एनसीबी ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ पीआईटीएनडीपीएस कानून का इस्तेमाल बढ़ाया
नयी दिल्ली। स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने बिरले ही इस्तेमाल किये जाने वाले कठोर कानून पीआईटीएनडीपीएस अधिनियम के तहत पिछले लगभग तीन महीने में सर्वाधिक 18 आदेश जारी किये। यह कानून मादक पदार्थ के आदतन अपराधियों को एहतियात के तौर पर दो साल तक के लिए हिरासत में लेने की अनुमति प्रदान करता है। हिरासत में लिये गये जिन लोगों के विरूद्ध यह आदेश जारी किया गया, उनमें विदेशी नागरिक शामिल हैं। हिरासत के दौरान आरोपियों को जमानत या कोई ऐसी राहत नहीं मिल सकती है जो उन्हें मुक्त कर सके।
अधिकारियों ने बताया कि संघीय मादक पदार्थ-निरोधक एजेंसी ने तब यह कानून इस्तेमाल करने का फैसला किया जब एनसीबी महानिदेशक एस. एन. प्रधान ने एजेंसी के कामकाज की समीक्षा की और निर्देश दिया कि अधिकारियों को बड़े मादक पदार्थ मामलों एवं उनसे जुड़े गिरोहों पर ही ध्यान देना चाहिए, पैसों के विनिमय मार्गों की जांच के आधार पर मजबूत मामला तैयार करना चाहिए और आरोपियों की दोषसिद्धि सुनिश्चित करनी चाहिए। स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ की अवैध तस्करी निरोधक अधिनियम (पीआईटीएनडीपीएस), 1988 में स्वापक पदार्थ एवं मन: प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार में किसी तरह लगे व्यक्तियों को दो साल तक हिरासत में रखने का प्रावधान है ताकि उन्हें खतरनाक गतिविधियों में शामिल होने से रोका जा सके। अधिकारियों ने बताया कि पिछले तीन महीने में पीआईटीएनडीपीएस के तहत 18 आदेश जारी किये गये जबकि पिछले छह सालों में केवल चार-पांच ऐसे आदेश जारी किये गये थे। उन्होंने बताया कि दिसंबर, 2019 से नवंबर, 2021 तक 24 से अधिक ऐसे आदेश जारी किये गये थे। उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत जो हिरासत में लिये गये उनमें अफ्रीकी नागरिकों जैसे विदेशी नागरिक शामिल हैं जो भारत में मादक पदार्थ के धंधे में नियमित रूप से पकड़े जाते हैं। मादक पदार्थ चुनौती को ध्यान में रखते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में एनसीबी में 1826 नये पदों को मंजूरी दी है।
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