कड़ाही और तवा के इस्तेमाल के दौरान बरतें ये सावधानियां....नहीं तो उठानी पड़ेंगी परेशानियां.....
कड़ाही और तवा रसोई घर का अहम हिस्सा होते हैं। रोटी, पराठे के लिए तवा और सब्जियों के लिए कड़ाही का इस्तेमाल किया जाता है। तवा जहां लोहे का होता है, तो कहाड़ी सीमेंट-मिश्रित लोहे, एल्युनियम और लोहे से बनी होती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार तवा और कहाड़ी का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां बरती जानी चाहिए। इससे कई समस्याओं का समाधान अपने आप ही हो जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार तवा और कढ़ाही का संबंध राहु से माना जाता है। यदि रसोई में काम करते समय तवा और कढ़ाही का प्रयोग करते समय सावधानी न बरती जाए तो कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए इनके इस्तेमाल के समय कुछ सावधानियां बरतें-
हमेशा साफ करके रखें
कई बार रोटी या सब्जी बनाने के बाद कढ़ाही और तवे को ऐसे ही रखकर छोड़ देते हैं। ऐसा करना सही नहीं रहता है। इससे घर के मुखिया की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। रात के समय भूलकर भी तवे और कढ़ाही को कभी भी सिंक में रखकर नहीं छोडऩा चाहिए। अन्यथा जातक को राहु के प्रकोप के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए तवा या कढ़ाही का प्रयोग करने के बाद उसे अच्छे से साफ करके सुखाकर रखना चाहिए।
तवा और कढ़ाई भूलकर भी न रखें ऐसे
अक्सर देखने में आता है कि ज्यादातर लोग तवे और कढ़ाही को उल्टा करके रखते हैं, लेकिन वास्तुशास्त्र कहता है कि तवे या कढ़ाही को कभी भी उल्टा नहीं रखना चाहिए। इसके साथ ही कभी भी तवे या कढ़ाही को चूल्हे के ऊपर रखकर नहीं छोडऩा चाहिए। इसलिए सब्जी या फिर रोटी बनाने के बाद कढ़ाही और तवे को चूल्हे से उतारकर साफ करके रख देना चाहिए। जहां पर आप खाना बनाते हैं, ये दोनों चीजें वहां पर दांयी ओर रखें।
नुकीली चीजों से न खुरचे तवा और कढ़ाही
कभी-कभी खाना बनाते समय कढ़ाही और तवा में चिकनाई और मसाले आदि जम जाते हैं जिसे लोग नुकीली चीजों से खुरचकर साफ करते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार यह सही नहीं रहता है। इससे घर में नकारात्मकता बढ़ती है।
स्वास्थ्य के लिहाज से सब्जियां बनाते समय लोहे या फिर सीमेंट मिश्रित कहाड़ी का ही इस्तेमाल करना चाहिए। एल्युमिनियम की कहाड़ी का इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए। एल्युमिनियम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके बर्तनों में खाना पकाने से बचना चाहिए।
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