प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय सम्मेलन में किसानों से - नई आवश्यकताओं और चुनौतियों को अपनाने पर बल दिया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीरो बजट आधारित प्राकृतिक खेती सहित कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न मुद्दों पर जोर दिया है। गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से गुजरात के आणंद में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जीरो बजट आधारित प्राकृतिक खेती और कृषि तथा कृषि आधारित स्वच्छ ऊर्जा को बदलने में प्रौद्योगिकी की अहम भूमिका है। श्री मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती के इस आंदोलन में देश के आठ करोड़ से अधिक किसान जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सम्मेलन के नतीजों से देश भर के किसान लाभान्वित होंगे। गुजरात के आणंद में तीन दिन का शिखर सम्मेलन मंगलवार को शुरू हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से बडे पैमाने पर जैविक और प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने के लिए हर राज्य और राज्य सरकारों को आगे आना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर एक पंचायत के कम से कम एक गांव को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती दो एकड से कम भूमि वाले 80 प्रतिशत छोटे किसानों के लिए अधिक लाभकारी है। श्री मोदी ने कहा कि किसान रसायनों और उर्वरकों पर अधिक पैसा खर्च कर रहे हैं, प्राकृतिक खेती अपनाने से उनकी स्थिति में सुधार आएगा। श्री मोदी ने कहा कि यह मिथक है कि रसायनों के बिना अच्छी फसल संभव नहीं है जो वास्तविकता परे है। उन्होंने कहा कि कृषि अपशिष्ट जलाने से भूमि उत्पादकता कम हो रही है। प्रधानमंत्री ने गुजरात के किसानों और गुजरात के मुख्यमंत्री को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए बधाई दी।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री की परिकल्पना से प्रेरित होकर सरकार किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है। सरकार उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने कृषि क्षमता को बढ़ाने और किसानों की आय को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि जीरो बजट आधारित प्राकृतिक खेती खरीदे गए इनपुट पर किसानों की निर्भरता को कम करने और पारंपरिक क्षेत्र आधारित प्रौद्योगिकियों पर भरोसा करके कृषि की लागत को कम करने के लिए एक आशाजनक उपकरण है इससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह सिंह तोमर, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी सम्मेलन में मौजूद हैं। तीन दिवसीय इस सम्मेलन में 5 हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया और हजारों अन्य किसान वर्चुअल माध्यम से इस सम्मेलन से जुडे रहे।
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