्रह-आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का लाइसेंस प्रदान किया है। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) ने बयान में कहा, “इन-स्पेस ने ‘मेसर्स स्टारलिंक सैटेलाइट कम्युनिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड' को ‘लो अर्थ ऑर्बिट' (निचली कक्षा के) उपग्रहों के समूह यानी ‘स्टारलिंक जेन1' की व्यवस्था करने को मंजूरी प्रदान की है। इससे एसएससीपीएल भारत में उपग्रह संचार सेवाएं प्रदान करने में सक्षम हो सकेगी।” यह सेवा मंजूरी आठ अप्रैल से पांच साल की अवधि के लिए या ‘जनरेशन 1' समूह के परिचालन जीवन की समाप्ति तक, जो भी पहले हो, के लिए वैध है। सेवाओं का क्रियान्वयन निर्धारित नियामकीय प्रावधानों और संबंधित सरकारी विभागों से अपेक्षित मंजूरी, अनुमोदन और लाइसेंस के अधीन है। ‘स्टारलिंक जेन1 कॉन्स्टेलेशन' एक वैश्विक मंडल है जिसमें 4,408 उपग्रह 540 किलोमीटर से 570 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी का चक्कर लगा रहे हैं। यह भारत में लगभग 600 गीगावाट प्रति सेंकंड ‘जीबीपीएस' की क्षमता प्रदान करने में सक्षम है। स्टारलिंक 2022 से ही वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने के लिए भारतीय बाजार पर नजर गड़ाए हुए थी।
स्टारलिंक पिछले महीने, यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के बाद भारत में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) से लाइसेंस प्राप्त करने वाली तीसरी कंपनी बन गई। हालांकि, जिन कंपनियों को लाइसेंस मिल चुका है, उन्हें वाणिज्यिक उपग्रह संचार स्पेक्ट्रम के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा, क्योंकि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने हाल ही में मूल्य निर्धारण और नियम व शर्तों पर अपनी सिफारिशें सरकार को विचार करने के लिए भेजी हैं। स्पेक्ट्रम के आवंटन के बाद कंपनियां अपनी सेवाएं शुरू कर सकेंगी। -
न्यूयॉर्क. दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी एनवीडिया निवेशकों का समर्थन जारी रहने से बुधवार को 4,000 अरब डॉलर का मूल्यांकन हासिल करने वाली पहली सार्वजनिक कंपनी बन गई। बुधवार को शुरुआती कारोबार में एनवीडिया के शेयरों के दाम 2.5 प्रतिशत चढ़कर 164 डॉलर प्रति शेयर के पार पहुंच गए। यह इस लिहाज से खासा अहम है कि वर्ष 2023 की शुरुआत में एनवीडिया के शेयर सिर्फ 14 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर थे। एनवीडिया की ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू), चिपसेट और संबंधित सॉफ्टवेयर के डिजाइन और निर्माण में महारत है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इसका ध्यान कृत्रिम मेधा (एआई) और हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में काफी बढ़ा है। पिछले कुछ वर्षों में एआई को लेकर दुनिया भर में मची हलचल के दम पर एनवीडिया अमेरिकी शेयर बाजार की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। इसने प्रौद्योगिकी कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, अमेजन और गूगल को पीछे छोड़ दिया है। स्थिति यह है कि अब इसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढ़ाव का एसएंडपी 500 एवं अन्य सूचकांकों पर एप्पल को छोड़कर किसी भी दूसरी कंपनी से ज्यादा असर पड़ता है। दो साल पहले एनवीडिया का बाजार मूल्य 600 अरब डॉलर से भी कम था। लेकिन एआई को लेकर दुनिया भर में जारी गतिविधियों ने सेमीकंडक्टर चिप कंपनी के भाव काफी ऊंचे स्तर पर पहुंचा दिए। एनवीडिया एआई से लाभान्वित होने वाली कुछ प्रमुख कंपनियों में शामिल है। एआई पर केंद्रित इन कंपनियों के शेयरों के भाव चढ़ने से ही एसएंडपी 500 सूचकांक ने लगातार नए रिकॉर्ड स्तर छुए हैं। इन कंपनियों के लाभ बढ़ने से अमेरिकी शेयर बाज़ार को नई ऊंचाई मिली है। ऐसा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतिगत अनिश्चितता और लगातार बढ़ती हुई मुद्रास्फीति के बावजूद हुआ है।
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नयी दिल्ली. वाहन कलपुर्जा विनिर्माता कंपनी टाटा ऑटोकॉम्प और स्कोडा समूह ने भारत में रेलवे प्रणोदन प्रणाली और कलपुर्जे बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम के गठन की बुधवार को घोषणा की। इस उद्यम के तहत देश में करोड़ों यूरो का निवेश किया जाएगा। टाटा ऑटोकॉम्प ने बयान में कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य बढ़ते भारतीय रेलवे और परिवहन बाजारों को समर्थन देना है। बयान में कहा गया कि दोनों साझेदारों के संयुक्त स्वामित्व वाली नई कंपनी मध्यम उच्च गति एवं क्षेत्रीय ट्रेन, मेट्रो तथा हल्के रेल वाहनों के लिए कन्वर्टर्स, ड्राइव और सहायक कन्वर्टर्स के विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित करेगी। टाटा ऑटोकॉम्प के वाइस चेयरमैन अरविंद गोयल ने कहा, ‘‘ स्कोडा समूह के साथ हमारा सहयोग अत्याधुनिक विद्युत प्रणोदन प्रणालियों एवं घटकों की शुरूआत को सक्षम करके भारतीय रेलवे व मेट्रो क्षेत्र में हमारी उपस्थिति को बढ़ाएगा।'' स्कोडा समूह के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं निदेशक मंडल के चेयरमैन पेट्र नोवोत्नी ने कहा, ‘‘ टाटा ऑटोकॉम्प के साथ मिलकर हम भारत में उन्नत प्रौद्योगिकी एवं विशेषज्ञता ला रहे हैं, जो न केवल चेक गणराज्य में बल्कि अन्य यूरोपीय देशों में भी वर्ष के विकास तथा सिद्ध समाधानों का प्रमाण है।'' इस बीच, उत्पाद इंजीनियरिंग एवं डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड ने मोटर वाहन, एयरोस्पेस और वाणिज्यिक वाहन क्षेत्रों में वैश्विक मूल उपकरण विनिर्माण (ओईएम) के लिए एकीकृत परीक्षण एवं सत्यापन समाधान के लिए एमर्सन के साथ साझेदारी की है। टाटा टेक्नोलॉजीज ने बयान में कहा कि उन्नत स्वचालन समाधानों के औद्योगिक प्रौद्योगिकी अग्रणी एमर्सन के साथ साझेदारी का उद्देश्य विनिर्माताओं को अगली पीढ़ी की गतिशीलता की जटिलताओं से निपटने के लिए सशक्त बनाना है।
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नयी दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन बैंक ने बीते वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1,616 करोड़ रुपये से अधिक का लाभांश चेक केंद्र सरकार को सौंपा है। इंडियन बैंक ने मंगलवार को बयान में कहा कि बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बिनोद कुमार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1,616.14 करोड़ रुपये का लाभांश चेक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपा। इस मौके पर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। बयान के अनुसार, बैंक ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रति शेयर 16.25 रुपये का लाभांश घोषित किया है, जो इसके मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के साथ भारत सरकार समेत सभी पक्षों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजित करने के इसके समर्पण को दर्शाता है।
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मुंबई. टमाटर के महंगा होने से जून में घर का बना खाना या थाली की कीमत पिछले महीने की तुलना में बढ़ गई है। मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, शाकाहारी थाली की कीमत मई में 26.2 रुपये की तुलना में जून में तीन प्रतिशत बढ़कर 27.1 रुपये हो गई, जबकि मांसाहारी थाली की कीमत मई में 52.6 रुपये की तुलना में जून में चार प्रतिशत बढ़कर 54.8 रुपये प्रति थाली हो गई। घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक इकाई की मासिक ‘रोटी, चावल, दर' रिपोर्ट में बताया गया है कि आवक में आठ प्रतिशत की गिरावट के कारण इस महीने टमाटर की कीमत में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे थाली की कीमत बढ़ गई। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को आलू की कीमत में चार प्रतिशत की वृद्धि का सामना करना पड़ा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मांसाहारी थाली के मामले में ब्रॉयलर की कीमतों में पांच प्रतिशत की वृद्धि से भी नुकसान हुआ है। क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पुशन शर्मा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मौसमी बदलावों के कारण सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थाली की लागत क्रमिक रूप से बढ़ेगी। प्याज के मामले में, ताजा आवक के अभाव और रबी स्टॉक को नियंत्रित ढंग से बाजार में जारी किये जाने के कारण कीमतों में मामूली वृद्धि की उम्मीद है, जबकि टमाटर की गर्मियों में कमजोर बुवाई के कारण कीमतों में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि सालाना आधार पर तुलना करने पर शाकाहारी भोजन की कीमतों में आठ प्रतिशत की गिरावट आई है। मांसाहारी भोजन में सालाना आधार पर छह प्रतिशत की गिरावट आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह काफी हद तक जून, 2024 के उच्च आधार स्तर के कारण है। -
नई दिल्ली। दार्जिलिंग में मकाईबाड़ी चाय बागान के मालिक लक्ष्मी ग्रुप द्वारा ब्रिटेन के चाय ब्रांड का अधिग्रहण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी पहुंच बढ़ाने और ब्रांडेड पोर्टफोलियो का दायरा बढ़ाने में मददगार साबित होगा। पिछले सप्ताह लक्ष्मी ने ब्रू टी में बहुलांश हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की। फिल और एडेन किर्बी द्वारा मैनचेस्टर में स्थापित ब्रू टी कंपनी रोल्ड होल-लीफ चाय का उपयोग करने के लिए जानी जाती है। डिजिटल-फर्स्ट मॉडल के साथ, यह ब्रांड अब पूरे ब्रिटेन में लगभग 10,000 घरों तक पहुंच बना चुका है।
फिल और एडेन किर्बी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखेंगे और व्यवस्था के हिस्से के रूप में ब्रू टी कंपनी का नेतृत्व करना जारी रखेंगे, जबकि लक्ष्मी ग्रुप के पास 80 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। लक्ष्मी के लिए, ब्रू टी सौदा मुख्य रूप से, गुणवत्ता और ब्रांडिंग पर केंद्रित है। लक्ष्मी ग्रुप के प्रबंध निदेशक रुद्र चटर्जी कहते हैं कि ब्रू टी असम, दार्जिलिंग और अफ्रीकी पारंपरिक पत्ती वाली बेहतरीन चाय पेश करती है। इस साझेदारी का उद्देश्य डायरेक्ट फार्म-टु-कप मॉडल तैयार करना है। लक्ष्मी समूह का चाय बागानों में शानदार अनुभव है और वह असम, दार्जीलिंग और रवांडा में सालाना लगभग 3.5 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन होता है। - नई दिल्ली।भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। दिन के अंत में सेंसेक्स 270.01 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 83,712.51 और निफ्टी 61.20 अंक या 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,522.50 पर बंद हुआ।लार्ज कैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप लाल निशान में बंद हुएलार्ज कैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 100.30 अंक या 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,415.45 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 54.95 अंक या 0.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,895.20 पर बंद हुआ। सेक्टोरल आधार पर आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल्टी, एनर्जी, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा और कमोडिटी हरे निशान में बंद हुए, जबकि ऑटो, पीएसयू बैंक, फार्मा, एफएमसीजी और मेटल इंडेक्स पर दबाव देखा गया।सेंसेक्स पैक में कोटक महिंद्रा बैंक, इटरनल (जोमैटो), एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स, पावर ग्रिड, इंफोसिस और टेक महिंद्रा टॉप गेनर्स थेसेंसेक्स पैक में कोटक महिंद्रा बैंक, इटरनल (जोमैटो), एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, बीईएल, अदाणी पोर्ट्स, पावर ग्रिड, इंफोसिस और टेक महिंद्रा टॉप गेनर्स थे। टाइटन, ट्रेंट, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, एचयूएल, सन फार्मा, एचसीएल टेक और टाटा स्टील टॉप लूजर्स थे।भारतीय इक्विटी बाजार काफी हद तक सीमित दायरे में रहा, क्योंकि निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर निश्चित प्रगति की प्रतीक्षा कर रहे थेजियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि भारतीय इक्विटी बाजार काफी हद तक सीमित दायरे में रहा, क्योंकि निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर निश्चित प्रगति की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि संभावित सौदे को लेकर बाजार की धारणा आशावादी बनी हुई है, लेकिन औपचारिक पुष्टि की कमी ने नई खरीद गतिविधि को रोक दिया है।प्रमुख व्यापारिक भागीदारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करने की समय सीमा बढ़ाने के अमेरिकी निर्णय ने निवेशकों को अधिक रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया हैइसके अलावा उन्होंने आगे कहा, प्रमुख व्यापारिक भागीदारों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करने की समय सीमा बढ़ाने के अमेरिकी निर्णय ने निवेशकों को अधिक रक्षात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया है। जैसे-जैसे वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही का आय सीजन करीब आ रहा है, बाजार का ध्यान कॉर्पोरेट प्रदर्शन और प्रबंधन टिप्पणियों की ओर स्थानांतरित होने की उम्मीद है, जो संभवतः भविष्य के बाजार की गति को निर्देशित करेगा।” भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत सकारात्मक हुई थी। सुबह करीब 9.30 बजे, सेंसेक्स 91.57 अंक या 0.11 प्रतिशत बढ़कर 83,534.07 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 22.25 अंक या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 25,483.55 पर कारोबार कर रहा था।
- नई दिल्ली। अदाणी पावर लिमिटेड ने विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (VIPL) का अधिग्रहण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह अधिग्रहण 4,000 करोड़ रुपए में किया गया है। VIPL एक 2×300 मेगावॉट की कोयला आधारित थर्मल पावर प्रोजेक्ट है जो बुटीबोरी, नागपुर (महाराष्ट्र) में स्थित है। VIPL दिवालिया प्रक्रिया (CIRP) के तहत थी, जिसे इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत चलाया जा रहा था। अदाणी पावर की समाधान योजना को मुंबई NCLT ने 18 जून 2025 को मंजूरी दी थी। इसके बाद, यह योजना 7 जुलाई 2025 को लागू कर दी गई।इस अधिग्रहण के साथ अदाणी पावर की कुल उत्पादन क्षमता अब 18,150 मेगावॉट हो गई है। कंपनी अब बेस लोड पावर (लगातार बिजली सप्लाई) की क्षमता को बढ़ाने के लिए कई और प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है। इनमें 6 अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट्स (1,600 MW प्रत्येक) शामिल हैं जो मध्य प्रदेश (सिंगरौली-महान), छत्तीसगढ़ (रायपुर, रायगढ़, कोरबा), राजस्थान (कवाई) और उत्तर प्रदेश (मिर्जापुर) में बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, 1,320 मेगावॉट की एक और अधिग्रहित परियोजना कोरबा में भी फिर से शुरू की जा रही है। इन सभी योजनाओं के साथ कंपनी का लक्ष्य है कि वह 2030 तक कुल 30,670 मेगावॉट की क्षमता हासिल कर ले। अदाणी पावर के सीईओ एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “VIPL का अधिग्रहण अदाणी पावर की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत हम संकटग्रस्त परियोजनाओं को खरीदकर उन्हें फिर से मुनाफे में बदलते हैं। हमारा उद्देश्य देश के हर कोने तक भरोसेमंद और किफायती बिजली पहुंचाना है, ताकि भारत के ‘सभी के लिए बिजली’ के सपने को पूरा किया जा सके।”अदाणी पावर लिमिटेड (APL) अदाणी ग्रुप का हिस्सा है और भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट थर्मल पावर कंपनी है। कंपनी की पावर प्लांट्स गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में फैली हुई हैं। इसके अलावा, गुजरात में एक 40 मेगावॉट का सोलर पावर प्लांट भी ऑपरेट करती है।
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नयी दिल्ली। अरबपति उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाले समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने रविवार को 1,000 करोड़ रुपये के गैर परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) इश्यू की घोषणा की, जिसमें सालाना 9.30 प्रतिशत तक की प्रतिफल की पेशकश की गई है। कंपनी ने बयान में कहा कि यह निर्गम नौ जुलाई बुधवार को खुलेगा और 22 जुलाई को बंद होगा। यह सालाना 9.30 प्रतिशत तक का प्रभावी प्रतिफल प्रदान करता है।
यह अदाणी एंटरप्राइजेज का सुरक्षित, रेटेड, सूचीबद्ध विमोच्य, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (एनसीडी) का दूसरा सार्वजनिक निर्गम है। अदाणी समूह के समूह मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) जुगेशिंदर ‘रॉबी' सिंह ने कहा, “एईएल द्वारा एनसीडी का दूसरा सार्वजनिक इश्यू, समावेशी पूंजी बाजार विकास और दीर्घकालिक बुनियादी ढांचे के विकास में खुदरा भागीदारी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। यह नया निर्गम एईएल की पहली एनसीडी पेशकश के लिए बाजार की मजबूत प्रतिक्रिया के बाद आया है, जिसमें छह महीने के भीतर रेटिंग उन्नत करने के बाद ऋण निवेशकों के लिए पूंजीगत मूल्यवृद्धि देखी गई।” पिछले साल सितंबर में पेश 800 करोड़ रुपये के एईएल के पहले एनसीडी को पहले ही दिन पूरी तरह अभिदान मिल गया था। एईएल एकमात्र कॉरपोरेट (एनबीएफसी के बाहर) है जो खुदरा निवेशकों के लिए सूचीबद्ध ऋण उत्पाद पेश करती है। यह व्यक्तिगत और गैर-संस्थागत निवेशकों को भारत की बुनियादी ढांचे की वृद्धि गाथा में भाग लेने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करती है। इस निर्गम का आकार 500 करोड़ रुपये का है। इसमें 500 करोड़ रुपये का ग्रीन शू विकल्प भी है। इससे कुल मिलाकर निर्गम 1,000 करोड़ रुपये तक होगा। -
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को कहा कि चाहे कोविड महामारी हो या वैश्विक युद्ध जैसी परिस्थितियां, भारत में कभी भी पेट्रोलियम उत्पादों की कमी नहीं हुई। उन्होंने इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता को दिया। हरदीप पुरी ने बताया कि जब इजरायल ने ईरान पर हमला किया था और खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ा था, तब स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज (Hormuz) को बंद करने की धमकियां दी जा रही थीं। यही मार्ग विश्व के 20% तेल और गैस निर्यात का मुख्य रास्ता है। इसके बावजूद भारत में आपूर्ति बाधित नहीं हुई। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने तेल आपूर्तियों को विविध स्रोतों से सुनिश्चित किया है। अब हमारी अधिकांश आपूर्ति हॉर्मुज जलडमरूमध्य से होकर नहीं आती।”
भारत अपनी जरूरत का लगभग 85% कच्चा तेल आयात करता है। जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इससे देश का आयात बिल भी बढ़ता है और महंगाई दर में वृद्धि होती है, जिससे आर्थिक विकास प्रभावित होता है। लेकिन भारत ने अब रूस और अमेरिका से आयात बढ़ाकर तेल स्रोतों का विविधीकरण किया है और साथ ही रणनीतिक तेल भंडार बनाकर अपनी आपूर्ति को सुरक्षित किया है। केंद्रीय मंत्री पुरी ने बताया कि देश में अब 23 आधुनिक रिफाइनरियां कार्यरत हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 257 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष है। इसके अलावा सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए रणनीतिक पेट्रोलियम भंडारण सुविधाएं भी विकसित की हैं। पुडूर में 2.25 मिलियन मीट्रिक टन (MMT), विशाखापत्तनम में 1.33 MMT और मैंगलुरु में 1.5 MMT कच्चे तेल के भंडारण की क्षमता है।स्वच्छ ईंधनों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की एक बड़ी उपलब्धि ईथेनॉल मिश्रण (E20) है। हरदीप पुरी ने बताया कि भारत ने पेट्रोल में 20% ईथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य 2025 की शुरुआत में ही हासिल कर लिया है, जो कि मूल रूप से 2030 के लिए तय किया गया था। यह उपलब्धि छह साल पहले पूरी कर ली गई, जो भारत के हरित ईंधन की ओर बढ़ते कदमों को दर्शाती है।उन्होंने यह भी कहा कि ई20 ईंधन अब देशभर के सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के सभी रिटेल आउटलेट्स पर उपलब्ध है। इसके कारण भारत ने ₹1 लाख करोड़ से अधिक की बचत की है, ₹1.5 लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा की बचत की है, और यह राशि देश के किसानों को दी गई है। - नयी दिल्ली। रुपये पर किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर लगाने के लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा समेत कई नामों पर विचार किया गया था लेकिन सहमति महात्मा गांधी के नाम पर बनी थी। उसी आम सहमति का नतीजा है कि नोट पर गांधी की तस्वीर लंबे समय से बनी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कामकाज पर बने एक वृत्तचित्र में यह कहा गया है। आरबीआई ने अपने कामकाज और भूमिकाओं को लोगों के सामने लाने के लिए हाल में जारी वृत्तचित्र के जरिये यह भी बताया है कि वह प्रिंटिंग प्रेस से देश के हर कोने में रुपये को पहुंचाने के लिए ट्रेन, जलमार्ग, हवाई जहाज समेत बड़ी परिवहन प्रणालियों का उपयोग करता है। यह पहली बार है जब आरबीआई के कार्यों को वृत्तचित्र के रूप में लाया गया है।‘आरबीआई अनलॉक्ड: बियॉन्ड द रुपी' शीर्षक से जारी पांच भागों वाली यह श्रृंखला जियो हॉटस्टार के साथ मिलकर पेश की गयी है।इसमें कहा गया है, ‘‘बैंक नोट न केवल लेन-देन का साधन है, बल्कि देश की ताकत बयां करने के साथ संचार का प्रमुख जरिया भी है। आजादी से पहले ब्रिटिश भारत में रुपये पर उपनिवेशवाद और उससे जुड़े ऐतिहासिक और राजनीतिक संदर्भों का जिक्र होता था। इसमें वनस्पति और जीव-जन्तुओं (बाघ, हिरण) की तस्वीर होती थी...।'' रुपये पर ब्रिटिश साम्राज्य की भव्यता को ‘सजावटी हाथियों' और राजा के अलंकृत चित्रों के माध्यम से दर्शाया जाता था। आरबीआई के अनुसार, ‘‘लेकिन जब भारत आजाद हुआ, धीरे-धीरे रुपये में छपी तस्वीरों में भी बदलाव आया। शुरू में रुपये पर अशोक स्तंभ के शेर के प्रतीक चिन्ह, चर्चित स्थलों आदि का उपयोग हुआ। धीरे-धीरे भारत के विकास और प्रगति के साथ रुपये ने चित्रों के माध्यम से विकास की कहानी को बयां करना शुरू किया।'' देश में विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति और हरित क्रांति की उपलब्धियों को नोट पर आर्यभट्ट और खेती करते किसानों आदि की तस्वीरों के जरिये बखूबी उकेरा गया। केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘बाद में यह महसूस किया गया कि अगर बैंक नोट पर किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर हो तो उसे पहचानना आसान हो जाता है। नकली नोट का अगर डिजाइन ठीक नहीं है तो प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर से लोगों के लिए असली और नकली नोट की पहचान करना सरल हो जाता है।'' भारतीय संदर्भ में नोट के डिजाइन और सुरक्षा विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए कई ऐसी हस्तियां थी, जिनकी तस्वीर नोट पर आ सकती थी। इसके लिए रबीन्द्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा और अबुल कलाम आजाद समेत कई प्रसिद्ध लोगों पर विचार किया गया लेकिन अंतत: सहमति महात्मा गांधी पर बनी। आरबीआई के अनुसार, ‘‘उसी आम सहमति का नतीजा है कि लंबे समय से रुपये पर गांधी जी की तस्वीर लगी है...जब महात्मा गांधी श्रृंखला पर नोट पेश किये गये, यह पहली श्रृंखला थी जिसका डिजाइन पूरी तरह से केंद्रीय बैंक की टीम ने किया था।'' रिजर्व बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, पहली बार 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर 100 रुपये का स्मारक नोट जारी किया था। इसमें उनकी तस्वीर को सेवाग्राम आश्रम के साथ दिखाया गया था। उनकी तस्वीर नियमित रूप से रुपये पर 1987 से दिखाई देने लगी। उस वर्ष अक्टूबर में गांधी की तस्वीर के साथ 500 रुपये के नोट जारी किये गये। रिप्रोग्राफिक तकनीक के विकास के साथ, पारंपरिक सुरक्षा सुविधाएं अपर्याप्त मानी जाने लगीं। नई सुरक्षा विशेषताओं के साथ 1996 में एक नई 'महात्मा गांधी श्रृंखला' शुरू की गई। वृत्तचित्र में यह भी बताया गया है कि आरबीआई प्रिंटिंग प्रेस से अपने निर्गम कार्यालयों और वहां से करेंसी चेस्ट और बैंकों तथा देश के हर कोने में रुपये को पहुंचाने के लिए ट्रेन, जलमार्ग, हवाई जहाज समेत बड़ी परिवहन प्रणालियों का उपयोग करता है। रिजर्व बैंक के अनुसार, ‘‘यह केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारी है कि देश के हर कोने में नोट पहुंचे। भारत में जहां उत्तर में पहाड़ है, पश्चिम में रेगिस्तान है और कुछ स्थानों पर कानून व्यवस्था की भी समस्या है। ऐसे में हर जगह नोट पहुंचाने के लिए बड़ी परिवहन प्रणाली का उपयोग करना पड़ता है।'' केंद्रीय बैंक जहां लक्षद्वीप में रुपये-पैसे पहुंचाने के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल करता है वहीं नक्सल प्रभावित जिलों में हवाई जहाज और हेलिकॉप्टर का भी उपयोग करता है।
- नयी दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष राजीव मेमानी ने कहा है कि सरकार के 2047 तक ‘विकसित भारत' के सपने को पूरा करने के लिए भारत को सालाना 10 प्रतिशत की औसत मूल्यानुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर की जरूरत है। मूल्य के आधार पर या मूल्यानुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी देश में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है, जिसे वास्तविक जीडीपी के विपरीत, मुद्रास्फीति के समायोजन के बिना, वर्तमान बाजार मूल्यों का उपयोग करके मापा जाता है। मेमानी ने कहा, “भारत को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए औसतन लगभग 10 प्रतिशत की मूल्यानुसार वृद्धि की आवश्यकता होगी।” उद्योग मंडल सीआईआई के नवनियुक्त अध्यक्ष मेमानी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौता, जिसे शीघ्र ही अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है, ‘अनिश्चितता' के बादल को दूर करेगा तथा भारतीय कंपनियों को, विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों में, बड़े बाजार तक पहुंच प्रदान करेगा। सीआईआई अध्यक्ष ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौता प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अधिक संयुक्त उद्यमों और साझेदारी का भी रास्ता खोलेगा। उन्होंने कहा, “..तो मुझे लगता है कि सबसे पहले जो अनिश्चितता थी, मुझे लगता है कि वह दूर हो जाएगी। लोगों को भविष्य में क्या होगा, इसकी स्पष्ट दिशा मिलेगी, और मुझे लगता है कि इसका बहुत सकारात्मक प्रभाव होगा।” सीआईआई के अनुसार, मजबूत घरेलू मांग के कारण चालू वित्त वर्ष (2025-26) के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था के 6.4-6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण नकारात्मक जोखिम बना हुआ है। उन्होंने कहा, “आर्थिक रूप से हमारी स्थिति बहुत अच्छी है, चीजें बहुत स्थिर हैं।”मेमानी ने भारत की संभावनाओं के बारे में कहा, “हमारे संस्थान, चाहे वह पूंजी बाजार हो, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) हो, बैंक हों, अच्छी स्थिति में हैं। कॉरपोरेट बही-खाता मजबूत दिख रहा है।” रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखते हुए कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक अनिश्चितता की पृष्ठभूमि में मजबूती, स्थिरता और अवसर की तस्वीर पेश करती है। चालू वित्त वर्ष के वृद्धि अनुमानों की तुलना पिछले वित्त वर्ष ‘2024-25' में दर्ज 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर से की गई है।
- नयी दिल्ली,। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अपनी बढ़ती कारोबारी जरूरतों और विस्तार के लिए चालू वित्त वर्ष में करीब 50,000 कर्मचारियों की भर्ती करेंगे। विभिन्न बैंकों से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, कुल नई भर्तियों में से करीब 21,000 अधिकारी होंगे और बाकी लिपिक (क्लर्क) सहित अन्य कर्मचारी होंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से सबसे बड़ा ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) इस वित्त वर्ष में विशेषज्ञ अधिकारियों सहित करीब 20,000 लोगों की नियुक्त करने जा रहा है। इस प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए, एसबीआई ने देशभर में अपनी शाखाओं में ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पहले ही 505 प्रोबेशनरी ऑफिसर (पीओ) और 13,455 जूनियर एसोसिएट्स की भर्ती कर ली है। 13,455 जूनियर एसोसिएट्स की भर्ती 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रिक्तियों को भरने के इरादे से की गई है। मार्च, 2025 तक एसबीआई के कुल कर्मचारियों की संख्या 2,36,226 थी। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक बैंक में 1,15,066 अधिकारी कार्यरत थे। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए प्रति पूर्णकालिक कर्मचारी औसत भर्ती लागत 40,440.59 रुपये थी। एसबीआई से हर साल दो प्रतिशत से कम कर्मचारी नौकरी छोड़ते हैं।देश का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का ऋणदाता पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) चालू वित्त वर्ष में अपने कर्मचारियों की संख्या में 5,500 से अधिक की वृद्धि का लक्ष्य लेकर चल रहा है। मार्च, 2025 तक पीएनबी के कर्मचारियों की कुल संख्या 1,02,746 थी। एक अन्य सरकारी बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 4,000 कर्मचारियों की भर्ती करने की योजना बना रहा है। इस बीच, वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से कहा है कि वे परिचालन को और बढ़ाने के बाद अपनी अनुषंगी कंपनियों में अपने निवेश का शेयर बाजारों में सूचीबद्धता के जरिये मौद्रीकरण करें, ताकि उन्हें अच्छा प्रतिफल मिल सके। सूत्रों ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की करीब 15 अनुषंगी कंपनियां या संयुक्त उद्यम मध्यम से लंबी अवधि में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) या विनिवेश के लिए तैयार हैं। सूत्रों ने बताया कि जहां भी जरूरत हो, बैंकों को अपनी अनुषंगी कंपनियों या संयुक्त उद्यमों के परिचालन को बढ़ाने के लिए धन का निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंक सही समय पर इस मूल्य को निकालने पर विचार कर सकते हैं।
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नयी दिल्ली. नवीन ऊर्जा और कृत्रिम मेधा (एआई) बुनियादी ढांचे में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के निवेश से कंपनी के बाजार मूल्य में अनुमानित 50 अरब डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है। वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। अरबपति मुकेश अंबानी द्वारा संचालित तेल से लेकर दूरसंचार और खुदरा क्षेत्र की यह कंपनी मूल्य सृजन के अपने अगले चरण के लिए कमर कस रही है। वर्तमान में 240 अरब डॉलर से अधिक मूल्य की रिलायंस की भविष्य की वृद्धि इसके विविध कार्यक्षेत्रों, विशेष रूप से नवीन ऊर्जा और एआई के विस्तार पर निर्भर करती है। सृजन से जुड़ी (जेन) एआई रिलायंस के लिए अगला मोर्चा है क्योंकि यह जामनगर ऊर्जा परिसर को अपने ऊर्जा उत्पादन का मौद्रिकरण करने के लिए फिर से तैयार कर रहा है, जो जनरल एआई रैंप के लिए वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख बाधा है। मॉर्गन स्टेनली ने रिपोर्ट में कहा, “हम नई ऊर्जा क्षेत्र से 60 अरब डॉलर तक के मूल्य सृजन की संभावना देखते हैं, क्योंकि रिलायंस रसायनों, डेटा केंद्रों और रिफाइनरियों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करती है।” रिलायंस ने कहा कि उसका नया ऊर्जा कारोबार ‘पहले की तुलना में कहीं अधिक महत्वाकांक्षी, कहीं अधिक परिवर्तनकारी तथा कहीं अधिक वैश्विक दायरे वाला है।' रिलायंस जामनगर में जनरल एआई बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रही है जिसे दो साल में तैयार करने की योजना है। इसने एक गीगावाट डेटा सेंटर क्षमता को बिजली देने की योजना की भी घोषणा की है जो एनवीडिया के ब्लैकवेल चिप्स का उपयोग करेगी।
- नई दिल्ली। महिंद्रा जुलाई 2025 के अंत से अपने बीई 6 और एक्सईवी 9 ई इलेक्ट्रिक एसयूवी के पैक टू वेरिएंट की डिलिवरी शुरू करेगी। अपडेट किए गए मॉडल अब दो बैटरी विकल्पों- 59 केडब्ल्यूएच और एक नए 79 केडब्ल्यूएच पैक के साथ उपलब्ध हैं, जो क्रमशः 400 किलोमीटर और 500 किलोमीटर की रेंज प्रदान करते हैं। बीई 6 पैक टू की कीमत 59 केडब्ल्यूएच वेरिएंट में 21 लाख 90 हजार रुपये और 79 केडब्ल्यूएच वर्सन के लिए साढ़े 23 लाख रुपये है। वहीं एक्सईवी 9 ई की कीमत 24 लाख 90 हजार रुपये और साढ़े 26 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) है। कीमतों में चार्जर और इंस्टॉलेशन लागत शामिल नहीं है, ग्राहक अतिरिक्त खर्च करके 7.2 केडब्ल्यू या 11.2 केडब्ल्यू चार्जर का चयन कर सकते हैं। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार मई 2025 में इलेक्ट्रिक यात्री वाहन बाजार में महिंद्रा की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 21.4 प्रतिशत हो गई।पहले से ही पुराने वेरिएंट बुक कर चुके ग्राहकों के पास 79 केडब्ल्यू एच बैटरी वाले वर्जन में अपग्रेड करने का विकल्प होगा। दोनों मॉडल फास्ट डीसी चार्जिंग को सपोर्ट करते हैं।महिंद्रा की ‘इलेक्ट्रिक ओरिजिन’ रेंज (जिसमें बीई 6 और एक्सईवी 9ई शामिल हैं) लगातार बिक्री दर्ज कर रही है। कंपनी के अनुसार हर 10 मिनट में एक महिंद्रा इलेक्ट्रिक एसयूवी बिकती है।बीई 6 और एक्सईवी 9ई पैक टू वैरिएंट में लेवल 2 एडीएएस,ऑल-व्हील डिस्क ब्रेक, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, छह एयरबैग और हाई-स्टिफनेस बॉडीशेल शामिल हैं। केबिन की विशेषताओं में डॉल्बी एटमॉस के साथ 16-स्पीकर हरमन कार्डन साउंड सिस्टम, डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस एंड्रॉइड ऑटो और ऐपल कारप्ले तथा वायरलेस चार्जिंग शामिल हैं।एक्सईवी 9ई में कोस्ट-टू-कोस्ट ट्रिपल-स्क्रीन डैशबोर्ड है, जबकि बीई 6 में डिजिटल कॉकपिट है। महिंद्रा का ईवी पोर्टफोलियो पूरे भारत में 300 से अधिक स्थानों को कवर करने वाले सर्विस नेटवर्क द्वारा समर्थित है।
- नई दिल्ली। भारत वित्त वर्ष 2025-26 में 1.15 बिलियन टन का रिकॉर्ड कोयला उत्पादन हासिल करने की राह पर है। यह जानकारी शनिवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई। केयरएज रेटिंग्स द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, देश का घरेलू कोयला उत्पादन वित्त वर्ष 2025 में 1,047.6 मिलियन टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया, जो पिछले पांच वर्षों में 10 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि कोयला खनन को अधिक कुशल और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से नीतिगत सुधारों की एक सीरीज के तहत देखी जा रही है।सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, माइन डेवलपर और ऑपरेटर (एमडीओ) मॉडल, कोयला खनन में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति और कोयला ब्लॉकों की नियमित नीलामी जैसी प्रमुख सरकारी पहलों ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद की है। खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन ने भी नियामक बाधाओं को दूर करने और प्राइवेट प्लेयर्स को आकर्षित करने में प्रमुख भूमिका निभाई है।कोयला उत्पादन में वृद्धि बिजली क्षेत्र की बढ़ती मांग के कारण हुई है, जिसका वित्त वर्ष 2025 में कुल कोल डिस्पैच में 82 प्रतिशत हिस्सा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योगों, घरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की बढ़ती जरूरतों के कारण भारत की कुल कोयला खपत वित्त वर्ष 2021 में 922.2 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 1,270 मिलियन टन हो गई।कुल खपत में घरेलू कोयले की हिस्सेदारी भी बढ़ गई है, जो कि वित्त वर्ष 2021 में 77.7 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 82.5 प्रतिशत हो गई। आत्मनिर्भरता की ओर इस बदलाव को जनवरी तक 184 कोयला खदानों के आवंटन से समर्थन मिला है, जिनमें से 65 ब्लॉकों में उत्पादन शुरू हो चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है, “इन सक्रिय खदानों ने वित्त वर्ष 2025 में लगभग 136.59 मिलियन टन उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करता है।” सबसे बड़े कोयला उत्पादक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने वित्त वर्ष 25 में कुल उत्पादन में लगभग 74 प्रतिशत का योगदान दिया। प्राइवेट और कैप्टिव माइनर्स ने भी बेहतर प्रदर्शन किया। मार्च में शुरू की गई कोयला ब्लॉक नीलामी के 12वें दौर में घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए 28 और खदानों की पेशकश की गई। इस बीच, बेहतर सप्लाई स्थितियों और सहायक सरकारी नीतियों के कारण कोयले की कीमतों में लगातार गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, यह ट्रेंड वित्त वर्ष 2026 में जारी रहने की उम्मीद है, जिससे उद्योगों के लिए कोयला अधिक किफायती हो जाएगा।