रथयात्रा के अंतिम दिन नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान भक्ति गीतों के रंग में रंगा
रागमंजरी के भजन-भक्ति गीतों ने भावविभोर किया भक्तगणों को
टी सहदेव
भिलाई नगर। सेक्टर 06 स्थित जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में रथयात्रा उत्सव के अंतिम दिन नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान भक्तिमय गीत-संगीत के बीच संपन्न हुआ। किसी भी धार्मिक स्थल में रागमंजरी द्वारा पहली बार पेश भक्ति संध्या में इतनी शक्ति हमें देना दाता, श्री गणेशाय धीमहि, हे कृपा सागर, चदरिया झिनी रे झिनी, मैली चादर ओढ़के, सत्यम शिवम सुंदरम, मन तड़पत हरि दर्शन को आज, तोरा मन दर्पण कहलाए, ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन, श्याम तेरी बंसी, तोला गाड़ा गाड़ा जोहार दाई, राधिके तूने बांसुरी चुराई जैसे भक्ति गीतों के रंग में सभी श्रोता रंग गए। नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मुख्य मंदिर में वापसी का प्रतीक है।
रागमंजरी ने कराओके के माध्यम से भजन और भक्ति गीतों की ऐसी अमृत वर्षा की कि वहां पर मौजूद भक्तगण भावविभोर होकर झूमने लगे। हिंदी और छत्तीसगढ़ी में भक्ति गीतों से समां बांधने वाले गायकों में तपन कुमार नाथ, जीवनंदन वर्मा, सुरेश बारसागड़े, जगदीश बामनिया, प्रमोद ताम्रकार, ऋषभ साहू, तामेश्वर साहू, जाह्नवी दत्ता एवं रोशनी साहू शामिल हैं, जबकि कार्यक्रम का संचालन तिलक वर्मा ने किया। इस मौके पर मंदिर समिति के संरक्षक तुषारकांत महापात्रा, अध्यक्ष दिलीप महंती, महासचिव अरुण पंडा, समिति के सदस्य शरद विशाल, गजेंद्र पंडा, रविंद्र साहू, शशिभूषण महंती, संजय साहू, संन्यास साहू, सुभाष साहू, जितेंद्र भुइयां, दंडासी पटनायक, राजीव भुइयां, हरि राउत, प्रभात त्रिपाठी, संतोष महाराणा, प्रशांत सामल, नीलमणि नायक, रविंद्र मुनि, राजेंद्र पंडा, ललित पाणिग्रही, बलराम रथ, सिम्हाचल महंती तथा गौरी साहू समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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