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- भारत के कई हिस्सों में मॉनसून ने कदम रख दिया है और कई हिस्सों में आने वाले कुछ दिन में पहुंच जाएगा. क्या आप जानते हैं बरसात का मौसम कई बीमारियों का स्वागत कर सकता है. ये बीमारियां बरसात के कारण पानी भरने, गंदगी, कीड़े-मकौड़े या मच्छरों के कारण हो सकती हैं. अगर आप बरसात में होने वाली इन बीमारियों के बारे में जानकारी रखेंगे, तो इनसे बेहतर तरीके से बचाव कर सकते हैं. आइए, बारिश के मौसम में होने वाली 10 बीमारियों के बारे में जानते हैं.मॉनसून में होने वाली खतरनाक बीमारियांमॉनसून में अत्यधिक बारिश होने के कारण जगह-जगह पानी भरने लगता है. जहां गंदगी, मच्छर या कीड़े-मकोड़े पनपने की ज्यादा आशंका रहती है. बरसात का मौसम संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ा देता है. आइए, इन बीमारियों के बारे में जानते हैं.डेंगू - बरसात के मौसम में मच्छरों के कारण होने वाली बीमारी की बात की जाए, तो पिछले कुछ वर्षों में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप रहा है. यह बीमारी एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से फैलती है. सिरदर्द, थकान, जोड़ों में दर्द, प्लेटलेट्स कम होना आदि डेंगू के लक्षण हो सकते हैं.येलो फीवर - एडीज एजिप्टी मच्छर ही येलो फीवर का कारण भी बनता है. इस बुखार में मरीज के अंदर पीलिया के लक्षण भी दिखने लगते हैं. हालांकि, इस बुखार के मामले भारत में दिखने दुर्लभ हैं. इसमें बुखार, मतली, उल्टी, सिरदर्द जैसी समस्या होने लगती है.मलेरिया- डेंगू से पहले लोगों के मन में मलेरिया का काफी डर था. बारिश के कारण मलेरिया के भारी तादाद में मामले देखे जाते थे. यह बीमारी संक्रमित फीमेल एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलती है. इसमें भी बुखार, सिरदर्द, उल्टी जैसे लक्षण दिखते हैं.चिकनगुनिया- डेंगू के बाद भारत में चिकनगुनिया के मामलों में भी बढ़ोतरी देखी गई है. चिकनगुनिया भी डेंगू और येलो फीवर वाले मच्छरों के काटने से ही फैलता है. इस बीमारी में बुखार, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते आदि लक्षण दिखते हैं.लाइम डिजीज- यह बीमारी मुख्यतः Borrelia burgdorferi बैक्टीरिया के कारण होती है. जो कि संक्रमित काली टांगों वाले कीड़ों के काटने से फैलती है. इस बीमारी के मामले भी भारत में कम ही देखने को मिलते हैं.कोल्ड और फ्लू- बरसात के मौसम में वातावरण में कई बैक्टीरिया और वायरस जिंदा रहते हैं. जो नाक, मुंह या आंखों के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और शरीर को बीमार कर देते हैं. इसके कारण सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.हैजा- विब्रियो कोलेरी नामक जीवाणु से दूषित भोजन या पानी का सेवन करने से हैजा की समस्या हो सकती है. इसके कारण शरीर में डायरिया के लक्षण दिखने लगते हैं और आपको दस्त, पैरों में अकड़न और उल्टी की समस्या हो सकती है.लेप्टोस्पायरोसिस- यह बीमारी मॉनसून (मानसून) के दौरान काफी बढ़ जाती है. 2013 के दौरान भारत में इसके मामले देखे गए थे. जानवरों के यूरिन व स्टूल में लेप्टोस्पाइरा नामक बैक्टीरिया होने के कारण यह बीमारी होती है. जो कि जानवरों के संक्रमित यूरिन-स्टूल के संपर्क में आने से इंसानों या दूसरे जानवरों में फैल सकती है. इस बीमारी में भूख में कमी, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, खांसी आदि मुख्य लक्षण शामिल होते हैं.हेपेटाइटिस ए- हैजा की तरह हेपेटाइटिस भी दूषित पानी या खाने के सेवन से होता है. इस बीमारी के कारण लिवर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. इसमें बुखार, उल्टी आदि समस्याएं होने लगती हैं.टाइफाइड- टाइफाइड बुखार के मामले बारिश के मौसम में बढ़ जाते हैं. जो कि साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है. इस बीमारी के कारण शरीर में सिरदर्द, बुखार, भूख में कमी, कब्ज, दस्त आदि समस्याएं हो सकती हैं
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण अधिकतर लोगों का वजन ज्यादा ही होता है. मोटापे के चलते हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, यूरिक एसिड का बढ़ना और डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. यही वजह है कि इस समय रहते कम कर लिया जाए. हम जिस घरेलू उपाय के बारे में आपको बता रहे हैं वो जीरा-अजवाइन से तैयार होता है. जीरा और अजवाइन दोनों में ही कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो वजन घटाने में मददगार होते हैं. इन दोनों का एक साथ सेवन करने से आप तेजी से वजन घटा सकते हैंवजन घटाने में कैसे मददगार है जीराजाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी की मानें तो जीरा में एंटी-इंफ्लेमेट्री और एंटी-बायोटिक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर से सूजन कम करने में मददगार हो सकता है. साथ ही इसमें पाए जाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल लेवल भी काबू करते हैं, जिससे मोटापा का खतरा कम होता है. इसके अलावा, जीरा शरीर से टॉक्सिक पदार्थों को दूर करने में मदद करता है, इससे वेट लॉस में मदद मिलती है. जीरा मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में भी मदद करता है. इससे मोटापा व बेली फैट कम करने में मदद मिलती है.अजवाइन से कम होगा है वजनआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि अजवाइन में आयरन, कैल्शियम, फाइबर, फॉस्फोरस के अलावा और भी कई पोषक तत्व मौजूद होता है, जो संपूर्ण सेहत के लिए फायदेमंद है. अजवाइन एक लो कैलोरी फूड है, जिसके इस्तेमाल से वजन कम करने में मदद मिलेगी. इसमें पाए जाने वाले तत्व मेटाबॉलिक रेट को स्ट्रॉन्ग बनाता है. ये फाइबर का बेहतरीन स्रोत होता है, जिसके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है.अजवाइन और जीरे का ड्रिंकअजवाइन और जीरे के ड्रिंक से वजन कम करने में आसानी होती है. इस को तैयार करने के लिए आपको एक चम्मच जीरा, इतने ही मात्रा में सौंफ, एक चम्मच सोडा और चम्मच भर अजवाइन की जरूरत होगी.सबसे पहले एक बर्तन में 2 गिलास पानी डालकर उबालें.अब इसमें जीरा, सोडा, सौंफ और अजवाइन गिराएं.जब यह अच्छे से उबल जाए, तो इसमें शहद भी मिला देंजब ये बर्तन में आधा रह जाए तो इस पेय को छान लें और हल्का गुनगुना होने पर पीएं
- चोट लगने पर अक्सर चोट वाले स्थान पर ब्लड क्लॉटिंग हो जाती है, यानी खून एक जगह इक_ा हो जाता है। इसी कारण त्वचा पर काले, लाल या नीले धब्बे नजर आते हैं जिसे हम नील पडऩा कहते हैं। नील पडऩे पर दर्द होता है और उस जगह सूजन भी नजर आती है। नील पडऩे पर आप कुछ आसान घरेलू नुस्खों की मदद से इस समस्या से निजात पा सकते हैं जैसे- एलोवेरा का इस्तेमाल, एसेंशियल ऑयल लगाना आदि। नील पडऩे पर आप हेल्दी डाइट की मदद से उसे ठीक कर सकते हैं। कुछ घरेलू उपाय भी हम बता रहे हैं।1. नील पडऩे पर लगाएं एलोवेरानील पडऩे पर सबसे आसान नुस्खा है एलोवेरा का इस्तेमाल। आप चाहें तो पत्ते को सीधा चोट पर भी लगा सकते हैं। एलोवेरा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, इससे दर्द और नील का निशान हटाने में मदद मिलती है।2. नील पडऩे पर इन चीजों का सेवन करेंअगर आपके शरीर में नील पड़ गया है तो आप इन चीजों का सेवन करें, इससे आपकी बॉडी अंदर से हील होगी या अंदरूनी चोट का उपचार जल्द हो सकेगा।-आप पाइनएप्पल खाएं। पाइनएप्पल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं जिससे चोट के आसपास पड़े नील के निशान ठीक हो जाएंगे।-आप ऐसी चीजों का सेवन करें जिसमें जिंक मौजूद हो। जिंक से शरीर के घाव जल्दी भरते हैं और टिशू रिपेयर हो जाते हैं। जिंक आधारित फूड में पालक, कद्दू के बीज आदि शामिल हैं।3. एप्पल साइडर विनेगरएप्पल साइडर विनेगर की मदद से आप नील पडऩे की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। सेब का सिरका इस्तेमाल करने के लिए आधा कप पानी लें उसमें सेब के विनेगर की कुछ बूंदें मिला दें फिर हल्के हाथ से नील वाले स्थान पर इसे कॉटन की मदद से लगा दें, आपको जल्द आराम मिल जाएगा। सेब को अंदरूनी चोट के ऊपर वाली त्वचा पर लगाया जा सकता है पर अगर खून निकल रहा हो तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही इस नुस्खे का इस्तेमाल करें।4. नील पडऩे पर लगाएं रोज़मेरी ऑयलचोट के कारण शरीर में नील पड़ जाने पर आप एसेंशियल ऑयल की मदद भी ले सकते हैं। इसे किसी कैरियर ऑयल जैसे नारियल का तेल में मिलाकर लगाएं। आपको रोज़मेरी ऑयल की दो बूंद ही डालनी है। आप रोज़मेरी की जगह लैवेंडर ऑयल भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको एसेंशियल ऑयल से एलर्जी है तो दूसरे तरीके अपनाएं।वहीं दो से तीन दिन में यदि चोट वाली जगह पर सूजन कम न हो तो चिकित्सक की मदद लें।
- आप रूखी त्वचा से परेशान रहती हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है, क्योंकि हम आपके लिए लेकर आए हैं आंवला. अब तक आपने आंवला के सेवन से होने वाले फायदों के बारे में तो काफी सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है? आंवला का इस्तेमाल प्राकृतिक रूप से त्वचा और बालों की समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है. आंवला आपकी त्वचा को टोन करने और टाइट करने में मदद करता है.ऐसे हटाएं चेहरे के दाग-धब्बे और मुंहासों के निशानअगर आपके चेहरे पर दाग-धब्बे और मुंहासों के निशान हैं तो आंवला आपकी मदद कर सकता है.आंवले के रस को अपने चेहरे पर लगाना होगा और 30 मिनट के लिए उसे वैसा ही छोड़ देना होगा.अब चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें.अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो रस को पानी से पतला करें और लगाएं.ये दाग-धब्बों को दूर करने में आपकी मदद करेगा.रूखी त्वचा से छुटकारा पाने में मदद करता हैअगर आपकी त्वचा रुखी रहती है तो आंवले के रस का इस्तेमाल फेस स्क्रब के रूप में किया जा सकता है, क्योंकि ये त्वचा को अच्छी तरह से एक्सफोलिएट करने में मदद करता है. आंवला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी त्वचा को टोन करने, टाइट और हेल्दी बनाने में मदद करते हैं.इसके लिए आप एक चम्मच आंवला पाउडर लें और इसे गर्म पानी में मिलाएं.अब अपने चेहरे को स्क्रब करने के लिए इस पेस्ट का इस्तेमाल करें.पांच मिनट के बाद इसे धो लें.बालों के झड़ने से राहतअगर आपके बाल झड़ते हैं तो इस समस्या को रोकने में आंवला कारगर हो सकता है. इसके लिए आप थोड़ा सा सूखा आंवला लें और इसे पानी में उबाल लें. एक बार जब ये अच्छी तरह से उबल जाए तो इन्हें मैश करके इसका गूदा पेस्ट बना लें. आंवला तेल एक बेहतरीन कंडीशनर है और बालों को प्राकृतिक चमक देता है.अब आप इसे स्कैल्प के साथ-साथ बालों पर पेस्ट के रूप में भी लगा सकते हैं.ऐसा आप सप्ताह में एक बार कर सकते हैं.ये बालों के झड़ने को नियंत्रित करता है.अपने बालों पर आंवले के रस का इस्तेमाल करें और आधे घंटे के बाद धो लें.पतले और रूखे बालों की समस्या को दूर करने के लिए आप बालों को नियमित रूप से धोने से पहले आंवला हेयर ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है कि हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिलते रहें। यदि शरीर में किसी भी पोषक तत्व की कमी होती है तो हम बीमार पड़ते हैं या शरीर का सिस्टम बिगड़ जाता है। ऐसे में आहार ऐसा ही खाएं जिससे कि शरीर को स्वास्थ्य लाभ पहुंचे। विटामिन बी 12 की कमी होने पर शरीर में रेड ब्लड सेल्स कम होने लगती है, जो कि आगे चलकर गंभीर समस्या का विषय बन सकती है। चिकित्सक इस समस्या को दूर करने के लिए दवाइयां तो देते ही हैं ताकि विटामिन बी 12 की कमी पूरी हो सके लेकिन साथ ही यदि आप सही आहार का सेवन करते हैं तो आपके लिए यह और भी फायदेमंद साबित हो सकता है।फल और सब्जियांफल और सब्जियों का सेवन जब ठीक तरह से नहीं होता है, तभी हमारे शरीर में अक्सर पोषक तत्वों की कमी होती है इसलिए प्रतिदिन इनका सेवन करना बहुत आवश्यक होता है। सेब, आम, केले और संतरे जैसे फलों से शरीर में विटामिन बी 12 की कमी की पूर्ति होती है। सब्जियों में शल्जम और अन्य जड़ों वाली सब्जियां आपको फायदा पहुंचा सकती हैं इसलिए इनका सेवन अपनी आदत बना लें। नाश्ते में फलों का रस भी आप ले सकते हैं।डेयरी प्रोडक्ट्सदूध से निर्मित प्रोडक्ट्स यदि खाने में आप मुंह बनाते हैं तो इस बात पर ध्यान दें कि इनका ही सेवन अब आपको अधिक करना होगा क्योंकि दूध, दही, पनीर, चीज आदि से आपको विटामिन बी 12 मिलता है इसलिए रोज एक से दो बार दूध पिएं और खाने के साथ पनीर का सेवन शुरू कर दें। जल्द ही आपके शरीर से विटामिन बी 12 की कमी दूर हो जाएगी।सोया से बने प्रोडक्ट्ससोया से बने प्रोडक्ट्स से भी विटामिन बी-12 प्राप्त होता है। इसके लिए सोयाबीन और सोयामिल्क को अपनी डाइट में शामिल करना लाभकारी साबित होगा। आप चाहें तो सोया पनीर भी खा सकते हैं। सोयाबीन की सब्जी खाना या कच्चा ही इसका सेवन करना आपको कई सारे फायदे पहुंचा सकता है। दिन में एक बार सोया से बने किसी भी प्रोडक्ट का सेवन जरूर करें।न्यूट्रीशनल यीस्टन्यूट्रीशनल यीस्ट में अच्छी मात्रा में विटामिन बी 12 पाया जाता है। न्यूट्रीशनल यीस्ट को कोरा खाना तो संभव नहीं है लेकिन पॉपकॉर्न या सलाद के साथ आप इसे जरूर खा सकते हैं, इसलिए दिन में यदि आपको थोड़ी-बहुत भूख लगती है तो यह उपाय आपके लिए काम करेगा, साथ ही आपको लाभ भी पहुंचाएगा।
- मीठा खाने के शौकीन हैं तो हर दिन कुछ नया और टेस्टी खाने का दिल करता होगा। लेकिन मीठे के विकल्प बहुत कम हैं जो आसानी से बनकर तैयार हो जाएं। ज्यादातर मीठी डिश बनाने के लिए बहुत सारा समय, सामान और मेहनत चाहिए होती है। लेकिन अगर आप चाहें तो साबुदाने से तैयार इस खास डिश को जरूर ट्राई कर सकती हैं। खीर या सेंवई से अलग साबुदाने और फलों को मिलाकर तैयार ये कस्टर्ड बच्चों से लेकर बड़ों तक को पसंद आएगा। तो चलिए जानें कैसे तैयार करें फ्रूट साबुदाना बाउल।साबुदाना फ्रूट बाउल बनाने की सामग्रीआधा कप साबुदाना, आधा कप नारियल का दूध, तीन बड़े चम्मच कंडेस्ड मिल्क, ड्राई फ्रूट कटे हुए, कटे हुए फल (जिसमें सेब, अनार, संतरा, अन्नास) या फिर अपने पसंद के फल शामिल ले सकते हैं।बनाने की विधिसाबुदाने को पानी में भिगो दें। इसके बाद इसे उबाल लें। साबुदाने को उबालने के बाद ठंडे पानी से धो दें। अब एक कड़ाही में कंडेंस्ड मिल्क और नारियल के दूध को डाल कर गरम कर लें। थोड़ी देर चलाने के बाद इसमें साबुदाना डाल कर एक से दो मिनट तक चला लें। जब ये मिक्सचर अच्छे से ठंडा हो जाए तो इसमें सर्व करते समय कटे हुए फल और ड्राई फ्रूट्स डाल दें। अब इसे कटोरियों में निकालकर सर्व करें।
- आप जल्दी थक जाते हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. हम आज आपके लिए नारियल पानी के फायदे लेकर आए हैं. विशेषज्ञों ने नारियल के पानी को एक चमत्कारी ड्रिंक के रूप में माना है. सख्त गर्मी से निपटने के लिए ये एक शानदार और ऊर्जा को फौरन बढ़ानेवाला ड्रिंक है. गर्भवती महिलाओं को नारियल पानी पीने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है. साथ ही दिल में होने वाली जलन में भी आराम मिलता है.नारियल पानी में क्या पाया जाता हैडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह बताती हैं कि नारियल पानी में विटामिन सी, फाइबर और मिनरल बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं. कैलोरी में ये ड्रिंक कम और प्राकृतिक एंजाइम अधिक रखता है. उसमें पाए जाने वाले मिनरल्स जैसे पोटैशियम उसे सुपर ड्रिंक बनाते हैं. नारियल पानी में विटामिन सी, फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, उसके अलावा 94 फीसद पानी होने से स्किन के साथ-साथ शरीर के लिए भी बहुत अच्छा है.किस समय पीना चाहिए नारियल पानीडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह बताती हैं कि नारियल पानी ड्रिंक किडनी, मेटाबोलिक प्रक्रिया और अन्य बीमारियों में बेहद प्रभावी है. नारियल पानी का दिन के किसी भी समय सेवन अच्छा है, लेकिन इसे खाली पेट पीना ज्यादा फायदेमंद माना जाता है.नारियल पानी के फायदेडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह की मानें तो नारियल पानी में मौजूद लोरिक एसिड इम्यूनिटी, मेटाबोलिज्म बढ़ाने और वजन कम करने में बहुत बढ़िया साबित हुआ है.भोजन से पहले नारियल पानी का पीना आपको भरा हुआ बनाता है जो ज्यादा खाने से आपको रोकता है. नारियल पानी की कम कैलोरी मात्रा पाचन सिस्टम को सुधारने में भी मदद करता है.नारियल पानी का नियमित सेवन आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट नियंत्रण बनाए रखता है, और इस तरह आपके ब्लड प्रेशर को काबू में रखता है.नारियल पानी मूत्रवर्धक के तौर पर काम करता है, पेशाब के प्रवाह को बढ़ावा देता है. यूरिन संबंधी समस्या वाले लोगों के लिए ये बहुत मददगार है.नारियल पानी दिमागी तनाव से लड़ने का सबसे अच्छा ड्रिंक समझा जाता है और मन को शांति प्रदान करता है. सोने के समय नारियल के पानी पीने से आपके दूषित पदार्थ बाहर निकलते हैं.बच्चे और शिशुओं को नारियल पानी हाइड्रेटेड रख सकता है. छह महीने तक या उससे ऊपर की उम्र के बच्चों को नारियल पानी दिया जा सकता है.
- आयुर्वेद में दालचीनी और शहद का मिश्रण कई समस्याओं को दूर करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। दालचीनी के अंदर भरपूर मात्रा में आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, मैग्नीज, कॉपर, सेलेनियम, आदि गुण मौजूद होते हैं। जबकि शहद के अंदर भरपूर मात्रा में कैल्शियम, आयरन, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी, फोलेट, नियासिन आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में इन दोनों का मिश्रण सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। दोनों को एक साथ लेने से मिलते हैं ये फायदे.....1 - प्रतिरक्षा प्रणाली के लिएप्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में विटामिन सी और लोहा शहद और दालचीनी के अंदर यह दोनों भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में यह न केवल इम्यून सिस्टम को बेहतर करता है बल्कि संक्रमण और कीटाणुओं को शरीर से दूर करता है। साथ ही इसका मिश्रण सफेद रक्त कोशिकाओं को मजबूती देता है।2 - त्वचा के संक्रमण के लिएअगर आप त्वचा के किसी भी प्रकार के संक्रमण से परेशान हैं तो शहद और दालचीनी आपकी इस परेशानी को दूर करने में उपयोगी है। प्रभावित क्षेत्रों में दालचीनी और शहद को लगाने से एग्जिमा, दाद, चकते, दाग-धब्बे आदि समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसके अलावा शहद और दालचीनी का मिश्रण कवक संक्रमण और बैड बैक्टीरिया से लडऩे में भी सहायक है।3 - फंगल इंफेक्शन के लिएदालचीनी और शहद फंगल इन्फेक्शन की समस्या को दूर करने करने में मददगार हैं। दालचीनी के अंदर एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं जो न केवल शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाते हैं बल्कि कैंडिडा ट्रॉपिकल आदि से भी लडऩे में सहायक है।4 - ओरल हेल्थ के लिएशहद और दालचीनी के पानी से कुल्ला करने से जबड़े, दांत, दातों में कीड़े आदि की समस्या दूर हो सकती है। हालांकि दालचीनी का ज्यादा इस्तेमाल दांतों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। ऐसे में सबसे पहले एक्सपर्ट से जाने की दालचीनी और शहद की कितनी मात्रा का इस्तेमाल आप ओरल हेल्थ कर सकते हैं।5 - मूत्राशय संक्रमण के लिएपाचन संबंधित समस्या या मूत्राशय में कीड़े की समस्या से पीडि़त शहद और दालचीनी पाउडर का सेवन फायदेमंद है। शहद और दालचीनी ना केवल कीड़ों को बाहर निकालता है बल्कि पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर करता है। ऐसे में शहद के साथ एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाएं और गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इसके अलावा पेट दर्द, पेट की सूजन, दस्त, पेट में अल्सर आदि की समस्या में भी दालचीनी और शहद का सेवन लाभकारी है। .6 - गठिया के लिएशहद और दालचीनी पाउडर को गर्म पानी के साथ मिलाएं और इसका तुरंत सेवन करें। सुबह और शाम खाली पेट सेवन करने से गठिया की समस्या काफी हद कम हो जाती है।7 - पिंपल्स के लिएचेहरे पर हुए पिंपल्स, काले निशान आदि को दूर करने में भी शहद और दालचीनी पाउडर का सेवन लाभकारी है। इसके लिए सबसे पहले शहद में एक चुटकी दालचीनी पाउडर मिलाएं और प्रभावित स्थान पर लगा दें। रात भर इस मिश्रण को चेहरे पर लगाने के बाद सुबह उठकर सादे या गुनगुने पानी से अपने चेहरे को धोएं।सावधानीआमतौर पर दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करना हानिकारक हो सकता है। अगर इसकी अधिकता ज्यादा हो जाए तो शरीर में टॉक्सिक प्रभाव पडऩे की संभावना होती है। जबकि शहद का सेवन नियमित रूप से किया जा सकता है लेकिन इसकी अधिकता भी सेहत के लिए नुकसानदेह है।
- जिस किसी ने भी पथरी का दर्द सहा होगा, वह ही जानता होगा कि उस समय क्या हालत होती है. ऐसा लगता है कि जैसे जान निकल ही जाएगी. दरअसल, जब हमारे गुर्दे में मिनरल्स (मुख्यत: कैल्शियम) और नमक के सख्त कण आपस में जुड़कर छोटे-छोटे पथरों का निर्माण कर लेते हैं, तो उन्हें किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी कहा जाता है. यह समस्या आपके आहार, अत्यधिक शारीरिक वजन, कुछ दवा या सप्लीमेंट या फिर किसी शारीरिक समस्या के कारण हो सकती है. किडनी स्टोन गुर्दे के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं. लेकिन पथरी जब पेशाब की नली में फंस जाती है, तो असहनीय दर्द का कारण बन सकती है. मगर एक्सपर्ट के मुताबिक, आयुर्वेद में बताया गया छोटा-सा नुस्खा (Ayurvedic Treatment for Ureter Stone) आपके पेशाब की नली में फंसी पथरी को सिर्फ 2 से 3 दिन के अंदर बाहर निकालने में मदद करेगा.पेशाब की नली में पथरी से क्या दिक्कत हो सकती है?किडनी से होते हुए जब कोई पथरी यूरेटर की एक या दोनों ट्यूब में अटक जाती है, तो उसे यूरेटरल स्टोन्स कहा जाता है. दरअसल, यूरेटर की दोनों ट्यूब किडनी से ब्लैडर तक यूरिन (पेशाब) को ले जाने का कार्य करती हैं. पेशाब की नली में पथरी अटक जाने से पेशाब करने में बाधा व असहनीय दर्द हो सकता है. इसके साथ ही आपको जी मिचलाने या उल्टी की समस्या हो सकती है. आमतौर पर, पथरी इतनी छोटी होती है कि उसे आंखों से देख पाना आसान नहीं होता. आइए अब जानते हैं कि आयुर्वेद के कौन-से नुस्खे से पेशाब की नली में फंसी पथरी को निकाला जा सकता है.पेशाब की नली में फंसी पथरी को निकालने का घरेलू नुस्खा (Pathri nikalne ka gharelu upay)देश के जाने-माने आयुर्वेदिक एक्सपर्ट व ‘‘इंक्रेडिबल आयुर्वेदा’’ के संस्थापक डॉ. अबरार मुल्तानी ने अपने यूट्यूब चैनल पर वीडियो शेयर करते हुए पेशाब की नली में फंसी छोटी-मोटी पथरी को निकालने का आसान तरीका बताया. उनके मुताबिक पथरी निकालने के इस घरेलू नुस्खे को अपनाने से सिर्फ 2 से 3 दिन के भीतर पेशाब की नली से पथरी को निकाला जा सकता है. आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. अबरार मुल्तानी बताते हैं कि आपको सिर्फ एक केला लेकर उसके अंदर पुदीना (पेपरमिंट) के दो से तीन छोटे-छोटे टुकड़ों को लगाकर खा लेना है. केला खाने के थोड़ी देर बाद आधा गिलास गुनगुना दूध और आधा गिलास पानी पी लें. दो से तीन दिन में पेशाब की नली में फंसी छोटी-मोटी पथरी निकल जाएगी.-fILE PHOTO
- इस मौसम में खासकर अगस्त तक कुछ खास सब्जियों का सेवन जरूर करना चाहिए। इन सब्जियों के बारे में डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. रंजना सिंह ने चर्चा की। अप्रैल से अगस्त के दौरान इस सब्जियों के खाने की सलाह के पीछे एक बड़ी वजह है। दरअसल, इन महीनों के दौरान भारत के अधिकतर क्षेत्रों में गर्मी की भयंकर मार पड़ती है। जिसके कारण शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन की समस्या होना आम है। डिहाइड्रेशन की समस्या छोटे बच्चों और नवजात शिशु के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक हो सकती है, हालांकि, इससे वयस्क लोगों में भी कई गंभीर समस्याएं देखने को मिल सकती हैं। जिसमें हीटस्ट्रोक, किडनी व पेशाब के रोग, सिजर्स, लो ब्लड वॉल्यूम शॉक आदि शामिल हैं, लेकिन, गर्मी में इन खास सब्जियों का सेवन करने से डिहाइड्रेशन की समस्या में काफी राहत मिलती है। कंसल्टेंट डाइटीशियन डॉ. रंजना सिंह के मुताबिक निम्नलिखित सब्जियों के सेवन से ना सिर्फ जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, बल्कि गर्मी के कारण शरीर में हो रही पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) को भी पूरा किया जा सकता है।1. लौकी के फायदेलौकी में सोडियम, पोटैशियम आदि पोषक तत्व होते हैं, जो पाचन संबंधी बीमारियों को तो दूर करते ही हैं, साथ में वेट लॉस करने में भी मददगार होते हैं। लौकी में भरपूर मात्रा में पानी होता है। लौकी का जूस पीने से शारीरिक ऊर्जा मिलती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती।2. पुदीना के फायदेडाइटीशियन, डॉ. रंजना सिंह के मुताबिक पुदीना में औषदीय गुण पाये जाते हैं। पुदीना की पत्तियां चबाने से मुंह की दुर्गंध कम हो जाती है । अगर आपको पेट दर्द है, तो आप पुदीना के रस में जीरा, हींग, काली मिर्च को मिलाकर भी पी सकते हैं। पुदीना सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि वेट लॉस में भी मददगार है। आपको जानकर खुशी होगी कि पुदीना के पत्ते और नींबू को पानी में मिलाकर पीने से मोटापा कम हो सकता है।3. टिंडा खाने के फायदेटिंडा खाना गर्मियों की वजह से शरीर में हो रही डिहाइड्रेशन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है, क्योंकि, इसमें करीब 80 प्रतिशत पानी पाया जाता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फाइबर की मात्रा पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है। टिंडे में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाये जाते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करते हैं।4. खीरा खाने के फायदेविटामिन-सी व बीटा कैरोटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को गर्मी से सुरक्षा प्रदान करने के लिए काफी जरूरी होते हैं और खीरा खाने से हमें यह आराम से प्राप्त हो सकते हैं। डाइटीशियन डॉ. रंजना सिंह का कहना है कि खीरा खाने से इम्युनिटी भी बेहतर बनती है। खीरे में कैल्शियम और विटामिन-के की पर्याप्त मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जाने जाते हैं. इसके अलावा, खीरे के सेवन से वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है।-
- अधिकतर मांगलिक कार्यों में नारियल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कई स्वादिष्ट भोजन बनाने में नारियल का इस्तेमाल होता है। खासतौर पर साउथ इंडियन्स नारियल का इस्तेमाल खाने की कई चीजों को बनाने के दौरान करते हैं। इतना ही नहीं नारियल का पानी स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है, लेकिन क्या आपने कभी नारियल के छिलके यानि नारियल की झटा का इस्तेमाल किया है? अगर नहीं, तो बता दें कि नारियल ही नहीं, बल्कि इसकी जटा भी कई गुणों से भरपूर होती है।नारियल का छिलका कई समस्याओं को दूर करने में काफी गुणकारी साबित हो सकता है। खासतौर पर बवासीर से पीडि़त मरीजों के लिए नारियल की जटा काफी फायदेमंद होती है।नारियल की जटा के फायदे-नारियल की जटा में फाइबर की अधिकता होती है, यह पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में असरकारी माना जाता है।-बवासीर से पीडि़त मरीजों के लिए नारियल की जटा काफी फायदेमंद हो सकती है। इसके इस्तेमाल से पुरानी से पुरानी बवासीर की समस्या को दूर कर सकते हैं।-दांतों की सफाई करने में नारियल का छिलका असरकारी होता है। इसके इस्तेमाल से दांतों की चमक बढ़ती है। साथ ही दांतों का पीलापन दूर होता है।-रक्तविकार को दूर करने में नारियल की जटा काफी फायदेमंद हो सकती है।-नारियल के भस्म का इस्तेमाल हैजा और हिचकी की परेशानी को दूर करने के लिए भी किया जाता है।इसके अलावा कई लोग नारियल के छिलके का पाउडर बनाकर इसका इस्तेमाल प्लांटिंग करने के लिए करते हैं।कैसे करें नारियल के छिलके का इस्तेमाल?-नारियल की जटा बवासीर के लिए काफी कारगर इलाज माना जाता है। बवासीर की समस्याओं में इसका इस्तेमाल करने के लिए नारियल की जटाओं को जलाकर इसका भस्म तैयार कर लें। अब इस भस्म को एक शीशी में भरकर रख लें। अब जरूरत पडऩे पर इसको दही या फिर छाछ के साथ मिक्स करके पिएं। ध्यान रखें कि दही या छाछ ज्यादा खट्टी न हो। इसके इस्तेमाल से बवासीर की परेशानी दूर हो सकती है।- इसके लिए नारियल के छिलके से तैयार भस्म को पानी में 1 गिलास पानी में मिक्स करके पिएं। इससे ना सिर्फ मासिक धर्म में होने वाली परेशानी, बल्कि हिचकी, हैजा और वमन जैसी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।-दांतों की समस्या से अगर आप परेशान हैं, तो नारियल के छिलको का पाउडर बना लें या फिर इसके भस्म को अपने दांतों पर मंजन की तरह रगड़ें। इससे आपके दांतों की चमक बढ़ेगी। साथ ही दांतों से जुड़ी अन्य परेशानी भी दूर होगी।(नोट-ध्यान रखें कि इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर या फिर आयुर्वेदाचार्य से जरूरी सलाह जरूर लें।)
- चावल खाने और पकाने के हेल्दी तरीके को लेकर लंबे समय से चर्चा होती रही है। खास कर डायबिटीज, मोटापा और दिल से जुड़ी बीमारी से पीडि़त लोगों के लिए हमेशा से ही ये स्वास्थ्य से जुड़ा बड़ा मुद्दा रहा है। शोधकर्ता और विशेषज्ञ हमेशा से इस खोज में लगे हुए हैं कि चावल खाने और पकाने का कौन सा तरीका सबसे ज्यादा सेहतमंद है। हाल ही में आया शोध चावल पकाने के एक स्वस्थ तरीके के बारे में बताता है। 'साइंस ऑफ द टोटल इनवारमेनट ' में प्रकाशित इस शोध की मानें, तो सफेद चावल और ब्राउन राइस में आर्सेनिक जैसे हानिकारक तत्वों की एक बड़ी मात्रा पाई जाती है। इस आर्सेनिक तत्व को बाहर निकालने का एक हेल्दी तरीका ये है कि हम चावल पकाने के लिए 'परबॉइलिंग विद अब्जॉप्र्शन मेथड' अपनाएं ।साइंस ऑफ द टोटल इनवारमेनट में प्रकाशित इस रिसर्च में चावल पकाने के एक हेल्दी तरीके के बारे में बताया गया है। चावल पकाने के इस तरीके को 'परबॉइलिंग विद अब्जॉप्र्शन मेथड' कहते हैं। शोध में बताया गया है चावल पकाने के इस तरीको को अगर आप अपनाएं, तो ब्राउन राइस से 50 प्रतिशत तक आर्सेनिक को बाहर निकाल सकते हैं। इसी तरह आप सफेद चावल से 74 प्रतिशत तक आर्सेनिक निकाल सकते हैं।चावल का आर्सेनिक शरीर के लिए कैसे नुकसानदेह है?चावल को अन्य अनाजों की तुलना में लगभग दस गुना अधिक आर्सेनिक जमा करने के लिए जाना जाता है। चावल के दाने में आर्सेनिक एंडोस्पर्म के आसपास की बाहरी परत पर जमा होते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर आप रेगुलर ढंग से चावल बनाते हैं, तो ब्राउन राइस हो या सफेद चावल, दोनों में आर्सेनिक रह ही जाता है । हालांकि मिलिंग प्रक्रिया सफेद चावल से आर्सेनिक को हटा देती है लेकिन 75-90 प्रतिशत पोषक तत्वों को भी हटा देती है। ध्यान देने वाली बात ये है आर्सेनिक को इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा ग्रुप 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। ये पानी में घुलनशील है इसलिए यह चावल में जमा हो जाता और खाने के बाद शरीर को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इसका संपर्क शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करता है और इन तमाम अंगों से जुड़ी बीमारियों का कारण बनता है। जैसे कि- त्वचा से जुड़ी परेशानियां, कैंसर, डायबिटीज , फेफड़ों का रोग।कैसे पकाएं चावल?शेफील्ड विश्वविद्यालय द्वारा चावल पकाने के लिए इस मेथड को खोजने के दौरान चावल से आर्सेनिक सामग्री को कम करने के लिए अलग-अलग तरीकों का परीक्षण किया गया। इस दौरान इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल फूड से टीम ने पाया कि चावल पकाने के घरेलू तरीके के उपयोग से चावल का न्यूट्रिशन भी चला जाता है। इसलिए अच्छा ये है कि चावल पकाने के लिए प्री बॉइलिंग अपनाया जाए और चावल बनाने से पांच मिनट पहले आर्सेनिक हटाने के लिए इसे उबाला जाए। इसके बाद फिर से पानी डालकर धीमी आंच पर चावल पकाया जाए।क्यों खास है 'परबॉइलिंग विद अब्जॉप्र्शन मेथड'चावल पकाने का 'परबॉइलिंग विद अब्जॉप्र्शन मेथड' खास इसलिए है क्योंकि-इसमें आप बस 5 मिनट तक चावल को उबालकर हानिकारक तत्वों को बाहर निकाल सकते हैं।-इस विधि से जब आप चावल पकाएंगे, तो आप चावल के ज्यादा से ज्यादा न्यूट्रिएंट्स को बचा कर रख पाएंगे, जो कि आपके नॉर्मल चावल बनाने के तरीके में नहीं हो पाता है।-इस विधि से चावल पकाने से चावल के माइक्रोन्यूट्रिएंट्स इसमें बने रहेंगे।-ये आसान है और कम समय लेता है।इस विधि से चावल पकाने का सबसे ज्यादा लाभ बच्चों, डायबिटीज और मोटापे से पीडि़त लोगों को मिलेगा। ऐसा इसलिए कि आर्सेनिक का उच्च स्तर छोटे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही इस विधि से चावल में स्टार्च की मात्रा कम हो जाएगी, जो कि डायबिटीज और मोटापे से पीडि़त लोगों के लिए अनहेल्दी माना जाता है। तो भले ही आप ब्राउन राइस या सफेद चावल ही क्यों न खा रहे हों, आपको चावल पकाने के इस आसान से विधि का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
- चमकती और दमकती त्वचा पाना चाहती हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. हम आपको अलसी के बीज के फायदों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. इसके बीज आपके चेहरे को न सिर्फ निखारेंगे, बल्कि खूबसूरत भी बनाने में मदद करेंगे.हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अलसी बीजों को खाने से त्वचा पर बढ़ती उम्र के निशान नहीं आते हैं, क्योंकि इनके सेवन से आपकी त्वचा में कसावट बनी रहती है. इसलिए झुर्रियां आपकी त्वचा को छू भी नहीं पाती हैं.अलसी के बीज में क्या पाया जाता हैदेश के मशहूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, अलसी के बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो आपकी त्वचा को अंदरूनी सूजन से मुक्ति दिलाता है. नियमित रूप से इन बीजों का सेवन आपकी त्वचा के ग्लो को प्राकृतिक रूप से बढ़ाता है. इसके साथ ही ये शरीर के लिए एनर्जी बूस्टर की तरह काम करते हैं. त्वचा के लिए ये कई तरह से लाभकारी होते हैं.त्वचा के लिए अलसी से होने वाले फायदेआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी, अलसी के बीज स्किन ग्लो बढ़ाते हैं, पिग्मेंटेशन को रोकते हैं, त्वचा को गोरा बनाने में मददगार हैं, खुजली और रैशेज से बचाते हैं, स्किन को हाइड्रेट रखने में मददगार, अनचाही सूजन से बचाते हैं और स्किन रिपेयरिंग की स्पीड को बढ़ाते हैं.चेहरे के लिए खास है अलसी के बीजों का फेस पैकअगर आपके चेहरे पर दाग धब्बे या फिर स्किन संबंधी दूसरी तरह की समस्या है तो आप अलसी के बीजों से फेस पैक तैयार करके अपनी त्वचा का ग्लो बढ़ा सकती हैं. इसके लिए एक ही बार करीब एक कप अलसी के बीज पीसकर इन्हें कांच के जार में भरकर रख लें. ताकि बार-बार पीसने की जरूरत ना पड़े और आप आसानी से फेस पैक बना सकें.ऐसे करें इस्तेमालसबसे पहले 2 चम्मच पिसे हुए अलसी के बीज लेंअब एक चम्मच ऐलोवेरा जेल रख लेंफिर गुलाबजल को एकत्रित कर लेंतीनों चीजों को मिलाकर पेस्ट तैयार करेंफिर इसे फेस पैक की तरह चेहरे पर लगा लेंइस फेस पैक को चेहरे पर लगाने से पहले फेशवॉश का उपयोग जरूर करें.25 मिनट तक फेस पैक लगाने के बाद ताजे पानी से चेहरा धो लेंइस बात का रखें ख्यालयह फेस पैक आपकी त्वचा पर स्क्रब का काम भी करेगा. इसे हटाते समय चेहरे पर सर्कुलर मोशन में हल्के हाथों से मसाज करें. ऐसा करने से स्किन की डेड सेल्स आसानी से हट जाएंगी और त्वचा में ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ेगा.
- वजन घटाने के लिए सिर्फ व्यायाम करना ठीक नहीं, इसके लिए आपको अपने खानपान पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होगी है. इस खबर में हम आपके लिए सब्जा के बीज के फायदों के बारे में जानकारी दे रहे हैं. यह वजन घटाने के साथ ही कई तरह बीमारियों को दूर करने में मददगार हैं.आयुर्वेद डॉ. अबरार मुल्तानी के अनुसार, छोटे गोल सब्जा के बीज मिंट फेमिली से आते हैं और इनमें तमाम तरह के स्वास्थ्य लाभ और उपचार गुण हैं. आयुर्वेद में भी सब्जा के बीज को दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. यह वजन घटाने में कारगर माना जाता है.इसलिए वजन घटाने में कारगर हैं सब्जा के बीजसब्जा बीज विटामिन A, विटामिन K, विटामिन B, वसा, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फाइबर और कैल्शियम जैसे कई पोषक तत्व और खनिज से भरपूर होते हैं. इन्हें बेसिल सीड्स के नाम से भी जानते हैं. सब्जा के बीज में ओमेगा -3 और ओमेगा -6 फैटी एसिड से भरपूर होती है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने में मदद करता है. बीजों में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो वजन घटाने में मदद करते हैं.सब्जा बीज के फायदेआयुर्वेद डॉ. अबरार मुल्तानी के अनुसार,सब्जा के बीजों में कैलोरी की मात्रा बहुत कम और फाइबर की मात्रा काफी ज्यादा होती है जिसके सेवन से हमारी भूख नियंत्रित होती है. इसलिए इनके सेवन करने से हमें वजन घटाने में मिलती है. सब्जा सीड्स न सिर्फ वेट लॉस बल्कि एसिडिटी, अपच और पेट की समस्याओं से भी राहत दिलाते हैं. ये बीज इनडायरेक्टली तरीके से इम्यूनिटी भी बूस्ट करते में मददगार हो सकते हैं.कैसे करें सेवनडॉ. अबरार मुल्तानी के अनुसार, आयुर्वेद में इसके सेवन के कई तरीके हैं लेकिन याद रहे इसे साबुत खाने से ज्यादा लाभ नहीं मिलेंगे. सब्जा के बीजों को रात में भिगोकर रख दें और सुबह खाली पेट खाएं. आप चाहे तो इसमें शहद और नींबू मिलाकर शरबत बना कर भी पी सकते हैं या फिर दूध में मिलाकर भी पी सकते हैं. इसके बीज को खाली पेट पीना सेहत के लिए ज्यादा लाभ होते हैं.ऐसे तैयार करें सब्जा के बीजसबसे पहले आप दो चम्मच सब्जा के बीज लें.एक कप पानी में 15-20 मिनट के लिए भिगो दें.एक बार बीज फूल जाने के बाद आप उनका सेवन आप किसी भी तरह कर सकते हैं.आप एक लीटर पानी में एक चम्मच सब्जा के बीज भी डाल सकते हैं और पूरे दिन इसकी चुस्की लेते रह सकते हैं.
- हींग शरीर के लिए बेहद लाभकारी होती है. हींग को आयुर्वेद में औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. हींग को आमतौर पर खाना पकाने में स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके इस्तेमाल से आप कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं?हींग में पाए जाने वाले गुण पाचन के लिए अच्छे माने जाते हैं. इसमें विटामिन, कैल्शियम, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट, और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो एक स्वस्थ्य शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं.इन बीमारियों से लड़ने में मदद करती है हींगमश्हूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, हींग का प्रयोग कई दवाओं में भी किया जाता है. इसमें पाएं जाने वाले महत्वपूर्ण तत्व मानसिक तनाव, डिप्रेशन, कफ, अस्थमा, अपच, पेट से जुड़ी समस्याओं, मांसपेशियों में ऐंठन, अर्थराइटिस जैसी समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं.पाचन के लिए फायदेमंदमश्हूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी कहते हैं कि हींग पाचन के लिए बहुत फायदेमंद है. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं. जो अपच और गैस की समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं, हींग पेट के दर्द में भी आराम दिलाने का काम कर सकती है. हींग को आप खाना पकाने में या पानी में डालकर इस्तेमाल कर सकते हैं.सर्दी-खांसी से राहतडॉक्टर अबरार मुल्तानी बताते हैं कि अगर आपको सर्दी-खांसी है तो हींग आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है. कफ और सर्दी की शिकायत होने पर हींग का पानी सीने में लगाएं या फिर हींग को शहद के साथ इस्तेमाल करें.दांदों के दर्द से राहतहींग में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो संक्रमण और दर्द की समस्या को दूर करते हैं. अगर आपके दांतों में संक्रमण है या मसूड़ों से खून निकलने और दर्द की समस्या है, तो हींग का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है.ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मददगारहींग कोमेरिन नामक तत्व पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. साथ ही ये ब्लड के फ्लो को भी ठीक तरह से काम करने में मदद करती है. हींग में औषधीय गुण पाए जाने के कारण ये कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद कर सकती है.
- तिल और लौंग के तेल का इस्तेमाल लोग कई कारणों से करते हैं। इस मिश्रण का इस्तेमाल मालिश करने, जोड़ों के दर्द और मुंह की सफाई आदि के लिए भी किया जाता है। तिल का तेल तिल के बीजों की मदद से बनाया जाता है। तिल एक बहुत ही बेहतरीन सामग्री है, जिसका इस्तेमाल खाने में एवं त्वचा से सम्बंधित कई कारणों के लिए किया जाता है।वहीं, लौंग को एक जबरदस्त औषधि के रूप में जाना जाता है। लौंग को रसोई के अलावा सौंदर्य उत्पादों के तौर पर करते हैं और कई बीमारियों में लौंग के तेल का इस्तेमाल भी कई काम में करते हैं। आइए जानते हैं इन्हें इस्तेमाल करने के फायदे।कान के दर्द को दूर करेकान का दर्द कई कारणों से हो सकता है। सिरदर्द या जुकाम जैसी बीमारी होने पर कान का दर्द होता है। ऐसे में लौंग के तेल का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इसके लिए 2 चम्मच तिल का तेल और 3-4 बूंद लौंग के तेल की मिलाएं और इसे थोड़ा गर्म करें। इस मिश्रण को धीरे-धीरे कान में लगाएं और थोड़ी देर के लिए रहने दें। इससे तुरंत आराम मिलेगा।झाइयां दूर करेंतिल के तेल को लौंग के तेल में मिलाकर इस्तेमाल करने से चेहरे और त्वचा की झाइयां दूर हो जाती हैं। इसके लिए थोड़ा सा तिल का तेल लें। इसमें कुछ बूंदें नींबू की डालें। अब इससे निर्धारित जगह की मालिश करें। इससे खऱाब कोशिकाएं साफ़ होंगी और त्वचा चमकदार बनेगी।लौंग बालों के झडऩे को रोकेयदि आप बाल झडऩे के उपाय ढूंढ रहे हैं, तो आपको लौंग के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। लौंग का तेल बालों को मजबूत बनाता है और बालों का झडऩा रोकता है। लौंग का तेल बालों के गंजेपन की समस्या से भी राहत दिलाता है। इसे उन जगहों पर लगाएं जहां आपके बाल गिर रहे हैं। लौंग का तेल खोपड़ी में मौजूद रक्त के प्रवाह को तेज करता है, जिससे बाल मजबूत बनते हैं।दांतों के लिएदांत के दर्द में तिल का तेल इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप दांत का इलाज कराते हैं, तब दर्द से बचने में तिल का तेल मददगार साबित होता है। दांतों के दर्द के लिए लौंग का इस्तेमाल भी किया जाता है। आप सीधे लौंग को चबा सकते हैं, या शहद के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। तिल के तेल और लौंग में ऐसे प्राकृतिक गुण होते हैं, जो दर्द को भीतर से दूर करते हैं। दांतों में किसी भी प्रकार की समस्या के लिए तिल के तेल को मुंह में डालें और इससे कुछ देर के लिए कुल्ला करें।तिल का तेल और लौंग संक्रमण दूर करेलौंग का इस्तेमाल काफी समय से संक्रमण और कीटाणुओं को दूर करने में किया जाता है। इसका इस्तेमाल कटे पर, छीलने पर, कीड़ा काटने पर और सूजन आदि पर किया जाता है। यदि आप किसी प्रकार के संक्रमण से पीडि़त हैं, तो तिल के तेल को लौंग के साथ लें। लौंग के तेल को तिल के साथ मिला कर प्रभावित जगह पर लगा सकते हैं।ध्यान रखें: यदि आपकी त्वचा सेंसिटिव है, तो आप लौंग के तेल का इस्तेमाल ना करें। इससे त्वचा में लाल निशान पड़ सकते हैं और सूजन आ सकती है।
- रात का खाना लेने के बाद एसिडिटी की समस्या होना कोई अच्छी बात नहीं है। धीरे-धीरे यह समस्या आपके पूरे सिस्टम को खराब कर सकती है लेकिन सभी के घर में मौजूद होने वाली एक छोटी सी चीज का सेवन यदि आप शुरू कर दें तो आप लोगों को इस तरह से कोई समस्या नहीं होगी और आप बेफिक्री के साथ रात का भोजन कर सकेंगे। इलायची का सेवन करने से सीने में होने वाली जलन में भी राहत मिलती है पर इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आप रात के समय अधिक मसालेदार या तेल वाले भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। आगे चलकर गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। रात में आप इलायची पाउडर को दूध में डालकर भी पी सकते हैं।पाचन से जुड़ी समस्याओं से राहतकई सारे लोग आजकल रात के खाने के बाद एसिडिटी से परेशान हैं। खराब दिनचर्या और गलत आहार के सेवन के कारण अपच, कब्ज, एसिडिटी आदि की समस्याएं होती रहती हैं लेकिन यदि आप चाहते हैं कि आपको जल्द ही इन सभी समस्याओं से जल्द छुटकारा मिले तो खाने के बाद इलायची का सेवन शुरू कर दें। इलायची खाने से आप आसानी से रात का भोजन कर सकेंगे और आपको किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी। आप बिना डरे रात का भोजन कर सकेंगे।सर्दी और खांसीसर्दी और खांसी होने पर भी आपके लिए इलायची का सेवन बहुत फायदेमंद रहेगा। मौसम बदलने के साथ सर्दी और खांसी होना बिल्कुल सामान्य है। सर्दी होने पर गले की खराश भी होती है जिसे कि इलायची खाकर मिटाया जा सकता है। सर्दी- खांसी को ठीक करने के लिए बनाए जाने वाले प्रमुख आयुर्वेदिक चूर्णों में भी इलायची का प्रयोग किया जाता है इसलिए इन समस्याओं के होने पर इलायची का सेवन जरूर करें।तनावयदि आपको महसूस हो रहा है कि आप तनावग्रस्त हैं तो इलायची आपके लिए बहुत काम की है। इलायची की सुगंध से तो आपका मन ठीक होगा ही है। साथ ही यदि आप इलायची की चाय का सेवन करेंगे तब तो आपका दिमाग हल्का होगा और आप बेहतर महसूस करने लगेंगे। प्रतिदिन सवेरे इसका सेवन करने से खुद-ब-खुद आपका दिन बेहतर होने लगेगा इसलिए दो से तीन दिन के लिए इलायची का सेवन जरूर करें।==
- हरी धनिया किसी भी डिश की महक और स्वाद को बढ़ाने के लिए हरे धनिए का खूब इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाती है बल्कि हमें कई फायदे भी पहुंचाती है? धनिया के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है. साथ ही ये आंखों की रोशनी को भी बढ़ाने में मददगार है.हरी धनिया में विटामिन ए, पोटैशियम, कैल्शियम, विटामिन सी और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. विटामिन ए और सी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. विटामिन ए और सी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करते हैं. देश के मशहूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं या फिर डायबिटीज से पीड़ित हैं तो धनिया का सेवन आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.पेट की समस्याओं को दूर करने में हेल्पफुलआयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो खाने में धनिया को शामिल करें. ये पेट की समस्याओं को दूर कर पाचनशक्ति को मजबूत बनाने में मददगार है. इसके ताजे पत्तों को छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिल सकता है.कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी हेल्पफुलहरी धनिया कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी हेल्पफुल है. इसमें पाए जाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं. कोलेस्ट्रॉल में हरा धनिया ही नहीं बल्कि धनिया के बीज भी फायदेमंद माने जाते हैं.डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंदडायबिटीज रोगियों के लिए भी हरी धनिया फायदेमंद है. ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. डॉक्टर अबरार मुल्तानी बताते हैं कि हरी धनिया का नियमित सेवन करने से ब्लड में इंसुलिन की मात्रा को कंट्रोल किया जा सकता है.आंखों के लिए फायदेमंदहरी धनिया में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है. विटामिन ए आंखों के लिए अच्छा माना जाता है. रोजाना हरी धनिया का सेवन करने से आंखों की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है.=
- गर्मियों में घर में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर किसी को आम पसंद होता है. यह फल न सिर्फ स्वाद ही नहीं पोषक तत्वों का भी भंडार है. आम खाने से आप कई तरह की बीमारियों से भी दूर रह सकते हैं. बच्चों की सेहत के लिहाज से भी आम बहुत फायदेमंद है. अगर आपका बच्चा 8 महीने से ज्यादा का है तो आप उसे आम खिला सकते हैं. डाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह कहती हैं कि शिशु के लिए सबसे पौष्टिक फलों में से एक आम भी है. इससे आंखों की रोशनी तेज होती है, पाचन ठीक रहता है और मस्तिष्क के विकास में मदद मिलती है एवं माइक्रोबियल संक्रमण से लड़ने में भी आम सहायक होता है.बच्चों के लिए क्यों खास है आमआम में टरपीन, एस्टर और एल्डिहाइड जैसे एंजाइम्स एवं बायो-केमिकल होते हैं, जो पाचन में सुधार लाते हैं. पके आम में विटामिन ए होता है, जो शिशु की आंखों को तेज करता है. इसमें विटामिन सी, बी, आयरन, प्रोटैशियम और प्रोटीन भी प्रचुर मात्रा में होता है. यह एक स्वस्थ्य शरीर के लिए जरूरी तत्व माने जाते हैं.किन बच्चों को खिला सकते हैं आमडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह की मानें तो आप शिशु को लगभग 8 से 10 महीने का होने के बाद आम खिला सकते हैं. आम में मौजूद फाइबर की उच्च मात्रा बच्चों के पाचन को दुरुस्त रखकर दस्त होने से रोकता है. मैंगो शेक शारीरिक तौर पर कमजोर बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होता है.तुरंत एनर्जी देता है आमबच्चों में एनर्जी की कमी होने से वो जल्दी थकते हैं. ऐसे में आम उन्हें तुरंत एनर्जी देता है. आम में बच्चों के विकास के लिए ज़रूरी सभी विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं. आम में एनर्जी देने वाले विटामिन बी 6 और बी 2 भी होते हैं. ऐसे में बच्चों को शाम के वक्त आम खिला सकते हैं.दिमाग और हड्डियों के विकास में फायदेमंदआम में ऐसे कई पौष्टिक तत्व होते हैं, जिनसे दिमाग और हड्डियों तेजी से विकास करती हैं. आम में कैल्शियम और बेटा कैरोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है. इसके अलावा आम में पाया जाने वाला विटामिन ए भी हड्डियों को मजबूत रखता है. आम में पाया जाने वाला विटामिन बी और विटामिन ई दिमाग की तेज करता है.आंखो और हार्ट के लिए लाभकारीआम में विटामिन ए होता है, जो कि आंखो की रोशनी बढ़ाता है. आम के बायोकेमिकल्स आंखो को सन डैमेज से भी बचाते हैं. वहीं हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए भी आम बहुत जरूरी है. आम में पोटेशियम और मैग्नीशियम भी होता है. जिससे रक्तचाप भी बेहतर रहता है. इसलिए आपको रोज एक आम बच्चे को जरूर खिलाना चाहिए.इम्यूनिटी मजबूत करता है आमडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह के अनुसार, आम में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. बच्चों की इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए आपको आम जरूर देना चाहिए. आम किसी भी तरह के इंफेक्शन से लड़ने की ताकत देता है. आम में विटामिन ई और विटामिन बी 6 होते हैं, जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है.--
- लौकी का सेवन तो प्राय: सभी करते हैं। लौकी के फायदों से भी कोई अंजान नहीं है। लेकिन अधिकांश लोग लौकी खाने के बाद उसके छिलकों को फेंक देते हैं, लेकिन लौकी के छिलके भी हमारी कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का हल हैं। लौकी के छिलके में विटामिन बी 1, बी 6 और बी3 आदि पाए जाते हैं। साथ ही इसमें मैग्नीशियम और पोटैशियम की भी प्रचुरता होती है, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं। लौकी के छिलके त्वचा संबंधी परेशानियों को दूर करने में भी काफी फायदेमंद होते हैं। यह त्वचा पर हो रहे दाग धब्बे, सन टैनिंग और सन बर्न जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं। चलिए जानते हैं लौकी के छिलकों से स्वास्थ्य को होने वाले कुछ फायदों के बारे में।1. सन टैनिंगधूप में झुलसी हुई त्वचा से आए दिन सभी परेशान रहते हैं। सन टैनिंग आज के समय में एक आम और परेशान कर देने वाली समस्या है। सन टैनिंग दूर करने के लिए लौकी के छिलके बहुत अच्छे होते हैं। लौकी के छिलकों से बना फेस पैक टैन्ड स्किन पर लगाने से कुछ ही दिनों में टैनिंग दूर हो जाती है। इसके लिए आप केवल लौकी के छिलकों को पीस लें और प्रभावित त्वचा पर कुछ समय के लिए लगा कर छोड़ दे। आप चाहे तो लौकी के छिलकों को सीधा स्किन पर रगड़ भी सकते है। इससे भी सन टैनिंग की समस्या दूर होती है।2. डल स्किनलौकी के छिलकों में मिनरल्स और विटामिन्स पाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। अगर आपकी भी स्किन डल हो गई है या स्किन का निखार खो गया है तो आप भी लौकी के छिलकों का एक ग्लोइंग स्किन फेस मास्क बना सकते हैं। इसके लिए लौकी के छिलकों को पीसकर उसमें चंदन पाउडर मिला लें और चेहरे पर 30 मिनट के लिए लगा कर छोड़ दें। इससे आपकी स्किन में नेचुरल ग्लो आएगा। साथ ही स्किन पर हो रहे दाग धब्बे भी कम हो सकेंगे।3. पाचन संबंधी समस्यालौकी के छिलकों में फाइबर की मात्रा भरपूर रूप से होती है। लौकी एक बहुत ही हेल्दी सब्ज़ी है। जितने फायदे लौकी के होते हैं लगभग उतने ही उसके छिलके के भी होते हैं। लौकी के छिलकों का सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। कब्ज, दस्त और एसिडिटी आदि की समस्या नहीं रहती है। लौकी के छिलकों से बड़ी टेस्टी सब्जी बनाकर आप इसके पाचन तंत्र के फायदे उठा सकते है। इसका सेवन करने से आपकी पाचन प्रक्रिया भी तेज होती है।4. बवासीरबवासीर यानी पाइल्स एक बहुत ही तकलीफ देने वाली बीमारी होती है। इस समस्या में एनस के बाहरी और अंदरूनी हिस्से में सूजन आ जाती है, जिसके कारण गुदा के हिस्से में मस्से जम जाते हैं। बवासीर के लिए लौकी के छिलके बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके लिए आप लौकी के छिलकों को धूप में सुखाकर पाउडर बना लें और इस पाउडर को पानी में मिलाकर नियमित रूप से पिया करें। इससे आपको इस समस्या में काफी आराम मिलेगा।5. जलनलौकी के छिलके की तासीर पूर्ण रूप से ठंडी होती है। इसलिए शरीर में हो रही किसी भी प्रकार की जलन से निपटने के लिए लौकी को काफी अच्छा माना जाता है। त्वचा पर हो रही जलन से राहत पाने के लिए लौकी का छिलका लें और इसे अपने हाथ, पैर या प्रभावित हिस्से पर धीरे-धीरे रगड़ें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। ठंडक पाने के लिए आप इसे अपने पैर के तलवों पर भी रगड़ सकते हैं।
- गर्मियों के मौसम में त्वचा की देखभाल बेहद जरूरी होती है. चेहरे के दाग-धब्बे हटाने और निखार वापस लाने के लिए लोग खूब मेहनत करते हैं. बाजार में ऐसे कई प्रोडक्ट उपलब्ध है, जो त्वचा को हेल्दी और चमकदार बनाए रखने का वादा करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी नींबू को अपने स्किन केयर प्रोडक्ट के लिस्ट में शामिल किया है? जी हां नींबू सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं, स्किन के लिए भी फायदेमंद साबित होता है. देश के मशहूर आयुर्वेदिक डॉक्टर अबरार मुल्तानी का कहना है कि नींबू के इस्तेमाल से बढ़ती उम्र की निशानियों को कम किया जा सकता है. नींबू स्वाद में अम्लीय होता है, साथ ही विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है. इसलिए यह तैलीय त्वचा के साथ जुड़े दाग-धब्बों को खत्म करने के लिए काफी असरदार होता है.दरअसल, नींबू का रस एसिडिक नेचर का होता है जो न केवल मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाता है, बल्कि त्वचा के काले या फीके पड़े भाग को भी खत्म करता है. इस खबर में आपको नींबू के फेस पैक के बारे में जानकारी दी जा रही है, जिसके इस्तेमाल से आप हेल्दी त्वचा पा सकते हैं.नैचुरल फेस स्क्रब का करें इस्तेमालआयुर्वेदिक डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, इस स्क्रब को तैयार करने के लिए आपको ठंडा दूध और ताजे नींबू के रस को बादाम पाउडर या संतरे के छिलके का पाउडर अथवा ओट्स के साथ मिलाना होगा. इसके बाद इस पेस्ट को त्वचा पर धीरे-धीरे लगाएं और फिर 10 मिनट के बाद हल्के गर्म पानी से धो लें.चेहरे के लिए एक प्राकृतिक ब्लीचइसके लिए आपको टमाटर का रस, नींबू का रस और दूध को एक समान मात्रा में लेकर अच्छे से मिलाना होगा और पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाना होगा. लगाने के 10 मिनट बाद अपना चेहरा अच्छे से धो लें.ऑयली त्वचा के लिए फेस पैकसबसे पहले आधा चम्मच हल्दी पाउडर, 2 चम्मच नींबू का रस, 3 चम्मच पपीते के गूदे को अच्छे से मिलाकर पेस्ट बनाएं. फिर पूरे चेहरे पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो लें.सूखी त्वचा के लिएइसके लिए आपको 3 चम्मच नींबू का रस और आवश्यकता अनुसार शहद और आधा चम्मच पत्ता गोभी (उबला हुआ और कुचला हुआ) को मिलाकर पेस्ट बनाना होगा. अब इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 10 मिनट के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें.फेस क्लींजर के रूप में करें इस्तेमालइसके लिए आपको एक पके केले को अच्छे से मैश करना है. फिर उसमें थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बनाएं. इस पेस्ट को चेहरे और हाथ पर लगाएं फिर 10 मिनट बाद ठंडे पानी से अच्छे से धो लें.
- आप एक मजबूत और फिट शरीर की चाहत रखते हैं तो आपकी हड्डियां भी मजबूत होनी चाहिए, क्योंकि अगर हड्डियां ही कमजोर होंगी तो शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बात चाहे उठने-बैठने की हो या फिर दौड़ने की. हर जगह आपको यह प्रॉब्लम फेस करनी पड़ सकती है. वैसे तो अर्थराइटिस की समस्या आमतौर पर बढ़ती उम्र या आनुवांशिक हो सकती है, लेकिन कई बार खराब लाइफस्टाइल की वजह से आपकी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सेहत पर ध्यान कम देते हैं. अच्छी देखभाल के अभाव में हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि उनके अप्रत्याशित फ्रैक्चर तक का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आपको लाइफस्टाइल से कुछ गलत आदतों को निकालना चाहिए. इस खबर में हम आपको उन गलत हैबिट्स के बारे में बता रहते हैं, जिन्हें छोड़ देना कितना जरूरी है.दिनचर्या में वॉकिंग, जॉगिंग, व्यायाम, योगा शामिल करेंडाइटिशियन डॉ. रंजना सिंह के अनुसार, जो लोग दिन भर बैठे रहते हैं और व्यायाम आदि नहीं करते उन्हें बोन्स डिजीज होने की संभावना अधिक हो जाती है. क्योंकि मसल्स की तरह ही बोन भी वर्कआउट करने से स्टॉन्ग बनते हैं. इसके लिए आप रोज अपने दिनचर्या में वॉकिंग, जॉगिंग, व्यायाम, योगा आदि को शामिल करें.तंबाकू का सेवन छोड़ देंडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह के अनुसार जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं उनके बोन्स की डेन्सिटी बहुत ही कम हो जाती है जिससे कई तरह की बोन्स डिजीज होने की संभावना अधिक हो जाती है. स्मोकिंग करने से फ्री रेडिकल्स बढ़ते हैं, जो बोन्स को बनने वाले सेल्स को मार देते हैं. इतना ही नहीं, इसके सेवन से ऐसे हार्मोन्स रिलीज होते हैं जो बोन्स को कमजोर करते चले जाते हैं. यही वजह है कि मजूबत हड्डियों के लिए आपको स्मोकिंग और तंबाकू से तौबा कर लेना चाहिए.अत्यधिक नमक का सेवन न करेंअगर आप भी ज्यादा नमक का सेवन कर रहे हैं तो ऐसा करना बंद कर दें. क्योंकि यह आपके बोन्स के लिए खतरनाक हो सकता है. शरीर में जब अत्यधिक सोडियम इंटेक बढ़ जाए तो बोन की डेंसिटी में तेजी से गिरावट हो सकती है, जो खतरनाक है.धूप लेना शुरू कर देंधूप विटामिन डी का सबसे बड़ा सोर्स है, जिसके अभाव में बोन्स पतले और कमजोर हो सकते हैं. इसलिए अगर आप दिनभर घर के अंदर रहते हैं तो यह आपकी बोन्स के लिए बुरी खबर है.ज्यादा से ज्यादा पानी पीएंडाइटिशियन डॉ. रंजना सिंह के अनुसार, हेल्दी बोन्स के लिए कैल्शियम और विटामिन डी सेप्लिमेंट बहुत जरूरी है. ऐसे में भोजन में विटामिन डी और कैल्शियम रिच फूड का सेवन करें. इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.
- हर साल 7 जून को वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे (विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस) मनाया जाता है. साल 2021 के लिए वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की थीम 'स्वस्थ कल के लिए आज सुरक्षित भोजन' रखी गई है. इस दिन की घोषणा दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा और खाद्य कृषि संगठन ने मिलकर की थी. जिससे पूरे विश्व को खाद्य सुरक्षा और खराब खाद्य पदार्थ से होने वाले रोगों के प्रति जागरूक किया जा सके. आप सभी को गर्मियों में दूध या खाना खराब होने की समस्या से जूझना पड़ता ही होगा. इससे आपका सामान भी खराब होता है और संक्रमित या खराब आहार खाने से फूड पॉइजनिंग या खाद्य जनित रोगों का खतरा हो सकता है. लेकिन कुछ आसान ट्रिक्स की मदद से आप गर्मियों में दूध या खाने को खराब होने से बचा सकते हैं.खराब खाने से हो सकती हैं करीब 200 बीमारियांडब्ल्यूएचओ के मुताबिक अनसेफ व खराब खाने में खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और कैमिकल सब्सटांस हो सकते हैं, जो डायरिया (Diarrohea) से लेकर कैंसर तक करीब 200 बीमारियों का कारण बन सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में हर 10 में से 1 व्यक्ति संक्रमित या खराब खाना खाने से बीमार पड़ता है और हर साल करीब 4 लाख 20 हजार लोग फूडबोर्न डिजीज (Foodborne Disease) से मर जाते हैं. खराब खाने से बच्चों के बीमार पड़ने का ज्यादा खतरा होता है.खाना खराब होने से बचाने वाली ट्रिक्सगर्मी के मौसम में आप जो खाना सुबह बनाते हैं, वो दोपहर या शाम तक खराब हो जाता है. अब वह चाहे दूध हो, फल हो या सब्जियां. लेकिन इन आसान ट्रिक्स को अपनाने के बाद आपको इस समस्या से राहत मिल जाएगी.00 अगर आपने चावल बनाए हैं और वह बच गए हैं, तो चिंता मत करिए. आप सिर्फ उन्हें एक ऐसे डिब्बे में बंद कर दीजिए, जिसमें हवा ना जा सके. अब इस डिब्बे को फ्रिज में रख दीजिए और फिर शाम या अगली सुबह आराम से खाइए.00 अगर आप कुछ घंटे पहले बनाई दाल का सेवन कर रहे हैं, तो उसे गर्म करना ना भूलें.0 गर्मियों में दूध फट जाने या खराब होने की स्थिति का कई बार सामना करना पड़ता है. लेकिन आप इस समस्या को रोक सकते हैं. इसके लिए आपको बस दूध को अच्छी तरह उबालना है और फिर रूम टेंप्रेचर यानी कमरे के तापमान पर आने के बाद फ्रिज में रख दें. अगर आपके पास फ्रिज नहीं है या लाइट नहीं है, तो एक बड़े बर्तन में सामान्य पानी भर लें और उसके बीच में दूध से भरा कटोरा रख दें.00 बीन्स या अन्य सूखी सब्जी को पकाने के दौरान उसमें थोड़ा-सा नारियल घिसकर डाल दें. नारियल डालने से सब्जी ज्यादा समय तक सुरक्षित रहेगी और नारियल के सेवन से फायदे अलग मिलेंगे.00 किसी भी खाद्य पदार्थ को पकाने या बनाने के बाद तुरंत फ्रिज में ना रखें. सबसे पहले उसे ठंडा होने दें और फिर फ्रिज में रखें.00 अगर आप ऑफिस में खाना लेकर आ रहे हैं, तो खाने को ठंडा होने पर ही टिफिन में रखें और ऑफिस में आकर खाना बैग से निकालकर रख दें. इससे आप खाना खराब होने पर भूखे रहने से बच जाएंगे.00 कच्ची सब्जियों व फलों को सबसे पहले अच्छी तरह धो लें. फिर उन्हें फ्रिज में रख दें. कोशिश करें कि फल या सब्जी कम मात्रा या उतना ही खरीदें, जितना कि आप दो से तीन दिन में खत्म कर सकते हैं.
- अगर आप भी गर्दन के कालेपन से परेशान हैं तो ये खबर आपके काम आ सकती है. इस खबर में हम आपके लिए काली गर्दन से छुटाकारा दिलाने वाले घरेलू उपाय के बारे में बता रहे हैं, इस उपाय को नियमित फॉलो कर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं. दरअसल, ज्यादातर लोग अपनी त्वचा की साफ- सफाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं, लेकिन गर्दन और कोहनियों की सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा के ये हिस्से काले नजर आते हैं. गर्दन के कालेपन से छुटकारा पाने के लिए लोग तरह – तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, जो कुछ समय बाद असर दिखाना बंद कर देते हैं.बादाम के तेल का उपयोगगर्दन के कालेपन को दूर करने के लिए आप बादाम के तेल की कुछ बूंदे लें और उसे अपनी गर्दन पर मालिश करें. तेल को शरीर में सोखने दें. बादाम के तेल में विटामिन ई और ब्लीचिंग एजेंट के गुण होते हैं. ये दोनों चीजें त्वचा की रंगत निखारने का काम करते हैं.एलोवेरा जेल का ऐसे करें उपयोगएलोवेरा के पौधे गर्दन के कालेपन को दूर कर सकते हैं. एलोवेरा के पौधे में विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो त्वचा में मेलेनिन के उत्पादन को कम करने में मदद करता है. सबसे पहले आप एलोवेरा जेल के पत्तों को काटकर जेल निकाल लें. इस जेल को अपनी गर्दन पर लगाएं और कुछ मिनटों के लिए स्क्रब करें. करीब आंधे घंटे तक जेल लगाएं रखें और बाद में पानी से धो लें.दही का ऐसे करें उपयोगकाली गर्दन को फेयर करने के लिए आप दही का उपयोग कर सकते हैं. दही में नेचुरल एंजाइम होते हैं जो त्वचा की रंगत को हल्का करने में मदद करता है. इसके लिए आप दो बड़े चम्मच दही लें और इसे गर्दन पर लगाएं . दही को गर्दन पर 15 मिनट तक लगाएं रखें और फिर पानी से धो लें. ऐसा करने से भी गर्दन का कालापन दूर होता है.आलू का ऐसे करें उपयोगदरअसल, आलू में ब्लीचिंग गुण होते हैं, जो त्वचा की रंगत को निखारने में मदद करता है. इसके लिए आपको एक आलू को कद्दू कर जूस निकालना है. इस जूस को अपनी गर्दन पर लगाना है और करीब 15 मिनट के लिए उसे वैसा ही छोड़ दें. इसके बाद पानी से धो लें.
- अच्छे दिन की शुरुआत करने के लिए हेल्दी और हैवी ब्रेकफास्ट लेना जरूरी है. इसके लिए खाली पेट गुनगुने पानी के साथ शहद पीने से दिन की शुरुआत करें. नाश्ते में विटामिन, प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले फूड जरूर खाएं. सुबह के नाश्ते में फलों को शामिल करें. ठीक से किया गया पौष्टिक नाश्ता शरीर को एनर्जी देता है. डाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह बताती हैं कि प्रोटीन को अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा शामिल करें, जैसे स्प्राउट्स, उबला अंडा, चना, सोयाबीन, दूध सुबह से लें. इससे भूख कम लगेगी और शरीर दिनभर एनर्जी से भरा रहेगा.भीगा हुआ बादाम खाएंनाश्ते में आप बादाम को शामिल कर सकते हैं. यह कई पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है. सुबह खाली पेट भीगा हुआ बादाम खाने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. बादाम में शरीर के लिए जरूरी विटामिन, मैंगनीज, प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होते हैं, जो स्वस्थ्य शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं. इसलिए आप मुठ्ठीभर बादाम को अपने डेली ब्रेकफास्ट डाइट में जरूर शामिल करें.सेब और संतरा का सेवनडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह की मानें तो आप सुबह-सुबह सेब और संतरा दोनों फलों का सेवन कर सकते हैं. यह दोनों ऐसे फ्रूट हैं, जिन्हें ब्रेकफास्ट में खाने की सलाह दी जाती है. इससे शरीर को एनर्जी मिलने के साथ-साथ इम्यूनिटी भी बढ़ती है. नाश्ते में सेब या संतरा खाने से पाचन तंत्र बेहतर रहता है और बॉडी का मेटाबॉलिक रेट भी सही होता है.एक अंडे का सेवनडाइट एक्सपर्ट्स डॉ. रंजना सिंह कहती हैं कि रोजाना ब्रेकफास्ट में अंडे का सेवन करने से शरीर में कई बीमारियों को दूर रखने की ताकत बनी रहती है, क्योंकि अंडे में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं. अंडे में विटामिन डी मौजूद होता है, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है. रोज एक अंडा खाने से आप पूरे दिन की विटामिन डी की खुराक पूरी कर सकते हैं.एक कटोरी दही का सेवनरंजना सिंह सलाह देती हैं कि हर किसी को नाश्ते में एक कटोरी दही को जरूर शामिल करना चाहिए. दही हमारी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ब्रेकफास्ट में दही खाने से कई फायदे होते हैं. दही में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं, जो आपके पेट को साफ रखते है और आपका पाचन भी अच्छा रहता है.