मंत्री समूह ने देश में कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की
नई दिल्ली। देश में नोवेल कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों और इसके लिए स्वास्थ्य, जहाज रानी, विदेश, नागरिक विमानन और गृह मंत्रालयों की तैयारियों और उनके द्वारा उठाए गए कदमों की आज नई दिल्?ली में हुई केन्द्रीय मंत्रियों के समूह की बैठक में समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने की। मंत्रियों के समूह का गठन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर किया गया था और इसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, नागरिक विमानन मंत्री हरदीप पुरी, विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर, गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी, स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे और जहाज रानी मंत्री मनसुख लाल मंडविया ने हिस्सा लिया।
नोवेल कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति के बारे में एक प्रेजेंटेशन भी मंत्री समूह की बैठक में पेश किया गया। मंत्रियों को केरल में इस बीमारी के तीन रोगियों में संक्रमण की पुष्टि होने की जानकारी दी गई जिनमें से एक की पुष्टि आज ही हुई है। भारत में इस वायरस के फैलाव की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में भी प्रेजेंटेशन में जानकारी दी गई। इनमें ई-वीजा सुविधा अस्थाई रूप से निलंबित करने के बारे में विदेश मंत्रालय के कल जारी संशोधित यात्रा परामर्श के बारे में भी बताया गया।
यात्रा परामर्श में संशोधन करते हुए लोगों को सलाह दी गई थी कि वे फिलहाल चीन का दौरा न करें और अगर किसी ने 15 जनवरी के बाद से चीन की यात्रा की हो तो उसे क्वोरेंटाइन यानी संघरोध में अलग-थलग रखे जाने का परामर्श भी दिया गया है। चीनी पासपोर्ट धारकों के लिए ई-वीजा सुविधा अस्थाई रूप से निलंबित कर दी गई है और जिन चीनी नागरिकों को ई-वीजा पहले से जारी हैं उन्हें अस्थाई रूप से अवैध करार दे दिया गया है। चीन के नागरिकों के लिए वीजा के वास्ते ऑन लाइन आवेदन करने की सुविधा भी निलंबित कर दी गई है।
मंत्री समूह की बैठक में यह भी सलाह दी गई कि जिन लोगों के लिए भारत यात्रा करना बहुत जरूरी हो उन्हें बिजिंग में भारतीय दूतावास या संघाई अथवा ग्वांगझाउ के महा वाणिज्य दूतावासों से संपर्क करना चाहिए। नागरिक विमानन मंत्रालय ने चीन से विमान सेवाओं का संचालन करने वाली एयर लाइनों से इस यात्रा परामर्श में दिए गए निर्देशों का पालन करने को कहा है।
मंत्रियों के समूह को आज यह भी बताया गया कि देश में अब तक कुल पांच सौ 93 उड़ानों के 72 हजार तीन सौ 53 यात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई है। देश के 21 हवाई अड्डों और सीमा चौकियों, खास तौर पर नेपाल की सीमा पर स्थित चौकियों पर यात्रियों में इस बीमारी के लक्षणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। सिंगापुर और थाइलैंड के अलावा हांगकांग और चीन से आने वाली सभी उड़ानों से आने-जाने वाले यात्रियों की दुनिया भर में जांच हो रही है। इसके अलावा 29 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में दो हजार आठ सौ 15 लोग सामुदायिक निगरानी में है। परीक्षण के लिए भेजे गए तीन सौ 38 नमूनों में से तीन सौ 35 में कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए, तीन में इसकी पुष्टि हुई है जबकि 70 अन्य के परीक्षण की कार्रवाई जारी है।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉक्टर पी0 के0 मिश्रा ने भी देश में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति और चीन से वापस लौटे करीब छह सौ लोगों के लिए किए जा रहे इंतजामों की समीक्षा की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा, मंत्रिमंडल सचिव राजीव गाबा, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और अन्य संबंधित मंत्रालयों के सचिवों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।
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