भारतीय रिजर्व बैंक ने द्विमासिक मौद्रिक नीति में प्रमुख ब्याज दरों को यथावत रखा
मुंबई रिजर्व बैंक ने कोविड-19 को लेकर अनिश्चितता और मुद्रास्फीति की आशंकाओं के बीच अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति में मुख्य ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
रिजर्व बैंक ने लगातार छठीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 4.25 प्रतिशत पर बनाये रखा है। रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 प्रतिशत पर ही रखी गई है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति से आर्थिक वृद्धि दर तेज करने और मुद्रा स्फीति लक्षित स्तर पर रखने में मदद मिलेगी।
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 6 सौ अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है। इससे भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक - सिडबी को ऋण और पुनर्वित्त के लिए 16 हजार करोड़ रूपये की विशेष नकदी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रमुख क्षेत्रों के लिए अगले वर्ष 31 मार्च तक 15 हजार करोड़ रूपये की विशेष नकदी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बैंकों से होटल और रेस्त्रां तथा अन्य सेवा क्षेत्रों को वित्तीय सहयोग मिल सकेगा।
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