उद्धव ठाकरे धड़े को मिला मशाल चुनाव चिह्न, शिंदे गुट से नयी सूची जमा कराने को कहा
नयी दिल्ली/मुंबई | निर्वाचन आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘मशाल' चुनाव चिह्न आवंटित किया है। आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए चुनाव चिह्न के रूप में 'त्रिशूल' की मांग करने के उद्धव गुट के दावे को खारिज कर दिया है। शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच विवाद को लेकर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को एक आदेश जारी कर उद्धव ठाकरे नीत गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'शिवसेना - उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम आवंटित किया। जबकि एकनाथ शिंदे के गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' (बालासाहेब की शिवसेना) नाम आवंटित किया है। उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों ने निर्वाचन आयोग द्वारा उन्हें ‘‘बालासाहेब'' का उल्लेख करने वाले नए नाम आवंटित किए जाने पर संतोष व्यक्त किया है। आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ‘मशाल' चुनाव चिह्न आवंटित किया है। निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि दोनों धड़ों द्वारा मांगा गया 'उगता सूरज' चुनाव चिह्न तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रविड़ मुनेत्र कझगम (द्रमुक) के लिए आरक्षित था। ठाकरे के करीबी और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भास्कर जाधव ने कहा, "हमें खुशी है कि तीन नाम जो हमारे लिए सर्वाधिक मायने रखते हैं- उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे - उन्हें नए नाम में रखा गया है।" शिंदे समूह के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने कहा कि वे हमेशा से ही पार्टी में बालासाहेब का नाम चाहते थे और इसे पाकर खुश हैं। उन्होंने कहा, "हमारे गुट को अब शिंदे खेमा नहीं बल्कि 'बालासाहेबंची शिवसेना' कहा जाएगा।"
आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों को ‘त्रिशूल' और ‘गदा' को चुनाव चिह्न के रूप में आवंटित करने के सुझाव को खारिज कर दिया। गोगावले ने कहा, "इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमें निर्वाचन आयोग से कौन सा चिन्ह मिलेगा।"
शिंदे खेमे के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा, "हम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ चर्चा करेंगे और निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए नए चिह्नों को अंतिम रूप देंगे।" निर्वाचन आयोग ने शनिवार को शिवसेना के दोनों खेमों को तीन नवंबर को अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से प्रतिबंधित कर दिया। आयोग ने उनसे सोमवार दोपहर तक तीन अलग-अलग नाम और इतनी ही संख्या में चिह्न बताने को कहा था।







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