- Home
- धर्म-अध्यात्म
- श्रीनगर। कश्मीर में भारी बारिश के कारण स्थगित की गई अमरनाथ यात्रा शुक्रवार को फिर से शुरू हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।अधिकारियों ने बताया कि नुनवान और बालटाल आधार शिविरों से तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था पवित्र गुफा मंदिर के लिए रवाना हुआ।भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर हुए भूस्खलन की वजह से बृहस्पतिवार को यात्रा स्थगित कर दी गई थी। यह तीर्थयात्रा तीन जुलाई को शुरू हुई थी और नौ अगस्त को समाप्त होगी। यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक ढाई लाख से अधिक तीर्थयात्री दक्षिण कश्मीर हिमालय में अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।
- क्रिस्टल ग्लोब बुद्धि, स्पष्टता और नए अवसरों का प्रतीक है। इसे ऑफिस डेस्क के उत्तर-पूर्व कोने में रखने से करियर में प्रगति और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। अगर आप क्रिस्टल ग्लोब को रख रहे हैं, तो इसे नियमित रूप से साफ करें और इसे कुछ अंतराल पर घुमा दें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे।चीनी सिक्केफेंगशुई में तांबे के गोल सिक्के, जिनके बीच में वर्गाकार छिद्र होता है, समृद्धि का प्रतीक हैं। तीन सिक्कों को लाल रिबन में बांधकर ऑफिस के मुख्य द्वार के अंदर या कैश बॉक्स में रखें। यह आय बढ़ाता है और अनावश्यक खर्चों को रोकता है। सिक्कों को साफ रखें और दक्षिण-पूर्व दिशा में स्थापित करें।लाफिंग बुद्धालाफिंग बुद्धा खुशी और समृद्धि का प्रतीक है। इसे ऑफिस डेस्क पर या रिसेप्शन क्षेत्र में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। यह तनाव कम करता है और व्यवसाय में उन्नति लाता है। लाफिंग बुद्धा का चेहरा ऑफिस के प्रवेश द्वार की ओर होना चाहिए। सुनिश्चित करें कि यह ऊंचे स्थान पर हो।मनी प्लांटमनी प्लांट फेंगशुई में धन और समृद्धि का प्रतीक है। इसे ऑफिस के दक्षिण-पूर्व कोने (धन क्षेत्र) में रखने से आर्थिक वृद्धि होती है। मनी प्लांट को गमले में लगाएं और सुनिश्चित करें कि यह हरा-भरा रहे। मुरझाया हुआ पौधा नकारात्मक ऊर्जा लाता है।फेंगशुई ड्रैगनफेंगशुई ड्रैगन शक्ति, साहस और सफलता का प्रतीक है। इसे ऑफिस में पूर्व दिशा में रखने से व्यवसाय में नई ऊंचाइयां मिलती हैं और प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल होती है। ड्रैगन की मूर्ति को डेस्क पर या शेल्फ पर रखें, लेकिन इसे बहुत ऊंचा न रखें। इसका मुंह कार्यस्थल की ओर होना चाहिए।फेंगशुई फव्वाराफेंगशुई फव्वारा धन और समृद्धि के प्रवाह का प्रतीक है। इसे ऑफिस के उत्तर या दक्षिण-पूर्व कोने में रखने से आर्थिक स्थिरता आती है और खर्चे नियंत्रित होते हैं। फव्वारे में पानी साफ और बहता हुआ रखें। रुका हुआ या गंदा पानी नकारात्मक ऊर्जा लाता है। छोटे डेस्कटॉप फव्वारे भी प्रभावी हैं।फेंगशुई से समृद्ध ऑफिसचीनी सिक्के, लाफिंग बुद्धा, मनी प्लांट, ड्रैगन, और क्रिस्टल ग्लोब जैसी फेंगुशई संबंधित चीजें ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं। ये खर्चों को नियंत्रित करती हैं और आय में वृद्धि करती हैं। इन्हें सही दिशा में और स्वच्छता के साथ रखें। इन उपायों को अपनाकर अपने ऑफिस को समृद्ध, ऊर्जावान और सफल बनाएं।
- देवशयनी एकादशी के दिन से चातुर्मास शुरू हो जाता है। देव यानी श्रीहरि पाताल लोक में निवास करने जाते हैं। अगले चार महीने तक भगवान विष्णु क्षीरसागर में योग निंद्रा में जाते हैं। ऐसे में भगवान शिव सृष्टि का संचालन संभालते हैं। यह चार मास का समय चातुर्मास कहलाता है। इसमें सावन का महीना और भी पावन माना गया है। सावन में भक्त भोलेनाथ का जलाभिषेक, रूद्राभिषेक करवाते हैं, लेकिन क्या आपने जानने की कोशिश की कि आखिर क्यों भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। इसके पीछे समुंद्र मंथन के पीछे की कहानी जुड़ी है।शास्त्रों की माने समुद्र मंथन किया गया था, तो उससे अमृत निकला, जिसको पीकर अमर हो जाते हैं, लेकिन इसी समुद्र मंथन के दौरान हलाहल विष भी निकला, इसके निकलने से संपूर्ण विश्व को खतरा था। ऐसे में भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए विषपान किया। इसकी वजह से भगवान शिव का गला नीला पड़ गया। इसलिए उन्हें नीलकंठ कहते हैं। विष की तीव्र पीड़ा के कारण भोलेबाबा ने हलाहल को अपने कंठ में रोक लिया। लेकिन इसकी पीड़ा कम न हुई, भगवान आशुतोष दग्ध होने लगे। ऐसे में भगवान शिव को इस पीड़ा से बचाने के लिए और उन्हें शीतलता देने के लिए विभिन्न चीजों से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। इसलिए भगवान शिव के भक्त इस घटना को याद कर पवित्र गंगाजल से उनका जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि इससे भगवान शिव को शीतलता मिलती है। कहते हैं भगवान शिव को अभिषेक अत्यंत प्रिय है। इसलिए उनके भक्तगण उन्हें पवित्र गंगाजल से सावन में जलाभिषेक करते हैं, तो भगवान उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।किन चीजों से अभिषेक करने पर मिलता है क्या फलदूध से अभिषेक करने पर -मन मस्तिष्क, समृद्धि के साथ-साथ आरोग्यता भीअक्षत चावल -स्थिर लक्ष्मीमधु, गुड और घृत -आरोग्यता समृद्धि
- सावन में इस साल कई उत्तम योग बन रहे हैं। इस साल सावन सोमवार पर सर्वार्थ सिद्धि के साथ अमृत योग की वर्षा होगी। सावन के चारों सोमवार पर कुल सात फलदायी योग रहेंगे। वहीं, 72 साल बाद दो ग्रह शनि और बुध की चाल बदल जाएगी। यानी वह वक्री हो जाएंगे। दो ग्रह पहले से ही वक्री हैं। वह सावन में भी इसी स्थिति में रहेंगे। सावन का कृष्ण पक्ष में एक दिन क्षय हो रहा है तो शुक्ल पक्ष में एक दिन की वृद्धि भी हो रही है।आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि सावन 11 जुलाई से शुरू होकर नौ अगस्त तक रहेगा। इस दौरान कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस माह में सात सर्वार्थ सिद्धि और एक अमृत सिद्धि योग का अनुपम संयोग बन रहा है। इस दौरान भगवान शिव का पूजन-अर्चन करने से उनकी कृपा बरसेगी। सात जुलाई को देवताओं के गुरु बृहस्पति उदय होंगे। 72 साल बाद 13 जुलाई को बुध और 14 जुलाई को शनि देव वक्री होंगे। राहु और केतु पहले से ही वक्री हैं।सावन के सोमवार पर बन रहे ये अद्भुत योग और नक्षत्र: आचार्य सुरेंद्रनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि सावन के पहले सोमवार यानी 14 जुलाई को धनिष्ठा नक्षत्र और आयुष्मान योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन गणेश चतुर्थी का भी दुर्लभ संयोग है। दूसरे सोमवार 21 जुलाई को रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में रहेंगे। कामिका एकादशी और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी शुभ संयोग है। इस दिन व्रत करने से भगवान शिव के साथ साथ भगवान विष्णु की कृपा बरसेगी। सावन के तीसरे सोमवार यानी 28 जुलाई को चंद्रमा पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा। सिंह राशि में चंद्रमा के होने से धन योग बनेगा। वृद्ध चतुर्थी का भी संयोग है। इस दिन भगवान शिव और गणेशजी के आशीर्वाद भक्तों को मिलेंगे। अंतिम सोमवार चार अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म और इंद्र योग रहेगा। चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि पर संचार करेंगे।ये कर सकते हैं शुभ कार्य- सावन में सात सर्वार्थ सिद्धि और एक अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। सावन के समापन पर नौ अगस्त को बुद्ध-आदित्य योग के साथ श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को होगा। इस मास के फलदायी होने से अनुष्ठान, नए कार्य, संकल्प, रजिस्ट्रेशन, संपत्ति क्रय-विक्रय और उद्योग स्थापना जैसे कार्य करना लाभकारी है।
- हिंदू धर्म में सावन के सोलह सोमवार, का खास महत्व माना गया है। पंचांग के अनुसार इस बार सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगा। इस पवित्र महीने में भोलेबाबा के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं हर व्रत की तरह सावन के उपवास रखने के लिए भी कुछ खास नियमों का पालन करना होता है। ऐसा ना करने पर आपकी सेहत और आस्था दोनों बिगड़ सकती हैं। आइए जानते हैं सावन के सोमवार व्रत रखते समय आपको किन 5 बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।सावन का व्रत रखते समय भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियांफ्राइड खाने से बचेंज्यादातर लोग व्रत खोलते समय यह गलती कर बैठते हैं। पूरा दिन उपवास रखने के बाद व्रत खोलते समय तला भुना खाने से गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं परेशान कर सकती है। इससे बचने के लिए साबूदाने की खीर, शीरा जैसे ऑप्शन व्रत खोलने के लिए चुनें। हल्के और पचने में आसान भोजन से व्रत खोलना बेहतर रहता है।डिहाइड्रेशन ना होने देंसावन के महीने में उमस और गर्मी बढ़ने से लोग पसीने से भीगे रहते हैं। ऐसे में व्रत के दौरान पर्याप्त पानी ना पीने से व्यक्ति को डिहाइड्रेशन और चक्कर आने जैसी समस्या हो सकती है। बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इसके लिए दिन की शुरुआत नारियल पानी या लस्सी से कर सकते हैं, इससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और बेवजह थकान महसूस नहीं होती है।भूखा रहने की ना करें गलतीसावन के सोमवार व्रत में अन्न का सेवन वर्जित माना गया है। लेकिन लंबे समय तक पेट को भूखा रखने से गैस, एसिडिटी और सिरदर्द की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए छोटे छोटे अंतराल पर कुछ हल्का जैसे पपीता, खीरा, केला जैसी चीजों से फलाहार जरूर करें। ऐसा करने से ना तो आपको कमजोरी फील होगी और आपका मन शिव भक्ति में भी लगेगा।फल और ड्राई फ्रूट्स खाने से बचनासावन के व्रत रखते समय अपनी डाइट में हमेशा पानी वाले फल जैसे तरबूज, खीरा, पपीता शामिल करें। इन फलों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा बादाम, अखरोट और किशमिश जैसे सूखे मेवे खाने से लंबे समय तक भूख का अहसास नहीं होता है।ज्यादा शारीरिक मेहनत न करेंउपवास के दौरान ज्यादा शारीरिक मेहनत करने से आप जल्दी थक सकते हैं और बार-बार भूख भी लग सकती है। जिसकी वजह से आपका ध्यान व्रत से भटक सकता है। व्रत के दिन ज्यादा शारीरिक मेहनत वाले काम करने से बचें।
- 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन के महीने में भगवान शिव की अराधना की जाती है। लोग इस पवित्र महीने में भोलेनाथ की सच्चे मन से पूजा अर्चना करते हैं, तमाम अनुष्ठान करते हैं और बहुत से लोग तो कावड़ यात्रा पर भी जाते हैं। बहुत से लोग तो पूजा अर्चना के साथ-साथ सावन में पड़ने वाले सोमवार का व्रत भी रखते हैं। इस व्रत में फलाहार का सेवन किया जाता है। लोगों को लगता है कि फलाहार बनाना काफी कठिन काम होता है, ऐसे में हम यहां आपको पांच ऐसे स्वादिष्ट पकवानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो झटपट तैयार होते हैं।मिश्रित फल चाटकुछ हेल्दी विकल्प तलाश रहे हैं तो फलाहारी चाट अपने लिए तैयार करें। इसे बनाने के लिए आपको अपने पंसदीदा फल जैसे केला, सेब, अंगूर, अनार, पपीता के साथ-साथ नींबू सेंधा नमक, काली मिर्च की जरूरत पड़ेगी। इसे बनाने के लिए कटे हुए फलों को मिलाकर ऊपर से सेंधा नमक और काली मिर्च छिड़कें। इसका आप भोग भी लगा सकते हैं।साबूदाना खिचड़ीफलाहारी खाने की बात की जाए और साबूदाना खिचड़ी का जिक्र न हो, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। साबुदाना खिचड़ी बनाने का प्लान कर रहे हैं तो सबसे पहले 6-8 घंटे तक साबुदाना को पानी में भिगो दें। पानी में भीगने की वजह से ये फूल जाएगा, जिस कारण ये एकदम खिला-खिला बनेगा और देखने में भी अच्छा लगेगा।कुट्टू का चीलाकुछ ऐसा बनाने का प्लान कर रही हैं, जिसे तैयार करने मे ज्यादा घी तेल न लगे तो कुट्टू का चीला एक बेहतर विकल्प है। कुट्टू का चीला बेहद कम तेल में सिक जाता है। इसे आप आलू की सब्जी या फिर फलाहारी चटनी के साथ भी परोस सकते हैं। इसे बनाते समय बेटर सही तैयार करें, तभी ये एकदम डोसे की तरह तैयार होगा।सिंघाड़े के आटे का हलवासिंघाड़े के आटे का हलवा खाने में कापी स्वादिष्ट लगता है। इसे बनाने के लिए सिंघाड़े का आटा, देसी घी, पानी, चीनी की जरूरत पड़ती है। इसके लिए सबसे पहले सिंघाड़े के आटे को घी में अच्छी तरह से भूनकर उसमें पानी और चीनी डालें। कुछ ही मिनटों में फलाहारी हलवा तैयार करें। इस हलवे में किसी तरह की मेवा डालने की जरूरत नहीं पड़ती।
- भरतपुर। जिले के रूपवास कस्बे से 60 वर्षीय संत केदार कटारा खाटूश्याम (सीकर) तक दंडवत यात्रा पर निकले हैं। 510 दिन की इस कठिन यात्रा में अब तक वे करीब 132 किमी की दूरी तय कर जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे स्थित मानपुर चौराहा पहुंचे, जहां श्याम भक्तों ने उनका भव्य स्वागत किया। संत केदार ने यह यात्रा 24 अक्टूबर 2023 को रूपवास के श्री चिंता हरण हनुमान मंदिर से शुरू की थी, जो सात साल बाद अक्टूबर 2030 में पूरी होगी। संत केदार प्रतिदिन 300-400 मीटर का सफर तय करते हुए 2,100 दंडवत करते हैं। खाटू श्याम तक की करीब 321 किमी की दूरी को पूरा करने के लिए वे कुल 17,65,551 दंडवत करेंगे। अब तक 132 किमी की यात्रा में 7,51,000 दंडवत कर चुके हैं, जबकि बाकी 156 किमी की दूरी पूरी करने में छह साल और 8,81,000 दंडवत करने होंगे। संत केदार कटारा ने बताया कि उनकी दंडवत यात्रा सनातन धर्म, हिन्दू देवी-देवताओं और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए है। इसके अलावा, देश और समाज की सेवा के प्रति जागरुकता, वन और गौवंश की रक्षा, विश्व शांति और मानव कल्याण, महिला सशक्तीकरण, स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरुकता और भाईचारे और प्रेम का संदेश फैलाना है।13वीं कनक दंडवत यात्रासंत केदार की यह 13वीं कनक दंडवत यात्रा है। इससे पहले वे 12 बार इसी तरह खाटू श्याम तक पहुंच चुके हैं। उनका मानना है कि खाटू श्याम बाबा हर भक्त की सुनते हैं और इच्छाएं पूर्ण करते हैं।मोटरसाइकिल बना आशियानायात्रा के दौरान संत केदार ने एक मोटरसाइकिल को रथ में बदल रखा है, जिसमें खाटू श्याम की अखंड ज्योति जल रही है। वे इसी रथ में ठहरते हैं और रात भी यहीं बिताते हैं। जब दिनभर की दंडवत यात्रा पूरी हो जाती है, तब वे मोटरसाइकिल में ही विश्राम करते हैं।श्रद्धालु कर रहे सहयोगसंत के इस कठिन संकल्प को पूरा करने में खाटू श्याम के श्रद्धालु लगातार उनकी मदद कर रहे हैं। भरतपुर से लेकर खाटू श्याम तक भक्त उन्हें भोजन, पानी और अन्य आवश्यक चीजें मुहैया करा रहे हैं। अन्य श्रद्धालु भी इस पुण्य कार्य में सहयोग कर सकते हैं। सात साल की यह कठिन यात्रा न सिर्फ श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि सनातन संस्कृति के प्रति संत केदार कटारा की अटूट आस्था और समर्पण को भी दर्शाती है।
- अगर आप भी नए घर का निर्माण करवा रहे हैं और चाहते हैं कि आपके घर का द्वार सिर्फ एक दरवाजा नहीं, बल्कि सौभाग्य का प्रवेश द्वार बने, तो इन वास्तु नियमों को जरूर अपनाएं। आइए जानते हैं।दिशा का खास रखें ध्यानघर का मुख्य द्वार कई ऊर्जाओं को घर में प्रवेश करने में सहायक होता है। ऐसे में अगर आप पूर्वमुखी है तो घर का प्रवेश द्वार उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ताकि मुख्य द्वार से सुबह की धूप सीधे आपके घर में प्रवेश करे। दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिश में मुख्य द्वार होने से बाधाएं आ सकती हैं, इसलिए इन्हें टालना चाहिए। सही दिशा से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवाहित होती है, जबकि गलत दिशा से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।द्वार का सही आकारमुख्य द्वार का सही आकार और डिजाइन सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए काफी जरूरी होता है। इसलिए आप भी दरवाजा बनवाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि दो पल्लों वाला द्वार शुभ माना जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखता है। द्वार न तो बहुत बड़ा हो और न ही बहुत छोटा। बहुत छोटा द्वार सकारात्मक ऊर्जा को रोक सकता है, जबकि बहुत बड़ा द्वार असंतुलन पैदा कर सकता है।स्वच्छता और सुंदरताघर का मुख्य द्वार साफ और सजा हुआ होना चाहिए। ऐसा करने से यह घर में सुख-समृद्धि को आमंत्रित करता है, जबकि गंदा या अव्यवस्थित द्वार नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। ऐसे में आप मुख्य द्वार और उसके आसपास हमेशा साफ-सफाई बनाए रखें। रंगोली, तोरण (आम या अशोक के पत्तों की माला) और सजावट से द्वार को आकर्षक बनाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।कौन-सा रंग चुने?मुख्य द्वार का रंग घर की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। सही रंग घर में सुख-समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। इसलिए आप क्रीम, हल्का पीला, हल्का नीला, हरा या सफेद जैसे हल्के रंग चुन सकते हैं। काले रंग से बचें, क्योंकि यह नकारात्मकता को आमंत्रित कर सकता है।
- हथेली में कई तरह की रेखाएं बनती हैं, जो परेशानियां खड़ी करती हैं। इनमें से एक है राहु रेखा। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, हथेली में राहु की रेखा को चिंता रेखा, विघ्न या तनाव रेखा भी कहा जाता है। राहु रेखा मंगल क्षेत्र से निकलकर जीवन रेखा और भाग्य रेखा को काटकर मस्तिष्क रेखा को छूने या फिर उसे काटकर हृदय रेखा तक जाने वाली रेखाओं को राहु रेखा कहा जाता है। आमतौर पर हथेली में राहु रेखा की संख्या 3 या 4 होती है। इन रेखाओं का स्पष्ट व मोटा होना अशुभ माना जाता है। राहु रेखाओं से जुड़े कुछ योग व्यक्ति के जीवन में परेशानियां खड़ी करते हैं। जानें इनके बारे में-इन रेखाओं के काटने पर: राहु रेखा अगर जीवन रेखा को काटती है तो पारिवारिक जीवन व सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। भाग्य रेखा को काटने पर जीवनसाथी के सेहत व व्यावसायिक उतार-चढ़ाव सामना करना पड़ता है। राहु रेखा अगर मस्तिष्क रेखा को काटती है, तो यह धन हानि व बीमारियों का संकेत देती है। अगर राहु रेखा हृदय रेखा को छूती है तो यह प्रेम में अलगाव पैदा कर सकती है।राहु रेखा कब देती है अशुभ परिणाम- अगर जीवन व मस्तिष्क रेखा के पास से राहु रेखा निकलती है, तो अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं। इससे जीवन में उथल-पुथल, रोग, मृत्यु व दुर्घटना की आशंका बढ़ने लगती है। ऐसे लोगों को कई बार राहु दोष के कारण चोरी, रोग व दुर्घटना का भी सामना करना पड़ता है।मानसिक संतुलन पर प्रभाव- हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार, अगर मंगल पर्वत से दो राहु रेखाएं निकलकर एक साथ पास-पास होकर शनि पर्वत के नीचे मस्तिष्क रेखा को छूती हैं, ऐसे लोगों का मानसिक संतुलन अच्छा नहीं रहता है।
- ज्योतिष शास्त्र की तरह अंक ज्योतिष से भी जातक के भविष्य, स्वभाव और व्यक्तित्व का पता लगता है। जिस तरह हर नाम के अनुसार राशि होती है उसी तरह हर नंबर के अनुसार अंक ज्योतिष में नंबर होते हैं। अंकशास्त्र के अनुसार अपने नंबर निकालने के लिए आप अपनी जन्म तिथि, महीने और वर्ष को इकाई अंक तक जोड़ें और तब जो संख्या आएगी, वही आपका भाग्यांक होगा। उदाहरण के तौर पर महीने के 5, 14 और 23 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 5 होगा। अंकशास्त्र के अनुसार कुछ जातकों के लिए जून का महीना बेहद शुभ रहने वाला है।आइए जानते हैं, जुलाई का महीना किन जातकों के लिए शुभ रहने वाला है…मूलांक 3- जीवन में कई बड़े बदलाव आएंगे। जीवन की चुनौतियों को पार करने में सक्षम होंगे। मुश्किलों से हार नहीं मानेंगे। जीवन की नई सिरे से शुरुआत करेंगे। पॉजिटिविटी से भरपूर रहेंगे। जीवन के सभी बाधाएं दूर होंगी और चुनौतियों का उत्साह के साथ सामना करेंगे।मूलांक 5- जीवन में आ रही मुश्किलों और चुनौतियों से छुटकारा पाएंगे और काफी अच्छे समय की शुरुआत होगी। कार्यक्षेत्र में किसी नए और रोचक कार्यों में शामिल होंगे या नई जिम्मेदारियां लेंगे। काफी आरामदायक समय का आनंद लेंगे। लव लाइफ में खुशियां आएंगी। कार्यों पर फोकस कर सकेंगे। साथ ही कड़ी मेहनत और लगन के साथ सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे।मूलांक7- जीवन में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। सफलता प्राप्त करने के लिए किए गए प्रयासों का फल मिलेगा। अपनी योग्यता और काबिलियत को साबित करने के कई सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे। जीवन में आ रही चुनौतियांआपके धैर्य और दृढ़ निश्चय की परीक्षा लेंगी।
- अगर आप भी नए घर का निर्माण करवा रहे हैं और चाहते हैं कि आपके घर का द्वार सिर्फ एक दरवाजा नहीं, बल्कि सौभाग्य का प्रवेश द्वार बने, तो इन वास्तु नियमों को जरूर अपनाएं। आइए जानते हैं।दिशा का खास रखें ध्यानघर का मुख्य द्वार कई ऊर्जाओं को घर में प्रवेश करने में सहायक होता है। ऐसे में अगर आप पूर्वमुखी है तो घर का प्रवेश द्वार उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। ताकि मुख्य द्वार से सुबह की धूप सीधे आपके घर में प्रवेश करे। दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिश में मुख्य द्वार होने से बाधाएं आ सकती हैं, इसलिए इन्हें टालना चाहिए। सही दिशा से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवाहित होती है, जबकि गलत दिशा से समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।द्वार का सही आकारमुख्य द्वार का सही आकार और डिजाइन सकारात्मक ऊर्जा के संचार के लिए काफी जरूरी होता है। इसलिए आप भी दरवाजा बनवाते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि दो पल्लों वाला द्वार शुभ माना जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखता है। द्वार न तो बहुत बड़ा हो और न ही बहुत छोटा। बहुत छोटा द्वार सकारात्मक ऊर्जा को रोक सकता है, जबकि बहुत बड़ा द्वार असंतुलन पैदा कर सकता है।स्वच्छता और सुंदरताघर का मुख्य द्वार साफ और सजा हुआ होना चाहिए। ऐसा करने से यह घर में सुख-समृद्धि को आमंत्रित करता है, जबकि गंदा या अव्यवस्थित द्वार नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। ऐसे में आप मुख्य द्वार और उसके आसपास हमेशा साफ-सफाई बनाए रखें। रंगोली, तोरण (आम या अशोक के पत्तों की माला) और सजावट से द्वार को आकर्षक बनाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।कौन-सा रंग चुने?मुख्य द्वार का रंग घर की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालता है। सही रंग घर में सुख-समृद्धि को आकर्षित कर सकते हैं। इसलिए आप क्रीम, हल्का पीला, हल्का नीला, हरा या सफेद जैसे हल्के रंग चुन सकते हैं। काले रंग से बचें, क्योंकि यह नकारात्मकता को आमंत्रित कर सकता है।
-
-पंडित प्रकाश उपाध्याय
मेषमेष राशि के लोगों को आज के दिन सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है। आपकी ऊर्जा आज के दिन अच्छी खासी हो सकती है, लेकिन इसे संतुलित रखना ज़रूरी है साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आप इस ऊर्जा को सही दिशा में इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं। अगर तनाव महसूस हो रहा है, तो ध्यान, प्राणायाम या किसी पसंदीदा गतिविधि में समय बिताना फायदेमंद रहेगा।वृषभवृषभ राशि के जातकों को आज के दिन अपने स्वास्थ्य को केंद्रित करके रखने की जरूरत है। आप लोगों को अपने स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए अपने आहार पर नजर रखना बेहद जरूरी है। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार से शुरुआत करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं को नजरअंदाज करना किसी बड़ी समस्या का भी कारण बन सकता है। तनाव से राहत पाने के लिए ध्यान या किताब पढ़ने जैसे शांतिपूर्ण उपाय अपनाएं।मिथुनमिथुन राशि के लिए आज शारीरिक स्वास्थ्य तो ठीक है, लेकिन मानसिक शांति की जरूरत है। तनाव लंबे समय से बना हुआ है, इसलिए ध्यान, एक सकारात्मक सोच रखने के साथ ही साथ प्रकृति में टहलना आपके लिए लाभकारी रहेगा। किसी पुराने शौक को फिर से अपनाएं जो आपको खुशी देता हो। विचारों को अपनाएं, लेकिन उन्हें अपनी सकारात्मकता पर बिलकुल भी हावी न होने दें।कर्ककर्क राशि वालों को आज के दिन अपने शरीर की छोटी-छोटी समस्याओं को नजरअंदाज बिलकुल नहीं करना चाहिए। आज की देखभाल आपको लंबे समय तक स्वस्थ रखेगी। पौष्टिक भोजन लें और दिन में थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी को शामिल करें, चाहे वह छोटी हो। स्वस्थ रहने के लिए आपको लगातार अपनी सेहत की निगरानी करनी चाहिए। इसके लिए शांत रहने के साथ ही गहरी सांस लेने का भी अभ्यास करें।सिंहसिंह राशि वालों को अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच अपनी सेहत को नजरअंदाज न करें। थोड़ा समय निकालकर शारीरिक व्यायाम करें और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लें। तनाव को नियंत्रित करने के लिए ध्यान वाली गतिविधियां अपनाएं।कन्याकन्या राशि के लिए आज तनाव स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। शरीर के संकेतों को नजरअंदाज़ न करें और आवश्यकता हो तो डॉक्टर से मिलें। योग, ध्यान या शाम की सैर से मानसिक संतुलन वापस पाएं। आपका स्वास्थ्य ही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है।तुलातुला राशि वालों, सितारे आज आपको स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने का संकेत दे रहे हैं। भरपूर नींद लें, सही आहार लें और आत्म-देखभाल के लिए समय निकालें। अगर जरूरत महसूस हो तो विशेषज्ञ से संपर्क करने में हिचकिचाएं नहीं।वृश्चिकवृश्चिक राशि के जातकों, आज स्वास्थ्य को लेकर सितारे आपके साथ हैं। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार आपकी ऊर्जा को बनाए रखेंगे। अंदर और बाहर दोनों रूप से खुद को मजबूत महसूस करें।धनुधनु राशि वालों, आज ऊर्जा बहुत है, लेकिन स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। भरपूर पानी पिएं और पौष्टिक भोजन पर ध्यान दें। अपने व्यस्त शेड्यूल में से कुछ पल खुद के लिए निकालें।मकरमकर राशि के लिए आज स्वास्थ्य से जुड़ी कोई हल्की परेशानी आपको संकेत दे सकती है कि ध्यान देने का समय आ गया है। संतुलित आहार लें, स्ट्रेस ईटिंग से बचें और नियमित व्यायाम की समीक्षा करें।कुंभकुंभ राशि वालों, हाल ही में आपकी सेहत संबंधी दिनचर्या में बदलाव आया है जिससे असंतुलन महसूस हो सकता है। अपनी पुरानी अच्छी आदतों पर टिके रहें और मन की शांति के लिए मेडिटेशन अपनाएं।मीनमीन राशि के लिए आज नेपच्यून आपकी सेहत पर ध्यान आकर्षित कर रहा है। पारंपरिक स्वास्थ्य उपायों के साथ-साथ योग और ध्यान से मन-तन दोनों को संतुलन में लाएं। अपने आहार में स्वस्थ तत्वों को शामिल करें। - सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, शरीर पर मौजूद तिल हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाते हैं, जो हमारे व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करते हैं। कुछ तिल शुभ होते हैं, जबकि कुछ अशुभ परिणाम दे सकते हैं। आइए जानते हैं सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, शरीर के किन हिस्सों पर तिल का होना हमारे लिए अशुभ हो सकता है और इसके क्या अर्थ होते हैं।नीचे होंठ पर तिलजिन लोगों के नीचे होंठ पर तिल होता है, उनका स्वभाव सामान्यतः भावुक और गुस्सैल हो सकता है। ऐसे लोग पैसों की तंगी का सामना कर सकते हैं और उन्हें जीवन में काफी संघर्ष करना पड़ सकता है। यह तिल यह भी संकेत देता है कि इन लोगों को अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ सकती हैं। ऐसे लोग बहुत रोमांटिक होते हैं, लेकिन सफलता प्राप्त करने के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है। इस तिल के कारण, भविष्य में शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।कमर पर तिलकमर पर तिल होने का मतलब है कि व्यक्ति का मन कभी शांत नहीं रहता। ऐसे लोग हमेशा किसी न किसी चीज के बारे में सोचते रहते हैं, जिससे उनका मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इस तिल वाले लोगों को सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन वे अक्सर आराम करना पसंद करते हैं और काम में देर कर सकते हैं। इनके जीवन में लगातार संघर्ष और समस्याएं आती रहती हैं, जिनका सामना करने में इन्हें कठिनाइयां होती हैं।बाएं ओर की पीठ पर तिलजिन लोगों के जो लोग बाएं ओर की ओर पीठ पर तिल होता हैं, उन्हें अपनी वित्तीय स्थिति को संतुलित करने में कठिनाई हो सकती है। ये लोग धन तो कमाते हैं, लेकिन खर्च भी अधिक करते हैं, जिससे भविष्य में पैसे की कमी हो सकती है। इनका स्वभाव जिद्दी होता है और यदि ये किसी काम को करने का निर्णय लेते हैं, तो उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। यह तिल यह दर्शाता है कि ये लोग कड़ी मेहनत से धन कमाते हैं, लेकिन अपनी सुख-सुविधाओं पर अधिक खर्च करते हैं।माथे पर बाईं ओर तिलमाथे पर बाईं ओर तिल होना कुछ अशुभ संकेत दे सकता है। यह तिल यह संकेत करता है कि व्यक्ति स्वार्थी हो सकता है, जो अपने बारे में पहले सोचता है और दूसरों की परवाह बाद में करता है। कभी-कभी परिवार के लोग इनकी बातों को गलत समझ सकते हैं, जिसके कारण इन्हें अपमान का सामना करना पड़ सकता है। इस तिल के कारण, जीवन में निराशा और संघर्ष की भावना पैदा हो सकती है, और सफलता पाने के लिए इन्हें कठिन मेहनत करनी पड़ती है। इस तिल वाले लोगों को सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन वे अक्सर आराम करना पसंद करते हैं और काम में देर कर सकते हैं। इनके जीवन में लगातार संघर्ष और समस्याएं आती रहती हैं, जिनका सामना करने में इन्हें कठिनाइयाँ होती हैं।
- वर्तमान में गुरु मिथुन राशि में विराजमान है। उन्हें वैवाहिक सुख, ज्ञान, शिक्षा, संतान और विवाह का कारक ग्रह भी माना जाता है। इसलिए गुरु जब भी गोचर करते हैं, तो जातकों को इन सभी क्षेत्रों में लाभ मिलता है।14 जून 2025 को देर रात 12 बजकर 7 मिनट पर गुरु आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं। इस नक्षत्र में वह लगभग 13 अगस्त 2025 तक रहने वाले हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक गुरु के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करने पर कुछ राशि वालों का भाग्य चमक सकता है। दरअसल, वर्तमान में गुरु मिथुन राशि में विराजमान है। उन्हें वैवाहिक सुख, ज्ञान, शिक्षा, संतान और विवाह का कारक ग्रह भी माना जाता है। इसलिए गुरु जब भी गोचर करते हैं, तो जातकों को इन सभी क्षेत्रों में लाभ मिलता है। ऐसे में गुरु का राहु के नक्षत्र में प्रवेश करना भी कुछ राशि वालों के लिए कल्याणकारी हो सकता है। इन जातकों के जीवन में खुशियां और करियर में उन्नति हो सकती हैं। आइए इन लकी राशि के नाम जानते हैं।मेष राशिमेष राशि वालों को धार्मिक आयोजनों में शामिल होने का अवसर मिलेगा। बिजनेस को लेकर आपकी कुछ विशेष व्यक्तियों से मुलाकात होगी। पारिवारिक वातावरण सुखमय रहेगा। संतान के करियर को लेकर यदि कोई समस्या चल रही थी, तो वह दूर होगी। परिवार वालों का साथ बना रहेगा। निवेश में लाभ की प्राप्ति संभव है। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर रहेगी। गुरु के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में मधुरता बनी रहेगी। अगर आप किसी संस्थान में दाखिला लेना चाहते थे, तो वह इच्छा पूरी होगी।वृषभ राशिगुरु के नक्षत्र परिवर्तन से वृषभ राशि वालों के प्रेम विवाह के योग बनेंगे। इस दौरान गुरु के प्रभाव से शादी में आ रही अड़चन दूर होंगी। भाई-बहनों से संबंधों में मधुरता आएगी। इस दौरान नौकरीपेशा लोग अपने प्रदर्शन से सीनियर का ध्यान आकर्षित करेंगे। कार्यक्षेत्र में आपके काम की वजह से सम्मान मिलेगा। वेतन में वृद्धि होगी। बिजनेस को लेकर सभी योजनाएं सफल होंगी। कम समय में बड़ा आर्थिक लाभ मिल सकता है। करियर में ऊंचाई मिलेगी।तुला राशितुला राशि वालों को पारिवारिक व्यवसाय या पैतृक संपत्ति से आर्थिक लाभ की संभावनाएं प्रबल रहेंगी। काम के प्रति आपका आत्मविश्वास और साहस बढ़ेगा। बिजनेस को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव और अवसर आएंगे। नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल पर वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। सरकारी नौकरी कर रहे लोगों को शुभ समाचार मिलने की संभावना है। तुला राशि के लोग वाहन खरीद सकते हैं। जीवनसाथी या प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी। कार्यक्षेत्र में आपकी छवि निखरेगी।
- कई रत्नों को सोने की अंगूठी या चेन में जड़वाकर धारण किया जाता है। सोने का संबंध गुरु ग्रह से माना जाता है। इस धातु से बनी अंगूठी या आभूषण धारण करने से शारीरिक लाभ तो मिलता ही है साथ ही सुख-समृद्धि भी बढ़ती है। सोना धारण करने के भी कुछ नियम हैं। रत्न शास्त्र के अनुसार, सोने को सही विधि व शुद्धिकरण के बाद धारण करने से लाभ मिलता है। आइए जानते हैं सोना धारण करने पर किन खास बातों का ख्याल रखना चाहिए-सोना पहनने से पहले जान लें ये 10 जरूरी बातेंसोना हर किसी को सूट नहीं करता है। इसलिए सोना धारण करने से पहले किसी ज्योतिषाचार्य या कुंडली एक्सपर्ट से सलाह लें। ध्यान रखें कुंडली में ग्रहों की स्थिति की जांच-परख कर सोना धारण करना चाहिए।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार, गुरुवार, बुधवार व शुक्रवार के दिन सोना धारण करना शुभ माना गया है।सोना अबूझ मुहूर्त जैसे अक्षय तृतीया के दिन भी धारण कर सकते हैं।सोना धारण करने से पहले शुद्धिकरण करें। सोने को कुछ देर के लिए गंगाजल व गाय के कच्चे दूध के मिश्रण में भिगोकर रख दें। फिर इसे साफ कर विष्णु भगवान के चरणों में रख दें। पूजा-पाठ करने के बाद इसे धारण करें।एकाग्रता में वृद्धि के लिए सोने की अंगूठी को तर्जनी उंगली में धारण करें।संतान की कामना के लिए अनामिका अंगुली में सोना धारण करना चाहिए।पेट व मोटापे से जुड़ी समस्याएं होने पर सोना धारण करने से बचना चाहिए।सोने के आभूषण ज्यादातर कमर के ऊपरी हिस्से में धारण किए जाते हैं।सोना दाए हाथ में धारण करना शुभ माना गया है।कोयला, लोहा व शनि से संबंधित व्यवसाय करने पर सोना धारण करने से बचना चाहिए।
- फेंगशुई चीनी वास्तु शास्त्र माना जाता है। फेंगशुई में ऐसे कई उपाय व तरीके बताए गए हैं, जिनकी मदद से वास्तु दोष तो दूर होता ही है साथ में घर को एक अच्छा लुक भी मिलता है। फेंगशुई में बताई गई चीजें पॉजिटिव एनर्जी का संचार करने के साथ खूबसूरती में भी चार चांद लगाती हैं। आइए जानते हैं ऐसी ही फेंगशुई वस्तुएं, जो आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकती हैं-घर में रखें ये चीजें, बढ़ेगा धन-धान्य1. बांस का पौधा- धन-धान्य बढ़ाने के लिए आप बांस का पौधा घर में रख सकते हैं। घर के लिए बेहद ही शुभ माना जाता है बैंबू ट्री। ईस्ट कॉर्नर में बैंबू ट्री लगाने से घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है और पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।2. लाफिंग बुद्धा- धन-धान्य बढ़ाने के लिए आप लाफिंग बुद्धा घर में रख सकते हैं। लाफिंग बुद्धा लाना चाहिए। दोनों हाथ ऊपर किए हुए लाफिंग बुद्धा के स्टैच्यू को अपने ऑफिस या घर में लगाने से सुख-समृद्धि बनी रहती है और तरक्की के मार्ग भी खुलते हैं।3. फेंगशुई मेंढक- धन-धान्य बढ़ाने के लिए आप फेंगशुई मेंढक घर में रख सकते हैं। अगर आप आर्थिक परेशानी से घिरे हुए हैं तो आज ही अपने घर फेंगशुई का मेंढक लाएं। फेंगशुई मेंढक बेहद ही लकी माना जाता है, जिससे रुपए पैसों की दिक्कतें दूर हो सकती हैं।4. चीनी सिक्के- फेंग शुई शस्त्र में चीनी सिक्कों का विशेष महत्व बताया गया है। लाल रंग या लाल धागे में इन सिक्कों को लपेटकर घर के मुख्य दरवाजे पर लटकाने से घर की बरकत बनी रहती है।5. विंड चाइम- धन-धान्य बढ़ाने के लिए आप विंड चाइम घर में लगा सकते हैं। घर में पॉजिटिविटी अट्रैक्ट करने के लिए और सुख-समृद्धि बढ़ाने के लिए आप विंड चाइम लगा सकते हैं।
- हर व्यक्ति किसी भी काम में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करता है। लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी कई बार कार्यों में सफलता प्राप्त नहीं हो पाती है। बार-बार कार्यों में अड़चनों का आना और सफलता नहीं मिल पाने के पीछे का एक कारण वास्तु दोष भी हो सकता है। वास्तु के अनुसार, कुछ बातों का ध्यान रखने से वास्तु दोष से मुक्ति मिलती है और कार्यों की विघ्न-बाधाएं खत्म होती हैं। जानें कार्यों की बाधाएं दूर करने के लिए वास्तु उपाय-उत्तर दिशा में लगाएं तस्वीरवास्तु के अनुसार, कार्यों की विघ्न-बाधा दूर करने के लिए घर की उत्तर दिशा में एक ऐसा चित्र लगाएं, जिसमें एक सड़क जा रही हो और दोनों ओर हरे पेड़ हों। ऐसा करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।उत्तर पूर्व दिशा में स्वर्ण मंदिर का चित्रवास्तु के अनुसार, घर की उत्तर पूर्व दिशा में स्वर्ण मंदिर का चित्र लगाएं, जिसमें सरोवर जरूर हो। ऐसा करने से कार्यों की अड़चनें दूर होती हैं।भैरों जी के करें दर्शनअगर आपको कार्यों में बार-बार असफलता प्राप्त हो रही है, तो 11 रविवार किसी भैरों के मंदिर में भैरों जी के दर्शन करें। वास्तु के अनुसार, ऐसा करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है।उत्तर-पश्चिम दिशा में प्रतिदिन अनुलोम-विलोमवास्तु के अनुसार, घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में प्रतिदिन अनुलोम-विलोम करना चाहिए। इससे घर का वायु तत्व संतुलित होता है। वास्तु शास्त्र कहता है कि इससे कार्यों की बाधाएं दूर होती हैं।प्लानिंग किसी के साथ न करें शेयरवास्तु के अनुसार, जब जरूरी कार्य से निकलें, तब अपने कुल देवता एवं पितृ को प्रणाम करके निकलें। ध्यान रखें कि अपनी कोई भी प्लानिंग पहले से किसी को भी नहीं बताएं।
-
-पंडित प्रकाश उपाध्याय
मेषमेष राशि के लोगों को आज के दिन सेहत पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देना चाहिए। योग, जिम या आउटडोर स्पोर्ट्स में हिस्सा लें, ताकि ऊर्जा बनी रहे। प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार लें। तनाव को दूर रखने के लिए आपको ध्यान का अभ्यास करने के साथ ही साथ जंक फूड्स खाने से बचना चाहिए। अनुशासित दिनचर्या बनाए रखना आपके लिए लाभकारी है।वृषभवृषभ राशि के लोगों का स्वास्थ्य आज के दिन सेहत के प्रति थोड़ा सतर्क रहना चाहिए। हल्की एक्सरसाइज जैसे वॉक या योग दिन की शुरुआत के लिए अच्छा है। आज के दिन आप लोगों को सुपरफूड्स को भोजन में शामिल करें। आज के दिन इस राशि के लोगों को माइंडफुलनेस और ध्यान से मानसिक संतुलन पाएं। मीठा और प्रोसेस्ड खाना टालें।मिथुनमिथुन राशि के लोगों को ऊर्जा से भरपूर दिन है। फिटनेस पर ध्यान देने का आपके लिए यह सही समय है। आज आपको योग या कार्डियो से शुरुआत करनी चाहिए। ताजे फल-सब्जियाँ और लीन प्रोटीन लें। ध्यान और डीप ब्रीदिंग से मन को शांत रखें।कर्ककर्क राशि के लोगों को आज के दिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। मध्यम व्यायाम जैसे वॉक या योग करें। आहार में हरी सब्जियां और ड्राई फ्रूट्स को भी जोड़ना चाहिए। पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं में सुधार संभव है। ध्यान और जर्नलिंग से मन को सुकून मिलेगा।सिंहसिंह राशि के लोगों को आज के दिन शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत महसूस करेंगे। एरोबिक या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग फायदेमंद रहेगी। तनाव से राहत के लिए पसंदीदा शौक अपनाएं। आज के दिन आप लोगों को संतुलित आहार लेने के साथ ही साथ नींद को पूरा करने पर भी ध्यान देना चाहिए।कन्याकन्या राशि के लोगों को आज के दिन नई स्वास्थ्य आदतें शुरू करने का सही दिन है। योग या आउटडोर एक्टिविटी से दिन की शुरुआत करें। हरी सब्जियां, अनाज और प्रोटीन लें। ध्यान करें और पर्याप्त पानी पिएं। ऐसा करना सेहत के लिए फायदेमंद रहता है।तुलातुला राशि के लोगों को आज आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। योग या जिम को दिनचर्या में शामिल करें। अगर आप अपनी डाइट में प्रोटीन बढ़ाते हैं तो ऐसे में माइंडफुलनेस का अभ्यास करना चाहिए। नींद और पानी की मात्रा संतुलित रखें।वृश्चिकवृश्चिक राशि के लोगों को आज के दिन स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। योग, कार्डियो या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें। आहार में फल, सब्जियां और साबुत अनाज लें। वजन घटाने या जीवनशैली में बदलाव की शुरुआत के लिए अच्छा दिन है।धनुधनु राशि के लोगों को आज के दिन सेहतमंद रहने पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन लगातार ध्यान देना जरूरी है। नियमित योग या जॉगिंग करें। प्रोसेस्ड फूड से बचें और प्राकृतिक वातावरण में समय बिताएं। ध्यान आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेगा।मकरमकर राशि के लोगों को आज के दिन सेहत अच्छी है, लेकिन तनाव से बचें। ब्रिस्क वॉक या जिम आपकी दिनचर्या में होनी चाहिए। पौष्टिक आहार लें और शौक में समय बिताएं। खुद को थकाएं नहीं, नींद पूरी लें।कुंभकुंभ राशि के लोगों को आज के दिन तरोताज़ा महसूस कर सकते हैं। योग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या कार्डियो फायदेमंद रहेगा। अनहेल्दी फूड से बचें और पोषक आहार लें। भरपूर नींद और पानी आपके स्वास्थ्य की कुंजी है।मीनमीन राशि के लोगों को आज के दिन फिटनेस पर ध्यान देना जरूरी है। योग या आउटडोर वर्कआउट करें। सुपरफूड्स और विटामिन से भरपूर आहार लें। तनाव से निपटने के लिए ध्यान या जर्नलिंग करें। अगर जरूरत हो, तो विशेषज्ञ की सलाह लें। - वास्तु के अनुसार, घर पर कुछ पौधों को रखना या लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि ये पौधे जीवन में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ाते हैं और सुख-समृद्धि लाते हैं।घर के लिए लकी होते हैं ये पौधेवास्तु शास्त्र में ऐसे पौधों के बारे में बताया गया है जिन्हें घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मानसिक शांति मिलती है। कहते हैं कि इन पौधों को लगाने से घर में पॉजिटिव व खुशनुमा एहसास होता है। यह पौधे घर की सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करते हैं। जानें वास्तु के अनुसार, किन 5 पौधों को घर में लगाना माना जाता है शुभ-मनी प्लांटहिंदू धर्म में मनी प्लांट को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। कहा जाता है कि यह पौधा घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली लाता है। इस पौधे को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। रिश्तों में प्यार बढ़ता है। मनी प्लांट को उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में लगाना अत्यंत शुभ व लाभकारी माना गया है। इस पौधे को दक्षिण दिशा में लगाने से बचना चाहिए।बैम्बू ट्रीबैम्बू ट्री को सुख, समृद्धि, शांति व सफलता का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि इसे लगाने से धन में वृद्धि होती है। इसे घर या ऑफिस दोनों जगह रख सकते हैं। कहा जाता है कि यह पौधा सकारात्मक ऊर्जा को खींचता है और नकारात्मक ऊर्जा को घर से हटाता है। बैम्बू ट्री को लगाने के लिए पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा शुभ मानी गई है।स्नेक प्लांटवास्तु में स्नेक प्लांट को लकी माना जाता है। कहते हैं कि इस पौधे को घर में लगाने से घर का नजर दोष दूर होता है। इसे लगाने की शुभ दिशा पूर्व, दक्षिण या दक्षिण-पूर्व दिशा होती है। इस पौधे को लिविंग रूम में भी रखा जा सकता है। यह पौधा रात को ऑक्सीजन देता है।एलोवेराएलोवेरा का पौधा औषधीय गुणों से भरा है। यह वास्तु, सौंदर्य, आयुर्वेद और स्वास्थ्य के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि ऐलोवेरा को घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। यह बालों व स्किन के लिए भी लाभकारी माना गया है।चमेलीचमेली का फूल मनमोहक खुशबू के लिए जाना जाता है। चमेली के फूल भगवान शिव, माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु व श्रीकृष्ण को अर्पित किए जाते हैं। कहते हैं कि यह पौधा जीवन में मानसिक शांति लाता है। चमेली के पौधे को घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना गया है।
- फेंगशुई प्राचीन समय से चली आ रही चीनी कला है। फेंगशुई चीजों का प्रयोग घर में सुख- समृद्धि बनाएं रखने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है घर में फेंगशुई की चीजों को रखने से घर का वातावरण सकारात्मक होता है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं, जिन्हें घर में नहीं रखना चाहिए। आइए जानते हैं, फेंगशुई के अनुसार किन चीजों को घर में नहीं रखना चाहिए….फेगशुई के अनुसार घर में न करें ये चीजेंखराब या बंद घड़ी- समय की जानकारी रखने के लिए हर घर में घड़ी लगी रहती है। लेकिन अक्सर हम बहुत सी छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं। जो घर और उसके वास्तु को प्रभावित करती है। फेंगशुई के अनुसार घर में कभी भी बंद या खराब घड़ी न लगाएं। यदि घड़ी खराब हो गई है तो उसे जल्द से जल्द ठीक करा लें।पीला मनी प्लांटघर की सजावट को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के पौधे लगाएं जाते हैं। फेंगशुई के अनुसार बलकनी में लगा मनी प्लांट घर में सुख-समृद्धि लाता है। मनी प्लांट का पिला पड़ना आने वाकई वित्तीय संकट को प्रदर्शित करता है। अगर मनी प्लांट पीला पड़ रहा है तो उसे हटा दें।बेड के सामने शीशा न रखेंफेंगशुई के अनुसार बेड के सामने भूलकर भी शीशा नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से पूरे कमरे का माहौल तनावपूर्ण हो जाता है।दुखी करने वाली पेंटिंगघर में युद्ध या मन को दुखी करने वाली कोई भी पेंटिंग या फोटो घर में न लगाएं।बोनसाई का पौधा न लगाएंघर के अंदर बोनसाई का पौधा नहीं लगाना चाहिए। यह पौधा परिवार के सदस्यों के करियर और बिजनेस को बुरी तरह प्रभावित करता है।
- मुख्य द्वार के पास जूता-चप्पलवास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को घर में धन, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है। मुख्य द्वार के पास, विशेष रूप से बाहर या ठीक सामने, जूता-चप्पल रखने से यह ऊर्जा बाधित होती है। मान्यता है कि इससे माता लक्ष्मी का अपमान होता है, जिसके परिणामस्वरूप परिवार में धन हानि, आर्थिक परेशानियां, और गरीबी की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वास्तु के अनुसार, जूतों को मुख्य द्वार से दूर, एक ढके हुए जूता रैक में व्यवस्थित रखें ताकि घर में शुभता बनी रहे।पूजा कक्ष के आसपासपूजा कक्ष घर का सबसे पवित्र स्थान होता है। वास्तु शास्त्र में पूजा कक्ष के पास या नीचे जूता-चप्पल रखना अशुभ माना जाता है। इससे पवित्रता भंग होती है और परिवार में आर्थिक तंगी और मानसिक अशांति बढ़ सकती है। जूतों को हमेशा अलग स्थान पर रखें।रसोई में जूते-चप्पलरसोई घर की समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक है, जहां माता अन्नपूर्णा का वास माना जाता है। वास्तु शास्त्र में रसोई के पास, उसके अंदर, या आसपास जूता-चप्पल रखना अशुभ माना जाता है। जूते गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा लाते हैं, जो रसोई की शुद्धता को प्रभावित करते हैं। इससे परिवार में धन की कमी, खाने की बर्बादी, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जूता-चप्पल को रसोई से पूरी तरह दूर रखें और साफ-सुथरे स्थान पर व्यवस्थित करें।बेडरूम में जूता-चप्पलवास्तु शास्त्र में बेडरूम को शांति और विश्राम का स्थान माना जाता है। बेडरूम में या बिस्तर के नीचे जूता-चप्पल रखने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जिससे दांपत्य जीवन में तनाव और आर्थिक परेशानियां आ सकती हैं। जूतों को बाहर रैक में रखें।वास्तु उपायों से सुख-समृद्धिवास्तु शास्त्र के अनुसार, जूता-चप्पल को घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में एक ढके हुए जूता रैक में रखना शुभ होता है। गंदे जूतों को नियमित रूप से साफ करें और घर के अंदर लाने से बचें। मुख्य द्वार, पूजा कक्ष, रसोई, और बेडरूम से जूते-चप्पल को दूर रखें। इन वास्तु नियमों का पालन करके नकारात्मक ऊर्जा को हटाएं और घर में सुख, समृद्धि और शांति लाएं।
-
पंडित प्रकाश उपाध्याय
बुध का कर्क राशि में गोचर 22 जून, रविवार को रात 9 बजकर 33 मिनट पर होगा और यह गोचर 30 अगस्त तक जारी रहेगा। बुध का कर्क में प्रवेश विशेष रूप से करियर और व्यवसाय से जुड़े जातकों के लिए शुभ संकेत लेकर आता है। इस दौरान बुध की बुध्दिमत्ता और संवाद कौशल बढ़ेंगे, जिससे नौकरी में नए अवसर मिलेंगे और बिजनेस में तरक्की के रास्ते खुलेंगे।कर्क में बुध के इस गोचर से पांच राशियों के जातकों को सबसे अधिक लाभ होगा। ये राशियां करियर में उन्नति, आर्थिक स्थिति में सुधार और लव लाइफ में मधुरता के नए अध्याय की शुरुआत कर सकती हैं। विशेष तौर पर, ये राशि वाले अपने प्रयासों में सफलता और नए मुकाम हासिल कर सकते हैं, जिससे उनका जीवन सुखमय और समृद्ध होगा। इसलिए यह समय इन राशियों के लिए बेहद सकारात्मक और फलदायक साबित होगा।वृषभ राशिवृषभ राशि के जातकों के लिए यह गोचर खासकर यात्रा, शिक्षा और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगा। आपकी सोच और नजरिया विस्तृत होगा, जिससे आप नए ज्ञान को ग्रहण करने के लिए उत्साहित रहेंगे। यह समय आपकी बातों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने और दूसरों से बेहतर संवाद स्थापित करने का है। नौकरी या बिजनेस में आपके विचार और योजनाएं सकारात्मक परिणाम देंगी, जिससे सफलता के नए अवसर मिलेंगे।कन्या राशिकन्या राशि के जातकों के लिए यह समय सामाजिक जीवन में सक्रियता बढ़ाने वाला है। आप दोस्तों और जान-पहचान के लोगों के साथ नए संपर्क बनाएंगे और अपनी बातों को स्पष्टता एवं परिपक्वता के साथ व्यक्त करेंगे। सामाजिक नेटवर्क मजबूत होगा, जिससे करियर और व्यक्तिगत जीवन दोनों में लाभ होगा। संचार कौशल में सुधार से आपके रिश्ते और भी मधुर होंगे और आपको नई समझदारी मिलेगी।तुला राशितुला राशि के जातकों के लिए कर्क में बुध का गोचर करियर और पेशेवर जीवन में एक नया मोड़ लेकर आएगा। आप अपने काम में ज्यादा ध्यान केंद्रित करेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों से बेहतर तालमेल बनाएंगे। आपकी योजनाओं को व्यावहारिक रूप देने का यह समय है, जिससे आपके प्रयास सफल होंगे। नौकरी या व्यवसाय में नई जिम्मेदारियां मिलने की संभावना है, जो आपकी उन्नति के लिए महत्वपूर्ण होंगी।वृश्चिक राशिवृश्चिक राशि वालों के लिए यह समय शिक्षा, उच्च अध्ययन और लंबी यात्रा पर फोकस करने का रहेगा। बुध का गोचर आपकी सोच को व्यापक बनाएगा और नए ज्ञान को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। आप अपने दृष्टिकोण को निखारेंगे और आत्म-संवर्धन की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। यह अवधि आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाएगी और भविष्य के लिए बेहतर योजनाएं बनाने में मदद करेगी।मीन राशिमीन राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर प्रेम, रचनात्मकता और मनोरंजन के क्षेत्र में सक्रियता लेकर आएगा। आपकी भावनाएं अधिक खुलकर व्यक्त होंगी और आप अपने प्रेम संबंधों में नए रोमांटिक पहलुओं का अनुभव करेंगे। साथ ही, यह समय आपकी कल्पनाशक्ति और कला के क्षेत्र में भी प्रगति का होगा। आप अपने अंदर छुपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने में सफल रहेंगे। -
नेपाल की राजधानी काठमांडू से 3-4 किमी की दूरी पर स्थित श्री गुह्येश्वरी शक्तिपीठ। इस मंदिर को गुहेश्वरी और गुजेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। ये शक्तिपीठ वनकाली जंगल में बागमती नदी के किनारे पर पशुपतिनाथ क्षेत्र में स्थित है।नेपाल में गुह्येश्वरी मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं प्रचलित हैं। एक मान्यता के मुताबिक, इस जगह पर देवी सती के घुटने गिरे थे। महाशिरा और महामाया भी देवी के नाम हैं। यहां के भैरव कपाली हैं।
सभी शक्ति पीठ पीठों में माता सती के शरीर का कोई ना कोई अंग स्थित होता है, अतः गुह्येश्वरी मंदिर में माता के दोनों घुटने गिरे होने के कारण यह श्री गुह्येश्वरी शक्तिपीठ कहलाया जाता है। यह मंदिर गुह्येश्वरी (गुप्त ईश्वरी) को समर्पित है, देवी को गुह्यकाली भी कहा जाता है। गुह्येश्वरी शक्तिपीठ के भैरव कपाली हैं।नेपाल के प्रसिद्ध श्री पशुपतिनाथ मन्दिर दर्शन से पहले माता गुह्येश्वरी के दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है। इस परंपरा का पालन वहाँ के शाही परिवार के सदस्यों द्वारा अभी भी किया जाता है। अर्थात पहले गुह्येश्वरी मंदिर की पूजा की जाती है उसके उपरांत ही अन्य मंदिरों के दर्शन किए जाते हैं। यह हिंदू और विशेष रूप से तांत्रिक उपासकों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। गर्भग्रह की लगभग सभी मूर्तियां सोने एवं चांदी से बनी हुई हैं। मंदिर के गर्भगृह में एक छिद्र है। ये पूरी तरह से प्राकृतिक है। इस छिद्र से जल की धारा बहती रहती है। ये चांदी के कलश से ढंका हुआ है।श्री पशुपतिनाथ मंदिर ही की तरह, भारतीय एवं तिब्बती मूल के हिंदुओं तथा बौद्धों को ही मुख्य मंदिर में प्रवेश की अनुमति है। पूजा-आरती के दौरान उपयोग किए जाने वाले कई वाद्य यंत्र राजा राणा बहादुर द्वारा भेंट स्वरूप दिए गए थे।मंदिर की वास्तुकला भूटानी पगोडा वास्तुकला शैली में बनाई गई है। प्रसिद्ध मृगस्थली वन के निकट एवं बागमती नदी के तट पर स्थित होने के कारण गुह्येश्वरी मंदिर का वातावरण हरियाली एवं फूलों से सजाया गया लगता है। अगर आप श्री गुह्येश्वरी शक्तिपीठ से वन के रास्ते श्री पशुपतिनाथ मन्दिर जा रहे हैं तो, रास्ते में आने वाले शरारती बानरों से थोड़ा सावधान रहें।दशईं एवं नवरात्रि यहाँ मनाए जाने वाले प्रमुख त्यौहार हैं, श्री पशुपतिनाथ मन्दिर निकट होने के कारण शिवरात्रि एवं सोमवार के दिन यहाँ भी अत्यधिक श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं।नवरात्रि के दिनों में यहां कई तरह की तांत्रिक पूजाएं की जाती हैं। सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी पर विशेष आयोजन होते हैं।-सप्तमी पर पुजारी अपना सिर मुंडवाते हैं। देवी-देवताओं को पूजा के लिए आमंत्रित करते हैं।-अष्टमी तिथि पर यहां बलि दी जाती है। इस तिथि पर पूरी रात अनुष्ठान होते हैं।-नवमी तिथि पर कुमारी पूजा होती है।-दशमी पर पुजारी मंदिर में और अपने घरों में नित्य पूजा करते हैं।-एकादशी पर बकरे और बत्तख की बलि दी जाती है।-देवी को शाकाहारी भोग भी लगाया जाता है। -
-पंडित प्रकाश उपाध्याय
मेषमेष राशि के लोगों को आज के दिन सेहत पर विशेषतौर पर ध्यान देने की जरूरत है। खासकर अगर आपने संतुलित जीवनशैली को नजरअंदाज किया है। आज के दिन आप को घरेलू कारणों से तनाव हो सकता है। लेकिन ध्यान या टहलने जैसी गतिविधियां करने से आपको राहत मिल सकती है। अगर आप बेहतर आहार और व्यायाम की शुरुआत टालते आ रहे हैं, तो आज शुरुआत करने का अच्छा दिन है।वृषभवृषभ राशि के लोग अगर आज के दिन किसी बीमारी से उबरे हैं, तो आज आपको सुधार देखने को मिल सकता है। ऊर्जा का स्तर बढ़ेगा, लेकिन खुद को बहुत ज्यादा थकाएं नहीं। हल्का व्यायाम जैसे स्ट्रेचिंग या वॉक करना लाभकारी रहेगा। आराम और जल सेवन को प्राथमिकता दें। मानसिक शांति के लिए माइंडफुलनेस भी आज आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।मिथुनमिथुन राशि के लोगों द्वारा की गई लापरवाही आज के दिन सेहत को प्रभावित कर सकती है।विशेष रूप से अगर आप दवाओं को नजरअंदाज करते हैं या लक्षणों को हल्के में लेते हैं। आज के दिन आपको अपनी शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने पर भी ध्यान देना चाहिए साथ ही पौष्टिक आहार पर भी ध्यान दें।कर्ककर्क राशि के लोगों को आज के दिन स्वास्थ्य-संबंधी कोशिशें करनी चाहिए। बेहतर खानपान, व्यायाम करने के साथ ही डॉक्टर की सलाह लेना फायदेमंद रहेगी। घर का सकारात्मक माहौल मानसिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होगा।सिंहसिंह राशि के लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का परिणाम आज आपको साफ दिखाई दे सकता है। आपका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, लेकिन यात्रा के दौरान थकावट से सावधान रहें। भोजन न छोड़ें और पर्याप्त पानी पिएं। आपका सक्रिय जीवन ही आज आपकी सबसे बड़ी ताकत है।कन्याकन्या राशि के लोगों को आज के दिन सेहत मजबूत बनी रहेगी, क्योंकि आप अपने शरीर की जरूरतों के प्रति जागरूक रहेंगे। नियमित एक्सरसाइज करने के साथ ही संतुलित आहार और पर्याप्त विश्राम करने पर ध्यान देना चाहिए। इससे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी रह सकती है। आपको यह ध्यान रखना है कि अपनी सीमाओं से आगे न बढ़ें।तुलातुला राशि के लोगों को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि, यह सुधार तभी स्थायी रहेगा जब आप नियमितता बनाए रखें। पर्याप्त नींद, हाइड्रेशन और भावनात्मक शांति बनाए रखें। आज के दिन आपको हल्की टहल, संगीत या किताब पढ़ना भी आपको संतुलन में रखने में मदद करेगा।वृश्चिकवृश्चिक राशि के लोगों को नियमित रूप से फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं, तो उसका फल आज मिल रहा है। ऊर्जा और नियंत्रण की भावना आपके स्वास्थ्य को नई दिशा देगी। आज आप अपने फिटनेस लक्ष्यों को और आगे बढ़ा सकते हैं।धनुधनु राशि के जातकों को आज मानसिक बेचैनी या चिंता आपकी सेहत पर असर डाल सकती है। भले ही शरीर स्वस्थ हो, मानसिक तनाव आपकी नींद या भूख को प्रभावित कर सकता है। आज आपको ध्यान और मेडिटेशन का भी अभ्यास करना चाहिए ताकि मेंटल हेल्थ अच्छी बनी रहे।मकरमकर राशि के लोगों को आज के दिन व्यायाम से थोड़ा ब्रेक लेना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। जरूरत से ज्यादा मेहनत करने से आपको थकावट हो सकती है, इसलिए शरीर को आराम दें। हल्की गतिविधियां जैसे टहलना या स्ट्रेचिंग अपनाएं। यह रुकावट आपको अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों पर पुनर्विचार का अवसर भी देगी।कुंभकुंभ राशि के लोग अगर लंबे समय से किसी बीमारी से जूझ रहे थे, तो आज राहत के संकेत मिलेंगे। आज के दिन आपको इलाज कराने से सही लाभ मिल सकता है। आज के दिन आपको लापरवाही न करें स्वस्थ आहार, नींद और सकारात्मक माहौल को बनाए रखें।मीनमीन राशि के जातकों को आज के दिन थकान महसूस हो सकती है। आज आपको तनाव, समय पर नींद, जल सेवन और स्क्रीन टाइम को कम करना जैसे छोटे कदम भी मददगार होंगे। अगर किसी समस्या का समाधान नहीं मिल रहा, तो विशेषज्ञ की सलाह लें। -
-पंडित प्रकाश उपाध्याय
मेषआज के दिन मेष राशि के लोगों को सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। अगर आप संतुलित जीवनशैली को नजरअंदाज कर रहे हैं, तो अब उसमें बदलाव लाने का समय है। घरेलू तनाव का असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है, जिसे ध्यान या वॉक जैसे उपायों से दूर किया जा सकता है। आज के दिन आपको छोटे-छोटे सकारात्मक बदलाव करने की जरूरत है।वृषभवृषभ राशि के लोगों को आज के दिन हाल ही में हुई बीमारियों पर ध्यान देना चाहिए। आज के दिन आपको स्वास्थ्य में स्पष्ट सुधार नजर आएगा। ऊर्जा में वृद्धि होगी, लेकिन अधिक मेहनत करने से बचें। हल्की एक्सरसाइज़ जैसे स्ट्रेचिंग या वॉक लाभकारी रहेंगी। मानसिक शांति बनाए रखने के लिए आराम करना चाहिए। किसी माइंडफुलनेस अभ्यास को दिनचर्या में जोड़ना मानसिक संतुलन में मदद करेगा।मिथुनमिथुन राशि के लोगों को आज के दिन लापरवाही नहीं करनी चाहिए। लापरवाही करना आज के दिन आपके स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है, खासकर अगर आपने दवाइयों को टाल दिया या लक्षणों की अनदेखी की। आज के दिन ऊर्जा बढ़ाने वाले उपायों की बजाय पूर्ण विश्राम और पोषक आहार को प्राथमिकता दें।कर्ककर्क राशि के लोगों को आज के दिन सक्रिय रूप से अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। आज के दिन आपको वह व्यायाम हो, आहार में बदलाव या डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। आज के दिन आपको सही रूटीन बनाकर रखना चाहिए। तनाव या थकावट से उबरने में अनुशासित जीवनशैली मदद करेगी। आर्थिक तनाव से सावधान रहें, ताकि वह स्वास्थ्य पर असर न डाले।सिंहसिंह राशि के लोगों की आज के दिन सेहत अच्छी बनी रहेगी, खासकर अगर आप हाल में हेल्दी डाइट और एक्टिव रूटीन अपना रहे हैं। वॉक, योग या जिम जैसे रूटीन को अपनाना चाहिए। अगर यात्रा कर रहे हैं, तो थकावट से बचने के लिए भोजन और जल सेवन नियमित रखें। आपकी सक्रियता ही आज आपकी सबसे बड़ी ताकत है।कन्याकन्या राशि के लोगों को आज के दिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। आज बेहतर बना रहेगा, खासकर क्योंकि आप खुद को लेकर सजग हैं। संतुलित आहार, नियमित वर्कआउट और पर्याप्त नींद लेने की जरूरत है। इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनेगी। शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य का समन्वय बनाए रखें।तुलातुला राशि के लोग अगर पिछले कुछ समय से अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, तो आज सुधार की शुरुआत हो सकती है। लेकिन, सुधार बनाए रखने के लिए नियमित दिनचर्या और अनुशासन जरूरी है। हाइड्रेशन, नींद और डाइट में संतुलन आपको ऊर्जा देगा।वृश्चिकवृश्चिक राशि के लोगों कोफिटनेस रूटीन में नियमित रहने के साथ ही साथ स्वास्थ्य सावधानियों पर ध्यान देना चाहिए। ऊर्जा, संतुलन और आत्म-नियंत्रण आपके स्वास्थ्य को मजबूती देंगे। आलस के साथ-साथ छोटे लालचों को रूटीन में बाधा न बनने दें। आज का दिन नए स्वास्थ्य लक्ष्य तय करने या वर्तमान योजना में थोड़े सुधार करने के लिए अनुकूल है।धनुधनु राशि के लोगों को मानसिक चिंता या किसी मुद्दे को लेकर थोड़ी सी बेचैनी हो सकती है। आज के दिन आपकी नींद या भूख को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, शारीरिक रूप से कोई विशेष दिक्कत नहीं है, लेकिन मानसिक अशांति संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। ध्यान, लेखन या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बातचीत आपको राहत दे सकती है।मकरमकर राशि के लोगों को आज के दिन सेहत को थोड़े विश्राम की जरूरत है। अगर आप नियमित रूप से एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो आज थोड़ा विराम लेना बेहतर रहेगा। यह समय मांसपेशियों को रिकवरी देने और अपने फिटनेस लक्ष्यों की समीक्षा करने का है।कुंभकुंभ राशि के लोगों को आप लंबे समय से किसी बीमारी या परेशानी से जूझ रहे थे, तो आज राहत मिलने की संभावना है। शरीर नई जीवनशैली या इलाज के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया दे रहा है। दवाओं, थेरेपी या एक्सरसाइज़ में नियमितता बनाए रखें।मीनआज के दिन इस राशि के लोगों की सेहत आपका मुख्य फोकस बनेगा। अगर हाल ही में थकावट, तनाव या किसी बीमारी की अनुभूति हो रही है, तो अब उपचार की दिशा में ठोस कदम उठाने का समय है। स्क्रीन टाइम कम करें, समय पर सोएं और पानी भरपूर पिएं।