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- -छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हुए शामिल-नेशनल एआरटी एवं सरोगेसी बोर्ड के 4 सदस्य राज्यों में शामिल है छत्तीसगढ़रायपुर।, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा जी की अध्यक्षता में नेशनल एआरटी ऐंड सेरोगेसी एक्ट 2021 के तहत छठवें नेशनल एआरटी ऐंड सेरोगेसी बोर्ड की बैठक हाइब्रिड मोड में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं बोर्ड के सदस्य राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बोर्ड के सदस्य के रूप में छत्तीसगढ़ , चंडीगढ़, तमिलनाडु एवं तेलगांना राज्य शामिल हैं। छत्तीसगढ़ राज्य की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया तथा आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ प्रियंका शुक्ला बैठक में उपस्थित रहे।बोर्ड की बैठक में तीन अहम मुद्दों को सर्व सहमति से पारित किया गया। इसके तहत देश के अंदर या बाहर भ्रूण/युग्मक के अंतरण के अनुमति हेतु 884 मामलों के प्रकरणों को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही भारतीय मूल के दंपत्ति (ओसीआई) के 14 मामलों में अधिनियम के तहत सरोगसी हेतु स्वीकृति दी गई। एक अन्य मामले में एक केंद्र से दूसरे केंद्र में क्रायोप्रिजर्व के सामूहिक हस्तांतरण (केंद्र के बंद होने के कारण) के तीन प्रकरणों में स्वीकृति दी गई।स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बैठक में एक अहम सुझाव देते सरोगेसी के लिए अधिनियम में निर्धारित उम्र सीमा पर पुर्नविचार कर एक्ट में संशोधन किये जाने की बात कही, इसके लिये केंद्रीय मंत्री श्री जेपी नड्डा ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल की सराहना की गई।बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा ने एआरटी एवं सेरोगेसी एक्ट को मानवता के विकास के कदम में एक आवश्यक कदम बताया। उन्होंने बैठक में कहा कि आज जो एजेंडा पारित हुए हैं उससे समाज को लाभ मिलेगा।
- -मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहलरायपुर 1 मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विशेष पहल से जशपुर जिले के कोतबा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अब 50 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नयन और वहाँ आवश्यक अधोसंरचना निर्माण के लिए 4 करोड़ 37 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। इस राशि से भवन निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।कोतबा क्षेत्र के लिए यह एक बड़ी सौगात है। इससे पूर्व जशपुर जिले को 220 बिस्तर वाले आधुनिक अस्पताल की स्वीकृति मिल चुकी है, जो जिले की स्वास्थ्य सुविधा को एक नई मजबूती देगा। वहीं कुनकुरी विकास खंड के ग्राम गिना बहार में 8 करोड़ की लागत से 50 बिस्तरीय मातृत्व और शिशु अस्पताल बनाने की भी स्वीकृत दी जा चुकी है। जिससे मां और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।कोतबा समेत आस-पास के ग्रामीण अंचलों के ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की इससे कोतबा क्षेत्र के लोगों को इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर सौगातें मिल रही हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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दुर्ग,/ जिले में 1 जून 2025 से 18 जुलाई 2025 तक 343.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सार्वाधिक वर्षा 439.8 मिमी अहिवारा तहसील में तथा न्यूनतम 272.0 मिमी. तहसील बोरी में दर्ज की गई है। इसके अलावा तहसील धमधा में 279.0 मिमी, तहसील पाटन में 422.7 मिमी, तहसील भिलाई-3 में 296.6 मिमी और तहसील दुर्ग में 349.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। 18 जुलाई को तहसील दुर्ग में 15.3 मिमी, तहसील धमधा में 2.1 मिमी, तहसील पाटन में 1.4 मिमी, तहसील बोरी में 12.0 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 2.4 मिमी और तहसील अहिवारा में 45.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
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दुर्ग/ कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने जिले में प्रशासनिक व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पूर्व में जारी आदेशों में आंशिक संशोधन कर जिले अंतर्गत तहसीलदार/नायब तहसीलदारों के कार्यक्षेत्रों में बदलाव किया है। जिसके अनुसार तहसीलदार श्री तार सिंह खरे को तहसील कार्यालय धमधा से तहसील कार्यालय बोरी में, तहसीलदार श्रीमती मीना साहू को तहसील कार्यालय पाटन से धमधा में, तहसीलदार श्री रवि विश्वकर्मा को तहसील कार्यालय बोरी से भिलाई-3 में तथा तहसीलदार श्री पवन ठाकुर को तहसील कार्यालय भिलाई-3 से पाटन में पदस्थ किया गया हैं। इसी प्रकार ना. तहसीलदार श्री धर्मेश श्रीवास्तव तहसील कार्यालय बोरी से पाटन में, ना. तहसीलदार श्री रमाकांत पटेल को तहसील कार्यालय पाटन से बोरी में, ना. तहसीलदार श्री चंद्रशेखर कंवर (परि.) को तहसील कार्यालय भिलाई-3 से अहिवारा में तथा नायब तहसीलदार श्री कुंदनलाल शर्मा को तहसील कार्यालय अहिवारा से भिलाई-3 में पदस्थ किया गया हैं। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।
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दुर्ग/ विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर शासकीय हाई स्कूल, कृष्णा नगर, सुपेला में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ“ योजना के अंतर्गत एक दिवसीय कैरियर काउंसलिंग कार्यशाला का आयोजन 17 जुलाई को किया गया। यह कार्यक्रम जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री आर. के. जाम्बुलकर एवं जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री अजय साहू के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यशाला के माध्यम से किशोरी बालिकाओं को कैरियर के प्रति जागरूक करना, लक्ष्य निर्धारण में सहयोग देना एवं विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में रोजगार कार्यालय एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र उपसंचालक श्री वी. के. केडिया ने किशोरी बालिकाओं को लक्ष्य निर्धारण, रोजगार के प्रकार, सही कैरियर के चुनाव की महत्ता एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कब व कैसे की जानी चाहिए, के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी। श्री चिरंजीवी जैन, पेरेंटिंग एक्सपर्ट ने करियर निर्माण में माता-पिता की भूमिका तथा आत्मविश्वास के महत्व पर बल दिया। वहीं परियोजना समन्वयक श्री चन्द्रप्रकाश पटेल चाइल्ड लाइन ने चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181, किशोरी सुरक्षा तथा पॉक्सो एक्ट की जानकारी देकर बालिकाओं को जागरूक किया।महिला सशक्तिकरण केंद्र की टीम द्वारा ’बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं’ योजना के तहत बालिकाओं को शिक्षित कर उन्हें समाज में सम्मान दिलाना, सामाजिक परिवर्तन के माध्यम से लिंगानुपात में सुधार, महतारी वंदन योजना, नोनी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बालिकाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा को प्रोत्साहन करना व भविष्य की शिक्षा और विकास के संबंध में जानकारी दी। साथ ही सखी वन स्टॉप सेंटर की सेवाओं के माध्यम से संकट में फंसी महिलाओं को एक ही छत के नीचे सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की जानकारी दी गई। इस अवसर पर शाला की प्राचार्या श्रीमती शिखा तिवारी, समस्त शिक्षकगण एवं महिला सशक्तिकरण केन्द्र (हब) से श्रीमती विनिता गुप्ता (जिला मिशन समन्वयक), श्री लक्ष्मीकांत यादव (जेंडर विशेषज्ञ), शिल्पी उपाध्याय (वित्तीय साक्षरता एवं समन्वयक विशेषज्ञ), एकीकृत बाल संरक्षण इकाई से श्रीमती लोकगणी साहू (सामाजिक कार्यकर्ता), सखी वन स्टॉप सेंटर से श्रीमती असंती साहू (केन्द्र प्रशासक) एवं श्रीमती कविता डोरले (परामर्शदाता) की उपस्थित रहें। - रायपुर /मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय कल 19 जुलाई को नवा रायपुर, अटल नगर के सेक्टर-5 में एस्पायर फार्मास्युटिकल के अत्याधुनिक इकाई का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह करेंगे।छत्तीसगढ़ को औद्योगिक और चिकित्सा नवाचार का हब बनाने की दिशा में एस्पायर फार्मास्यूटिकल इकाई का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ‘मेक इन छत्तीसगढ़’ अभियान का हिस्सा है। यह संस्थान अनुसंधान, विकास और निर्यात के लिए भविष्य में छत्तीसगढ़ का केंद्र बनेगा। यह हाई-टेक फार्मा इकाई न केवल नवीनतम तकनीकों से सुसज्जित है, बल्कि यह राज्य के औद्योगिक एवं स्वास्थ्य क्षेत्र को भी एक नई दिशा देगी। यह यूनिट फार्मास्युटिकल्स निर्माण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाएगी और राज्य को वैश्विक औषधि मानचित्र पर स्थापित करने में मदद करेगी। यह इकाई अत्याधुनिक और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित तथा स्वचालित और पर्यावरण-संवेदनशील उत्पादन इकाई हैै। इस इकाई में लगभग 100 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है।कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल अति विशिष्ट अतिथि, उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल और सांसद श्री विजय बघेल, विधायक सर्वश्री किरण सिंह देव, अजय चन्द्राकर, राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, पुरन्दर मिश्रा, सुनील सोनी, मोतीलाल साहू, इंद्र कुमार साहू, गुरू खुशवंत साहेब, अनुज शर्मा, ललित चन्द्राकर, गजेन्द्र यादव, रिकेश सेन, संतप अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।इसी प्रकार कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन के चेयरमैन श्री दीपक महस्के, छत्तीसगढ़ अधोसंरचना एवं विकास निगम के चेयरमैन श्री राजीव अग्रवाल, छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के चेयरमैन श्री संजय श्रीवास्तव, महापौर दुर्ग श्रीमती अलका बाघमार, महापौर धमतरी श्री रामू रोहरा, अपैक्स बैंक के अध्यक्ष श्री केदार नाथ गुप्ता, क्रेडा के चेयरमैन श्री भूपेन्द्र सवन्नी, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, छत्तीसगढ़ अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री अनुराग सिंह देव एवं सिडबी के महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार विजयवर्गीय विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
- -थैलेसीमिया पीड़ित 30 बच्चों को मुफ्त जांच और उपचार, जगी नई उम्मीद-श्री योगेश यादव 'प्रोजेक्ट जीवन' के तहत अपने बच्चे का करा रहे निःशुल्क ईलाज, मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभाररायपुर // जिला अस्पताल पंडरी में आज थैलेसीमिया से जूझ रहे मासूम बच्चों के लिए 'प्रोजेक्ट जीवन' के अंतर्गत निशुल्क परामर्श और उपचार हेतु विशेष शिविर का सफल आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस शिविर का उद्देश्य उन बच्चों को राहत देना है, जो थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी के कारण लगातार रक्त चढ़वाने को विवश हैं। शिविर के माध्यम से ऐसे बच्चों को मुफ्त इलाज और बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा देकर एक बेहतर और स्वस्थ जीवन देने की पहल की गई।शिविर में देश के प्रतिष्ठित अस्पताल फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम से अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. विकास दुआ और रक्त विकार विशेषज्ञ व ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. परमिंदर पाल सिंह ने अपनी विशेषज्ञ सेवाएं दीं। शिविर में 12 वर्ष से कम आयु के थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का निशुल्क परीक्षण, परामर्श और उपचार किया गया। मरीजों और उनके परिजनों को थैलेसीमिया की रोकथाम, लक्षण और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।इस शिविर की सबसे महत्वपूर्ण पहल रही निशुल्क HLA जांच, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर बोन मैरो ट्रांसप्लांट की संभावना का पता लगाया जाएगा। जिन बच्चों की जांच में उपयुक्त मैच पाया जाएगा, उनका बोन मैरो ट्रांसप्लांट शासन की ओर से पूरी तरह नि:शुल्क कराया जाएगा। शिविर में कुल 30 मरीजों ने भाग लिया और 40 से अधिक HLA सैंपल जांच हेतु एकत्रित किए गए। इस अवसर पर परिजनों को आगे के उपचार और देखभाल से जुड़ी जरूरी जानकारी भी दी गई।शिविर के आयोजन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी, सिविल सर्जन डॉ. संतोष भंडारी, प्रोजेक्ट जीवन की नोडल अधिकारी डॉ. श्वेता सोनवानी, कंसल्टेंट मिथलेश सोनबेर, डॉ. राखी चौहान और जिला अस्पताल के अन्य स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल रहे। फील्ड स्तर से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को शिविर स्थल तक पहुँचाने में RBSK टीम का विशेष योगदान रहा।सेवा दे रहे डॉक्टरों और विशेषज्ञों का सम्मान करते हुए कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने स्मृति चिन्ह भेंट किया और कहा कि शासन की यह योजना उन परिवारों के लिए संजीवनी का काम करेगी, जो अपने बच्चों का बार-बार ब्लड ट्रांस्फयूजन कराने को विवश हैं। उन्होंने आम जनता से अपील की कि यदि किसी भी बच्चे में थैलेसीमिया के लक्षण दिखें तो उसे तुरंत जांच और उपचार के लिए आगे लाएं।प्रोजेक्ट जीवन के तहत आयोजित यह शिविर बच्चों और उनके परिजनों के लिए आशा की नई किरण बनकर सामने आया है। इससे न केवल उनके इलाज का रास्ता खुला है, बल्कि भविष्य में थैलेसीमिया की रोकथाम और इसके प्रति जागरूकता फैलाने में भी ज़िला प्रशासन की यह मुहिम अहम भूमिका निभाएगी।"उरला बिरगांव से अपनी बिटिया के साथ आई एक महिला ने बताया –"मेरे बच्चे को माइनर थैलेसीमिया है, जिसका इलाज हम प्राइवेट अस्पताल में करवा रहे थे। वहां इलाज में काफी खर्च हो गया। जब हमें पता चला कि जिला अस्पताल में थैलेसीमिया के लिए शिविर लग रहा है और यहाँ बच्चों का फ्री में इलाज व परामर्श मिल रहा है, तो हम तुरंत यहाँ आए। मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का धन्यवाद करती हूं, जिन्होंने ऐसा शिविर लगवाया और हम जैसे परिवारों को भी उम्मीद दी कि हमारे बच्चों को स्वस्थ रखा जा सकेगा।""बलरामपुर निवासी श्री योगेश यादव ने बताया –"मैं बलरामपुर से अपने बच्चे को लेकर रायपुर जिला अस्पताल आया हूं। यहां प्रोजेक्ट जीवन के तहत थैलेसीमिया का मुफ्त इलाज हो रहा है। प्राइवेट अस्पतालों में डॉक्टरों ने बताया था कि इलाज में 20 से 22 लाख रुपये लगते हैं। लेकिन रायपुर ज़िला प्रशासन इस इलाज को पूरी तरह निःशुल्क करा रही है। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री श्री साय जी का आभार व्यक्त करता हूं।
- -राज्य में प्रवेश वर्ष 2025 के लिए काउंसलिंग में नए नियमों की घोषणा-पूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की होगी बॉन्ड सेवा अवधि-ईडब्ल्यूएस श्रेणी की रिक्त सीटें अब सामान्य वर्ग को होगी आबंटितरायपुर /राज्य में चिकित्सा शिक्षा को प्रोत्साहित करने और योग्य चिकित्सकों की नई पीढ़ी के लिए सरल, पारदर्शी एवं सुगम मार्ग सुनिश्चित करने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी पहल पर स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए छात्रहित में महत्वपूर्ण नए नियम बनाए गए हैं। ये निर्णय चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में देखे जा रहे हैं। चिकित्सा स्नातक (एम.बी.बी.एस., बी.डी.एस. एवं बी.पी.टी.) पाठ्यक्रमों में काउंसलिंग के लिए शासन द्वारा नवीन नियम संशोधन किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार इस वर्ष से काउंसलिंग प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को अधिक सुविधा एवं पारदर्शिता मिलेगी।प्राथमिकता में संशोधननिजी चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रबंधन कोटा एवं एनआरआई कोटा में आरक्षित वर्गों (SC, ST, OBC) की रिक्त सीटों के आवंटन में छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।बॉन्ड सेवा अवधि में छूटपूर्व निर्धारित 2 वर्षों के स्थान पर अब न्यूनतम 1 वर्ष की बॉन्ड सेवा अवधि अनिवार्य की गई है।काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्णतः ऑनलाइनसमस्त काउंसलिंग प्रक्रिया अब पूर्ण रूप से ऑनलाइन होगी। सीट आबंटन एवं प्रवेश की सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से संपन्न की जाएगी।ओबीसी श्रेणी हेतु आय प्रमाण पत्र में सरलताओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए प्रमाण-पत्र संबंधित मापदंडों को सरल किया गया है।ईडब्ल्यूएस श्रेणी की रिक्त सीटें अब सामान्य वर्ग कोयदि ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें रिक्त रहती हैं तो उन्हें अब अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवंटित किया जाएगा।प्रत्येक चरण में पंजीयन की सुविधाकाउंसलिंग के प्रत्येक राउंड में पंजीयन की सुविधा उपलब्ध रहेगी।चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन नए नियमों के अनुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया दिनांक 30 जुलाई 2025 से प्रारंभ होगी। यह निर्णय राज्य के चिकित्सा विद्यार्थियों को अधिक अवसर प्रदान करने तथा प्रक्रिया को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- -राज्य की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदमरायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य की आर्थिक स्थिरता और सतत विकास को सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड विधेयक 2025 को सर्वसम्मति से पारित किया गया। यह विधेयक राज्य के वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी द्वारा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने विधेयक के उद्देश्यों, प्रावधानों और इससे होने वाले लाभों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।वित्त मंत्री श्री चौधरी ने विधेयक प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत 2047 संकल्प के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ अंजोर विजन 2047 दस्तावेज तैयार किया है, जिसके अंतर्गत राज्य को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है। इसी कड़ी में राज्य की वित्तीय दीर्घकालिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह विशेष फंड स्थापित किया जा रहा है।वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य में खनिज संसाधनों से होने वाली आय में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्ष 2001-02 से 2024-25 के दौरान खनिज राजस्व में 30 गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं पूंजीगत व्यय में भी लगभग 43 गुना की वृद्धि हुई है। वर्ष 2024-25 में पूंजीगत व्यय में पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत तथा वर्ष 2023-24 में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय से अर्थव्यवस्था को मल्टीप्लायर इफेक्ट मिलता है, जिससे एक रुपये के निवेश से अर्थव्यवस्था को तात्कालिक रूप से 2.45 रूपए और दीर्घकाल में 3.14 रूपए का लाभ मिलता है। इसी दृष्टिकोण से यह फंड राज्य के पूंजीगत व्यय को सुदृढ़ करने सहायक होगा।फंड के प्रमुख प्रावधान और लाभवित्त मंत्री ने बताया कि यह फंड खनिज संसाधनों से प्राप्त वार्षिक राजस्व का न्यूनतम 1 प्रतिशत और अधिकतम 5 प्रतिशत तक निवेश की व्यवस्था करेगा। फंड से प्राप्त लाभांश को पुनः फंड में निवेश किया जाएगा। इस फंड का उपयोग केवल पूंजीगत व्यय के लिए ही किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में ही मूल राशि से आहरण किया जा सकेगा, वह भी एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत तक। फंड की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत नियम बनाए जाएंगे, जिनमें फंड प्रबंधन, निवेश प्रक्रिया और अनुमति योग्य निवेश साधनों का स्पष्ट निर्धारण किया जाएगा।राज्य के लिए ऐतिहासिक पहलश्री ओपी चौधरी ने कहा कि ऐसा फंड बनाने वाला छत्तीसगढ़ संभवतः देश का पहला राज्य है। मुख्य बजट 2025-26 में इस फंड के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा जिला खनिज न्यास निधि का भी व्यापक उपयोग किया जा रहा है, जिसके माध्यम से दंतेवाड़ा में मेडिकल कॉलेज समेत कई जिलों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।
- रायपुर / रायपुर जिला प्रशासन द्वारा जीवन रक्षक उपायों के प्रति जागरूकता और तत्परता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से “प्रोजेक्ट सुरक्षा” के अंतर्गत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में कलेक्ट्रेट परिसर स्थित बीपीओ सेंटर, मल्टीलेवल पार्किंग भवन में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला स्तरीय अधिकारियों को आपातकालीन प्राथमिक उपचार, CPR और बचाव तकनीकों की जानकारी दी जा रही है।यह प्रशिक्षण रेडक्रॉस के सहयोग और छत्तीसगढ़ कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तकनीकी मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है।प्रशिक्षण के दौरान छत्तीसगढ़ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की टीम द्वारा CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) की तकनीक का लाइव डेमोंस्ट्रेशन दिया जा रहा है। विशेषज्ञों ने बताया कि किसी व्यक्ति के बेहोश होने पर तुरंत जांच करनी चाहिए कि उसकी सांसें चल रही हैं या नहीं। प्रतिक्रिया न मिलने पर एम्बुलेंस को कॉल कर सहायता आने तक मरीज को पीठ के बल लिटाकर 30 कम्प्रेशन और 2 रेस्क्यू ब्रीथ्स की प्रक्रिया 5 बार अपनाई जानी चाहिए। इसके अलावा खून बहना, कुत्ते के कांटने, सर्पदंश, जल जाने इत्यादि दुर्घटनाओं में दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
- -नवा रायपुर में 45 करोड़ रूपए की लागत से बन रहा है आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित संग्रहालय-आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का किया जा रहा है जीवंत प्रदर्शनरायपुर। आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने आज नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के समीप बन रहे आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर आधारित शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय प्रदेश का पहला संग्रहालय है, जो छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के अदम्य शौर्य एवं बलिदान को समर्पित है। इसके निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। संग्रहालय का निर्माण 30 सितंबर तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।उन्होंने समीक्षा के दौरान इसके सभी गैलरियों में और बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सुझाव दिए और समय-सीमा में कार्य संपन्न करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संग्रहालय के निर्माण में लगने वाली प्रत्येक सामग्री उच्च गुणवत्तायुक्त एवं मानकीकृत हो। उन्होंने मध्यप्रदेश, ओडीशा एवं झारखंड राज्य में निर्मित संग्रहालयों का भी अवलोकन कर इसकी विशेषताओं का अध्ययन करने को कहा। जिससे इस संग्रहालय में सभी आधारभूत विषयों एवं ऐतिहासिक तथ्यों विशेष रूप से ध्यान दिया जा सके।उल्लेखनीय है कि शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे- हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है। बैठक में टीआरटीआई के संचालक श्री जगदीश कुमार सोनकर, उपसचिव श्री बी.के.राजपूत, उपायुक्त श्रीमती गायत्री नेताम, कार्यपालन यंत्री श्री त्रिदीप चक्रवर्ती, सहित इंजीनियर्स एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
- -एक साथ मिलेंगे ग्रामीण स्तर के सभी अधिकारी-कलेक्टर ने किसानों से की बीमा कराने की अपीलबिलासपुर /किसानों को फसल बीमा कराने की सुविधा प्रदान करने के लिए उनके आसपास मौजूद सहकारी समितियों में विशेष शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने बीमा योजना की कल हुई समीक्षा में कम प्रगति को ध्यान में रखते हुए आगामी 31 जुलाई तक सभी समितियों में अलग-अलग तिथियांेे में शिविर आयोजन के निर्देश दिए थे। इन शिविरों में बीमा के लिए जरूरी सभी दस्तावेज उन्हें एक साथ मुहैया होगा। ग्रामीण स्तर के पटवारी, आरएईओ, समिति प्रबंधक यथा संभव बीमा कंपनी के प्रतिनिधि भी उपस्थित होंगे। कलेक्टर ने दूरगामी हित को देखते हुए सभी किसानों से बीमा करा लेने की अपील की है। उन्होंने सभी अधिकारियों को हर संभव अपील करने के निर्देश भी दिए है।इस योजना के तहत सेवा सहकारी समितियों के अंतर्गत आने वाले सभी ग्रामों के ऋणी और अऋणी किसानों को शत-प्रतिशत बीमा कवरेज में शामिल किया जाना अनिवार्य किया गया है। संयुक्त शिविरों के माध्यम से किसानों का बीमा पंजीयन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रत्येक शिविर के लिए ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी को प्रभारी अधिकारी, संबंधित पटवारी को सहायक अधिकारी, सेवा सहकारी समिति के संस्था प्रबंधक को तकनीकी सहायक के रूप में नियुक्त किया गया है। साथ ही जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के ब्रांच मैनेजर एवं सुपरवाइजर को नोडल अधिकारी बनाया गया है। संबंधित विकासखंडों के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं कृषि विकास अधिकारी को मूल्यांकन अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है।19 जुलाई को तखतपुर विकासखण्ड के सोसायटी सिंघनपुरी, विजयपुर, घुरू, सकरी, बिल्हा के सेंवार, बिल्हा, दगोरी, लखराम, कोटा ब्लॉक के करगीखुर्द, नवागांव सल्का, मस्तूरी के धु्रवाकारी, मस्तूरी, कुकदा में इसी प्रकार मस्तूरी के निरतू में 20 जुलाई को निरतू में शिविर का आयोजन किया जाएगा। 21 जुलाई को तखतपुर के जूनापारा, पाली, लाखासार, छतौना, बिल्हा के बरतोरी, बोड़सरा, पौसरी, कोटा के धूमा, मस्तूरी के मल्हार, किरारी, गतौरा में शिविर लगाये जाएंगे।फसल बीमा के लिए अनिवार्य दस्तावेज -बीमा का कार्य किसी बैंक के अलावा किसी भी सीएससी से कराया जा सकता है। इसके लिए संबंधित किसान को अपना नवीनतम आधार कार्ड, नवीनतम भूमि प्रमाण पत्र बी वन एवं पी टू, बैंक पास बुक की छाया प्रति, फसल बोआई प्रमाण पत्र अथवा स्व घोषणा पत्र, किसान का वैध मोबाईल नम्बर, बटाईदार/काश्तकार एवं साझेदार किसानों के लिए घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा।
- रायपुर। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना गरीब परिवार की महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम बन रही है। देश के अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं। जशपुर जिले में अब तक 1 लाख 54 हजार 439 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है।एक समय ऐसा था जब उच्च और उच्च मध्यम परिवारों के घरों में रसोई गैस कनेक्शन होता था। गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए ऐसी सुविधा जुटाना एक सपने जैसा था। गरीब परिवारों की महिलाओं को परिवार संभालने की जिम्मेदारी के साथ-साथ असुविधाजनक ढ़ंग से लकड़ी या कोयले के माध्यम से चूल्हे में खाना पकाना पड़ता था। देश की गरीब महिलाओं की दिक्कतें को समझते हुए तथा उनके सशक्तिकरण के लिए इस योजना की शुरूआत की है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत जशपुर जिले में 1 लाख 54 हजार से अधिक हितग्राहियों को और गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं। रसोई गैस मिलने से किचन का वातावरण काफी सुविधाजनक हो गया है। महिलाओं को धुल धुएं से मुक्ति मिल गई है। खाना पकाने में उन्हें काफी कम समय लग रहा है। महिलाओं के समय में भी बचत हो रही है।
- -विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय-विधेयक में 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में हुआ संशोधन-छत्तीसगढ़ जनविश्वास विधेयक पारित करने वाला देश का दूसरा राज्यरायपुर, /छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज जनविश्वास विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ। यह विधेयक राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस ऐतिहासिक विधेयक का उद्देश्य अंग्रेजों के समय से चले आ रहे कई ऐसे कानूनों को संशोधित करना है, जो नागरिकों और कारोबारियों द्वारा की गई छोटी-मोटी त्रुटियों को भी आपराधिक कृत्य की श्रेणी मेें शामिल थे।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस विधेयक को विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए भारतीय न्याय संहिता की तर्ज पर, छत्तीसगढ़ अब मध्य प्रदेश के बाद दूसरा राज्य बन गया है, जिसने जनविश्वास विधेयक पारित किया है। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में रोजगार व्यवसाय को आसान बनाने के साथ-साथ गैर अपराधिक श्रेणी के मामलों में व्यापारियों एवं आम नागरिकों न्यायालयीन मुकदमे से संरक्षित करना और एक सुगम व्यावसायिक एवं जिम्मेदारी पूर्ण वातावरण तैयार करना है। यह विधेयक दंड देने के बजाय व्यवसाय को दिशा देने और ऐसी नीति बनाने में सहायक है, जो व्यावहारिक और संवेदनशील हों।इस विधेयक का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह आम नागरिकों और कारोबारियों द्वारा किए गए छोटे-मोटे तकनीकी उल्लंघनों को आपराधिक श्रेणी से हटाकर जुर्माने (शास्ति) के दायरे में लाता है। इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी और अदालतों पर बोझ कम होगा, साथ ही नागरिकों को छोटी गलतियों के लिए आपराधिक मामलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस विधेयक में छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय प्रशासन विभाग, नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम, सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, छत्तीसगढ़ औद्योगिक संबंध अधिनियम, और छत्तीसगढ़ सहकारिता सोसायटी अधिनियम से संबंधित 8 अधिनियमों के 163 प्रावधानों में बदलाव किया गया है।विधेयक का लक्ष्य उद्यमियों को नियामकीय सूचनाओं से संबंधित देरी के लिए आपराधिक मुकदमे के डर से मुक्ति दिलाना है। अब ऐसे मामलों में केवल प्रशासकीय जुर्माना लगेगा, जिससे व्यापार व्यवसाय में आसानी होगी। विधेयक में छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 के प्रावधान में भी संशोधन किया गया है। सार्वजनिक स्थल पर शराब के उपभोग के मामले में पहली बार सिर्फ जुर्माना और इसकी पुनरावृत्ति के मामले में जुर्माना और कारावास का प्रावधान किया गया है।इसी तरह नगरीय प्रशासन विभाग के अधिनियम के तहत मकान मालिक द्वारा किराया वृद्धि की सूचना नहीं दिए जाने के मामले में आपराधिक मामला दर्ज किए जाने के प्रावधान को संशोधित कर अब अधिकतम 1,000 रुपये की शास्ति का प्रावधान किया गया है। इसी तरह किसी सोसायटी द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन दाखिल करने के मामले में विलंब की स्थिति में आपराधिक कार्रवाई के प्रावधान को संशोधित कर नाममात्र के आर्थिक दंड में बदल दिया गया है। विशेषकर महिला समूहों के मामलों में इसे और भी न्यूनतम रखा गया है। यदि कोई संस्था गलती से सहकारी शब्द का उपयोग कर लेती थी, तो उसे आपराधिक मुकदमे और दंड के प्रावधान के स्थान पर अब केवल प्रशासनिक आर्थिक दंड का प्रावधान है।
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-केंद्राध्यक्षों को दिया गया व्यापम निर्देशों का गहन प्रशिक्षण
बिलासपुर, /छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा आयोजित परीक्षा केन्द्रों में आवश्यक व्यवस्था एवं परीक्षार्थियों के लिए नए सिरे से दिशा निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश आगामी 20 जुलाई को होने वाले सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा से लागू होंगे। व्यापम द्वारा दिए गए निर्देशों के परिपालन में विज्ञान महाविद्यालय सरकंडा में परीक्षा के नए नियमों की जानकारी देने केंद्राध्यक्षों के लिए प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। जहां अपर कलेक्टर श्री एस एस दुबे और व्यापम के नोडल अधिकारी श्री अरुण कुमार खलखो ने व्यापम द्वारा जारी नए नियमों की जानकारी देते हुए केंद्रों में नियमों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए। इस बार व्यापम द्वारा सभी परीक्षा कक्ष में जैमर लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं, ताकि परीक्षा में नकल की किसी भी तरह की संभावना को रोका जा सके।
व्यापम के निर्देशों के अनुसार कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में 20 जुलाई को होने वाली सब इंजीनियर भर्ती परीक्षा के लिए केंद्रों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि परीक्षाएं शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से हो सकें। इसटी बार इन इंतजामों में जैमर की व्यवस्था भी शामिल है, जो परीक्षा कक्ष में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग रोकने में मदद करेगा। इससे परीक्षार्थी नकल या अन्य अनियमितताओं में शामिल नहीं हो पायेंगे। व्यापम द्वारा जारी दिशा निर्देशों के पालन के लिए केंद्राध्यक्षों का प्रशिक्षण सत्र विज्ञान महाविद्यालय सरकंडा में आयोजित किया गया। जहां निर्देशों के विषय में नोडल अधिकारी श्री अरुण कुमार खलखो ने बताया कि परीक्षा के दिन परीक्षा केन्द्र में प्रवेश के पहले परीक्षार्थियों के हैण्डहेल्ड मेटल डिटेक्टर से तथा मैनुअल पैट डाउन (हाथों से तलाशी) फ्रिसकिंग की जाएगी। प्रत्येक परीक्षा केन्द्र में एक पुरुष और एक महिला पुलिस कर्मी यह कार्य करेंगे। महिला परीक्षार्थियों की फ्रिसकिंग का कार्य महिला पुलिस कर्मी से ही कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि परीक्षा शुरू होने के बाद पुलिस कर्मी में से एक-एक पुलिस कर्मी बारी-बारी से परीक्षा केन्द्र के परिसर एवं परीक्षा केन्द्र के बाहर का निरीक्षण करते रहेंगे ताकि कोई संदिग्ध गतिविधि न हो सके। उन्होंने परीक्षार्थियों से अपील की कि है कि वे सभी नियमों को भली भांति समझ लें,ताकि केंद्र में उन्हें कोई समस्या न हो।
प्रशिक्षण सत्र को अपर कलेक्टर श्री एसएस दुबे ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि व्यापम द्वारा परीक्षार्थीयों को परीक्षा शुरू होने के कम से कम 2 घंटा पूर्व केन्द्र में पहुंचने के निर्देश दिए गए है ताकि उनका फ्रिसकिंग और सत्यापन किया जा सके। परीक्षा शुरू होने के 15 मिनट के पहले परीक्षा केन्द्र का मुख्य द्वार बंद कर दिया जाएगा। परीक्षार्थियों को हल्के रंग के आधी बांह वाले कपडे पहनकर परीक्षा केंद्र में आने के निर्देश दिये गये है जिसका पालन अवश्य करायें। साथ ही फुटवियर के रूप में चप्पल पहने। उन्होंने परीक्षार्थियों के कान और बालों का भलीभांति निरीक्षण करने कहा। निर्देश के अनुसार परीक्षार्थी परीक्षा शुरू होने के पहले आधा घंटा में व समाप्ति के आखिरी आधे घंटे में परीक्षा केन्द्र से बाहर न जाए। परीक्षा कक्ष में किसी प्रकार का संचार उपकरण, इलेक्ट्रिानिक उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक घडी, पर्स, पाऊच, स्कार्फ, बेल्ट, टोपी आदि ले जाना मना है जिसका पालन किया जाना सुनिश्चित करेंगे उन्होंने कहा कि निर्देशों के पालन में किसी भी तरह की चूक न होने पाए।
इस अवसर पर व्यापम के समन्वय विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य श्री प्रवीण पांडे और सहायक समन्वयक प्रोफेसर श्री के पी तिवारी ने भी केंद्राध्यक्षों को संबोधित किया। उल्लेखनीय है कि 20 जुलाई को जिले के 17 केंद्रों में सिविल और विद्युत सब इंजीनियर की भर्ती परीक्षा होगी। - राजनांदगांव । कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देशानुसार जिले में अवैध शराब विक्रेताओं, परिवहनकर्ताओं, सार्वजनिक स्थल पर मद्यपान करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। प्रभारी सहायक आयुक्त आबकारी श्री अभिषेक तिवारी ने बताया कि अवैध शराब विक्रेताओं के विरूद्ध धर-पकड़ अभियान के तहत आबकारी विभाग द्वारा थाना बागनदी ग्राम कोठीटोला में मोनूराम पुजेरी के कब्जे से महाराष्ट्र राज्य निर्मित 8.100 बल्क लीटर देशी मदिरा संत्री जप्त किया गया। आरोपी के विरूद्ध आबकारी अधिनियम की धारा के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार कर नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की गई। कार्रवाई में आबकारी उप निरीक्षक वृत्त डोंगरगढ़ श्री अनिल सिंह, आबकारी मुख्य आरक्षक श्री लाल सिंह राजपूत, आबकारी आरक्षक श्री भोजराज बंजारे शामिल थे। आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा विक्रय की रोकथाम के लिए होटल ढाबों एवं मदिरा दुकानों का लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। सभी वृत्त प्रभारियों को होटल-ढाबों की नियमित जांच और अवैध मदिरा विक्रय के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये है। file photo
- रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की किसान हितैषी योजनाओं एवं यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने से खेती-किसानी अब सुविधाजनक हो गई है। शासन की कृषि यांत्रिकीकरण सब-मिशन योजना के अंतर्गत किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र खरीदने के लिए वृहद पैमाने पर अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लॉक ग्राम केसला के किसान श्री चोहलदास साहू को धान पैडी ट्रान्सप्लांटर मशीन के लिए 4 लाख 10 हजार रूपए का अनुदान मिला है। कृषक श्री साहू ने बताया कि मशीन की कुल कीमत 9 लाख रूपए है।पैडी ट्रान्सप्लांटर से रोपा लगाने का काम काफी तेज, आसान और सटीक हो गया है। इससे श्रम और समय दोनों की बचत हो रही है। इसकी मदद से एक दिन में 4 एकड़ भूमि में रोपा लगाया जा सकता है, जिससे खेती का काम पहले की तुलना में काफी तेज हो गया है। इसके उपयोग से फसल की बुवाई में पौधों की दूरी संतुलित रहती है, जिससे बीमारियां कम होती हैं और फसल का विकास बेहतर होता है। श्रमिकों पर निर्भरता भी घटी है और कृषि लागत में कमी आई है। मशीन से रोपा लगाने पर प्रति एकड़ 31 क्विंटल तक धान उत्पादन होता है। कृषक श्री साहू ने बताया कि पैडी ट्रान्सप्लांटर से धान की रोपाई के साथ-साथ अन्य किसानों की जमीन पर भी किराए से रोपा लगाने का कार्य कर रहे हैं। प्रति एकड़ 3,500 रूपए की दर से लगभग 40 एकड़ भूमि पर रोपा लगाने से उन्हें करीब 1 लाख 20 हजार रूपए की अतिरिक्त आय भी हुई है।शासन की कृषि यांत्रिकीकरण सब-मिशन योजना के तहत किसानों को अनुदान सहायता पर ट्रैक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, ड्रोन, स्प्रेयर, सीड ड्रिल, मल्चर जैसे आधुनिक कृषि प्रदान किए जा रहे है, जिससे कृषि के क्षेत्र में आसानी और उत्पादकता में वृद्धि हुई है। राजनांदगांव जिले में वर्ष 2024-25 में शासन द्वारा किसानों को कृषि यंत्र खरीदने हेतु कुल 3.31 करोड़ रूपए का अनुदान दिया गया है। शासन की इन योजनाओं से किसान अब परंपरागत खेती से आगे बढ़कर तकनीक आधारित आधुनिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी बढ़ रही है और खेती का काम सरल होता जा रहा है।
- -प्रदेश में सबसे पहले पूरे किए 25 हजार मकानरायपुर ।प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत रायगढ़ जिले ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जिले ने वर्ष 2024-25 में स्वीकृत पीएम आवासों में से प्रदेश में सबसे पहले 25 हजार मकानों के निर्माण को पूर्ण कर इतिहास रच दिया है। आज की स्थिति में जिले में 25,041 आवास पूर्ण किए जा चुके हैं।गरीब परिवारों के लिए पक्के घर का सपना अब हकीकत में बदल रहा है। यह संभव हुआ है जिले में योजनाबद्ध और मिशन मोड में किए गए कार्यों के चलते। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी के नेतृत्व में और जिला पंचायत सीईओ श्री जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में जिले से लेकर ग्राम पंचायत स्तर तक मिशन मोड में कार्य किया गया। आवास निर्माण की प्रक्रिया को समय-सीमा में पूरा करने के लिए योजनाबद्ध रणनीति अपनाई गई। आवास स्वीकृति के बाद किश्तों का समय पर भुगतान, हितग्राहियों को निर्माण के लिए प्रेरित करना, रॉ-मटेरियल की उपलब्धता सुनिश्चित करना तथा मैदानी अमले की सक्रियता ने इस लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।जिले में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण, समस्या समाधान, और ग्राम पंचायतवार प्रगति की समीक्षा की जाती रही। कमजोर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में तुरंत सुधार के निर्देश दिए गए और आवश्यकतानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई। विशेष रूप से गर्मी के महीनों में तेज गति से निर्माण कार्य कर बारिश शुरू होने से पहले अधिकतम आवास पूरे करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे बड़ी कुशलता से पूरा किया गया। यह सफलता केवल आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि हजारों गरीब परिवारों के पक्के मकान में रहने के सपने का साकार होना है।
- रायपुर,। खरीफ के लिए किसानों को सहकारियों समितियों के माध्यम से सहजता से खाद बीज की उपलब्धता के चलते खरीफ फसलों की बुवाई का काम तेजी से जारी है। मुंगेली जिले में खरीफ 2025 के लिए किसानों को उनकी डिमांड के आधार पर अब तक 37535 मीट्रिक टन रासायनिक उवर्रक और 14 हजार 855 क्विंटल बीज वितरण किया जा चुका है। जिले की सभी सोसायटियों में पर्याप्त मात्रा में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरक और खरीफ फसलों के प्रमाणिक बीज वितरण हेतु उपलब्ध है।यहां यह उल्लेखनीय है कि मुंगेली जिले में चालू खरीफ सीजन में 60620 मैट्रिक टन रासायनिक उर्वरक वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 45145 मैट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया गया है। जिसमें से 37 हजार 535 टन उर्वरक का उठाव किसानों ने किया है। इसी तरह 14 हजार 855 क्विंटल बीज वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध 17 हजार 377 क्विंटल बीज का भंडारण कर किसानों को पूरी मात्रा में बीज का वितरण किया जा चुका है।डीएपी खाद की संभावित कमी को देखते हुए एनपीके, एसएसपी और यूरिया जैसे उर्वरकों का पर्याप्त भंडारण किया गया है। इनमें एनपीके को सबसे उपयुक्त विकल्प माना गया है। आधुनिक और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए जिले में नैनो यूरिया और नैनो डीएपी का भी उपयोग बढ़ाया जा रहा है। अब तक 6,497 बोतल नैनो यूरिया में से 3,207 बोतलों का वितरण, और 3,114 बोतल नैनो डीएपी में से 1,085 बोतलों का वितरण किसानों को किया गया है। यह उर्वरक मिट्टी की गुणवत्ता को सुरक्षित रखते हुए पौधों को आवश्यक पोषण देते हैं। कृषि विभाग द्वारा जिले की 66 सेवा सहकारी समितियों और निजी विक्रय केन्द्रों में इन उर्वरकों का भंडारण किया गया है। जिले में बीज और खाद विक्रय केन्द्रों की नियमित जांच की जा रही है। अब तक 9 बीज विक्रेताओं और 5 खाद विक्रेताओं पर अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। बीज और उर्वरकों की समय पर उपलब्धता तथा प्रशासन की कड़ी निगरानी से किसानों को बड़ी राहत मिली है। सभी सेवा सहकारी समितियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी किसान को खाद प्राप्त करने में कठिनाई न हो और वितरण पूर्ण पारदर्शिता से किया जाए।
- -राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप प्रदेश में हुआ स्कूल और शिक्षक युक्तियुक्तकरणरायपुर। शिक्षा की गुणवत्ता और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और नीति-आधारित दृष्टिकोण के साथ संपन्न की गई है। इस प्रक्रिया में शिक्षकों के किसी भी पद को समाप्त नहीं किया गया है, बल्कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षा व्यवस्था को अधिक सुदृढ़ और संगठित किया गया है।राज्य में युक्तियुक्तकरण से पहले की स्थिति अत्यंत असंतुलित थी। प्रदेश में शून्य दर्ज संख्या वाली 211 शालाएं संचालित थीं, जिनमें कुछ में शिक्षक पदस्थ भी थे। इसके अतिरिक्त, 453 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल तथा हायर सेकेण्डरी शालाएं शिक्षक विहीन थीं। साथ ही, 5936 शालाएं एकल शिक्षकीय थीं, जिनमें सभी स्तर की शालाएं सम्मिलित थीं। यह स्थिति निःसंदेह शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रही थी।वहीं दूसरी ओर, कुछ प्राथमिक शालाओं में अनुचित शिक्षक-संख्या की अधिकता देखी गई — 8 प्राथमिक शालाओं में 15 से अधिक शिक्षक, 61 में 10 से 14 शिक्षक, तथा 749 प्राथमिक शालाओं में 6 से 9 शिक्षक कार्यरत थे। पूर्व माध्यमिक स्तर पर भी यही असंतुलन था — 9 शालाओं में 15 या उससे अधिक, 90 में 10 से 14, तथा 1641 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 6 से 9 शिक्षक कार्यरत पाए गए।प्रदेश में कई स्थानों पर एक ही परिसर में प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी शालाएं अलग-अलग प्रशासनिक नियंत्रण में संचालित थीं, जिससे प्रबंधन में भी जटिलताएँ उत्पन्न हो रही थीं। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से कम दर्ज संख्या वाली शालाएं, 01 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित दूसरी शालाओं के समानांतर संचालित थीं। शहरी क्षेत्रों में यह स्थिति और भी अधिक घनत्व वाली थी — 500 मीटर से कम दूरी पर 30 से कम दर्ज संख्या वाली शालाएं संचालित थीं। इस असमानता को समाप्त करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के उद्देश्यों को धरातल पर लागू करने के लिए युक्तियुक्तकरण आवश्यक था।प्रथम चरण — विद्यालयों का युक्तियुक्तकरणइस प्रक्रिया के पहले चरण में, शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों और निर्देशों के आधार पर विकासखंड स्तर पर युक्तियुक्तकरण योग्य विद्यालयों का चयन किया गया, जिसे जिला स्तरीय समिति द्वारा परीक्षण एवं अनुशंसा उपरांत शासन को भेजा गया। इसके आधार पर कुल 10538 विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण किया गया, जिसमें 10372 एक ही परिसर में संचालित विद्यालय, 133 ग्रामीण क्षेत्र की 01 कि.मी. से कम दूरी की शालाएं, तथा 33 शहरी क्षेत्र की 500 मीटर से कम दूरी वाली शालाएं सम्मिलित हैं।द्वितीय चरण — शिक्षकों का युक्तियुक्तकरणशिक्षकों के युक्तियुक्तकरण हेतु अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन एवं गणना प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानानुसार निर्धारित प्रक्रिया के तहत की गई।इन शिक्षकों को काउंसिलिंग प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षक विहीन, एकल शिक्षकीय तथा विषयवार आवश्यकता वाली शालाओं में समायोजित किया गया।युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप कुल 15165 शिक्षकों एवं प्राचार्यों का समायोजन किया गया जिससे पूर्व में 453 शिक्षक विहीन शालाएं अब पूर्णतः शिक्षक युक्त हो गई हैं।5936 एकल शिक्षकीय शालाओं में से अब केवल 1207 प्राथमिक शालाएं शिक्षक अनुपलब्धता के कारण शेष हैं।इस प्रक्रिया में कोई भी पद समाप्त नहीं किया गया है, बल्कि प्रत्येक विद्यालय के लिए आवश्यक शिक्षक संख्या का निर्धारण शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार दर्ज संख्या के अनुपात में किया गया है।भविष्य में यदि किसी विद्यालय की दर्ज संख्या में वृद्धि होती है, तो वहां शिक्षकों की व्यवस्था स्वीकृत पदों के अनुसार की जाएगी।
- रायपुर / प्रदेश के अन्नदाताओं के हितों को सर्वोपरि मानते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर 149.25 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया गया है, जो राज्य गठन के बाद अब तक की सर्वाधिक मात्रा है। उपार्जित धान का त्वरित निराकरण कस्टम मिलिंग के माध्यम से किया जा रहा है। धान खरीदी की समाप्ति तक प्रदेश को केन्द्रीय पूल अंतर्गत 70 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। राज्य की कल्याणकारी योजनाओं एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिए आवश्यक राज्य पूल के लक्ष्य के साथ मिलाकर कुल 118.17 लाख मीट्रिक टन धान की मात्रा कस्टम मिलिंग से निराकरण के लिए निर्धारित की गई है।किसानों के हित में निर्णय लेते हुए राज्य सरकार ने अतिरिक्त धान का नीलामी के माध्यम से निराकरण करने का निर्णय लिया है। नीलामी के माध्यम से अब तक 19 लाख मीट्रिक टन धान हेतु बायर ऑर्डर जारी किए जा चुके हैं, और संबंधित क्रेताओं एवं मिलरों द्वारा उसका त्वरित उठाव भी किया जा रहा है। प्रदेश के संग्रहण केंद्रों में शेष भंडारित धान की सुरक्षा हेतु खाद्य विभाग द्वारा सभी आवश्यक सावधानियाँ सुनिश्चित की गई हैं।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रदेश के कृषकों से एक-एक दाना धान खरीदने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार से लगातार संवाद एवं आग्रह किया गया। इसी क्रम में उन्होंने दिनांक 24 जून 2025 को नई दिल्ली में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी से भेंट कर केन्द्रीय पूल अंतर्गत चावल उपार्जन लक्ष्य को बढ़ाने का आग्रह किया था।मुख्यमंत्री श्री साय के सतत प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सामने आया है। भारत सरकार ने 18 जुलाई 2025 को चावल उपार्जन लक्ष्य को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। यह निर्णय न केवल किसानों के हित में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि इससे राज्य सरकार को लगभग 1200 करोड़ रुपये की संभावित वित्तीय हानि से भी बचाया जा सका है। चावल उपार्जन लक्ष्य में मिली इस वृद्धि से राज्य की राजकोषीय स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी गति आएगी।मुख्यमंत्री श्री साय ने इस निर्णय के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सहयोग, केंद्र और राज्य की समन्वित किसान-हितैषी नीति का परिचायक है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मिलर एसोसिएशन एवं किसानों द्वारा समय-समय पर उठाई गई मांगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्हें आश्वस्त किया कि सभी सुझावों और आवश्यकताओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कार्रवाई की जाएगी।
- रायपुर / प्रदेश के किसानों के हित में एक अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय पूल हेतु चावल उपार्जन के लक्ष्य को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। यह निर्णय राज्य के लाखों अन्नदाताओं के परिश्रम और विश्वास को सशक्त करता है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस महत्वपूर्ण निर्णय पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के अन्नदाताओं की समृद्धि के लिए डबल इंजन सरकार दृढ़संकल्पित है।मुख्यमंत्री श्री साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रदेश के लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि हमारे अन्नदाताओं के हितों को सर्वोपरि रखने वाली यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन के लक्ष्य को 70 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 78 लाख मीट्रिक टन करने की स्वीकृति प्रदान की है। हमारी सरकार के प्रयासों से केंद्र सरकार ने 08 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त चावल उपार्जन करने की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह निर्णय छत्तीसगढ़ के किसानों की आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत करेगा। साथ ही प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा प्रदान करेगा। file photo
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दुर्ग/ संभाग आयुक्त श्री एस.एन. राठौर ने आज जिले के दुर्ग विकाखण्ड अंतर्गत ग्राम बेलौदी स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केन्द्र तथा ग्राम नगपुरा स्थित ग्राम पंचायत एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण किया। साथ ही संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान दुर्ग एसडीएम श्री हरवंश सिंह मिरी भी साथ में मौजूद थे। संभाग आयुक्त श्री राठौर ने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलौदी में कक्षा नवमीं, दसवीं एवं बारहवीं में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के रू-ब-रू चर्चा कर शिक्षण व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने विद्यार्थियों को नियमित विद्यालय आने और शिक्षकों द्वारा कराये जा रहे अध्यापन अच्छी तरह समझने की समझाइश दी। यदि पाठ्यक्रम समझ में न आए तो शिक्षकों से पुनः अध्यापन कराने अनुरोध करें। संभाग आयुक्त श्री राठौर ने कक्षा नवमीं के विद्यार्थियों से 13 एवं 19 के पहाड़े सुने। उन्होंने असहज पूर्वक प्रस्तुति पर असंतोष व्यक्त करते हुए विद्यालय के प्राचार्य को निर्देशित किया कि स्कूल के शिक्षक विद्यार्थियों को गंभीरतापूर्वक पाठ्यक्रम का अध्यापन करायें। संभाग आयुक्त श्री राठौर ने शिक्षकों की उपस्थिति पंजी का भी अवलोकन किया। प्राचार्य श्रीमती कुमुद सिंह ने विद्यालय के शैक्षणिक सुविधाएं एवं व्यवस्था से अवगत कराया। उन्होंने विद्यालय की समस्याओं की ओर संभाग आयुक्त का ध्यान आकृष्ट किया।
संभाग आयुक्त श्री राठौर ने बेलौदी स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 01 का निरीक्षण किया। मौके पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रोहिणी देशमुख और सहायिका श्रीमती सुमीन ठाकुर ने बच्चों की उपस्थिति और आंगनबाड़ी के गतिविधियों से संभाग आयुक्त को अवगत कराया। संभाग आयुक्त श्री राठौर ने बच्चों को दी जाने वाली पोषक आहार एवं पेयजल पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। ग्राम पंचायत नगपुरा में निरीक्षण के दौरान संभाग आयुक्त श्री राठौर ने पंचायत के रोकड़ बही पंजी का निरीक्षण किया और पंचायत सचिव को स्वच्छता अभियान, जल संरक्षण और पौधरोपण जैसे कार्यों को विशेष महत्व देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने ग्रामवासियों से रू-ब-रू चर्चा कर पंचायत से संबंधित समस्याओं की जानकारी ली। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों ने ग्राम नगपुरा में पेयजल व्यवस्था, श्मशान घाट, आंवला बगीचा में अतिक्रमण, पावरग्रिड स्थापित पश्चात् लंबित भुगतान एवं राशन दुकान आदि से संबंधित समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट किये। संभाग आयुक्त श्री राठौर ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि समस्याओं का हर संभव समाधान किया जाएगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र निरीक्षण के दौरान संभाग आयुक्त ने चिकित्सकों एवं स्टाफ को स्वास्थ्य केन्द्र आने वाले मरीजों को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य केन्द्र के विभिन्न वार्ड एवं मेडिसीन कक्ष का अवलोकन किया। मौके पर ड्यूटीरत् चिकित्सक एवं स्टाफ मौजूद पाये गये। -
दुर्ग/ छत्तीसगढ़ शासन गृह-सी विभाग द्वारा 04 से 11 अगस्त 2025 तक विभागीय परीक्षा आयोजित करने हेतु कार्यक्रम घोषित किया गया है। संभाग आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार दुर्ग संभाग अंतर्गत विभागीय परीक्षा का आयोजन भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान (बीआईटी) दुर्ग को परीक्षा केन्द्र नामांकित किया गया है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी बीआईटी के प्राचार्य को परीक्षा हेतु समुचित प्रबंध करने कहा गया है।
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दुर्ग/ परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना भिलाई-2 के अंतर्गत नवीन स्वीकृत पालना/क्रेश(आंगनबाड़ी सह पालना) केन्द्र में क्रेश वर्कर के रिक्त पदों पर भर्ती किया जाना है। क्रेश वर्कर के लिए आवेदन 18 जुलाई से 01 अगस्त तक एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय भिलाई 02, पता-नगर पालिक निगम भिलाई चरोदा रोड, भिलाई 03 में सीधे अथवा पंजीकृत डॉक द्वारा जमा किया जा सकता है। निर्धारित तिथि के पश्चात प्राप्त आवेदन स्वीकार नही किए जाएंगे।
नगर पालिका निगम भिलाई-चरोदा वार्ड क्रमांक 11 में नवीन सृजित पालना केन्द्र विद्युत मंडल भिलाई 03 के पालना केन्द्र में क्रेश वर्कर के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना से मिली जानकारी अनुसार आवेदन किये जाने हेतु शासन द्वारा निर्धारित आवश्यक गाईडलाईन के तहत आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के मध्य होनी चाहिए (एक वर्ष या अधिक सेवा का अनुभव रखने वाली कार्यकर्ता/सहायिका/सह-सहायिका/संगठिका को आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट दी जाएगी)। आवेदिका उसी वार्ड की स्थायी निवासी होनी चाहिए जिस वार्ड में आंगनबाड़ी केन्द्र स्थित है। निवासी होने के प्रमाण में वार्ड की अद्यतन मतदाता सूची में दर्ज नाम एवं नगरीय क्षेत्र में होने पर संबंधित वार्ड की अद्यतन मतदाता सूची में नाम दर्ज हो तो आवेदन पत्र में उसके क्रमांक का उल्लेख कर प्रतिलिपि लगाई होगा अथवा वार्ड पार्षद अथवा पटवारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र जिसमें वार्ड में निवासरत् रहने का पता सहित स्पष्ट उल्लेख हो, मान्य किया जाएगा।आवेदिका की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्रेश वर्कर पद हेतु 12वीं उत्तीर्ण। अनुभवी कार्यकर्ता/सहायिका/सह-सहायिका होने पर, गरीबी रेखा परिवार, अनुसूचित जाति, जनजाति परिवार की महिला होने पर तथा विधवा, परित्यक्ता अथवा तलाकशुदा महिला होने पर निर्धारित अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।