मेजबान और प्रतियोगी चोपड़ा बने एनसी क्लासिक के पहले सत्र के चैंपियन
बेंगलुरु. भारतीय भाला फेंक सुपरस्टार नीरज चोपड़ा ने शनिवार को विश्व स्तरीय प्रतियोगिता की मेजबानी और उसमें प्रतिस्पर्धा करने के अपने सपने को साकार करते हुए ‘एनसी क्लासिक' का खिताब जीत लिया। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता 27 साल के चोपड़ा ने अपने माता-पिता की मौजूदगी में श्री कांतीरवा स्टेडियम में अपने तीसरे प्रयास में 86.18 मीटर की दूरी के साथ खिताब अपने नाम किया। चोपड़ा का यह लगातार तीसरा खिताब है। उन्होंने इससे पहले उन्होंने पेरिस डायमंड लीग (20 जून) और पोलैंड के ओस्ट्रावा में गोल्डन स्पाइक (24 जून) में खिताब जीता था। कीनिया के 2025 विश्व चैंपियन जूलियस येगो 84.51 मीटर के साथ दूसरे स्थान पर रहे जबकि श्रीलंका के रुमेश पथिरगे (84.34 मीटर) ने तीसरा स्थान हासिल किया। चोपड़ा ने बाद में कहा कि वह थ्रो की दूरी से खुश नहीं थे लेकिन हवा भरे हालात को देखते हुए वह संतुष्ट थे। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘निश्चित रूप से मैं जीतना चाहता था। मेरा लक्ष्य सफलतापूर्वक टूर्नामेंट पूरा करना था। यह आसानी से हो गया। '' चोपड़ा ने मई में दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर के थ्रो के साथ 90 मीटर की दूरी हासिल की थी।
उन्होंने कहा, मुझे अच्छे परिणाम की उम्मीद थी, लेकिन हवा काफी तेज थी। मैं जीत कर खुश हूं। यह मेरे लिए मानसिक रूप से काफी मुश्किल था क्योंकि मुझे पता था कि लोग मुझसे जीत की उम्मीद कर रहे थे। मैं दो टूर्नामेंट में भाग लेने के बाद यहां आया था और इसलिए मुझ पर घरेलू दर्शकों के सामने प्रदर्शन करने का दबाव था। '' चोपड़ा ने कहा, ‘‘हवा सामने से आ रही थी और दिशा भी बदल रही थी इसलिए यह मुश्किल स्थिति थी। ''
उन्होंने स्वीकार किया कि पहले कुछ प्रयासों में हवा के विपरीत थ्रो करते समय उन्हें कुछ तकनीकी समस्याएं आई थीं। उन्हें अपने कोच और विश्व रिकॉर्डधारी जान जेलेजनी के साथ चर्चा करते देखा गया जो लगभग हर थ्रो के बाद कुछ मीटर की दूरी से स्टेडियम के कोने पर खड़े होकर देख रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘शुरू में मुझे तकनीकी दिक्कतें आईं, लेकिन मेरे कोच ने मुझे सीधा थ्रो करने के लिए कहा। '' चोपड़ा ने कहा, ‘‘भीड़ के उत्साह के बीच मैंने अपने पहले दो थ्रो बहुत जोश के साथ किए और अपना पहला थ्रो फाउल कर दिया। कोच ने मुझे शांत रहने और रिलैक्स करने के लिए कहा। येगो ने भी मुझे रिलैक्स करने के लिए कहा। येगो और पाथिरेज दोनों ने मुझे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। '' इस शीर्ष एथलीट ने कहा कि उन्हें हैरानी हुई कि एनसी क्लासिक के शुरूआती चरण को लिए इतने सारे लोग आए।
चोपड़ा ने इस प्रतियोगिता को जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स के सहयोग से आयोजित किया गया था। इसे भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने मंजूरी दी थी। नीरज चोपड़ा क्लासिक प्रतियोगिता में 12 भाला फेंक खिलाड़ियों ने भाग लिया जिसमें सात शीर्ष अंतरराष्ट्रीय भाला फेंकने वाले खिलाड़ी शामिल थे। इसमें चोपड़ा सहित पांच भारतीय खिलाड़ियों ने भी चुनौती पेश की। विश्व एथलेटिक्स ने एनसी क्लासिक को श्रेणी ए का दर्जा दिया है।
चोपड़ा ने इस साल मई में 90 मीटर की बाधा को पार किया था। उन्होंने एनसी क्लासिक से पहले ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक 2025 में 85.29 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ खिताब जीता था। प्रतियोगियों के लिए यह एक कठिन मुकाबला था क्योंकि उन्हें सामने से आ रही तेज हवा के विपरीत भाला फेंकना था। अपने कोच और विश्व रिकॉर्ड धारक जान जेलेजनी के साथ स्टेडियम पहुंचे चोपड़ा ने फाउल के साथ शुरुआत की, लेकिन जल्द ही अपने दूसरे प्रयास में 82.99 मीटर के साथ बढ़त बना ली। दूसरे दौर के बाद दूसरे स्थान पर रहे श्रीलंका के पथिराना ने अपने तीसरे प्रयास में 84.34 मीटर का प्रभावशाली थ्रो के साथ कायम की। उनकी यह बढ़त हालांकि ज्यादा देर तक कायम नहीं रही क्योंकि इस दौर के आखिर में भाला फेंकने के लिए पहुंचे चोपड़ा ने 86.18 मीटर के प्रयास के साथ बाकी प्रतियोगियों को काफी पीछे छोड़ दिया। उन्होंने अपने चिर-परिचित अंदाज में दोनों हाथ हवा को ऊपर उठाकर जश्न मनाया। जिसके बाद स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट और शोर मचाकर उनके हौसले को बढ़ाया। शुरुआती तीन थ्रो के बाद, अंतिम चार स्थान पर रहने वाले भाला फेंक खिलाड़ी खिताबी दौड़ से बाहर हो गये। येगो ने चौथे दौर में 84.51 मीटर के प्रयास के साथ पथिराज को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि चोपड़ा का चौथा प्रयास फाउल रहा। चोपड़ा ने पांचवें और छठे प्रयास में क्रमशः 84.07 मीटर और 82.22 मीटर का थ्रो किया।
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