ठंड के दिनों में क्यों उभरने लगता है गठिया का दर्द?
अक्टूबर का महीना खत्म होने वाला है और धीरे-धीरे ठंड का मौसम शुरू रहा है। ठंड के दिनों में गठिया या जोड़ों के दर्द के मरीजों की मुश्किलें बढ़ने लगती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं। ठंडे तापमान के कारण हमारे शरीर की रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे प्रभावित जोड़ों तक रक्त का संचार कम हो जाता है।
यही वजह है कि जोड़ों में सूजन और अकड़न बढ़ जाती है। साथ ही कम तापमान में जोड़ों के आस-पास का साइनोवियल फ्लूइड गाढ़ा हो जाता है, जो जोड़ों के लिए नेचुरल चिकनाई का काम करता है। इस गाढ़ेपन के कारण जोड़ों को हिलाने-डुलाने में अधिक दर्द और कठिनाई महसूस होती है।
इसके अलावा ठंडे मौसम में लोग शारीरिक गतिविधियां भी कम कर देते हैं, जिससे जोड़ों की अकड़न और बढ़ जाती है। इन्हीं वजहों से सर्दियों में गठिया के मरीजों को अपने स्वास्थ्य और जोड़ों की गर्माहट का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। आइए इस लेख में गठिया के दर्द से राहत पाने के लिए कुछ सरल उपायों के बारे में जानते हैं।
गर्माहट ही है सबसे पहली और जरूरी राहत
गठिया के दर्द से राहत पाने का सबसे जरूरी उपाय है गर्माहट। जोड़ों को गर्म रखने के लिए हीटिंग पैड या गर्म पानी की बोतल से 15-20 मिनट तक सिकाई करें। गर्म पानी से नहाना भी रक्त संचार बेहतर करता है। बाहर निकलते समय जोड़ों को ऊनी कपड़ों और सपोर्ट से ढककर रखें।
हल्का व्यायाम और मूवमेंट बनाए रखें
ठंड के कारण गतिहीनता जोड़ों की अकड़न को बढ़ाती है। मरीजों को रोजाना हल्का व्यायाम जरूर करना चाहिए। घर के अंदर ही स्ट्रेचिंग, योग या धीमी गति से टहलना जोड़ों की चिकनाई और लचीलापन बनाए रखने में मदद करता है।
हाइड्रेशन और पोषक तत्वों से भरपूर आहार
ठंड में अक्सर लोगों को डिहाइड्रेशन की समस्या होती है क्योंकि ठंड होने की वजह से बहुत से लोग पानी नहीं पीते हैं। इससे दर्द बढ़ सकता है, इसलिए गुनगुना पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहें। साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे अलसी, अखरोट) से भरपूर चीजों का सेवन करते रहें और विटामिन डी के लिए धूप में जरूर बैठें।
हल्दी और अदरक के नुस्खे अपनाएं
दर्द से राहत के लिए हल्दी (करक्यूमिन) और अदरक (जिंजरॉल) बेहतरीन प्राकृतिक उपाय हैं। इनमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। रोजाना हल्दी वाला दूध या अदरक की चाय का सेवन करें। ध्यान रखें कि असहनीय दर्द होने पर घरेलू नुस्खों के बजाय रूमेटोलॉजिस्ट से संपर्क करें।







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