वास्तु के हिसाब से कैसा हो रसोईघर
-रसोई घर का वास्तु सही न हो तो महिला पर पड़ता है विपरित असर
घर की लक्ष्मी यानी महिलाओं का ज्यादातर समय रसोईघर में ही बीतता है। वास्तुशास्त के मुताबिक यदि रसोईघर का वास्तु सही न हो तो उसका विपरीत प्रभाव महिलाओं और घर पर भी पड़ता है। इसलिए रसोईघर में इन बातों का विशेष ध्यान रखें
- रसोईघर की ऊंचाई 11 से 12 फीट होनी चाहिए और गर्म हवा निकलने के लिए वेंटीलेटर होना चाहिए।
-रसोईघर यदि 8 फीट में किचन की ऊंचाई हो तो महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
- जिसर सोईघर में छत नीचे स्तर पर है वहां पर खाना बनाने वाली गृहस्वामिनी का स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता है क्योंकि रसोईघर की गरम हवा को बाहर निकलने का अवसर नहीं मिलता।
- कभी भी रसोईघर से लगा हुआ कोई जल स्त्रोत नहीं होना चाहिए। रसोईघरके बाजू में बोर, कुआं, बाथरूम न बनवाएं, सिर्फ वाशिंग स्पेस हो सकता है।
-आग्नेय यानी साउथ ईस्ट कोण में रसोईघर होना शुभ माना जाता है
-रसोईघर में सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा पहुंचे, इस बात का भी खयाल रखा जाना चाहिए।
- रसोईघर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि इससे सकारात्मक व पॉजिटिव एनर्जी आती है।
- रसोईघर में यथासंभव बर्तन साफ सुथरे ही रखें।
- रसोईघर में ईशान कोण में नॉर्थ ईस्ट में माता अन्नपूर्णा की फोटो विधिपूर्वक रखी जा सकती है।
-रसोईघर का सम्बंध घर की समृद्धि से है।
- औषधि गुण वाले मसालों का प्रयोग करना चाहिए।
-रसोईघर में भोजन बनाते समय खुशमिजाज और मधुर संगीत का प्रयोग कर सकते हैं। भोजन बनाते समय भक्ति मय़ और कर्ण प्रिय गायत्री मंत्र सुन सकते हैं। मंत्र के साथ अग्नि का आह्वान कर चूल्हा जलाना चाहिए ।
- अगर आपका रसोईघर वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण में है , लेकिन वहां साफ सफाई का नितांत अभाव है तो यह दोषपूर्ण माना जाता है। इसके विपरीत अगर रसोईघर वास्तु शास्त्र के नियमों के ठीक विपरीत है, लेकिन व्यवस्थित है और साफ सुथरा है तो ऐसा रसोईघर सकारात्मक फल देता है।
-रसोईघर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा प्लेटफार्म हमेशा पूर्व में होना चाहिए और ईशान कोण में सिंक व अग्नि कोण में चूल्हा लगाना चाहिए।
- रसोईघर की दीवारों के रंग का चयन गृह लक्ष्मी की कुंडली ज्योतिष विवेचन और कलर थेरेपी के आधार पर करना चाहिए।
शेष ईश्वर कृपा वास्तु देव कृपा
- पंडित विनीत कुमार शर्मा, ज्योतिष, मनीषी वास्तु सलाहकार
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