अमेरिकी शुल्क से वैश्विक व्यापार में आ सकता है बड़ा बदलाव, भारत पर सीमित असर: उद्योग जगत
नयी दिल्ली. उद्योग जगत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 27 प्रतिशत जवाबी शुल्क की घोषणा से वैश्विक व्यापार और विनिर्माण मूल्य श्रृंखलाओं में एक बड़ा बदलाव आएगा। हालांकि, देश की मजबूत अर्थव्यवस्था पर इसका खास असर नहीं होगा। उद्योग जगत का मानना है कि शुल्क घोषणाओं के वास्तविक प्रभाव का उचित आकलन बाद में ही होगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कल रात विभिन्न देशों पर शुल्क लगाये जाने की घोषणा की। इससे वैश्विक व्यापार और विनिर्माण मूल्य श्रृंखलाओं में एक बड़ा बदलाव आएगा। उद्योग मंडल एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर ने कहा कि भारत को 10 प्रतिशत बेसलाइन शुल्क के अतिरिक्त 27 प्रतिशत शुल्क दरों के बीच में रखा गया है। इसका वास्तविक प्रभाव के लिए आकलन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘कुल मिलाकर, ऐसा लगता है कि अमेरिकी बाजार में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता सापेक्ष आधार पर बहुत कम प्रभावित हुई है। फिर भी हमारे उद्योग को इन शुल्क के प्रभाव को कम करने के लिए निर्यात दक्षता और मूल्य संवर्धन बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए।'' नायर ने कहा कि भारत के निरंतर आर्थिक विकास और रणनीतिक महत्व को देखते हुए, हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते के माध्यम से अमेरिका के साथ सहयोग जारी रखने की उम्मीद कर रहे हैं। उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि भारत की मजबूत औद्योगिक प्रतिस्पर्धी स्थिति अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को संतुलित करेगी और इसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर अल्पावधि में केवल 0.1 प्रतिशत प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि मध्यम अवधि में, जैसे ही नीति पूरी तरह से प्रभावी होगी, यह कमी दूर हो जाएगी।
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