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- नई दिल्ली।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ अब यह बिल एक कानून बन गया है।यह बिल प्रतिनिधि सभा के पारित किए जाने के एक दिन बाद आया, जिससे राष्ट्रपति ट्रंप के ऐतिहासिक कानून को अंतिम स्वीकृति मिल गई।स्वतंत्रता दिवस समारोह में ट्रंप ने कहा, ” मैंने कभी देश में लोगों को इतना खुश नहीं देखा क्योंकि कई अलग-अलग वर्गों के लोग अब सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इनमें सेना, आम नागरिक और विभिन्न प्रकार की नौकरियों से जुड़े लोग शामिल हैं।” राष्ट्रपति ट्रंप ने साउथ डकोटा से रिपब्लिकन सीनेट मेजॉरिटी लीडर जॉन थ्यून और लुइसियाना से रिपब्लिकन हाउस स्पीकर माइक जॉनसन को सराहा, जिन्होंने इस विधेयक को कांग्रेस के दोनों सदनों से पारित कराने में अहम भूमिका निभाई है। ट्रंप ने कहा, “वह दोनों एक ऐसी टीम हैं, जिसे हराया नहीं जा सकता।”व्हाइट हाउस’ की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने इस विधेयक को “उन सभी नीतियों का सार” बताया, जिन पर राष्ट्रपति ने चुनाव लड़ा और जिनके पक्ष में जनता ने मतदान किया था। उन्होंने इसे अमेरिकी जनता के लिए एक विजयी दिन बताया है। गुरुवार दोपहर को हाउस रिपब्लिकन ने टैक्स में भारी कटौती, संघीय खर्च में कटौती, पेंटागन और बॉर्डर सिक्योरिटी के लिए फंडिंग बढ़ाने वाले ट्रंप के विशाल पैकेज को मंजूरी देने के लिए मतदान किया, जिससे यह विधेयक पारित हो गया। इससे पहले इसी सप्ताह सीनेट ने भी इस बिल को पास कर दिया था।ट्रंप ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ की तारीफ की। उन्होंने इसे अमेरिका के ‘नए स्वर्ण युग की शुरुआत’ बताया। ट्रंप ने ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन ने ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट’ पारित किया है। हमारी पार्टी पहले से कहीं अधिक एकजुट है। हम व्हाइट हाउस में शनिवार शाम 4 बजे एक साइनिंग सेरेमनी का आयोजन करेंगे। सभी कांग्रेस सदस्यों और सीनेटर्स को आमंत्रित किया गया है। हम एक साथ अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता और हमारे नए स्वर्ण युग की शुरुआत का जश्न मनाएंगे।”उन्होंने आगे कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका के लोग पहले से कहीं अधिक समृद्ध, सुरक्षित और गौरवान्वित होंगे। सदन के अध्यक्ष माइक जॉनसन, सीनेट मेजोरिटी लीडर जॉन थ्यून और कांग्रेस के सभी रिपब्लिकन सदस्यों को धन्यवाद, जिन्होंने हमारे वादों को पूरा करने में मदद की। साथ मिलकर हम ऐसी चीजें कर सकते हैं, जिनकी एक साल से भी कम समय पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। हम काम करते रहेंगे और जीतते रहेंगे, बधाई हो अमेरिका!”
- मॉस्को. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को फोन पर बातचीत के दौरान ईरान, यूक्रेन और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। क्रेमलिन ने यह जानकारी दी। ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद से यह फोन पर उनकी छठी बातचीत थी। पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि ईरान के हालात पर चर्चा करते हुए पुतिन ने सभी मुद्दों को राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से सुलझाने की आवश्यकता पर बल दिया।अमेरिका ने 22 जून को ईरान के तीन स्थलों पर हमला किया, जिससे वह तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के उद्देश्य से इजराइल के युद्ध में शामिल हुआ। यूक्रेन में संघर्ष के बारे में उशाकोव ने कहा कि ट्रंप ने लड़ाई को शीघ्र रोकने के लिए अपने प्रयास पर बल दिया तथा पुतिन ने कीव के साथ वार्ता जारी रखने के लिए मॉस्को की इच्छा व्यक्त की। पुतिन ने तर्क दिया है कि उन्होंने यूक्रेन के नाटो में शामिल होने के प्रयास से रूस के लिए उत्पन्न खतरे को दूर करने और यूक्रेन में रूसी भाषियों की रक्षा के लिए फरवरी 2022 में यूक्रेन में सेना भेजी थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी संभावित शांति समझौते में यूक्रेन को नाटो में शामिल होने की अपनी कोशिश छोड़नी होगी तथा रूस के क्षेत्रीय आधिपत्य को मान्यता देनी होगी। दोनों नेताओं के बीच बृहस्पतिवार को बातचीत पेंटागन की इस पुष्टि के बाद हुई है कि अमेरिका यूक्रेन को कुछ हथियारों की आपूर्ति रोक रहा है। उशाकोव ने कहा कि ट्रंप-पुतिन वार्ता में यूक्रेन को कुछ अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति को निलंबित करने पर चर्चा नहीं हुई।
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अक्करा (घाना). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और घाना ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक विस्तार दिया है, साथ ही उन्होंने दोहराया कि नयी दिल्ली इस अफ्रीकी राष्ट्र की विकास यात्रा में सह-यात्री है। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के साथ व्यापक वार्ता के बाद बुधवार को ये टिप्पणियां कीं। मीडिया को दिए अपने बयान में मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने अगले पांच वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और भारत, घाना की विकास यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक मोदी के पश्चिम अफ्रीकी देश की राजधानी पहुंचने के कुछ घंटे बाद हुई। मोदी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे हैं। घाना के राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी की हवाई अड्डे पर अगवानी की, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। यह तीन दशकों में भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा है। मोदी और महामा के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
- लंदन. हॉलीवुड अभिनेता जॉन सीना का कहना है कि वह भारत के दर्शकों के आभारी हैं जिन्होंने वर्षों से उन्हें अपना प्यार दिया है और उनकी फिल्मों के लिए समय निकाला है। वर्तमान में एक्शन-कॉमेडी फिल्म ‘‘हेड्स ऑफ स्टेट'' में काम कर रहे जॉन ने कहा कि एक बार उन्होंने थोड़े समय के लिए भारत की यात्रा की थी और वह प्रशंसकों के आतिथ्य और उत्साह से अभिभूत हो गए थे। मंगलवार शाम को लंदन में फिल्म के प्रीमियर के अवसर पर जॉन ने कहा, ‘‘भारत से मुझे हमेशा जो प्यार, और आतिथ्य मिला है, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता। भारत में भले ही बेहद कम समय की यात्रा पर रहा लेकिन वहां प्रशंसकों का बहुत प्यार मिला।'' पहलवान से अभिनेता बने जॉन ने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर भारत के दर्शकों को धन्यवाद कहना चाहता हूं। भारतीय दर्शकों ने मेरी फिल्मों के लिए समय निकाला और मैंने भी अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास किया है। अगर भारतीय दर्शकों का ऐसा समर्थन नहीं मिला होता तो आज मैं इस मुकाम पर नहीं होता। मैं उनका आभारी हूं।'' बुधवार को प्राइम वीडियो पर प्रसारित ‘‘हेड्स ऑफ स्टेट'' का निर्देशन फिल्म ‘‘नोबडी'' से प्रसिद्धि पाने वाले इल्या नैशुल्लर ने किया है। ‘‘हेड्स ऑफ स्टेट'' में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा हॉलीवुड सितारों इदरीस एल्बा और जॉन सीना के साथ अभिनय करती हुई नजर आ रही हैं। फिल्म में एल्बा ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की भूमिका निभाई है और सीना ने अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका निभाई है।
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वाशिंगटन. विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो के बीच वार्ता के दौरान व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को प्रगाढ़ करने के तरीकों पर प्रमुखता से चर्चा हुई। जयशंकर ने अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता भी की। ये बैठकें मंगलवार को ‘क्वाड' समूह के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर हुईं।
मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद, जयशंकर और रुबियो की यह पहली बैठक थी। जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘व्यापार, सुरक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, संपर्क और ऊर्जा सहित हमारी द्विपक्षीय साझेदारी पर चर्चा की। क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर दृष्टिकोण साझा किए।'' बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत का भी जायजा लिया। नयी दिल्ली और वाशिंगटन द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं, जैसा कि फरवरी में वाशिंगटन डीसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता के दौरान सहमति बनी थी। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि रुबियो-जयशंकर वार्ता में अमेरिका-भारत ‘कॉम्पैक्ट' (सैन्य साझेदारी, वाणिज्य और प्रौद्योगिकी के लिए अवसर बढ़ाने) के कार्यान्वयन पर चर्चा हुई। ‘कॉम्पैक्ट' पहल का उद्देश्य सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में परिवर्तनकारी बदलाव लाना है, जिसे फरवरी में मोदी और ट्रंप के बीच वार्ता के बाद शुरू किया गया था। जयशंकर ने अमेरिकी ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट से भी मुलाकात की और प्रगाढ़ द्विपक्षीय ऊर्जा साझेदारी के अवसरों पर चर्चा की। जयशंकर ने 'एक्स' पर कहा, ‘‘भारत-अमेरिका ऊर्जा साझेदारी को और मजबूत बनाने के अवसरों के बारे में बात की।'' विदेश मंत्री ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के साथ भी एक अलग बैठक की। जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने पर सार्थक बातचीत हुई। जयशंकर रुबियो के निमंत्रण पर 30 जून से 2 जुलाई तक अमेरिका की यात्रा पर हैं। - संयुक्त राष्ट्र. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब आतंकवाद को किसी देश द्वारा पड़ोसी के खिलाफ समर्थन दिया जाता है और यह कट्टरतावाद की भावना से प्रेरित होता है तो आतंकवाद की सार्वजनिक रूप से निंदा करना जरूरी है। अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में ‘आतंकवाद की मानवीय कीमत' नाम से लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की। यह प्रदर्शनी संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में दो स्थानों पर 30 जून से 3 जुलाई तथा 7 जुलाई से 11 जुलाई तक प्रदर्शित की जाएगी। प्रदर्शनी का उद्घटन मंगलवार को पाकिस्तान द्वारा जुलाई माह के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता ग्रहण करने से एक दिन पहले किया गया है।जयशंकर ने कहा, ‘‘जब आतंकवाद को पड़ोसी देश के खिलाफ समर्थन दिया जाता है, जब इसे चरमपंथ की कट्टरता से बढ़ावा मिलता है, जब यह तमाम तरह की अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता है, तो इसे सार्वजनिक रूप से उजागर करना जरूरी है और ऐसा करने का एक तरीका यह है कि वैश्विक समाज में इसके द्वारा मचाई गई तबाही को प्रदर्शित किया जाए।'' संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा आयोजित प्रदर्शनी के उद्घाटन में विभिन्न देशों के इस विश्व निकाय में नियुक्त राजदूत, वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र कार्मिक, अधिकारी और दूत शामिल हुए। इस प्रदर्शनी को पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के अभियान के लिए वैश्विक समर्थन जुटाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। डिजिटल प्रदर्शनी में 1993 के मुंबई बम धमाके, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले और पहलगाम आतंकवादी हमले सहित दुनिया भर में हुए भीषण आतंकवादी हमलों को प्रदर्शित किया गया है।इन हमलों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठनों के नामों का भी उल्लेख किया गया, जिनमें पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी समूह और वहां पर शरण लिये आतंकी भी शामिल हैं। जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि हम यहां आतंकवाद की चुकाई गई मानवीय कीमत को उजागर करने वाली प्रदर्शनी के लिए ‘‘गंभीरता की भावना के साथ एकत्र हुए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रदर्शनी उन लोगों को आवाज देने का एक विनम्र लेकिन दृढ़ प्रयास है जो अब बोल नहीं सकते, यह उन लोगों के लिए श्रद्धांजलि है जो हमसे दूर हो गए और जिनकी जिंदगी आतंकवाद के कहर से तबाह हो गई।'' विदेशमंत्री ने कहा कि प्रदर्शनी में शामिल चित्र और दृश्य, प्रत्येक क्षण, प्रत्येक स्मृति, प्रत्येक कलाकृति और प्रत्येक शब्द एक नष्ट हो गई जिंदगी की कहानी बयां करता है। उन्होंने रेखांकित किया कि आतंकवाद के पीड़ितों के परिवारों का दर्द ‘‘आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से लड़ने की हमारी साझा जिम्मेदारी की तत्काल आवश्यकता की एक स्पष्ट याद दिलाता है।''जयशंकर ने कहा कि यहां संयुक्त राष्ट्र में, ‘‘हमें न केवल याद रखना चाहिए'' बल्कि उन मूल्यों और मानवाधिकारों के लिए कार्य करने, उनकी रक्षा करने और उन्हें बनाए रखने के लिए ‘‘प्रतिबद्ध'' होना चाहिए जिन्हें आतंकवाद नष्ट करना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है। यह संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार, नियम और मानदंड तथा राष्ट्रों को एक-दूसरे के साथ किस प्रकार व्यवहार करना चाहिए के सभी मान्यताओं के विपरीत है।'' जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पांच सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आतंकवाद के एक विशेष रूप से भीषण कृत्य की कड़ी निंदा की थी और मांग की थी कि इसके दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाए और न्याय के कठघरे में लाया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तब से ऐसा होते देखा है। उस प्रतिक्रिया से आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के संदेश का व्यापक महत्व रेखांकित होता है। दुनिया को कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर एक साथ आना चाहिए जैसे आतंकवादियों को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए और परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकना चाहिए।'' विदेशमंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया जाना चाहिए। अब तक हम अच्छी तरह से जान चुके हैं कि कहीं का भी आतंकवाद हर जगह की शांति के लिए खतरा है। इस समझ को हमारी सामूहिक सोच और प्रतिक्रिया का मार्गदर्शन करना चाहिए।''
- वेनिस. अरबपति जेफ बेजोस और अंतरिक्ष की यात्रा कर चुकी उनकी मंगेतर लॉरेन सांचेज ने शुक्रवार को वेनिस में शादी कर ली। उन्होंने शुक्रवार रात विवाह समारोह आयोजित किया और सांचेज ने इंस्टाग्राम पर एक फोटो पोस्ट की, जिसमें वह सफेद गाउन में मुस्कुराती नजर आ रही हैं और उनके साथ टक्सीडो (गहरे रंग की पोशाक) पहने बेजोस खड़े हैं, जो दुनिया के चौथे सबसे अमीर आदमी हैं। वेनिस के हवाई अड्डे पर दर्जनों निजी विमानों का जमावड़ा लगा हुआ था और शहर के प्रसिद्ध जलमार्गों पर नौकाएं थीं। एथलीट, मशहूर हस्तियां, ‘इंफ्लुएंसर' और प्रमुख कारोबारी इस भव्य अवसर का गवाह बनने के लिए एकत्र हुए थे। इस विवाह समारोह ने 2014 में वेनिस में अभिनेता जॉर्ज क्लूनी और मानवाधिकार वकील अमल अलामुद्दीन की शादी की यादें ताजा कर दीं, जब प्रशंसकों की भीड़ नहरों के किनारे खड़ी थी और सैकड़ों लोग सिटी हॉल के बाहर एकत्र हुए थे। भव्य विवाह समारोहों का आयोजन करने वाली कंपनी ‘एम्बार्क बियॉन्ड' के सीईओ जैक एजोन के अनुसार, वेनिस अपने नहरों के नेटवर्क के लिए प्रसिद्ध है, जहां एम्बुलेंस भी पानी में चलती हैं। लेकिन गुलदस्ते से लेकर मेहमानों तक को, सब कुछ पानी के रास्ते ले जाना वेनिस को समारोहों के लिए दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक बनाता है। विवाह नियोजन वेबसाइट ज़ोला की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस शादी में हुआ खर्च आश्चर्यजनक और हैरान कर देने वाला है, जो 2025 में अमेरिकी जोड़ों के विवाह की औसत लागत 36,000 अमेरिकी डॉलर से 1,000 गुना अधिक है। एजोन ने कहा, ‘‘आप तीन या चार दिवसीय कार्यक्रम पर 4 करोड़ अमेरिकी डॉलर कैसे खर्च कर सकते हैं? आप दुनिया भर से शानदार कलाकार, बेहतरीन ‘डीजे' ला सकते हैं। आप एक अविश्वसनीय ‘ग्लास टेंट' पर 20 लाख अमेरिकी डॉलर खर्च कर सकते हैं जो केवल 10 घंटे के लिए है, लेकिन इसे बनाने में एक महीने का समय लगता है।'' शुक्रवार दोपहर को, सांचेज अपने होटल से सिर पर रेशमी स्कार्फ लिए हुए निकलीं और अपनी वाटर टैक्सी पर सवार हुईं। यह टैक्सी उन्हें नहरों के माध्यम से सैन जियोर्जियो द्वीप तक ले गई, जो सेंट मार्क स्क्वायर से लैगून बेसिन के पार है, जहां शुक्रवार रात जोड़े ने अपना समारोह आयोजित किया। ‘वोग' पत्रिका के अनुसार डोल्से एंड गब्बाना द्वारा डिज़ाइन किये गए गाउन को पूरी तरह तैयार करने में 900 घंटे लगे। यह गाउन 1958 की फ़िल्म हाउसबोट में सोफिया लॉरेन की शादी की पोशाक की तर्ज पर तैयार की गई। इस बीच, ग्रीनपीस नामक संगठन ने सेंट मार्क स्क्वायर में एक बैनर लगाया, जिसमें करों का अपर्याप्त भुगतान करने के लिए बेजोस की निंदा की गई। अमेज़न के सीईओ (मुख्य कार्यकारी) के रूप में, बेजोस आमतौर पर सुर्खियों से दूर रहते हैं, अक्सर घोषणाओं और व्यावसायिक सूचना देने का कार्य अपने अधिकारियों को सौंपते हैं। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, वर्तमान में उनकी कुल संपत्ति 234 अरब अमेरिकी डॉलर है।वर्ष 2019 में, उन्होंने घोषणा की थी कि वह अपनी पहली पत्नी मैकेंज़ी स्कॉट को तलाक दे रहे हैं, इससे ठीक पहले ‘नेशनल इन्क्वायरर' अखबार ने पूर्व टीवी न्यूज़ एंकर सांचेज के साथ उनके संबंधों के बारे में एक खबर प्रकाशित की थी। बेजोस के तलाक को अंतिम रूप दिए जाने के अगले दिन सांचेज ने तलाक के लिए अर्जी दी।स्थानीय मीडिया ने शनिवार को आर्सेनल में एक प्रीति भोज आयोजित किये जाने की सूचना दी है, जो पहले नौसेना बेस था।
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लंदन। मशहूर ब्रिटिश निर्देशक पीटर ब्रुक की डिजिटल तरीके से ‘रिस्टोर' की गई फिल्म ‘महाभारत' को इस वर्ष लंदन भारतीय फिल्म महोत्सव (एलआईएफएफ) में प्रीमियर किया जाएगा। वर्ष 1989 में बनी इस फिल्म में द्रौपदी की भूमिका में प्रसिद्ध कलाकार मल्लिका साराभाई हैं। फिल्म में कई अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने काम किया है। अगले महीने ब्रिटिश फिल्म इंस्टीट्यूट (बीएफआई) के सबसे बड़े आईमैक्स स्क्रीन पर फिल्म की ‘सेंट्रल गाला रेड कारपेट स्क्रीनिंग' होगी। प्रेम, दर्शन और युद्ध की कहानी कहती यह फिल्म समूची मानवता को समाहित करने वाली महाकाव्यात्मक गाथा का एक चर्चित रूपांतरण है। फिल्म का प्रदर्शन निर्देशक ब्रुक की 100वीं जयंती के दिन हो रहा है। ब्रुक को वर्ष 2021 में भारत सरकार की ओर से पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। एलआईएफएफ 2025 में कई अन्य फिल्में भी आकर्षण का केंद्र होंगी, जिनमें तमिल-फ्रेंच फिल्म ‘लिटिल जाफना' और निर्देशक रीमा दास की असमिया फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स 2' शामिल हैं। महोत्सव के निदेशक कैरी राजिंदर ने कहा, “हमें खुशी है कि हम जुलाई में लंदन और बर्मिंघम में दक्षिण एशिया की कुछ बेहतरीन भारतीय फिल्मों को प्रदर्शित करेंगे। इनमें निर्देशक लॉरेंस वैलिन की ‘लिटिल जाफना', भारतीय निर्देशक लक्ष्मीप्रिया देवी की फिल्म ‘बूंग' और पद्मश्री से सम्मानित ब्रिटेन के दिग्गज निर्देशक पीटर ब्रुक की भव्य ‘महाभारत' का बीएफआई आईमैक्स पर प्रीमियर शामिल है।” उन्होंने कहा कि महोत्सव के दौरान आयोजित कार्यक्रमों में ब्रिटेन में जन्मे और बसे दक्षिण एशियाई फिल्मकारों की रचनात्मक क्षमता प्रदर्शित होगी और भारतीय फिल्मकारों के साथ भविष्य में साझेदारी की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। लंदन और बर्मिंघम में 16 से 23 जुलाई तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में ब्रिटिश दक्षिण एशियाई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक नया कार्यक्रम भी जोड़ा गया है। यह कार्यक्रम देश के दक्षिण एशियाई युवाओं को फिल्म उद्योग से जोड़ने के प्रयास का हिस्सा है। इस नयी पहल में रिफ्को थिएटर के साथ सहयोग किया गया है। इसके साथ ही महोत्सव के नियमित ‘ब्रिट-एशियन शॉर्ट्स' कार्यक्रम का आयोजन भी जारी रहेगा।
- दुबई,। इजराइल के साथ 12 दिनों के युद्ध के दौरान मारे गए रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सैन्य कमांडरों तथा परमाणु वैज्ञानिकों के अंत्येष्टि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शनिवार को तेहरान की सड़कों पर हजारों लोग उमड़ पड़े। राजधानी तेहरान की आजादी स्ट्रीट पर ट्रकों पर रखे ताबूतों में रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी, बैलिएस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के प्रमुख जनरल आमिर अली हाजीजादेह और अन्य अधिकारियों को अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान सड़क किनारे खड़े लोगों ने ‘'अमेरिका मुर्दाबाद" और 'इजराइल मुर्दाबाद' के नारे लगाए। जनरल सलामी और हाजीजादेह दोनों 13 जून, यानी युद्ध के पहले दिन ही मारे गए थे, जब इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने के उद्देश्य से व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया था। इस अभियान में सैन्य कमांडरों, वैज्ञानिकों और परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। शव यात्रा के टेलीविजन प्रसारण में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई नजर नहीं आए। वह आमतौर पर ऐसे जनाजों में शामिल हुआ करते हैं। लेकिन इस युद्ध की शुरुआत के पहले से ही वह सार्वजनिक कार्यक्रमों में दिखाई नहीं दिए हैं। ईरानी सरकारी टेलीविजन के अनुसार, इस शव यात्रा में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची, रिवोल्यूशनरी गार्ड की विदेशी शाखा कुद्स फोर्स के प्रमुख जनरल इस्माइल कानी और खामेनेई के सलाहकार जनरल अली शामखानी भी शामिल हुए। शामखानी इजराइल के पहले हमले में घायल हुए थे।सरकारी टेलीविजन के टेलीग्राम चैनल पर प्रसारित एक वीडियो में शामखानी को छड़ी के सहारे चलते देखा गया। ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल के मुताबिक, शनिवार को कुल 60 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया, जिनमें चार महिलाएं और चार बच्चे भी शामिल थे। अधिकारियों ने अंत्येष्टि कार्यक्रम में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने के लिए सरकारी कार्यालय बंद रखे।
- द हेग (नीदरलैंड) .ब्रिटेन परमाणु बम ले जाने में सक्षम 12 अमेरिका निर्मित एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदेगा और नाटो के साझा हवाई परमाणु मिशन में शामिल होगा। प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने बुधवार को यह घोषणा की। सरकार ने इसे ‘‘एक पीढ़ी में ब्रिटेन की परमाणु स्थिति की सबसे बड़ी मजबूती'' करार दिया।स्टार्मर ने नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान यह घोषणा की। नाटो महासचिव मार्क रुटे ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे ‘‘नाटो में ब्रिटेन का एक और मजबूत योगदान'' बताया। शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद 1990 के दशक में ब्रिटेन ने विमानों से गिराए जाने वाले परमाणु हथियारों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया। अब इसके परमाणु शस्त्रागार में पनडुब्बी-आधारित मिसाइल शामिल हैं। केवल तीन नाटो सदस्य - अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस परमाणु शक्ति संपन्न हैं, जबकि सात देश गठबंधन के परमाणु मिशन में योगदान के तहत ऐसे जेट विमान उपलब्ध कराते हैं जो या तो पारंपरिक हथियार ले जा सकते हैं या यूरोप में जमा करके रखे गए अमेरिकी बी61 बम ले जा सकते हैं।स्टार्मर ने यह भी घोषणा की कि ब्रिटेन यूक्रेन को 350 हवाई रक्षा मिसाइल प्रदान करेगा, जिसका वित्तपोषण जब्त रूसी परिसंपत्तियों पर ब्याज से जुटाई गई सात करोड़ पाउंड की राशि से किया जाएगा। यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब ब्रिटेन और अन्य नाटो सदस्यों ने 2035 तक सुरक्षा पर खर्च को सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत तक बढ़ाने का संकल्प लिया है। ब्रिटेन वर्तमान में राष्ट्रीय आय का 2.3 प्रतिशत रक्षा मद में खर्च करता है। उसका कहना है कि 2027 तक यह बढ़कर 2.6 प्रतिशत हो जाएगा।
- न्यूयॉर्क. भारतीय-अमेरिकी सांसद जोहरान क्वामे ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्राइमरी चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्युमो को हरा दिया है। प्रख्यात भारतीय फिल्म निर्माता मीरा नायर और भारतीय मूल के युगांडा के लेखक महमूद ममदानी के बेटे जोहरान को मंगलवार रात को मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी चुनाव में विजेता घोषित किया गया। ममदानी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नेल्सन मंडेला के शब्दों में: कठिन से कठिन कार्य भी तब तक असंभव लगता है, जब तक हम उसे पूरा नहीं कर लेते। मेरे दोस्तों, यह पूरा हो चुका है। और आप ही हैं जिन्होंने इसे पूरा किया है।मुझे न्यूयॉर्क शहर के मेयर के लिए आपका डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनने पर गर्व है।'' ममदानी का जन्म 18 अक्टूबर 1991 को युगांडा के कम्पाला में हुआ था और उनका पालन-पोषण न्यूयॉर्क सिटी में हुआ। जब वह सात साल के थे, तब अपने माता-पिता के साथ न्यूयॉर्क आकर बस गए थे। उनकी मां मीरा नायर ने ‘मानसून वेडिंग' और ‘सलाम बॉम्बे' जैसी फ़िल्मों के लिए प्रशंसा बटोरी है। क्वीन्स से राज्य विधानसभा सदस्य और मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रहे डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ममदानी का विवाह ब्रुकलिन में रहने वाली सीरियाई मूल की कलाकार रमा दुवाजी से हुआ है। अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने ममदानी और उनके हजारों जमीनी समर्थकों को उनके ‘‘असाधारण अभियान'' के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, ‘‘आपने (ममदानी) राजनीतिक, आर्थिक और मीडिया प्रतिष्ठानों का सामना किया और उन्हें हरा दिया।अब आम चुनाव में जीत की बारी है।'' न्यूयॉर्क टाइम्स ने क्वीन्स में एक विजयी समारोह में ममदानी के हवाले से कहा, ‘‘मेरे दोस्तों, हमने यह कर दिखाया है। मैं न्यूयॉर्क सिटी के मेयर के लिए आपका डेमोक्रेटिक उम्मीदवार रहूंगा।'' यौन उत्पीड़न कांड के बाद वापसी का प्रयास कर रहे क्युमो ने समर्थकों से कहा कि उन्होंने ममदानी को फोन करके बधाई दी है। क्युमो ने हार स्वीकार करते हुए कहा, ‘‘आज की रात, हमारी रात नहीं है। आज की रात, उनकी (ममदानी) रात है। वह इसके हकदार है। वह जीत गए।'' यौन उत्पीड़न कांड के बाद गवर्नर पद से क्युमो (67) के इस्तीफे के करीब चार साल बाद यह चुनाव हुआ है।क्युमो ने राज्य के अटॉर्नी जनरल की एक रिपोर्ट के बाद 2021 में इस्तीफा दे दिया था। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि क्युमो ने कम से कम 11 महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। हालांकि, क्युमो यह कहते रहे हैं कि उन्होंने जानबूझकर महिलाओं का उत्पीड़न नहीं किया और उन्होंने केवल कार्यस्थल पर उचित आचरण पर जोर दिया था। इस बीच, ममदानी ने संकल्प जताया है कि वह मेयर के रूप में सभी स्थायी किरायेदारों के लिए किराये को फ्रीज कर देंगे तथा न्यूयॉर्क वासियों की जरूरत के अनुसार आवास बनाने और किराया कम करने के लिए हर उपलब्ध संसाधन का उपयोग करेंगे।किराया-मुक्त बसों का वादा करते हुए उनके प्रचार अभियान ने कहा कि मेयर के रूप में वह शहर की हर बस में किराया स्थायी रूप से समाप्त कर देंगे और बसों की सेवा में तेजी लाने की कोशिश करेंगे। खाद्य पदार्थों की कीमतें नियंत्रण से बाहर होने के मद्देनजर उनके अभियान ने यह भी वादा किया कि मेयर के रूप में ममदानी शहर के स्वामित्व वाली किराना दुकानों का एक नेटवर्क बनाएंगे, जो लाभ कमाने के बजाय कीमतें कम रखने पर ध्यान केंद्रित करेंगी। उनके प्रचार अभियान ने कहा, ‘‘न्यूयॉर्क बहुत महंगा है। जोहरान महंगाई कम करेंगे और जिंदगी को आसान बनाएंगे।'' न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद का चुनाव इस साल चार नवंबर को होना है।
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बीजिंग. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सुरक्षा परिषद सचिवों की 20वीं बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधिमंडल के अन्य प्रमुखों के साथ यहां चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। भारतीय दूतावास ने यहां ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि डोभाल ने बीजिंग के ‘ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल' में हान से मुलाकात की। एससीओ अधिकारियों के साथ अपनी बैठक में झेंग ने एससीओ सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने हान के हवाले से कहा कि चीन स्थायी सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को बनाए रखने, पारस्परिक लाभ और सबके लिए लाभदायक परिणामों की खातिर कानून के शासन की भावना के अनुरूप एससीओ के अन्य सदस्य देशों के साथ काम करने के लिए तैयार है।
हान ने कहा कि चीन समानता और एकजुटता को बनाए रखेगा, ताकि साझा शासन, सहयोग और क्षमता निर्माण को बढ़ाया जा सके और अनिश्चितताओं और अस्थिरताओं से जूझ रही दुनिया में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में एससीओ की भूमिका को और प्रभावी बनाया जा सके। दूतावास ने कहा कि इससे पहले, डोभाल ने रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के उप सचिव अलेक्जेंडर वेनेडिक्टोव के साथ बातचीत की। वेनेडिक्टोव ने एससीओ सुरक्षा परिषद सचिवों की बैठक से इतर एनएसए डोभाल से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की। रूसी पक्ष ने बताया कि वे रणनीतिक वार्ता के अगले दौर के लिए जल्द ही रूस में डोभाल का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। डोभाल ने सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की थी।डोभाल और वांग दोनों ही भारत-चीन सीमा तंत्र के विशेष प्रतिनिधि हैं। चीन इस साल एससीओ की अध्यक्षता कर रहा है। इस क्रम में वह सदस्य देशों की कई उच्च स्तरीय बैठकों की मेजबानी कर रहा है। इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बुधवार को किंगदाओ में एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है। चीन इस साल के अंत में वार्षिक एससीओ शिखर सम्मेलन आयोजित करने की तैयारी में जुटा है। एससीओ में चीन, रूस, भारत, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस सहित 10 सदस्य देश शामिल हैं। -
बैंकाक. ईरान के खिलाफ इजराइल के युद्ध में शामिल होते हुए अमेरिका ने ईरान के फोर्दो परमाणु संवर्धन संयंत्र को तबाह करने के लिए अपने बहुचर्चित ‘बंकर-बस्टर' बम का इस्तेमाल किया। अमेरिका दुनिया का एकमात्र देश है जो सैन्य रूप से घातक इस बम को अत्याधुनिक स्टील्थ बी2 बमवर्षक से गिराने में समक्ष है। इन बमों को पहाड़ की गहराई में बने फोर्दो परमाणु केंद्र को नुकसान पहुंचाने या नष्ट करने का सबसे अच्छे उपाय माना गया। यह परमाणु केंद्र इजरायल के एक सप्ताह के आक्रमण के दौरान भी हमलों से अछूता रहा था। ‘बंकर बस्टर' एक व्यापक शब्द है जिसका उपयोग उन बम का वर्णन करने के लिए किया जाता है जिन्हें विस्फोट से पहले सतह को गहराई तक भेदने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिकी शस्त्रागार में इस श्रेणी का सबसे आधुनिक बम ‘जीबीयू-57 ए/बी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर' है। अमेरिकी वायुसेना के अनुसार यह लगभग 13,600 किलोग्राम का सटीक-निर्देशित बम है गहराई में फौलादी तरीके से बनाए गए बंकर को भेदकर उसके अंदर के ढांचे और सामान को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह बम पहले सतह को लगभग 200 फीट (61 मीटर) भेदते हुए नीचे जाता है और फिर धमाका करता है। अगर इस श्रेणी के बम को एक के बाद एक गिराया जाए तो प्रत्येक विस्फोट के साथ सतह से गहराई तक भेदने की क्षमता बढ़ती जाती है। यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि रविवार की सुबह हमले में इस श्रेणी के कितने बम का इस्तेमाल किया गया है।
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तेल अवीव. अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों में शामिल होते हुए रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान के परमाणु केंद्र ‘‘पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं''। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं। हमले के बाद क्षति का कोई स्वतंत्र आकलन नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या अमेरिका अपने सहयोगी इजराइल के साथ ईरान पर हमला जारी रखेगा। इजराइल ने पिछले नौ दिन से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। ट्रंप ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अनुमति के बिना यह कार्रवाई की तथा उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अमेरिकी सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तो और अधिक हमले किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी।''
ईरान के शीर्ष राजनयिक और विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में चेतावनी दी कि अमेरिकी हमलों के "दूरगामी परिणाम होंगे" और तेहरान के पास जवाबी कार्रवाई करने के लिए "सभी विकल्प सुरक्षित हैं"। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने अमेरिकी हमलों को लेकर सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का आह्वान किया। एसोसिएटेड प्रेस को मिले एक पत्र में, राजदूत आमिर सईद ईरावानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अमेरिका को जवाबदेह ठहराने के लिए "सभी आवश्यक उपाय" करने चाहिए। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने पुष्टि की है कि उसके फोर्दो, इस्फहान और नतांज में स्थित स्थलों पर हमले हुए हैं, लेकिन इससे उसका काम नहीं रुकेगा। ईरान ने कहा कि इन परमाणु केंद्रों पर हमले के बाद विकिरण के कोई संकेत नहीं हैं और आस पास के निवासियों को कोई खतरा नहीं है। ईरान यह कहता रहा है कि उसके परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं, साथ ही अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि ईरान सक्रिय रूप से बम निर्माण नहीं कर रहा है। हालांकि ट्रंप और इजराइल के नेताओं ने दावा किया कि ईरान जल्द परमाणु हथियार तैयार कर सकता है, जिससे वह एक आसन्न खतरा बन जाएगा। अमेरिका और इजराइल के अधिकारियों ने कहा है कि ‘अमेरिकन स्टील्थ बॉम्बर' और 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर-बस्टिर बम' ने जमीन के अंदर गहरे में स्थापित ईरानी परमाणु केंद्रों को नष्ट कर दिया। ‘बंकर-बस्टिंग बम' को ‘जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर' के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल जमीन के भीतर लक्ष्य को भेदने और विस्फोट में किया जाता है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, ‘‘हमने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्दो, इस्फहान और नतांज पर सफलतापूर्वक हमला किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमले को अंजाम देने के बाद सभी विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर आ गए हैं।''
ट्रंप ने बाद में पोस्ट में लिखा, ‘‘यह अमेरिका, इजराइल और दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। धन्यवाद!'' इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले करने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के लिए उनकी सराहना की है। नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में ट्रंप से कहा, ‘‘ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का आपका साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा...।'' नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका ने जो किया है वो इस धरती पर कोई अन्य देश नहीं कर सकता।
इजराइल ने रविवार को घोषणा की कि वह अमेरिकी हमलों के मद्देनजर देश के हवाई क्षेत्रों को आने और जाने वाली उड़ानों के लिए बंद कर देगा। ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) और पेंटागन (अमेरिका रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय) ने अभियान के बारे में तत्काल विस्तार से नहीं बताया। अमेरिका के सैन्य नेता इस बारे में बाद में जानकारी देंगे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ‘‘सटीकता, तीव्रता और कुशलता'' से ऐसे और अधिक केंद्रों को निशाना बना सकता है। ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस' से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई त्रासदी से कहीं अधिक घातक होगी।'' एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरान में पर्वतीय क्षेत्र में बनाए गए फोर्दो परमाणु ऊर्जा संवर्धन संयंत्र पर ‘बंकर-बस्टर' बमों का से हमला किया। अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर सैन्य अभियानों के बारे में जानकारी दी।
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने भी नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अमेरिकी पनडुब्बियों ने भी ईरान में हमलों में भाग लिया और जमीनी हमला करने में सक्षम लगभग 30 ‘टॉमहॉक' मिसाइलें दागीं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। गुतारेस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि ‘‘इस जोखिम भरे वक्त में यह अहम है कि हम अराजकता के चक्र से बचें।'' संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मुद्दे के कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया। ट्रंप ने शुक्रवार को संवददाताओं से कहा था कि वह ईरान में सैनिकों को भेजने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने पहले संकेत दिया था कि वह दो सप्ताह में अंतिम निर्णय लेंगे। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी थी कि ईरान को निशाना बनाकर किए गए हमलों का ‘‘अंजाम ठीक नहीं होगा और उसे भारी नुकसान उठाना होगा''। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बागेई ने कहा कि ‘‘अमेरिका का कोई भी दखल क्षेत्र के लिए घातक होगा''। इजराइल की सेना ने शनिवार को कहा था कि वह युद्ध के लंबे समय तक चलने की संभावना के मद्देनजर तैयारियों में जुटी है जबकि ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिकी हमलों से पहले चेतावनी दी थी कि ‘‘अमेरिकी सेना की संलिप्तता हर किसी के लिए बहुत खतरनाक साबित होगी''। -
नई दिल्ली। ईरान ने अपने न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की है। ईरान ने इसे ‘क्रूर सैन्य आक्रमण’ करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन बताया है। तीन न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र और इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
अपने आधिकारिक बयान में ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान का विदेश मंत्रालय ईरान के शांतिपूर्ण न्यूक्लियर फैसिलिटी के खिलाफ क्रूर अमेरिकी सैन्य आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा करता है। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों के सबसे बुनियादी सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। यह मंत्रालय इस गंभीर अपराध के अत्यंत खतरनाक प्रभावों और परिणामों के लिए कानून तोड़ने वाली अमेरिकी सरकार को जिम्मेदार ठहराता है।”ईरान ने आगे दावा किया है कि यह हमला यहूदी शासन की आपराधिक मिलीभगत और सहयोग से किया गया। ईरान ने इजरायल पर व्यापक तनाव बढ़ाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। ईरानी सरकार ने कहा कि यह हमले न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2, पैराग्राफ 4 का उल्लंघन थे, बल्कि सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्ताव 2231 का भी उल्लंघन थे।ईरान ने इस बात पर जोर दिया कि टारगेटेड न्यूक्लियर फैसिलिटी आईएईए सुरक्षा उपायों के अंतर्गत थी और उद्देश्य में पूरी तरह से शांतिपूर्ण थी।बयान में आगे कहा गया, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान अमेरिका की सैन्य आक्रामकता और इस शासन के अपराधों का पूरी ताकत से विरोध करने और ईरान की सुरक्षा व राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के अपने अधिकार को मान्यता देता है।”वहीं, ईरान ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की है। साथ ही आईएईए के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से स्थिति पर विचार करने को कहा है।मंत्रालय ने आईएईए महानिदेशक पर “स्पष्ट पक्षपात” दिखाने का आरोप लगाया है।बयान के अंत में कहा गया, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि एक देश जो खुद को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य मानता है, वह किसी भी नियम या नैतिकता का पालन नहीं करता है। वो नरसंहार और कब्जा करने वाले शासन के हितों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी कानून को तोड़ने या अपराध करने से परहेज नहीं करता है।” -
नई दिल्ली। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो सप्ताह में ईरान पर हमला करने का आदेश देंगे या नहीं, इस पर फैसला करेंगे। लेविट ने गुरुवार को ट्रंप की ओर से एक बयान पढ़ा, जिसमें उन्होंने इस अटकलों का जवाब दिया कि क्या अमेरिका सीधे ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष में शामिल होगा।लेविट ने कहा, “अगर ईरान के साथ कोई राजनयिक समझौता होता है, तो ईरान को यूरेनियम संवर्धन पर सहमत होना होगा और उसे परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं होगी।”
अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत जारीलेविट ने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत जारी है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि 13 जून को इजराइल के ईरान पर हमलों के बाद से अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कई बार फोन पर बात की है ताकि इस संकट का राजनयिक समाधान निकाला जा सके।ईरान के बाहर एक क्षेत्रीय समूह द्वारा यूरेनियम संवर्धन की बात थी जिसे ईरान ने ठुकरा दियास्थानीय मीडिया ने तीन राजनयिकों (नाम न बताने की शर्त पर) के हवाले से बताया कि इस बातचीत में अमेरिका ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें ईरान के बाहर एक क्षेत्रीय समूह द्वारा यूरेनियम संवर्धन की बात थी, लेकिन ईरान ने इसे ठुकरा दिया है।अमेरिका इजराइल पर युद्ध खत्म करने का दबाव डाले, तो तेहरान परमाणु मुद्दे पर विचार कर सकता हैईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ से कहा कि अगर अमेरिका इजराइल पर युद्ध खत्म करने का दबाव डाले, तो तेहरान परमाणु मुद्दे पर विचार कर सकता है।जब तक इजराइल हमले बंद नहीं करता, ईरान बातचीत में वापस नहीं आएगाहालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब तक इजराइल हमले बंद नहीं करता, ईरान बातचीत में वापस नहीं आएगा। यह जानकारी एक क्षेत्रीय राजनयिक के हवाले से स्थानीय मीडिया ने दी।इजराइल और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया हैमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार रात को ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजनाओं को मंजूरी दी थी। हालांकि, ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की स्थिति में उन्होंने अंतिम फैसला टाल दिया है। बता दें कि इजराइल और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। दोनों देश लगातार एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। -
कनैनिस्किस (कनाडा). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख की पुष्टि करते हुए जी-7 समूह के नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को तेज करने का आग्रह किया और इसे ‘‘बढ़ावा एवं समर्थन'' देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। ‘ग्रुप ऑफ सेवन' (जी-7) दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं - फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी-7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कनाडा में ‘जी7 संपर्क सत्र' में मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए - अगर कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।'' मोदी ने कहा, ‘‘एक तरफ हम अपनी प्राथमिकता के आधार पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने में जल्दबाजी करते हैं। दूसरी तरफ, जो देश खुले तौर पर आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराया और पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए नेताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने उनसे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को गति देने का आग्रह किया और आतंकवाद को बढ़ावा देने एवं उसका समर्थन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।'' जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान ‘ग्लोबल साउथ' की चिंताओं और प्राथमिकताओं पर ध्यान दिए जाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ' की आवाज को वैश्विक मंच पर पहुंचाना अपनी जिम्मेदारी समझता है। ‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों के संदर्भ में किया जाता है। मोदी ने कहा, ‘‘उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य, स्वीकार्यता के मूलभूत सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए भारत ने समावेशी विकास का मार्ग चुना है।'' जायसवाल ने बताया कि मोदी ने अपने संबोधन में एक स्थायी एवं हरित मार्ग के माध्यम से सभी के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और इस उद्देश्य की दिशा में भारत की वैश्विक पहलों जैसे कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के बारे में विस्तार से बताया। मोदी ने कहा, ‘‘एआई (कृत्रिम मेधा) अपने आप में एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिसके लिए बहुत ऊर्जा की आवश्यकता है। अगर प्रौद्योगिकी-संचालित समाज की ऊर्जा आवश्यकताओं को स्थायी रूप से पूरा करने का कोई तरीका है तो वह नवीनीकृत ऊर्जा के माध्यम से ही है।'' उन्होंने कहा कि पिछली सदी में ऊर्जा के लिए प्रतिस्पर्धा थी लेकिन इस सदी में ‘‘हमें प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग करना होगा।'' मोदी ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाने में भारत के अनुभव और इसे लागू करने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी ने) एआई से जुड़ी चिंताओं से निपटने और इस क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक शासन के मुद्दों से निपटने का आह्वान किया।'' मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘डीप-फेक' बड़ी चिंता का विषय है इसलिए एआई की मदद से बनाई गई सामग्री पर स्पष्ट घोषणा अंकित होनी चाहिए कि यह कृत्रिम मेधा की मदद से बनाई गई है। तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की प्रौद्योगिकी को ‘डीपफेक' कहते हैं। ‘मशीन लर्निंग' और एआई से बने ये वीडियो और तस्वीरें असली जैसी नजर आती हैं और कोई भी व्यक्ति इन्हें देखकर धोखा खा सकता है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जी-7 देशों के नेताओं के साथ प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर ‘‘सार्थक'' विचार-विमर्श किया तथा ग्रह को बेहतर बनाने को लेकर आकांक्षाएं साझा कीं। मोदी ने सात देशों के समूह के नेताओं और कनैनिस्किस में जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नेताओं के साथ एक तस्वीर ‘एक्स' पर साझा की। उन्होंने लिखा, ‘‘वैश्विक प्रगति के लिए एक साथ! प्रमुख वैश्विक चुनौतियों और बेहतर ग्रह के लिए साझा आकांक्षाओं पर जी7 नेताओं के साथ सार्थक विचार विमर्श हुआ। '' जायसवाल ने एक अलग ‘पोस्ट' में लिखा, ‘‘वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और साझा मूल्यों को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता।'' उन्होंने मोदी द्वारा साझा की गई तस्वीर को ‘पोस्ट' करते हुए लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी7 देशों के नेताओं और आमंत्रित भागीदारों के साथ।'' इससे पहले मोदी का उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी ने कनाडा में स्वागत किया। वह ‘जी7 संपर्क सत्र' के लिए यहां पहुंचे थे। यह पिछले एक दशक में उनकी पहली कनाडा यात्रा है।
- लेम्बाता (इंडोनेशिया).। दक्षिण-मध्य इंडोनेशिया में माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी ज्वालामुखी मंगलवार को फट गया, जिससे गर्म राख का विशाल गुब्बार फैल गया। अधिकारियों ने ज्वालामुखी उदगार संबंधी चेतावनी को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया और खतरे के क्षेत्र का दायरा क्रेटर से आठ किमी तक बढ़ा दिया। इंडोनेशिया की भूविज्ञान एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने ज्वालामुखी गतिविधि के बाद ज्वालामुखी से 10,000 मीटर तक घने भूरे बादल को रिकार्ड किया यह राख एक गोबरछत्ते के आकार में राख के बादल में फैल गई जिसे पहाड़ से 90 किमी से 150 किमी दूर स्थित शहरों से देखा जा सकता था। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लोगों को भारी वर्षा को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी गयी है क्योंकि ज्वालामुखी से निकलने लावा नदियों में जा सकता है। नवंबर में माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी के विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।
- वाशिंगटन. । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह टिकटॉक के चीनी मालिक के लिए लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग ऐप बेचने की समयसीमा बढ़ा सकते हैं। अमेरिकी मालिकों को ऐप बेचने के संभावित सौदे के ठंडे बस्ते में जाने के बाद ट्रंप ने अप्रैल की शुरुआत में टिकटॉक को 75 दिनों के लिए चालू रखने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। एक बार फिर समयसीमा बढ़ाने के बारे में संवाददाताओं के सवाल पर उन्होंने कहा, ''शायद हां।''उन्होंने कहा, ''शायद चीन की मंजूरी लेनी होगी, लेकिन मुझे लगता है कि हम इसे पूरा कर लेंगे। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति शी आखिरकार इसकी मंजूरी देंगे।'' ट्रंप ने पिछले महीने एनबीसी के साथ एक साक्षात्कार में संकेत दिया कि वह समयसीमा को फिर से आगे बढ़ाने के लिए तैयार होंगे।
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कनैनिस्किस. इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष तेज होने के मद्देनजर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यहां जारी जी-7 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले ही विदा ले रहे हैं। ट्रंप ने सोमवार को कहा कि ‘‘सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।''
दुनिया भर के नेता पूरे विश्व में अनेक क्षेत्रों में जारी तनाव को कम करने में मदद के विशिष्ट लक्ष्य के साथ जी-7 में एकत्र हुए, लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर टकराव के कारण यह बाधित हो गया है। इजराइल ने चार दिन पहले ईरान के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने चेतावनी दी कि इससे पहले कि ‘‘बहुत देर हो जाए'' ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगानी चाहिए। ट्रंप ने कहा कि ईरानी नेता ‘‘बातचीत करना चाहते होंगे'' लेकिन उनके पास अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर सहमति बनाने के लिए 60 दिन थे और फिर भी इजराइली हवाई हमले शुरू होने से पहले वे ऐसा करने में विफल रहे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ उन्हें समझौता करना होगा।''
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस संघर्ष में सैन्य रूप से शामिल होगा ट्रंप ने कहा, ‘‘ मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।'' अब तक इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम स्थलों को निशाना बनाया है लेकिन वह ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र को नष्ट नहीं कर सका है। यह स्थल जमीन के अंदर काफी गहराई में है और इसे नष्ट करने के लिए इजराइल को 30,000 पाउंड (14,000 किलोग्राम) के ‘जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर' की आवश्यकता होगी। इजराइल के पास इस स्तर के बमवर्षक नहीं हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर सोमवार दोपहर चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!'' इसके तत्काल बाद ट्रंप ने शिखर सम्मेलन छोड़कर जाने का फैसला किया। सोमवार शाम को जब ट्रंप ने जी-7 के अन्य नेताओं के साथ तस्वीर खिंचवाई, तो उन्होंने बस इतना कहा, ‘‘मेरा वापस जाना बेहद जरूरी है।'' मेजबान देश कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति की मौजूदगी के लिए बहुत आभारी हूं और मैं उनकी बात पूरी तरह से समझता हूं।'' - न्यूयार्क। जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर ब्रायन ट्रेसी ने कहा है कि आपके पास जो समय है, वही सबसे मूल्यवान संसाधन है, उसका सम्मान करें. आपने भी कई बार अपने आस पास लोगों को समय की कमी का रोना रोते देखा होगा। लोगों को कहते सुना होगा कि दिन में 24 घंटे ही हैं, कहां से वक्त निकालें? ऐसे लोगों के लिए आज हम एक रोचक खबर बताने जा रहे हैं। आप भी सोचकर देखिए कि अगर दिन में 24 घंटे के बजाय 25 घंटे हो जाएं तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।आप ये सोचकर हैरान हो सकते हैं कि दिन में 24 के बजाय 25 घंटे कैसे हो सकते हैं? लेकिन, पृथ्वी पर एक वक्त आने वाला है, जब 24 घंटे में नहीं, बल्कि 25 घंटे में एक दिन खत्म होगा। आइए समझिए कि एक दिन 25 घंटे का कैसे हो सकता है? साइंस मैग्जीन नेचर जियोसाइंस में बढ़ती गर्मी के साइड इफेक्ट्स पर एक रिपोर्ट छपी है।क्यों धीमी हुई धरती की गतिरिपोर्ट के मुताबिक, पिघलते ग्लेशियर की वजह से धरती की भूमध्य रेखा के पास ज्यादा पानी जमा हो रहा है। इस वजह से धरती अपनी धुरी पर घूम नहीं पा रही है, यानि उनकी गति धीमी होती जा रही है। इसका असर धरती के दोनों मैग्नेटिक पोल पर भी पड़ रहा है, जिसकी वजह से पिछले कुछ दशकों से धरती के घूमने की गति धीमी होती जा रही है। आप ये जानकार हैरान हो सकते हैं कि आज से 100 करोड़ साल पहले हमारी पृथ्वी का एक दिन 19 घंटे का हुआ करता था। लेकिन, जैसे जैसे धरती की गति धीमी होती गई वैसे वैसे दिन का टाइम बढ़ता गया और आज ये 24 घंटे का हो गया है। यानि ये टाइम बहुत माइक्रो लेवल पर बदलता है।हर सदी में 2.3 मिली सेकंड बढ़ रहा समयमैग्जीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 1960 की तुलना अगर 2020 से करें तो धरती ज्यादा तेज घूम रही थी। लेकिन, 2021 में ये गति और धीमी हो गई है। इस बीच जून 2022 में सबसे छोटा दिन भी रिकॉर्ड किया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारे दिन का समय हर सदी में 2.3 मिली सेकेंड बढ़ रहा है और इस हिसाब से कई करोड़ वर्षों बाद ही सही, लेकिन ऐसा वक्त आएगा जब दिन 24 घंटे का नहीं बल्कि 25 घंटे का हो जाएगा।
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वाशिंगटन. अमेरिका के लॉस एंजिलिस और अन्य प्रमुख शहरों में आव्रजन नीति के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय आव्रजन अधिकारियों को डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन वाले राज्यों से निर्वासन को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) अधिकारियों से ‘‘इतिहास के सबसे बड़े सामूहिक निर्वासन अभियान के बेहद महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी पूरी क्षमता से काम करने'' का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिकारियों को ‘‘लॉस एंजिलिस, शिकागो और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में अवैध विदेशियों को हिरासत में लेने और उन्हें निर्वासित करने के प्रयासों में तेजी लाने को कहा।'' ट्रंप का यह बयान, कई सप्ताह तक कार्रवाई में तेजी और ‘व्हाइट हाउस' के ‘डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ' एवं ट्रंप की आव्रजन नीति के मुख्य निर्माता स्टीफन मिलर के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि आईसीई अधिकारी रोजाना कम से कम 3,000 गिरफ्तारियों का लक्ष्य रखेंगे।
- यरूशलम। ईरान के साथ संघर्ष के बीच इजराइल में सभी भारतीय सुरक्षित हैं तथा भारतीय दूतावास मौजूदा स्थिति और अपने नागरिकों की सुरक्षा पर लगातार नजर रख रहा है। भारतीय मिशन ने रविवार को यह जानकारी दी। दूतावास के सूत्रों ने बताया कि उसने चौबीसों घंटे संचालित होने वाली एक हेल्पलाइन स्थापित की है और समुदाय के सदस्यों के साथ संपर्क बनाए हुए है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि होने का उल्लेख करते हुए मिशन ने रविवार को जारी एक ताजा परामर्श में अपने नागरिकों को ‘‘सतर्क रहने, किसी भी अनावश्यक आवाजाही से सख्ती से बचने और इजराइली अधिकारियों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने'' को कहा है।मिशन ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘तेल अवीव में भारतीय दूतावास इजराइल में भारतीय समुदाय के सदस्यों के संपर्क में है, जिसमें श्रमिक, छात्र, व्यवसायी और पर्यटक समूह शामिल हैं।'' इसने कहा, ‘‘दूतावास स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और इजराइली अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में है।'' इजराइल की सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने और हवाई क्षेत्र बंद होने के मद्देनजर मिशन ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है। इजराइल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार से ईरान द्वारा इजराइल पर 270 मिसाइलें दागी गई हैं, जिसमें तीन नाबालिगों सहित 13 लोग मारे गए हैं और 390 अन्य घायल हुए हैं ।
- एन आर्बर (अमेरिका), (कन्वरसेशन) गर्मी का मौसम आते ही अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में लोग एयर कंडीशनर चालू कर देते हैं। लेकिन अगर आप मेरी तरह हैं, तो आपको हमेशा इस बात का पछतावा होता है। पिछली पीढ़ियां बिना एयर कंडीशनिंग के काम चलाती थीं - क्या मुझे वाकई इसकी ज़रूरत है? और गर्म होती दुनिया में ठंडक के लिए इतनी सारी बिजली का इस्तेमाल करना कितना बुरा है? अगर मैं अपना एयर कंडीशनर बंद कर देता हूं, तो मुझे बहुत गर्मी लगती है। लेकिन अगर हर कोई एक ही समय पर अपना एयर कंडीशनर चालू कर देता है, तो बिजली की मांग बढ़ जाती है, जिससे पावर ग्रिड ऑपरेटर कुछ सबसे महंगे और गंदे बिजली संयंत्रों को चालू करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।हाल ही में अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम के साथ प्रकाशित शोध ने मुझे थोड़ा बेहतर महसूस कराया है। हमने पाया है कि बड़ी संख्या में घरेलू एयर-कंडीशनिंग इकाइयों के संचालन को समन्वित करना संभव है, बिजली ग्रिड पर आपूर्ति और मांग को संतुलित करना और लोगों के उनके घरों के अंदर उच्च तापमान सहे बिना। ग्रिड का समर्थन करने के लिए एयर कंडीशनर के रिमोट कंट्रोल का उपयोग करते हुए, इस तरह के अध्ययनों ने कई वर्षों से इस तरह की सैद्धांतिक संभावनाओं की खोज की है। हालांकि, व्यवहार में कुछ ही तरीकों का प्रदर्शन किया गया है और कभी भी इतने उच्च-मूल्य वाले अनुप्रयोग और इस पैमाने पर नहीं। हमने जो सिस्टम विकसित किया है, उसने यह साबित हुआ कि निवासियों के आराम को प्रभावित किए बिना ऐसा करना संभव है। इसके लाभों में पावर ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ाना शामिल है, जिससे ग्रिड के लिए अधिक नवीकरणीय ऊर्जा को स्वीकार करना आसान हो जाता है। हमारा लक्ष्य एयर कंडीशनर को पावर ग्रिड के लिए चुनौती से एक परिसंपत्ति में बदलना है, जो जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव का समर्थन करता है। समायोज्य उपकरणमेरा शोध बैटरी, सौर पैनल और इलेक्ट्रिक उपकरण - जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, वॉटर हीटर, एयर कंडीशनर और हीट पंप - पर केंद्रित है, जो अलग-अलग समय पर अलग-अलग मात्रा में ऊर्जा की खपत के लिए खुद को समायोजित कर सकते हैं। मूल रूप से, अमेरिकी विद्युत ग्रिड का निर्माण बड़े बिजली संयंत्रों से ग्राहकों के घरों और व्यवसायों तक बिजली पहुंचाने के लिए किया गया था। और मूल रूप से, बिजली संयंत्र बड़े, केंद्रीकृत संचालित थे जो कोयला या प्राकृतिक गैस जलाते थे, या परमाणु रिएक्शन से ऊर्जा प्राप्त करते थे। ये संयंत्र आम तौर पर हमेशा उपलब्ध रहते थे और ग्राहक की मांग के अनुसार पैदा की जाने वाली बिजली समायोजित कर सकते थे, इसलिए ग्रिड उत्पादकों से आने वाली बिजली और उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली बिजली के बीच संतुलन रहेगा। लेकिन ग्रिड बदल गया है।अब और भी अक्षय ऊर्जा स्रोत हैं, जिनसे बिजली हमेशा उपलब्ध नहीं होती - जैसे रात में सौर पैनल या शांत दिनों में पवन टर्बाइन। और ऐसे उपकरण हैं जिनका मैं अध्ययन करता हूं। ये नए विकल्प, जिन्हें "वितरित ऊर्जा संसाधन" कहा जाता है, उपभोक्ताओं की ज़रूरत के हिसाब से ऊर्जा उत्पन्न या संग्रहीत करते हैं - या वास्तविक समय में वे कितनी ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं, इसे समायोजित करते हैं। मुझे इस बात में दिलचस्पी है कि वितरित ऊर्जा संसाधन ग्रिड में लचीलापन कैसे सुधार सकते हैं। वे बदलती आपूर्ति या मांग के अनुरूप अधिक ऊर्जा जारी कर सकते हैं, या कम खपत कर सकते हैं, ग्रिड को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि फ्रीक्वेंसी 60 हर्ट्ज के करीब बनी रहे। 2019 से 2023 तक, मिशिगन विश्वविद्यालय में मेरे समूह ने पेकन स्ट्रीट इंक, लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर, अमेरिकी ऊर्जा विभाग उन्नत अनुसंधान परियोजना एजेंसी-ऊर्जा से वित्त पोषण के साथ इस दृष्टिकोण पर कोशिश की।हमने अपने सिस्टम का वास्तविक परीक्षण करने के लिए ऑस्टिन, टेक्सास में 100 घर के मालिकों को शामिल किया। सभी घरों में पूरे घर के लिए हवा ठंडा करने की प्रणाली थी, जिसे हमने कस्टम कंट्रोल बोर्ड और सेंसर से जोड़ा, जिसे मालिकों ने हमें अपने घरों में लगाने की अनुमति दी। इस उपकरण ने हमें ग्रिड की फ्रीक्वेंसी के आधार पर एयर-कंडीशनिंग इकाइयों को निर्देश भेजने में मदद की। हर कुछ सेकंड में, हमारा सिस्टम 100 एयर कंडीशनर में से कुछ के लिए एयर-कंडीशनिंग कंप्रेसर स्विचिंग के समय को थोड़ा बदल देता था, जिससे इकाइयों की कुल बिजली खपत बदल जाती थी। इस तरह, हमारे छोटे से समूह के घरेलू एयर कंडीशनर ग्रिड में होने वाले बदलावों पर उसी तरह प्रतिक्रिया करते थे, जैसे कोई बिजली संयंत्र करता है - ग्रिड को संतुलित करने और आवृत्ति को 60 हर्ट्ज़ के करीब रखने के लिए कम या ज़्यादा ऊर्जा का उपयोग करते हुए। इसके अलावा, हमारी प्रणाली को घर के तापमान को निर्धारित बिंदु के आसपास एक तापमान सीमा के भीतर रखने के लिए डिजाइन किया गया था। (द कन्वरसेशन)
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लंदन, फिटनेस के प्रति जुनूनी लोग दशकों से इस प्रश्न पर बहस करते रहे हैं कि ‘कार्डियो' करना वजन उठाने से पहले बेहतर होता है या बाद में? हाल तक, इसका उत्तर काफी हद तक पसंद पर निर्भर करता था - कुछ लोग वजन उठाने से पहले जॉगिंग करते थे, जबकि अन्य लोगों का मानना था कि पहले वजन उठाना वसा को खत्म करने के लिए बेहतर है। लेकिन एक नए शोध ने अंततः इस लंबे समय से विवादित प्रश्न का उत्तर दे दिया है।
शोध के अनुसार, आपके व्यायाम का क्रम इस बात को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है कि आप कितनी चर्बी कम करते हैं। जिन प्रतिभागियों ने वजन उठाने के बाद कार्डियो किया, उनमें कार्डियो करने के बाद वजन उठाने वालों की तुलना में काफी अधिक चर्बी कम हुई और वे पूरे दिन शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहे।शोधकर्ताओं ने 18-30 वर्ष की आयु के 45 युवा पुरुषों पर यह शोध किया, जिन्हें मोटापे से ग्रस्त माना गया था। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को 12 सप्ताह के लिए तीन समूहों में विभाजित किया। इन समूहों में से एक ‘कंट्रोल ग्रुप' था। इसका मतलब यह है कि वे अपनी सामान्य जीवनशैली के अनुसार रहे और व्यायाम कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया। अन्य दो समूहों में शामिल लोगों ने सप्ताह में तीन बार 60 मिनट तक व्यायाम किया। प्रतिभागियों को दैनिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्पोर्ट्स घड़ियां भी दी गईं। इससे शोधकर्ताओं को मदद मिली, क्योंकि इससे सही आंकड़े हासिल हुए। दोनों व्यायाम समूहों ने एक जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम अपनाए, केवल व्यायाम क्रम में अंतर था। प्रतिभागियों ने बेंच प्रेस, डेडलिफ्ट, बाइसेप कर्ल और स्क्वाट जैसे व्यायाम किए। कार्डियो सत्र में 30 मिनट तक ‘साइकिलिंग' शामिल थी। दोनों समूहों के प्रतिभागियों ने अपनी हृदय संबंधी फिटनेस, मांसपेशियों की ताकत और शारीरिक बनावट में सुधार का अनुभव किया।उनके शरीर से चर्बी कम हुई और मांसपेशियों का वजन कम हुआ। लेकिन असली अंतर तब सामने आया जब बात चर्बी घटाने और मांसपेशियों के प्रदर्शन की आई। जिन प्रतिभागियों ने पहले वजन उठाया, उनके शरीर की कुल वसा और ‘विसरल' वसा में उल्लेखनीय रूप से कमी देखी गई। विसरल वसा हृदय रोग के जोखिम से सबसे अधिक जुड़ी हुई होती है। पहले वजन उठाने वाले दिनभर में 3,500 कदम ज्यादा चले जबकि पहले कार्डियो करने वाले केवल 1,600 कदम ज्यादा चल पाए। इसके अतिरिक्त, वजन पहले उठाने वालों की मांसपेशियों की सहनशक्ति और मजबूती में इजाफा हुआ। शोध में पोषण पदार्थों का सेवन, नींद के पैटर्न या तनाव के स्तर को शामिल नहीं किया गया, ये सभी शरीर की संरचना के परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं। भविष्य के शोध में इन कारकों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि और भी अधिक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। ऐसे में, चाहे आप वजन उठाने से पहले कार्डियो करें या बाद में, संदेश स्पष्ट है: दोनों ही तरीकों से स्वास्थ्य में समग्र सुधार होगा। एकमात्र अंतर यह है कि कार्डियो से पहले वजन उठाने से वसा घटने, पेट की चर्बी कम होने और दैनिक शारीरिक गतिविधि बढ़ने जैसे लाभ मिलते हैं।