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बैंकाक. ईरान के खिलाफ इजराइल के युद्ध में शामिल होते हुए अमेरिका ने ईरान के फोर्दो परमाणु संवर्धन संयंत्र को तबाह करने के लिए अपने बहुचर्चित ‘बंकर-बस्टर' बम का इस्तेमाल किया। अमेरिका दुनिया का एकमात्र देश है जो सैन्य रूप से घातक इस बम को अत्याधुनिक स्टील्थ बी2 बमवर्षक से गिराने में समक्ष है। इन बमों को पहाड़ की गहराई में बने फोर्दो परमाणु केंद्र को नुकसान पहुंचाने या नष्ट करने का सबसे अच्छे उपाय माना गया। यह परमाणु केंद्र इजरायल के एक सप्ताह के आक्रमण के दौरान भी हमलों से अछूता रहा था। ‘बंकर बस्टर' एक व्यापक शब्द है जिसका उपयोग उन बम का वर्णन करने के लिए किया जाता है जिन्हें विस्फोट से पहले सतह को गहराई तक भेदने के लिए डिजाइन किया गया है। अमेरिकी शस्त्रागार में इस श्रेणी का सबसे आधुनिक बम ‘जीबीयू-57 ए/बी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर' है। अमेरिकी वायुसेना के अनुसार यह लगभग 13,600 किलोग्राम का सटीक-निर्देशित बम है गहराई में फौलादी तरीके से बनाए गए बंकर को भेदकर उसके अंदर के ढांचे और सामान को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। ऐसा माना जाता है कि यह बम पहले सतह को लगभग 200 फीट (61 मीटर) भेदते हुए नीचे जाता है और फिर धमाका करता है। अगर इस श्रेणी के बम को एक के बाद एक गिराया जाए तो प्रत्येक विस्फोट के साथ सतह से गहराई तक भेदने की क्षमता बढ़ती जाती है। यह तुरंत पता नहीं चल पाया कि रविवार की सुबह हमले में इस श्रेणी के कितने बम का इस्तेमाल किया गया है।
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तेल अवीव. अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों में शामिल होते हुए रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान के परमाणु केंद्र ‘‘पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं''। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं। हमले के बाद क्षति का कोई स्वतंत्र आकलन नहीं किया गया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या अमेरिका अपने सहयोगी इजराइल के साथ ईरान पर हमला जारी रखेगा। इजराइल ने पिछले नौ दिन से ईरान के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है। ट्रंप ने कांग्रेस (अमेरिकी संसद) की अनुमति के बिना यह कार्रवाई की तथा उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ईरान ने अमेरिकी सेना के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तो और अधिक हमले किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी।''
ईरान के शीर्ष राजनयिक और विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में चेतावनी दी कि अमेरिकी हमलों के "दूरगामी परिणाम होंगे" और तेहरान के पास जवाबी कार्रवाई करने के लिए "सभी विकल्प सुरक्षित हैं"। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने अमेरिकी हमलों को लेकर सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का आह्वान किया। एसोसिएटेड प्रेस को मिले एक पत्र में, राजदूत आमिर सईद ईरावानी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सबसे शक्तिशाली निकाय को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अमेरिका को जवाबदेह ठहराने के लिए "सभी आवश्यक उपाय" करने चाहिए। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने पुष्टि की है कि उसके फोर्दो, इस्फहान और नतांज में स्थित स्थलों पर हमले हुए हैं, लेकिन इससे उसका काम नहीं रुकेगा। ईरान ने कहा कि इन परमाणु केंद्रों पर हमले के बाद विकिरण के कोई संकेत नहीं हैं और आस पास के निवासियों को कोई खतरा नहीं है। ईरान यह कहता रहा है कि उसके परमाणु कार्यक्रम सिर्फ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हैं, साथ ही अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि ईरान सक्रिय रूप से बम निर्माण नहीं कर रहा है। हालांकि ट्रंप और इजराइल के नेताओं ने दावा किया कि ईरान जल्द परमाणु हथियार तैयार कर सकता है, जिससे वह एक आसन्न खतरा बन जाएगा। अमेरिका और इजराइल के अधिकारियों ने कहा है कि ‘अमेरिकन स्टील्थ बॉम्बर' और 30,000 पाउंड वजनी ‘बंकर-बस्टिर बम' ने जमीन के अंदर गहरे में स्थापित ईरानी परमाणु केंद्रों को नष्ट कर दिया। ‘बंकर-बस्टिंग बम' को ‘जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनिट्रेटर' के रूप में जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल जमीन के भीतर लक्ष्य को भेदने और विस्फोट में किया जाता है। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, ‘‘हमने ईरान के तीन परमाणु केंद्रों फोर्दो, इस्फहान और नतांज पर सफलतापूर्वक हमला किया।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमले को अंजाम देने के बाद सभी विमान ईरान के हवाई क्षेत्र से बाहर आ गए हैं।''
ट्रंप ने बाद में पोस्ट में लिखा, ‘‘यह अमेरिका, इजराइल और दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण है। ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। धन्यवाद!'' इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान पर हमले करने के अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के लिए उनकी सराहना की है। नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में ट्रंप से कहा, ‘‘ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का आपका साहसिक निर्णय इतिहास बदल देगा...।'' नेतन्याहू ने कहा कि अमेरिका ने जो किया है वो इस धरती पर कोई अन्य देश नहीं कर सकता।
इजराइल ने रविवार को घोषणा की कि वह अमेरिकी हमलों के मद्देनजर देश के हवाई क्षेत्रों को आने और जाने वाली उड़ानों के लिए बंद कर देगा। ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) और पेंटागन (अमेरिका रक्षा मंत्रालय का मुख्यालय) ने अभियान के बारे में तत्काल विस्तार से नहीं बताया। अमेरिका के सैन्य नेता इस बारे में बाद में जानकारी देंगे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ‘‘सटीकता, तीव्रता और कुशलता'' से ऐसे और अधिक केंद्रों को निशाना बना सकता है। ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस' से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई त्रासदी से कहीं अधिक घातक होगी।'' एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरान में पर्वतीय क्षेत्र में बनाए गए फोर्दो परमाणु ऊर्जा संवर्धन संयंत्र पर ‘बंकर-बस्टर' बमों का से हमला किया। अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर सैन्य अभियानों के बारे में जानकारी दी।
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने भी नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अमेरिकी पनडुब्बियों ने भी ईरान में हमलों में भाग लिया और जमीनी हमला करने में सक्षम लगभग 30 ‘टॉमहॉक' मिसाइलें दागीं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं। गुतारेस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।'' उन्होंने कहा कि ‘‘इस जोखिम भरे वक्त में यह अहम है कि हम अराजकता के चक्र से बचें।'' संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने मुद्दे के कूटनीतिक समाधान का आह्वान किया। ट्रंप ने शुक्रवार को संवददाताओं से कहा था कि वह ईरान में सैनिकों को भेजने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने पहले संकेत दिया था कि वह दो सप्ताह में अंतिम निर्णय लेंगे। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को अमेरिका को चेतावनी दी थी कि ईरान को निशाना बनाकर किए गए हमलों का ‘‘अंजाम ठीक नहीं होगा और उसे भारी नुकसान उठाना होगा''। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बागेई ने कहा कि ‘‘अमेरिका का कोई भी दखल क्षेत्र के लिए घातक होगा''। इजराइल की सेना ने शनिवार को कहा था कि वह युद्ध के लंबे समय तक चलने की संभावना के मद्देनजर तैयारियों में जुटी है जबकि ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिकी हमलों से पहले चेतावनी दी थी कि ‘‘अमेरिकी सेना की संलिप्तता हर किसी के लिए बहुत खतरनाक साबित होगी''। -
नई दिल्ली। ईरान ने अपने न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की है। ईरान ने इसे ‘क्रूर सैन्य आक्रमण’ करार देते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का घोर उल्लंघन बताया है। तीन न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और इस्फाहान पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र और इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) से तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
अपने आधिकारिक बयान में ईरान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान का विदेश मंत्रालय ईरान के शांतिपूर्ण न्यूक्लियर फैसिलिटी के खिलाफ क्रूर अमेरिकी सैन्य आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा करता है। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के नियमों के सबसे बुनियादी सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है। यह मंत्रालय इस गंभीर अपराध के अत्यंत खतरनाक प्रभावों और परिणामों के लिए कानून तोड़ने वाली अमेरिकी सरकार को जिम्मेदार ठहराता है।”ईरान ने आगे दावा किया है कि यह हमला यहूदी शासन की आपराधिक मिलीभगत और सहयोग से किया गया। ईरान ने इजरायल पर व्यापक तनाव बढ़ाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। ईरानी सरकार ने कहा कि यह हमले न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 2, पैराग्राफ 4 का उल्लंघन थे, बल्कि सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्ताव 2231 का भी उल्लंघन थे।ईरान ने इस बात पर जोर दिया कि टारगेटेड न्यूक्लियर फैसिलिटी आईएईए सुरक्षा उपायों के अंतर्गत थी और उद्देश्य में पूरी तरह से शांतिपूर्ण थी।बयान में आगे कहा गया, “इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान अमेरिका की सैन्य आक्रामकता और इस शासन के अपराधों का पूरी ताकत से विरोध करने और ईरान की सुरक्षा व राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के अपने अधिकार को मान्यता देता है।”वहीं, ईरान ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की है। साथ ही आईएईए के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से स्थिति पर विचार करने को कहा है।मंत्रालय ने आईएईए महानिदेशक पर “स्पष्ट पक्षपात” दिखाने का आरोप लगाया है।बयान के अंत में कहा गया, “अब यह स्पष्ट हो गया है कि एक देश जो खुद को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य मानता है, वह किसी भी नियम या नैतिकता का पालन नहीं करता है। वो नरसंहार और कब्जा करने वाले शासन के हितों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी कानून को तोड़ने या अपराध करने से परहेज नहीं करता है।” -
नई दिल्ली। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो सप्ताह में ईरान पर हमला करने का आदेश देंगे या नहीं, इस पर फैसला करेंगे। लेविट ने गुरुवार को ट्रंप की ओर से एक बयान पढ़ा, जिसमें उन्होंने इस अटकलों का जवाब दिया कि क्या अमेरिका सीधे ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष में शामिल होगा।लेविट ने कहा, “अगर ईरान के साथ कोई राजनयिक समझौता होता है, तो ईरान को यूरेनियम संवर्धन पर सहमत होना होगा और उसे परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं होगी।”
अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत जारीलेविट ने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत जारी है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि 13 जून को इजराइल के ईरान पर हमलों के बाद से अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कई बार फोन पर बात की है ताकि इस संकट का राजनयिक समाधान निकाला जा सके।ईरान के बाहर एक क्षेत्रीय समूह द्वारा यूरेनियम संवर्धन की बात थी जिसे ईरान ने ठुकरा दियास्थानीय मीडिया ने तीन राजनयिकों (नाम न बताने की शर्त पर) के हवाले से बताया कि इस बातचीत में अमेरिका ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें ईरान के बाहर एक क्षेत्रीय समूह द्वारा यूरेनियम संवर्धन की बात थी, लेकिन ईरान ने इसे ठुकरा दिया है।अमेरिका इजराइल पर युद्ध खत्म करने का दबाव डाले, तो तेहरान परमाणु मुद्दे पर विचार कर सकता हैईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ से कहा कि अगर अमेरिका इजराइल पर युद्ध खत्म करने का दबाव डाले, तो तेहरान परमाणु मुद्दे पर विचार कर सकता है।जब तक इजराइल हमले बंद नहीं करता, ईरान बातचीत में वापस नहीं आएगाहालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब तक इजराइल हमले बंद नहीं करता, ईरान बातचीत में वापस नहीं आएगा। यह जानकारी एक क्षेत्रीय राजनयिक के हवाले से स्थानीय मीडिया ने दी।इजराइल और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया हैमीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार रात को ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजनाओं को मंजूरी दी थी। हालांकि, ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की स्थिति में उन्होंने अंतिम फैसला टाल दिया है। बता दें कि इजराइल और ईरान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। दोनों देश लगातार एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। -
कनैनिस्किस (कनाडा). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख की पुष्टि करते हुए जी-7 समूह के नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को तेज करने का आग्रह किया और इसे ‘‘बढ़ावा एवं समर्थन'' देने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। ‘ग्रुप ऑफ सेवन' (जी-7) दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं - फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी-7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। प्रधानमंत्री ने कनाडा में ‘जी7 संपर्क सत्र' में मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक शांति और समृद्धि के लिए हमारी सोच और नीति स्पष्ट होनी चाहिए - अगर कोई देश आतंकवाद का समर्थन करता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।'' मोदी ने कहा, ‘‘एक तरफ हम अपनी प्राथमिकता के आधार पर हर तरह के प्रतिबंध लगाने में जल्दबाजी करते हैं। दूसरी तरफ, जो देश खुले तौर पर आतंकवाद का समर्थन करते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।'' विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को दोहराया और पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए नेताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने उनसे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई को गति देने का आग्रह किया और आतंकवाद को बढ़ावा देने एवं उसका समर्थन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।'' जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान ‘ग्लोबल साउथ' की चिंताओं और प्राथमिकताओं पर ध्यान दिए जाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत ‘ग्लोबल साउथ' की आवाज को वैश्विक मंच पर पहुंचाना अपनी जिम्मेदारी समझता है। ‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों के संदर्भ में किया जाता है। मोदी ने कहा, ‘‘उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य, स्वीकार्यता के मूलभूत सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए भारत ने समावेशी विकास का मार्ग चुना है।'' जायसवाल ने बताया कि मोदी ने अपने संबोधन में एक स्थायी एवं हरित मार्ग के माध्यम से सभी के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और इस उद्देश्य की दिशा में भारत की वैश्विक पहलों जैसे कि अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के बारे में विस्तार से बताया। मोदी ने कहा, ‘‘एआई (कृत्रिम मेधा) अपने आप में एक ऐसी प्रौद्योगिकी है जिसके लिए बहुत ऊर्जा की आवश्यकता है। अगर प्रौद्योगिकी-संचालित समाज की ऊर्जा आवश्यकताओं को स्थायी रूप से पूरा करने का कोई तरीका है तो वह नवीनीकृत ऊर्जा के माध्यम से ही है।'' उन्होंने कहा कि पिछली सदी में ऊर्जा के लिए प्रतिस्पर्धा थी लेकिन इस सदी में ‘‘हमें प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग करना होगा।'' मोदी ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाने में भारत के अनुभव और इसे लागू करने के लिए मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर भी प्रकाश डाला। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी ने) एआई से जुड़ी चिंताओं से निपटने और इस क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक शासन के मुद्दों से निपटने का आह्वान किया।'' मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘डीप-फेक' बड़ी चिंता का विषय है इसलिए एआई की मदद से बनाई गई सामग्री पर स्पष्ट घोषणा अंकित होनी चाहिए कि यह कृत्रिम मेधा की मदद से बनाई गई है। तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की प्रौद्योगिकी को ‘डीपफेक' कहते हैं। ‘मशीन लर्निंग' और एआई से बने ये वीडियो और तस्वीरें असली जैसी नजर आती हैं और कोई भी व्यक्ति इन्हें देखकर धोखा खा सकता है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जी-7 देशों के नेताओं के साथ प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर ‘‘सार्थक'' विचार-विमर्श किया तथा ग्रह को बेहतर बनाने को लेकर आकांक्षाएं साझा कीं। मोदी ने सात देशों के समूह के नेताओं और कनैनिस्किस में जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नेताओं के साथ एक तस्वीर ‘एक्स' पर साझा की। उन्होंने लिखा, ‘‘वैश्विक प्रगति के लिए एक साथ! प्रमुख वैश्विक चुनौतियों और बेहतर ग्रह के लिए साझा आकांक्षाओं पर जी7 नेताओं के साथ सार्थक विचार विमर्श हुआ। '' जायसवाल ने एक अलग ‘पोस्ट' में लिखा, ‘‘वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और साझा मूल्यों को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता।'' उन्होंने मोदी द्वारा साझा की गई तस्वीर को ‘पोस्ट' करते हुए लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी7 देशों के नेताओं और आमंत्रित भागीदारों के साथ।'' इससे पहले मोदी का उनके कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी ने कनाडा में स्वागत किया। वह ‘जी7 संपर्क सत्र' के लिए यहां पहुंचे थे। यह पिछले एक दशक में उनकी पहली कनाडा यात्रा है।
- लेम्बाता (इंडोनेशिया).। दक्षिण-मध्य इंडोनेशिया में माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी ज्वालामुखी मंगलवार को फट गया, जिससे गर्म राख का विशाल गुब्बार फैल गया। अधिकारियों ने ज्वालामुखी उदगार संबंधी चेतावनी को उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया और खतरे के क्षेत्र का दायरा क्रेटर से आठ किमी तक बढ़ा दिया। इंडोनेशिया की भूविज्ञान एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने ज्वालामुखी गतिविधि के बाद ज्वालामुखी से 10,000 मीटर तक घने भूरे बादल को रिकार्ड किया यह राख एक गोबरछत्ते के आकार में राख के बादल में फैल गई जिसे पहाड़ से 90 किमी से 150 किमी दूर स्थित शहरों से देखा जा सकता था। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लोगों को भारी वर्षा को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी गयी है क्योंकि ज्वालामुखी से निकलने लावा नदियों में जा सकता है। नवंबर में माउंट लेवोटोबी लाकी लाकी के विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए।
- वाशिंगटन. । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह टिकटॉक के चीनी मालिक के लिए लोकप्रिय वीडियो शेयरिंग ऐप बेचने की समयसीमा बढ़ा सकते हैं। अमेरिकी मालिकों को ऐप बेचने के संभावित सौदे के ठंडे बस्ते में जाने के बाद ट्रंप ने अप्रैल की शुरुआत में टिकटॉक को 75 दिनों के लिए चालू रखने के आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। एक बार फिर समयसीमा बढ़ाने के बारे में संवाददाताओं के सवाल पर उन्होंने कहा, ''शायद हां।''उन्होंने कहा, ''शायद चीन की मंजूरी लेनी होगी, लेकिन मुझे लगता है कि हम इसे पूरा कर लेंगे। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति शी आखिरकार इसकी मंजूरी देंगे।'' ट्रंप ने पिछले महीने एनबीसी के साथ एक साक्षात्कार में संकेत दिया कि वह समयसीमा को फिर से आगे बढ़ाने के लिए तैयार होंगे।
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कनैनिस्किस. इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष तेज होने के मद्देनजर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यहां जारी जी-7 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले ही विदा ले रहे हैं। ट्रंप ने सोमवार को कहा कि ‘‘सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।''
दुनिया भर के नेता पूरे विश्व में अनेक क्षेत्रों में जारी तनाव को कम करने में मदद के विशिष्ट लक्ष्य के साथ जी-7 में एकत्र हुए, लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर टकराव के कारण यह बाधित हो गया है। इजराइल ने चार दिन पहले ईरान के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने चेतावनी दी कि इससे पहले कि ‘‘बहुत देर हो जाए'' ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगानी चाहिए। ट्रंप ने कहा कि ईरानी नेता ‘‘बातचीत करना चाहते होंगे'' लेकिन उनके पास अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर सहमति बनाने के लिए 60 दिन थे और फिर भी इजराइली हवाई हमले शुरू होने से पहले वे ऐसा करने में विफल रहे। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ उन्हें समझौता करना होगा।''
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस संघर्ष में सैन्य रूप से शामिल होगा ट्रंप ने कहा, ‘‘ मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता।'' अब तक इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम स्थलों को निशाना बनाया है लेकिन वह ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र को नष्ट नहीं कर सका है। यह स्थल जमीन के अंदर काफी गहराई में है और इसे नष्ट करने के लिए इजराइल को 30,000 पाउंड (14,000 किलोग्राम) के ‘जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर' की आवश्यकता होगी। इजराइल के पास इस स्तर के बमवर्षक नहीं हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर सोमवार दोपहर चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘सभी को तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए!'' इसके तत्काल बाद ट्रंप ने शिखर सम्मेलन छोड़कर जाने का फैसला किया। सोमवार शाम को जब ट्रंप ने जी-7 के अन्य नेताओं के साथ तस्वीर खिंचवाई, तो उन्होंने बस इतना कहा, ‘‘मेरा वापस जाना बेहद जरूरी है।'' मेजबान देश कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति की मौजूदगी के लिए बहुत आभारी हूं और मैं उनकी बात पूरी तरह से समझता हूं।'' - न्यूयार्क। जाने माने मोटिवेशनल स्पीकर ब्रायन ट्रेसी ने कहा है कि आपके पास जो समय है, वही सबसे मूल्यवान संसाधन है, उसका सम्मान करें. आपने भी कई बार अपने आस पास लोगों को समय की कमी का रोना रोते देखा होगा। लोगों को कहते सुना होगा कि दिन में 24 घंटे ही हैं, कहां से वक्त निकालें? ऐसे लोगों के लिए आज हम एक रोचक खबर बताने जा रहे हैं। आप भी सोचकर देखिए कि अगर दिन में 24 घंटे के बजाय 25 घंटे हो जाएं तो आपके जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।आप ये सोचकर हैरान हो सकते हैं कि दिन में 24 के बजाय 25 घंटे कैसे हो सकते हैं? लेकिन, पृथ्वी पर एक वक्त आने वाला है, जब 24 घंटे में नहीं, बल्कि 25 घंटे में एक दिन खत्म होगा। आइए समझिए कि एक दिन 25 घंटे का कैसे हो सकता है? साइंस मैग्जीन नेचर जियोसाइंस में बढ़ती गर्मी के साइड इफेक्ट्स पर एक रिपोर्ट छपी है।क्यों धीमी हुई धरती की गतिरिपोर्ट के मुताबिक, पिघलते ग्लेशियर की वजह से धरती की भूमध्य रेखा के पास ज्यादा पानी जमा हो रहा है। इस वजह से धरती अपनी धुरी पर घूम नहीं पा रही है, यानि उनकी गति धीमी होती जा रही है। इसका असर धरती के दोनों मैग्नेटिक पोल पर भी पड़ रहा है, जिसकी वजह से पिछले कुछ दशकों से धरती के घूमने की गति धीमी होती जा रही है। आप ये जानकार हैरान हो सकते हैं कि आज से 100 करोड़ साल पहले हमारी पृथ्वी का एक दिन 19 घंटे का हुआ करता था। लेकिन, जैसे जैसे धरती की गति धीमी होती गई वैसे वैसे दिन का टाइम बढ़ता गया और आज ये 24 घंटे का हो गया है। यानि ये टाइम बहुत माइक्रो लेवल पर बदलता है।हर सदी में 2.3 मिली सेकंड बढ़ रहा समयमैग्जीन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 1960 की तुलना अगर 2020 से करें तो धरती ज्यादा तेज घूम रही थी। लेकिन, 2021 में ये गति और धीमी हो गई है। इस बीच जून 2022 में सबसे छोटा दिन भी रिकॉर्ड किया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारे दिन का समय हर सदी में 2.3 मिली सेकेंड बढ़ रहा है और इस हिसाब से कई करोड़ वर्षों बाद ही सही, लेकिन ऐसा वक्त आएगा जब दिन 24 घंटे का नहीं बल्कि 25 घंटे का हो जाएगा।
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वाशिंगटन. अमेरिका के लॉस एंजिलिस और अन्य प्रमुख शहरों में आव्रजन नीति के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय आव्रजन अधिकारियों को डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन वाले राज्यों से निर्वासन को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) अधिकारियों से ‘‘इतिहास के सबसे बड़े सामूहिक निर्वासन अभियान के बेहद महत्वपूर्ण लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी पूरी क्षमता से काम करने'' का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए अधिकारियों को ‘‘लॉस एंजिलिस, शिकागो और न्यूयॉर्क जैसे बड़े शहरों में अवैध विदेशियों को हिरासत में लेने और उन्हें निर्वासित करने के प्रयासों में तेजी लाने को कहा।'' ट्रंप का यह बयान, कई सप्ताह तक कार्रवाई में तेजी और ‘व्हाइट हाउस' के ‘डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ' एवं ट्रंप की आव्रजन नीति के मुख्य निर्माता स्टीफन मिलर के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि आईसीई अधिकारी रोजाना कम से कम 3,000 गिरफ्तारियों का लक्ष्य रखेंगे।
- यरूशलम। ईरान के साथ संघर्ष के बीच इजराइल में सभी भारतीय सुरक्षित हैं तथा भारतीय दूतावास मौजूदा स्थिति और अपने नागरिकों की सुरक्षा पर लगातार नजर रख रहा है। भारतीय मिशन ने रविवार को यह जानकारी दी। दूतावास के सूत्रों ने बताया कि उसने चौबीसों घंटे संचालित होने वाली एक हेल्पलाइन स्थापित की है और समुदाय के सदस्यों के साथ संपर्क बनाए हुए है। भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि होने का उल्लेख करते हुए मिशन ने रविवार को जारी एक ताजा परामर्श में अपने नागरिकों को ‘‘सतर्क रहने, किसी भी अनावश्यक आवाजाही से सख्ती से बचने और इजराइली अधिकारियों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने'' को कहा है।मिशन ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘तेल अवीव में भारतीय दूतावास इजराइल में भारतीय समुदाय के सदस्यों के संपर्क में है, जिसमें श्रमिक, छात्र, व्यवसायी और पर्यटक समूह शामिल हैं।'' इसने कहा, ‘‘दूतावास स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और इजराइली अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में है।'' इजराइल की सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करने और हवाई क्षेत्र बंद होने के मद्देनजर मिशन ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है। इजराइल के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार से ईरान द्वारा इजराइल पर 270 मिसाइलें दागी गई हैं, जिसमें तीन नाबालिगों सहित 13 लोग मारे गए हैं और 390 अन्य घायल हुए हैं ।
- एन आर्बर (अमेरिका), (कन्वरसेशन) गर्मी का मौसम आते ही अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में लोग एयर कंडीशनर चालू कर देते हैं। लेकिन अगर आप मेरी तरह हैं, तो आपको हमेशा इस बात का पछतावा होता है। पिछली पीढ़ियां बिना एयर कंडीशनिंग के काम चलाती थीं - क्या मुझे वाकई इसकी ज़रूरत है? और गर्म होती दुनिया में ठंडक के लिए इतनी सारी बिजली का इस्तेमाल करना कितना बुरा है? अगर मैं अपना एयर कंडीशनर बंद कर देता हूं, तो मुझे बहुत गर्मी लगती है। लेकिन अगर हर कोई एक ही समय पर अपना एयर कंडीशनर चालू कर देता है, तो बिजली की मांग बढ़ जाती है, जिससे पावर ग्रिड ऑपरेटर कुछ सबसे महंगे और गंदे बिजली संयंत्रों को चालू करने के लिए मजबूर हो सकते हैं।हाल ही में अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम के साथ प्रकाशित शोध ने मुझे थोड़ा बेहतर महसूस कराया है। हमने पाया है कि बड़ी संख्या में घरेलू एयर-कंडीशनिंग इकाइयों के संचालन को समन्वित करना संभव है, बिजली ग्रिड पर आपूर्ति और मांग को संतुलित करना और लोगों के उनके घरों के अंदर उच्च तापमान सहे बिना। ग्रिड का समर्थन करने के लिए एयर कंडीशनर के रिमोट कंट्रोल का उपयोग करते हुए, इस तरह के अध्ययनों ने कई वर्षों से इस तरह की सैद्धांतिक संभावनाओं की खोज की है। हालांकि, व्यवहार में कुछ ही तरीकों का प्रदर्शन किया गया है और कभी भी इतने उच्च-मूल्य वाले अनुप्रयोग और इस पैमाने पर नहीं। हमने जो सिस्टम विकसित किया है, उसने यह साबित हुआ कि निवासियों के आराम को प्रभावित किए बिना ऐसा करना संभव है। इसके लाभों में पावर ग्रिड की विश्वसनीयता बढ़ाना शामिल है, जिससे ग्रिड के लिए अधिक नवीकरणीय ऊर्जा को स्वीकार करना आसान हो जाता है। हमारा लक्ष्य एयर कंडीशनर को पावर ग्रिड के लिए चुनौती से एक परिसंपत्ति में बदलना है, जो जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ऊर्जा की ओर बदलाव का समर्थन करता है। समायोज्य उपकरणमेरा शोध बैटरी, सौर पैनल और इलेक्ट्रिक उपकरण - जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, वॉटर हीटर, एयर कंडीशनर और हीट पंप - पर केंद्रित है, जो अलग-अलग समय पर अलग-अलग मात्रा में ऊर्जा की खपत के लिए खुद को समायोजित कर सकते हैं। मूल रूप से, अमेरिकी विद्युत ग्रिड का निर्माण बड़े बिजली संयंत्रों से ग्राहकों के घरों और व्यवसायों तक बिजली पहुंचाने के लिए किया गया था। और मूल रूप से, बिजली संयंत्र बड़े, केंद्रीकृत संचालित थे जो कोयला या प्राकृतिक गैस जलाते थे, या परमाणु रिएक्शन से ऊर्जा प्राप्त करते थे। ये संयंत्र आम तौर पर हमेशा उपलब्ध रहते थे और ग्राहक की मांग के अनुसार पैदा की जाने वाली बिजली समायोजित कर सकते थे, इसलिए ग्रिड उत्पादकों से आने वाली बिजली और उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली बिजली के बीच संतुलन रहेगा। लेकिन ग्रिड बदल गया है।अब और भी अक्षय ऊर्जा स्रोत हैं, जिनसे बिजली हमेशा उपलब्ध नहीं होती - जैसे रात में सौर पैनल या शांत दिनों में पवन टर्बाइन। और ऐसे उपकरण हैं जिनका मैं अध्ययन करता हूं। ये नए विकल्प, जिन्हें "वितरित ऊर्जा संसाधन" कहा जाता है, उपभोक्ताओं की ज़रूरत के हिसाब से ऊर्जा उत्पन्न या संग्रहीत करते हैं - या वास्तविक समय में वे कितनी ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं, इसे समायोजित करते हैं। मुझे इस बात में दिलचस्पी है कि वितरित ऊर्जा संसाधन ग्रिड में लचीलापन कैसे सुधार सकते हैं। वे बदलती आपूर्ति या मांग के अनुरूप अधिक ऊर्जा जारी कर सकते हैं, या कम खपत कर सकते हैं, ग्रिड को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि फ्रीक्वेंसी 60 हर्ट्ज के करीब बनी रहे। 2019 से 2023 तक, मिशिगन विश्वविद्यालय में मेरे समूह ने पेकन स्ट्रीट इंक, लॉस एलामोस नेशनल लेबोरेटरी और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर, अमेरिकी ऊर्जा विभाग उन्नत अनुसंधान परियोजना एजेंसी-ऊर्जा से वित्त पोषण के साथ इस दृष्टिकोण पर कोशिश की।हमने अपने सिस्टम का वास्तविक परीक्षण करने के लिए ऑस्टिन, टेक्सास में 100 घर के मालिकों को शामिल किया। सभी घरों में पूरे घर के लिए हवा ठंडा करने की प्रणाली थी, जिसे हमने कस्टम कंट्रोल बोर्ड और सेंसर से जोड़ा, जिसे मालिकों ने हमें अपने घरों में लगाने की अनुमति दी। इस उपकरण ने हमें ग्रिड की फ्रीक्वेंसी के आधार पर एयर-कंडीशनिंग इकाइयों को निर्देश भेजने में मदद की। हर कुछ सेकंड में, हमारा सिस्टम 100 एयर कंडीशनर में से कुछ के लिए एयर-कंडीशनिंग कंप्रेसर स्विचिंग के समय को थोड़ा बदल देता था, जिससे इकाइयों की कुल बिजली खपत बदल जाती थी। इस तरह, हमारे छोटे से समूह के घरेलू एयर कंडीशनर ग्रिड में होने वाले बदलावों पर उसी तरह प्रतिक्रिया करते थे, जैसे कोई बिजली संयंत्र करता है - ग्रिड को संतुलित करने और आवृत्ति को 60 हर्ट्ज़ के करीब रखने के लिए कम या ज़्यादा ऊर्जा का उपयोग करते हुए। इसके अलावा, हमारी प्रणाली को घर के तापमान को निर्धारित बिंदु के आसपास एक तापमान सीमा के भीतर रखने के लिए डिजाइन किया गया था। (द कन्वरसेशन)
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लंदन, फिटनेस के प्रति जुनूनी लोग दशकों से इस प्रश्न पर बहस करते रहे हैं कि ‘कार्डियो' करना वजन उठाने से पहले बेहतर होता है या बाद में? हाल तक, इसका उत्तर काफी हद तक पसंद पर निर्भर करता था - कुछ लोग वजन उठाने से पहले जॉगिंग करते थे, जबकि अन्य लोगों का मानना था कि पहले वजन उठाना वसा को खत्म करने के लिए बेहतर है। लेकिन एक नए शोध ने अंततः इस लंबे समय से विवादित प्रश्न का उत्तर दे दिया है।
शोध के अनुसार, आपके व्यायाम का क्रम इस बात को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है कि आप कितनी चर्बी कम करते हैं। जिन प्रतिभागियों ने वजन उठाने के बाद कार्डियो किया, उनमें कार्डियो करने के बाद वजन उठाने वालों की तुलना में काफी अधिक चर्बी कम हुई और वे पूरे दिन शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहे।शोधकर्ताओं ने 18-30 वर्ष की आयु के 45 युवा पुरुषों पर यह शोध किया, जिन्हें मोटापे से ग्रस्त माना गया था। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को 12 सप्ताह के लिए तीन समूहों में विभाजित किया। इन समूहों में से एक ‘कंट्रोल ग्रुप' था। इसका मतलब यह है कि वे अपनी सामान्य जीवनशैली के अनुसार रहे और व्यायाम कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया। अन्य दो समूहों में शामिल लोगों ने सप्ताह में तीन बार 60 मिनट तक व्यायाम किया। प्रतिभागियों को दैनिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए स्पोर्ट्स घड़ियां भी दी गईं। इससे शोधकर्ताओं को मदद मिली, क्योंकि इससे सही आंकड़े हासिल हुए। दोनों व्यायाम समूहों ने एक जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम अपनाए, केवल व्यायाम क्रम में अंतर था। प्रतिभागियों ने बेंच प्रेस, डेडलिफ्ट, बाइसेप कर्ल और स्क्वाट जैसे व्यायाम किए। कार्डियो सत्र में 30 मिनट तक ‘साइकिलिंग' शामिल थी। दोनों समूहों के प्रतिभागियों ने अपनी हृदय संबंधी फिटनेस, मांसपेशियों की ताकत और शारीरिक बनावट में सुधार का अनुभव किया।उनके शरीर से चर्बी कम हुई और मांसपेशियों का वजन कम हुआ। लेकिन असली अंतर तब सामने आया जब बात चर्बी घटाने और मांसपेशियों के प्रदर्शन की आई। जिन प्रतिभागियों ने पहले वजन उठाया, उनके शरीर की कुल वसा और ‘विसरल' वसा में उल्लेखनीय रूप से कमी देखी गई। विसरल वसा हृदय रोग के जोखिम से सबसे अधिक जुड़ी हुई होती है। पहले वजन उठाने वाले दिनभर में 3,500 कदम ज्यादा चले जबकि पहले कार्डियो करने वाले केवल 1,600 कदम ज्यादा चल पाए। इसके अतिरिक्त, वजन पहले उठाने वालों की मांसपेशियों की सहनशक्ति और मजबूती में इजाफा हुआ। शोध में पोषण पदार्थों का सेवन, नींद के पैटर्न या तनाव के स्तर को शामिल नहीं किया गया, ये सभी शरीर की संरचना के परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं। भविष्य के शोध में इन कारकों को शामिल किया जाना चाहिए ताकि और भी अधिक व्यापक मार्गदर्शन प्रदान किया जा सके। ऐसे में, चाहे आप वजन उठाने से पहले कार्डियो करें या बाद में, संदेश स्पष्ट है: दोनों ही तरीकों से स्वास्थ्य में समग्र सुधार होगा। एकमात्र अंतर यह है कि कार्डियो से पहले वजन उठाने से वसा घटने, पेट की चर्बी कम होने और दैनिक शारीरिक गतिविधि बढ़ने जैसे लाभ मिलते हैं। - लंदन.अहमदाबाद विमान दुर्घटना के पीड़ितों के ब्रिटेन में रह परिवार के सदस्यों की सहायता के लिए धन जुटाने के वास्ते लंदन में भारतीय समुदाय के सदस्य एकजुट हो रहे हैं। इसमें दो अनाथ बच्चों के लिए तत्काल सहायता भी शामिल है। एअर इंडिया विमान दुर्घटना में जान गंवाने वालों में अर्जुन पटोलिया भी थे। वे अपनी दिवंगत पत्नी भारती की अस्थियों को भारत में विसर्जित करने की इच्छा को पूरा करने के लिए गुजरात गए थे। उनकी पत्नी का हाल ही में कैंसर से निधन हो गया था। अर्जुन पटोलिया के मित्रों और परिवार ने शुक्रवार को उनकी दोनों बेटियों की सहायता के लिए ऑनलाइन धन-संग्रह अभियान ‘गोफंडमी' शुरू किया और अब तक 500,000 पाउंड के लक्ष्य का आधे से अधिक धन जुटा लिया गया है। अर्जुन पटोलिया इंस्पायर्ड एलिमेंट्स फर्नीचर कंपनी में काम करते थे। कंपनी के विनोद खिमजी कहा, ‘‘केवल 18 दिनों में, चार और आठ साल की दो छोटी बहनों ने अपने माता-पिता, दोनों को खो दिया।'' उन्होंने कहा, ‘‘अर्जुन अपनी पत्नी की अस्थियां विसर्जित करने गए थे और अब कभी अपने बच्चों के पास नहीं लौटेंगे। अब, इन दोनों लड़कियों के माता-पिता में से कोई नहीं बचा। उनकी दुनिया सिर्फ दो सप्ताह में ही पलट गई। अर्जुन इंस्पायर्ड एलिमेंट्स में हमारी टीम का एक महत्वपूर्ण सदस्य थे और कई सालों तक एक करीबी पारिवारिक मित्र भी थे। मेरे और परिवार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान का उद्देश्य आने वाले सालों में सुरक्षा, स्थिरता और प्यार प्रदान करना है।'' ब्रिटेन के नॉर्थम्पटन निवासी अबधी पटेल के परिवार के लिए भी ऐसा ही एक प्रयास शुरू किया गया है, जिनके परिवार में पति पंकज और आठ वर्षीय बेटा मीर पटेल हैं। उनके मित्रों और परिवार ने अंतिम संस्कार के खर्च के लिए तथा परिवार को इस दुखद क्षति से उबरने में मदद के लिए लगभग 2,000 पाउंड की धनराशि जुटायी है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए ब्रिटेन की विदेश मंत्री कैथरीन वेस्ट ने शुक्रवार को इंडिया हाउस के बाहर एक स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने भी सोमवार को भारतीय समुदाय के लिए एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया है।
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दुबई/ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में दुबई शहर के मरीना में 67 मंजिला एक इमारत में भीषण आग लग गई। दुबई मीडिया कार्यालय (डीएमओ) ने शनिवार को यह जानकारी दी। डीएमओ के मुताबिक शुक्रवार देर रात इमारत में आग लगने के बाद मरीना पिनाकल के 764 अपार्टमेंट में रहने वाले सभी 3,820 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। खलीज टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार दुबई सिविल डिफेंस की टीमों ने छह घंटे की अथक मेहनत के बाद इमारत में लगी आग पर काबू पा लिया। डीएमओ ने कहा कि अधिकारी प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था करने हेतु भवन के डेवलपर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं तथा उनकी सुरक्षा और राहत कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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मॉस्को. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और यूक्रेन शांति वार्ता पर चर्चा के लिए शनिवार को 50 मिनट तक फोन पर बातचीत की। पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। बातचीत के दौरान पुतिन ने ट्रंप को ईरान और इजराइल के नेताओं के साथ अपनी हालिया बातचीत के बारे में जानकारी दी और ईरानी परमाणु मुद्दे पर परस्पर स्वीकार्य समाधान तलाशने के रूस के प्रस्ताव को दोहराया। पुतिन और ट्रंप के बीच बातचीत के बाद उशाकोव ने पत्रकारों से कहा, ‘‘स्वाभाविक रूप से, विचारों के आदान-प्रदान के केंद्र में पश्चिम एशिया में तनाव का खतरनाक रूप से बढ़ना रहा।'' उन्होंने बताया कि ट्रंप ने क्षेत्रीय स्थिति को ‘‘बहुत चिंताजनक'' बताया और दोनों नेताओं में से किसी ने भी ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत की संभावना से इनकार नहीं किया। उशाकोव के अनुसार, पुतिन ने इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडलों के बीच शांति वार्ता के दौरान युद्धबंदियों के आदान-प्रदान समेत हुए समझौतों के कार्यान्वयन के बारे में ट्रंप को जानकारी दी।
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नई दिल्ली। ईरान ने इजरायल के खिलाफ सीधे तौर पर बड़ी सैन्य कार्रवाई करते हुए सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। यह हमला ऐसे वक्त हुआ जब इजरायल ने ईरान के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को मार गिराया और उसके अहम सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचाया था।ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान से दागी गई कई मिसाइलें इजरायली शहरों की ओर भेजी गईं। तेल अवीव और यरुशलम में धमाकों की तस्वीरें सामने आई हैं। हालांकि, इजरायल ने कहा कि उसने कई मिसाइलों को रास्ते में ही नष्ट कर दिया। अमेरिकी सेना ने भी इन हमलों को रोकने में मदद की।
हमले के बाद तेल की कीमतों में उछाल देखा गया। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड के दाम 7% तक बढ़ गए, जो मार्च 2022 के बाद सबसे बड़ी तेजी है। वहीं, सोने और डॉलर की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई, जबकि अमेरिका का एसएंडपी 500 इंडेक्स एक फीसदी से ज्यादा गिर गया।ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने एक रिकॉर्डेड वीडियो संदेश में कहा कि ईरान “ताकत के साथ जवाब देगा।” इस बयान को ईरानी मिसाइल हमले के बाद जारी किया गया।इस बार ईरान की प्रतिक्रिया बेहद तेज और तीव्र थी, जबकि पहले दोनों देशों के बीच हमलों के बाद कुछ नरमी देखने को मिलती थी। लेकिन इस बार इजरायल ने संकेत दिए हैं कि यह अभियान कई हफ्तों तक चल सकता है।ईरान के लिए यह अस्तित्व का सवाल बन गया है। इजरायल की कार्रवाई ने ईरान की कमजोरियों को उजागर किया है—उसके कई बड़े सैन्य कमांडर मारे गए हैं और उसके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया गया है।ईरान की सरकारी मीडिया के मुताबिक, संभावित जवाबी हमले की आशंका में ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को फिर से सक्रिय कर दिया गया है।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने बताया कि इजरायल ने फोर्दो और इस्फहान स्थित ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है।अगर इस्फहान का परमाणु केंद्र गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त होता है, तो ईरान की यूरेनियम संवर्धन क्षमता पर गंभीर असर पड़ सकता है।ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा है कि यह हमला कूटनीतिक प्रयासों को पटरी से उतार सकता है। इस बीच, अमेरिका और ईरान के बीच होने वाली अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ताओं का छठा दौर रविवार को प्रस्तावित है।G7 देशों के नेता कनाडा में इकट्ठा हो रहे हैं और इस घटना के बाद वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ गई है कि क्या अमेरिका इस मामले में सीधी भूमिका निभाएगा।इस क्षेत्र में तेल और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के व्यापार पर गहरा असर पड़ सकता है, जिससे वैश्विक व्यापार और महंगाई पर दबाव बढ़ने की आशंका है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया, हालांकि उन्होंने कुछ टीवी चैनलों को संक्षिप्त इंटरव्यू दिए।ट्रंप शनिवार को अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर वह अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक सैन्य परेड आयोजित करने वाले हैं। इसके साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर ईरान को चेतावनी दी है कि वह “बहुत देर होने से पहले समझौता कर ले”।इधर, शनिवार को ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष में दोनों पक्षों को हुए नुकसान की तस्वीरें सामने आने लगी हैं।इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान में लगभग 100 ठिकानों पर हवाई हमला किया, जिसमें 200 से अधिक लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। ईरानी मीडिया के अनुसार, इन हमलों में तेहरान के उपनगरों में कई रिहायशी इमारतें प्रभावित हुईं और करीब 95 लोग घायल हुए हैं। ईरान में संयुक्त राष्ट्र के लिए उसके राजदूत ने जानकारी दी कि इस हमले में 78 लोगों की मौत हुई है। वहीं इजरायल पुलिस के अनुसार, तेल अवीव क्षेत्र में एक महिला की भी जान गई है।संघर्ष के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और डोनाल्ड ट्रंप के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई।अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह इजरायल के शुरुआती हमले में शामिल नहीं था, लेकिन उसने ईरान को चेतावनी दी है कि वह अमेरिकी सैनिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश न करे। हालांकि, इजरायल की हवाई रक्षा में अमेरिका की मदद पहले से ही एक आम प्रक्रिया रही है, लेकिन इस तनावपूर्ण माहौल में अमेरिका का अगला कदम बेहद अहम माना जा रहा है। - वाशिंगटन/न्यूयॉर्क/ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे पर गहरा दुख जताते हुए इसे “विमानन इतिहास के सबसे भयानक हादसों में से एक” बताया। ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस' (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में हादसे से जुड़े सवालों पर कहा, “विमान दुर्घटना बहुत भयानक थी। मैंने उन्हें (भारत को) पहले ही बता दिया है कि हम जो कुछ भी कर सकते हैं, वह करेंगे। वह (भारत) एक बड़ा देश है, एक मजबूत देश है और वे इससे निपट लेंगे, मुझे पूरा विश्वास है।'' ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका हर तरह से भारत की मदद करने को तैयार है।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैंने भारत को बता दिया है कि हम हर संभव मदद कर सकते हैं। हम तुरंत वहां पहुंच जाएंगे। यह एक भयानक दुर्घटना थी। ऐसा लगता है कि ज्यादातर लोग मारे गए।”
- वॉशिंगटन। भारतीय मूल के श्रीनिवास मुक्कमला अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए हैं। इस पद पर पहुंचने वाले श्रीनिवास पहले भारतवंशी हैं। उन्होंने 180वां अध्यक्ष बनने पर खुशी जताई। 178 साल पुराना अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन, अमेरिका का सबसे बड़ा और प्रभावी मेडिकल संगठन है। श्रीनिवास को बॉबी मुक्कमला के नाम से भी जाना जाता है, नाक, कान गला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। डॉ. मुक्कमला ने मिशिगन यूनिवर्सिटी के मिशिगन मेडिकल स्कूल से मेडिकल की पढ़ाई की। डॉ. मुक्कमला की पत्नी नीता कुलकर्णी भी एक चिकित्सक हैं।
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न्यूयॉर्क. भारतीय मूल के चिकित्सक बॉबी मुक्कमला को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) का 180वां अध्यक्ष बनाया गया है और वह इस संस्था की अगुवाई करने वाले भारतीय मूल के पहले चिकित्सक बन गए हैं। एसोसिएशन के एक बयान के अनुसार कान-नाक-गला रोग विशेषज्ञ मुक्कमला ने मंगलवार को पद की शपथ ली। वह काफी समय से एएमए में सक्रिय रहे हैं और संस्था के एक कार्यबल के प्रमुख भी हैं।
पिछले साल नवंबर को उनके मस्तिष्क में आठ सेंटीमीटर आकार के ट्यूमर का पता लगा था।
बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘कुछ महीने पहले, मुझे नहीं पता था कि वो रात कट भी पाएगी या नहीं।'' उन्होंने अपने गृहनगर फ्लिंट, मिशिगन में जल संकट से निपटने के उपायों में एक केंद्रीय भूमिका निभाई, जहां उनके माता-पिता 1970 के दशक की शुरुआत में भारत से आने के बाद बस गए थे। बयान में कहा गया है, ‘‘दो अप्रवासी चिकित्सक माता पिता की संतान डॉ. मुक्कमला को चिकित्सा क्षेत्र में जाने और अपने गृहनगर फ्लिंट में लौटकर स्थानीय लोगों की सेवा करने की प्रेरणा मिली। - वाशिंगटन। अमेरिकी विमानन विशेषज्ञों ने बृहस्पतिवार को कहा कि अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान की प्रणालियों एवं उपकरणों को ‘सही ढंग से परखा' नहीं गया था और पहली नजर में यह दुर्घटना ‘अचरज' में डाल रही है। एयर इंडिया के लंदन जा रहे इस विमान में चालक दल के सदस्यों समेत कुल 242 लोग सवार थे। विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे का शिकार हुआ विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था जो चौड़े आकार वाला और दो इंजन से लैस होता है ।एविएशन सेफ्टी नेटवर्क के आंकड़ों के अनुसार, 2009 में सेवा में आने के बाद से किसी ड्रीमलाइनर विमान की यह पहली दुर्घटना है। विमानन सुरक्षा सलाहकार जॉन एम कॉक्स ने कहा कि जांचकर्ता पहला सवाल यह पूछेंगे कि एयर इंडिया का यह विमान उड़ान भरने के लिए सही ढंग से तैयार था या नहीं। वाशिंगटन डीसी स्थित ‘सेफ्टी ऑपरेटिंग सिस्टम' के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने कहा कि अभी कोई निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी, लेकिन हादसे के समय की तस्वीरों से ऐसे सवाल उठते हैं कि विमान के ऊंचा उठने के समय ‘स्लैट्स' और ‘फ्लैप्स' सही स्थिति में थे या नहीं। उन्होंने कहा, “तस्वीर में हवाई जहाज का अगला नुकीला हिस्सा 'नोज' ऊपर की ओर उठता हुआ और फिर नीचे की ओर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है। इससे पता चलता है कि हवाई जहाज पर्याप्त उठान नहीं ले पा रहा है।” स्लैट्स और फ्लैप्स को इस तरह से रखा जाना चाहिए कि पंख कम गति पर अधिक लिफ्ट बना सके।कॉक्स ने कहा, “विमान को पीछे से देखने पर ऐसा नहीं लगता कि पीछे के किनारे के फ्लैप्स उस स्थिति में हैं, जैसी संभावना है। लेकिन मैं इस बात को लेकर बहुत सतर्क हूं कि तस्वीर की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं है कि मैं कोई निष्कर्ष निकाल सकूं।” सुरक्षा इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता रखने वाले यॉर्क यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर जॉन मैक्डर्मिड ने कहा कि दुर्घटना के कारण के बारे में अभी बहुत कुछ जानना जल्दबाजी होगी, लेकिन पहली नजर में यह बहुत अचरज से भरा लगता है। उन्होंने बताया कि किसी भी उड़ान का सबसे खतरनाक चरण उड़ान और लैंडिंग होता है, लेकिन हादसे का शिकार हुआ विमान 200 मीटर यानी 650 फीट से ऊपर नहीं चढ़ पाया था। मैक्डर्मिड ने कहा, “पायलट काफी देर तक उड़ान को रोक सकते हैं। इसलिए ऐसा लगता है कि समस्या उड़ान भरने के अंतिम भाग में या उड़ान के तुरंत बाद अचानक हुई और इतनी गंभीर थी कि उसे संभाल पाना मुश्किल था।” उन्होंने कहा कि जेट विमानों में कई सहयोगी प्रणालियां होती हैं जिसमें केवल एक इंजन के साथ ऊपर चढ़ने की क्षमता भी शामिल होती है। ऐसे में यह हादसा और भी असामान्य लगता है।
- लंदन। ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने अहमदाबाद से लंदन आ रहे एअर इंडिया के विमान के हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ देर बाद दुर्घटनाग्रस्त होने पर अपनी संवेदना और दुख व्यक्त किया। इस विमान में 53 ब्रिटिश नागरिक सहित कुल 242 लोग सवार थे। महाराजा चार्ल्स ने कहा कि वह और उनकी पत्नी रानी कैमिला ‘‘आज सुबह अहमदाबाद में हुए भयावह हादसे से स्तब्ध हैं।'' बकिंघम पैलेस (ब्रिटिश राज्याध्यक्ष आवास)से जारी एक बयान के मुताबिक महाराजा चार्ल्स ने कहा, ‘‘हमारी विशेष प्रार्थनाएं और गहरी सहानुभूति कई देशों के उन सभी परिवारों और मित्रों के साथ है जो इस भयावह घटना से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वे अपने प्रियजनों की खबर का इंतजार कर रहे हैं।''ब्रिटेन के 76 वर्षीय शासक ने कहा, ‘‘मैं आपातकालीन सेवाओं और इस अत्यंत हृदय विदारक और दर्दनाक समय में सहायता और समर्थन प्रदान करने वाले सभी लोगों के प्रयासों के प्रति विशेष रूप से सम्मान प्रकट करना चाहता हूं।'' इससे पहले, शाही महल ने कहा था कि महाराजा को सूचित कर दिया गया है। ब्रिटेन में हादसे की खबर स्थानीय समयानुसार सुबह नौ बजे सामने आई। स्टॉर्मर ने एक बयान में कहा, ‘‘कई ब्रिटिश नागरिकों को लेकर लंदन आ रहे विमान के भारतीय शहर अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त होने का दृश्य भयावह है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पल-पल की जानकारी दी जा रही है तथा इस अत्यंत दुखद समय में मेरी संवेदनाएं यात्रियों और उनके परिवारों के साथ हैं।'' ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने सोशल मीडिया के जरिये शोक व्यक्त किया।उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अहमदाबाद में हुए विनाशकारी विमान हादसे की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं। ब्रिटेन भारत में स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर तथ्यों का तत्काल पता लगाने और सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है।'' लैमी ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने दिल्ली और लंदन दोनों जगहों पर आपात टीम गठित की हैं।ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा कि वह भारत में स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर तथ्यों का तत्काल पता लगाने और हादसे के शिकार लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए काम कर रहा है। इसने वाणिज्य दूतावास सहायता के लिए एक संपर्क नंबर भी जारी किया। एफसीडीओ ने कहा, ‘‘जिन ब्रिटिश नागरिकों को कांसुलर सहायता की आवश्यकता है या जिन्हें मित्रों या परिवार के बारे में चिंता है, उन्हें 020 7008 5000 पर कॉल करना चाहिए।''ब्रिटेन की विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता केमी बेडेनॉच ने इस त्रासदी को ‘‘दिल दहला देने वाला'' बताया है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो प्रभावित हुए हैं - विशेष रूप से विमान में सवार लोगों के परिवारों के साथ, तथा आपातकालीन टीम के साथ जो इस भयावह त्रासदी से निपटने का प्रयास कर रही हैं।'' एअर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान को स्थानीय समयानुसार शाम छह बजकर 25 मिनट पर लंदन के गैटविक हवाई अड्डे पर उतरना था। गैटविक हवाई अड्डे ने विमान में सवार लोगों के ब्रिटेन स्थित रिश्तेदारों के लिए एक सूचना केंद्र स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। गैटविक हवाई अड्डे ने एक बयान में कहा, ‘‘हम पुष्टि कर सकते हैं कि उड़ान संख्या एकआई 171, जो आज (12 जून) अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हुई थी, को ब्रिटिश मानक समय के अनुसार शाहम छह बजकर 25 मिनट पर लंदन के गैटविक हवाई अड्डे पर उतरना था। बोइंग 787-8 विमान में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे।'' इसमें कहा गया, ‘‘लंदन का गैटविक हवाई अड्डा एअर इंडिया के साथ मिलकर काम कर रहा है और विमान में सवार लोगों के रिश्तेदारों के लिए एक सूचना केंद्र बनाया जा रहा है, जहां जानकारी और सहायता प्रदान की जाएगी। जिन ब्रिटिश नागरिकों को कांसुलर सहायता की आवश्यकता है या जिन्हें अपने मित्रों या परिवार के बारे में चिंता है, उन्हें 020 7008 5000 पर कॉल करना चाहिए।'' गैटविक हवाई अड्डे ने कहा, ‘‘एअर इंडिया ने अधिक जानकारी प्रदान करने के लिए एक समर्पित यात्री हॉटलाइन नंबर 1800 5691 444 जारी किया है। हमारी संवेदनाएं विमान में सवार लोगों के परिवार और मित्रों के साथ हैं। आगे की जानकारी यथासमय जारी की जाएगी।''
- वाशिंगटन/ सैन फ्रांसिस्को। नागरिक विमानन दुर्घटनाओं की जांच करने वाली अमेरिका की सरकारी एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अहमदाबाद में हुए विमान हादसे की जांच में सहायता के लिए अमेरिकी जांचकर्ताओं की एक टीम भारत भेजेगी। राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ वह बृहस्पतिवार को भारत के अहमदाबाद में एअर इंडिया बोइंग 787 के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच में ‘विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो' की सहायता के लिए भारत की यात्रा करने वाले अमेरिकी जांचकर्ताओं की एक टीम का नेतृत्व करेगा।'' एनटीएसबी में कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के तहत तय अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल के अनुसार, जांच की सभी जानकारी भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। एअर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान में बृहस्पतिवार को अहमदाबाद में उड़ान भरने के कुछ मिनटों के बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। यह विमान उड़ान संख्या एआई-171 के तहत अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रहा था और विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक और चालक दल के 12 सदस्य सहित कुल 242 लोग सवार थे। संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने कहा कि वह अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के संबंध में एनटीएसबी के संपर्क में है। एफएए ने कहा, ‘‘जब कोई अंतर्राष्ट्रीय घटना होती है, तो वह सरकार जांच का नेतृत्व करती है। सहायता का अनुरोध किए जाने की स्थिति में, एनटीएसबी आधिकारिक अमेरिकी प्रतिनिधि है और एफएए तकनीकी सहायता प्रदान करता है। हम एनटीएसबी के साथ समन्वय में तुरंत एक टीम भेजने के लिए तैयार हैं।'' एफएए एक अमेरिकी संघीय सरकारी एजेंसी है, जो देश में नागरिक उड्डयन को नियंत्रित करती है।बोइंग ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि वह उड़ान संख्या एआई171 के संबंध में एअर इंडिया के संपर्क में है और ‘‘उनकी सहायता करने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं यात्रियों, चालक दल, प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं और सभी प्रभावितों के साथ हैं।'' अमेरिकी सांसद ने भी पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति संवेदना संदेश भेज रहे हैं।कांग्रेस सदस्य राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान दुर्घटना से वह ‘‘दुखी'' हैं। उन्होंने इस त्रासदी से प्रभावित विश्वभर के सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
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वाशिंगटन.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका एक समझौते के तहत चीन से मैग्नेट और दुर्लभ खनिज प्राप्त करेगा तथा चीनी वस्तुओं पर शुल्क 55 प्रतिशत होगा। एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने बुधवार को कहा कि कई वैश्विक ब्रांड उन दर्जनों कंपनियों में शामिल हैं, जो अपनी चीनी आपूर्ति श्रृंखलाओं के माध्यम से जबरन मजदूरी का उपयोग करने के जोखिम में हैं, क्योंकि वे चीन के सुदूर-पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से महत्वपूर्ण खनिजों का उपयोग करते हैं या खनिज-आधारित उत्पाद खरीदते हैं।
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वियना. ऑस्ट्रिया के ग्राज शहर के एक स्कूल में मंगलवार को हुई गोलीबारी में सात छात्रों समेत आठ लोगों की मौत हो गई और संदिग्ध हमलावर भी मारा गया है। शहर के महापौर ने यह जानकारी दी। ऑस्ट्रिया प्रेस एजेंसी की खबर के मुताबिक, मेयर एल्के काहर ने घटना को ‘‘भयानक त्रासदी'' करार दिया है। खबर के मुताबिक, मृतकों में सात छात्र और एक वयस्क शामिल है।
काहर ने कहा कि घटना में घायल हुए लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। पुलिस ने कहा कि उसका मानना है कि हमलावर ने घटना को अकेले अंजाम दिया। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 10 बजे एक कॉल के बाद पुलिस समेत विशेष बलों को बोर्ग ड्रेयर्सचुटजेन्गेस्से हाई स्कूल में भेजा गया। बाद में, पुलिस ने ‘एक्स' पर लिखा कि स्कूल को खाली करा लिया गया है और सभी को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। उसने लिखा कि अब किसी तरह के खतरे की आशंका नहीं है।
ऑस्ट्रिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर ग्राज, देश के दक्षिण-पूर्व में स्थित है और इसकी जनसंख्या लगभग 3,00,000 है।