आर्थिक सर्वेक्षण में 2021-22 में देश का आर्थिक विकास 11 प्रतिशत रहने का अनुमान
- मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा - अर्थव्यवस्था में वी-आकार का सुधार हो रहा है
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज कहा कि देश में वी आकार का आर्थिक सुधार हो रहा है जो अर्थव्यवस्था की आंतरिक मजबूती और संकट से उबरने की क्षमता का प्रमाण है। विशाल टीकाकरण अभियान, सेवाओं के क्षेत्र में मजबूत सुधार और उपभोग और निवेश में तेज वृद्धि के बल पर यह आर्थिक सुधार हुआ है। संसद के पटल पर रखे गए आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष - 2021-22 में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद- जीडीपी की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है और मु्द्रास्फिती का संज्ञान लेने वाली नोमिनल जीडीपी 15.4 प्रतिशत दर्ज होने का अनुमान है जो स्वतंत्रता के बाद का सबसे अधिक स्तर होगा।
शुक्रवार को नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रमुख आर्थिक सलाहकार के सुब्रामण्यन ने कहा कि बिजली की मांग, माल ढुलाई, ई-वे बिल, जीएसटी संकलन और स्टील की खपत जैसे संकेतों में तेजी लौटने के बल पर ये वी शेप सुधार आया है।
श्री सुब्रामण्यन ने कहा कि पूर्णबंदी के बाद जैसे-जैस अर्थव्यवस्था को खोला गया उसके साथ ही भारत में आत्?मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक समर्थन के कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत को मूलभूत ढांचे पर केन्द्रीत वित्तीय नीति की आवश्यकता है। आर्थिक सर्वेक्षण में धीमी वृद्धि के दौर में सार्वजनिक निवेश के फायदों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
प्रमुख आर्थिक सलाहकार ने कहा कि भारत के सरकारी ऋण की रेटिंग अर्थव्यवस्था के मूलभूत आधार को नहीं दर्शाती और इस बात के कई संकेत हैं। उन्होंने कहा कि सोवरन क्रेडिट रेटिंग प्रणाली में संशोधन की जरूरत है। श्री सुब्रमण्यन ने कहा कि भारत को आर्थिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित रखना होगा ताकि गरीबी से लोगों को बाहर निकालने के लिए उन तक समर्थन पहुंचाने वाली नीतियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के पास अतिरिक्त साधन हों। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा पर सरकारी खर्च में हल्की बढ़ोतरी से प्रभाव कहीं अधिक होता है और स्वास्थ्य सेवा पर एक आम परिवार के जेब से होने वाले खर्च में बहुत बड़ी कटौती सम्भव हो पाएगी।
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