गोदरेज परिवार ने 127 साल बाद किया कारोबार का बंटवारा, दो समूहों में बंटी कंपनियां
नई दिल्ली। गोदरेज परिवार ने 127 साल बाद कारोबार का बंटवारा कर दिया है। अब दो समूह में कंपनियां बंट गई हैं। प्रबंधन और बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि 127 साल पुराने गोदरेज समूह के सौहार्दपूर्ण विभाजन से यह सुनिश्चित होगा कि शेयरधारक का मूल्य प्रभावित न हो। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इससे समूह की पांच सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की कीमतों में इजाफा हो सकता है।
वर्षों की बातचीत के बाद गोदरेज परिवार ने मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद शेयरधारिता के पुनर्गठन का ऐलान किया। नई व्यवस्था के तहत जमशेद गोदरेज, अपनी भतीजी न्यारिका होलकर और परिवारों के संग गैर-सूचीबद्ध गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप (जीईजी) संभालेंगे।
इस समूह में गोदरेज ऐंड बॉयस और संबंधित कंपनियों होंगी। नादिर गोदरेज और आदि गोदरेज अपने परिवारों के साथ गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप (जीआईजी) का संचालन करेंगे, जिसमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज जैसी सूचीबद्ध कंपनियां होंगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कई हालिया उदाहरण हैं, जिनमें पारिवारिक समाधान के संबंध में विवादों के कारण शेयरधारकों की संपत्ति को चोट पहुंची और कारोबार वृद्धि पर असर पड़ा। उन्होंने कहा कि गोदरेज जैसे बड़े और जटिल समूह ने जिस तरह से स्वामित्व के मसले को हल किया है, उसका शेयर बाजार स्वागत करेगा।
इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज के संस्थापक और प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रमण्यन ने कहा, ‘गोदरेज समूह जैसे कारोबारी घराने तेजी से यह अनुभव कर रहे हैं कि सौहार्दपूर्ण समझौता बेहतर होता है, वरना सभी शेयरधारकों की संपत्ति चौपट हो जाती है। इसके अलावा किसी भी पारिवारिक समझौते के खुलासे पर सेबी का नया नियम परिवारों को सरल संरचना बनाने पर जोर दे रहा है।’
स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘कुल मिलाकर इसे जिस तरह से संभाला गया है, वह पूरी प्रक्रिया में गरिमा को दर्शाता है। अन्य कारोबारी परिवारों से उलट यहां कोई कटुता नहीं है। इसके बाद प्रत्येक उपसमूह का ध्यान ज्यादा तीव्र हो जाएगा।’ बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुवार को जब बाजार खुलेगा, तो पारिवारिक समझौते की वजह से गोदरेज समूह के पांच शेयर सकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं क्योंकि एक प्रमुख समस्या दूर हो गई है।
इस ऐलान से पहले गोदरेज इंडस्ट्रीज के शेयरों में करीब छह प्रतिशत की तेजी आई थी। एस्टेक लाइफसाइंसेज में पांच प्रतिशत का अपर सर्किट लगा था जबकि गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज और गोदरेज एग्रोवेट में पिछले दिन के बंद भाव के मुकाबले कम ही बदलाव देखा गया था।
बंटवारा कर दायरे में नहीं
वकीलों का कहना है कि गोदरेज समूह के दो पक्षों (आदि गोदरेज/नादिर गोदरेज परिवार और उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज/स्मिता गोदरेज कृष्णा परिवार) के बीच सौहार्दपूर्ण विभाजन पर कर नहीं लगेगा। अरबों डॉलर के स्वामित्व वाले गोदरेज परिवार ने गोदरेज समूह को दो हिस्सों में विभाजित करने का निर्णय लिया है। समूह का कारोबार रियल एस्टेट से लेकर उपभोक्ता उत्पाद व्यवसायों में फैला हुआ है।
समूह की सूचीबद्ध कंपनियों ने मंगलवार की शाम एक्सचेंजों को भेजे बयानों में बताया कि प्रवर्तकों – आदि गोदरेज, नादिर गोदरेज, जमशेद गोदरेज और स्मिता गोदरेज कृष्णा (संबंधित परिवार प्रमुखों) ने गोदरेज परिवार के कुछ सदस्यों के बीच एक पारिवारिक निपटान समझौते (एफएसए) और एक ब्रांड और गैर-प्रतिस्पर्धा समझौते के बारे में एक संयुक्त पत्र भेजा है।
वेद जैन ऐंड एसोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन ने कहा, ‘इस तरह के सौदे में कर मामले काफी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं और कई बार सभी समझौतों के बावजूद पूरी प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं। हालांकि तथ्य यह है कि यह एक पारिवारिक निपटान है जो गोदरेज समूह के पक्ष में होगा।’
उन्होंने कहा कि अदालतों ने माना है कि पारिवारिक समझौते के तहत शेयरों के हस्तांतरण पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा। जैन ने कहा, ‘अदालतों का मानना है कि परिवार के सदस्य, शांति या परिवार में सद्भाव के लिए ऐसी पारिवारिक व्यवस्था अपना सकते हैं और यदि व्यवस्था अच्छे भरोसे के साथ है तो कोई पूंजीगत लाभ कर लागू नहीं होगा।’
पारिवारिक समझौते को विवादों को टालने, प्रतिद्वंद्वी दावों को निपटाने, शांति या परिवार की प्रतिष्ठा बनाए रखने के इरादे से परिवार के सदस्यों के बीच एक व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें व्यवसाय या संपत्ति में अधिकार रखने वाले विभिन्न घटक ‘फैमिली’ के स्वामित्व वाली संपत्ति में हिस्सा लेते हैं। सीएनके में पार्टनर पल्लव प्रद्युम्न नारंग ने कहा कि कर के दृष्टिकोण से परिवारिक समझौते को स्थानांतरण नहीं माना गया है और इसलिए यह कर के अधीन नहीं है।
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