देश के हिसाब से समाधान बनाने के साथ उत्कृष्ट संस्थान तैयार करने पर ध्यान दे आईटी उद्योग- पीएम
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है और इस क्षेत्र में अगुवा बनने के लिये नवप्रवर्तन पर जोर, प्रतिस्पर्धी क्षमता विकसित करने के साथ उत्कृष्ट संस्थान निर्माण पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने आईटी उद्योग से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास समेत देश के लोगों की अन्य जरूरतों को ध्यान में रखकर समाधान बनाये जाने का भी आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार नये भारत के लिये अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन इसमें निजी क्षेत्र की भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधानमंत्री ने बुधवार को नासकॉम टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम' को संबोधित करते हुए कहा, ''भारतीय आईटी उद्योग की विश्व में छाप है, लेकिन हमें इस क्षेत्र में अगुवा बनना है, तो हमें नवप्रवर्तन, प्रतिस्पर्धी क्षमता और उत्कृष्टता के साथ संस्थान निर्माण पर ध्यान देना होगा।'' उन्होंने विशेष रूप से स्टार्टअप का जिक्र करते हुए कहा, ''स्टार्टअप संस्थापकों को इस बारे में सोचना चाहिए कि कैसे वे संस्थानें सृजित कर सकते हैं, केवल मूल्यांकन पर जोर नहीं होना चाहिए।'' आईटी बीपीएम (बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट) उद्योग का शीर्ष निकाय नासकॉम यह सम्मेलन तीन दिन (17-19 फरवरी) तक चलेगा।
श्री मोदी ने कहा, ''विश्व में भारतीय प्रौद्योगिकी की जो पहचान है, उससे देश को काफी उम्मीदें हैं। आपके समाधान पर मेक फॉर इंडिया की छाप होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''आईटी उद्योग देश की जरूरत के हिसाब से भी काम करे। कृषि क्षेत्र को बेहतर और लाभदायक बनाने के लिये कैसे कृत्रिम मेधा व अन्य प्रौद्योगिकी का उपयोग कर सकते हैं, इस पर विचार करें। स्वास्थ्य सुविधाओं को सस्ता और सुलभ बनाने तथा शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण समेत अन्य क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग पर विचार करने की जरूरत है।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ''हम आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहे हैं। यह समय नये लक्ष्य बनाने का है। जब भारत 25-26 साल बाद आजादी के 100 साल मनाएगा, हम कितने वैश्विक उत्पाद बनायें, कितने वैश्विक लीडर बनाये, यह सोचकर काम करने की जरूरत है। इस लक्ष्य को हासिल करने में देश आपके साथ है।'' निजी क्षेत्र की देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा, ''130 करोड़ से अधिक भारतीयों की आकांक्षाएं हमें तेज़ी से आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती हैं। नए भारत से जुड़ीं अपेक्षाएं जितनी सरकार से हैं, उतनी ही देश के निजी क्षेत्र से भी है।'' प्रधानमंत्री ने आईटी कंपनियों से अपनी सीएसआर (कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी) गतिविधियों के परिणाम पर ध्यान देने को भी कहा।
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