विज्ञान पर आधारित संस्कृत भाषा की पहली फिल्म बताएगी ‘मंगलयान' की गाथा
तिरुवनंतपुरम। विज्ञान पर आधारित संस्कृत भाषा की एक वृत्तचित्र में भारत के ऐतिहासिक ‘मंगलयान' मिशन की सफलता की गाथा बताई जाएगी और यह फिल्म दुनिया में अपनी तरह की प्रथम पहल होगी। वेदों एवं मंत्रों की प्राचीन भाषा संस्कृत को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए जाने जाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्मकार विनोद मानकारा ‘यानम' शीर्षक वाली इस अभिनव वृत्तचित्र फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। करीब 45 मिनट की यह फिल्म भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख राधाकृष्णन की पुस्तक ‘माई ओडिसी: मेमोयर्स ऑफ द मैन बिहाइंड द मंगलयान मिशन' पर आधारित होगी। मानकारा ने बताया कि यह पूरी तरह से संस्कृत भाषा में बनी वृत्तचित्र फिल्म होगी और इसकी शूटिंग फरवरी से शुरू होने की उम्मीद है। इसका वर्ल्ड-प्रीमियर अगले साल अप्रैल में किए जाने की योजना की। निर्देशक की फिल्म ‘प्रियमणसम' संस्कृत भाषा में बनी दुनिया की तीसरी फीचर फिल्म है और उसे इस भाषा में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मानकारा ने कहा, ‘‘ जब ‘यानम' तैयार हो जाएगी, तो यह संस्कृत में बनी दुनिया की अपनी तरह की पहली पेशेवर वृत्तचित्र फिल्म होगी। विज्ञान और संस्कृत का संयोजन अजीब लग सकता है, लेकिन इन्हें जोड़ने के मेरे अपने कारण हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस फिल्म का मकसद देश की उपलब्धियों को अपनी भाषा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करना है। इससे भाषा और अंतरिक्ष उपलब्धियों दोनों का प्रचार होगा।'
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