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धर्मशाला. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 4-1 से हार पर निराशा व्यक्त करते हुए टीम के बल्लेबाजों को अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर काम करने और ‘बैजबॉल' के प्रति अपना जुनून छोड़ने की सलाह दी। इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट में आक्रामक अंदाज में खेलने के लिए ‘बैजबॉल' शैली को अपनाया लेकिन भारत के खिलाफ उसकी यह रणनीति नहीं चल पाई और उसे श्रृंखला में करारी हार का सामना करना पड़ा। ‘बैजबॉल' शब्द इंग्लैंड के टेस्ट कोच ब्रैंडन मैकुलम के उपनाम ‘बैज' से लिया गया है। हुसैन ने स्काई स्पोर्ट्स में अपने कॉलम में लिखा, ‘‘हम इस शब्द ‘बैजबॉल' के कारण भ्रमित हो गए। टीम और टीम प्रबंधन को यह शब्द ‘बैजबॉल' रास नहीं आ रहा है। उन्हें अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर ध्यान देने की जरूरत है।'' इंग्लैंड की तरफ से 45 टेस्ट मैच में कप्तानी करने वाले हुसैन ने कहा,‘‘विपक्षी टीम को देखिए। उन्होंने जिंदगी के हर पहलू की तरह प्रयास किया और उनसे सीख ली। फिर हमारा पतन क्यों हुआ। जैक क्रॉली अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में क्यों नहीं बदल पाए। बेन डकेट ने तब आक्रामक रवैया अपनाया जब गेंद काफी नई थी।'' इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स पूरी श्रृंखला में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। इस संबंध में हुसैन ने कहा ,‘‘बेन स्टोक्स का बल्ला पूरी श्रृंखला में नहीं चला। ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि वह विशुद्ध बल्लेबाज के रूप में खेल रहे थे। केवल अपने खुद के खेल पर ध्यान दो और उसमें सुधार करो।'' हुसैन ने टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट पूरे करने वाले तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन तथा 500 से अधिक विकेट लेने वाले भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की तारीफ की। उन्होंने कहा,‘‘बैजबॉल के बारे में काफी कहा और लिखा गया। मैंने पहले भी कहा था कि इन परिस्थितियों में व्यक्तिगत प्रदर्शन महत्वपूर्ण होता है।'' हुसैन ने कहा,‘‘इस मैच में दो खिलाड़ी जिमी एंडरसन और रविंद्रचंद्रन अश्विन खेल रहे थे। वे इस खेल के महान खिलाड़ी इसलिए बने क्योंकि उन्होंने लगातार अपने खेल में सुधार करने पर ध्यान दिया। उन्होंने सुधार करने का प्रयास किया।''
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सोनीपत (हरियाणा). तोक्यो ओलंपिक खेलों के पदक विजेता बजरंग पूनिया और रवि दहिया रविवार को यहां राष्ट्रीय टीम के लिए चयन ट्रायल में अपने वजन वर्ग के मुकाबले हारने के बाद पेरिस ओलंपिक क्वालीफिकेशन की दौड़ से बाहर हो गये। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अगुआई करने वाले पूनिया को पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा सेमीफाइनल में रोहित कुमार से 1-9 से हार मिली। इससे पहले वह रविंदर (3-3) के खिलाफ मुश्किल से जीत दर्ज करने में कामयाब हुए थे।
अगर रविंदर ने मुकाबले में चेतावनी से अंक नहीं गंवाया होता तो पूनिया पहले ही मुकाबले में बाहर हो गये होते। सेमीफाइनल में हारने के बाद पूनिया गुस्से में तुरंत भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र से चले गये। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के अधिकारियों ने पूनिया के डोप नमूने लेने की कोशिश की लेकिन वह तीसरे-चौथे स्थान के मुकाबले के लिए भी नहीं रूके। पूनिया ने ट्रायल्स की तैयारी के लिए रूस में ट्रेनिंग ली थी। ये ट्रायल्स भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल द्वारा आयोजित किये जा रहे हैं। पूनिया ने हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय में यह कहते हुए मुकदमा जीत लिया था कि निलंबित डब्ल्यूएफआई के पास ट्रायल्स कराने का कोई अधिकार नहीं है। सुजीत कलकल ने फाइनल में रोहित को तकनीकी श्रेष्ठता से हराकर भारतीय टीम में जगह बनायी और अब वह पेरिस ओलंपिक के लिए 65 किग्रा वर्ग का कोटा दिलाने की कोशिश करेंगे। सुजीत ने हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए पूनिया को सीधे प्रवेश दिये जाने के खिलाफ चुनौती दी थी लेकिन वह यह कानूनी मुकदमा हार गये थे। सुजीत ने रविवार को कहा, ‘‘हमने हमेशा 65 किग्रा में अच्छा किया है और बजरंग ने ओलंपिक पदक भी जीता है इसलिये मुझ पर देश को कोटा दिलाने के लिए बंड़ी जिम्मेदारी है। '' रोहित अब एशियाई चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
ट्रायल्स के विजेताओं को 19 से 21 अप्रैल तक बिश्केक में और नौ से 12 मई तक इस्तांबुल में आयोजित होने वाले एशियाई और विश्व ओलंपिक क्वालीफायर में प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिलेगा। पुरुष 57 किग्रा (नोर्डिक प्रारूप में) हमेशा ही मुश्किल वर्ग रहा है जिसमें तोक्यो ओलंपिक के रजत पदक विजेता रवि दहिया और अमन सेहरावत दौड़ में थे। चोट से वापसी कर रहे दहिया बड़े स्कोर वाले पहले मुकाबले में अमन से 13-14 से हार गये। दोनों ही छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग करते हैं।
दहिया जब प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे थे तो अमन 2023 में लगभग सभी टूर्नामेंट में पदक जीतकर सुर्खियों में रहे थे। एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता अमन ने अंतिम मिनट में दहिया के दबदबे को खत्म करते हुए मुकाबला जीत लिया। दहिया अगले मुकाबले में अंडर-20 एशियाई चैम्पियन उदित से हार गये। अमन 57 किग्रा में ओलंपिक क्वालीफायर में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
अमन ने अपने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘रवि के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करना हमेशा मुश्किल होता है लेकिन मैं इस टूर्नामेंट के लिए पूरी तैयारी की और अपने खेल पर काम किया। मैं पिछले एक महीने से रूस में तैयारी कर रहा था जिससे मदद मिली। '' भारत ने अभी तक अंतिम पंघाल (महिला 53 किग्रा) के जरिये ही पेरिस ओलंपिक के लिए एक कोटा हासिल किया है। ट्रायल्स में जीतने वाले अन्य पहलवान जयदीप (74 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), दीपक नेहरा (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा) हैं। एशियाई क्वालीफायर के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है:
अमन सहरावत (57 किग्रा), सुजीत कलकल (65 किग्रा), जयदीप (74 किग्रा), दीपक पूनिया (86 किग्रा), दीपक नेहरा (97 किग्रा) और सुमित मलिक (125 किग्रा)। -
चेन्नई. आस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर ग्लेन मैकग्रा ने कहा कि तेज गेंदबाजों की नयी खेप पैट कमिंस, जोश हेजलवुड और मिचेल स्टार्क की तिकड़ी के संन्यास के बाद जिम्मेदारी संभालने के लिए इंतजार कर रही है। आस्ट्रेलियाई खेमे में कमिंस (30 साल), स्टार्क (34 साल) और हेजलवुड (33 साल) के उत्तराधिकारी ढूंढने पर चर्चा चल रही है लेकिन मैकग्रा को लगता है कि बदलाव की प्रक्रिया में कोई परेशानी नहीं होगी। ‘एमआरएफ पेस फाउंडेशन' के कार्यक्रम के दौरान मैकग्रा ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमारे तेज गेंदबाजों की अगली पीढ़ी खेलने का इंतजार कर रही है। स्कॉट बोलैंड, माइकल नेसेर, झाय रिचर्डसन और काफी सारे युवा तेज गेंदबाज सामने आ रहे हैं, हम देख रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं। ये खिलाड़ी खेलने के लिए तैयार हैं। उन्हें सिर्फ मौके की जरूरत है। '' बोलैंड और नेसेर कुछ टेस्ट मैच खेल चुके हैं।
मैकग्रा ने कहा, ‘‘मौजूदा आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी क्रम मजबूत है। वे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और जीत भी रहे हैं। साथ ही वे चोटिल भी नहीं हो रहे हैं। जब तक उनका प्रदर्शन खराब नहीं होता या वे चोटिल हो जाते हैं, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा। इसलिये टीम में कोई युवा तेज गेंदबाज नहीं है। '' पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वरूण आरोन ने बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के घरेलू क्रिकेट को अहमियत देने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, ‘‘घरेलू क्रिकेट निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट का आधार है। इसके बिना हमें चैम्पियन खिलाड़ी नहीं मिलते जो अब हमें देखने को मिल रहे हैं। इसलिये बीसीसीआई ने बिलकुल सही किया। '' बीसीसीआई ने सभी फिट और उपलब्ध क्रिकेटरों के लिए अपने राज्य के लिए घरेलू मैचों में खेलना अनिवार्य कर दिया है। भारतीय खिलाड़ी ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को घरेलू मैचों की अनदेखी करने के बाद केंद्रीय अनुबंध भी नहीं दिया।
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धर्मशाला. प्लेयर आफ द सीरिज यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में मिली अप्रतिम सफलता का श्रेय पारी की शुरूआत करते हुए गेंदबाजों पर दबाव बनाने की अपनी रणनीति को दिया । जायसवाल ने श्रृंखला में दो शतक और तीन अर्धशतक समेत 712 रन बनाये ।
उन्होंने कहा , मैं सिर्फ गेंदबाजों पर दबाव बनाने के बारे में सोच रहा था । यही रणनीति थी और इस पर अडिग रहना था ।'' एक श्रृंखला में 700 से अधिक रन बनाने वाले सुनील गावस्कर के बाद दूसरे भारतीय बने जायसवाल ने कहा कि वह अपने पैर जमीन पर रखना चाहते हैं । उन्होंने कहा ,‘‘ मैने श्रृंखला का पूरा मजा लिया । मैं एक समय पर एक मैच के बारे में ही सोच रहा हूं । मैं यही सोचता हूं कि टीम के लिये कैसे योगदान दे सकता हूं और कैसे जीत तक ले जा सकता हूं ।'' कप्तान रोहित शर्मा ने कहा ,‘‘ उसे लंबा सफर तय करना है और उसकी उपलब्धि देखकर अच्छा लग रहा है । उसके जैसा प्रतिभाशाली खिलाड़ी गेंदबाजों पर शुरू से ही दबाव बना सकता है । आगे काफी चुनौतियां होंगी लेकिन उसे चुनौतियां पसंद है ।'' प्लेयर आफ द मैच बने कुलदीप यादव ने कहा कि वह अपने स्पैल में अच्छी लैंग्थ पर फोकस कर रहे हैं ।
उन्होंने कहा , मेरा फोकस अच्छी लैंग्थ पर है और इस प्रारूप में यह स्पिनरों के लिये काफी जरूरी है । मैं इस बारे में ज्यादा नहीं सोचता कि बल्लेबाज क्या करने की कोशिश कर रहा है ।'' कुलदीप ने रांची में बेन स्टोक्स के विकेट को और यहां जाक क्रॉली के विकेट को अपना पसंदीदा बताया ।
उन्होंने कहा ,‘‘ रांची में गेंदबाजी करके मजा आया । विकेट धीमा था और स्टोक्स का विकेट लेना अच्छा रहा । यहां क्रॉली का विकेट खूबसूरत गेंद पर लिया ।' -
नयी दिल्ली. भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के नवनियुक्त अध्यक्ष देवेंद्र झाझरिया ने इस शीर्ष पद पर चुने जाने के तुरंत बाद कहा कि पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत का लक्ष्य 30 पदक जीतना होगा जो तोक्यो में जीते गए पदकों से 11 अधिक हैं। भारत ने 2021 में तोक्यो पैरालंपिक खेलों में पांच स्वर्ण, आठ रजत और छह कांस्य पदक सहित कुल 19 पदक जीते थे। झाझरिया ने इन खेलों में भाला फेंक में रजत पदक हासिल किया था। झाझरिया ने कहा,‘‘पेरिस पैरालंपिक खेलों में हमारा लक्ष्य तोक्यो में जीते गए 19 पदकों से अधिक पदक जीतना होगा। इस बार 30 पार। '' उन्होंने कहा,‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली यह सरकार पैरा खेल और पैरा खिलाड़ियों पर बहुत ध्यान दे रही है। हमने 2016 में रियो पैरालंपिक में अच्छा प्रदर्शन किया था तथा तोक्यो में 19 पदक जीते थे। हमने दिखाया कि भारत पैरा खेलों में तेजी से आगे बढ़ रहा है।'' भारत अगर पेरिस पैरालंपिक में 30 पदक जीतता है तो वह शीर्ष 10 देश में शामिल हो जाएगा।
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धर्मशाला. बेन स्टोक्स की ‘बैजबॉल' शैली के सामने रोहित शर्मा की कप्तानी का उतना चर्चा नहीं था लेकिन भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने खुशी जताई कि खिलाड़ियों ने उसकी कप्तानी में शानदार प्रदर्शन किया । रोहित की कप्तानी में भारत ने कभी बड़े दावे नहीं किये लेकिन बेहतरीन ढंग से उस इंग्लैंड टीम को पांच मैचों की श्रृंखला में 4 . 1 से हराया जिसकी अति आक्रामक ‘बैजबॉल' शैली के चर्चे यत्र तत्र सर्वत्र थे । द्रविड़ ने पांचवां टेस्ट जीतने के बाद प्रसारकों से कहा ,‘‘ ऐसी शानदार टीम के साथ काम करना सौभाग्य की बात है । मैं उनसे सीखता रहता हूं । रोहित शानदार कप्तान है और खिलाड़ियों को उसकी कप्तानी में निखरते देखकर अच्छा लगा ।'' द्रविड़ ने कहा कि इस श्रृंखला में कई शानदार पल आये लेकिन निजी आपात स्थिति से रविचंद्रन अश्विन का लौटकर आना और खेलना इस टीम का जज्बा बयां करता है । उन्होंने कहा ,‘‘ अश्विन उन हालात में लौटकर आया और खेला । वह टीम की जीत में योगदान देना चाहता था । यह इस टीम का जज्बा बयां करता है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मेरे लिये वह श्रृंखला का सबसे बड़ा पल था । एक कोच के रूप में इस तरह का माहौल देखकर खुशी होती है ।'' अश्विन को राजकोट टेस्ट के दूसरे दिन पारिवारिक आपात स्थिति के कारण चेन्नई लौटना पड़ा था लेकिन वह तीसरे टेस्ट के चौथे दिन लौट आये थे । रणजी ट्रॉफी खेलने के बीसीसीआई के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले ईशान किशन और श्रेयस अय्यर के लिये दरवाजे बंद होने की अटकलों पर द्रविड़ ने कहा ,‘‘ रोहित और मैं अंतिम एकादश चुनते हैं । कई बार पता भी नहीं होता कि कौन अनुबंधित है और कौन नहीं । किसी के लिये भी दरवाजे बंद नहीं हुए हैं ।'' कुलदीप यादव के शानदार फॉर्म के बाद द्रविड़ ने कहा ,‘‘ उसके लिये कठिन रहा है । वह ऐसे समय में गेंदबाजी कर रहा था जब टीम में दो लीजैंड (अश्विन और रविंद्र जडेजा) खेल रहे हैं । वह एक्स फैक्टर लेकर आता है । उसने अपनी बल्लेबाजी पर भी काफी मेहनत की है जो बोनस है ।
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नयी दिल्ली. टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के वादे पर खरे उतरते हुए भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन खिलाड़ियों के लिए प्रत्येक मैच 45 लाख रुपये का प्रोत्साहन देने का फैसला किया जो हर सत्र में निर्धारित 75 प्रतिशत या इससे ज्यादा मैच खेलते हैं। सचिव जय शाह ने शनिवार को इसकी घोषणा की। एक टेस्ट खिलाड़ी जो एक सत्र में लगभग 10 टेस्ट मैच में हिस्सा लेता है, उसे बतौर प्रोत्साहन 4.50 करोड़ रुपये की मोटी धनराशि मिलेगी जो उसकी संभावित 1.5 करोड़ रुपये की मैच फीस (प्रत्येक मैच 15 लाख रुपये) से इतर होगी। साथ ही शीर्ष क्रिकेटरों को सालाना केंद्रीय अनुबंध के अंतर्गत ‘रिटेनर फीस' भी मिलेगी।
शाह ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘मुझे सीनियर पुरुष टीम के लिए ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना' की शुरूआत करने की घोषणा करके खुशी हो रही है क्योंकि यह कदम हमारे खिलाड़ियों को वित्तीय विकास और स्थिरता मुहैया कराने के उद्देश्य से उठाया गया है। '' उन्होंने कहा, ‘‘2022-23 सत्र से ‘टेस्ट क्रिकेट प्रोत्साहन योजना' टेस्ट मैच के लिए मौजूदा 15 लाख रुपये की मैच फीस के लिए अतिरिक्त पुरस्कार के तौर पर काम करेगी। '' यह प्रोत्साहन पूर्वप्रभावी होगा जिसका असर 2022-23 सत्र के दौरान टेस्ट क्रिकेट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर भी होगा। उदाहरण के तौर पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने 2023-24 सत्र के दौरान सभी 10 टेस्ट (विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो दो, इंग्लैंड के खिलाफ पांच) खेले हैं तो उन्हें टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देने के लिए 1.5 करोड़ रुपये (15 लाख गुणा 10) की मैच फीस मिलेगी। उन्हें 4.5 करोड़ रुपये (45 लाख गुणा 10) भी मिलेंगे। इसलिये उनकी टेस्ट क्रिकेट से ही छह करोड़ रुपये की कमाई हो जायेगी।
इसमें अगर प्रत्येक सत्र की सात करोड़ रूपये की उनकी सालाना रिटेनरशिप भी जोड़ दी जाये तो उनकी कमाई 13 करोड़ रुपये हो जायेगी। यह निश्चित रूप से उनके एक सत्र में वनडे (प्रत्येक मैच आठ लाख रुपये) और टी20 अंतरराष्ट्रीय (प्रत्येक मैच चार लाख रुपये) मैच के लिए मिलने वाली राशि से इतर होगी। बीसीसीआई ने इस गणना को समझाते हुए एक सत्र में औसत नौ टेस्ट लिये हैं। अगर कोई इनमें से 50 प्रतिशत मैच (इसे देखते हुए चार या कम) खेलता है तो उसे 15 लाख रुपये (अंतिम एकादश में खेलने के लिए) मिलेंगे और रिजर्व खिलाड़ियों को इसकी आधी राशि मिलेगी। लेकिन अगर वह इनमें से 50 से 75 प्रतिशत मैच (नौ में से पांच से छह मैच) तो उसे प्रत्येक मैच 30 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। अगर एक खिलाड़ी ने एक सत्र में छह टेस्ट खेले तो उसे मौजूदा मैच फीस 90 लाख रुपये (15 लाख रुपये गुणा छह) और 1.8 करोड़ रुपये (30 लाख रुपये गुणा छह) का प्रोत्साहन मिलेगी जिससे उसे 2.70 करोड़ रुपये मिलेंगे। मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने बीसीसीआई के इस कदम का स्वागत करते हुए इसे मुश्किल प्रारूप खेलने का पुरस्कार करार किया। द्रविड़ ने धर्मशाला में इंग्लैंड पर श्रृंखला में 4-1 की जीत के बाद कहा, ‘‘उम्मीद करता हूं कि यह राशि टेस्ट क्रिकेट खेलने का प्रोत्साहन नहीं होगी। यह देखना अच्छा है कि बीसीसीआई इस मुश्किल प्रारूप को तरजीह दे रहा है। यह पुरस्कार है प्रोत्साहन नहीं। '' यह फैसला कुछ खिलाड़ियों जैसे इशान किशन, श्रेयस अय्यर और दीपक चाहर के बोर्ड के लाल गेंद के क्रिकेट को प्राथमिकता देने के आदेश की अनदेखी के बाद लिया गया। ये खिलाड़ी रणजी ट्राफी क्रिकेट खेलने के बजाय अपनी इंडियन प्रीमियर लीग टीम के लिए ट्रेनिंग में जुटे थे। जब द्रविड़ से अय्यर और किशन के टेस्ट भविष्य के बारे में पूछा गया तो द्रविड़ ने कहा, ‘‘रोहित और मैं अंतिम एकादश चुनते हैं। कभी कभार मुझे नहीं पता होता कि कौन खिलाड़ी अनुबंधित है और कौन नहीं। कोई भी खिलाड़ी योजना से बाहर नहीं है। -
नयी दिल्ली. टिम पेन को चिर प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड को हारते देखना अच्छा लगता है लेकिन आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान को पता है कि टेस्ट क्रिकेट में भारत की ‘बी' टीम से हारने का दर्द क्या होता है । पेन 2020 . 21 की बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी श्रृंखला के दौरान आस्ट्रेलिया के कप्तान थे जब भारत ने उसे उसकी धरती पर 2 . 1 से हराया था । विराट कोहली उस समय पहले टेस्ट के बाद स्वदेश लौट आये थे और रोहित शर्मा पहले दो टेस्ट से बाहर थे । तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और उमेश यादव चोट के कारण बाहर थे जबकि रविचंद्रन अश्विन और जसप्रीत बुमराह गाबा पर आखिरी टेस्ट के लिये उपलब्ध नहीं थे । अजिंक्य रहाणे ने युवा भारतीय टीम की अगुवाई करके ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। पेन ने कहा ,‘‘ मुझे पता है कि भारत की बी टीम से हारना कैसा लगता है । हमारे साथ हमारे देश में यह हो चुका है ।'' उन्होंने आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ब्राड हाडिन से एक पॉडकास्ट में कहा ,‘‘ भारत के कुछ बड़े खिलाड़ी इस श्रृंखला में भी नहीं थे जिसका इंग्लैंड को फायदा होना चाहिये था ।'' कोहली, शमी, केएल राहुल और ऋषभ पंत के बिना भारत ने यह श्रृंखला 4 . 1 से जीती । कोच ब्रेंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स के साथ इंग्लैंड की किसी श्रृंखला में यह पहली हार थी । पेन ने कहा ,‘‘ मुझे इंग्लैंड को खेलते देखना और हारते देखना अच्छा लगता है । इंग्लैंड टीम काफी मनोरंजक है ।'' हाडिन ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम इस श्रृंखला में सबसे मजबूत नहीं थी लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि भारतीय क्रिकेट में कितनी गहराई है । भारतीय क्रिकेट की अगली पीढी के कुछ बड़े नाम इस श्रृंखला से निकले हैं । यशस्वी जायसवाल और ध्रुव जुरेल ने शानदार प्रदर्शन किया ।
- धर्मशाला। इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट में 700 विकेट लेने वाले पहले तेज गेंदबाज और कुल तीसरे गेंदबाज बन गए हैं। अपना 187वां टेस्ट मैच खेल रहे 41 वर्षीय एंडरसन ने शनिवार को यहां भारत के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के तीसरे दिन कुलदीप यादव को विकेट के पीछे कैच कराकर अपना 700वां विकेट हासिल किया। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को शुभमन गिल के रूप में अपना 699वां विकेट हासिल किया था।टेस्ट क्रिकेट में 600 से अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों में केवल दो तेज गेंदबाज शामिल हैं। इस सूची में एंडरसन के बाद उनके साथी खिलाड़ी स्टुअर्ट ब्रॉड का नाम शामिल है। पिछले साल संन्यास लेने वाले ब्रॉड के नाम पर 604 विकेट दर्ज हैं। सभी गेंदबाजों में श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन 800 विकेट लेकर शीर्ष पर काबिज हैं। उनके बाद ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न (708 विकेट) का नंबर आता है। भारत के अनिल कुंबले इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने 132 टेस्ट मैच में 619 विकेट लिए हैं। एंडरसन ने 2002 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। उम्र बढ़ने के बावजूद उन्होंने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा है। एंडरसन ने इंग्लैंड की तरफ से 194 एकदिवसीय मैच और 23 टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच भी खेले हैं। उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 1000 विकेट पूरे करने के लिए केवल 13 विकेट की जरूरत है।
- धर्मशाला। अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे रविचंद्रन अश्विन ने मैच में नौ विकेट लिए जिससे भारत ने इंग्लैंड को पांचवें और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच के तीसरे दिन ही शनिवार को यहां पारी और 64 रन से करारी शिकस्त दी। भारत ने इस तरह से पांच मैच की श्रृंखला 4-1 से जीती।इंग्लैंड की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 218 रन पर आउट हो गई थी जिसके जवाब में भारत ने 477 रन बनाकर 259 रन की बढ़त हासिल की। इंग्लैंड की टीम अपनी दूसरी पारी में 195 रन पर आउट हो गई। पहली पारी में चार विकेट लेने वाले अश्विन ने दूसरी पारी में 77 रन देकर 5 विकेट लिए। इंग्लैंड की तरफ से जो रूट ने सर्वाधिक 84 रन बनाए।
- धर्मशाला।' रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के दौरान विभिन्न एक्शन और गति पर काम किया और इस स्टार ऑफ़ स्पिनर ने कहा कि बाहरी प्रतिक्रियाओं पर ध्यान दिए बिना प्रयोग करना भारत की विभिन्न परिस्थितियों में उनकी सफलता का राज है। इंग्लैंड के खिलाफ यहां खेला गया पांचवा और अंतिम टेस्ट मैच अश्विन का 100वां टेस्ट मैच था। उन्होंने पांच मैच की श्रृंखला में सर्वाधिक 26 विकेट लिए। अश्विन ने पांचवें मैच में भारत की पारी और 64 रन से जीत के बाद कहा,‘‘ पूरी श्रृंखला के दौरान मैंने भिन्न एक्शन और गति से गेंदबाजी की। भारत में परिस्थितियां भिन्न होती हैं। यहां प्रत्येक मैदान से जुड़ी अपनी चुनौतियां होती हैं। लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं, इसको लेकर मैं कभी असहज महसूस नहीं करता हूं।'' इस 37 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि अपनी गेंदबाजी में नए आयाम जोड़ने की मानसिकता से उनकाे फायदा हुआ है।उन्होंने कहा,‘‘अगर मुझे विश्वास है कि मैं कुछ नया करने की कोशिश कर सकता हूं तो फिर मैं उससे पीछे नहीं हटता। मैं अच्छा फीडबैक लेने के लिए अपने कान और आंखें हमेशा खुली रखता हूं।'' अश्विन ने कहा,‘‘जब तक मैं प्रयास नहीं करूंगा तब तक मैं कैसे सीखूंगा। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मेरा कोई एक तरीका काम नहीं कर रहा है लेकिन सौभाग्य से प्रयोग करना और कुछ नया सीखने से मुझे मदद मिली है।'' अश्विन ने शनिवार को इंग्लैंड की दूसरी पारी में 77 रन देकर 5 विकेट लिए। उन्होंने इससे पहले रांची में चौथे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भी 51 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे। उन्होंने इन दोनों को पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करार दिया। उन्होंने कहा,‘‘इन दोनों स्पैल में मैंने जिस तरह से गेंदबाजी की उससे वास्तव में मैं बहुत खुश हूं। रांची में दूसरी पारी के प्रदर्शन से मुझे बहुत खुशी मिली।'' अश्विन ने अपने साथी स्पिनर कुलदीप यादव की भी जमकर प्रशंसा की जिन्होंने चार टेस्ट मैच में 19 विकेट लिए। उन्होंने कहा,‘‘जिस तरह से गेंद कुलदीप के हाथ से निकल रही है वह अविश्वसनीय है। कलाई के स्पिनर को इस तरह के प्रवाह में देखना तथा पिछले 10 महीनों और इस श्रृंखला में उसने जिस तरह से बदलाव किये उसे देखना सुखद है।'
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नयी दिल्ली.भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने स्पष्ट किया है कि वह 10 मार्च से शुरू होने वाले दो दिवसीय चयन ट्रायल्स में केवल उन्हीं पहलवानों को भाग लेने की अनुमति देगा जो अपने मूल राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे। डब्ल्यूएफआई ने इसके अलावा पहलवानों को एक से अधिक वजन वर्गों में प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति देने का भी फैसला किया है। डब्ल्यूएफआई ने मंगलवार को सर्कुलर जारी करते हुए लिखा, ‘‘जयपुर में आयोजित सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेने वाले पहलवान अपने राज्य की वास्तविकता की पुष्टि करने के लिए डब्ल्यूएफआई की लाइसेंस बुक, जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड साथ लेकर आएंगे।'' डब्ल्यूएफआई के सूत्र ने कहा,‘‘हरियाणा के रहने वाले कई पहलवानों ने जयपुर में तदर्थ समिति द्वारा कराई गई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्यों का प्रतिनिधित्व किया था।'' उन्होंने कहा,‘‘सिक्किम और अरुणाचल मान्यता प्राप्त राज्य इकाइयां नहीं है। हम किसी को प्रतिस्पर्धा करने से नहीं रोक सकते हैं लेकिन पहलवान को अपने मूल राज्य का प्रतिनिधित्व करना होगा। यहां तक कि अगर मूल रूप से अरुणाचल का रहने वाला कोई पहलवान ट्रायल्स में भाग लेने आता है तो हम उसे विशेष आमंत्रित के रूप में भाग लेने की अनुमति देंगे।'' इन ट्रायल्स का आयोजन किर्गिस्तान के बिशकेक में होने वाले एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई ओलंपिक खेल क्वालीफायर्स के लिए टीम का चयन करने के लिए किया जा रहा है। डब्ल्यूएफआई ने इसके साथ ही कहा है कि ट्रायल्स के पहले दिन यानी 10 मार्च को एक वजन वर्ग में भाग लेने वाला पहलवान अगले दिन दूसरे वजन वर्ग में प्रतिस्पर्धा पेश कर सकता है। सूत्र ने कहा,‘‘इससे यह सुनिश्चित होगा कि अगर अमन सहरावत या रवि दहिया जैसे दमदार पहलवान ओलंपिक वजन वर्ग (57 किग्रा) में चयन से चूक जाते हैं तो उन्हें गैर ओलंपिक वजन वर्ग (61 किग्रा) में भाग लेने का मौका मिल सकता है। इस तरह से हम मजबूत भारतीय टीम का गठन कर सकते हैं।'' डब्ल्यूएफआई ने इसके साथ ही अभी तक ओलंपिक कोटा हासिल करने वाली एकमात्र भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल को ट्रायल्स में भाग नहीं लेने की छूट दे दी है। वह हालांकि इस महीने के आखिर में ट्रायल्स की विजेता खिलाड़ी के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेगी।
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नई दिल्ली। भारत के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ से गुरुवार को यहां अपनी विशेष 100वीं टेस्ट कैप प्राप्त करने के बाद रविचंद्रन अश्विन की आवाज में भावनाओं और गर्व को महसूस किया जा सकता था। इस अनुभवी ऑफ स्पिनर ने इस दौरान कहा कि टेस्ट क्रिकेट जीवन के सबसे करीब है। इंग्लैंड के खिलाफ यहां पांचवें और अंतिम टेस्ट के साथ इस उपलब्धि को हासिल करने वाले अश्विन ने इस दौरान लुभावनी टी20 लीग के बीच टेस्ट क्रिकेट का समर्थन किया।
अश्विन ने कहा, ‘‘आईपीएल एक बेहद लोकप्रिय टूर्नामेंट रहा है, बहुत सारे बच्चे टी20 खेलना और आईपीएल में जाना चाहते हैं। मैं सचमुच चाहता हूं कि वे वहां पहुंचें। लेकिन एक बात याद रखें, यह प्रारूप (टेस्ट)… यह कई चीजों में है जो जीवन आपको नहीं सिखाएगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट ही जीवन है। यह जीवन के सबसे करीब है। यह आपको सामंजस्य बैठाना, दबाव से निपटना सिखाएगा।’’ वर्ष 2011 में टेस्ट पदार्पण करने वाले 37 वर्षीय अश्विन ने उन पर विश्वास करने और उनकी यात्रा का समर्थन करने के लिए अपने पिता रविचंद्रन की भी सराहना की।अश्विन ने कहा, ‘‘यह काफी भावनात्मक क्षण है। सिर्फ मेरे लिए नहीं। मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो भावनाओं से बहुत ज्यादा हिल जाएंगे। लेकिन आज चेन्नई में बैठे एक व्यक्ति के लिए बेहद भावनात्मक क्षण है। दुर्भाग्य से वह यहां नहीं पहुंच सके।’’उन्होंने कहा, ‘‘पहला दिन (बचपन में क्रिकेटर के रूप में), मुझे अब भी यह बहुत स्पष्ट रूप से याद है, मैं अपनी किट पेट्रोल टैंक के सामने रख देता था और फिर वह मुझे बाइक पर बैठाते थे और कोचिंग के लिए ले जाते थे।’’अश्विन ने कहा, ‘‘एक सरकारी कर्मचारी (उनके पिता) अपने बेटे को जीवन में मीलों आगे ले जाना चाहता था, उन्होंने सोचा था कि मैं कभी ऐसा कर पाऊंगा। उन्होंने मुझे मेरी मां और निश्चित रूप से मेरे दादाजी की मदद से यहां पहुंचाया।’’ संघर्ष के दौर में उनकी पत्नी प्रीति ने उनका काफी समर्थन किया।अश्विन ने कहा, ‘‘मेरी पत्नी को नहीं पता था कि वह क्या कर रही है। वह इसमें शामिल हो गई है और वह आज मेरे साथ खड़ी है। मेरे दो प्यारे बच्चे हैं जो पिछले कुछ वर्षों से मेरी यात्रा का आनंद ले रहे हैं।’’अश्विन को कैप सौंपने के बाद द्रविड़ ने कहा कि तमिलनाडु का यह क्रिकेटर इस क्षण का हकदार था।द्रविड़ ने कहा, ‘‘आपने टीम को ईमानदारी से सब कुछ दिया है और आज आपका 100वां टेस्ट है। यह एक यात्रा थी जो चेन्नई की सड़कों से शुरू हुई थी। यह एक लंबी और घटनापूर्ण यात्रा रही है। यह आपके परिवार के बिना संभव नहीं होता।उन्हें भी बधाई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप इस लम्हे के हकदार हैं। आपसे बात करना सौभाग्य की बात रही। एक कोच के रूप में आपके साथ काम करना सौभाग्य की बात है। और बेशक यह कैप आपको सौंपना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’’ मैदान पर प्रवेश करते हुए अश्विन को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। - धर्मशाला ।, भारत के सीनियर आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने मंगलवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला उनके कैरियर का निर्णायक मोड़ थी क्योंकि उससे मिली सीख से ही वह ऐसे गेंदबाज बन सके जोकि आज वह हैं । इंग्लैंड ने वह श्रृंखला 2 . 1 से जीती थी जो भारत में 1984 . 85 के बाद श्रृंखला में उसकी पहली जीत थी । अश्विन उस श्रृंखला में अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके और एलेस्टेयर कुक तथा केविन पीटरसन ने उन्हें आराम से खेला । बारह बरस बाद अश्विन ने उस श्रृंखला को अपने कैरियर का निर्णायक मोड़ बताया ।अश्विन ने अपने सौवे टेस्ट मैच से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ इंग्लैंड के खिलाफ 2012 की श्रृंखला मेरे लिये निर्णायक मोड़ थी । इसने मुझे बताया कि मुझे कहां सुधार करना है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ कुक ने यहां आकर आसानी से रन बनाये । उस पर काफी बात हुई लेकिन मेरे लिये वह श्रृंखला और उसके बाद आस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला ने बहुत कुछ बदला । मेरे टीम से बाहर रहने पर काफी बात हुई । मैने पहले अच्छा खेला था तो मुझे समझ में नहीं आया कि ऐसा क्यो हुआ ।'' अश्विन ने चार टेस्ट में 14 विकेट लिये थे । उन्होंने कहा ,‘ मेरे बारे में कई लेख लिखे गए और इसने मुझे सोचने पर मजबूर किया कि कहां गलती हुई । यह सबक मुझे हमेशा याद रहा ।'' इंग्लैंड के खिलाफ यहां सात मार्च से शुरू हो रहे पांचवें और आखिरी टेस्ट के जरिये अश्विन अपने कैरियर के सौ टेस्ट पूरे करेंगे । उन्होंने इस बारे में कहा ,‘‘ यह बड़ा मौका है । गंतव्य से ज्यादा सफर खास रहा है । मेरी तैयारी में इससे कोई बदलाव नहीं आया है । हमें टेस्ट मैच जीतना है ।'' कैरियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा ,‘‘ बर्मिंघम में 2018 . 19 में मेरे टेस्ट कैरियर का सर्वश्रेष्ठ स्पैल रहा । मैने दोनों पारियों में गेंदबाजी की । तीसरे दिन सुबह गेंदबाजी करके तीन विकेट लिये ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ मैने मैच में सात विकेट लिये और टीम को जीत के करीब ले गया था लेकिन हम वह मैच जीत नहीं सके ।'' भारत वह मैच 31 रन से हार गया था । अश्विन ने कहा ,‘‘ उसके बाद बेंगलुरू में टेस्ट मैच था जिसमें मैने दूसरे दिन सुबह गेंदबाजी की । सेंचुरियन में 2018 . 19 में पहले दिन चार विकेट लिये । ये स्पैल खास रहे ।'' हाल ही में 500 टेस्ट विकेट पूरे करने वाले अनिल कुंबले के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज बने अश्विन ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था । रविंद्र जडेजा की बल्लेबाजी बेहतर होने के कारण उन्हें विदेश में अक्सर तरजीह मिलती रही लेकिन अश्विन ने कहा कि अब उन्हें अतीत से कोई गिला नहीं । उन्होंने कहा ,‘‘ अच्छा प्रदर्शन करने पर खेलने का मौका नहीं मिलने से दुख होता है लेकिन हालात से समझौता करना ही होता है क्योंकि टीम के हित में फैसले लिये जाते हैं । कोई कप्तान या खिलाड़ी किसी ऐसे खिलाड़ी को बाहर नहीं रखना चाहता जो उस मैच में उन्हें उपयोगी लगता हो ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ रविंद्र जडेजा अच्छा बल्लेबाज है और उसका औसत मुझसे बेहतर है । इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका की पिचों पर सिर्फ गेंदबाजी के आधार पर ही चयन नहीं होता ।'' इतने साल में अपने परिवार के बलिदानों का जिक्र करते हुए अश्विन भावुक हो गए । उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी याददाश्त अच्छी होने से लोगों को लगता है कि आंकड़े मेरे लिये बहुत मायने रखते हैं जबकि ऐसा है नहीं । मेरे लिये इसके कोई मायने नहीं है लेकिन मेरे पापा के लिये, मम्मी और पत्नी के लिये है । मेरी बेटियां मुझसे ज्यादा रोमांचित है ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ यह महज एक आंकड़ा है । जहीर खान सौ टेस्ट नहीं खेल सके । महेंद्र सिंह धोनी भी नहीं ।''
- मेलबर्न,। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस अभी तक अपनी मां के निधन के सदमे से उबर नहीं सके हैं और उन्होंने कहा कि जब उनकी मां यहां इलाज करा रही थी, ऐसे में टेस्ट श्रृंखला के लिये भारत जाना उनके जीवन का सबसे कठिन समय था । कमिंस की मां मारिया का पिछले साल कैंसर के कारण निधन हो गया था ।कमिंस ने एक पॉडकास्ट में कहा ,‘‘ मैं जब हवाई जहाज में बैठ रहा था तभी मुझे पता था कि कुछ सप्ताह में लौटना पड़ेगा ।' वह भारत दौरा बीच में छोड़कर ही लौट आये थे ।उन्होंने कहा ,‘‘ उस समय में दूर जाना मेरे जीवन का सबसे कठिन समय था । जब भी मैं बाहर जाता तो मुझे लगता कि घर पर समय बिताने की बजाय मैं जान बूझकर खेलने का विकल्प चुन रहा हूं । लेकिन मेरे माता पिता को मुझे खेलते देखकर बहुत खुशी होती थी और इसी से मुझे खेलने का आत्मविश्वास मिला ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ उस समय जितने भी समय मैं भारत में था, मेरा मन घर पर ही लगा रहा ।
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नई दिल्ली। भारत के शीर्ष टेनिस खिलाडी सुमित नागल ने अमरीका में इंडियन वेल्स मास्टर्स में अपने पहले प्रयास में सीधे सेट में अमरीका के वाईल्डकार्ड स्टेफन दोस्तानिक को हरा दिया। भारत के पहले नम्बर के खिलाडी सुमित नागल ने दोस्तानिक को सीधे सेट में बीती रात पहले राउंड में हरा कर क्वालीफाई कर लिया। आठवीं वरीयता प्राप्त नागल इंडियन्स वेल्स में पहली बार समूचे मुकाबले में कोई ब्रेक लिए बगैर 68 मिनट में विजेता बनकर उभरें।
- कोलकाता.। भारत के मुख्य बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने सोमवार को कहा कि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की दुनिया की नंबर एक युगल जोड़ी ओलंपिक पदक जीतने की प्रबल दावेदार होगी और दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधू भी सही लय में आ रही हैं और वह फिर से पेरिस में पदक दिला सकती हैं। चोट के बाद वापसी करते हुए दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू ने भारतीय महिला टीम को बैडमिंटन एशिया टीम चैम्पियनशिप में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिलाया। वहीं सात्विक और चिराग का सफर भी स्वप्निल रहा जिसमें उन्होंने 2023 चाइना ओपन और मलेशिया ओपन सुपर 1000 तथा इंडिया ओपन सुपर 750 में लगातार खिताब जीते जिससे वह इस सत्र में दुनिया की नंबर एक युगल जोड़ी बन गये। गोपीचंद ने ‘रेवस्पोर्ट्स स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव' की घोषणा के दौरान कहा, ‘‘यह कहना सही होगा कि दुनिया के नंबर एक जोड़ी के तौर पर वे निश्चित रूप से शीर्ष स्तर पर जीतने के दावेदार हैं। '' उन्होंने कहा, ‘‘उनकी जोड़ी मजबूत है और जब भी वे कोर्ट पर कदम रखते हैं तो वे प्रबल दावेदार होते हें। आज अगर मुझे सभी देशों में खेलों में किसी भी एक प्रबल दावेदार जोड़ी को चुनना हो तो वह सात्विक और चिराग की जोड़ी होगी। '' पेरिस ओलंपिक में भारत के कुल पदकों की संभावना के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव का समय है तो हर कोई बड़ी संख्या का अंदाजा लगा रहा है। लेकिन मैं संख्या नहीं बता सकता, लेकिन मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से पिछली बार से ज्यादा होगी। '' सिंधू के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से कहूंगा कि सिंधू ने पहले भी अच्छा प्रदर्शन किया है और मेरा मानना है कि वह सही लय में चल रही है। अगले कुछ महीने महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘वह पहले सुपानिडा काटेथोंग से हार चुकी थी इसलिये फाइनल में उसे हराना शानदार जीत रही। ''
- नयी दिल्ली ।विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता बी साइ प्रणीत ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन को अलविदा कह दिया । हैदराबाद के 31 वर्ष के प्रणीत ने तोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था लेकिन उसके बाद से चोटों से जूझ रहे हैं । उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा ,‘‘ मिले जुले जज्बात के साथ मैं इन शब्दों के जरिये उस खेल को अलविदा कह रहा हूं जो 24 से अधिक साल से मेरे लिये सब कुछ रहा है ।'' उन्होंने लिखा ,‘ आज मैं नये अध्याय की शुरूआत कर रहा हूं और अपने अब तक के सफर के लिये अभिभूत और कृतज्ञ हूं ।'' प्रणीत ने लिखा ,‘‘ बैडमिंटन मेरा पहला प्यार और साथी रहा है । इसने मेरे वजूद को मायने दिये । जो यादें हमने साझा की, जो चुनौतियां हमने पार की , वे सदैव मेरे ह्र्दय में रहेंगी ।'' प्रणीत अगले महीने अमेरिेका में ट्रायंगल बैडमिंटन अकादमी के मुख्य कोच के रूप में जुड़ेंगे ।उन्होंने कहा ,‘‘ मैं अप्रैल में वहां जाऊंगा । मैं क्लब का मुख्य कोच रहूंगा और सारे खिलाड़ी मेरे मार्गदर्शन में खेलेंगे । एक बार वहां जाने के बाद ही विस्तार से बता सकूंगा ।'' अपने दो दशक से लंबे अंतरराष्ट्रीय कैरियर में प्रणीत ने 2017 सिंगापुर ओपन सुपर सीरिज खिताब जीता । इसके अलावा स्विटजरलैंड के बासेल में 2019 विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य अपने नाम किया । वह विश्व रैंकिंग में दसवें नंबर तक पहुंचे और तोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई भी किया लेकिन सारे मैच हारकर ग्रुप चरण से ही बाहर हो गए थे । उन्होंने लिखा ,‘‘ मेरी सफलता के पीछे मेरे परिवार , मेरे दादा दादी, माता पिता और पत्नी की अथक हौसलाअफजाई रही है । उनके सहयोग के बिना कुछ भी संभव नहीं था।'' उन्होंने लिखा ,‘‘ पुलेला गोपीचंद अन्ना, गोपीचंद अकादमी, मेरे सहयोगी और कोचिंग स्टाफ, बचपन के कोच आरिफ सर और गोवर्धन सर को भी धन्यवाद ।'' प्रणीत ने लिखा ,‘‘ भारतीय बैडमिंटन संघ, भारतीय खेल प्राधिकरण, टॉप्स, तेलंगाना खेल प्राधिकरण, योनेक्स, ओएनजीसी, गो स्पोटर्स, ओजीक्यू, एपीएसीए, वाट्स इन द गेम, पीबीएल , सभी को धन्यवाद ।''
- धर्मशाला। इस सप्ताह सौवां टेस्ट खेलने जा रहे इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने यह उपलब्धि कैंसर को मात देने वाली अपनी मां को समर्पित की है जो कठिन समय में उनकी ताकत और परिवार को बांधने वाली शक्ति रही है । चौतीस वर्ष के बेयरस्टो सौ टेस्ट खेलने वाले इंग्लैंड के 17वें क्रिकेटर बन जायेंगे जो भारत के खिलाफ यहां होने वाले पांचवें और आखिरी टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल करेंगे । उन्होंने ‘टेलीग्राफ स्पोर्ट' से कहा ,‘‘ जब मैं खेलता हूं तो कई बार अपने पिता के बारे में सोचता हूं । लेकिन अब मां के बारे में ज्यादा सोचता हूं जिन्होंने इतना कुछ होने पर हम पर आंच नहीं आने दी । हमें एक परिवार के रूप में एकजुट रखा । वह मेरी ताकत रही है ।'' बेयरस्टो जब आठ साल के थे तब उनके पिता और इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर डेविड ने आत्महत्या कर ली थी । उनकी मां जेनेट ने दो बार स्तन कैंसर से जूझने के बावजूद परिवार को बिखरने नहीं दिया । इस क्रिकेटर ने कहा ,‘‘ मेरी मां साहस का पर्याय रही है । उन्होंने तीन नौकरियां की क्योंकि उस समय दस वर्ष से कम उम्र के उनके दो बच्चे थे । वह मुझे लीड्स युनाइटेड से हेडिंग्ले (जहां वह युवा फुटबॉल खेलते थे) ले गई ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ वह दो बार कैंसर का शिकार हुई । वह काफी मजबूत हैं और दो बार कैंसर को मात देना उनके साहस की बानगी देता है ।'' बेयरस्टो ने कहा कि वह अपने नायकों को देख देखकर बचपन से ही टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहते थे।उन्होंने कहा ,‘‘ मैं वनडे क्रिकेट देखकर बड़ा नहीं हुआ । मैने टेस्ट क्रिकेट देखा है जो मेरे लिये सब कुछ था । मैने माइकल वॉन, मार्कस ट्रेसकोथिक और केविन पीटरसन को खेलते देखा । मैं हेडिंग्ले में इंग्लैंड को इंडोर नेट अभ्यास करते देखता था और वोडाफोन ब्लू ट्रैकसूट मुझे बहुत लुभाते थे । मैं भी उस टीम का हिस्सा बनना चाहता था ।'' उन्होंने कहा ,‘‘ यह जज्बाती हफ्ता रहने वाला है और मैं इसका पूरा मजा लूंगा ।''
- बेंगलुरु। इंग्लैंड के सीनियर बल्लेबाज जो रूट भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की आक्रामक मानसिकता, विविधता और विकेट लेने के अथक प्रयासों से काफी प्रभावित हैं जिनका मानना है कि वह प्रतिद्वंद्वी को थकाने की सोच में विश्वास नहीं करते और हर समय खतरा बने रहते हैं। अश्विन ने हाल में पारंपरिक प्रारूप में 500 विकेट चटकाने की उपलब्धि हासिल की और वह ऐसा करने वाले अनिल कुंबले के बाद दूसरे भारतीय बने। अश्विन धर्मशाला में सात मार्च से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले पांचवें मैच में अपना 100वां टेस्ट खेलेंगे। रूट ने ‘स्काई स्पोर्ट्स' क्रिकेट पोडकास्ट पर कहा, ‘‘ अश्विन थकाने के बजाय हमेशा आपको आउट करने के तरीके ढूंढने की कोशिश करता रहता है। '' उन्होंने कहा कि अश्विन के पास गेंदबाजी में इतनी विविधता है कि बल्लेबाज उनकी गेंदबाजी पर हमेशा अनुमान ही लगाते रहते हैं। रूट ने कहा, ‘‘वह पारंपरिक ऑफ स्पिनर की तुलना में क्रीज का अलग तरह से इस्तेमाल करता है। वह ‘ओवर स्पिन', ‘साइड स्पिन' का इस्तेमाल करता है, स्टंप पर कसी गेंदबाजी करता है, वह वाइड गेंद भी डालता है और कैरम गेंदबाजी भी करता है तो उसके पास अलग अलग तरह की गेंद हैं। '' इंग्लैंड के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘इसलिये आपको हमेशा ही हर वक्त उसके अलग अलग खतरों से सतर्क रहना पड़ता है और सुनिश्चित करना पड़ता है कि आपके पास उसकी गेंदों से निपटने के लिए बहुत अच्छा बल्लेबाजी कौशल हो ताकि आप उस पर हावी हो सकें। '' अश्विन की गेंदबाजी की विविधता पर बात करते हुए रूट ने कहा कि तमिलनाडु का यह गेंदबाज अकसर एक ओवर में छह अलग अलग तरह की गेंद डालता है। उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन सुनिश्चित करता है कि आपको पिछली गेंद नहीं खेलनी पड़े। वह आपको क्रीज पर आगे लाने की कोशिश में माहिर है। '' रूट ने कहा कि अश्विन नयी और पुरानी गेंद से अलग अलग तरह का खतरा पेश करता है।इंग्लैंड की आक्रामक ‘बैजबॉल' रणनीति भारत के खिलाफ इस श्रृंखला में कारगर नहीं हो सकी जिसमें वह अभी मेजबानों से 1-3 से पिछड़ रही है। लेकिन रूट ने कहा कि इंग्लैंड की टीम इससे हताश नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा मत सोचिये कि टीम काफी हताश है। हमारा शीर्ष क्रम पिछले समय की तुलना में काफी निरंतर हो गया है। लेकिन दूसरी पारी में यह आक्रामक बल्लेबाजी थोड़ी पेचीदा हो सकती है। ऐसा भी समय होगा जब हमें थोड़ा समझदारी से खेलना होगा लेकिन यह टीम पछतावा नहीं करती। हमें प्रत्येक मौके से सीख लेने की जरूरत है। ''
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वेलिंगटन. ऑफ स्पिनर नाथन लियोन ने अपनी फिरकी का जादू दिखा कर मैच में 10 विकेट लिए, जिससे आस्ट्रेलिया ने रविवार को यहां पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में न्यूजीलैंड को 172 रन से करारी शिकस्त देकर लेकर दो मैच की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त बनाई। न्यूजीलैंड के सामने 369 रन का लक्ष्य था। उसने चौथे दिन सुबह अपनी दूसरी पारी तीन विकेट पर 111 रन से आगे बढ़ाई लेकिन उसके बल्लेबाज लियोन के सामने टिक नहीं पाए और उसकी पूरी टीम 196 रन पर आउट हो गई। लियोन ने 64 रन देकर 6 विकेट लिए। इस तरह से उन्होंने मैच में 108 रन देकर 10 विकेट हासिल किये। अपने करियर में लियोन ने पांचवीं बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में नाइट वॉचमैन के रूप में 41 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 164 रन पर आउट करके अपनी उम्मीद जगाई थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 204 रन की बढ़त हासिल की थी और इसतरह से उसकी कुल बढ़त 368 रन की हो गई थी। न्यूजीलैंड की उम्मीद रचिन रविंद्र पर टिकी थीं जिन्होंने सुबह अपनी पारी 56 रन से आगे बढ़ाई। वह हालांकि दिन के सातवें ओवर में 59 रन बनाकर आउट हो गए। इसके बाद न्यूजीलैंड की पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। लियोन ने रविंद्र के रूप में दिन का अपना पहला विकेट लिया। रविंद्र ने अतिरिक्त उछाल लेती गेंद पर कैमरन ग्रीन को आसान कैच दिया। इसके तीन गेंद बाद टॉम ब्लंडेल खाता खोले बिना लियोन की गेंद पर शॉर्ट लेग में खड़े ट्रेविस हेड को कैच दे बैठे। लियोन ने इसके बाद अपने अगले ओवर में ग्लेन फिलिप्स (01) को पगबाधा आउट किया। लियोन ने फिलिप्स को आउट करके अपने करियर में एक पारी में 24वीं बार पांच या इससे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया। स्कॉट कुगलेइजन (26), मैट हेनरी (14) और टिम साउदी (07) भी लंच से पहले पवेलियन लौट गए। डेरिल मिशेल (38) आउट होने वाले अंतिम बल्लेबाज थे। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में नाबाद 174 रन बनाने वाले ग्रीन को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। दूसरा टेस्ट मैच 8 मार्च से क्राइस्टचर्च में खेला जाएगा।
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नयी दिल्ली. भारतीय हॉकी टीम के दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश शनिवार को कहा कि उन्होंने अनुभव के साथ नकारात्मक विचारों से दूर रहना सीख लिया है, जिससे उन्हें बड़े मैचों में गोल पोस्ट पर मुस्दैत रहने में मदद मिलती है। पेरिस ओलंपिक की तैयारी कर रहे श्रीजेश का इशारा गोलकीपर के मुश्किल काम के लिए कम सराहना मिलने की ओर था। प्राइम वॉलीबॉल लीग फ्रेंचाइजी ‘बेंगलुरु टॉरपीडोज' के मुख्य कोच डेविड ली के साथ बातचीत के दौरान श्रीजेश ने कहा, ‘‘कभी-कभी यह ऐसी जिम्मेदारी होती है जिसकी सराहना नहीं की जाती है। मैंने अगर 10 गोल बचाए और एक गोल खाया, तो हर किसी को वह एक गलती याद रहेगी। मैंने हालांकि इन चीजों को स्वीकार कर लिया है और मैं इसके साथ आगे बढ़ गया हूं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस पेशे ने मुझे निजी जीवन में दबाव और आलोचना से निपटने में भी मदद की है।''
ली अपने खेल के दिनों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ वॉलीबॉल खिलाड़ियों में रहे है। उन्होंने तीन ओलंपिक में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करते हुए एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक हासिल किया है। इस बातचीत में श्रीजेश ने कहा, ‘‘ गोलकीपर का काम मानसिक होता है। एक खिलाड़ी होने के नाते, हम समझते हैं कि हम किसी मैच में कैसे शामिल होना चाहते हैं। एक गोलकीपर होने के नाते, मैं सिर्फ पीछे खड़ा हूं और मेरा खेल मेरे दिमाग में है।'' - नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने गुरुवार को कहा कि सीनियर बल्लेबाज केएल राहुल चोट के कारण धर्मशाला में इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट में नहीं खेलेंगे जबकि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह टीम में वापसी करेंगे। राहुल के दायें पैर की जांघ में सूजन बनी हुई और वह अपनी चोट पर विशेषज्ञ की राय लेने के लिए लंदन गए हैं। यह विकेटकीपर बल्लेबाज जनवरी में हैदराबाद में श्रृंखला के पहले मैच के बाद से ही उपलब्ध नहीं है और बीसीसीआई के अनुसार वह इस महीने के शुरू में राजकोट में तीसरे टेस्ट से पहले 90 प्रतिशत फिट थे। बीसीसीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘केएल राहुल की आईडीएफसी फर्स्ट बैंक श्रृंखला के अंतिम टेस्ट में भागीदारी फिटनेस पर निर्भर थी लेकिन वह धर्मशाला में पांचवें और अंतिम टेस्ट में नहीं खेल पायेंगे। बीसीसीआई की मेडिकल टीम उनकी चोट पर नजर रखे है और इस संबंध में लंदन में विशेषज्ञों से सलाह लेने की कोशिश कर रही है। '' टीम की कार्यभार प्रबंधन नीति के तहत रांची में चौथे टेस्ट के लिए टीम से रिलीज किए गए बुमराह सात मार्च से धर्मशाला में शुरू होने वाले अंतिम टेस्ट के लिए टीम से जुड़ेंगे। भारत ने रांची में चौथे टेस्ट में जीत के बाद श्रृंखला में 3-1 से अजेय बढ़त बनायी हुई है।अंतिम टेस्ट में राहुल की अनुपस्थिति का मतलब है कि रजत पाटीदार टीम में बने रहेंगे लेकिन अंतिम एकादश में उनका शामिल होना निश्चित नहीं है क्योंकि वह छह पारियों में कुल मिलाकर 63 रन ही बना सके हैं। हरफनमौला वाशिंगटन सुंदर को भी टीम से रिलीज कर दिया गया है।बीसीसीआई ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘वह दो मार्च 2024 से मुंबई के खिलाफ शुरू होने वाले रणजी ट्राफी सेमीफाइनल मैच के लिये अपनी रणजी टीम तमिलनाडु में शामिल होंगे। और अगर जरूरत पड़ी तो अपना घरेलू मैच पूरा होने के बाद पांचवें टेस्ट के लिए भारतीय टीम में जुड़ जायेंगे। '' राहुल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में लखनऊ सुपर जाइंट्स का नेतृत्व करेंगे और उन्हें आईपीएल से पहले पूरी तरह फिट होना होगा। इसी चोट के कारण राहुल पिछले साल भी लगभग चार महीने तक टीम से बाहर रहे थे।आईपीएल के दौरान चोटिल होने के बाद राहुल ने पिछले सितंबर में एशिया कप के दौरान वापसी की। पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट दौरे में राहुल भारत के लिए शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे। यह श्रृंखला ड्रा रही थी। बीसीसीआई ने यह भी कहा कि सीनियर तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी 26 फरवरी को सर्जरी के बाद अच्छी तरह उबर रहे हैं। बीसीसीआई ने शमी के बारे में कहा, ‘‘वह सर्जरी से उबर रहे हैं और जल्द ही रिहैबिलिटेशन शुरू करने के लिए बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए)जायेंगे। ''पांचवें टेस्ट के लिए भारतीय टीम:रोहित शर्मा (कप्तान), जसप्रीत बुमराह (उप कप्तान), यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, रजत पाटीदार, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), केएस भरत (विकेटकीपर), देवदत्त पडिक्कल, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, मुकेश कुमार, आकाश दीप।
- नयी दिल्ली। खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि सरकार देश भर में रजिस्टर्ड खिलाड़ियों को डिजिटल सर्टिफिकेट देगी । इस पहल से खिलाड़ियों के प्रदर्शन और प्रतिभागिता को लेकर पारदर्शिता बनी रहेगी। डिजिटल सर्टिफिकेट में खिलाड़ियों की प्रतिस्पर्धाओं में भागीदारी की तारीफ रहेगी और यह उनकी उपलब्धियों का सबूत भी होगा । ठाकुर ने एक्स पर लिखा ,‘‘ हमारे खेल ढांचे की धुरी खिलाड़ी हैं और इसे ध्यान में रखकर खेल मंत्रालय ने उन्हें डिजिटल सर्टिफिकेट देने का अहम फैसला किया है।'' खेलमंत्री ने खिलाड़ियों और राष्ट्रीय खेल महासंघों के लिये चीजें आसान करने की अपनी योजना का ऐलान पिछले साल 29 अगस्त को किया था । उस समय एनएसएफ पोर्टल भी शुरू किया गया था । ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि खिलाड़ी सर्वोपरि नीति के अनुरूप राष्ट्रीय खेल महासंघों को डिजिलॉकर के जरिये खिलाड़ियों को सर्टिफिकेट देने के लिये कहा गया है। उन्होंने कहा ,‘‘ यह फैसला एनएसएफ के खेल प्रशासन में पारदर्शिता और कुशलता को बढावा देने और खिलाड़ियों के दस्तावेजों की सुरक्षा , पहुंच और सत्यता सुनिश्चित करने के लिये लिया गया है।''
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नयी दिल्ली। रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में मुंबई और तमिलनाडु का सामना मुंबई में होगा जबकि मध्यप्रदेश और विदर्भ का मैच नागपुर में खेला जायेगा । नागपुर के वीसीए स्टेडियम और मुंबई के बीकेसी मैदान पर रणजी ट्रॉफी अंतिम चार के मुकाबले होंगे । विदर्भ ने कर्नाटक को 127 रन से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई । उसका सामना मध्यप्रदेश से होगा जिसके कोच चंद्रकांत पंडित है जिनके कोच रहते विदर्भ ने 2017 . 18 और 2018 . 19 में खिताब जीता था । मध्यप्रदेश ने क्वार्टर फाइनल में आंध्र को चार रन से हराया । वहीं मुंबई ने बड़ौदा के खिलाफ पहली पारी की बढत के आधार पर अंतिम चार में जगह बनाई ।