गलत तरीके से नीम की पत्तियों का इस्तेमाल हो सकता है नुकसानदायक, जाने प्रयोग का सही तरीका
आयुर्वेद में नीम को कई बीमारियों का रामबाण इलाज माना गया है। इसकी पत्तियों से लेकर इसके छाल और निबौरियों तक को कई प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार रोज सुबह खाली पेट नीम का सेवन करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है पर इससे कई बीमारियों से भी निजात मिलती है। साथ ही ये एंटीबैक्टिरिल गुणों वाला भी है, जिसे चेहरे और बालों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आज हम आपको नीम के कारण होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में बताएंगे, जिसे किसी को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
नीम के पत्ते खाने का नुकसान-
1. ब्लड शुगर का अधिक लो हो जाना
नीम की पत्तियों का सेवन करने से शरीर के अंदर हाइपोग्लाइसेमिक या ब्लड शुगर का स्तर कम होता है। शुगर के कारण शरीर में होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। नीम की पत्तियों का रोज और ज्यादा सेवन करने से ब्लड शुगर ज्यादा लो हो सकता है। ये खास तौर पर डायबिटीज के रोगियों के लिए नुकसानदेह है क्योंकि डॉक्टर मधुमेह के रोगियों के लिए नीम के पत्तियों को चबाने की सलाह देते हैं क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। लेकिन, जब अधिक मात्रा में लिया जाता है, तो व्यक्ति को हाइपोग्लाइसीमिया की परेशानी हो सकती है, जिसके कारण चक्कर आना और कमजोरी आदि हो सकती है।
2. एलर्जी
किसी भी चीज को जब शरीर संभाल नहीं पाता है, तो उसे एलर्जी के रूप में पहचानता है। ऐसा ही कुछ नीम के साथ होता है। नीम को लेकर किए किए एक अध्ययन के अनुसार लगातार तीन हफ्तों तक नीम का सेवन करने से शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई। इसमें बताया गया कि एलर्जी नीम के प्रति शरीर की सेंसिटिवनेस है, जो कि दाने और चक्कते के रूप में नजर आते हैं। कई बार इसके कारण लोगों के शरीर पर बिना वजह खुजली होती है, जिसमें कि व्यक्ति को कुछ दिनों के लिए नीम लेना बंद कर देना चाहिए।
3.किडनी पर प्रभाव
नीम शरीर को प्यूरीफाई करता है और डिटॉक्स कर देता है। पर अगर ये ज्यादा हो जाए और शरीर में कुछ वेस्ट प्रोडक्ट न बनें, तो किडनी फ्लेयोर का डर बढ़ जाता है। हालांकि नीम के सेवन और गुर्दे की क्षति के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है, इसलिए किसी भी व्यक्ति को इसे लेने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
4.पेट की परेशानियां हो सकती हैं
नीम पेट से जुड़ी परेशानियों का भी कारण बन सकता है। ज्यादा नीम की पत्तियों का सेवन करने से मतली या पेट में जलन आदि की शिकायत हो सकती है। ऐसा इसलिए कि नियमित रूप से नीम का रस पीने से पेट साफ करने में मदद मिलेगी और चयापचय में सुधार होता है। जब इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाता है, तो यह फैट को ज्यादा बर्न करेगा और इससे खाली पेट जलन और मतली आदि हो सकती है।
5. इम्यून सिस्टम को ओवर एक्टीवेट कर सकता है
नीम या नीम आधारित उत्पादों का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे सकता है। हालांकि, आपको डॉक्टर से पूछ कर ही इसका सेवन करना चाहिए, क्योंकि नीम का अधिक सेवन इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट कर सकता है और अन्य ऑटोइम्यून बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है।
कितनी मात्रा में लें नीम?
-नीम के पत्तों का अर्क या जेल दांतों और मसूड़ों पर 6 सप्ताह तक लगातार इस्तेमाल किया जा सकता है।
- ब्रश करने के बाद 30 सेकंड के लिए माउथवॉश के रूप में 15 एमएल नीम का ही उपयोग करें।
-रोजाना 3 मिलीग्राम या इससे ज्यादा नीम के पत्तियों के अर्क का सेवन न करें।
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