डिजिटल मार्केटिंग से जोडऩे कार्यशाला संपन्न
- स्थानीय उत्पादों को डिजिटल मंचों से जोड़कर राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर दिलाई जा सकती है पहचान
राजनांदगांव । रेजिंग एण्ड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (आरएएमपी) योजना अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र राजनांदगांव द्वारा निजी होटल में ''एमएसएमई को ई-मार्केटप्लेस एवं डिजिटल मार्केटिंग से जोडऩे संबंधी कार्यशाला का आयोजन किया गया। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र श्री सानू व्ही वर्गीस ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने बताया कि उद्योग संचालनालय और सीएसआईडीसी रायपुर की पहल से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई), महिला उद्यमियों, स्वसहायता समूहों (एसएचजी) एवं पारंपरिक कारीगरों को डिजिटल माध्यम से बाजार से जोडऩे के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को डिजिटल मंचों से जोड़कर राष्ट्रीय एवं वैश्विक पहचान दिलाई जा सकती है।
कार्यशाला में ई-कॉमर्स प्लेटफार्म (ओएनडीसी पार्टनर) से श्री अभिजीत रथ ने बी2सी हेतु विक्रेता पंजीकरण, उत्पाद सूचीकरण, प्रचार-प्रसार एवं डिलीवरी व्यवस्था की जानकारी दी। समहिता ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (ओएनडीसी पार्टनर) से श्री मोहित शर्मा ने उद्यमियों को बी2बी व बी2सी हेतु विक्रेता पंजीकरण से लेकर डिलीवरी व्यवस्था प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी। डिजीटल मार्केटिंग सत्र में इन्टेलीग्रेटर टेक्नोलॉजीस प्राइवेट लिमिटेड रायपुर के निदेशक श्री मीमो प्रसाद ने इंडियामार्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विक्रेता पंजीकरण के साथ-साथ सोशल मीडिया एवं मोबाइल एप के माध्यम से कम लागत में उत्पादों की ब्रांडिंग व बिक्री बढ़ाने के सरल उपाय बताएं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण तस्वीरें, आकर्षक विवरण एवं ग्राहकों से नियमित संवाद स्थानीय उत्पादों को वैश्विक ब्रांड बनाने में सहायक है। राज्य परियोजना कार्यान्वयन इकाई (एसपीआईयू) आरएएमपी योजना- सीएसआईडीसी रायपुर से डॉ. योगेश शर्मा ने राज्य में संचालित आरएएमपी योजना अंतर्गत उद्यमिता जागरूकता, निर्यात प्रशिक्षण, डिजिटल विपणन एवं वित्तीय पहुंच पर विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में महिला उद्यमी, समूह सदस्य, पारंपरिक कारीगर, स्थानीय एमएसएमई प्रतिनिधि शामिल हुए।
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