केंद्र ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन को स्वीकृति दी
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन को मंजूरी दी है। कृषि में बदलाव और किसानों की आय बढ़़ाने की दिशा में यह एक दूरदर्शी कदम है।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन कर अनाज, दालों, तिलहन, खाद्य तेलों और प्याज और आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस फैसले से किसानों को फसल की बेहतर कीमत मिल सकेगी और निजी निवेशकों की, अनावश्यक नियामक हस्तक्षेप की आशंका दूर होगी।
श्री जावडेकर ने कहा कि भारत में अधिकतर कृषि वस्तुओं का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होता है और किसानों को शीत भंडारण, प्रसंस्करण और निर्यात में निवेश का अभाव होने के कारण अपने उत्पादों की बेहतर कीमत नही मिल पातीं क्योंकि आवश्यक वस्तु अधिनियम के कारण उद्यमशीलता निरूत्साहित होती है।
श्री जावडेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने देश में निवेश आकर्षित करने के लिए मंत्रालयों और विभागों में परियोजना विकास सैल तथा सचिवों का अधिकार प्राप्त दल बनाने को भी मंजूरी दे दी है। इस नई व्यवस्था से 2024-25 तक भारत को पचास खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इससे भारत अधिक निवेश हितैषी बनेगा और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। श्री जावडेकर ने कहा कि इससे निवेश और संबंधित प्रोत्साहन नीतियों में केंद्र तथा राज्य सरकारों और मंत्रालयों तथा विभागों के बीच बेहतर तालमेल हो सकेगा।
आयुष मंत्रालय के तहत सहायक कार्यालय के रूप में, भारतीय औषध और होम्योपैथी के लिए फार्माकोपिया आयोग की पुर्नस्थापना को भी स्वीकृति दे दी गई है। श्री जावडेकर ने बताया कि इस आयोग की स्थापना दो केंद्रीय प्रयोगशालाओं-फार्माकोपिया लेबोरेटरी फॉर इंडियन मेडिसिन और होम्योपैथिक फार्माकोपिया लेबोरेटरी का विलय कर की जाएगी।
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर कोलकाता श्यामाप्रसाद मुखर्जी पोर्ट करने का भी फैसला किया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पर्यावरण के क्षेत्र में सहयोग के लिए भूटान सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को भी मंजूरी दे दी है।
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