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रिजर्व बैंक ने सस्ता किया कर्ज, मकानों की बिक्री को मिलेगा दम

 नई दिल्ली।  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार दूसरी बार रीपो दर में कटौती की है। आरबीआई ने रीपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत करने का निर्णय किया। जिससे कर्ज लेना सस्ता हो गया है। उधारी की ब्याज दरें कम होने से रियल एस्टेट को काफी फायदा होने की उम्मीद है। इस साल की पहली तिमाही में सुस्त पड़ी मकानों की बिक्री के बीच रीपो दर में यह दूसरी कटौती हाउसिंग सेक्टर के लिए बड़ी राहत लेकर आई है। रियल एस्टेट उद्योग को कर्ज सस्ता होने से अब मकानों की बिक्री रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।

Repo Rate घटने से रियल एस्टेट को मिलेगा दम
रियल एस्टेट उद्योग का कहना है कि रीपो दर में इस दूसरी कटौती से कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। इससे मौजूदा और नये मकान खरीदार दोनों को लाभ होगा। गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई नेशनल के चेयरमैन मनोज गौड़ का कहना है कि ब्याज दरों में 0.25% की कटौती का रियल एस्टेट सेक्टर पर अच्छा असर पड़ेगा। इस बार की एमपीसी बैठक की एक और खास बात ये रही कि आरबीआई ने अपनी नीति को ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ बना दिया है। इसका मतलब है कि अब आरबीआई अर्थव्यवस्था में ज्यादा पैसा डालेगा। इससे देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी और खर्च बढ़ेगा। इसका फायदा रियल एस्टेट सेक्टर को भी मिलेगा।
कॉलियर्स इंडिया में रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा कि अमेरिका द्वारा शुल्क लगाए जाने के बाद वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ने के बीच रीपो दर में कटौती महत्वपूर्ण है। बेंचमार्क उधार दरों में लगातार कमी से घर खरीदारों की भावनाओं को बढ़ावा मिलेगा और परिणामस्वरूप किफायती और मध्यम आय वाले क्षेत्रों में आवास की मांग में सुधार होगा। सभी क्षेत्रों में रियल एस्टेट डेवलपर को भी वित्तपोषण लागत में संभावित कमी से लाभ होगा।
स्क्वायर यार्ड्स के को-फाउंडर और सीएफओ पीयूष बोथरा ने कहा कि आरबीआई द्वारा लगातार दूसरी बार रीपो दर घटाना रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए समय पर उठाया गया और उत्साहजनक कदम है। साथ ही इससे लोग मकान खरीदने के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं क्योंकि होम की ईएमआई में कमी आएगी।
ग्राहकों को तुरंत मिले सस्ते कर्ज का फायदा
एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि रीपो दर में 25 आधार अंकों की यह कमी महंगाई नरम पड़ने के कारण अपेक्षित थी। लेकिन इस कटौती से होम लोन लेने वालों को तत्काल और सार्थक राहत मिलने पर संशय है क्योंकि पहले की गई कटौती का बैंकों ने कर्ज लेने वालों को लाभ नहीं दिया है।
अगर बैंक अब तक की रीपो दर में दोनों कटौती का लाभ देते हैं, तो यह घर खरीदारों विशेष रूप से किफायती आवास की तलाश करने वालों को बढ़ावा देगी क्योंकि कई पहली बार घर खरीदने के लिए जोखिम उठाने में संकोच करने वाले होम लोन दरों में कमी होने पर जोखिम ले लेते हैं। मकानों के दाम बढ़ने के बीच कर्ज सस्ता होना उद्योग और मकान खरीदार दोनों के लिए राहत की बात है। एनारॉक रिसर्च के मुताबिक, 2025 की पहली तिमाही में शीर्ष 7 शहरों में आवास की औसत कीमतों में 10 से 34 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।
नाइट फैंक इंडिया के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा कि हम वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच विकास को समर्थन देने के लिए RBI द्वारा समय पर उठाए गए रीपो दर 25 आधार अंकों की कटौती के कदम का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इस दर कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को तत्काल आधार पर दिया जाएगा, जो खपत को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण होगा। 2025 में 50 आधार अंकों की कटौती के साथ अब वाणिज्यिक बैंकों के लिए उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना महत्वपूर्ण है। कर्ज सस्ता होने से उधारी लागत में कमी आने से बिल्डरों को भी लाभ होगा।

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