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- नगर हित में अधिकाधिक संख्या में मोबाइल पर स्वच्छता फीडबेक देने की अपीलरायपुर/ राजधानी शहर की प्रथम नागरिक नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे और नगर पालिक निगम रायपुर के सभापति श्री सूर्यकान्त राठौड़ ने श्रीगुरू पूर्णिमा दिनांक 10 जुलाई 2025 गुरूवार के अवसर पर समस्त नगरवासियों को अग्रिम हार्दिक शुभकामनायें दी हैं.महापौर श्रीमती मीनल चौबे और सभापति श्री सूर्यकान्त राठौड़ ने कहा कि सम्पूर्ण भारत वर्ष में प्राचीन युग से ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में श्रीगुरूदेव का विशेष स्थान है.महापौर श्रीमती मीनल चौबे और सभापति श्री सूर्यकान्त राठौड़ ने श्रीगुरू पूर्णिमा के अवसर पर श्रीगुरूदेव के दिव्य श्रीचरणों में समस्त नगरवासियों को जीवन में सुख, समृद्धि, स्वास्थ्य और शान्ति प्रदान करने की विनम्र प्रार्थना की है.महापौर श्रीमती मीनल चौबे और सभापति श्री सूर्यकान्त राठौड़ ने समस्त नगरवासियों से राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के अंतर्गत अपने मोबाइल पर स्वच्छता एप डाउनलोड करके रायपुर नगर को श्रेष्ठ स्वच्छत्ता रैंकिंग दिलवाने हेतु सक्रिय सहभागिता दर्ज करवाने अधिक से अधिक संख्या में शीघ्र स्वच्छता फीडबेक देने की एक बार पुनः विनम्र अपील की है.
- दुर्ग/ जिले में 1 जून 2025 से 09 जुलाई 2025 तक 272.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। कार्यालय कलेक्टर भू अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 1 जून से अब तक सार्वाधिक वर्षा 393.9 मिमी पाटन तहसील में तथा न्यूनतम 217.4 मिमी. तहसील भिलाई 3 में दर्ज की गई है। इसके अलावा तहसील बोरी में 229.0 मिमी, तहसील अहिवारा में 326.9 मिमी, तहसील धमधा में 226.2 मिमी और तहसील दुर्ग में 242.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। 09 जुलाई को तहसील दुर्ग में 52.0 मिमी, तहसील धमधा में 93.1 मिमी, तहसील पाटन में 68.2 मिमी, तहसील बोरी में 80.0 मिमी, तहसील भिलाई 3 में 67.4 मिमी और तहसील अहिवारा में 104.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
- रागमंजरी के भजन-भक्ति गीतों ने भावविभोर किया भक्तगणों कोटी सहदेवभिलाई नगर। सेक्टर 06 स्थित जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में रथयात्रा उत्सव के अंतिम दिन नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान भक्तिमय गीत-संगीत के बीच संपन्न हुआ। किसी भी धार्मिक स्थल में रागमंजरी द्वारा पहली बार पेश भक्ति संध्या में इतनी शक्ति हमें देना दाता, श्री गणेशाय धीमहि, हे कृपा सागर, चदरिया झिनी रे झिनी, मैली चादर ओढ़के, सत्यम शिवम सुंदरम, मन तड़पत हरि दर्शन को आज, तोरा मन दर्पण कहलाए, ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन, श्याम तेरी बंसी, तोला गाड़ा गाड़ा जोहार दाई, राधिके तूने बांसुरी चुराई जैसे भक्ति गीतों के रंग में सभी श्रोता रंग गए। नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मुख्य मंदिर में वापसी का प्रतीक है।रागमंजरी ने कराओके के माध्यम से भजन और भक्ति गीतों की ऐसी अमृत वर्षा की कि वहां पर मौजूद भक्तगण भावविभोर होकर झूमने लगे। हिंदी और छत्तीसगढ़ी में भक्ति गीतों से समां बांधने वाले गायकों में तपन कुमार नाथ, जीवनंदन वर्मा, सुरेश बारसागड़े, जगदीश बामनिया, प्रमोद ताम्रकार, ऋषभ साहू, तामेश्वर साहू, जाह्नवी दत्ता एवं रोशनी साहू शामिल हैं, जबकि कार्यक्रम का संचालन तिलक वर्मा ने किया। इस मौके पर मंदिर समिति के संरक्षक तुषारकांत महापात्रा, अध्यक्ष दिलीप महंती, महासचिव अरुण पंडा, समिति के सदस्य शरद विशाल, गजेंद्र पंडा, रविंद्र साहू, शशिभूषण महंती, संजय साहू, संन्यास साहू, सुभाष साहू, जितेंद्र भुइयां, दंडासी पटनायक, राजीव भुइयां, हरि राउत, प्रभात त्रिपाठी, संतोष महाराणा, प्रशांत सामल, नीलमणि नायक, रविंद्र मुनि, राजेंद्र पंडा, ललित पाणिग्रही, बलराम रथ, सिम्हाचल महंती तथा गौरी साहू समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
- 0- जन सहयोग बना स्थायी जल सुरक्षा की आधारशिलारायपुर। जल संकट से स्थायी निजात दिलाने एवं भू-जल स्तर को बढ़ाने के उद्देश्य से मोर गांव, मोर पानी महाभियान के तहत व्यापक जल संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। वर्षा ऋतु से पूर्व नालों की सफाई कर जल प्रवाह को सुचारू किया गया जिससे जलभराव एवं जलजनित रोगों की समस्या में कमी आई है। पर्यावरण संरक्षण को दृष्टिगत रखते हुए पंचायत भवनों, विद्यालय परिसरों, सड़कों एवं खाली स्थानों पर स्थानीय प्रजातियों जैसे नीम, पीपल, करंज एवं बांस के पौधों का वृक्षारोपण किया गया है। भू-जल स्तर में वृद्धि एवं मिट्टी कटाव की समस्या पर नियंत्रण जैसे सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट रूप से सामने आने लगे हैं, जिससे यह महाभियान जिले की जल सुरक्षा के लिए मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है।जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में महाअभियान का शुभारंभ कर इसे प्रभावशाली ढंग से क्रियान्वित किया जा रहा है। जिला एवं जनपद स्तर पर सीईओ को नोडल अधिकारी नियुक्त कर, ब्लॉक रिसोर्स पर्सन का चयन किया गया तथा मैदानी अमलों को ग्राम, जनपद एवं जिला स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान दिया गया। सूरजपुर जिले में इस महाअभियान में 64 नालों का सर्वे किया गया, जिसमें 18 मॉडल नालों का चयन कर क्षेत्रवार कार्य योजना बनाई गई है। पार्टिसिपेट्री रूरल अप्रैज़ल पद्धति से ग्रामों में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजना तैयार कर उसे ग्राम पंचायत विकास योजना में समाहित किया गया एवं शासन की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया। मनरेगा के श्रम बजट में समाहित कर रोजगार सृजन करते हुए कार्यों की स्वीकृति ’सिक्योर’ पोर्टल के माध्यम से दी गई। इस महाभियान के तहत कंटूर ट्रेंच 55, वृक्षारोपण 34 स्थल, गली प्लग 2520, लूज बोल्डर चेक डेम 855, कूप 12, गैबियन स्ट्रक्चर 43, अंडरग्राउंड डाइक 20, फार्म पोंड 1289, मिट्टी बांध 67, चेक डेम 09 एवं अमृत सरोवर 28 कुल 4932 संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है, जिनका उद्देश्य बरसात में बहकर व्यर्थ जाने वाले जल को संरक्षित कर भू-जल स्तर को बढ़ाना है।कार्ययोजना निर्माण में आधुनिक (जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम) तकनीक का उपयोग करते हुए पहाड़ी से घाटी तक (रिज टू वैली) सिद्धांत पर आधारित संरचनाओं की योजना बनाई गई है जिससे वर्षा जल को संरचित ढंग से रोककर अधिकतम जल संचयन सुनिश्चित किया जा सके, साथ ही जनसहयोग एवं श्रमदान के माध्यम से जल संरक्षण एवं स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों को भी गति दी गई है, जिसमें स्थानीय ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, शासकीय कर्मचारियों एवं स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी रही है। घरेलू अपशिष्ट जल के समुचित निपटान हेतु परिवारों एवं सार्वजनिक स्थलों पर सोख्ता गड्ढों का निर्माण कर जल पुनर्भरण की दिशा में सकारात्मक पहल की गई है। इन समस्त प्रयासों में जनभागीदारी से जनकल्याण की भावना स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रही है, जिससे जिले में न केवल जल संरक्षण को मजबूती मिली है बल्कि स्थानीय समुदाय की आजीविका को भी स्थायित्व मिला है।--
- भिलाई नगर। नगर पालिक निगम भिलाई महापौर परिषद की बैठक महापौर नीरज पाल की अध्यक्षता एवं आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय की उपस्थिति में आहूत की गई। बैठक में प्रमुख रूप से 8 एजेंण्डा एवं अन्य विषयों पर विस्तृत चर्चा किया गया। महापौर परिषद् की बैठक में स्केटिंग टैक का निर्माण, रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम निर्माण, उद्यानों के निशुल्क रखरखाव संहित कुल 7 एजेंडा को स्वीकृति प्रदान करते हुये 01 एजेंडा को अस्वीकृत किया गया।जोन क्रं. 01 प्रियदर्शिनी परिसर पश्चिम में स्केटिंग ट्रैक निर्माण कार्य हेतु निविदा बुलाई गई थी, जिसमें 3 एजेंसियों ने भाग लिया। उक्त निविदा में एक एजेंसी अपात्र होने पश्चात शेष 2 एजेंसी में न्यूनतम दरदाता से संविदा निष्पादन कर कार्यादेश दिये जाने की अनुमति सर्व सम्मति से पारित किया गया। पांचवे चरण में निगम भिलाई के विभिन्न क्षेत्रों में रिक्त आवासीय, व्यवसायिक, आवास सह व्यवसायिक भू-खण्डों के अंतरण के संबंध में निविदा को स्वीकृत करते हुए उक्त निविदा निरस्त करने की सहमति प्रदान की गई।नगर निगम भिलाई क्षेत्रांतर्गत उद्यानों का संचालन/संधारण एवं रखरखाव कार्य निःशुल्क दिये जाने रूचि की अभिव्यक्ति ऑफर आमंत्रित किया गया था। जिसमें 9 ऑफरदाताओं द्वारा भाग लिया गया। एक ऑफरदाता का दस्तावेज सही नहीं पाये जाने के कारण अपात्र करते हुए शेष 8 ऑफरदाताओं को उद्यानों के निःशुल्क संचालन/संधारण एवं रखरखाव में दिये जाने महापौर परिषद के सदस्यों ने अपनी सहमति प्रदान की।विद्यालय प्रागंण के भीतर निर्मित महिलाओं का छात्रावास एवं निर्माणाधीन सामुदायिक भवनों को विद्यालय में सम्मिलित प्रदान करने। वर्षा जल संरक्षण शासकीय, अर्द्वशासकीय, निजी संस्थाओं के आवासीय/व्यवसायिक भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किये जाने निविदिा आमंत्रित किया गया था, जिसमे 4 एजेंसियों द्वारा भाग लिया गया। जिसमें मेसर्स छ.ग. जल संजीवन केन्द्र द्वारा न्यूनतम दर प्रस्तुत किया गया है। उक्त एजेंसी से संविदा निष्पादन कर कार्यादेश हेतु उक्त प्रकरण को सर्व सम्मति से पारित किया गया। जोन क्रं. 04 खुर्सीपार अंतर्गत निर्मित मिनी स्टेडियम के दुकानों के नीलामी के संबंध में महापौर परिषद के सदस्यों ने अपनी सहमति प्रदान की।आबकारी विभाग दुर्ग के मांग पर जोन 04, वार्ड -51 स्थित मिनी स्टेडियम के भूतल में विदेशी कम्पोजिट मदिरा दुकान खुर्सीपार को स्थानांतरित किये जाने का प्रकरण रखा गया था जिसे महापौर परिषद् द्वारा निरस्त किया गया।बैठक में महापौर परिषद के सदस्य सीजू एन्थोनी, लक्ष्मीपति राजू, संदीप निरंकारी, एकांश बंछोर, आदित्य सिंह, मन्नान गफ्फार खान, लालचंद वर्मा, चंद्रशेखर गंवई, मालती ठाकुर, नेहा साहू, उपायुक्त सह सचिव नरेन्द्र कुमार बंजारे, जोन आयुक्त अजय राजपूत, कुलदीप गुप्ता, अमरनाथ दुबे, येशा लहरे, सतीश यादव, कार्यपालन अभियंता रवि सिन्हा, वेशराम सिन्हा, विनीता वर्मा, अरविद शर्मा, राजस्व अधिकारी जे.पी.तिवारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।--
- 0- लाभार्थी श्री आनंदी शर्मा ने जताया प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री के प्रति आभाररायपुर. गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे वृद्धजनों को आर्थिक सहायता प्रदान कर उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में सहयोग देना इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना का उद्देश्य है। इस योजना के अंतर्गत 60 वर्ष से 79 वर्ष की आयु के ऐसे वृद्धजन, जो बीपीएल श्रेणी में आते हैं, उन्हें 500 प्रतिमाह तथा 80 एवं अधिक उम्र के वृद्धजनों को 650 रूपये की पेंशन राशि दी जाती है।रायपुर जिले के सुंदर नगर निवासी श्री आनंदी शर्मा इस योजना के लाभार्थी हैं। वे पहले कारपेंटर का कार्य करते थे, लेकिन अब वृद्धावस्था के कारण कार्य करने में असमर्थ हैं।श्री शर्मा ने बताया कि उन्हें पिछले 9 महीनों से इस योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने होकर कहा, "इस 500 की राशि से मैं दवाई, तथा अन्य जरूरी चीजें खरीद लेता हूँ। यह थोड़ी सी मदद मेरे लिए बड़ी राहत बन गई है।" श्री शर्मा ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, "मैं सरकार का दिल से धन्यवाद करता हूँ। प्रदेश के बुजुर्गों को इसका लाभ लेना चाहिए।"
- 0- रायपुर जिले के ग्राम धुसेरा निवासी श्री मनहरण बैस को 18 किस्तों में मिली 36 हजार की राशि0- प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभाररायपुर / किसानों के जीवन में नया उजाला लेकर आई है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना। यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि एक नई उम्मीद बनकर उभरी है। रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड के ग्राम धुसेरा निवासी श्री मनहरण बैस को इस योजना के लाभ मिला है। श्री बैस एक परिश्रमी किसान, जिनके कंधों पर पूरे पांच सदस्यीय परिवार की ज़िम्मेदारी है। उनके लिए हर मौसम एक नई चुनौती लेकर आता है—कभी सूखा, कभी अतिवृष्टि, कभी फसल का घाटा। ऐसे में यह योजना उनके लिए किसी संजीवनी से कम नहीं रही।अब तक मिल चुकी हैं 18 किस्तें, यानी कुल ₹36,000 की सहायता।यह रकम सीधे डीबीटी के ज़रिए उनके खाते में आती रही, जिससे उनकी खेती-किसानी को नया संबल मिला है। मनहरण कहते हैं कि "कभी-कभी फसल में नुकसान हो जाता है, तब यह 2000 रुपए की किश्त बहुत बड़ा सहारा बन जाती है। इससे खाद-बीज खरीदने, खेत की जुताई करने और परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है।" वे आगे कहते हैं, "सरकार की इस योजना ने हमारी ज़िंदगी में थोड़ी राहत और स्थिरता दी है। पहले कभी पैसा बचता नहीं था, अब कम से कम तीन महीने में एक बार कुछ मदद मिल जाती है।" श्री मनहरण प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हैं की इस योजना के तहत कृषकों को समय-समय पर इसका लाभ मिला है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से सहारा दे रही है, बल्कि किसानों को आत्मसम्मान और आत्मविश्वास भी दे रही है।
- रायपुर। छत्तीसगढ़ खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग द्वारा राज्य के गैर अनुसूचित क्षेत्रों के गैस कनेक्शनधारी राशनकार्डों में भी पीडीएस के तहत केरोसिन प्रदाय करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए भारत सरकार पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025-26 के द्वितीय तिमाही के लिए छत्तीसगढ़ को 816 किलोलीटर केरोसिन का आबंटन किया गया है। जिसे उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को वितरित किया जाएगा। इस आशय का पत्र इन्द्रावती भवन स्थित खाद्य विभाग द्वारा प्रदेश के सभी कलेक्टरों एवं राज्य स्तरीय समन्वयक ऑयल उद्योग रायपुर को जारी कर दिया गया है।पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत प्रचलित समस्त अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डों को पात्रता होगी। नगरीय क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों के लिए एक लीटर तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित क्षेत्र तथा गैर अनुसूचित क्षेत्रों के राशनकार्डधारियों को अधिकतम दो लीटर केरोसिन प्रदान किया जाएगा। माह जुलाई 2025 के लिए आबंटित केरोसिन का उठाव 31 जुलाई तक करने को कहा गया है।
- 0- उन्नत बीज वितरण हेतु 13047 क्विंटल बीज का किया गया भंडारण0- राजनांदगांव जिले में लगातार हो रही वर्षा के बाद सोयाबीन फसल में खरपतवार नियंत्रण हेतु सजग रहे किसान-बुआई के तुरंत बाद तथा 10 से 12 दिन के भीतर करें खरपतवारनाशक का उपयोगराजनांदगांव । जिले में वर्तमान खरीफ फसल की बुआई निरंतर जारी है। इस वर्ष मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुरूप मानसून अपने तय समय से पहले दस्तक दे चुका था। इसी कारण कृषकों में इस वर्ष अच्छी खेती की आस जगी है। कृषि विभाग द्वारा भी इस वर्ष बेहतर मानसून को देखते हुए खरीफ फसल हेतु 1 लाख 84 हजार 440 हेक्टेयर का बुआई लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जो गत वर्ष में 1 लाख 83 हजार 689 से 7.50 हेक्टेयर अधिक है।साथ ही कृषि फसल क्षेत्राच्छादन में वृद्धि हेतु आवश्यक आदान सामग्री जैसे उन्नत बीज वितरण हेतु 14803 का लक्ष्य निर्धारित कर 13047 क्विंटल बीज भंडारण कराया गया है। जिसमें से 12268 क्विंटल बीज का उठाव कृषकों द्वारा किया जा चुका है। जो भंडारण की तुलना में 94 प्रतिशत है। विगत दो दिनों में जिले में अच्छी वर्षा हो रही है, जिससे जिले में अब 212.7 एमएम वर्षा हो चुकी है, जो इसी अवधि में होने वाली वर्षा का 95.40 प्रतिशत है।जिले में इस वर्ष सोयाबीन फसल हेतु 3160 हेक्टेयर रकबा का लक्ष्य तय किया गया है। जिसके विरूद्ध अब तक 1158 हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की खेती संपन्न हो चुका है। सोयाबीन उत्पादक कृषकों को वर्तमान खरीफ अनुशंशित उर्वकों की वैज्ञानिक अनुशंसानुसार एनपीके तथा सल्फर के 25 : 60 : 40 : 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पोषक तत्व आपूर्ति की सिफारिश की जा रही है, जिसकी पूर्ति हेतु एक यूरिया 56 किलोग्राम के साथ 375 से 400 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट व 67 किलोग्राम म्यूरोट ऑफ पोटाश पोटास डीएपी 125 ग्राम के साथ 68 किलोग्राम म्यूरोट ऑफ पोटाश तथा 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बेनटोनेस सल्फर का उपयोग किया जा सकता है।आवश्यकतानुसार 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट तथा 50 किलोग्राम आयरन सल्फेट प्रति हेक्टेयर का उपयोग करने से सोयाबीन फसलों के जड़ विकास व वनस्पति विकास में वृद्धि होती है। सोयाबीन की प्रारंभिक अवस्था में बोनी करते समय खरपतवार एक बड़ी समस्या रहती है। जिसके लिए बोनी के तुरंत बाद डाईक्लोसुलम प्लस पेंडीमेथालीन (22.5 + 875 सक्रिय तत्व) अथवा क्लोमोझोन 50 ईसी अथवा सल्फेन्ट्राझोन 39.6 एससी पाईरोक्सा सल्फोन 85 डब्ल्यूजी खरपतवार नाशक का उपयोग नेमसेक स्पेयर में प्रति हेक्टेयर 450 लीटर पानी तथा पावर स्पेयर में 120 लीटर पानी प्रति हेक्टेयर का उपयोग करना चाहिए। बोनी के 10 से 12 दिन बाद क्लोरिनम्यूरान इथाईल 25 डब्ल्यूपी के साथ सर्फेक्टेंन्ट का उपयोग करने से सोयाबीन में उगने वाले हानिकारक खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सकता है।
- 0- जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक एवं शाला परिवार ने दी शुभकामनाएंमहासमुंद / मिडिल स्कूल बिजराभांठा से लगातार तीसरे वर्ष भी सत्र 2024 -25 में एनटीए द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा श्रेष्ठा परीक्षा में कुमारी आंचल का चयन हुआ है। एनटीए द्वारा ऑनलाइन काउंसलिंग के फर्स्ट राउंड में ही कु. आंचल कुमार को उनके चॉइस फिलिंग फॉर्म के आधार पर रूंगटा पब्लिक स्कूल भिलाई आबंटित किया गया है। जहां उन्हें कक्षा नवमी से बारहवीं तक निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान की जाएगी। उनके इस उपलब्धि के लिए जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय लहरे, डीएमसी श्री रेखराज शर्मा द्वारा जिला कार्यालय के सभाकक्ष में सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सीईओ श्री एस. आलोक ने उनकी कड़ी मेहनत और लगन को दूसरे छात्रों के लिए भी प्रेरणादायक बताया। कु. आंचल के चयन होने पर मिडिल स्कूल बिजराभांठा के शिक्षक स्टाफ, अरुण कुमार निषाद, अनिल सिंह साव, उत्तरा कुमार चौधरी, गुण निधि सिदार, हरिहर पटेल, शिवचरण चौधरी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।विदित हो कि मिडिल स्कूल बिजराभांठा से सत्र 2018-19 से अब तक 39 बच्चों का एनएमएमएसई में,23 बच्चों का प्रयास विद्यालय में, 5 बच्चों का श्रेष्ठा में तथा 3 बच्चों का विवेकानंद विद्यापीठ चयन परीक्षा में चयन हो चुका है। श्रेष्ठा (स्कीम फॉर रेजिडेंशियल एजुकेशन फॉर स्टूडेंट्स इन टार्गेटेड हाई स्कूल) जिसका हिंदी में अर्थ है “लक्षित क्षेत्रों में उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा“. यह योजना अनुसूचित जाति के छात्रों को उत्कृष्ट निजी आवासीय विद्यालयों में शिक्षा प्रदान करने के लिए है।
- 0- महासमुंद जिले में 4 हजार से अधिक सोखता गड्ढा एवं सौ से अधिक इंजेक्शन वेल का निर्माणमहासमुंद, कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में महासमुंद जिले में जल संरक्षण को लेकर “मोर गांव मा पानी“ अभियान अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सामने आ रही है। कलेक्टर के निर्देशों के अनुरूप जिले में जन भागीदारी और विभागीय समन्वय से जल संचय के लिए विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है, जो अब मूर्त रूप ले रहा है।इस अभियान के तहत ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, शिक्षा विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वित प्रयासों से स्कूलों, आंगनवाड़ियों, पंचायत भवनों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों में जन सहयोग से सोखता गड्ढों का निर्माण किया जा रहा है। “मोर गांव मा पानी“ अभियान का उद्देश्य सिर्फ जल संचय नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाना भी है। सोखता गड्ढे न सिर्फ जल संरक्षण में सहायक हैं, बल्कि वे मिट्टी की नमी बनाए रखने, जल प्रवाह को नियंत्रित करने और आसपास के पर्यावरण को भी संतुलित बनाए रखने में सहायक होते हैं।अब तक जनभागीदारी से कुल 04 हजार से अधिक सोखता गड्ढों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और तेजी से इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। साथ ही 104 इंजेक्शन वेल के माध्यम से भूमिगत जल का पुनर्भरण किया जा रहा है। सोखता गड्ढों के निर्माण से स्थानीय स्तर पर जल संचयन संभव हो पाया है। सोखता गड्ढे वर्षा जल को जमीन में समाहित करने में मदद करते हैं, जिससे जल स्तर को बनाए रखने और भूजल संसाधनों को पुनर्जीवित करने में सहयोग मिलेगा। यह एक स्थायी समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
- 0- श्रीमती प्रतिमा बाई सिदार की संघर्ष से सफलता तक की प्रेरक यात्रारायपुर। ‘कभी छत टपकती थी, अब घर मुस्कुराता है’ यह वाक्य जांजगीर चांपा जिले के ग्राम खपरीडीह की निवासी श्रीमती प्रतिमा बाई सिदार के जीवन की सच्चाई को बयां करती है। 60 वर्षीया प्रतिमा बाई का जीवन संघर्षों की लंबी कहानी है, पर आज उनके चेहरे पर आत्मविश्वास की जो चमक है, वह प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सफलता का प्रतीक बन गई है। पति के निधन के बाद उन्होंने अकेले पूरे परिवार की जिम्मेदारी निभाई।जीवन ने कई बार तोड़ा उनके एक बेटे का असमय सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी, दूसरा बेटा जम्मू-कश्मीर में मजदूरी कर जैसे-तैसे मां की मदद कर पा रहा है। तीन बेटियों का विवाह कर चुकी प्रतिमा बाई कभी मिट्टी के जर्जर मकान में बरसात के खौफ और विषैले जीवों के डर में रातें बिताया करती थी। अल्पभूमि किसान होने के बावजूद वे मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन चला रही थीं। लेकिन जब प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उन्हें स्थायी प्रतीक्षा सूची में स्थान मिला और पहली किस्त प्राप्त हुई, तो मानो उनकी ज़िंदगी ने एक नई करवट ली। पूरे परिवार ने श्रमदान कर घर बनाने में साथ दिया।आज उनका नया पक्का मकान ना सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि बुढ़ापे का सबसे मजबूत सहारा बन गया है। केंद्र और राज्य शासन की समग्र सोच और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रतिमा बाई को बहुआयामी लाभ मिला। इसके साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण, विधवा पेंशन योजना से मासिक पेंशन, महतारी वंदना योजना से 1000 रूपए की मासिक सहायता, मनरेगा के अंतर्गत 90 दिवस की मजदूरी भी दी गई है। अपने नवनिर्मित घर को उन्होंने पारंपरिक जनजातीय नृत्य, वाद्ययंत्रों और सांस्कृतिक प्रतीकों से सजाया है। यह मकान अब सिर्फ चार दीवारें नहीं, उनकी संस्कृति, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी है। श्रीमती प्रतिमा बाई सिदार भावुक होकर कहती हैं कि यह घर मेरे लिए वरदान से कम नहीं है, प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी को मेरा कोटि-कोटि नमन है, जिन्होंने मुझे सर पर छत और मन में गर्व दिया।
- 0- रायगढ़ जिले के घरघोड़ा के बरौनाकुंडा में 6 किसान 20 एकड़ में लगा रहे ऑयल पॉम0- प्रति एकड़ प्रतिवर्ष एक लाख रूपए तक होती है आमदनीरायपुर । केंद्र पोषित नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल पॉम योजना अंतर्गत रायगढ़ जिले में चल रही मेगा प्लांटेशन ड्राइव से किसानों को ऑयल पॉम की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। रायगढ़ में किसान इस योजना का लाभ ले रहे हैं। घरघोड़ा विकासखंड के बरौनाकुंडा में 6 किसानों ने 20 एकड़ में ऑयल पॉम के पौधे लगा रहे हैं। जिनमें श्री सुरजित सिंह राठिया, पवन साय राठिया, सगुन साय राठिया, श्रीमती जेमाबाई राठिया, जैनकुंवर राठिया तथा मोचन साय राठिया शामिल हैं।उद्यानिकी विभाग के अधिकारी ने बताया कि ऑयल पॉम पौध रोपण के 03 से 04 वर्ष बाद फलन प्रारंभ होने पर प्रति एकड़ 60 हजार रूपये तथा पौधों के बढ़ते उम्र में अधिक उत्पादन से 1 लाख रूपये तक की आमदनी कृषकों को लगातार 25 से 30 वर्षों तक प्राप्त होगी। रायगढ़ जिले में ऑयल पॉम की खेती हेतु गोदरेज एग्रोवेट कंपनी से शासन का अनुबंध हुआ है। अनुबंध के तहत कंपनी द्वारा प्लांटिंग मटेरियल के रूप में प्रति एकड़ 57 ऑयल पॉम पौध (किस्म टेनेरा हाईब्रीड) कृषकों को पहुंचा कर प्रदाय किया जा रहा है। जो कि योजना अंतर्गत अनुदान स्वरूप निःशुल्क होगा। 05 एकड़ से अधिक निजी भूमि में ऑयल पॉम पौध रोपण करने वाले कृषकों को बोरवेल खनन हेतु 50 हजार रूपये तथा रोपित पौधों के रख रखाव हेतु 04 वर्षों तक प्रति वर्ष 5250 रूपये एवं 09 मीटर की दूरी पर रोपित पौधों के बीच रिक्त भूमि में अंतरासस्य खेती के लिए 04 वर्षों तक प्रति वर्ष 5250 रूपये अनुदान प्रदाय किये जाने का प्रावधान है। अनुबंधित कंपनी द्वारा ऑयल पॉम फल (फ्रेश फूट बंच) को कृषक के खेत से ही शासन के अनुमोदित दर पर क्रय किया जाएगा।किसान सगुन साय राठिया ने बताया कि उन्होंने पांच एकड़ में ऑयल पाम लगा रहे है। इसके लिए निःशुल्क पौधे प्रदान किए गए है। साथ ही उद्यानिकी विभाग से योजना के तहत पौधों की देखभाल के लिए मार्गदर्शन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑयल पाम पौधे एक अंतराल में लगाए जाते है। जिससे पौधों के बीच की जगह पर दूसरी फसल लगायी जा सकती है। उनकी योजना मूंगफली लगाने की है। इसी प्रकार गांव के किसान पवन साय राठिया ने बताया कि 6 एकड़ में आयल पाम के 300 से अधिक पौधे लगा रहे है। उन्होंने कहा कि यह एक लम्बे समय तक आमदनी देने वाली प्रजाति है। ऑयल पाम की बीच दूसरी फसल लगाने से किसानों को दोहरा लाभ होता है। शासन की योजना से पौधे निःशुल्क मिले तथा अनुबंधित कंपनी द्वारा खेत से ही उपज खरीद ली जाएगी। यह किसानों के लिए बड़ी राहत की बात है।
- रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना का फायदा उठाकर अपने जीवन में साकारात्मक बदलाव ला रही है। इस कड़ी में जशपुर जिले की ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता की मिसाल गढ़ रही हैं। कांसाबेल विकासखंड के ग्राम सेम्हर कछार की हरियाली स्वसहायता समूह की 11 महिलाओं ने छिंद कासा से आकर्षक टोकरी और अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प उत्पाद तैयार कर अपनी आजीविका को मजबूत किया है।समूह की सदस्य श्रीमती बालमुनि भगत ने बताया कि बिहान योजना से जुड़ने के बाद उन्हें स्वरोजगार का अवसर मिला। पहले महिलाएं केवल घरेलू कामकाज तक सीमित थीं, लेकिन अब वे सालाना लगभग 60 से 70 हजार रुपये तक की कमाई कर रही हैं। यह कार्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ आत्मविश्वास भी दे रहा है।महिलाओं ने बताया कि बिहान योजना ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है। समूह के माध्यम से प्रशिक्षण, सहयोग और विपणन सुविधा मिलने से उनका उत्पाद अब स्थानीय हाट-बाजार और मेलों में लोकप्रिय हो चुका है। महिलाएं कहती हैं कि अब वे सिर्फ घर तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि अपनी पहचान खुद बना रही हैं। समूह की दीदियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं से हम सशक्त और आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
- 0- रियायती दरों पर समय पर मिला खाद-बीज, किसानों को मिल रही राहतरायपुर। मेघों की गूंज के संग गूँज उठे खेतों के गीत, हर बूँद में छुपा था परिश्रम का संगीत, इधर बारिश ने राह दिखाई, उधर सरकार ने राहत पहुँचाई। कोरबा जिले के करतला विकासखंड के ग्राम चोरभट्टी के मेहनती किसान श्री राजकुमार ने खरीफ फसल की शुरुआत आत्मविश्वास और उत्साह के साथ की है। यह संभव हो पाया है सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही रियायती दरों पर खाद और बीज की समय पर आपूर्ति के कारण।राज्य शासन द्वारा किसानों को रियायती दरों पर खाद-बीज की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने की पहल अब जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिणाम देने लगी है। राजकुमार ने हाल ही में सहकारी समिति करतला से चार बोरी यूरिया, डीएपी एवं उन्नत किस्म के बीज समय पर प्राप्त किए। वे बताते हैं कि शासन द्वारा दी जा रही इस सुविधा ने उनकी खेती को संबल प्रदान किया है। अब उन्हें खाद-बीज के लिए बाजार की दौड़ नहीं लगानी पड़ती और महंगे दामों से भी राहत मिली है। समय पर खाद और बीज मिल जाने से हमें खेती की शुरुआत में कोई दिक्कत नहीं हुई। बाहर महंगे दामों पर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी। इससे न केवल समय की बचत हुई, बल्कि पैसे भी बचे।राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप कोरबा जिले की सभी प्राथमिक सहकारी समितियों में खरीफ सीजन के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद और बीज का भंडारण सुनिश्चित किया गया है। सहकारी समिति करतला भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभा रही है। समिति द्वारा किसानों की जरूरतों को देखते हुए उर्वरकों और बीजों का सुचारु वितरण किया जा रहा है। राजकुमार जैसे किसान अब योजना का लाभ उठाकर अपने खेतों की तैयारी समय से कर पा रहे हैं। शासन की इस पहल से खेती की लागत घट रही है और उत्पादन बढ़ने की संभावना भी बन रही है।जिला प्रशासन कोरबा द्वारा सभी समितियों को निर्देशित किया गया है कि किसानों को कोई कठिनाई न हो और उन्हें पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज समय पर प्राप्त हो। इसकी नियमित मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गई है जिससे वितरण प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे। श्री राजकुमार कहते हैं, “पहले बाजार में भटकना पड़ता था, अब समिति में सब कुछ आसानी से मिल जाता है। सरकार की यह व्यवस्था हमें आत्मनिर्भर बना रही है। मैं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभारी हूं जो उन्होंने हमारी इतनी फिक्र की है।
- 0- आत्मसमर्पण से आत्मनिर्भरता तक का सफर0- नक्सली जीवन छोड़ कौशल विकास योजना से बदली जिंदगी, लोगों के लिए बना मिसालरायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और पुनर्वास को लेकर लागू माओवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 अब कई जिंदगियों में नई उम्मीद जगा रही है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के सोनपुर गांव निवासी अन्नुलाल भंडारी इसका प्रेरक उदाहरण है। कभी बंदूक उठाने को मजबूर हुए अन्नुलाल ने माओवादी संगठन में करीब 20 वर्षों तक सक्रिय रहते हुए कई जिम्मेदारियां निभाईं। वर्ष 1998 में संगठन से जुड़े अन्नुलाल ने गुरिल्ला युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त कर संगठन के प्रचार-प्रसार, सुरक्षा और रसद जैसे कार्यों को अंजाम दिया। लेकिन डर और हिंसा के उस जीवन से निकलकर वर्ष 2017 में उन्होंने आत्मसमर्पण कर सरकार की पुनर्वास नीति को अपनाया और मुख्यधारा में लौट आए।पुनर्वास के बाद अन्नुलाल ने अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती कर सम्मानजनक जीवन की नई शुरुआत की। इसके बाद मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना ने उनके जीवन में नई दिशा दी। इस योजना के तहत नारायणपुर के लाईवलीहुड कॉलेज में वे जल वितरक संचालक (प्लम्बर) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रशिक्षण के दौरान न सिर्फ तकनीकी विषयों का ज्ञान मिल रहा है, बल्कि उन्हें शासन की जनहितकारी योजनाओं जिसमें जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत और किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ भी मिल रहा है।अन्नुलाल प्रशिक्षण पूरा कर ग्राम पंचायत सोनपुर में जल वितरक के रूप में कार्य करेंगे, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति और मजबूत होगी। अन्नुलाल कहते हैं कि अब वे भयमुक्त होकर स्वतंत्रता पूर्वक समाज में जीवन जी पा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। सरकार की यह नीति यह साबित कर रही है कि हिंसा छोड़ने और विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का रास्ता हमेशा खुला है बस जरूरत है सही अवसर और हौसले की।
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दुर्ग / जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग से प्राप्त जानकारी अनुसार अगस्त 2025 तक रोजगार पंजीयन को आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया गया है। यह उन आवेदकों पर लागू होता है, जिन्होंने वर्ष 2024 से पूर्व रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया था। रोजगार पंजीयन कराने या अपने पुराने पंजीयन को आधार से लिंक कराने के लिए आवेदक www.erojgar.cg.gov.in वेबसाईट या प्ले स्टोर पर उपलब्ध CHHATTISGARH ROZGAR APP के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इच्छुक अभ्यर्थी जिला रोजगार कार्यालय, दुर्ग में समस्त शैक्षणिक दस्तावेजों एवं आधार कार्ड के साथ कार्यालयीन समय में स्वयं उपस्थित होकर रोजगार पंजीयन को आधार कार्ड से लिंक करा सकते हैं।
- बालोद ।उप संचालक कृषि विभाग ने बताया कि जिले के किसान धान बोवाई व रोपाई कार्य में लगे हुए है। जिसके अंतर्गत बोवाई लगभग 90 प्रतिशत तक पूर्ण हो चुका है। इस वर्ष धान कतार बोनी का रकबा पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा है। गुरूर विकासखण्ड के ग्राम अरमरीकला, सोरर, चिटीद, धनेली, सनीद, गुरूर, भोथली, सोहपुर एवं गुण्डरदेही विकासखण्ड के गुरेदा, नाहंदा, अर्जुन्दा, ओटेबंध, सिरसिदा, देवरी (क) व बालोद विकासखण्ड अंतर्गत पिपरछेड़ी. घारवाही, भंगारी, निपानी, तरीद, करहीभदर, सेमरकोना, मटिया (वी), साल्हेटोला सहित जिले में 986 हेक्टेयर में धान की कतार बोनी की गई है, जो कि एक अच्छी पहल है। कतार बोनी का प्रचलन पिछले कुछ साल से बढ़ी है। किसान पारंपरिक रूप से धान को छिड़क कर रोपा पद्धति से बोते है, जिससे बीज मात्रा ज्यादा, खरपतवार प्रबंधन में समस्या एवं लागत भी अधिक आती है। उन्होंने बताया कि धान की कतार बोनी में बीज एवं खाद की कम मात्रा लगती है एवं खाद का सही उपयोग हो जाता है। बीज एवं खाद 3 से.मी. के करीब होने पर बीज का अंकुरण अच्छा एवं पौधों में तेजी से विकास होता है। धान के जड़ों का अधिक गहराई पर होने से सुखा सहने की क्षमता बढ़ जाती है। धान की कतार बोनी से हवा एवं प्रकाश की समुचित आवागमन होने पर प्रकाश संश्लेषण की क्रिया अच्छी होती है एवं पौधा मजबूत होता है, जिससे अच्छी पैदावार होने की संभावना बढ़ जाती है। धान (कतार बोनी) फसल सामान्य फसल की अपेक्षा जल्दी परिपक्व व कटाई योग्य हो जाते है, जिससे रबी की फसल लेने में पर्याप्त समय मिल जाता है।धान सीधी बोवाई जिसे डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) भी कहा जाता है। धान की खेती करने का आधुनिक तरीका है, जिसमें नर्सरी तैयार करने और पौधे को रोपाई करने की पारंपरिक विधि के बजाय बीजों को सीधे खेत में बोया जाता है। यह एक कुशल, टिकाऊ और किफायती तरीका है, जो किसानों, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था के लिए कई लाभ प्रदान करता है। उन्हांेने बताया कि सीधे बीजाई पद्धिति से पानी की बचत, सीड ड्रील से बोवाई से श्रम की बचत, रोपाई की लागत बचत, पर्यावरण के अनुकुल मिथेन उत्सर्जन कम होता है। इसके साथ ही समय की फसल की अवधि कम होने से समय की बचत होती है।
- -निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के दिए निर्देशबालोद। संयुक्त जिला कार्यालय के जनदर्शन कक्ष में मंगलवार को आयोजित जनदर्शन मंे कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के निर्देशानुसार अपर कलेक्टर श्री अजय किशोर लकरा ने जिले के विभिन्न स्थानों से पहुँचे लोगों से मुलाकात कर उनके मांगों एवं समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को तलब कर जनदर्शन में पहुंचे लोगों के समस्याओं के निराकरण हेतु त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।जनदर्शन में आज शाला प्रबंधन समिति करहीभदर ने शाला परिसर में जल निकासी हेतु नाली निर्माण के संबंध मंे आवेदन प्रस्तुत किए। ग्राम खपरी निवासी श्रीमती खिलेश्वरी ने शौचालय निर्माण, ग्राम कसही निवासी हेमकुमारी ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से लाभान्वित करने के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किए। इसी तरह आतरगांव निवासी श्री पीताम्बर कुमार ने भूमि सीमांकन कराने तथा सांकरा निवासी श्रीमती मधुबती ने अभिलेख दुरस्ती के लिए आवेदन प्रस्तुत किए। इसी तरह मोखा के ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने की मांग की। ग्राम सिंघोला के सरपंच ने उप खाद्य वितरण केन्द्र खोलने की मांग की।
- ,- मुख्य नाले पर बने पाटों को तोड़कर निकास सुगम बनायारायपुर - नगर पालिक निगम रायपुर के आयुक्त श्री विश्वदीप के निर्देश पर नगर निगम जोन क्रमांक 8 की जोन कमिश्नर श्रीमती राजेश्वरी पटेल द्वारा जोन स्वास्थ्य अधिकारी श्री गोपीचंद देवांगन, स्वच्छता निरीक्षक श्री रितेश झा की उपस्थिति में चन्दनडीह मार्ग में वीर सावरकर नगर वार्ड क्रमांक 1 में श्री राम धर्मकांटा के सामने हाईवे मार्ग में वर्षा के पानी के जमाव के कारण जलभराव की समस्या आने से सम्बंधित प्राप्त जनशिकायत पर स्थल पर वस्तुस्थिति की जानकारी लेने प्रत्यक्ष अवलोकन किया.स्थल निरीक्षण के दौरान मानसून में हाइवे मार्ग पर उक्त क्षेत्र में श्रीराम धर्मकांटा के समीप अधिकतर समय जल भराव की समस्या बनी रहने की जानकारी मिली. निरीक्षण के दौरान जोन 8 जोन कमिश्नर ने जोन स्वास्थ्य अधिकारी और स्वच्छता निरीक्षक को जल की निकासी करवाने मुख्य नाले पर बने पाटों को तोड़कर नाले की सफाई करवाने के निर्देश दिए. मुख्य नाले पर बने पाटों को तोड़ते ही जल की सुगमता से निकासी हो गयी और जलभराव से सम्बंधित प्राप्त जनशिकायत का त्वरित निदान हो गया। इसके तत्काल पश्चात इस सम्बन्ध में नगर निगम आयुक्त के निर्देश पर नगर निगम जोन 8 जोन कमिश्नर ने नगर निगम जोन 8 की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सम्बंधित क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी को पत्र लिखकर हाइवे मार्ग में श्रीराम धर्मकांटा के समीप वार्ड क्रमांक 1 के क्षेत्र में मानसून में अधिकतर रहने वाली जलभराव की जनशिकायत को दूर करने समाधान हेतु शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने कहा है ।
- दुर्ग / जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र दुर्ग से प्राप्त जानकारी अनुसार अगस्त 2025 तक रोजगार पंजीयन को आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया गया है। यह उन आवेदकों पर लागू होता है, जिन्होंने वर्ष 2024 से पूर्व रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराया था। रोजगार पंजीयन कराने या अपने पुराने पंजीयन को आधार से लिंक कराने के लिए आवेदक www.erojgar.cg.gov.in वेबसाईट या प्ले स्टोर पर उपलब्ध CHHATTISGARH ROZGAR APP के माध्यम से ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इच्छुक अभ्यर्थी जिला रोजगार कार्यालय, दुर्ग में समस्त शैक्षणिक दस्तावेजों एवं आधार कार्ड के साथ कार्यालयीन समय में स्वयं उपस्थित होकर रोजगार पंजीयन को आधार कार्ड से लिंक करा सकते हैं।
- - बाढ़ प्रभावित गांवों में करें समुचित प्रबंध - कलेक्टर श्री सिंहदुर्ग, / संभाग आयुक्त श्री एस.एन. राठौर ने कहा है कि जिले के सभी नगरीय निकायों में बारिश से उत्पन्न जल भराव की स्थिति पर अधिकारी नजर रखें। आगामी दिनों में अत्यधिक वर्षा को ध्यान में रखते हुए राहत कैंप के लिए स्थान चयन कर लिया जाये। नगर निगम दुर्ग, भिलाई, भिलाई 03-चरोदा और रिसाली अंतर्गत बनाये गये अटल आवास, नये आवास में आवश्यक व्यवस्था कर लोगों को शिफ्ट कराये। संभागायुक्त श्री राठौर आज कलेक्टोरेट सभा कक्ष में जिला प्रमुख अधिकारियों की बैठक में उक्त निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वर्षा की पानी को संरक्षित रखने सभी शासकीय कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्राथमिकता के साथ बनायी जाये। जनहित के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य एजेंसी विभाग नये भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार अधिकारी बारिश के मौसम में विभागों को प्राप्त लक्ष्य के मुताबिक वृक्षारोपण भी करायें। उन्होंने वनमण्डलाधिकारी को जिले में वन की प्रतिशत बढ़ाने कारगर पहल कर जिले को वनाच्छादित बनाने के निर्देश दिये। सभी एसडीएम छोटे-बड़े झाड़ के जंगल क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण करायें। पीडब्ल्यूडी, पी.एम.जे.एस.वाय., सी.एम.जे.एस.वाय. सड़कों के किनारे वृहद पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाये। धान खरीदी एवं संग्रहण केन्द्रों के बाउण्ड्रियों में भी पौधरोपण किया जाये। संभागायुक्त श्री राठौर ने कहा कि नये कानून के तहत जेल परिसर, जिला अस्पताल, तहसील एवं एसडीएम ऑफिस में वीडियो कांफ्रेंसिंग व्यवस्था सुनिश्चित किया जाये। वर्षा जनित मौसमी बीमारी की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी प्रकार के आवश्यक दवाइयां की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाये। पी.एच.ई. विभाग द्वारा सभी हैण्डपम्पों का क्लोरीनेंशन किया जाये। शासकीय मद से निर्मित भवनों का सदुपयोग हो, निर्माण कार्य एजेंसी विभाग नये भवनों को संबंधित विभागों को हैंडओवर करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि शासकीय कार्यालयों में अनुशासन झलकना चाहिए।कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह ने कहा कि बारिश को ध्यान में रखते हुए अधिकारी विगत वर्ष के बाढ़ प्रभावित गांवों एवं नगरीय क्षेत्रों के निचली बस्तियों में बाढ़ से बचाव के पूरे उपाय सुनिश्चित करें। आकस्मिक उत्पन्न स्थिति की सूचना हेतु प्रमुख व्यक्तियों, पंचायत प्रतिनिधियों, हल्का पटवारियों की मोबाईल संपर्क नंबर की सूची तैयार कर लिया जाये। राहत कैंप के लिए स्कूल, पंचायत भवन, धर्मशाला चिन्हांकित कर लिया जाये। नदी के किनारे ईंट भट्ठों में काम करने वाले मजदूरों को खनिज विभाग के माध्यम से पूर्व में सूचित किया जाये। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा बांधों से छोड़े जाने वाली पानी की जानकारी के संबंध में जिला प्रशासन को अवगत करायी जाये। बाढ़ अथवा जल भराव से उत्पन्न स्थिति से निपटने नगर सेना के जवान मुस्तैद रहें। बैठक के दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने विभागीय समय-सीमा प्रकरणों के विभागवार गहन समीक्षा की। उन्होंने कहा कि निराकृत प्रकरणों को विलोपित करने अधिकारी फाइल प्रस्तुत करें। शासन के निर्देशानुसार कार्यालयों में लम्बे समय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध विभाग द्वारा कार्यवाही की जाये। स्कूली बच्चों के आधार अपडेशन हेतु स्कूलों में आधार शिविर लगायी जाये। कलेक्टर ने कहा कि जिले में लखपति दीदी अंतर्गत हितग्राहियों को विभागीय योजनाओं से जोड़ने कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन, श्रम एवं ग्रामोद्योग विभाग दिये गये लक्ष्य अनुसार प्रकरण स्वीकृत कर हितग्राहियों को लाभान्वित करायें। उन्होंने राशन कार्डों की ई.के.वाय.सी., सामाजिक सुरक्षा पेंशन और अधिकारी-कर्मचारियों की सेवानिवृत्त पश्चात लंबित पेंशन प्रकरणों की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने अवगत कराया कि शासन के मंशा अनुरूप जिले में ई-ऑफिस सिस्टम लागू किया जाना है। सभी विभागों के नोडल अधिकारी उन्हें उपलब्ध करायी गई मेल आईडी चेक कर लेवें। कार्यालयों में ई-ऑफिस सिस्टम के लिए नये कम्प्यूटर आदि विभागीय बजट से खरीदी की जाये। बजट के अभाव में जिला कार्यालय को अवगत करायी जाये ताकि प्रस्ताव शासन को प्रेरित किया जा सकें।बैठक में सहायक कलेक्टर श्री अभिजीत बबन पठारे, वनमण्डलाधिकारी श्री दीपेश कपिल, एडीएम श्री वीरेंद्र सिंह, जिला पंचायत के सीईओ श्री बी.के. दुबे, नगर निगम दुर्ग के आयुक्त श्री सुमीत अग्रवाल, नगर निगम भिलाई के आयुक्त श्री राजीव पांडेय, नगर निगम रिसाली की आयुक्त श्रीमती मोनिका वर्मा, नगर निगम भिलाई 03-चरोदा के आयुक्त श्री दशरथ राजपूत, संयुक्त कलेक्टर श्री हरवंश सिंह मिरी, श्रीमती सिल्ली थामस एवं श्रीमती लता उर्वशा, एसडीएम श्री लवकेश ध्रुव, श्री सोनल डेविड एवं श्री हितेश पिस्दा सहित समस्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
- दुर्ग, / जिला कार्यालय के सभा कक्ष में आज जिला स्तरीय वृक्षारोपण समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिले में ’’एक पेड़ मां के नाम 2.0’’ अभियान की गति में तेजी लाने पर जोर दिया गया। बैठक में एजेंडावार इको क्लब फॉर मिशन लाइफ का गठन एवं गठन संबंधी नोटिफिकेशन को शाला के सूचना पटल पर प्रदर्शित करते हुए पोर्टल पर अपलोड कराने, जिले के सभी स्कूलों को इको क्लब फॉर मिशन लाइफ पोर्टल में https://ecoclubs.education.gov.in लिंक के माध्यम से पंजीयन कराने, पोर्टल पर विद्यालय का पंजीयन पश्चात् फोटो अपलोड कराने तथा शाला परिसार में स्थान की कमी होने की स्थिति में समुदाय एवं पंचायत के साथ मिलकर सड़क के दोनों किनारों पर छायादार पौधे लगाने, पंचायत द्वारा इस अभियान के लिए तय की गयी भूमि, बाग-बगीचे, तालाब के किनारे, नगर वन क्षेत्र, स्मार्ट सिटी योजना, ग्रीनबेल्ट, जल संधारण हेतु निर्धारित क्षेत्र, अमृत सरोवर, नहर के किनारों पर वृक्षारोपण एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल, तीर्थ स्थल आदि में वृक्षारोपण पर चर्चा की गई।अभियान हेतु सभी विभागों से सामूहिक जिम्मेदारी के साथ आवश्यक सहयोग करने की अपेक्षा की गई है, ताकि यह अभियान जनआंदोलन का रूप ले सकें। विभागों से अपेक्षित सहयोग क्रमशः पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग - विद्यालयों के समीप खाली शासकीय भूमि का चिन्हांकन, ग्राम पंचायतों के माध्यम से गड्डा खुदाई, पौधे की सुरक्षा व देखरेख, श्रमदान, जन जागरूकता और ग्राम स्तरीय वृक्षारोपण कार्यक्रमों में सहयोग। लोक निर्माण विभाग- विद्यालय परिसरों की भूमि समतलीकरण हेतु तकनीक सहयोग, सड़क किनारे वृक्षारोपण की योजना बनाना, ट्री गार्ड लगाने व भूमि सुधार कार्य हेतु मशीनरी या संसाधनों की उपलब्धता। खनिज संसाधन विभाग - वृक्षारोपण हेतु पौधे, ट्री गार्ड, पानी की टंकिया, पाईप लाईन आदि के लिए आर्थिक सहायता, मिशन लाइफ पोर्टल पर पंजीकृत स्कूलों को अनुदान प्रदान करने में प्राथमिकता में शामिल करना। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग- नगर निकाय क्षेत्र के स्कूलों में वृक्षारोपण हेतु पौधे की उपलब्धता, सफाई, सिंचाई और पौधे के परिवहन में सहयोग। जल संसाधन विभाग- पौधों के लिए जल स्त्रोतों की उपलब्धता सुनश्चित करना, सिंचाई की व्यवस्था हेतु तकनीकी मार्गदर्शन, वाटर हार्वेस्टिंग हेतु सहयोग। आवास एवं पर्यावरण विभाग- स्थानीय जलवायु के अनुकूल पौधो की सूची प्रदान करना। वाणिज्य एवं उद्योग विभाग - औद्योगिक संस्थानों के माध्यम से वृक्षारोपण हेतु वित्तीय सामग्री प्रदान करने में सहयोग, उद्योगों को विद्यालयों के वृक्षारोपण कार्यक्रम से जोड़ना, पौधे गोद लेने की पहल को बढावा देना। संस्कृति विभाग - वृक्षारोपण से जुड़े गीत, नुक्कड़ नाटक, लोककला आदि से जनजागरूकता अभियान चलाना, विद्यालयों मे वृक्षों की महत्ता पर आधारित सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन। महिला एवं बाल विकास विभाग- महिला समूहों/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वृक्षारोपण में सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित करना, एक पेड़ मों के नाम वृक्षारोपण को मातृ शक्ति से जोड़ना, पोषण वाटिका की स्थापना एवं बच्चों को पौधे के संरक्षण हेतु प्रेरित करना है।बैठक में सहायक कलेक्टर श्री अभिजीत बबन पठारे, वनमण्डलाधिकारी श्री दीपेश कपिल, एडीएम श्री वीरेंद्र सिंह, जिला पंचायत के सीईओ श्री बी.के. दुबे, नगरीय निकाय, पी.डब्ल्यू.डी., खनिज, जल संसाधन, पर्यावरण, उद्योग, महिला एवं बाल विकास और शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
- रायपुर - रायपुर जिला कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह के आदेशानुसार नगर निगम रायपुर के आयुक्त श्री विश्वदीप, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह के निर्देशानुसार रायपुर नगर निगम के जोन क्रमांक 4 क्षेत्र अंतर्गत मंगलवार को मालवीय मार्ग में जयस्तम्भ चौक से सिटी कोतवाली चौक (महावीर चौक) तक मार्ग के दोनों ओर मुख्य बाजार क्षेत्र में लगभग 30 दुकानों के सामने सड़क पर कब्जा कर टेबल रखकर किये जा रहे व्यवसाय को लेकर कार्यवाही की और लगभग 30 टेबल को हटाकर सड़क यातायात की बाधा दूर करते हुए नागरिकों को बाजार मार्ग में सुगम यातायात उपलब्ध करवाया गया. वहीं मालवीय मार्ग में सड़क पर व्यवसाय हेतु लगाया गया एक अवैध ठेला भी हटा दिया गया और मुख्य सड़क मार्ग को कब्जामुक्त करवाते हुए टीम प्रहरी अभियान के अंतर्गत नागरिकों को सुव्यवस्थित यातायात दिलवाया गया.
- -शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंट कर दी शुभकामनाएंरायपुर। बालोद जिले की होनहार नेशनल फुटबॉल खिलाड़ी सुश्री किरण पिस्दा ने अपनी खेल प्रतिभा से न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। उनकी इस उपलब्धि पर जिला प्रशासन बालोद ने मंगलवार को संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में उनका गरिमामय सम्मान समारोह आयोजित कर उन्हें सम्मानित किया।भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने हाल ही में एएफसी एशियन कप के लिए क्वालिफाई किया है, जिसमें बालोद जिले की किरण पिस्दा का चयन होना पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है।जिला प्रशासन ने किरण को शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंट कर उन्हें बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री चंद्रकांत कौशिक, डिप्टी कलेक्टर श्रीमती प्राची ठाकुर सहित परिवार व जिले के लोगों ने किरण की इस सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।