भारत में स्टेनलेस स्टील के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की जरूरत : जेएसएल के एमडी
मुंबई. जिंदल स्टेनलेस लि. (जेएसएल) के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने बृहस्पतिवार को देश में वस्तुओं की संभावित डंपिंग से घरेलू विनिर्माताओं को बचाने के लिए आयात पर 25 प्रतिशत तक शुल्क लगाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्पात और एल्युमीनियम पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का निर्णय घरेलू उद्योग के लिए लाभकारी होगा। ट्रंप के पहले कार्यकाल से ही भारत पर इस प्रकार का शुल्क लगाया जाता रहा है। हालिया कदम से ऐसी ही कार्रवाई करने का मौका भारत को भी मिल रहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस कदम से दुनिया भर के उत्पाद भारत पहुंच सकते हैं, जो (भारत) लगातार बढ़ता हुआ बाजार है। जिंदल ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘‘यदि अन्य बाजार बंद हो रहे हैं, तो वे भारत आएंगे, क्योंकि भारत वृद्धि कर रहा है। यहां केवल 7.5 प्रतिशत का सीमा शुल्क है, जो पर्याप्त नहीं है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें सरकार से किसी तरह का समर्थन, किसी तरह का संरक्षण तथा भारतीय विनिर्माताओं को कुछ सहायता दिए जाने की जरूरत है।'' जिंदल ने कहा कि उद्योग जगत समान अवसर चाहता है और 20-25 प्रतिशत का आयात शुल्क आवश्यक होगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय स्टेनलेस स्टील 60-65 प्रतिशत क्षमता उपयोग पर काम कर रहा है, जिससे मांग को पूरा करने के लिए उनके पास पर्याप्त क्षमता है। पहले से ही कई विनिर्माता आयातक बन गए हैं क्योंकि ऐसा करना सस्ता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार आयात शुल्क नहीं बढ़ाती है, तो उद्योग में निवेश संबंधी निर्णय लेने में समय लगेगा। जेएसएल ने स्वयं निर्णय लेने से पहले एक तिमाही तक प्रतीक्षा करने और देखने का निर्णय लिया है। जिंदल ने कहा कि देश में उपभोग मांग में कोई मंदी नहीं है और प्रति व्यक्ति स्टेनलेस स्टील की खपत 2015 में 2.6 किलोग्राम से बढ़कर अब 3.1 किलोग्राम हो गई है। जैसे-जैसे देश का सकल घरेलू उत्पाद और आय का स्तर बढ़ेगा, मांग भी बढ़ेगी।
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