लिन्थोई चनंबम ने विश्व चैंपियनशिप में रचा इतिहास, भारत को दिलाया पहला स्वर्ण पदक
नई दिल्ली । 15 वर्षीय जुडोका लिन्थोई ने शुक्रवार को अंडर-18 विश्व जूडो कैडेट चैंपियनशिप में महिलाओं की 57 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया ।
मणिपुर की लिन्थोई ने फाइनल मुकाबले में वाजारी से शुरुआती बढ़त बना ली। वह अंतिम सेकंड में 1-0 से मैच जीतने में सफल रहीं। लिन्थोई जूडो में भारत की पहली अंडर-18 विश्व चैंपियन बनी हैं। 15 वर्षीय यह खिलाड़ी पिछले कुछ सालों में भारत की बेहतरीन जुडोकाओं में रही हैं। वह भारत सरकार के टॉप्स कार्यक्रम का भी हिस्सा हैं। लिन्थोई 2017 में सब-जूनियर नेशनल जूडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद सुर्खियों में आईं। लिन्थोई ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा, "मैं यह नहीं बता सकती कि मैं कैसा महसूस कर रही हूं, लेकिन मुझे पता है कि मैं इस जीत से बहुत खुश हूं।" इस ऐतिहासिक जीत से पहले लिन्थोई 2021 में राष्ट्रीय कैडेट जूडो चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीती थीं। इसके बाद लेबनान के बेरूत में एशिया-ओशिनिया कैडेट जूडो चैंपियनशिप में कांस्य पदक अपने नाम किया था। वह एशियाई कैडेट और जूनियर जूडो चैंपियनशिप 2022 में भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही थीं।
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