रीपो रेट पर शुक्रवार को रिजर्व बैंक करेगा फैसला
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (RBI MPC Meeting) की तीन दिवसीय मीटिंग की शुरुआत बुधवार को शुरू हुई। ऐसा माना जा रहा है कि एमपीसी प्रमुख ब्याज दर यानी रीपो रेट (repo rate) में कोई बदलाव नहीं करेगा।चुनाव नतीजे आने के बाद अब बाजार की नजर आरबीआई की एमपीसी बैठक के नतीजों पर है, जिसकी घोषणा शुक्रवार (7 जून) को होगी।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करेंगे।
नहीं होगा रीपो रेट में बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर (रीपो) में कटौती करने की उम्मीद न के बराबर है, क्योंकि मुद्रास्फीति को लेकर चिंता अब भी बरकरार है।
आम जनता पर क्या होगा असर?
अगर आरबीआई रीपो रेट में कटौती करता है तो लोन की EMI कम हो सकती है, जिसका सीधा फायदा आम जनता को होगा।
आखिरी बार कब हुआ था रीपो रेट में बदलाव?
फरवरी, 2023 से रीपो रेट 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है। अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि एमपीसी ब्याज दरों में कटौती से बचेगी। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रीपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है।
हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपटाइगर डॉट कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ध्रुव अग्रवाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है, जो 2022-23 में सात प्रतिशत थी। उन्होंने कहा, ‘‘ इसके मद्देनजर यह उम्मीद की जाती है कि आरबीआई एमपीसी मौजूदा मुद्रास्फीति दबावों के बीच अपने वर्तमान नीतिगत रुख को बनाए रखेगी और इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम ही नजर आ रही है।’’सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है।
एमपीसी में तीन बाहरी सदस्य और आरबीआई के तीन अधिकारी शामिल हैं। दर निर्धारण समिति के बाहरी सदस्य शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं।
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