सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा-सरकार का सामुदायिक रेडियो पर विज्ञापनों का समय सात मिनट प्रति घंटा से बढ़ाकर 12 मिनट करने का प्रस्ताव
नई दिल्ली। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि सरकार सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर विज्ञापनों के लिए समय में बढ़ोतरी करके इसे सात मिनट प्रति घंटे से बढ़ाकर 12 मिनट प्रतिघंटे करना चाहती है, ताकि उन्हें टेलीविजन चैनलों के समकक्ष लाया जा सके।
आकाशवाणी समाचार के जरिये सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के श्रोताओं को संबोधित करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि सामुदायिक रेडियो अपने आप में एक समुदाय है और ये परिवर्तन के संवाहक हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या बढ़ाने की योजना बनायेगा। श्री जावड़ेकर ने कहा कि इस तरह के रेडियो स्टेशन स्थापित करने में आने वाले खर्च का 75 प्रतिशत मंत्रालय द्वारा वहन किया जाता है।
सामुदायिक रेडियो स्टेशनों से समाचारों के प्रसारण की मांग का जिक्र करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि वे इस बारे में विचार करेंगे। उन्होंने इन रेडियो स्टेशनों से आग्रह किया कि वे स्थानीय स्रोतों से सूचनाओं का सत्यापन कर फेक न्यूज के खतरे से निपटने में मदद करें। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने पत्र सूचना कार्यालय के अंतर्गत तथ्यों की जांच के लिए फैक्ट चैक सेल बनाया है और सामुदायिक रेडियो इसकी मदद कर सकते हैं। श्री जावड़ेकर ने कहा कि फेक न्यूज बड़ी खतरनाक होती है और इस पर प्रतिबंध को प्रेस की आजादी का हनन नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय स्तर पर सूचनाओं का सत्यापन कर सही समाचार देने में मदद कर सकते हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ संघर्ष के लिए लोगों का आह्वान करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि हम इसे उसी तरह भगा देंगे, जैसे हमने कई अन्य बीमारियों को भगाया है।
आत्मनिर्भर भारत पैकेज का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक समग्र पैकेज है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित सुधारों को शामिल किया गया है।
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