भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 700 अरब डॉलर के पार, लगातार सातवें हफ्ते आई तेजी
नई दिल्ली। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार ने पहली बार 700 अरब डॉलर का रिकॉर्ड स्तर पार कर लिया है। इसमें लगातार सातवें हफ्ते बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह वृद्धि RBI की तरफ से डॉलर की खरीद और वैल्यूएशन में बढ़ोतरी की वजह से आई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, 27 सितंबर 2024 को समाप्त हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 12.6 अरब डॉलर बढ़कर 704.89 अरब डॉलर हो गया, जो जुलाई 2023 के मध्य के बाद सबसे बड़ी साप्ताहिक वृद्धि है। भारत अब चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद 700 अरब डॉलर से अधिक विदेशी भंडार रखने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।2013 में कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण विदेशी निवेशकों के मोहभंग हुआ और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई। लेकिन उसके बाद से भारत अपने विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हो रही है। तब से सख्त महंगाई दर में नियंत्रण, उच्च आर्थिक विकास और कम वित्तीय घाटे ने विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है और विदेशी मुद्रा भंडार में इजाफा हुआ है। 2024 में अब तक विदेशी निवेशों से भारत के भंडार में 30 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है।
रुपया और आरबीआई की भूमिका
RBI की तरफ से 4.8 अरब डॉलर की खरीद और 7.8 अरब डॉलर के वैल्यूएशन गेन से यह वृद्धि दर्ज की गई। वैल्यूएशन गेन अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स में गिरावट, कमजोर डॉलर और सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण हुआ। RBI ने रुपये को एक सीमित ट्रेडिंग रेंज में बनाए रखने के लिए बाजार में दोनों ओर हस्तक्षेप किया है, जिससे यह उभरते बाजारों की मुद्राओं में सबसे स्थिर बना रहा। पिछले महीने RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि अधिक अस्थिरता से अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं होता है।
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