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गीतांजलि श्री की अनूदित पुस्तक अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए सूची में शामिल हिंदी की पहली रचना
लंदन .लेखिका गीतांजलि श्री का हिंदी से अंग्रेजी भाषा में अनूदित उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड' विश्व की उन 13 पुस्तकों में शामिल है, जिसे अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के लिए संक्षिप्त सूची में शामिल किया गया है। यह हिंदी भाषा में पहला ‘फिक्शन' है जो इस प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार की दौड़ में शामिल है। गीतांजलि श्री की यह पुस्तक मूल रूप से हिंदी में ‘रेत समाधि' के नाम से प्रकाशित हुई थी। इसका अंग्रेजी अनुवाद, ‘टॉम्ब ऑफ सैंड', डेजी रॉकवेल ने किया है और जूरी सदस्यों ने इसे शानदार और अकाट्य बताया है, जो 50,000 पाउंड के लिए प्रतिस्पर्धा करेगा। पुरस्कार की राशि लेखिका और अनुवादक के बीच विभाजित की जाएगी। बुकर पुरस्कार की वेबसाइट पर की गई घोषणा में कहा गया है, ‘‘13 उपन्यासों की सूची घोषित की गई है। वे 11 भाषाओं से अंग्रेजी में अनूदित फिक्शन हैं और चार महाद्वीपों के 12 देशों से हैं। इसमें हिंदी से अनूदित पुस्तक पहली बार शामिल की गई है।'' जूरी सदस्यों ने इस उपन्यास के बारे में कहा कि यह पुस्तक ‘‘हमें 80 वर्षीय महिला के जीवन के हर पहलू और आश्चर्यचकित कर देने वाले अतीत में ले जाती है।'' यह बूढ़ी महिला अपने अवसाद से उबर जाती है और अपने अतीत को देखने के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने का फैसला करती है, जिसे वह देश के विभाजन के दौरान पीछे छोड़ आई थी। उन्होंने कहा कि उपन्यास का डेजी रॉकवेल का अनुवाद शब्दों के खेल से भरा हुआ है। यह एक शानदार और अकाट्य उपन्यास है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखने वाली गीतांजलि श्री तीन उपन्यास और कई कथा संग्रह की लेखिका हैं। उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है। सूची में अपनी पुस्तक को शामिल किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘लेखन अपने आप में एक पुरस्कार है। लेकिन बुकर से विशेष के रूप में मान्यता पाना एक शानदार सराहना है।'' लेखिका की हिंदी में अन्य रचनाएं- ‘माई', ‘हमारा शहर उस बरस' और ‘तिरोहित' है।
चौंसठ वर्षीय लेखिका गीतांजलि श्री की पुस्तक की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं। उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है। रॉकवेल ने एक बयान में कहा, ‘‘यह पुस्तक एक समृद्ध,सुंदर, प्रायोगिक कार्य है। अंग्रेजी अनुवाद करने में गीतांजलि के साथ काम करना एक सम्मान की बात है। मैं इस बात से रोमांचित हूं कि अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जूरी ने हमारी पुस्तक को सूची में शामिल किया है। '' यह पुरस्कार अंग्रेजी में अनूदित और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को हर साल दिया जाता है। साल 2022 के पुरस्कार के लिए चयनित पुस्तक की घोषणा सात अप्रैल को लंदन बुक फेयर में और विजेता का ऐलान 26 मई को लंदन में एक समारोह में किया जाएगा।

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