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- आजकल की तेजी से बदलती मॉडर्न लाइफस्टाइल और प्रदूषण के कारण त्वचा संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। झाइयां और दाग-धब्बे ऐसी ही समस्याएं हैं जो न केवल खूबसूरती को कम करती हैं, बल्कि आत्मविश्वास पर भी असर डालती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए लोग महंगे कॉस्मेटिक्स और ट्रीटमेंट्स का सहारा लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में इन समस्याओं का हल नेचुरल जड़ी-बूटियों के माध्यम से संभव है। जटामांसी, जिसे बालछड़ भी कहा जाता है, आयुर्वेद में एक जरूरी औषधि है। यह दाग-धब्बों को हल्का करने और त्वचा को निखारने में मदद कर सकता है।झाइयों और दाग-धब्बों के लिए जटामांसीबाजार में मिलने वाली जटामांसी में 90 प्रतिशत शुद्ध नहीं होती है। इसमें से तेल पहले ही निकाला जा चुका होता है, जिससे इसकी क्वालिटी खराब हो जाती है। इसलिए, जटामांसी खरीदते समय सुनिश्चित करें कि यह ऑरिजनल और अच्छी क्वालिटी की हो। जटामांसी त्वचा को गहराई से साफ करती है और नमी प्रदान करने में सहायक हो सकती है, साथ ही यह मृत कोशिकाओं यानी डेड स्किन सेल्स को हटाकर त्वचा को निखारती है। इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को ग्लोइंग और हेल्दी बनाते हैं।जटामांसी में मौजूद प्राकृतिक तत्व त्वचा की रंगत को सुधारने और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करते हैं। जटामांसी में एंटी-एजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा पर झुर्रियों और फाइन लाइन्स को कम कर सकते हैं। यह त्वचा की कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने और उन्हें हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकती है। जटामांसी का उपयोग त्वचा को नेचुरल ग्लो प्रदान करता है, साथ ही यह त्वचा को पोषण देता है और उसे डिहाइड्रेशन से बचाता है।झाइयों और दाग-धब्बों के लिए जटामांसी का उपयोग कैसे करें?1. जटामांसी पाउडर और दूध का फेस पैक तैयार करके चेहरे पर लगा सकते हैं। इसके लिए 1 चम्मच जटामांसी पाउडर लें और इसमें 2 चम्मच कच्चा दूध मिलाकर पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट के लिए छोड़ दें। समय पूरा होने पर ताजे पानी से चेहरा साफ करें। यह फेस पैक झाइयों को हल्का करने और त्वचा को नमी प्रदान करने में मदद करता है।2. जटामांसी और एलोवेरा जेल का उपयोग भी साथ में किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए ध्यान रखें कि आपको एलोवेरा से एलर्जी न हो। 1 चम्मच जटामांसी पाउडर में 2 चम्मच एलोवेरा जेल मिलाएं और फिर इसे अपने चेहरे पर लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें। इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है।3. जटामांसी के तेल का प्रयोग भी चेहरे पर किया जा सकता है। जटामांसी का तेल हल्के हाथों से अपने चेहरे पर लगाएं और फिर इसे रातभर के लिए छोड़ दें और सुबह धो लें। यह त्वचा को पोषण देता है और झाइयों को कम करने में सहायक हो सकता है।निष्कर्षजटामांसी आयुर्वेद का एक अनमोल खजाना है। इसके प्राकृतिक गुण त्वचा को हेल्दी बनाने में मदद करते हैं। हालांकि, इसका उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और हमेशा अच्छी क्वालिटी वाली जटामांसी का ही चयन करना चाहिए। आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेकर इसका सही तरीके से उपयोग करें।
- अगर आप अपने चेहरे के लिए कोई नेचुरल स्क्रब का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आप घर पर चाय की पत्ती से ही बना सकते हैं। इस लेख में जानें इसे बनाने व इस्तेमाल का सही तरीका और इससे मिलने वाले फायदे।चाय पत्ती से बनाएं स्किन स्क्रबचाय पीने के बाद हम चाय पत्ती को वेस्ट समझकर फेंक देते हैं, लेकिन आपने भी इंटरनेट पर पढ़ा होगा कि इस्तेमाल के बाद भी चाय पत्ती के कई फायदे हैं और उनमें से एक फायदा स्किन के लिए भी है। अगर आप भी अपनी स्किन को नेचुरल निखार देने के लिए व हेल्दी रखने के लिए महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो हम आपको ये देसी तरीके इस्तेमाल करने की सलाह एक बार जरूर देंगे। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे अपने चेहरे के लिए इस्तेमाल की हुई चायपत्ती का इस्तेमाल करके धूप व गर्मी से गायब हुआ नेचुरल निखार वापस पा सकते हैं।स्किन के लिए चाय पत्तीचाय बनने के बाद आप शायद चाय पत्ती को व्यर्थ समझ कर फेंक देते हैं, लेकिन इस्तेमाल की गई चाय पत्ती आपकी स्किन के काफी काम आ सकती है। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी और अन्य कई गुण पाए जाते हैं, जो आपकी स्किन को हेल्दी रखते हैं।स्किन को मिलेंगे कई फायदेअगर आप इस्तेमाल की गई चाय की पत्ती को अपनी स्किन पर एक स्क्रब के रूप में लगाते हैं, तो इससे डेड स्किन सेल्स निकल जाते हैं, जिससे त्वचा जवां दिखने लगती है। साथ ही आपकी स्किन का नेचुरल निखार वापस आने लगता है। जिन लोगों को झाइयां व झुर्रियां रहती हैं, उनके लिए भी यह एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।लगाने का तरीका आसानचाय बनने के बाद चाय की पत्ती को अलग एक कटोरी में डाल लें और धीरे-धीरे पानी से अच्छे से धो लें। अच्छे से धुलने के बाद इसमें से शुगर निकल जाएगी और अब आप इसे सुखा सकते हैं। सूखने के बाद आप इसे शहद के साथ मिक्स करके स्क्रब के रूप में अपने चेहरे पर लगा सकते हैं।किन बातों का रखें ध्यानचाय की पत्ती का इस्तेमाल करने से पहले आपको ध्यान रखना है कि इसमें से चीनी अच्छे से निकल चुकी है। साथ ही अगर आपको किसी तरह की एलर्जी या अन्य समस्या होती है, तो तुरंत मुंह को साफ पानी से धो लेना चाहिए। इस स्क्रब का इस्तेमाल करने के बाद किसी नेचुरल मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल जरूर करें।एक्सपर्ट्स की सलाहजिन लोगों की स्किन एलर्जिक है या बहुत ज्यादा सेंसिटिव है उन्हें किसी भी देसी नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह ले लेनी चाहिए।
- डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है। आजकल खराब जीवनशैली, खानपान में पोषक तत्वों की कमी के कारण कम उम्र में ही लोगों को डायबिटीज की समस्या हो रही है। डायबिटीज केवल शुगर लेवल बढ़ने की बीमारी नहीं है, बल्कि यह पूरे शरीर के मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करती है। ऐसी स्थिति में शरीर को ऐसे पोषक तत्वों की जरूरत होती है जो ब्लड शुगर को संतुलित रखने, मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करें। प्रोटीन एक ऐसा ही तत्व है, जो डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन ज्यादातर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं।डायबिटीज में प्रोटीन क्यों जरूरी है-जब डायबिटीज मैनेजमेंट की बात आती है, तो कार्बोहाइड्रेट और चीनी का ही जिक्र ज्यादा होता है। लेकिन डायबिटीज मैनेज के लिए प्रोटीन भी बहुत जरूरी पोषक तत्व है। खासकर भारत जैसे क्षेत्रों में, जहां आहार में कार्बोहाइड्रेट का सेवन इतनी ज्यादा मात्रा में किया जाता है और प्रोटीन को नजर अंदाज किया जाता है। प्रोटीन ब्लड शुगर को मैनेज करने में अहम भूमिका निभाता है। खाने में प्रोटीन को शामिल करने से यह कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देता है। इससे ग्लूकोज में अचानक तेजी को रोकने में मदद मिलती है। प्रोटीन का सेवन करने से मानसिक संतुष्टि की भी प्राप्ति होती है, जिसकी वजह से मीठा और प्रोसेस्ड फूड खाने की क्रेविंग कम हो जाती है।डायबिटीज में प्रोटीन का सेवन न करने के नुकसान -प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत और निर्माण में सहायक होता है, खासकर बुजुर्गों और वजन कम करने वाले मरीजों के लिए। स्वस्थ्य मांसपेशियां बेहतर इंसुलिन सेंसेटिविटी का समर्थन करती हैं, जिससे ब्लड शुगर को मैनेज करने में मदद मिलती है। उम्र बढ़ने के साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन का सेवन और भी ज्यादा जरूरी हो जाता है। आइए आगे जानते हैं डायबिटीज में प्रोटीन का सेवन न करने के नुकसान के बारे में।- कम प्रोटीन सेवन से शरीर में कमजोरी, थकान और सक्रियता की कमी हो सकती है।- यदि भोजन में पर्याप्त प्रोटीन न हो, तो ब्लड शुगर तेजी से ऊपर-नीचे हो सकता है, जिससे डायबिटीज का मैनेजमेंट मुश्किल हो सकता है।- डायबिटिक मरीजों में पहले से ही घाव धीरे भरते हैं और प्रोटीन की कमी इस प्रक्रिया को और भी धीमा कर सकती है।- डायबिटीज में प्रोटीन की कमी से बाल कमजोर हो सकते हैं। इस पोषक तत्व की कमी स्किन ड्राइनेस और पिंपल्स का भी कारण बनती है।- कम प्रोटीन से शरीर संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।डायबिटीज के मरीजों के लिए प्रोटीन सोर्स-न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, डायबिटीज के मरीज शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को आहार का हिस्सा बना सकते हैं।- दालें और राजमा- अंकुरित अनाज- टोफू और पनीर (लो-फैट)- अंडे (सफेद भाग)- मछली और चिकन (बिना फैट)- सोया प्रोडक्ट्स- ग्रीक योगर्ट या लो-फैट दही- प्रोटीन युक्त नट्स (जैसे बादाम, अखरोट – सीमित मात्रा में)निष्कर्षडायबिटीज में प्रोटीन सिर्फ एक पोषक तत्व नहीं, बल्कि ब्लड शुगर मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा है। डायबिटीज के मरीजों में प्रोटीन की कमी होने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो प्रोटीन के प्रति सतर्क रहें और इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें।
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लौकी की सब्जी खाने की थाली में देखकर बच्चे ही नहीं बड़े भी कई बार नाक-मुंह बनाने लगते हैं। स्वाद में लौकी जैसी भी हो लेकिन आयुर्वेद में सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं मानी जाती है। लौकी में मौजूद फाइबर, विटामिन सी, बी6, फोलेट, मैग्नीशियम, पोटेशियम के साथ एंटीऑक्सीडेंट तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर हार्ट संबंधी समस्याओं से लेकर मधुमेह और मोटापे की समस्या को भी कंट्रोल रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा लौकी में मौजूद 92 प्रतिशत पानी गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं रोजाना डाइट में लौकी का जूस शामिल करने से सेहत को मिलते हैं क्या गजब के फायदे।
लौकी के जूस में उच्च मात्रा में फाइबर होता है और साथ ही कई पॉवरफुल यौगिक भी होते हैं, जो कई बीमारियों को होने के रोकते हैं। यह जूस आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा है।
लौकी का जूस पीने से मिलते हैं ये 5 फायदे
वेट लॉस
लौकी के जूस में कैलोरी की मात्रा कम और फाइबर की अधिकता होती है। जिससे आपका पेट लंबे तक भर भरा हुआ महसूस होता है और आप ओवर ओवर ईटिंग करने से बच जाते हैं। जिसेस मोटापे और बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
बेहतर पाचन तंत्र
लौकी के जूस का नियमित सेवन कब्ज, अपच और ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इससे आंतों को स्वस्थ भी अच्छा बना रहता है।
शरीर रखे हाइड्रेट
लौकी में मौजूद 92 प्रतिशत पानी गर्मियों में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है। लौकी का सेवन शरीर को ठंडा और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है, जिससे शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है।
हृदय स्वास्थ्य
लौकी का जूस दिल की सेहत के लिए अच्छा होता है। इस जूस में कई पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। जिससे हृदय स्वस्थ अच्छा बना रहता है।
ब्लड शुगर रखें नियंत्रित
लौकी का जूस ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है, जिससे मधुमेह रोगियों को डायबिटीज कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। लौकी के जूस में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होती है, जो डायबिटीज मरीजों के लिए लाभकारी है।
कैसे बनाएं लौकी का जूस
लौकी का जूस बनाने के लिए सबसे पहले लौकी के छिलके निकालकर उसे अच्छी तरह धो लें। इसके बाद लौकी के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर एक ब्लेंडर में डालें। लौकी के साथ ब्लेंडर में पुदीना पत्ती भी डालकर ब्लेंड करें। आपका टेस्टी लौकी का जूस बनकर तैयार है। इस जूस का स्वाद बढ़ाने के लिए आप इसमें जीरा पाउडर, नमक और काली मिर्च पाउडर डालकर सभी चीजों को अच्छी तरह मिला लें। आखिर में आप चाहे तो इसे ठंडा करने के लिए इसमें बर्फ भी डाल सकते हैं। -
फलों का राजा आम, ज्यादातर लोगों का पसंदीदा फल होता है। इसका स्वाद पसंद करने वाले लोग इसे खाने का बहाना ढूंढते रहते हैं। अगर आप भी आम खाने के शौकीन हैं और उसे लंच हो या डिनर, कभी भी किसी भी चीज के साथ खा लेते हैं तो सतर्क हो जाइए। आपकी ये आदत आपको बीमार बना सकती है। आइए जानते हैं 5 ऐसी हेल्दी चीजों के बारे में, जिन्हें आम के साथ खाने से बचना चाहिए।
आम के साथ नहीं खानी चाहिए ये चीजें
दही
आम के साथ दही खाने से पाचन संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों ही चीजों की तासीर अलग है। ऐसे में इनका सेवन एक साथ करने से गैस, अपच या पेट दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा जब गर्म और ठंडी तासीर वाले पदार्थ एक साथ मिलते हैं, तो यह त्वचा पर फोड़े-फुंसी या एलर्जी का कारण भी बन सकते हैं।
मसालेदार भोजन
तीखे, मसालेदार खाद्य पदार्थ जैसे मिर्च, गरम मसाला या तला हुआ खाना आम के साथ खाने से पेट में जलन या एसिडिटी की समस्या पैदा करता कर सकता है।
ठंडे पेय
आम खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक या आइसक्रीम खाने से पाचन तंत्र स्लो हो सकता है, जिससे पेट फूलने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा आम और कोल्ड ड्रिंक दोनों ही अत्यधिक मीठे होते हैं। इनका एक साथ सेवन करने से शरीर में शर्करा का स्तर अचानक बढ़ सकता है, जिससे डायबिटीज़ रोगियों को खतरा हो सकता है।
प्रोसेस्ड फूड
चिप्स, बर्गर या जंक फूड जैसे प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ आम के साथ खाने से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है और व्यक्ति को सूजन या भारीपन महसूस हो सकता है।
खट्टे फल
विटामिन-C से भरपूर आम में नेचुरल शुगर पाई जाती है। इसके साथ संतरा, नींबू या कीनू जैसे खट्टे फलों का सेवन करने से शरीर में एसिड का स्तर बहुत अधिक बढ़ सकता है। जिससे व्यक्ति को पाचन संबंधी परेशानी जैसे एसिडिटी, पेट में जलन, गैस और कब्ज हो सकती है।
सलाह
-आम का सेवन हमेशा अकेले ही करें या फिर आप इसे हल्के भोजन जैसे रोटी, सब्जी या सलाद के साथ खा सकते हैं।
-आम खाने के 1-2 घंटे तक कोई भारी चीज खाने से बचें।
-पके और ताजे आम का ही सेवन करें, क्योंकि कच्चे आम से पेट से जुड़ी समस्या परेशान कर सकती है।
-आम के साथ हल्का गुनगुना पानी पीना पाचन के लिए बेहतर रहता है। - गर्मी के मौसम में तपती धूप और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए खीरे का सेवन शौक से किया जाता है। खीरा, शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ज्यादातर लोग खीरे के महत्व को, तो समझते हैं, लेकिन उसके छिलके को कूड़ा समझकर फेंक देते हैं। आप ऐसी गलती न करें। खीरे के छिलके से आप त्वचा के लिए एक बेहतरीन नेचुरल स्क्रब तैयार कर सकते हैं। खीरे की तरह उसके छिलके में भी कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। खीरे के छिलके से बने स्क्रब की मदद से त्वचा से डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है, त्वचा में नेचुरल ग्लो आता है और त्वचा में निखार बढ़ जाता है।खीरे के छिलके से बने स्क्रब के फायदे--खीरे के छिलके से बने स्क्रब को इस्तेमाल करने से गर्मियों में त्वचा को ठंडक मिलती है क्यों खीरे की तासीर ठंडी होती है।-खीरे के छिलके से बने स्क्रब का इस्तेमाल करने से डेड स्किन सेल्स को हटाने में मदद मिलती है और त्वचा की रंगत में निखार आता है।-जिन लोगों की त्वचा ऑयली होती है, उनके लिए यह स्क्रब बेहद फायदेमंद है क्योंकि इस स्क्रब की मदद से त्वचा में मौजूद अतिरिक्त ऑयल को हटाने में मदद मिलती है, यह तेल को सोख लेता है।-खीरे के छिलके से बने स्क्रब का इस्तेमाल करने से झाइयों और दाग-धब्बों से छुटकारा मिलता है, स्किन टोन सुधरती है और दाग हल्के हो जाते हैं।-शहद, दही के साथ खीरे के छिलके को मिलाकर स्क्रब तैयार करें, इसे त्वचा पर लगाने से स्किन सॉफ्ट और चमकदार बनती है।खीरे के छिलके से स्क्रब बनाना आसान है, इसे बनाने का तरीका जान लें-सामग्री: ताजे खीरे के छिलके , दही, ओट्स, शहदबनाने की विधि:-खीरे के छिलकों को अच्छे से धोकर मिक्सी में पीस लें।-अब इसमें ओट्स, दही और शहद मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर लें।-नेचुरल स्क्रब तैयार है।सावधानियां-हफ्ते में 2 बार से ज्यादा इसे त्वचा पर न लगाएं।-स्क्रब करते समय ज्यादा प्रेशर न डालें।-अगर स्किन पर किसी तरह की एलर्जी हो, तो पहले पैच टेस्ट कर लें।स्क्रब को लगाने का तरीका-सबसे पहले अपने चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें ताकि स्किन के पोर्स खुल जाएं।-अब इस स्क्रब को चेहरे पर सर्कुलर मोशन में हल्के हाथों से 5 मिनट तक रगड़ें।-10 मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें ताकि पोषक तत्व स्किन में समा जाएं।-फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें और मॉइश्चराइजर लगाएं।अगर आप अपनी स्किन को नेचुरल तरीके से ग्लोइंग और हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो अगली बार खीरे के छिलके को फेंकने से पहले इसके इस्तेमाल के बारे में जरूर सोचें।
- स्किन के हेल्दी रखने के लिए उसे नेचुरल रखना जरूरी है और प्राकृतिक निखार पाने के लिए भी नेचुरल चीजों का ही इस्तेमाल करना सही माना जाता है। आज भी बहुत सी ऐसी नेचुरल चीजें हैं, जिनकी मदद से स्किन को नेचुरल रखा जा सकता है, जिनमें से एक है चावल का पानी। चावल के पानी से अगर आप मुंह धोते हैं और सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं तो यह एक तरह के नेचुरल फेस वॉश की तरह काम करता है, जिसके बारे में हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं।1. चेहरे के लिए चावल का पानीबहुत सी स्किन केयर कंपनी भी अपने प्रोडक्ट्स को चावल के पानी से बनाने का क्लेम करती हैं। क्योंकि चावल के पानी में बहुत से ऐसे गुण हैं, जो स्किन के लिए बेहद फायदेमंद रहते हैं। इसलिए आपको महंगे स्किन केयर प्रोडक्ट्स को इस्तेमाल करने की बजाय एक बार घर पर चावल के पानी का इस्तेमाल जरूर करके देखना चाहिए।2. चावल के पानी के फायदेआपके चेहरे का निखार धूप या गर्मी के कारण अगर पहले से खराब हो गया है या फिर किसी स्किन केयर प्रोडक्ट्स से आपका निखार खराब हो गया है तो आपको घर घर पर ही चावल के पानी का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे आपके चेहरे का निखार भी वापस आएगा और साथ ही चेहरे की स्किन में ड्राइनेस व पिंपल आदि की समस्या भी नहीं होगी।3. कैसे तैयार करें चावल का पानीचावल के पानी को तैयार करना बेहद आसान है, 1 कप सफेद चावल लें और उन्हें अच्छे से धोकर उनमें 2 कप पीने वाला पानी डालकर एक बार उबाल लें। अब चावल को छानकर पानी अलग कर लें और ठंडा होने के बाद उसे किसी बोतल में भर कर फ्रिज में रख दें। अब यह इस्तेमाल के लिए पूरी तरह से तैयार है।4. मुंह धोने का सही तरीकाचावल के पानी की बोतल को फ्रिज से निकालें और अच्छे से एक-दो बार हिला लें ताकि उसका गाढ़ापन अच्छे से मिक्स हो जाए। पानी को निकाल कर अपने चेहरे पर अच्छे से लगाएं और फेस वॉश की तरह हल्के-हल्के रब करते रहें। 10 मिनट बाद साफ पानी से मुंह धो लें। ऐसा लगातार 3 दिन करें जिससे आप अंतर साफ नजर आएगा।5. डॉक्टर की सलाह भी जरूरीहालांकि, अगर आपकी स्किन में कोई दिक्कत है, तो आपको सबसे पहले डॉक्टर से ही सलाह लेनी चाहिए।
- नींद हम सभी के लिए बहुत जरूरी होती है। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच हम सुकून से अपनी नींद ही पूरी नहीं कर पाते हैं। अधूरी नींद की समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। घर की जिम्मेदारी, ऑफिस वर्क और सोसायटी में आगे रहने की दौड़ में महिलाएं अक्सर अपनी नींद कुर्बान कर देती हैं। नींद की परेशानी का सामना करने वाली महिलाएं अक्सर वजन बढ़ना, थकान, मूड स्विंग, अनियमित पीरियड्स की समस्या से गुजरती हैं।इस तरह की परेशानियां तब होती हैं, जब हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या कम और ज्यादा नींद महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकती है?नींद और हार्मोन संतुलन के बीच कनेक्शन-नींद और हार्मोन का गहरा संबंध है। शरीर में कई हार्मोन नींद से प्रभावित होते हैं, और नींद की गुणवत्ता इन हार्मोनों के संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है।1. कोर्टिसोल (Cortisol) में बढ़ोतरीहेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। नींद की कमी से महिलाओं में कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इसकी वजह से चिंता, डिप्रेशन और वजन बढ़ने की समस्या ज्यादा देखी जाती है।2 मेलाटोनिन (Melatonin)मेलाटोनिन को स्लीप हार्मोन भी कहा जाता है। यह रात के समय बढ़ता है और नींद लाने में मदद करता है। रात को स्क्रीन का इस्तेमाल करने से मेलाटोनिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे नींद प्रभावित होती है।3. एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संतुलनएक्सपर्ट का कहना है कि कम नींद लेने से महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। जिसकी वजह से अनियमित पीरियड्स, पीसीओएस और लो फर्टिलिटी की समस्या होती है। इतना ही नहीं हार्मोन असंतुलन महिलाओं में भूख की कमी का कारण बनता है। जिसकी वजह से महिलाओं को पोषक तत्वों की कमी के कारण हार्मोन असंतुलन का सामना करना पड़ता है।4. मेटाबॉलिज्म को स्लो होनाजो महिलाएं रात को भी पर्याप्त नींद लेती हैं और दिन में भी आराम करती हैं, उनमें भी हार्मोन संबंधी परेशानी देखी जाती है। बहुत अधिक सोने से शरीर का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है। जिससे वजन बढ़ना और मोटापे की परेशानी देखी जाती है।5. लो फर्टिलिटीनींद ज्यादा लेने से मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से मूड स्विंग, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन और गुस्सा आने की समस्या महिलाओं में देखी जाती है। साथ ही ज्यादा नींद महिलाओं में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में बदलाव कर सकती है। इसकी वजह से लो फर्टिलिटी रेट देखा जाता है, जो भविष्य में गर्भधारण में परेशानी ला सकता है।नींद और हार्मोन को संतुलित करने के लिए क्या करें?कम या ज्यादा नींद दोनों ही स्थितियां महिलाओं के हार्मोन को प्रभावित करता है। हार्मोन संतुलन के लिए प्रतिदिन 8 से 9 घंटों की नींद लें। खाने में हरी सब्जियां, फल और नट्स को शामिल करें। कम या ज्यादा नींद महिलाओं में हार्मोन असंतुलन का कारण बनती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर पर्याप्त नींद लें और सही खानपान का चुनाव करें।
- बाल खूबसूरती का प्रतीक होते हैं। हर महिला की चाहत होती है कि उसके बाल लंबे-घने और काले हों। लेकिन प्रदूषण, गलत खानपान, खराब जीवनशैली और गलत प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने के कारण बाल कमजोर हो जाते हैं और तेजी से झड़ने लगते हैं। साथ ही, बालों की ग्रोथ भी रुक जाती है। ऐसे में, बालों को लंबा करने के लिए महिलाएं तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करती हैं और महंगे हेयर ट्रीटमेंट्स भी करवाती हैं। लेकिन फिर भी मनचाहा रिजल्ट नहीं मिल पाता है। वहीं, इन प्रोडक्ट्स में कई तरह के हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में, बालों को लंबा करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खों को आजमा सकती हैं। इन्हीं घरेलू नुस्खों में प्याज भी शामिल है। जी हां, प्याज बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। प्याज के रस में सल्फर मौजूद होता है, जो बालों की जड़ों को पोषण देता है और स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है, जिससे बालों की ग्रोथ तेज होती है। साथ ही, यह झड़ते बालों की परेशानी को भी दूर कर सकता है। इसके अलावा, इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी मौजूद होते हैं, जो डैंड्रफ, सफेद बालों और स्कैल्प पर खुजली की समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। नियमित रूप से बालों में प्याज लगाने से बाल लंबे, घने और मजबूत बनते हैं। तो आइए, जानते हैं प्याज से बाल कैसे बढ़ाएंप्याज और नारियल तेलबालों को लंबा करने के लिए आप प्याज के रस में नारियल तेल मिलाकर लगा सकते हैं। दरअसल, नारियल के तेल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो संकम्रण से बचाव करने में मदद करते हैं। साथ ही, यह बालों के विकास को बढ़ावा देता है और हेयर फॉल को कंट्रोल करने में भी मददगार होता है। इसके लिए एक कटोरी में एक चम्मच प्याज का रस लें। इसमें एक चम्मच नारियल का तेल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प पर लगाएं और 4-5 मिनट हल्के हाथों से मसाज करें। करीब 40-45 मिनट बाद बालों को किसी माइल्ड शैम्पू से धो लें। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करने से आपके बाल जल्दी लंबे और घने हो सकते हैं।प्याज और एलोवेरा जेललंबे बालों के लिए आप प्याज और एलोवेरा को मिक्स करके भी लगा सकते हैं। दरअसल, एलोवेरा बालों को पोषण और नमी प्रदान करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो बालों की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। नियमित रूप से बालों में एलोवेरा लगाने से डैंड्रफ, स्कैल्प में खुजली और हेयर फॉल की जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए एक कटोरी में दो चम्मच ताजा एलोवेरा जेल लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को स्कैल्प और बालों की लंबाई पर लगाएं। एक घंटे बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इसका इस्तेमाल करने से बालों की ग्रोथ काफी अच्छी हो सकती है। साथ ही, बाल मुलायम और चमकदार भी बनेंगे।प्याज और मेथी दानाअगर आप अपने बालों को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं, तो प्याज और मेथी दाना का इस्तेमाल सकते हैं। दरअसल, मेथी दाना में प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड मौजूद होते हैं, जो बालों को मजबूत बनाते हैं और बालों की ग्रोथ को बेहतर करने में मदद करते हैं। इसके लिए एक चम्मच मेथी दाना को रातभर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इसे पीसकर पेस्ट बना लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों में लगाएं। करीब 40-45 मिनट बालों को किसी माइल्ड शैंपू की मदद से धो लें। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करने से आपके बाल जल्दी लंबे हो सकते हैं। साथ ही, बालों के झड़ने और डैंड्रफ की समस्या से भी छुटकारा मिल सकता है।प्याज और अंडाबालों को बढ़ाने के लिए प्याज और अंडे का कॉम्बिनेशन भी काफी असरदार साबित हो सकता है। दरअसल, अंडा प्रोटीन से भरपूर होता है, जो बालों की मजबूती और ग्रोथ के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए एक अंडे को अच्छी तरह फेंट लें। इसमें 2 चम्मच प्याज का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स करें। अब इस मिश्रण को बालों की जड़ों से सिरों तक लगाएं। करीब 1 घंटे बाद किसी माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें। सप्ताह में 2-3 बार इसका प्रयोग करने से बालों की ग्रोथ काफी अच्छी हो सकती है।प्याज और आंवलाबालों को लंबा करने के लिए आप प्याज और आंवला को मिक्स करके लगा सकते हैं। इसके लिए आप एक कटोरी में 2 प्याज का रस लें। इसमें 2 चम्मच आंवला का रस डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं। करीब 1 घंटे बाद बालों को माइल्ड शैंपू से धो लें। बेहतर रिजल्ट के लिए सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल करें। इससे आपके बाल जल्दी लंबे, घने और काले हो सकते हैं।
- गर्मियों में चेहरे पर चिपचिपाहट, पसीना और धूप, स्किन को न सिर्फ थका देती है, बल्कि उसकी चमक भी छीन लेती है। ऐसे में लोग तरह-तरह की फेस क्रीम, पाउडर या स्किन वाइप्स का सहारा लेते हैं, जो कुछ समय के लिए राहत तो देते हैं, लेकिन इनका केमिकल असर स्किन को लंबे समय में नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर आप कुछ ऐसा ढूंढ रहे हैं जो नेचुरल भी हो, बजट-फ्रेंडली भी हो और स्किन को रिफ्रेशिंग ठंडक भी दे, तो तरबूज के छिलके से बना फेस पैक एक असरदार उपाय है। हम अकसर तरबूज खाते वक्त इसके छिलकों को फेंक देते हैं, जबकि यही हिस्सा स्किन के लिए वरदान साबित हो सकता है। इसमें भरपूर मात्रा में पानी, विटामिन-ए, सी, बी6 और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो चेहरे की सूजन, जलन और रैशेज को कम करते हैं। यह फेस पैक टैनिंग हटाने, स्किन को हाइड्रेट रखने और एक नेचुरल ग्लो देने में मदद करता है। इस लेख में हम जानेंगे तरबूज के छिलके से फेस पैक बनाने का तरीका और इसके फायदे।तरबूज के छिलके से बने फेस पैक के फायदे--तरबूज के छिलके से बना फेस पैक स्किन को डीप हाइड्रेशन देता है और त्वचा की जलन को कम करता है।-इस फेस पैक में मौजूद विटामिन-सी स्किन को रिपेयर करता है और दाग-धब्बों को हल्का करने में मदद करता है।-यह फेस पैक त्वचा की सूजन और सन टैन को कम करने में मदद करता है।तरबूज का छिलका स्किन से अतिरिक्त तेल को हटाता है और स्किन पोर्स को क्लीन करता है।-इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्किन पर हुए ब्रेकआउट को शांत करते हैं और स्किन को साफ रखते हैं।तरबूज के छिलके से फेस पैक बनाने का तरीका-तरबूज के छिलकों के सफेद हिस्से को छोटे टुकड़ों में काट लें।-मिक्सर में इसे गुलाब जल के साथ पीसकर स्मूद पेस्ट बना लें।-इसमें चंदन पाउडर और एलोवेरा जेल मिलाएं और अच्छे से मिक्स करें।-फेस पैक का इस्तेमाल कैसे करें?-इस फेस पैक को हफ्ते में 2-3 बार लगाया जा सकता है, खासकर गर्मियों में।-इसे सुबह के समय लगाना ज्यादा फायदेमंद रहेगा।-ऑयली स्किन वालों को चंदन पाउडर के साथ मिलाकर यूज़ करना चाहिए, जबकि ड्राई स्किन वालों के लिए एलोवेरा जेल मिलाना फायदेमंद रहेगा।-फेस पैक लगाने के बाद किन बातों का ध्यान रखें?-फेस पैक सूखने के बाद उसे गुनगुने या सामान्य पानी से धीरे-धीरे धोएं। रगड़ने से स्किन में जलन या रेडनेस हो सकती है।-फेस पैक लगाने के बाद स्किन थोड़ी सेंसिटिव हो जाती है। इसलिए पैक हटाने के कम से कम 30 मिनट तक धूप में न निकलें।-फेस पैक हटाने के बाद स्किन को हाइड्रेट बनाए रखने के लिए हल्का मॉइश्चराइजर जरूर लगाएं, चाहे आपकी स्किन ऑयली हो या न हो।-तरबूज के छिलके से बना फेस पैक एक नेचुरल और असरदार तरीका है गर्मियों में स्किन की देखभाल करने का। जिस चीज को हम बेकार समझकर फेंक देते हैं, वही त्वचा को ठंडक, पोषण और निखार देने का काम करती है।
- दिन भर में पर्याप्त पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। अक्सर लोगों को सुबह उठते ही बासी मुंह पानी पीने की सलाह दी जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि सुबह के समय पानी क्यों पिएं?सुबह के समय पानी क्यों पीना चाहिए?न्यूट्रिशियनिस्ट के अनुसार, 8 से 9 घंटे की पर्याप्त नींद लेने के बाद सुबह उठकर पानी पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इससे शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और शरीर में एनर्जी बनाए रखने में मदद मिलती है। ऐसे में सिर्फ सुबह ही दिन में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं।सुबह उठकर पानी पीने के फायदेशरीर को डिटॉक्स करेसुबह उठकर पानी पीने से शरीर जमा टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे शरीर के साथ-साथ खून भी साफ होता है। दिन भर में पर्याप्ता पानी पीने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।वजन कम करने में सहायकपानी पीने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। ऐसे में सुबह उठकर हल्के गुनगुने पानी पीने से पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और कैलोरीज को बर्न करने में मदद मिलती है, साथ ही, सुबह पानी पीने से पेट को भरा रखने, ओवरईटिंग से बचाव करने और भूख को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।शरीर को एनर्जी देसुबह के समय पानी पीने से शरीर को हाइड्रेट करने के साथ-साथ शरीर के एनर्जी देने में भी मदद मिलती है, जिससे काम पर फोकस करने और दिनभर एक्टिव रहने में मदद मिलती है।स्किन को हेल्दी रखेसुबह उठने पर पानी पीने से मल और पेशाब के जरिए शरीर से टॉक्सिन्स बाहर हो जाते हैं, जिससे खून साफ होता है। ऐसे में इससे त्वचा में नमी बनाए रखने और इसमें नमी बनाए रखने में मदद मिलती है, साथ ही, इससे त्वचा साफ रखने, नेचुरल रूप से ग्लोइंग और हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।पाचन के लिए फायदेमंदसुबह उठते ही पानी पीने से पाचन तंत्र को दुरुस्त कर हेल्दी रखने में मदद मिलती है। इससे आंतों की सफाई करने, कब्ज और गैस जैसी पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है, जो पेट के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।शरीर को हाइड्रेट रखेरात भर सोने के बाद, शरीर में पानी की कमी होने लगती है। ऐसे में शरीर को पानी की जरूरत होती है ताकि वह सभी कार्यों को ठीक से कर सकते हैं। ऐसे में सुबह उठकर पानी पीने से शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है, जिससे शरीर के सभी अंग अपने कार्यों को ठीक से करते हैं। इसके अलावा, पानी पीने से शरीर को पोषण करने में मदद मिलती है।निष्कर्षसुबह उठकर नियमित रूप से पानी पीने से शरीर में पानी की कमी को दूर कर हाइड्रेट रखने, शरीर को डिटॉक्स करने, शरीर को एनर्जी देने, पाचन को दुरुस्त रखने, वजन कम करने और स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है। ध्यान रहे, जरूरत के अनुसार ही दिन भर में पानी पिएं, धीरे-धीरे पानी पिएं, दिनभर में बार-बार पानी पिएं और ज्यादा पानी न पिएं। ऐसे में इसके लिए या स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- गर्मियों में अक्सर लोग छाछ का सेवन करना पसंद करते हैं, यह गर्मियों में पिए जाने वाली हेल्दी ड्रिंक्स में से एक है। इससे शरीर को ठंडक देने और ताजा महसूस करने में मदद मिलती है। लेकिन इसमें हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ बढ़ जाते हैं। आइए नोएडा के सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी से जानें छाछ में हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से क्या होता है?छाछ, हींग, अजवाइन और काले नमक में मौजूद गुणछाछ में भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं, साथ ही, इनमें अच्छी मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। वहीं, अजवाइन में एंटी-ऑक्सीडेंट्स, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, साथ ही, इसमें थाइमोल नामक तत्व होता है, जिससे पाचन के एंजाइम्स को बढ़ावा देने में मदद मिलती है, जिससे पाचन की समस्याएं दूर होती हैं। इसके अलावा, हींग में अच्छी मात्रा में एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं, जो ब्लोटिंग और गैस जैसी समस्याओं में फायदेमंद है। वहीं, काले नमक में पाचन को बढ़ावा देने वाले एंजाइम्स और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।छाछ में हींग, अजवाइन और काला नमक डालकर पीने के फायदेछाछ में अच्छी मात्रा में भरपूर मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं। इस में हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से पाचन के लिए जरूरी एंजाइम्स को बढ़ावा देने, तंत्र को दुरुस्त करने और गट में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इससे पाचन को कई फायदे होते हैं। इसके अलावा, इसका सेवन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसका सेवन करने से पेट को लंबे समय तक भरा रखने और ओवरईटिंग से बचाव करने में मदद मिलती है।शरीर को हाइड्रेट रखेछाछ में इलेक्ट्रोलाइट्स के गुण पाए जाते हैं। गर्मियों में इसका सेवन करने से शरीर को ठंडक देने और शरीर में पानी की कमी को दूर कर हाइड्रेट करने और शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बनने में मदद मिलती है। इससे गर्मी से बचाव करने और स्वास्थ्य को हेल्दी रखने में मदद मिलती है।गैस और एसिडिटी से बचाव करेछाछ में अजवाइन, काले नमक और हींग को डालकर पीने से गैस और एसिडिटी जैसी पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है। बता दें, इससे पाचन के एंजाइम को बढ़ावा देने, गैस, पेट फूलने, ऐंठन और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद काले नमक में एंटी-एसिडिक गुण पाए जाते हैं, जिससे पेट की जलन को शांत करने और पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।इम्यूनिटी बूस्ट करेछाछ में अच्छी मात्रा में प्रोबायोटिक्स के गुण पाए जाते हैं। वहीं, अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी को बूस्ट कर बीमारियों से बचाव करने में मदद मिलती है, साथ ही, इसमें मौजूद अजवाइन और हींग में एंटी-इंफ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। इससे शरीर के दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।हड्डियों के लिए फायदेमंदछाछ में भरपूर मात्रा में कैल्शियम और अन्य मिनरल्स पाए जाते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से हड्डियों को मजबूती देने और इनसे जुड़ी अन्य समस्याओं से बचाव करने में मदद मिलती है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।स्किन और बालों के लिए फायदेमंदछाछ में बहुत से मिनरल्स, विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स के साथ-साथ अन्य कई गुण होते हैं, जो स्किन और बालों को अंदर तक पोषण देने में मदद मिलती है। ऐसे में इसका सेवन करने से बालों और त्वचा से जुड़ी समस्याओं से बचाव करने और इनको हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है।निष्कर्षछाछ में हींग, अजवाइन और काले नमक को डालकर पीने से गैस, एसिडिटी, पेट फूलने, ऐंठन, पाचन के लिए जरूरी एंजाइम्स को बढ़ावा देने, शरीर को हाइड्रेट रखने, इम्यूनिटी को बूस्ट करने, हड्डियों को हेल्दी रखने, वजन कम करने, स्किन और बालों से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है। ध्यान रहे, इनमें से किसी भी चीज से एलर्जी होने, खांसी-जुकाम और और स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य गंभीर समस्या होने पर इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और इस साल अप्रैल महीने में ही लोगों को मई-जून जैसी गर्मी महसूस हो रही है। इस तपती गर्मी में शरीर को हाइड्रेटेड रखने के बार-बार पानी पीने की सलाह दी जाती है। वहीं, खुद को फ्रेश रखने के लिए ताजे फलों का जूस पीने की सलाह भी डॉक्टर्स द्वारा दी जाती है। ऐसा ही एक फल है तरबूज जो गर्मियों के मौसम में हेल्थ के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। गर्मियों में तरबूज खाने से जहां चिलचिलाती गर्मी से आराम मिलता है वहीं शरीर को शक्ति भी मिलती है। इसी तरह गर्मियों में सुबह खाली पेट तरबूज का जूस पीने से भी कई फायदे होते हैं, जिनके बारे में आप पढ़ सकते हैं यहां।धूप के नुकसान से सुरक्षातरबूज उन कुछ चुनिंदा फूड्स में से एक है जिनमें लाइकोपीन पाया जाता है। लाइकोपीन एक स्ट्रॉन्ग एंटीऑक्सीडेंट है जो इम्यून पॉवर बढ़ाने के साथ-साथ आपको फ्री-रैडिकल्स डैमेज से भी बचाता है। यह बॉडी सेल्स को हेल्दी रखता है और इंफेक्शन और गम्भीर बीमारियों का रिस्क कम करता है। Also Read - प्रेगनेंसी में तरबूज खाने से इन समस्याओं से मिलता है छुटकारा, रखें इस बात का ख्यालहाइड्रेट्रेड रखे आपकोखाली पेट तरबूज का जूस पीने से शरीर को हाइड्रेटेड रहने में मदद होती है। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती। हीटवेव के कारण होने वाली डिहाइड्रेशन और उसके लक्षणों जैसे कमजोरी महसूस करना, चक्कर आना, मुंह सूखना और ब्लड प्रेशर लेवल बढ़ जाने जैसी परेशानियों से आराम मिलता है।झुर्रियां रोकेहेल्थ के साथ-साथ स्किन के लिए भी तरबूज का जूस पीना लाभकारी हो सकता है। तरबूज में मौजूद लाइकोपीन स्किन सेल्स को स्वस्थ रखता है। लाइकोपीन स्किन की एजिंग प्रक्रिया को स्लो कर देता है जिससे स्किन लम्बे समय तक जवान रहती है। इससे स्किन पर झुर्रियां और फाइन लाइंस नहीं दिखायी देतीं। Also Read - हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए पिएं ये 5 सुपर हेल्दी ड्रिंक्सवेट लॉस ड्रिंकतरबूज में डाइटरी फाइबर पाया जाता है जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। मेटाबॉलिज्म तेज होने से शरीर का वजन कम होता है। इसी तरह डाइटरी फाइबर पाचन शक्ति भी बढ़ाता है जो पेट से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाता है।बढ़ती है इम्यून पॉवरतरबूज के जूस में विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। ये सभी तत्व शरीर की रोग-प्रतिरोधक शक्ति या इम्यून पॉवर बढ़ाते हैं।-यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी और सलाह देता है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
- क्या आप भी जल्दी इर्रिटेट हो जाते हैं? क्या आपको भी छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आने लगता है? अगर कुछ समय से ही आपने इस बदलाव को महसूस किया है, तो इसे हल्के में लेने की गलती न करें। अगर किसी व्यक्ति का व्यवहार अचानक से बदलने लगता है, तो यह मेंटल हेल्थ से जुड़ी परेशानी का संकेत देता है। ऐसे में हो सकता है कि व्यक्ति किसी बड़ी परेशानी से गुजर रहा हो। लेकिन क्या आप जानते हैं यह व्यवहार किन समस्याओं से जुड़ा हो सकता है?छोटी-छोटी बात पर चिड़चिड़ा होने के क्या कारण होते हैं?स्ट्रेस के कारणअगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा स्ट्रेस में है, तो उसे छोटी-छोटी चीजों पर आसानी से गुस्सा आ सकता है। क्योंकि, ऐसे में व्यक्ति के सहने और नजरअंदाज करने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आ सकता है और छोटी समस्याएं बड़ी लग सकती हैं।नींद पूरी न होनानींद पूरी न होने की वजह से भी इर्रिटेशन हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से थकान हो सकती है। इस वजह से इमोशनल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। जिस कारण व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर ही रिएक्ट कर सकता है।कोई अनसुलझी समस्या होनाअगर व्यक्ति किसी ऐसी अनसुलझी समस्या से गुजर रहा है जिसका समाधान नहीं मिल पा रहा है, तो ऐसे में उसे चिड़चिड़ापनहट हो सकती है। इस कारण उसमें गुस्सा, उदासी और एंग्जायटी जैसी भावनाएं देखने को मिल सकती है। ऐसे में उसे छोटी परेशानियां भी बड़ी नजर आ सकती हैं।हार्मोन्स इंबैलेंस-हार्मोनल इंबैलेंस के कारण भी व्यक्ति को चिड़चिड़ेपन से गुजरना पड़ सकता है। कुछ हार्मोनल इशुज जैसे पीएमएस, मेनोपॉज और थायराइड, पीसीओएस और पीरियड्स में मूड स्विंग्स हो सकते हैं। इस कारण व्यक्ति को छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ सकता है।कोई मेंटल हेल्थ इशु-अगर व्यक्ति को लंबे समय से कोई मेंटल हेल्थ इशु है, तो उसके लिए अपनी इमोशनल हेल्थ को संभालना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति बहुत सेंसिटिव हो जाता है, जिस कारण उसे छोटी-छोटी बात भी बुरी लग सकती है।जरूरत पूरी न होनाअगर किसी व्यक्ति की इमोशनल या कोई जरूरी नीड्स पूरी नहीं हो रही है, तो लंबे समय में यह इर्रिटेशन की वजह बन सकता है। इसके कारण व्यक्ति को खुद में गलतियां नजर आ सकती है। वो गिल्ट में जा सकता है या हर छोटी बात पर ज्यादा रिएक्ट कर सकता है।लेख में हमने जाना ऐसी कौन-सी समस्याएं हैं, जो व्यक्ति के चिड़चिड़ेपन की वजह हो सकती हैं। अगर आप या आपका कोई अपना काफी समय से ऐसा व्यवहार कर रहा है, तो समस्या का पता लगाने की कोशिश करें। इसके बावजूद, अगर आपको समस्या का हल नहीं मिलता है, तो किसी साइकोलॉजिस्ट से संपर्क करें।
- जमीन पर बैठकर भोजन करना शुरुआत से ही हमारी संस्कृति का हिस्सा रहा है। ऋषि- मुनियों के समय से यह संस्कृति चलती आ रही है। आज भी कई घरों में लोग जमीन पर बैठकर ही भोजन करना पसंद करते हैं। वैज्ञानिक रूप से भी इसे हमारी सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। इससे शरीर को खाने से पोषण तत्व पूरी तरह मिलते हैं। साथ ही, इससे रीढ़ की हड्डी और कंधों को भी फायदा होता है। इससे हम ओवरईटिंग नहीं करते हैं और यह ध्यान सुधारने में भी मदद करता है। इतना ही नहीं, बैठकर भोजन करना हमारे पाचन-तंत्र के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इस तरह खाना खाने से पाचन-तंत्र को कई फायदे मिलते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि यह पाचन-तंत्र के लिए किस तरह फायदेमंद है?आंतें स्वस्थ रहती हैं-पाचन-तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए आंतों का स्वस्थ होना भी जरूरी है। जब हम बैठकर खाना खाते हैं, तो हमारे वात का हिस्सा बंद हो जाता है। इससे हमारी आंतों को खाना पचाने में मदद मिलती है। बैठकर खाना खाने से हमारी आंतें नहीं मुड़ती हैं, जिससे खाना ठीक से पचता है।गुल्म रोग नहीं होता है-पेट में सूजन या गांठ होने की समस्या को गुल्म रोग कहा जाता है। यह समस्या तब होती है, जब पेट में आंतें मुड़ जाती हैं और खाना ठीक से नहीं पच पाता है। इसके कारण गैस, पेट में जलन, उल्टी आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। लेकिन, अगर आप खाना जमीन पर बैठकर खाते हैं, तो इससे खाना पाचन-तंत्र में धीरे-धीरे पहुंचता है और पचना आसान भी होता है। इससे बीमारी होने की संभावना भी कम हो जाती है।शरीर में पोषक तत्व सोख पाते हैं-जमीन पर बैठकर खाना खाने से पाचन क्रिया तेज होती है। इससे बॉडी को खाने के पोषक तत्व सोखने में मदद मिलती है। लेकिन, अगर आप खड़े होकर खाना खाते हैं, तो इससे पाचन-तंत्र को पोषण सोखने में परेशानी हो सकती है।पाचन-तंत्र से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैंब्लोटिंग, एसिडिटी या अपच जैसी समस्याओं में जमीन पर बैठकर खाना बहुत फायदेमंद है। इससे पाचन क्रिया तेज होती है और खाना पचना आसान होता है। जिससे पाचन संंबंधित समस्याएं भी ठीक होने लगती हैं।लेख में हमने जाना कि बैठकर खाना खाने से पाचन-तंत्र को क्या फायदे मिलते हैं। अगर आपकी कोई सर्जरी हुई है, तो आपको डॉक्टर की सलाह पर इसे फॉलो करना चाहिए। इस लेख में हमने आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से बात करें।
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दही के अनेक फायदे होते हैं लेकिन जरूरी है कि इसका सेवन सही तरीके से किया जाए। आयुर्वेद में दही के सेवन को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं। खासकर रात में दही खाना सही है या नहीं, यह एक बड़ा सवाल है। आयुर्वेद के अनुसार, दही का सेवन करने का सही समय और तरीका अपनाने से यह फायदेमंद साबित होता है, लेकिन गलत समय या अधिक मात्रा में खाने से यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक भी हो सकता है।
क्या गर्मियों में रात में दही खा सकते हैं?
आयुर्वेद में दही को गुण में "गुरु" यानी भारी भोजन माना गया है। यह शरीर में ऊर्जा बढ़ाने वाला होता है और इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र को मजबूती मिलती है। लेकिन गलत समय पर या गलत तरीके से इसका सेवन करने से शरीर में दोषों को बढ़ा सकता3 है। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि दही शरीर की अग्नि को मंद करता है, जिससे पाचन धीमा पड़ सकता है। दही का सेवन सुबह या दोपहर के समय करना सबसे अच्छा होता है। इस समय शरीर की अग्नि तेज होती है, जिससे यह आसानी से पच जाता है। यदि आप दही खाना चाहते हैं तो इसे शाम 7 बजे या अधिकतम 8 बजे तक खा लें। इसके बाद दही खाने से शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
दही से किसे बचना चाहिए?
गर्मियों में दही का सेवन फायदेमंद होता है, लेकिन इसे देर रात में खाने से बचना चाहिए। यदि आपकी पाचन अग्नि मंद है, तो दही की बजाय छाछ का सेवन करना अधिक लाभकारी रहेगा। वहीं अगर आपके शरीर की अग्नि तीक्ष्ण है तो आप दही का सेवन कर सकते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह तेज अग्नि को मंद कर सकता है।
दही और छाछ में से कौन सा बेहतर है?गर्मियों में छाछ या मठ्ठा दही की तुलना में अधिक लाभकारी माना जाता है। छाछ न केवल पाचन को सुधारती है बल्कि शरीर में ठंडक भी बनाए रखती है। इसमें दही की तुलना में कम फैट और अधिक मात्रा में प्रोबायोटिक्स होते हैं, जो आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं। छाछ को मसाले और अदरक के साथ लेने से यह और भी अधिक लाभकारी हो जाती है।गर्मियों में दही का सेवन करने के सही तरीके=छाछ के रूप में सेवन करें - इसे जीरा, पुदीना और काला नमक डालकर पिएं।=दोपहर के समय खाएं - सुबह या दोपहर में दही खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।=फलों के साथ न खाएं - आम, केला जैसे फलों के साथ दही खाना पाचन के लिए नुकसानदायक हो सकता है।निष्कर्षआयुर्वेद के अनुसार, गर्मियों में देर रात में दही का सेवन करने से बचना चाहिए। दही गुण में भारी होता है। यदि आप दही खाना चाहते हैं, तो इसे दिन में छाछ के रूप में लेना बेहतर होता है। इससे शरीर को ठंडक भी मिलेगी और पाचन भी ठीक रहेगा। - प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर को ज्यादा एनर्जी और पोषण की जरूरत होती है, ताकि मां और शिशु दोनों का विकास सही तरीके से हो सके। बाजार में मिलने वाले प्रोटीन पाउडर कई बार प्रिजरवेटिव्स और अनहेल्दी इंग्रीडिएंट्स से भरे होते हैं, जो हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होते। इसलिए, डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट अक्सर प्राकृतिक और घर में बने प्रोटीन पाउडर को अपनाने की सलाह देते हैं। घर पर बनाए गए प्रोटीन पाउडर में नट्स, बीज और दालों का संतुलित मिश्रण होता है, जो न सिर्फ पोषण से भरपूर होता है, बल्कि पचने में भी आसान होता है। इसे दूध, स्मूदी या दलिया में मिलाकर आसानी से अपनी डाइट का हिस्सा बनाया जा सकता है।खास बात यह है कि यह पूरी तरह नेचुरल होता है और इसमें किसी भी तरह के हानिकारक तत्व नहीं होते। गर्भवती महिलाओं के लिए यह एक सुरक्षित विकल्प है, जिससे उन्हें जरूरी प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।प्रेग्नेंसी में शरीर को प्रोटीन की कितनी मात्रा चाहिए?गर्भवती महिलाओं को अपने बॉडी वेट के मुताबिक, रोज लगभग 70 से 100 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। होममेड प्रोटीन पाउडर आपकी प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोटीन की जरूरत पूरी करने में मदद कर सकता है।गर्भावस्था में घर के बने प्रोटीन पाउडर को खाने के फायदे-गर्भावस्था के दौरान सही पोषण जरूरी होता है। यह होममेड प्रोटीन पाउडर प्राकृतिक तत्वों से बना है और गर्भवती महिलाओं के लिए कई फायदे देता है। जानें इनके बारे में-1. शरीर को मिलेगा प्रोटीन-प्रोटीन शिशु के विकास और मांसपेशियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। इसमें बादाम, मूंग दाल और चने जैसे अच्छे प्रोटीन स्रोत (Protein Sources) शामिल हैं। इसे खाने से शरीर की एनर्जी बढ़ती है और एनर्जी की कमी दूर होती है।2. एनीमिया से होगा बचावगर्भावस्था में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। पर्याप्त आयरन के साथ एनीमिया (Anemia) से बचा जा सकता है। इसमें खजूर और कद्दू के बीज मौजूद हैं, जो शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल बनाए रखते हैं।3. शिशु के विकास के लिए फायदेमंद है प्रोटीन पाउडर-अखरोट और अलसी के बीज ओमेगा-3 से भरपूर होते हैं, जो शिशु के दिमाग और तंत्रिका तंत्र के विकास में मदद करते हैं। यह जरूरत प्रोटीन पाउडर से पूरी हो जाती है।4. डाइजेशन अच्छा रहता हैओट्स, चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स फाइबर का अच्छा स्रोत हैं, जो पाचन को सुधारते हैं और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं।5. नेचुरल और प्रिजरवेटिव-फ्रीबाजार के पाउडर में केमिकल्स हो सकते हैं, लेकिन यह होममेड पाउडर पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित है, जिससे गर्भावस्था में बेझिझक इस्तेमाल किया जा सकता है।घर पर प्रोटीन पाउडर बनाने की रेसिपीगर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन पाउडर पोषण से भरपूर, पचने में आसान और बिना किसी आर्टिफिशियल सामग्री के होना चाहिए। हम आपको एक नेचुरल, प्रोटीन से भरपूर रेसिपी बताने जा रहे हैं-सामग्री:बादाम- ½ कपकाजू- ¼ कपअखरोट- ¼ कपपिस्ता- ¼ कपकद्दू के बीज- ¼ कपअलसी के बीज- 2 टेबलस्पूनचिया सीड्स- 2 टेबलस्पूनभुने हुए चने- ½ कपभुनी हुई मूंग दाल- ½ कपओट्स- ½ कपइलायची पाउडर- ½ टीस्पूनबनाने की विधि:-सभी नट्स, बीज और दालों को धीमी आंच पर हल्का भून लें, जब तक हल्की खुशबू न आने लगे।ठंडा होने दें।-एक ब्लेंडर में डालकर बारीक पाउडर बना लें।-पाउडर को एयरटाइट कंटेनर में ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर करें।कैसे करें इस्तेमाल?-1-2 टेबलस्पून गर्म दूध, स्मूदी, दलिया या दही में मिलाकर लें।-इसे घी और शहद के साथ मिलाकर हेल्दी प्रोटीन लड्डू भी बना सकते हैं।-इस प्रोटीन पाउडर का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसका सेवन करने से होने वाली मां के शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलेंगे।
- नहाने के बाद अक्सर लोग त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए तरह-तरह की चीजों को अप्लाई करते हैं। अधिकतर लोग नहाने के बाद मॉइश्चराइजर अप्लाई करते हैं। लेकिन, आपको नहाने से पहले भी शरीर पर कुछ ऐसी चीजें लगानी चाहिए, जो त्वचा को मॉइश्चराइज और हाइड्रेट करते हैं। कई लोग नहाने से पहले महंगे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। आप चाहें तो शरीर पर घर में मौजूद कुछ चीजों को भी अप्लाई कर सकते हैं। नारियल तेल और सरसों के तेल के साथ ही आप त्वचा पर इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए, जानते हैं नहाने से पहले शरीर पर क्या लगाना चाहिए?बादाम का तेलनहाने से पहले आप शरीर पर बादाम का तेल लगा सकते हैं। बादाम का तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करते हैं। बादाम का तेल रूखी और बेजान त्वचा से छुटकारा दिलाता है। यह त्वचा को मुलायम और कोमल बनाता है। आपको रोज सुबह नहाने से पहले शरीर पर बादाम का तेल जरूर लगाना चाहिए।नारियल का तेलआप शरीर पर नहाने से पहले नारियल का तेल भी लगा सकते हैं। नारियल का तेल त्वचा के लिए फायदेमंद होता है। यह त्वचा से जुड़ी तमाम समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। हालांकि, आपको कोकोनट वर्जिन ऑयल का ही इस्तेमाल करना चाहिए। नारियल तेल त्वचा को मॉइश्चराइज करता है। यह ड्राई स्किन से भी छुटकारा दिलाता है। आप रोज सुबह शरीर पर नारियल तेल लगाएं और फिर नॉर्मल पानी से नहा लें। इससे आपकी त्वचा पर पूरे दिनभर नमी बनी रहेगी।मुल्तानी मिट्टीआयुर्वेद में मुल्तानी मिट्टी को त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद बताया गया है। मुल्तानी मिट्टी त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करती है। मुल्तानी मिट्टी मुंहासों से भी छुटकारा दिलाती है। अगर आप त्वचा की फोड़े-फुंसियों से परेशान रहते हैं, तो नहाने से पहले शरीर पर मुल्तानी मिट्टी लगा सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी त्वचा को ठंडक प्रदान करती है। इससे त्वचा की जलन और खुजली भी शांत होती है।एलोवेरा जेलएलोवेरा जेल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। अक्सर लोग चेहरे पर एलोवेरा जेल अप्लाई करते हैं। आप चाहें तो पूरे शरीर पर भी एलोवेरा जेल लगा सकते हैं। लेकिन, आपको नहाने से पहले ही शरीर पर एलोवेरा जेल लगाना चाहिए। एलोवेरा जेल में मॉइश्चराइजिंग गुण होते हैं, जो त्वचा को नमी प्रदान करते हैं। एलोवेरा जेल रूखी और बेजान त्वचा से छुटकारा दिलाता है।बेसन और हल्दी उबटननहाने से पहले आप बेसन और हल्दी का उबटन भी लगा सकते हैं। आप इस उबटन को घर पर ही बना सकते हैं। इसके अलावा, आप चाहें तो मार्केट में मिलने वाले बेसन-हल्दी उबटन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बेसन और हल्दी, दोनों ही त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बेसन त्वचा के मुंहासों को मिटाने में असरदार होता है। वहीं, हल्दी त्वचा के दाग-धब्बों को मिटाने में मदद करता है। बेसन और हल्दी का उबटन त्वचा का निखार भी बढ़ाता है।
- आज से पूरे देश में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। चैत्र नवरात्रि के खास मौके पर श्रद्धालु मां दुर्गा की उपासना में 9 दिनों का व्रत रखते हैं। चैत्र नवरात्रि के व्रत के दौरान सही खान-पान का चयन करना आवश्यक होता है ताकि शरीर स्वस्थ रहे और इम्यूनिटी मजबूत बनी रहे। दरअसल, नवरात्रि के व्रत में लंबे समय तक खाली पेट रहने से इम्यून सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से बीमारियों का खतरा बढ़ता है।चैत्र नवरात्रि व्रत में इम्यूनिटी मजबूत बनाने के लिए क्या खाएं?वेलनेस कोच सिमरत कतूरिया के अनुसार, डाइटिशियन के तौर पर मैं अक्सर लोगों से सुनती हूं कि भूखे रहने की वजह से उन्हें शारीरिक तौर पर कमजोरी महसूस हो रही है। व्रत में इस तरह की परेशानी होने का मुख्य कारण है पोषण की कमी। व्रत के दौरान अक्सर तला हुआ ज्यादा खाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, लेकिन हमें ऐसी चीजों को खाने में तवज्जों देनी चाहिए, जो लंबे समय तक शरीर के काम आए।1. इम्यूनिटी के लिए हाइड्रोमीटर को रखें संतुलितव्रत में लंबे समय तक भूखे और प्यासे रहने की वजह से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। पानी की कमी इम्यूनिटी कमजोर होने का मुख्य कारण है। पानी की कमी को पूरा करने के लिए व्रत में नारियल पानी, छाछ और नींबू का सेवन करें। ये तरल पदार्थ शरीर को हाइड्रेट रखते हैं और प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होते हैं। नॉर्मल दूध और पत्ती वाली चाय की बजाय तुलसी, अदरक, दालचीनी और हल्दी वाली हर्बल टी व्रत में पीने से इम्यूनिटी मजबूत बनती है।2. ड्राई फ्रूट्स और नट्सबादाम, अखरोट, काजू और चिया, सूरजमुखी, अलसी के बीज एंटीऑक्सीडेंट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।3. ताजे फल और सब्जियांचैत्र नवरात्रि व्रत के दौरान सेब, अनार, संतरा, पपीता, गाजर और चुकंदर जैसे फलों और सब्जियों को आहार का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए। ताजे फल और सब्जियों में विटामिन C, A और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।4. मखाने और मूंगफलीमखाने कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं, जो हड्डियों और इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं। मूंगफली में जिंक और प्रोटीन होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं।5. शहद और गुड़शहद और गुड़ प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।चैत्र नवरात्रि व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?ज्यादा तली-भुनी चीजों से बचें।-हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त पानी पिएं।-प्रसाद और मिठाइयों का सेवन सीमित मात्रा में करें।-नवरात्रि के दौरान संतुलित और पोषण से भरपूर आहार लेने से न केवल आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा बल्कि आपकी इम्यूनिटी भी मजबूत बनी रहेगी।
- अगर आप त्वचा की देखभाल नहीं कर पाते, तो इसके कारण आपको डार्क स्पॉट्स और डल स्किन की समस्या हो सकती है। ऐसे में काम आते हैं दादी-नानी बरसों पुराने घरेलू नुस्खे, जिन्हें बनाना और इस्तेमाल करना दोनों ही आसान होता है। इस समस्या में कॉफी, हल्दी और दही का फेस मास्क भी फायदेमंद हो सकता है।कॉफी, हल्दी और दही का फेस मास्क कैसे बनाएंफेस मास्क बनाने के लिए बाउल में 1 चम्मच कॉफी पाउडर लीजिए। इसमें 2 चम्मच दही और 1 चम्मच हल्दी भी मिलाएं। पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने के बाद सादे पानी से चेहरा धोएं। बेहतर रिजल्ट के लिए इस फेस मास्क को आप सप्ताह में 2 से 3 बार लगा सकते हैं।स्किन व्हाइटनिंग के लिए कॉफी, हल्दी और दही फेस मास्क के फायदेस्किन व्हाइटनिंग के लिए कॉफी और हल्दी से बना यह फेस मास्क बहुत फायदेमंद है। दही त्वचा के लिए नेचुरल फाउंडेशन की तरह काम करता है। इसमें लैक्टिक एसिड होता है जो स्किन क्लींजिंग में मदद करता है। हल्दी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण एक्ने और इंफ्लेमेशन कम करते हैं। इसे इस्तेमाल करने से स्किन में डार्क स्पॉट्स और डलनेस कम होती है। कॉफी में एक्सफोलिएटिंग गुण होते हैं, जो त्वचा की गहराई से सफाई करते हैं। इससे त्वचा में प्राकृतिक निखार आता है।कॉफी, हल्दी और दही फेस मास्क के अन्य फायदे-कॉफी स्किन को एक्सफोलिएट करेगी। इससे स्किन पोर्स खुलेंगे और त्वचा की गहराई से सफाई होगा। इससे एक्ने और पिंपल्स का खतरा भी कम होगा।-इस फेस मास्क में दही इस्तेमाल किया गया है। इसलिए इसे इस्तेमाल करने से स्किन सॉफ्ट और स्मूद भी रहेगी। पहले इस्तेमाल के बाद ही आपको स्किन फ्रेश महसूस होने लगेगी।-यह फेस मास्क स्किन को ग्लोइंग और हेल्दी रखने में मदद करेगा। इससे स्किन में कोलेजन बूस्ट होगा और स्किन हेल्थ इंप्रूव होगी।-हल्दी और दही का कॉम्बिनेशन स्किन प्रॉब्लम्स का खतरा कम करने में भी मदद करेंगे।इस तरह से आप प्राकृतिक चीजों से फेस मास्क बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन अगर आपकी सेंसिटिव स्किन है या आप पहली बार इसे इस्तेमाल कर रहे हैं, तो एक्सपर्ट की सलाह पर ही इसे इस्तेमाल करें। लेख में दी गई जानकारी पसंद आई हो, तो इसे शेयर करना न भूलें।
- आयुर्वेद में कई ऐसे पेड़-पौधों का जिक्र किया गया है, जिन्हें सेहत के लिए वरदान माना जाता है। ऐसे ही एक पेड़ का नाम पलाश है। पलाश के फूलों को टेसू के फूल के नाम से भी जाना जाता है। इस पेड़ के फूल, छाल, पत्ती और बीज का उपयोग कई तरह की औषधीय दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। इस फूल में मौजूद रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सिडेंट गुण शुगर लेवल कंट्रोल रखने के साथ बवासीर जैसी समस्या तक में राहत पहुंचा सकते हैं। पुरुषों की सेहत के लिए तो यह फूल खासतौर पर फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं पलाश के फूल सेहत को देते हैं क्या-क्या फायदे।पलाश के फूल के फायदेत्वचा रोगआयुर्वेद के अनुसार, पलाश के बीज का पेस्ट त्वचा पर लगाने से एक्जिमा जैसे त्वचा विकार, खुजली और रूखेपन की समस्या में आराम मिल सकता है।मधुमेहआयुर्वेद के अनुसार पलाश के फूलों में एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं, तो तेजी से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में असरदार हैं। इसके अलावा पलाश के पत्ते का पाउडर लेने से भी शरीर में ग्लूकोज चयापचय में सुधार देखने को मिल सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलोजी इंफॉर्मेशन) के एक शोध पेपर के अनुसार लैब में जब दो हफ्ते तक 200 मिलीग्राम पलाश का उपयोग चूहों पर किया गया, तो उनका शुगर लेवल और सीरम कोलेस्ट्रोल नियंत्रित हो गया।घावपलाश के बीज में मौजूद हीलिंग गुणों के कारण घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है। ये रक्तस्राव होने से रोकता है, जिससे घाव जल्दी भरता है। इसके लिए पलाश का एक फूल लेकर उसे गुलाब जल के साथ पीसकर उससे पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाने से खून तुरंत रुक जायेगा।पाइल्सपलाश के फूल पाइल्स की समस्या में आराम दिला सकते हैं। पाइल्स की वजह से गुदा के अंदरूनी या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैं, जिनमें से कई बार खून निकलने के साथ दर्द भी होता है। लेकिन पलाश के फूल इस समस्या में आराम दिला सकते हैं। इसके लिए पलाश के फूलों को सुखाकर बनाए गए पाउडर का सेवन करने से पाइल्स की समस्या में आराम मिल सकता है। बता दें, पलाश का शरबत पीने से खूनी बवासीर में जल्द राहत मिल सकती है।बॉडी रखे हाइड्रेटगर्मियों में प्यास ज्यादा लगती है। जिसकी वजह से व्यक्ति का गला बार-बार सूखने लगता है। आयुर्वेद की मानें तो पलाश के फूल प्यास कम करके शरीर हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं। जिससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है।यह भी ध्यान रखें....यूं तो पलाश के फूल आयुर्वेदिक औषधि माने जाते हैं। बावजूद इसके इन फूलों का सेवन बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के खुद नहीं करना चाहिए।
- सेहत को अच्छा बनाए रखने के लिए डॉक्टर अकसर हरी सब्जियां खाने की सलाह देते हैं। हरी सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होने की वजह से स्वाद के साथ सेहत को कई अनगिनत लाभ भी देती हैं। आयुर्वेद के अनुसार सेहत के लिए फायदेमंद ऐसी ही एक हरी सब्जी का नाम कंटोला है। कंटोला को कई जगह किकोड़ा और ककोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। कंटोला का स्वाद तीखा लेकिन खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। बात अगर कंटोला में मौजूद पोषक तत्वों की करें तो इसमें प्रोटीन, फैट, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, सोडियम, कैल्शियम जैसे कई न्यूट्रिशन मौजूद होते हैं। जो खासतौर पर इन 5 बड़ी बीमारियों का खतरा कम करने में मदद कर सकते हैं। बढ़ते मोटापे से परेशान लोगों के लिए तो यह सब्जी वरदान से कम नहीं है। आइए जान लेते हैं कंटोला को डाइट का हिस्सा बनाने से सेहत को मिलते हैं क्या गजब के फायदे।कंटोला खाने के फायदेडायबिटीजजिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है, उनके लिए इस सब्जी का सेवन काफी फायदेमंद हो सकती है।कंटोला का सेवन ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करता है। जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर की अधिकता आंतों की सेहत में सुधार करके पाचन को मजबूत बनाती है।रक्तचापकंटोला में मौजूद पोटेशियम और आयरन, शरीर के रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। दरअसल, पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और आयरन हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है।मोटापाअगर आप बढ़ते मोटापे से परेशान हैं तो कंटोला की सब्जी का सेवन वजन घटाने में मदद कर सकता है। कंटोला में मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है। जिससे व्यक्ति अनहेल्दी फूड खाने और ओवरईटिंग करने से बच जाता है। जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।हृदय स्वास्थ्यकंटोला में पोटैशियम की अच्छी मात्रा मौजूद होती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होने के साथ, रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।पाचन संबंधी समस्याएंकंटोला का सेवन डायबिटीज के अलावा भी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक है. कंटोला का नियमित सेवन शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर बॉडी डिटॉक्स करने में मदद करता है। इसके सेवन से पेट साफ रहता है और व्यक्ति को कब्ज जैसी पाचन से जुड़ी समस्या परेशान नहीं करती है।
- मोटापा कम करना हो या कॉन्स्टिपेशन से आराम पाना हो, सुबह उठकर एक से दो गिलास पानी पीने की सलाह आपको अक्सर मिली होगी ही। घर के बड़े-बुजुर्गों से लेकर डॉक्टर भी लोगों को सुबह खाली पेट पानी पीने की टिप देते हैं क्योंकि, सुबह पानी पीने से ना केवल आपको ताजगी और एनर्जी मिलती है बल्कि, इससे आपकी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स को कंट्रोल करने में भी मदद होती है। लेकिन, अगर आप ठंडे पानी की बजाय सुबह गुनगुना पानी पीते हैं तो इससे आपकी हेल्थ पर बेहतर प्रभाव पड़ते हैं। विशेषकर बदलते मौसम और ठंड के दिनों में सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से आपको ढेरों फायदे हो सकते हैं। आप केवल कुछ दिनों तक सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पी कर देखें आपको फर्क खुद ही नजर आएगा। अगर आप बहुत ज्यादा पानी नहीं पी सकते तो एक या आधा गिलास पानी पिएं। गुनगुना पानी पीने से आपके शरीर की इम्यून पॉवर बढ़ सकती है। इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को कम करने में भी गुनगुना या गर्म पानी पीना बहुत फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं कि सुबह सबसे पहले गुनगुना पानी पीने से शरीर पर कैसा असर होता है और इससे किस तरह के फायदे मिल सकते हैं।सवेरे खाली पेट गुनगुना पानी पीने के फायदे क्या हैं?पेट होता है अच्छी तरह साफ-सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने से गट हेल्थ में काफी सुधार होता है। सुबह अगर आपका पेट अच्छी तरह साफ नहीं होता है तो आप सुबह खाली पेट गुनगुना पानी पीने की आदत अपनाएं। इससे गट और डाइजेस्टिव सिस्टम को काम करने में मदद होती है और आपको कॉन्स्टिपेशन और इनडाइजेशन जैसी समस्याओं से आराम भी मिलता है।वेट लॉस में मददगारशायद आपको यह जानकर हैरानी हो कि केवल गुनगुना पानी पीने से भी बॉडी का मेटाबॉलिज्म बढ़ सकता है और वेट लॉस की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है। इससे आपको बेली फैट को कम करने और मोटापे के नुकसान से बचने में मदद हो सकती है।बैड कोलेस्ट्रॉल होता है कमगर्म गुनगुना पानी पीने से शरीर में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल को साफ करने में भी मदद होती है। बैड कोलेस्ट्रॉल नसों के अंदर की दीवरों में चिपककर उसमें लम्बे समय तक जमा होता रहता है। गर्म पानी पीने से नसें साफ होती हैं और खुल जाती हैं। इससे नसों में रक्त का संचार भी तेज होता है और हार्ट हेल्थ में भी सुधार होता है।
- अक्ल दाढ़ उन दांतों को कहते हैं, जो वयस्क होने के बाद दाढ़ की ओर आती हैं। इन्हें थर्ड मोलर टीथ भी कहा जाता है। ये मुंह के अंतिम सिरे में आती हैं। आमतौर पर अक्ल दाढ़ आने पर हल्का-फुल्का दर्द महसूस होता है। कुछ लोगों के लिए यह दर्द बहुत तीव्र होता है और कभी-भी सूजन भी आ जाती हैं। वहीं, कुछ लोगों को अक्ल दाढ़ आने पर किसी भी तरह का दर्द नहीं होता है। इसके अलावा, जरूरी नहीं है कि सबके मुंह में चारों अक्ल दाढ़ आ जाएं। कुछ लोगों को एक दांत आते हैं, तो कुछ लोगों दो, तीन या चारों आ जाते हैं। अगर अक्ल दाढ़ आने पर दिक्कतें ज्यादा होती हैं, तो विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि दांतों को रिमूव कर दिया जाए। ऐसा इसलिए भी कहा जाता है, क्यांकि अक्ल दाढ़ निकलने में समय लेते हैं और रह-रहकर इसमें दर्द और सूजन हो सकती है। ऐसे में अक्ल दाढ़ निकाल देना सही रहता है। यहां सवाल उठता है कि आखिर अक्ल दाढ़ निकालने पर गर्म चीजें खाया जाना सुरक्षित होता है?क्या अक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद गर्म खाना खाना सेफ होता है?-ज्यादातर समय अक्ल दाढ़ का निकलना काफी दर्दभरा अहसास होता है। कुछ लोगों को छह-छह महीने में इसका दर्द उठता है और सूजन भी हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति के लिए खाना-पीना और मुंह तक पूरी तरह खोलना मुश्किल भरा हो जाता है। इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए एक्सपर्ट का कहना है कि अक्ल दाढ़ को निकलवा दिया जाना चाहिए। इससे दर्द स्थाई रूप से खत्म हो जाता है। लेकिन, अक्ल दाढ़ रिमूव करने की प्रक्रिया के बाद कुछ दिनों तकलीफ बनी रहती है। ऐसे में गर्म खाना खाया जाना कितना सुरक्षित है? इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि अक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद गर्म खाना नहीं खाना चाहिए। यह बिल्कुल सुरक्षित नहीं होता है। आमतौर पर किसी भी तरह की दांतों से जुड़ी प्रक्रिया के बाद गर्म खाना नहीं खाना चाहिए। यह सही नहीं होता है। अगर आप अक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद गर्म खाना खाते हैं, तो कुछ समस्याएं हो सकती हैं, जैसे प्रभावित हिस्से में जलन, सूजन और अन्य जटिलताएं। इस तरह की परेशानी से बचना है, तो बेहतर है कि आप अक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद ठंडा खाना खाएं। गर्म खाना खाने से परहेज करें।अक्ल दाढ़ निकलवाने के गर्म खाना क्यों नहीं खाना चाहिए?सूजन बढ़ सकती हैअक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद प्रभावित हिस्सा काफी कमजोर और सेंसिटिव हो जाता है। ऐसे में अगर आप गर्म खाना खा लेते हैं, तो इससे प्रभावित हिस्सों में खाने के पार्टिकल्स जम सकते हैं, जो कि दर्द के साथ-साथ सूजन भी बढ़ा सकता है। यही नहीं, गर्म चीजें खाने के कारण प्रभावित हिस्से की रिकवरी देरी से हो सकत है, जो सूजन में बढ़ावा देता है।ड्राई सॉकेट की स्थितिअक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद कुछ लोगों को ब्लीडिंग होने लगती है। ऐसा होना सामान्य है। कुछ देर के लिए प्रभावित हिस्से पर रुई दबाकर रखी जाए, तो ब्लड निकलना बंद हो जाता है। लेकिन, कुछ मामलों में यहां ड्राई सॉकेट की स्थिति बन जाती है। ऐसा खासकर, उन लोगों के साथ अधिक होता है, जो अक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद गर्म खाना खाते हैं। आपको बता दें कि ड्राई सॉकेट का मतलब होता है कि दांत निकलवाने के बाद जब खून का थक्का न बनना। ऐसे में ब्लीडिंग होती रहती है। इसे ही हम ड्राई सॉकेट कहते हैं।असहजता होनाअक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद गर्म खाना खाने से असहजता भी बढ़ सकती है। असल में, इस दौरान सही तरह से कुछ भी खाना मुश्किल होता है। कई बार अक्ल दाढ़ निकलवाने के लिए सर्जरी की जाती है, जिससे टांके भी लगाए जाते हैं। इस स्थिति में गर्म खाना खाना बिल्कुल सही नहीं होता है। टांकों की रिकवरी की गति धीमी हो जाती है और सामान्य से सामन्य चीज खाना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।अक्ल दाढ़ निकलवाने के बाद क्या खाएं?अक्ल दाढ़ निकवाने के बाद सॉफ्ट और ठंडी चीजें खानी चाहिए। इसमें दही, आइस्क्रीम जैसी चीजें शामिल हैं। इससे दांत का दर्द भी कम होता है और टांकों में दिक्कत भी नहीं आती है। यहां तक कि अक्ल दाढ़ की रिकवरी में भी ठंडी चीजें बाधा नहीं डालती हैं।
- दालें हमारे खाने का पारंपरिक हिस्सा हैं और मूंग, मसूर, तुअर, उड़द और चना दाल जैसे कई प्रकारों का सेवन किया जाता है। वहीं, बीन्स जैसे राजमा, छोले, लोबिया और सोयाबीन भी पसंद किए जाते हैं और हाई-प्रोटीन फूड्स में गिने जाते हैं। दोनों में ही फाइबर, विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं, लेकिन इनका स्वास्थ्य पर प्रभाव अलग-अलग होते हैं। इसलिए, यह समझना जरूरी है कि दाल और बीन्स में से कौन-सा विकल्प आपके लिए ज्यादा फायदेमंद रहेगा। आइए, जानते हैं इनके बीच का अंतर और सेहत के लिए क्या बेहतर है।दाल या बीन्स में से किसमें ज्यादा पोषक तत्व होते हैं?-दालों और बीन्स दोनों में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन्स होते हैं, लेकिन बीन्स में ज्यादा फाइबर और प्रोटीन होता है। वहीं, दालें हल्की होती हैं और जल्दी पच जाती हैं। बीन्स में आयरन और मैग्नीशियम की मात्रा ज्यादा पाई जाती है, जबकि दालों में फोलेट और जिंक की मात्रा ज्यादा होती है।दाल या बीन्स में से पाचन के लिहाज से क्या बेहतर है?बीन्स में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाती है। दूसरी ओर, दालों में फोलेट और फास्फोरस पाया जाता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के विकास में मदद करता है। अगर आप हल्का और जल्दी पचने वाला खाना चाहते हैं, तो दालें बेहतर विकल्प हैं क्योंकि ये पेट पर ज्यादा भार नहीं डालतीं। बीन्स में हाई फाइबर होता है, जिससे पेट देर तक भरा रहता है, लेकिन कुछ लोगों को गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है।दाल या बीन्स में से वेट लॉस के लिए क्या बेहतर है?--जो लोग वेट लॉस (Weight Loss) करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके लिए दालें ज्यादा फायदेमंद हो सकती हैं क्योंकि इनमें कैलोरीज कम होती हैं और ये जल्दी पचती हैं। बीन्स भी वजन घटाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में खाने से पेट फूल सकता है।दाल या बीन्स में से हार्ट के लिए क्या ज्यादा फायदेमंद है?दाल और बीन्स दोनों ही कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं। लेकिन बीन्स में ज्यादा फाइबर होने के कारण यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में ज्यादा असरदार होती हैं और हृदय रोगों (Heart Diseases) के जोखिम को कम करती हैं। जो लोग शाकाहारी हैं और प्रोटीन का अच्छा स्रोत चाहते हैं, उनके लिए बीन्स ज्यादा फायदेमंद होती हैं क्योंकि इनमें ज्यादा मात्रा में प्रोटीन होता है।हालांकि, दालें भी प्रोटीन देती हैं, खासकर जब इन्हें चावल के साथ खाया जाए, जिससे संपूर्ण अमीनो एसिड प्रोफाइल मिलती है।दाल vs बीन्स: दोनों में से क्या है बेहतर?दाल और बीन्स दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद हैं। अगर आपको हल्का, जल्दी पचने वाला और कम कैलोरीज वाला खाना चाहिए, तो दालें बेहतर हैं। अगर आपको ज्यादा फाइबर और प्रोटीन चाहिए, तो बीन्स अच्छा विकल्प है। अपनी सेहत और जरूरत के हिसाब से इन्हें बैलेंस करके डाइट में शामिल करें।