सिंधू मलेशिया मास्टर्स खिताब से एक कदम दूर
कुआलालंपुर. दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पी वी सिंधू ने शनिवार को यहां थाईलैंड की बुसानन ओंगबामरुंगफान के खिलाफ पिछड़ने के बाद शानदार जीत दर्ज करते हुए 4,20,000 डॉलर (लगभग 3.49 करोड़ रुपये) पुरस्कार राशि वाले मलेशिया मास्टर्स बैडमिंटन के फाइनल में अपनी जगह पक्की की। पिछले दो साल से एक भी खिताब जीतने में नाकाम रही पांचवीं वरीयता प्राप्त सिंधू ने बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर सुपर 500 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में 88 मिनट तक चले मैराथन मुकाबले में दुनिया की 20वें नंबर की बुसानन के खिलाफ 13-21, 21-16, 21-12 से जीत हासिल की। सिंधू ने इस जीत के बाद कहा, ‘‘अभी एक और मैच बाकी है और जब मैं उसे जीतूंगी तो शायद मुझे अधिक खुशी मिलेगी। मुझे लगता है कि मैं खुश हूं कि आज यह वास्तव में अच्छा हुआ। इस तरह की जीत से निश्चित रूप से मुझे काफी आत्मविश्वास मिलता है।'' सिंधू ने इससे पहले 2022 सिंगापुर ओपन को अपने नाम करने में सफल रही थी और पिछले साल मैड्रिड स्पेन मास्टर्स में उपविजेता रही थी। यह बुसानन पर 19 मैचों में उनकी 18वीं जीत थी। बुसानन ने सिंधू को सिर्फ एक बार 2019 हांगकांग ओपन में शिकस्त दी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बुसानन के खिलाफ वास्तव में लंबे समय के बाद खेल रही हूं। उसके खेल में निश्चित रूप से काफी बदलाव आया है। हमने कई मैच खेले है लेकिन यह मेरे लिए एक नये मुकाबले की तरह था।'' उन्होंने कहा, ‘‘ मैं अति आत्मविश्वास के साथ मुकाबले के लिए नहीं गयी था। मैं बस यही सोच कर गयी थी कि मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना है।'' विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर काबिज सिंधू के सामने फाइनल में चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त वांग झांग यी की चुनौती होगी। विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज झांग के खिलाफ तीन मैचों में सिंधू ने दो जीत दर्ज की है। सिंधू ने कहा, ‘‘ मैं पहले भी उसके खिलाफ कुछ मैच खेल चुकी हूं। वह अब रैंकिंग में शीर्ष 10 में है और मेरे लिए यह मैच आसान नहीं होगा। मुझे अपना शत प्रतिशत देना होगा।'' पिछले दो ओलंपिक में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीतने वाली सिंधू का पेरिस ओलंपिक से पहले लय में वापसी करना भारतीय खेलों के लिए अच्छी खबर है। इस सत्र की शुरुआत में घुटने की चोट से वापसी करने के बाद से उन्होंने पिछले कुछ टूर्नामेंटों में आक्रामक खेल दिखाया है। सिंधू ने पिछले काफी समय से कैरोलिना मारिन, ताई त्जु यिंग, चेन यू फेई और अकाने यामागुची जैसी बड़ी खिलाड़ियों को हराने में विफल रही है और पेरिस ओलंपिक में उन्हें इन खिलाड़ियों के कड़ी चुनौती मिल सकती है। वह अगर रविवार को खिताब जीतने में सफल रही तो ओलंपिक से पहले उनका हौसला काफी बढ़ेगा। बुसानन के खिलाफ अपने जीत-हार के एकतरफा रिकॉर्ड के बावजूद सिंधू के लिए यह एक कठिन मुकाबला साबित हुआ। वह पहले गेम में थाईलैंड की खिलाड़ी के दबदबे को कम नहीं कर सकी। दोनों खिलाड़ियों के बीच शुरुआती गेम में कई लंबी रेलियां देखने को मिली जिसमें बुसानन ने सिंधू के शॉट पर अच्छा बचाव करने के साथ कुछ शानदार स्मैश लगा कर 8-6 की बढ़त बना ली। सिंधू ने इस दौरान बैकलाइन के आकलन में गलती कर दो अंक गंवाये जिससे ब्रेक के समय थाईलैंड की खिलाड़ी ने अपनी बढ़त को पहले 15-9 और फिर 17-10 के साथ मजबूत करने में सफल रही। सिधू ने लगातार दो बार शटल को नेट पर खेल कर बुसानन को सात गेम प्वाइंट दिये और इस खिलाड़ी ने बैकहैंड से उनके शॉट को ब्लॉक कर इसे अपने नाम किया। बुसानन ने दूसरे गेम में भी 6-4 की बढ़त के साथ अच्छी शुरुआत की। सिंधू ने इसके बाद शानदार स्मैश से 8-7 की बढ़त बनायी। वह क्रॉस कोर्ट स्मैश लगाकर ब्रेक के समय दो अंक की बढ़त बनाने में कामयाब रही। थाईलैंड की खिलाड़ी ने सिधू को टक्कर देना जारी रखा लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अपने रिटर्न में नेट का शानदार इस्तेमाल कर बुसानन को चकमा दिया। सिंधू इसके बाद 18-14 की बढ़त बनाने के बाद पांच गेम प्वाइंट हासिल कर इसे आसानी से भुनाने में सफल रही। दूसरे गेम में पिछड़ने के बाद बुसानन पर दबाव हावी हो गया और निर्णायक गेम में वह लगातार गलतियां करती रही। सिंधू ने आसानी 4-1 की बढ़त बनाने के बाद आसानी से इसे 17-10 किया और फिर आठ मैच प्वाइंट हासिल करने के बाद शानदार जीत दर्ज की।
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