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बेंगलुरु. हॉकी इंडिया ने 15 सितंबर से नौ अक्टूबर तक होने वाले राष्ट्रीय कोचिंग शिविर के लिए शनिवार को 33 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम की घोषणा की। यह शिविर बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के परिसर में लगेगा। यह शिविर 11 से 20 नवंबर तक बिहार के नवनिर्मित राजगीर स्टेडियम में खेली जाने वाली महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम की तैयारी की शुरुआत होगी। भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आगामी राष्ट्रीय महिला कोचिंग शिविर महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के लिए हमारी तैयारियों में एक महत्वपूर्ण कदम है। '' उन्होंने कहा, ‘‘यह शिविर हमें उन क्षेत्रों पर काम करने का मौका देगा जिनमें सुधार की आवश्यकता है। एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी पहली बार राजगीर में आयोजित की जा रही है। यह हमारी टीम के लिए घरेलू सरजमीं पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का अच्छा मौका है। '' उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने कौशल, फिटनेस, ‘टीम वर्क' को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ''
भारतीय महिला टीम ने पिछली बार एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2023-24 सत्र में हिस्सा लिया था जिसमें उसने अर्जेंटीना, बेल्जियम, जर्मनी और ब्रिटेन जैसी टीमों का सामना किया था। कप्तान सलीमा टेटे और उप कप्तान नवनीत कौर के नेतृत्व में तथा हरेंद्र के मार्गदर्शन में टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था। - नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने गुरुवार को देश के पैरा खिलाड़ियों को हाल में संपन्न पेरिस पैरालंपिक में उनके शानदार प्रदर्शन के बाद मासिक छात्रवृत्ति और चिकित्सा बीमा प्रदान करने का वादा किया। भारतीय दल ने पेरिस पैरालंपिक में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य सहित 29 पदक हासिल करके इतिहास रच दिया। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने पैरा खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए घोषणा की कि इंडियन ऑयल पैरा खिलाड़ियों के लिए मासिक छात्रवृत्ति, चिकित्सा बीमा और खेल किट शुरू करेगा। इंडियन ऑयल के अध्यक्ष और निदेशक (मार्केटिंग) वी सतीश कुमार ने गुरुवार को यहां एक सम्मान समारोह के दौरान कहा, ‘‘इंडियन ऑयल को इस अविश्वसनीय यात्रा में उनका समर्थन करने पर गर्व है और हम उनके साथ खड़े रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि वे बैरियर तोड़ना और उत्कृष्टता हासिल करना जारी रखते हैं। ''
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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां अपने आवास पर भारत के पैरालंपियन खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें हाल ही में संपन्न पेरिस खेलों में रिकॉर्ड 29 पदक जीतने के लिए बधाई दी। खेल मंत्रालय द्वारा साझा किए गए 43 सेकेंड के वीडियो में प्रधानमंत्री को पैरालंपियन पदक विजेताओं को बधाई देते और उनसे बात करते हुए देखा जा सकता है। इस बातचीत के दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया और भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के प्रमुख देवेंद्र झाझडिया भी मौजूद थे। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) स्पर्धा में लगातार दूसरा पैरालंपिक स्वर्ण जीतने वाली निशानेबाज अवनि लेखरा और पैरालंपिक पदक जीते वाले भारत के पहले जूडो खिलाड़ी दृष्टिबाधित कपिल परमार उन लोगों में शामिल थे जिन्हें प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर खिंचवाते देखा गया। परमार को प्रधानमंत्री मोदी से अपने पदक पर हस्ताक्षर करवाते देखा गया।
इस दौरान एक भावुक पल में प्रधानमंत्री मोदी भाला फेंक खिलाड़ी नवदीप सिंह से बातचीत के दौरान विनम्रतापूर्वक टोपी स्वीकार करने के लिए फर्श पर बैठ गए। बौनेपन के कारण एफ41 वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाले नवदीप ने भी प्रधानमंत्री से अपने उस हाथ पर हस्ताक्षर करवाए जिसका इस्तेमाल वह भाला फेंकने के लिए करते हैं। पेरिस में राकेश कुमार के साथ मिलकर मिश्रित टीम कंपाउंड वर्ग कांस्य पदक जीतने वाली बिना हाथ वाली तीरंदाज शीतल देवी ने मोदी को हस्ताक्षर वाली जर्सी भेंट की। उन्होंने अपने पैर से जर्सी पर हस्ताक्षर किए। खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री का आभार जताया और उनकी सराहना की। चक्का फेंक एफ56 वर्ग के रजत पदक विजेता योगेश कथुनिया ने कहा, ‘‘सभी के लिए पीएम का मतलब प्रधानमंत्री है लेकिन हम सभी के लिए पीएम का मतलब परम मित्र है।'' भारत ने पैरालंपिक खेलों में 29 पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया जिसमें अभूतपूर्व सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य पदक शामिल हैं। पेरिस खेलों में भारत के 84 सदस्यीय दल ने हिस्सा लिया और तीन साल पहले तोक्यो खेलों में हासिल किए गए 19 पदकों के पिछले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को पीछे छोड़ दिया। इन खेलों के दौरान भारत ने पहली बार एथलेटिक्स की ट्रैक स्पर्धओं में पदक जीतने के अलावा तीरंदाजी में पहली बार स्वर्ण (हरविंदर सिंह के माध्यम से) पदक जीता। स्वदेश लौटने पर पैरालंपियन खिलाड़ियों को सरकार द्वारा सम्मानित किया गया है और खेल मंत्री मांडविया ने स्वर्ण पदक विजेताओं को 75 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 50 लाख रुपये और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 30 लाख रुपये का पुरस्कार दिया। तीरंदाज शीतल जैसे मिश्रित टीम स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 22.5 लाख रुपये की राशि मिली। - मंगलुरु। निथिक नाथेला, दानुश सुरेश, बी बेनेडिक्टॉन रोहित और आदित्य दिनेश की चौकड़ी ने गुरुवार को यहां सीनियर राष्ट्रीय तैराकी चैंपियनशिप के तीसरे दिन पुरुषों की चार गुणा 100 मीटर मेडले रिले के दौरान 5.66 सेकेंड का समय लेकर तमिलनाडु के लिए एक नया राष्ट्रीय मीट रिकॉर्ड बनाया। इस चौकड़ी ने 2022 में एसएससीबी (सेना खेल नियंत्रण बोर्ड) द्वारा बनाये 3:47.22 सेकेंड के पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। कर्नाटक के आकाश मणि, विदिथ एस शंकर, कार्तिकेयन नायर और श्रीहरि नटराज ने 3:46.09 सेकेंड के समय के साथ रिकॉर्ड तोड़ा लेकिन दूसरे स्थान पर रहे। कर्नाटक के अनीश एस गौड़ा ने पुरुषों की 1500 मीटर फ्रीस्टाइल के दूसरे लैप में ही बढ़त बनाकर स्वर्ण पदक जीता। वह 16:06.11 सेकेंड के समय से पहले स्थान पर रहे जबकि कर्नाटक के दर्शन एस 16:16.83 सेकेंड के साथ दूसरे स्थान पर रहे। महिलाओं की 800 मीटर फ्रीस्टाइल स्पर्धा में तेलंगाना की वृत्ति अग्रवाल ने 9:16.14 सेकेंड से शीर्ष स्थान हासिल किया। रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड के बिक्रम चांगमई 2:02.76 सेकेंड से पहले स्थान पर रहे।
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हुलुनबुइर (चीन) .कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से गत चैम्पियन भारत ने बृहस्पतिवार को कोरिया को 3 . 1 से हराकर हीरो एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी में लगातार चौथी जीत दर्ज की । पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत ने चीन को 3 . 0 से, जापान को 5 . 0 और मलेशिया को 8 . 1 से हराया था । सेमीफाइनल में जगह बना चुकी भारतीय टीम अब शनिवार को आखिरी लीग मैच में पाकिस्तान से खेलेगी ।
छह टीमों के टूर्नामेंट में शीर्ष चार टीमें सेमीफाइनल के लिये क्वालीफाई करेंगी जो सोमवार को खेला जायेगा जबकि फाइनल मंगलवार को होगा । भारत ने शानदार फॉर्म बरकरार रखते हुए पहले ही क्वार्टर में दो गोल की बढत बना ली । मलेशिया के खिलाफ दो गोल करने वाले अराइजीत सिंह हुंडल ने आठवें मिनट में पहला गोल किया । इसके बाद विश्व के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकरों में शुमार हरमनप्रीत ने नौवें और 43वें मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर तब्दील किये । कोरिया के लिये एकमात्र गोल 30वें मिनट में जिहुन यांग ने पेनल्टी कॉर्नर पर दागा ।
भारत ने एक बार फिर आक्रामक शुरूआत की और सुखजीत सिंह के पास पर अराइजीत ने पहला गोल दागा । इसके एक मिनट बाद ही मलेशिया के खिलाफ हैट्रिक लगाने वाले राजकुमार पाल ने भारत को पेनल्टी कॉर्नर दिलाया जिस पर हरमनप्रीत ने गोल किया । भारत के रिजर्व गोलकीपर सूरज करकेरा ने प्रभावी प्रदर्शन किया और दूसरे क्वार्टर में कोरिया को गोल नहीं करने दिया । दूसरे क्वार्टर में कोरिया ने भारतीय गोल पर कई हमले बोले और आखिरी मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर यांग ने गोल दाग दिया । कोरिया को 35वें मिनट में लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन भारतीय डिफेंस मुस्तैद था । भारत को दो मिनट बाद दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोल नहीं हो सका । हरमनप्रीत ने 43वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल करके भारत की बढत 3 . 1 की कर दी । चौथे क्वार्टर की शुरूआत में जरमनप्रीत सिंह ने एक पेनल्टी कॉर्नर गंवाया लेकिन कोरियाई टीम उस पर गोल नहीं कर सकी ।
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दुबई. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2023 में हुए एकदिवसीय विश्व कप से 1.39 अरब डॉलर का ‘आर्थिक प्रभाव' पैदा हुआ जिसमें सबसे अधिक लाभ पर्यटन क्षेत्र को हुआ। नीलसन द्वारा आईसीसी के लिए किए गए आर्थिक प्रभाव आकलन में दावा किया गया है कि पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में आयोजित यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता अब तक का सबसे बड़ा एकदिवसीय विश्व कप था। आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ अलार्डिस ने एक बयान में कहा, ‘‘आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 ने क्रिकेट की महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति का प्रदर्शन किया है जिससे भारत को 1.39 अरब डॉलर (11,637 करोड़ रुपये) का आर्थिक लाभ हुआ है।'' ऑस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट के फाइनल में भारत के विजयी अभियान पर विराम लगाते हुए रिकॉर्ड छठी बार खिताब जीता। आईसीसी के बयान में कहा गया है, ‘‘मेजबान शहरों में पर्यटन के क्षेत्र में 86 करोड़ 14 लाख डॉलर का राजस्व सृजन हुआ जिसमें आवास, यात्रा, परिवहन और खाद्य एवं पेय पदार्थ शामिल हैं क्योंकि मैचों के लिए बड़ी संख्या में घरेलू और विदेशी पर्यटक पहुंचे।'' आईसीसी ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि रिपोर्ट में जिन आंकड़ों का जिक्र किया गया वह वास्तविक राजस्व है या नहीं। रिपोर्ट में दावा किया गया कि एकदिवसीय विश्व कप को रिकॉर्ड 12 लाख 50 हजार दर्शकों ने स्टेडियम में देखा और इनमें से लगभग 75 प्रतिशत लोग पहली बार आईसीसी का 50 ओवर का मुकाबला देखने पहुंचे। आईसीसी के बयान के अनुसार, ‘‘जिन अंतरराष्ट्रीय प्रशंसकों से बात की गई उनमें से 55 प्रतिशत पहले भी नियमित रूप से भारत का दौरा कर चुके थे जबकि विश्व कप के कारण 19 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय प्रशंसकों ने पहली बार भारत का दौरा किया।'' बयान में कहा गया, ‘‘अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने अपने प्रवास के दौरान कई पर्यटन स्थलों का दौरा किया जिससे 28 करोड़ 12 लाख डॉलर का आर्थिक प्रभाव पड़ा और लगभग 68 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे भविष्य में अपने मित्रों और परिवार के सदस्यों को पर्यटन स्थल के रूप में भारत की सिफारिश करेंगे जिससे भारत की वैश्विक छवि और बेहतर होगी।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि टूर्नामेंट के आयोजन में प्रत्यक्ष भागीदारी के साथ-साथ आतिथ्य क्षेत्र के अन्य संगठनों द्वारा 48,000 से अधिक पूर्ण और अंशकालिक नौकरियां सृजित की गईं।
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हुलुनबुइर (चीन) .गत चैम्पियन भारत ने बुधवार को यहां हीरो एशियाई चैम्पियंस ट्राफी हॉकी टूर्नामेंट में मलेशिया को 8-1 से हराकर लगातार तीसरी जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल के लिए क्वालीफाई किया। राज कुमार पाल ने तीसरे, 25वें और 33वें मिनट में तीन गोल दागे जबकि अराईजीत सिंह हुंडल ने छठे और 39वें मिनट में दो गोल किये। जुगराज सिंह ने सातवें, हरमनप्रीत सिंह ने 22वें और उत्तम सिंह ने 40वें मिनट में एक एक गोल दागे। मलेशिया के लिए अखिमुल्लाह अनुवर ने 34वें मिनट में एक गोल किया।
भारत अभी तीन जीत से नौ अंक लेकर तालिका में शीर्ष पर है।
छह टीम का टूर्नामेंट राउंड रॉबिन प्रारूप में खेला जा रहा है और शीर्ष पर रहने वाली चार टीमें 16 सितंबर को होने वाले सेमीफाइनल में जगह बनायेंगी जबकि 17 सितंबर को फाइनल खेला जायेगा।
- नयी दिल्ली । हॉकी को अलविदा कह चुके महान गोलकीपर पी आर श्रीजेश ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला पत्र सोशल मीडिया पर साझा किया है जिसमें प्रधानमंत्री ने खेल में उनके योगदान की सराहना करते हुए विश्वास जताया है कि वह नये राष्ट्रीय जूनियर कोच के रूप में भी उतने ही प्रभावी होंगे । तोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस में कांस्य जीतने के बाद श्रीजेश ने हॉकी से विदा ली ।भारतीय हॉकी की दीवार कहे जाने वाले श्रीजेश एशियाई खेलों में दो स्वर्ण और चैम्पियंस ट्रॉफी में दो रजत भी जीत चुके हैं । हॉकी इंडिया ने उन्हें जूनियर टीम का नया मुख्य कोच बनाया है ।प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में लिखा ,‘‘ मुझे विश्वास है कि नयी भूमिका में भी आपका काम उतना ही प्रभावी और प्रेरणास्पद होगा ।'' उन्होंने 16 अगस्त को लिखे पत्र में कहा ,‘‘ आपने खेल से विदा लेने का फैसला किया है और मैं भारतीय हॉकी में आपके अपार योगदान की ह्रदय से सराहना करता हूं ।'' श्रीजेश ने प्रधानमंत्री मोदी का पत्र साझा करते हुए एक्स पर लिखा ,‘‘ मेरे संन्यास पर नरेंद्र मोदी सर का पत्र मिला । हॉकी मेरा जीवन है और मैं खेल की सेवा करता रहूंगा । भारत को हॉकी की महाशक्ति बनाने के लिये काम करता रहूंगा जिसकी शुरूआत 2020 और 2024 ओलंपिक पदकों से हो गई है । मुझ पर विश्वास जताने के लिये धन्यवाद प्रधानमंत्री सर ।'' श्रीजेश के कैरियर के बारे में मोदी ने 2014 एशियाई खेलों में उनके प्रदर्शन को याद किया । इसके अलावा रियो , तोक्यो और पेरिस ओलंपिक में उनके प्रदर्शन का भी जिक्र किया । उन्होंने लिखा ,‘‘ ऐसी अनगिनत यादें हैं और इनके लिये एक पत्र पर्याप्त नहीं है ।''उन्होंने लिखा ,‘‘आपको मिले विभिन्न पुरस्कार, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक बताते हैं कि आपने किन ऊंचाइयों को छुआ है । लेकिन इसके बावजूद आपकी विनम्रता और गरिमा , मैदान से भीतर और बाहर , प्रशंसनीय है ।'' प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा ,‘‘ मुझे विश्वास है कि आपका जुनून, प्रतिबद्धता और समर्पण अगली पीढी के विश्व विजेताओं को तैयार करेगा ।मैं आपको आपके अथक समर्पण, शानदार कैरियर और भारत को गौरवान्वित करने के लिये धन्यवाद देता हूं । इन सभी यादों के लिये धन्यवाद और भविष्य के लिये शुभकामना ।''
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बुडापेस्ट. डी हरिका और आर वैशाली की अगुवाई वाली शीर्ष वरीयता प्राप्त भारतीय महिला टीम बुधवार से यहां शुरू होने वाले 45वें शतरंज ओलंपियाड में पोडियम पर पहुंचने की मजबूत दावेदार होगी जबकि डी गुकेश की अगुवाई वाली पुरुष टीम से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। कोनेरू हम्पी इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले रही हैं लेकिन इससे भारत की संभावनाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए क्योंकि वैशाली ने हाल में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई है। हम्पी की गैर मौजूदगी में शीर्ष बोर्ड पर ग्रैंडमास्टर डी हरिका होंगी। उनके बाद अन्य बोर्ड पर वैशाली, दिव्या देशमुख और वंतिका अग्रवाल अपनी चुनौती पेश करेगी। तानिया सचदेव को रिजर्व खिलाड़ी के रूप में टीम में चुना गया है लेकिन उन्हें भी कुछ मैच में उतारा जा सकता है। चीन प्रतियोगिता में अपनी कमजोर टीम उतार रहा है। अगर विश्व रेटिंग पर गौर करें तो उसकी शीर्ष चार खिलाड़ी टीम में शामिल नहीं हैं। रूस प्रतिबंध लगे होने के कारण लगातार दूसरी बार इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाएगा जबकि यूक्रेन भी अपनी मजबूत टीम नहीं उतार पा रहा है। ऐसे में भारतीय महिला टीम अनुभव और युवा का अच्छा मिश्रण है जिससे उसकी पदक जीतने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। जॉर्जिया को भारतीय महिला टीम के बाद दूसरी वरीयता दी गई है। उसके बाद पोलैंड, चीन और यूक्रेन का नंबर आता है। ओपन वर्ग में अमेरिका प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगा। उसकी तरफ से फैबियानो कारूआना शीर्ष बोर्ड पर होंगे, लेकिन उसे निश्चित रूप से हिकारू नाकामुरा की कमी खलेगी। भारतीय टीम में विदित गुजराती, आर प्रज्ञाननंदा, डी गुकेश, अर्जुन एरीगेसी और पी हरिकृष्णा शामिल हैं। भारत ने पिछली बार कांस्य पदक जीता था और टीम इस बार उससे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध होगी। भारतीय टीम को इस बार दूसरी वरीयता दी गई है। चीन ने ओपन वर्ग में मजबूत टीम उतारी है जिसमें शीर्ष बोर्ड पर मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरेन शामिल हैं। चीन की टीम को तीसरी वरीयता दी गई है। ओपन और महिला दोनों वर्गों में प्रारूप 11 राउंड का होगा और विजेता टीमों को प्रत्येक जीत के लिए दो मैच प्वाइंट मिलेंगे। प्रतियोगिता के ओपन वर्ग में 191 और महिला वर्ग में 180 टीमों के भाग लेने की संभावना है।
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लुसाने (स्विट्जरलैंड) .अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के निवर्तमान अध्यक्ष तैयब इकराम को नौ नवंबर को ओमान के मस्कट में वैश्विक संचालन संस्था की 49वीं कांग्रेस में निर्विरोध दोबारा अध्यक्ष चुना जाना तय है। एफआईएच चुनावों के लिए नामांकन की समस्य सीमा 31 अगस्त थी। एफआईएच के सदस्य राष्ट्रीय संघ अब इसकी वैधानिक कांग्रेस में पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे। इकराम का हॉकी से पुराना नाता है। पाकिस्तान और चीन के पूर्व हॉकी कोच आईओसी ओलंपिक सॉलिडेरिटी आयोग के सदस्य हैं और 2016 से एफआईएच के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य हैं। पांच नवंबर 2022 को उन्हें एफआईएच का 13वां अध्यक्ष चुना गया। एफआईएच चुनाव निरीक्षण पैनल (ईओपी) ने एफआईएच अध्यक्ष और एफआईएच साधारण कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों के पदों के लिए नामित सभी उम्मीदवारों का मूल्यांकन भी पूरा कर लिया है और यह निर्धारित किया है कि प्रस्तुत सभी नामांकन आवश्यक मानकों और मानदंडों को पूरा करते हैं। इकराम हांगकांग मकाऊ का प्रतिनिधित्व करते हुए अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार हैं। एफआईएच साधारण कार्यकारी बोर्ड की महिला सदस्य के दो पदों के लिए उरुग्वे की डनाये एंड्राडा बारियोस, जर्मनी की कैटरीन कौशके और जाम्बिया की हेजल कैनेडी के बीच मुकाबला है। पुरुष सदस्य के दो पद के लिए अर्जेंटीना के अल्बर्टो डेनियल बुडेस्की, नीदरलैंड के एरिक कॉर्नेलिसन और दक्षिण अफ्रीका के डियोन जेम्स मॉर्गन चुनौती पेश कर रहे हैं। ईओपी कांग्रेस के दौरान चुनाव प्रक्रिया का निरीक्षण करेगा।
ईओपी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एफआईएच चुनाव वैश्विक संचालन संस्था के विभिन्न नियमों के अनुरूप निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों। एफआईएच चुनाव में कोई भारतीय हिस्सा नहीं ले रहा। - नयी दिल्ली. जापान के आइची-नागोया में आयोजित होने वाले 2026 एशियाई खेलों में खेल गांव नहीं होगा और खिलाड़ियों को होटलों तथा क्रूज जहाजों में ठहराया जाएगा। एशियाई खेलों में यह पहली बार होगा जब खिलाड़ियों के लिए कोई खेल गांव नहीं होगा।एशिया ओलंपिक परिषद की 44वीं आम सभा के दौरान जापान ओलंपिक समिति के पूर्व अध्यक्ष त्सुनेकाजू ताकेदा ने रविवार को यहां बताया कि आइची प्रांत और नागोया शहर द्वारा सह-मेजबानी की जाने वाली महाद्वीपीय आयोजन में कोई ओलंपिक गांव नहीं होगा। ताकेडा ने खेलों की तैयारियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘‘हमारे पास खेल गांव नहीं होगा क्योंकि खेल दो प्रांतों में आयोजित किए जाएंगे। इसके बजाय हम एथलीटों और गणमान्य व्यक्तियों को होटलों और क्रूज जहाजों में ठहराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।'' 2026 एशियाई खेलों के उपाध्यक्ष ताकेडा ने कहा, ‘‘हमने होटल के कमरों के अलावा 4,000 एथलीटों और अधिकारियों के लिए क्रूज जहाजों की व्यवस्था की है।'' ताकेडा का यह विचार हालांकि कुवैत और फलस्तीन जैसे कई ओसीए सदस्यों को पसंद नहीं आया, जिन्होंने चिंता जताई और कहा कि ऐसा कदम खेलों की भावना के अनुरूप नहीं होगा। नवनिर्वाचित ओसीए अध्यक्ष रणधीर सिंह भी इस विचार से खुश नहीं हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ हमें एक जगह रहना चाहिए इसलिए युवाओं को एक साथ रखने के लिए खेल गांव सबसे महत्वपूर्ण है। इस तरह के आयोजन में खेल गांव का जीवन सबसे महत्वपूर्ण है।'' रणधीर ने संकेत दिया कि ओसीए टीम के साथ-साथ व्यक्तिगत स्पर्धाओं में भागीदारी की संख्या कम करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बार 40 खेलों में 15,0000 एथलीटों ने भाग लिया था, पिछली बार फुटबॉल में 32 टीमें थीं लेकिन इस बार हम इस संख्या को शीर्ष आठ टीमों की तरह सीमित करना चाहेंगे।'' उन्होंने कहा, व्यक्तिगत आयोजनों में भी ऐसा होगा। हमें संख्याओं को सीमित करने की आवश्यकता है। दो या तीन अधिक प्रतिनिधित्व नहीं हो सकते।
- मुंबई. भारत ने 19 सितंबर से बांग्लादेश के खिलाफ शुरू होने वाली दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के शुरुआती मैच के लिए रविवार को अपनी 16 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें ऋषभ पंत ने लगभग 20 महीने बाद टेस्ट टीम में वापसी की। विराट कोहली की भी टेस्ट टीम में वापसी हो गई है जो इस साल की शुरुआत में घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ हुई पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में नहीं खेल पाये थे। मीरपुर में बांग्लादेश के खिलाफ 2022 में 22 से 25 दिसंबर तक खेलने के बाद कुछ दिनों बाद 30 दिसंबर को पंत एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे और इस साल आईपीएल में ही शीर्ष स्तर के क्रिकेट में उनकी वापसी हुई। इस 26 वर्षीय तेजतर्रार बल्लेबाज ने टी20 विश्व कप में भारत के खिताब जीतने वाले अभियान में राष्ट्रीय टीम में वापसी की। हालांकि मोहम्मद शमी टेस्ट टीम में जगह बनाने में विफल रहे। चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने पहले कहा था कि दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज का लक्ष्य बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट में वापसी करना था। उत्तर प्रदेश के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल को भी शुरुआती टेस्ट के लिए पहली बार भारतीय टीम में शामिल किया गया है। भारत का लंबा टेस्ट सत्र बांग्लादेश के खिलाफ श्रृंखला से शुरू होगा जिसका पहला टेस्ट चेन्नई में 19 सितंबर से शुरू होगा। श्रृंखला का दूसरा टेस्ट 27 सितंबर से एक अक्टूबर तक कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में खेला जाएगा।भारत और बांग्लादेश ने अब तक 13 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें से 11 में भारत ने जीत दर्ज की है जबकि दो मैच ड्रॉ रहे हैं। बांग्लादेश इस श्रृंखला में पाकिस्तान पर 2-0 की ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद उतरेगा जबकि इस साल की शुरुआत में जनवरी-मार्च में घरेलू मैदान पर इंग्लैंड को 4-1 से हराने के बाद यह भारत का पहला टेस्ट मैच होगा। पहले टेस्ट के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है :रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, विराट कोहली, केएल राहुल, सरफराज खान, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, आकाश दीप, जसप्रीत बुमराह, यश दयाल।
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नयी दिल्ली. खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने रविवार को कहा कि भारत 2030 में होने वाले युवा ओलंपिक के लिए बोली लगाने के लिए तैयार है, जो 2036 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी हासिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा। वर्ष 2030 में पांचवें युवा ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा।
मांडविया ने यहां एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) की 44वीं महासभा के अवसर पर कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम 2030 में होने वाले युवा ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए बोली लगाने जा रहे हैं, लेकिन हमारा ध्यान 2036 ओलंपिक की मेजबानी पर है।'' इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, ‘‘मोदीजी के नेतृत्व में हमने क्रिकेट विश्व कप, फुटबॉल अंडर-17 विश्व कप सहित कई अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन किया।'' युवा ओलंपिक 2023 की मेजबानी हासिल करने के लिए भारत के अलावा पेरू, कोलंबिया, मैक्सिको, थाईलैंड, मंगोलिया, रूस, यूक्रेन, बोस्निया और हर्जेगोविना भी दौड़ में शामिल हैं। - बेंगलुरु,। महान खिलाड़ी राहुल द्रविड़ ने रविवार को कहा कि बढ़ते प्रतिभा पूल की बदौलत भारतीय क्रिकेट एक ‘बेहद शक्तिशाली' ताकत के रूप में विकसित हुआ है और यह अब देश के सुदूर कोने तक भी फैल गया है। टी20 विश्व कप में भारत की जीत के सूत्रधार रहे द्रविड़ ने कहा कि एक मजबूत क्लब क्रिकेट संस्कृति का राष्ट्रीय टीम में शहर के क्रिकेटरों के दबदबे की पुरानी प्रवृत्ति को खत्म करने में काफी योगदान है। माउंट जॉय क्लब के 50वें वर्ष के जश्न के दौरान भारत के पूर्व कोच ने कहा, ‘‘अगर आप आज भारतीय क्रिकेट को देखें, तो भारतीय क्रिकेट बेहद मजबूत है, यह बेहद शक्तिशाली है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि प्रतिभाएं हर जगह से, देश के हर कोने से आती है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर आप जीआर विश्वनाथ के समय में जाएं या जब मैं अपना करियर शुरू कर रहा था, तब भी ज्यादातर प्रतिभाएं बड़े शहरों या कुछ चुनिंदा राज्यों से आती थीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘ छोटी जगहों के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी क्रिकेट खेलने के लिए बड़े शहरों में आना पड़ता था। मेरा मानना है कि मौजूदा दौर में आप देख रहे हैं कि भारतीय क्रिकेट में हर जगह से खिलाड़ी आ रहे हैं।'' द्रविड़ में भारतीय क्रिकेट के बढ़े हुए स्तर का उदाहरण घरेलू क्रिकेट से दिया।उन्होंने कहा, ‘‘आप अब रणजी ट्रॉफी के स्तर को देखिये , आप किसी भी टीम को हलके में नहीं ले सकते है।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं किसी का अनादर नहीं कर रहा हूं लेकिन जब मैंने खेलना शुरू किया था तब दक्षिण क्षेत्र में तमिलनाडु और हैदराबाद को छोड़कर हम अन्य टीमों के प्रति थोड़े आश्वस्त होकर खेलते थे लेकिन अब आप ऐसा नहीं कर सकते है। हर टीम मजबूत है।'
- लंदन. इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड दाहिनी कोहनी की चोट के कारण इस साल होने वाले बाकी मैचों में नहीं खेल पाएंगे। इस तरह से वह अक्टूबर में पाकिस्तान और दिसंबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट श्रृंखला से बाहर हो गए हैं। इंग्लैंड के सबसे तेज गेंदबाज वुड ने जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान अपनी कोहनी में दर्द महसूस किया था जिससे उन्हें गेंदबाजी करने में परेशानी हो रही थी। इस दर्द के बावजूद वह श्रीलंका के खिलाफ मैनचेस्टर में पहले टेस्ट मैच में खेले थे। इस मैच में उनकी दाहिनी जांघ में भी चोट लग गई थी और इस कारण वह श्रीलंका के खिलाफ दूसरे और तीसरे टेस्ट मैच में नहीं खेल पाए थे। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने कहा कि वुड का लक्ष्य अगले साल के शुरू तक पूरी फिटनेस हासिल करना है। तब इंग्लैंड की टीम को सीमित ओवरों की श्रृंखला खेलने के लिए भारत का दौरा करना है जबकि फरवरी में पाकिस्तान में चैंपियंस ट्राफी खेली जाएगी।
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पोंटेवेद्रा (स्पेन) .भारतीय पहलवान निकिता ने यहां अंडर-20 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में महिलाओं के 62 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में रजत पदक जीता, जबकि नेहा ने 57 किग्रा में कांस्य पदक हासिल किया, जिससे भारत इस प्रतियोगिता में कुल मिलाकर पांच पदकों के साथ दूसरे स्थान पर रहा। पिछले साल अंडर-20 एशियाई चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता निकिता फाइनल में यूक्रेन की पहलवान इरीना बोंदर से 1-4 से हार गईं। पिछले महीने अंडर-17 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली नेहा ने महिलाओं की 57 किग्रा फ़्रीस्टाइल में हंगरी की गेरडा टेरेक को 10-8 से हराकर कांस्य पदक जीता। भारत ने इस तरह से पांच पदकों (एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य) के साथ अपने अभियान का समापन किया।
ज्योति बेरवाल ने इससे पहले महिलाओं की 76 किलोग्राम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था जबकि कोमल (महिला 59 किग्रा) और सृष्टि (महिला 68 किग्रा) ने कांस्य पदक हासिल किए थे। पिछले साल जॉर्डन के अम्मान में आयोजित की गई इस प्रतियोगिता में भारत ने चार स्वर्ण, तीन रजत और सात कांस्य पदक जीते थे। -
पेरिस . क्लब थ्रोअर धर्मबीर ने बुधवार को एशियाई रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक और प्रणव सूरमा ने रजत पदक जीतकर यहां पैरालिंपिक की पुरुषों की एफ51 स्पर्धा में भारत का दबदबा कायम किया। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रहे सोनीपत के धरमबीर (35) ने चार प्रयासों में फाउल करने के बाद पांचवें प्रयास में 34.92 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक पक्का कर लिया। इसके बाद, सूरमा ने अपने पहले प्रयास में 34.59 मीटर का थ्रो किया, लेकिन फरीदाबाद का यह 29 वर्षीय खिलाड़ी, धरमबीर को पीछे नहीं छोड़ सका। सूरमा के रजत पदक जीतने के साथ ही भारत ने इस मुकाबले के पहले दो स्थानों पर कब्जा कर लिया। सूरमा की रीढ़ की हड्डी में 16 वर्ष की उम्र में उस समय चोट लग गई थी, जब उनके सिर पर सीमेंट शीट गिर गई थी। सर्बिया के फिलिप ग्राओवाक ने अपने दूसरे प्रयास में 34.18 मीटर का थ्रो कर कांस्य पदक जीता। -
पेरिस. कपिल परमार ने बृहस्पतिवार को यहां जे1 60 किग्रा पुरुष पैरा जूडो स्पर्धा में ब्राजील के एलिल्टोन डि ओलिवेरा को हराकर कांस्य पदक जीता और भारत को जूडो में पहला पैरालंपिक पदक दिलाया। परमार ने कांस्य पदक के मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी पर शुरू से ही दबदबा बनाये रखा और रिकॉर्ड 10-0 से जीत हासिल की। इससे पहले वह सेमीफाइनल में ईरान के एस बनिताबा खोर्रम अबादी से पराजित हो गये । परमार (24 वर्ष) को सेमीफाइनल ए में ईरानी प्रतिद्वंद्वी से 0-10 से हार मिली। पैरा जूडो में जे1 वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जो दृष्टिबाधित होते हैं या फिर उनकी कम दृष्टि होती है। परमार ने 2022 एशियाई खेलों में इसी वर्ग में रजत पदक जीता था। उन्होंने क्वार्टरफाइनल में वेनेजुएला के मार्को डेनिस ब्लांको को 10-0 से शिकस्त दी थी। परमार को दोनों मुकाबलों में एक एक पीला कार्ड मिला। वहीं महिलाओं के 48 किग्रा जे2 वर्ग के क्वार्टरफाइनल में भारत की कोकिला को कजाखस्तान की अकमारल नौटबेक से 0-10 से हार का सामना करना पड़ा। फिर रेपेशेज ए के जे2 फाइनल में कोकिला को यूक्रेन की यूलिया इवानित्स्का से 0-10 से हार मिली। इसमें उन्हें तीन जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी को दो पीले कार्ड मिले। जूडो में पीले कार्ड मामूली उल्लघंन के लिए दिये जाते हैं। जे2 वर्ग में आंशिक दृष्टि वाले खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं।
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नयी दिल्ली. भारत के बैडमिंटन पुरुष एकल स्वर्ण पदक विजेता नितेश कुमार ने बुधवार को कहा कि पेरिस पैरालंपिक में प्रमोद भगत की अनुपस्थिति ने उन्हें खिताब जीतने की ‘अतिरिक्त जिम्मेदारी' दी। पुरुष एकल एसएलसी वर्ग में स्वर्ण जीतने वाले नितेश, तुलसीमति मुरुगेसन (रजत), सुहास यथिराज (रजत), मनीषा रामदास (कांस्य) और नित्या श्री सिवन (कांस्य) को बुधवार को यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के मुख्यालय में युवा मामलों और खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने उनकी उपलब्धि के लिए सम्मानित किया। नितेश ने कहा कि पैरा खेलों से पहले भगत को 18 महीने के लिए निलंबित किए जाने के बाद उनका मंत्र पैरालंपिक में एक समय में एक मैच पर ध्यान देना था। नितेश ने कहा, ‘‘मैंने एक बार में एक मैच पर ध्यान देने के बारे में सोचा, दुनिया के नंबर एक, शीर्ष वरीय के रूप में वहां जाना, मेरे लिए खिताब जीतना एक जिम्मेदारी थी, विशेषकर तब जब प्रमोद पैरालंपिक में भाग लेने में असमर्थ थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत के लिए जीतना मेरे लिए एक अतिरिक्त जिम्मेदारी थी। फाइनल में प्रवेश करते हुए मुझे पता था कि यह हम दोनों के लिए मानसिक रूप से कठिन होगा। मुझे उनसे बेहतर होने और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का विश्वास था।'' खेल मंत्री मांडविया ने देश के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए भारतीय दल की सराहना की और उम्मीद जताई कि खिलाड़ी बाकी बची प्रतियोगिताओं में और पदक जीतेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत का उत्साह बढ़ाएंगे और आने वाले दिनों में हमारे खिलाड़ी 11 और पदकों के लिए चुनौती पेश करेंगे। मेरा मानना है कि जिस तरह से हमारे खिलाड़ी पैरालंपिक में प्रदर्शन कर रहे हैं, उससे उनका भविष्य उज्ज्वल है।'' मांडविया ने कहा, ‘‘भारत के पास पैरालंपिक में अब भी 11 और पदक जीतने का मौका है।''
तोक्यो में रजत पदक जीतने के बाद पेरिस में भी उप विजेता रहे सुहास ने जल्द ही संन्यास लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘रजत पदक जीतना अपने आप में एक चुनौती है। हर खिलाड़ी स्वर्ण पदक जीतना चाहता है और जब वे नहीं जीत पाते तो निराशा होती है।'' सुहास ने अपने संन्यास के बारे में कहा, ‘‘जीवन एक यात्रा है और मैं इस पल को जीना चाहता हूं, खेल में अपने भविष्य के बारे में अभी ज्यादा नहीं सोचना चाहता।'' तुलसीमति ने कहा, ‘‘मैं रजत पदक से खुश हूं। मुझे लगता है कि मुझे अपने पदक का रंग बदलने के लिए और मेहनत करनी होगी।'' मुख्य कोच गौरव खन्ना ने उम्मीद जताई कि अगले पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या में सुधार होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य आठ से 10 पदक जीतना था लेकिन हमें पांच से ही संतोष करना पड़ा। हमें उम्मीद है कि हम 2028 में अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।'' -
पेरिस. विश्व चैम्पियन सचिन सरजेराव खिलाड़ी ने पेरिस पैरालम्पिक में पुरूषों की शॉटपुट एफ46 स्पर्धा में एशियाई रिकॉर्ड 16 . 32 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता जिससे बुधवार को यहां भारत का ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में पदक हासिल करने का सिलसिला जारी रहा। 34 वर्ष के खिलाड़ी ने दूसरे प्रयास में सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंका और मई में जापान में विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले 16.30 मीटर के अपने ही एशियाई रिकॉर्ड को बेहतर किया । सचिन खिलाड़ी का यह व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रयास हालांकि उन्हें पहला स्थान दिलाने के लिए काफी नहीं था और कनाडा के ग्रेग स्टीवर्ट ने 16.38 मीटर के प्रयास से तोक्यो पैरालम्पिक में जीता स्वर्ण बरकरार रखा । क्रोएशिया के लुका बाकोविच ने 16.27 मीटर से कांस्य पदक जीता । खिलाड़ी का रजत पेरिस पैरालम्पिक में एथलेटिक्स में भारत का 11वां पदक है जिससे देश के कुल पदकों की संख्या 21 पहुंच गयी जिसमें तीन स्वर्ण पदक शामिल हैं। एफ46 श्रेणी में वे खिलाड़ी होते हैं जिनकी भुजाओं में कमजोरी है, मांसपेशियों की शक्ति क्षीण है या भुजाओं में निष्क्रिय गति की सीमा क्षीण है । ऐसे एथलीट खड़े होकर प्रतिस्पर्धा करते हैं। रजत पदक जीतने के बाद खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैं स्वर्ण पदक जीतना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास था लेकिन मैं संतुष्ट नहीं हूं। मुझे लगता है कि मैं बेहतर कर सकता था। आज मेरा दिन नहीं था। '' उन्होंने कहा, ‘‘कड़ी प्रतिस्पर्धा थी और ग्रेग स्टेवार्ट शानदार खिलाड़ी हैं। मैंने अपनी तकनीक में छोटी सी गलती की। मैं कड़ी मेहनत करूंगा और मुझे उम्मीद है कि अगली बार उसे हराऊंगा। '' इसमें हिस्सा ले रहे अन्य भारतीयों में मोहम्मद यासेर (14.21 मीटर) और रोहित कुमार (14.10 मीटर) क्रमश: आठवें और नौवें स्थान पर रहे। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर चुके खिलाड़ी ने पिछले साल चीन में एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। महाराष्ट्र के सांगली जिले के करगानी गांव के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले खिलाड़ह को स्कूल के दिनों में एक दुर्घटना का सामना करना पड़ा। चोट के कारण उनकी कोहनी की त्वचा में ‘गैंग्रीन' हो गया। कई सर्जरी के बाद भी उनका हाथ कभी ठीक नहीं हो पाया। बचपन में ही उनकी मां का भी देहांत हो गया था।
इन सभी बाधाओं के बावजूद उन्होंने इंजीनियर बनने के लिए पढ़ाई के दौरान भाला फेंकना शुरू कर दिया। प्रतियोगिता के दौरान कंधे में चोट लगने के कारण उन्होंने शॉटपुट खेलने के लिए बाध्य होना पड़ा। खिलाड़ी को 2015 में पैरा खेलों से परिचित कराया गया और बाद में उनकी मुलाकात कोच सत्यनारायण से हुई जिन्होंने उनके खेल को बेहतर बनाने में उनका साथ दिया। उन्होंने यूपीएससी और महाराष्ट्र लोक सेवा परीक्षा की तैयारी में छात्रों की सहायता की और विभिन्न संस्थानों में ‘विजिटिंग फैकल्टी' के तौर पर भी काम किया। इससे पहले भारत का ट्रैक एवं फील्ड दल का एक पैरालंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तोक्यो में रहा था जिसमें एक स्वर्ण, पांच रजत और दो कांस्य पदक शामिल थे। स्टार भाला फेंक एथलीट सुमित अंतिल के स्वर्ण सहित भारत के ट्रैक एवं फील्ड में अब 11 पदक हो गये हैं जो देश के कुल पदकों के आधे से भी ज्यादा हैं। - पेरिस. प्रतिस्पर्धा के दौरान कुछ भी नया न करने के नीरज चोपड़ा के संदेश ने सुमित अंतिल के लिए अद्भुत तरीके से काम किया, जिन्होंने यहां पैरालंपिक खेलों में नये रिकॉर्ड के साथ अपने स्वर्ण पदक का बचाव किया। उन्होंने पैरालम्पिक खेलों में 70 . 59 मीटर का नया रिकॉर्ड भी बनाया। वह पैरालंपिक खेलों में शीर्ष पदक का बचाव करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गये। महिला वर्ग में हालांकि निशानेबाज अवनि लेखरा ने इस कारनामे को किया है। हरियाणा के सोनीपत के 26 साल के इन विश्व रिकॉर्डधारी भाला फेंक खिलाड़ी ने 2015 में मोटरसाईकिल दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा दिया था। उन्होंने तीन साल पहले तोक्यो पैरालंपिक में 68.55 मीटर के पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। उनका विश्व रिकॉर्ड 73.29 मीटर का है। अंतिल ने कहा कि वह और नीरज महीने में कम से कम एक बार एक-दूसरे से बातचीत करते हैं। दोनों खिलाड़ी खेल में सुधार करने के बारे में चर्चा करते है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पेरिस खेलों से पहले नीरज भाई से व्यक्तिगत रूप से बात नहीं की थी। मुझे किसी (अंतिल के एथलीट मैनेजर) के माध्यम से नीरज भाई का संदेश मिला। उन्होंने कहा कि (पेरिस में) बहुत अच्छा माहौल है और वहां अच्छा माहौल है लेकिन कुछ नया करने की कोशिश मत करना।'' अंतिल ने मंगलवार को एक वर्चुअल मीडिया बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मैंने उनकी सलाह मान ली और पेरिस पैरालंपिक में मेरे लिए वास्तव में एक अच्छा अनुभव था।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं और नीरज भाई एक-दूसरे के संपर्क में रहते हैं, पंद्रह दिन या महीने में एक बार उनसे बातचीत होती रहती है। जब भी हम एक-दूसरे से बात करते हैं, तो यह हमारे खेल के बारे में होता है, जैसे हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहना चाहिए और देश का नाम रोशन करना चाहिए।'' अंतिल से जब पूछा गया कि नीरज ने उन्हें इस तरह की सलाह क्यों दी तो उन्होंने कहा, ‘‘इतने बड़े स्तर पर खिलाड़ी घबराहट महसूस कर सकते हैं और तकनीकों पर ध्यान केंद्रित रखना मुश्किल होता है। उसके (नीरज) मन में कुछ तो चल रहा होगा और वह नहीं चाहता कि मैं उन चीजों को झेलूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी ऐसा होता है कि आपने अभ्यास के दौरान जिस तकनीक पर काम किया है, वह (प्रतियोगिता के दौरान) सामने नहीं आती है। भाला फेंक एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है।'' अंतिल 2021 में इंडियन ग्रां प्री में सामान्य खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर चुके हैं जिसमें नीरज ने भी हिस्सा लिया था। उन्होंने उस स्पर्धा में 66.43 मीटर के साथ सातवां स्थान हासिल किया था जबकि नीरज ने 88.07 मीटर के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम किया था। अंतिल ने कहा, ‘‘हां, मैं वहां (2021 में पटियाला) यह जानने के लिए गया था कि पैरा एथलीटों और सक्षम एथलीटों के बीच क्या अंतर है, पैरा एथलीट बेहतर प्रदर्शन क्यों नहीं कर पा रहे हैं। वहां मैंने 66.43 मीटर का पैरा विश्व रिकॉर्ड बनाया था।'' उन्होंने कहा, ‘‘उस समय और अब के प्रदर्शन में बहुत अंतर है। उस समय, मैंने कभी-कभार 66 मीटर का थ्रो किया था, लेकिन अब मैं लगातार 69 मीटर, 70 मीटर और 71 मीटर का थ्रो कर रहा हूं। मैं अगले एक-दो साल में 75 मीटर से आगे निकलने की कोशिश कर रहा हूं।'' अंतिल का लक्ष्य 2028 लॉस एंजिलिस पैरालंपिक में स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरा करना है। विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप के 2023 और 2024 के चैम्पियन ने कहा, ‘‘ एक बार शीर्ष पर पहुंचना आसान है लेकिन शीर्ष पर बने रहना बहुत कठिन है। लेकिन मैं अगले साल भारत में होने वाली विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप जैसी शीर्ष प्रतियोगिताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। अभी मेरा ध्यान उसी पर है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर हमारे खेल में खिलाड़ी 31-32 साल की उम्र में चरम पर पहुंचते हैं। मैंने तोक्यो और पेरिस में लगातार स्वर्ण पदक जीते हैं और मेरा प्रयास लॉस एंजिलिस में हैट्रिक बनाने का होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा लक्ष्य भविष्य में 80 मीटर की दूरी को छूना है। मैं उस दूरी को पार करने का अनुभव लेना चाहता हूं।'' एफ64 वर्ग में वे खिलाड़ी होते हैं जिनके पैरों में विकार होता है । वे या तो कृत्रिम पैर के साथ खेलते हैं या उनके पैरों की लंबाई में फर्क होता है ।
- नयी दिल्ली. विश्व कौशल प्रतियोगिता में 60 सदस्यीय भारतीय टीम हिस्सा लेगी। यह फ्रांस के लियोन में 10 से 15 सितंबर को होगा। आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रतिभागी फ्रांस के लियोन में 70 से अधिक देशों के सर्वश्रेष्ठ प्रतिभागियों के साथ 61 श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। बयान के अनुसार, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने विश्व कौशल प्रतियोगिता के लिए टीम इंडिया के अपने अबतक के सबसे बड़े दल के लिए समारोह का आयोजन किया। इसमें 60 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस वैश्विक आयोजन में भारत की भागीदारी देश को कुशल प्रतिभाओं के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के सरकार के लक्ष्य के साथ जुड़ी हुई है। यूरोएक्सपो लियोन में 10-15 सितंबर को होने वाली प्रतियोगिता में 1,400 से अधिक प्रतियोगी और 1,300 से अधिक विशेषज्ञ भाग लेंगे। द्विवार्षिक विश्व कौशल प्रतियोगिता में 2.5 लाख से अधिक प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने समारोह के दौरान युवा भारतीय दल को सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले संस्करण 2022 में, हम 11वें स्थान पर रहे थे। हमारी टीम काफी प्रतिभाशाली है और हम अपना सबसे बड़ा दल भेज रहे हैं। इसलिए मुझे उम्मीद है कि इस बार हम शीर्ष 10 में होंगे। देश की नजर में, आप पहले से ही विजेता हैं और विभिन्न वैश्विक उद्योग आपकी प्रतिभा की तलाश करेंगे।'' कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘हमें पूरी उम्मीद है कि हमारा दल बहुत अच्छा प्रदर्शन करेगा। वे भारत के लिए पदक जीतेंगे।'' सामान्य रूप से अंतरराष्ट्रीय कौशल आयोजनों के ओलिंपिक खेल माने जाने वाले इस आयोजन में भारत से 52 कौशल श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए 60 प्रतियोगियों को भेजा जा रहा है। इस प्रतियोगिता में 70 से अधिक देश अपने प्रतिभागियों को भेज रहे हैं।
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नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने मंगलवार को घोषणा की कि तीसरा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल अगले साल 11 से 15 जून के बीच ऐतिहासिक लॉर्ड्स मैदान में खेला जाएगा। अगर जरूरत पड़ी, तो 16 जून को रिजर्व डे के रूप में रखा गया है।
ICC के सीईओ ज्यॉफ एलार्डाइस ने एक बयान में कहा, “ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल जल्दी ही क्रिकेट कैलेंडर के सबसे प्रमुख आयोजनों में से एक बन गया है और हमें 2025 के संस्करण के लिए तारीखों की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।”लॉर्ड्स पहली बार WTC फाइनल की मेजबानी करेगा, जबकि पहले दो फाइनल मैचों का आयोजन साउथैम्पटन (2021) और द ओवल (2023) में हुआ था। भारत ने इन दोनों फाइनल में हिस्सा लिया था, लेकिन पहले मैच में न्यूज़ीलैंड से और पिछले साल ऑस्ट्रेलिया से हार गया था।फिलहाल, रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम टॉप स्थान पर है, जबकि मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया दूसरे स्थान पर है। इस साल के अंत में भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज खेलेगा, जो WTC फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में अहम होगी। हालांकि, न्यूज़ीलैंड (तीसरे स्थान पर), इंग्लैंड (चौथे स्थान पर), श्रीलंका (पांचवें स्थान पर), दक्षिण अफ्रीका (छठे स्थान पर) और बांग्लादेश (सातवें स्थान पर) अभी भी अगले साल होने वाले फाइनल में जगह बनाने की दौड़ में हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है क्योंकि बांग्लादेश ने हाल ही में समाप्त हुई दो मैचों की घरेलू सीरीज में उन्हें 0-2 से हरा दिया। -
नयी दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने रविंद्र जडेजा को वर्तमान समय का संपूर्ण ऑलराउंड क्षेत्ररक्षक करार दिया और साथ ही पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुरेश रैना की भी जमकर प्रशंसा की। क्रिकेट जगत के सर्वकालिक महान क्षेत्ररक्षकों में से एक रोड्स 1992 से लेकर 2003 तक दक्षिण अफ्रीका की तरफ से खेले थे। वह दक्षिण अफ्रीका की तरफ से वनडे में 100 कैच लेने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। संन्यास लेने के बाद रोड्स क्षेत्ररक्षण कोच के रूप में कई आईपीएल टीमों से जुड़े रहे जिनमें मुंबई इंडियंस, पंजाब किंग्स और हाल ही में लखनऊ सुपर जायंट्स शामिल हैं। रोड्स ने कहा, ‘‘मैं सुरेश रैना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मैंने उनके खेल के दिनों का आनंद लिया लेकिन अब वह संन्यास ले चुके हैं। वह ऐसे समय में मैदान के किसी भी हिस्से में गोता लगा देते थे जबकि भारतीय मैदान इसके लिए अनुकूल नहीं हुआ करते थे।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में मैं भाग्यशाली था क्योंकि मैंने फुटबॉल, हॉकी और क्रिकेट अच्छे मैदानों पर खेली थी।'' रोड्स को शनिवार को हीरो प्रो कॉरपोरेट लीग क्रिकेट टूर्नामेंट का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया।
उन्होंने जडेजा की भी जमकर प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘जडेजा अलग स्तर का क्षेत्ररक्षक है। वह बहुत अधिक गोता नहीं लगाता लेकिन गेंद पर तेजी से झपटता है। गेंद को विकेट पर मारने की उसकी सटीकता कुछ हद तक रिकी पोंटिंग की तरह है। वह सीमा रेखा पर फील्डिंग करता है और सर्कल के अंदर भी फील्डिंग करता है। वह एक संपूर्ण ऑलराउंड क्षेत्ररक्षक है।'' भारत के पूर्व तेज गेंदबाज चेतन शर्मा को लीग का कमिश्नर नियुक्त किया गया है। - पेरिस । भारत के नितेश कुमार और तुलसीमति मुरूगेसन ने हमवतन सुहास यथिराज और पलक कोहली को पैरालम्पिक खेलों में बैडमिंटन मिश्रित युगल (एसएल 3 . एसयू 5) के ग्रुप चरण के पहले मैच में हराया । नितेश और तुलसीमति ने ग्रुप ए का यह मुकाबला 31 मिनट में 21 . 14, 21 . 17 से जीता । हरियाणा के करनाल के रहने वाले 29 वर्ष के नितेश और तमिलनाडु की तुलसीमति ने हांगझोउ पैरा एशियाई खेलों में मिश्रित टीम में कांस्य पदक जीता था । एसएल 3 खिलाड़ियों के शरीर के एक हिस्से में विकृति होती है जबकि एसयू 5 खिलाड़ियों के शरीर के ऊपरी हिस्से में विकृति होती है ।