‘हवा' रॉकेट परीक्षण सुविधा पर जल्द की जाएगी घोषणा : इसरो प्रमुख
बेंगलुरु,। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने .गुरुवार को कहा कि‘हाइपरसोनिक एयर ब्रीदिंग' यान ‘हवा' के संबंध में अंतरिक्ष एजेंसी की परीक्षण सुविधा के बारे में जल्द ही एक घोषणा होगी। अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि इसरो का ध्यान ‘एयर ब्रीदिंग' तकनीक पर नहीं था क्योंकि वह अंतरिक्ष को लेकर ज्यादा काम करना चाहता है। ‘एयर ब्रीदिंग' इंजन वे होते हैं जो ईंधन जलाने के लिए आसपास के परिवेश से हवा लेते हैं, जैसे जेट इंजन। इसलिए यह अंतरिक्ष यात्रा के लिए उपयुक्त नहीं है क्योंकि अंतरिक्ष में कोई हवा/वायुमंडल नहीं है। सोमनाथ ने यहां संवाददाताओं को बताया, “हम 200 से अधिक सेकंड के लिए हाइपरसोनिक गति से उड़ान भरने के वास्ते एक नया रॉकेट ‘हवा' भी विकसित कर रहे हैं। आप ‘एयर ब्रीदिंग' के लिए नए ईंधन के साथ हमारे परीक्षण संयंत्र के बारे में जल्द ही कुछ घोषणाएं भी सुनेंगे।” ‘हवा' का मतलब वायु एकीकृत प्रणाली के साथ ‘हाइपरसोनिक एयर ब्रीदिंग व्हीकल' है।
‘एयर ब्रीदिंग' तकनीक को लेकर हुई प्रगति के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सोमनाथ ने कहा कि इसरो इसे किसी रॉकेट के तत्काल इनपुट के तौर पर नहीं बल्कि प्रौद्योगिकी क्षमता के तौर पर देख रहा है। सोमनाथ ने बताया, “अगर वहां हवा है, तो वह अंतरिक्ष नहीं है।” उन्होंने कहा, “इसरो मुख्य रूप से ‘एयर ब्रीदिंग' तकनीक में बहुत ज्यादा शामिल नहीं है क्योंकि हम हवा में नहीं रहना चाहते, हम अंतरिक्ष में जाना चाहते हैं। लेकिन हम प्रौद्योगिकी का विकास करते हैं क्योंकि क्षमताओं के मामले में यह एक बहुत ही उच्च तकनीक है जो हमारे पास है - दहन आदि के संदर्भ में। इसलिए हम इंजन का परीक्षण कर रहे हैं। हम अपनी महेंद्रगिरि सुविधा में परीक्षण कर रहे हैं जहां हमने हाइपरसोनिक परीक्षण सुविधा स्थापित की है।” नई पीढ़ी के प्रक्षेपण यान (एनजीएलवी) के बारे में सोमनाथ ने कहा कि इसरो एक ‘आर्किटेक्चरल रॉकेट' बना रहा है और विभिन्न केंद्रों की एक बड़ी टीम इस पर काम कर रही है।
Leave A Comment