रसोई गैस पर सरकार की बड़ी मदद, 35 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी की तैयारी
नई दिल्ली। बढ़ी महंगाई के बावजूद अगर आप 803 रुपए में गैस सिलेंडर खरीद पा रहे हैं तो इसके पीछे सरकार की सब्सिडी है। सरकारी तेल कंपनियों – इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) को हो रहे भारी घाटे की भरपाई के लिए सरकार 35 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की योजना बना रही है। मार्च 2024 से घरेलू एलपीजी की कीमत ₹803 रुपए पर स्थिर है, जबकि कच्चे तेल और गैस की लागत लगातार बढ़ रही है। इससे तीनों तेल कंपनियों को हर सिलेंडर पर करीब 240 रुपए का नुकसान हो रहा है। जानकारों के मुताबिक, इस साल तेल कंपनियों को कुल 40,500 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। सरकार इसमें से 35 हजार करोड़ रुपए की भरपाई करेगी।
चालू वित्त वर्ष (2024-25) में 10 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलेगी। बाकी 25 हजार करोड़ रुपए अगले वित्त वर्ष में दिए जाएंगे। ये राशि फरवरी 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में घोषित हो सकती है।
घाटे की सबसे ज्यादा मार किस पर?
इंडियन ऑयल (IOC): ₹19 हजार 550 करोड़ रुपए का घाटा
हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL): ₹10, हजार 570 करोड़ रुपए
भारत पेट्रोलियम (BPCL): ₹10 हजार 400 करोड़ रुपए
पहले भी मिली थी सब्सिडी
ये पहली बार नहीं है जब सरकार इन कंपनियों की मदद कर रही है। 2021-22 और 2022-23 में भी इन्हें 22 हजार करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया था।
घरेलू गैस की कीमतें क्यों नहीं बढ़ती?
घरेलू एलपीजी के दाम सरकार नियंत्रित करती है ताकि आम जनता पर महंगाई का बोझ न पड़े। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस महंगी होने और घरेलू उत्पादन कम होने की वजह से कंपनियों को घाटा होता है। घरेलू गैस की कीमत फिलहाल नहीं बढ़ेगी, लेकिन सरकार इस बार सब्सिडी पर लगने वाले जीएसटी का भी ख्याल रखेगी ताकि कंपनियों को पूरी रकम मिले।
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