केंद्र ने बढ़ते कोविड संक्रमण के कारण प्रवासी श्रमिकों के संबंध में तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रदेशों के साथ बैठक की
नयी दिल्ली। केंद्र ने कोविड संक्रमण में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों के सम्बंध में तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव सुनील बर्थवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान राज्यों ने बताया कि कुछ जगहों पर रात्रि और सप्ताहांत कर्फ्यू को छोड़कर, देश में निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों, दुकानें खोलने तथा औद्योगिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। अभी तक, सरकारों द्वारा लगाए गए सीमित प्रतिबंधों के कारण प्रवासी श्रमिकों के असामान्य पलायन की कोई खबर नहीं है। प्रवासी कामगारों के अपने गृह राज्यों में जाने के संबंध में बड़े पैमाने पर पलायन की कुछ मीडिया रिपोर्टों को असत्य पाया गया और यह भी देखा गया कि ऐसी रिपोर्ट पुरानी तस्वीरों पर आधारित थीं। मंत्रालय ने कहा कि कुछ जगहों पर कर्मचारियों की संख्या पर 50 फीसदी की पाबंदी को छोड़कर पूरे देश में कारोबार की स्थिति सामान्य है। केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं।
कुछ राज्य सरकारें पहले ही जरूरतमंद मजदूरों को सूखा राशन बांटने की योजना बना चुकी हैं। भारतीय रेलवे विशेष रूप से मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलोर और सिकंदराबाद सहित प्रमुख रेलवे स्टेशनों की स्थिति पर करीबी से नजर रख रही है। रेलवे ज़रूरत होने पर विशेष रेलगाड़ियां प्रदान करने के लिए तैयार है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्थानीय रेलवे अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखने की सलाह दी गई है। बैठक में, राज्य के श्रम आयुक्तों ने निर्माण स्थलों, कारखानों और प्रतिष्ठानों में निर्बाध कामकाज जारी होने की पुष्टि की है। श्रमिकों, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों का गृह राज्यों के लिए पलायन नहीं हुआ है।
सचिव द्वारा यह भी बताया गया कि 21 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया था कि वे प्रवासी श्रमिकों के रिकॉर्ड के लिए एक तंत्र स्थापित करें। शेष श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए भी कहा गया है।
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