केंद्र सरकार ने संसद से FY25 के लिए 86,730 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार (12 दिसंबर) को संसद के चालू वित्त वर्ष के दौरान 86,730 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की मंजूरी मांगी है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, शुद्ध अतिरिक्त खर्च 44,183 करोड़ रुपये होगा, जबकि बाकी राशि संसाधनों के पुनः आवंटन से पूरी की जाएगी।
GDP ग्रोथ में बड़ी गिरावट
यह मांग ऐसे समय में की गई है जब भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती देखी जा रही है। जुलाई-सितंबर तिमाही (Q2) में देश की GDP ग्रोथ 5.4% रही, जो FY23 की तीसरी तिमाही के बाद सबसे निचला स्तर है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के 29 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट पिछले साल की इसी अवधि के 8.1% और चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (Q1) के 6.7% से काफी कम है।
विशेषज्ञों ने GDP ग्रोथ के 6.5% तक गिरने का अनुमान लगाया था, लेकिन वास्तविक आंकड़े उम्मीद से भी कम रहे।
गिरावट के प्रमुख कारण
महंगाई का दबाव:
अक्टूबर में खुदरा खाद्य महंगाई 10.87% तक पहुंच गई, जिससे उपभोक्ता खर्च में कमी आई। कुल महंगाई दर 6.2% रही, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 2-6% के लक्ष्य से ऊपर है।
कमजोर कॉर्पोरेट प्रदर्शन:
कंपनियों ने पिछले चार वर्षों में अपनी सबसे खराब तिमाही कमाई दर्ज की, जिससे निवेश धारणा कमजोर हुई।
उच्च ब्याज दरें और स्थिर वेतन वृद्धि:
ऊंची लोन कॉस्ट और वास्तविक वेतन में बढ़ोतरी न होने से निजी उपभोग पर असर पड़ा, जो GDP का 60% हिस्सा है।
ग्रामीण मांग बनी उम्मीद की किरण
हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार के संकेत मिले हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक पहलू है।
विशेषज्ञों की राय
ICRA ने GDP ग्रोथ को 6.5% तक गिरने की भविष्यवाणी की थी, जिसमें लंबा मानसून और कमजोर कॉर्पोरेट प्रदर्शन प्रमुख कारण बताए गए। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि महंगाई और निजी खपत में गिरावट से आगे भी आर्थिक सुधार में बाधा आ सकती है।
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