लिवर को कई बीमारियों से बचा सकती है ब्लैक कॉफी, बस जान लें सेवन का सही तरीका
कॉफी आज के समय में हर नौकरी पेशा व्यक्ति की साथी है, जिसे वह अक्सर थकान मिटाने और नींद भगाने के लिए पीते हैं। एक कप कॉफी शरीर में ऊर्जा भर जाती है और आप वापस से पूरी क्षमता के साथ काम में जुट जाते हैं। हालांकि कई शोधों से पता चला है कि कॉफी सिर्फ नींद भगाने वाला एक पेय ही नहीं, बल्कि यह हमारे लिवर स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। सालों तक किए गए शोधों से आज यह परिणाम सामने आया है कि नियमित रूप से सीमित मात्रा में कॉफी पीने से लिवर से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है। यह लिवर की सूजन को कम करती है और फैटी लिवर, सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को घटाती है। इस तरह कॉफी स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य की दृष्टि से भी लाभकारी साबित हो रही है। तो आइए आज जानते कॉफी के अन्य लाभों के बारे में।
कैसे करती है लिवर की सुरक्षा?
कॉफी स्वादिष्ट होती है हम सभी जानते हैं। लेकिन इसमें कई गुण मौजूद होते हैं जैसे- एंटीऑक्सिडेंट्स, क्लोरोजेनिक एसिड और कैफीन। यह तत्व लिवर फाइब्रोसिस और लिवर में सूजन के लक्षण को कम करने मदद करते हैं। शोध बताते हैं कि यह नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर कैंसर के जोखिम को भी घटा सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, दिन में 2 से 3 कप ब्लैक कॉफी पीने वाले लोगों में लिवर एंजाइम्स बेहतर स्थिति में पाए गए और लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम रहा।
कब और कैसे करें सेवन?
विशेषज्ञों का मानना है कि सुबह या दोपहर में कॉफी पीना सबसे बेहतर रहता है। देर शाम या रात में इसे पीना नींद न आने का कारण बन सकता है, क्योंकि कॉफी में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। वहीं अगर आप दूध वाली कॉफी पीते हैं तो हम आपको बता दे कि ब्लैक कॉफी (बिना चीनी और क्रीम) लिवर के लिए सबसे लाभकारी होती है, न की दूध वाली। वहीं कितनी मात्रा में कॉफी पी जाएं इसके बारे में विशेषज्ञ बताते हैं कि दिन में 2 से 3 कप से अधिक कॉफी न पिएं। अधिक कैफीन से दिल की धड़कन तेज हो सकती है और नींद खराब हो सकती है। वहीं सबसे जरूरी बात कभी भी खाली पेट कॉफी न पिएं। कॉफी को हमेशा किसी हल्के नाश्ते के बाद पीना बेहतर होता है।
किन लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए?
कॉफी सभी के लिए सही नहीं होती, इसलिए कुछ लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। जैसे- गर्भवती महिलाओं को सीमित मात्रा में ही कैफीन लेना चाहिए, क्योंकि अधिक कैफीन से गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव पड़ सकता है। हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को भी कॉफी का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए, क्योंकि कैफीन हृदय की धड़कन बढ़ा सकता है। वहीं जिन लोगों को कैफीन से एलर्जी या संवेदनशीलता है, उन्हें कॉफी से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। विशेषज्ञ कहते हैं कि कॉफी यदि सही समय और मात्रा में पी जाए, तो यह लिवर के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक का काम कर सकती है। हालांकि किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
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