इस साल सामान्य से अधिक रहेगा मानसून; मौसम विभाग ने बताया कितनी होगी बारिश
: नई दिल्ली| भारत में मानसून की स्थिति सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज यानी 15 अप्रैल को इस साल के दक्षिण-पश्चिम मानसून का पहला पूर्वानुमान जारी किया। IMD ने अपनी अनुमान में बताया कि भारत के ज्यादातर इलाकों में चार महीने के मानसून सीजन के दौरान लॉन्ग टर्म एवरेज की 106 प्रतिशत बारिश होगी।
अल नीना मौसम के लिए अच्छा
इस दौरान IMD के हेड मृत्युंजय महापात्र (Mrutyunjay Mohapatra) ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 1951 से 2023 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में उन नौ मौकों पर सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश दर्ज की गई, जब अल नीनो के बाद ला नीना की स्थिति बनी।
भारत में अच्छे मानसून से संबंधित ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर तक एक्टिव होने की संभावना है। मृत्युंजय ने कहा कि इस समय मध्यम अल नीनो (Moderate El Nino) की स्थिति बनी हुई है। IMD का अनुमान है कि मानसून का मौसम शुरू होने तक यह सामान्य हो जाएगा। इसके बाद ला लीना की स्थिति अगस्त-सितंबर तक आ सकती है।
कहां-कहां होगी बेहतर बारिश
IMD ने अपने मौसम पूर्वानुमान में बताया कि उत्तर-पश्चिम (northwest), पूर्व और पूर्वोत्तर राज्यों (east and northeastern states) के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के ज्यादातर इलाकों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
अर्थव्यवस्था के लिए खुशखबरी
दक्षिण-पश्चिम मानसून (southwest monsoon) का भारत की सालाना बारिश में करीब 70 फीसदी योगदान होता है, जो खेती-किसानी यानी कृषि क्षेत्र के लिए काफी अहम होता है। गौरतलब है कि भारत की GDP में कृषि क्षेत्र का करीब 14 फीसदी योगदान है। यानी अगर सही सीजन में बेहतर बारिश होती है तो भारत को अर्थव्यवस्था में मदद मिलेगी क्योंकि GDP ग्रोथ भी और अधिक बढ़ सकती है।
कैसे लगाया गया अनुमान
मानसूनी बारिश के लंबे समय तक बने रहने के पूर्वानुमानों पर पृथ्वी विज्ञान के सचिव एम. रविचंद्रन ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि ये दीर्घकालिक बारिश के पूर्वानुमान 1971 से लेकर 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के आधार पर जताए गए हैं।
उन्होंने कहा कि 1 जून से लेकर 30 सितंबर तक देशभर में कुल बारिश औसतन 87 सेंटीमीटर हो सकती है।
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