देशभर में लॉकडाउन के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने पिछले साल से ज्यादा गेहूं खरीदा
नई दिल्ली। सरकारी एजेंसियों द्वारा गेहूं की खरीद कल 341 लाख 56 हजार टन हो गई। यह पिछले वर्ष की 341 लाख 31 हजार टन की खरीद से अधिक है।
कोविड-19 महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण सभी बाधाओं के बावजूद खरीद में यह वृद्धि हुई। देश में हर वर्ष गेहूं की कटाई सामान्य रूप से मार्च के आखिर में शुरू होती है और अप्रैल के पहले हफ्ते में खरीद आरंभ हो जाती है। 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के साथ ही सभी गतिविधियां बंद हो गई थीं। उस समय फसल पक चुकी थी और कटाई के लिए तैयार थी। इसके मद्देनजर केन्द्र ने खेतीबाड़ी संबंधी गतिविधियों को लॉकडाउन से छूट दी। इसके बाद 15 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई।
महामारी के कारण सुरक्षित ढंग से खरीद सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके लिए जागरूकता अभियान, सुरक्षित दूरी बनाये रखने और प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसी कई नीतियां अपनाई गई। तकनीक के उपयोग से ज्यादातर किसानों को मंडियों में नहीं जाना पड़ा और खरीद केन्द्रों की संख्या भी बहुत बढ़ाई गई।
केन्द्र सरकार, भारतीय खाद्य निगम, राज्य सरकारों और उनकी एजेंसियों के ठोस और समन्वित प्रयासों से अनाज की अधिकता वाले सभी राज्यों में सुगमता पूर्वक गेहूं की खरीद हो सकी।
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