ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी ने आपदा प्रबंधन में शोध एवं अध्ययन के लिए एनआईडीएम के साथ किया करार
-इसके दायरे में कोविड-19 जैसी महामारियों का प्रबंधन भी शामिल
-ओपीजेजीयू से डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, जस्टिस दलवीर भंडारी जैसे 14 कानूनविद जुड़े
रायपुर। जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) के चेयरमैन नवीन जिन्दल और जेएसपीएल फाउंडेशन की चेयरपर्सन श्रीमती शालू जिन्दल के मार्गदर्शन में संचालित ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी, रायगढ़ (ओपीजेयू) और ओपी जिन्दल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सोनीपत, हरियाणा (ओपीजेजीयू) ने शिक्षा व्यवस्था में कई गुणात्मक आयाम जोड़े हैं। अब इस दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाते हुए ओपीजेयू ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजास्टर मैनेजमेंट (एनआईडीएम) के साथ आपदा प्रबंधन अध्ययन के लिए सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके साथ ही ओपीजेजीयू ने अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को अपने साथ जोड़ा है।
स्टील टेक्नोलॉजी एवं प्रोडक्ट डेवलपमेंट में विशेषज्ञता प्रदान करने वाली देश की अग्रणी यूनिवर्सिटी ओपीजेयू ने आपदा प्रबंधन में शोध एवं अध्ययन के लिए एनआईडीएम के साथ सहमति-पत्र पर जो हस्ताक्षर किये हैं। उसके दायरे में कोविड-19 जैसी महामारियों का प्रबंधन भी आएगा। इस सिलसिले में 18 से 20 अगस्त तक एनआईडीएम ने ओपीजेयू में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन किया ताकि आपदाओं का असर घटाकर न्यूनतम किया जा सके। यूनिवर्सिटी के कुलपति आर.डी. पाटीदार ने कहा कि आपदा प्रबंधन का अध्ययन कर छात्र राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय आपदाओं के प्रबंधन में अपना भविष्य बना सकते हैं।
ओपीजेजीयू से डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी , न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी जैसे 14 कानूनविद जुड़े
ओपीजेजीयू ने कानून की पढ़ाई के लिए जाने-माने कानूनविद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के न्यायमूर्ति दलवीर भंडारी समेत 14 लोगों को यूनिवर्सिटी से जोड़ा है। यूनिवर्सिटी ने कॉरपोरेट इम्मरसन एंड मेंटरिंग (क्लेम) नामक प्रोग्राम भी शुरू किया है जिसमें देश की अग्रणी कानून फर्मों से 12 कॉरपोरेट पार्टनर नियुक्त किये गए हैं। ये सभी कानून एवं कॉरपोरेट लीगल प्रैक्टिस की पढ़ाई कराएंगे। कुलपति सी. राजकुमार ने कहा कि इन कदमों से कानून के छात्रों की क्षमता बढ़ेगी, उनके दृष्टिकोण का दायरा बढ़ेगा और वे अपने कार्य को बेहतर अंजाम दे सकेंगे।
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