केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी वाले छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के हालात की समीक्षा की
-वीडियो कॉन्फेसिंग के माध्यम से उच्च अधिकारियों की बैठक ली
नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने केन्द्रीय स्वास्थ मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इन राज्यों में पिछले तीन सप्ताहों के दौरान कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी दिखाई दी है। इस दौरान लॉकडाउन के नियमों में रियायतें दी गई हैं और एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने की इजाजत भी दे दी गई है।
बैठक में राज्यों को मृत्यु दर, रोगियों की संख्या के दोगुना होने की अवधि, प्रति एक लाख लोगों में से परीक्षण की दर और संक्रमण की पुष्टि वाले मामलों के प्रतिशत के आधार पर कोविड-19 के फैलाव के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा रोकथाम की कारगर रणनीति पर भी चर्चा हुई।
इस बात पर भी जोर दिया गया कि हरेक कंटेनमेंट जोन का विश्लेषण किया जाए, ताकि रुझान के देखते हुए सुधार के प्रयास किए जा सकें। बफर जोन के अंदर की जाने वाली गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। आरोग्य सेतु ऐप के जरिए प्राप्त हुए आंकड़ों का उपयोग करने को भी कहा गया।
गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में राज्यों को याद दिलाया गया कि टीबी, कुष्ठ रोग और उच्च रक्तचाप तथा मधुमेह जैसे गैर-संचारी रोगों के इलाज के लिए भी तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
यह भी सुझाव दिया गया कि क्वारिंटीन केंद्रों में मोबाइल चिकित्सा इकाइयां और अस्थायी स्वास्थ्य उप-केंद्र बनाए जाने चाहिए और उनमें अग्रिम पंक्ति के अतिरिक्त स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए।
राज्यों को सलाह दी गई कि गर्भवती महिलाओं, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों, बुजुर्गों और अन्य गंभीर बीमारियों वाले लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसमें आंगनवाडी कार्यकर्ताओं का सहयोग लेने को भी गया गया। इस बात पर जोर दिया गया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों की पौष्टिक आहार संबंधी जरूरतों का ध्यान रखा जाए और उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भेजा जाए।
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